< ज़बूर 100 >
1 ऐ अहले ज़मीन, सब ख़ुदावन्द के सामने ख़ुशी का ना'रा मारो!
Un psaume d'action de grâce. Ô terre, poussez partout des cris de joie au Seigneur.
2 ख़ुशी से ख़ुदावन्द की इबादत करो! गाते हुए उसके सामने हाज़िर हों!
Servez le Seigneur dans la joie. Entrez en sa présence, pleins d'allégresse.
3 जान रखों ख़ुदावन्द ही ख़ुदा है! उसी ने हम को बनाया और हम उसी के है; हम उसके लोग और उसकी चरागाह की भेड़े हैं।
Sachez que le Seigneur, c'est Dieu même; c'est lui qui nous a faits, ce n'est pas nous; nous sommes son peuple et les brebis de son pâturage.
4 शुक्रगुज़ारी करते हुए उसके फाटकों में और हम्द करते हुए उसकी बारगाहों में दाख़िल हो; उसका शुक्र करो और उसके नाम को मुबारक कहो!
Pénétrez dans ses portes avec des actions de grâces; dans ses parvis avec des chants. Louez-le, célébrez son nom.
5 क्यूँकि ख़ुदावन्द भला है, उसकी शफ़क़त हमेशा की है, और उसकी वफ़ादारी नसल दर नसल रहती है।
Car le Seigneur est doux, sa miséricorde est éternelle, et sa vérité demeure de génération en génération.