< अम्सा 7 >

1 ऐ मेरे बेटे, मेरी बातों को मान, और मेरे फ़रमान को निगाह में रख।
בני שמר אמרי ומצותי תצפן אתך
2 मेरे फ़रमान को बजा ला और ज़िन्दा रह, और मेरी ता'लीम को अपनी आँख की पुतली जानः
שמר מצותי וחיה ותורתי כאישון עיניך
3 उनको अपनी उँगलियों पर बाँध ले, उनको अपने दिल की तख़्ती पर लिख ले।
קשרם על-אצבעתיך כתבם על-לוח לבך
4 हिकमत से कह, तू मेरी बहन है, और समझ को अपना रिश्तेदार क़रार दे;
אמר לחכמה אחתי את ומדע לבינה תקרא
5 ताकि वह तुझ को पराई 'औरत से बचाएँ, या'नी बेगाना 'औरत से जो चापलूसी की बातें करती है।
לשמרך מאשה זרה מנכריה אמריה החליקה
6 क्यूँकि मैंने अपने घर की खिड़की से, या'नी झरोके में से बाहर निगाह की,
כי בחלון ביתי-- בעד אשנבי נשקפתי
7 और मैंने एक बे'अक़्ल जवान को नादानों के बीच देखा, या'नी नौजवानों के बीच वह मुझे नज़रआया,
וארא בפתאים אבינה בבנים-- נער חסר-לב
8 कि उस 'औरत के घर के पास गली के मोड़ से जा रहा है, और उसने उसके घर का रास्ता लिया;
עבר בשוק אצל פנה ודרך ביתה יצעד
9 दिन छिपे शाम के वक़्त, रात के अंधेरे और तारीकी में।
בנשף-בערב יום באישון לילה ואפלה
10 और देखो, वहाँ उससे एक 'औरत आ मिली, जो दिल की चालाक और कस्बी का लिबास पहने थी।
והנה אשה לקראתו שית זונה ונצרת לב
11 वह गौग़ाई और ख़ुदसर है, उसके पाँव अपने घर में नहीं टिकते;
המיה היא וסררת בביתה לא-ישכנו רגליה
12 अभी वह गली में है, अभी बाज़ारों में, और हर मोड़ पर घात में बैठती है।
פעם בחוץ--פעם ברחבות ואצל כל-פנה תארב
13 इसलिए उसने उसको पकड़ कर चूमा, और बेहया मुँह से उससे कहने लगी,
והחזיקה בו ונשקה לו העזה פניה ותאמר לו
14 “सलामती की कु़र्बानी के ज़बीहे मुझ पर फ़र्ज़ थे, आज मैंने अपनी नज्रे़ अदा की हैं।
זבחי שלמים עלי היום שלמתי נדרי
15 इसीलिए मैं तेरी मुलाक़ात को निकली, कि किसी तरह तेरा दीदार हासिल करूँ, इसलिए तू मुझे मिल गया।
על-כן יצאתי לקראתך לשחר פניך ואמצאך
16 मैंने अपने पलंग पर कामदार गालीचे, और मिस्र के सूत के धारीदार कपड़े बिछाए हैं।
מרבדים רבדתי ערשי חטבות אטון מצרים
17 मैंने अपने बिस्तर को मुर और ऊद, और दारचीनी से मु'अत्तर किया है।
נפתי משכבי-- מר אהלים וקנמון
18 आ हम सुबह तक दिल भर कर इश्क़ बाज़ी करें और मुहब्बत की बातों से दिल बहलाएँ
לכה נרוה דדים עד-הבקר נתעלסה באהבים
19 क्यूँकि मेरा शौहर घर में नहीं, उसने दूर का सफ़र किया है।
כי אין האיש בביתו הלך בדרך מרחוק
20 वह अपने साथ रुपये की थैली ले गया; और पूरे चाँद के वक़्त घर आएगा।”
צרור-הכסף לקח בידו ליום הכסא יבא ביתו
21 उसने मीठी मीठी बातों से उसको फुसला लिया, और अपने लबों की चापलूसी से उसको बहका लिया।
הטתו ברב לקחה בחלק שפתיה תדיחנו
22 वह फ़ौरन उसके पीछे हो लिया, जैसे बैल ज़बह होने को जाता है; या बेड़ियों में बेवक़ूफ़ सज़ा पाने को।
הולך אחריה פתאם כשור אל-טבח יבא וכעכס אל-מוסר אויל
23 जैसे परिन्दा जाल की तरफ़ तेज़ जाता है, और नहीं जानता कि वह उसकी जान के लिए है, हत्ता कि तीर उसके जिगर के पार हो जाएगा।
עד יפלח חץ כבדו-- כמהר צפור אל-פח ולא-ידע כי-בנפשו הוא
24 इसलिए अब ऐ बेटो, मेरी सुनो, और मेरे मुँह की बातों पर तवज्जुह करो।
ועתה בנים שמעו-לי והקשיבו לאמרי-פי
25 तेरा दिल उसकी राहों की तरफ़ मायल न हो, तू उसके रास्तों में गुमराह न होना;
אל-ישט אל-דרכיה לבך אל-תתע בנתיבותיה
26 क्यूँकि उसने बहुतों को ज़ख़्मी करके गिरा दिया है, बल्कि उसके मक़्तूल बेशुमार हैं।
כי-רבים חללים הפילה ועצמים כל-הרגיה
27 उसका घर पाताल का रास्ता है, और मौत की कोठरियों को जाता है। (Sheol h7585)
דרכי שאול ביתה ירדות אל-חדרי-מות (Sheol h7585)

< अम्सा 7 >