< अम्सा 25 >
1 ये भी सुलेमान की अम्साल हैं; जिनकी शाह — ए — यहूदाह हिज़क़ियाह के लोगों ने नक़ल की थी:
THESE are also proverbs of Solomon, which the men of Hezekiah king of Judah copied out.
2 ख़ुदा का जलाल राज़दारी में है, लेकिन बादशाहों का जलाल मुआ'मिलात की तफ़्तीश में।
It is the glory of God to conceal a thing: but the honour of kings is to search out a matter.
3 आसमान की ऊँचाई और ज़मीन की गहराई, और बादशाहों के दिल की इन्तिहा नहीं मिलती।
The heaven for height, and the earth for depth, and the heart of kings is unsearchable.
4 चाँदी की मैल दूर करने से, सुनार के लिए बर्तन बन जाता है।
Take away the dross from the silver, and there shall come forth a vessel for the finer.
5 शरीरों को बादशाह के सामने से दूर करने से, उसका तख़्त सदाक़त पर क़ाईम हो जाएगा।
Take away the wicked from before the king, and his throne shall be established in righteousness.
6 बादशाह के सामने अपनी बड़ाई न करना, और बड़े आदमियों की जगह खड़ा न होना;
Put not forth thyself in the presence of the king, and stand not in the place of great men:
7 क्यूँकिये बेहतर है कि हाकिम के आमने — सामने जिसको तेरी आँखों ने देखा है, तुझ से कहा जाए, आगे बढ़ कर बैठ। न कि तू पीछे हटा दिया जाए।
For better it is that it be said unto thee, Come up hither; than that thou shouldest be put lower in the presence of the prince whom thine eyes have seen.
8 झगड़ा करने में जल्दी न कर, आख़िरकार जब तेरा पड़ोसी तुझको ज़लील करे, तब तू क्या करेगा?
Go not forth hastily to strive, lest thou know not what to do in the end thereof, when thy neighbour hath put thee to shame.
9 तू पड़ोसी के साथ अपने दा'वे का ज़िक्र कर, लेकिन किसी दूसरे का राज़ न खोल;
Debate thy cause with thy neighbour himself; and discover not a secret to another:
10 ऐसा न हो जो कोई उसे सुने तुझे रुस्वा करे, और तेरी बदनामी होती रहे।
Lest he that heareth it put thee to shame, and thine infamy turn not away.
11 बामौक़ा' बातें, रूपहली टोकरियों में सोने के सेब हैं।
A word fitly spoken is like apples of gold in pictures of silver.
12 'अक़्लमंद मलामत करने वाले की बात, सुनने वाले के कान में सोने की बाली और कुन्दन का ज़ेवर है।
As an earring of gold, and an ornament of fine gold, so is a wise reprover upon an obedient ear.
13 वफ़ादार क़ासिद अपने भेजने वालों के लिए, ऐसा है जैसे फ़सल काटने के दिनों में बर्फ़ की ठंडक, क्यूँकि वह अपने मालिकों की जान को ताज़ा दम करता है।
As the cold of snow in the time of harvest, so is a faithful messenger to them that send him: for he refresheth the soul of his masters.
14 जो किसी झूटी लियाक़त पर फ़ख़्र करता है, वह बेबारिश बादल और हवा की तरह है।
Whoso boasteth himself of a false gift is like clouds and wind without rain.
15 तहम्मुल करने से हाकिम राज़ी हो जाता है, और नर्म ज़बान हड्डी को भी तोड़ डालती है।
By long forbearing is a prince persuaded, and a soft tongue breaketh the bone.
16 क्या तूने शहद पाया? तू इतना खा जितना तेरे लिए काफ़ी है। ऐसा न हो तू ज़्यादा खा जाए और उगल डाल्ले
Hast thou found honey? eat so much as is sufficient for thee, lest thou be filled therewith, and vomit it.
17 अपने पड़ोसी के घर बार बार जाने से अपने पाँवों को रोक, ऐसा न हो कि वह दिक़ होकर तुझ से नफ़रत करे।
Withdraw thy foot from thy neighbour’s house; lest he be weary of thee, and so hate thee.
18 जो अपने पड़ोसी के खिलाफ़ झूटी गवाही देता है वह गुर्ज़ और तलवार और तेज़ तीर है।
A man that beareth false witness against his neighbour is a maul, and a sword, and a sharp arrow.
19 मुसीबत के वक़्त बेवफ़ा आदमी पर 'ऐतमाद, टूटा दाँत और उखड़ा पाँव है।
Confidence in an unfaithful man in time of trouble is like a broken tooth, and a foot out of joint.
20 जो किसी ग़मगीन के सामने गीत गाता है, वह गोया जाड़े में किसी के कपड़े उतारता और सज्जी पर सिरका डालता है।
As he that taketh away a garment in cold weather, and as vinegar upon nitre, so is he that singeth songs to an heavy heart.
21 अगर तेरा दुश्मन भूका हो तो उसे रोटी खिला, और अगर वह प्यासा हो तो उसे पानी पिला;
If thine enemy be hungry, give him bread to eat; and if he be thirsty, give him water to drink:
22 क्यूँकि तू उसके सिर पर अंगारों का ढेर लगाएगा, और ख़ुदावन्द तुझ को बदला देगा।
For thou shalt heap coals of fire upon his head, and the Lord shall reward thee.
23 उत्तरी हवा मेह को लाती है, और ग़ैबत गो ज़बान तुर्शरूई को।
The north wind driveth away rain: so doth an angry countenance a backbiting tongue.
24 घर की छत पर एक कोने में रहना, झगड़ालू बीवी के साथ कुशादा मकान में रहने से बेहतर है।
It is better to dwell in the corner of the housetop, than with a brawling woman and in a wide house.
25 वह ख़ुशख़बरी जो दूर के मुल्क से आए, ऐसी है जैसे थके मांदे की जान के लिए ठंडा पानी।
As cold waters to a thirsty soul, so is good news from a far country.
26 सादिक़ का शरीर के आगे गिरना, गोया गन्दा नाला और नापाक सोता है।
A righteous man falling down before the wicked is as a troubled fountain, and a corrupt spring.
27 बहुत शहद खाना अच्छा नहीं, और अपनी बुज़ुर्गी का तालिब होना ज़ेबा नहीं है।
It is not good to eat much honey: so for men to search their own glory is not glory.
28 जो अपने नफ़्स पर ज़ाबित नहीं, वह बेफ़सील और मिस्मारशुदा शहर की तरह है।
He that hath no rule over his own spirit is like a city that is broken down, and without walls.