< अम्सा 24 >

1 तू शरीरों पर रश्क न करना, और उनकी सुहबत की ख़्वाहिश न रखना;
Be not thou enuious against euill men, neither desire to be with them.
2 क्यूँकि उनके दिल जुल्म की फ़िक्र करते हैं, और उनके लब शरारत का ज़िक्र।
For their heart imagineth destruction, and their lippes speake mischiefe.
3 हिकमत से घर ता'मीर किया जाता है, और समझ से उसको क़याम होता है।
Through wisdome is an house builded, and with vnderstanding it is established.
4 और 'इल्म के वसीले से कोठरियाँ, नफ़ीस — ओ — लतीफ़ माल से मा'मूर की जाती हैं।
And by knowledge shall the chambers bee filled with all precious, and pleasant riches.
5 'अक़्लमंद आदमी ताक़तवर है, बल्कि साहिब — ए — 'इल्म का ताक़त बढ़ती रहती है।
A wise man is strong: for a man of vnderstanding encreaseth his strength.
6 क्यूँकि तू नेक सलाह लेकर जंग कर सकता है, और सलाहकारों की कसरत में सलामती है।
For with counsel thou shalt enterprise thy warre, and in the multitude of them that can giue counsell, is health.
7 हिकमत बेवक़ूफ़ के लिए बहुत बलन्द है; वह फाटक पर मुँह नहीं खोल सकता।
Wisdome is hie to a foole: therefore he can not open his mouth in the gate.
8 जो बदी के मन्सूबे बाँधता है, फ़ितनाअंगेज़ कहलाएगा।
Hee that imagineth to doe euill, men shall call him an autour of wickednes.
9 बेवक़ूफ़ी का मन्सूबा भी गुनाह है, और ठठ्ठा करने वाले से लोगों को नफ़रत है।
The wicked thought of a foole is sinne, and the scorner is an abomination vnto men.
10 अगर तू मुसीबत के दिन बेदिल हो जाए, तो तेरी ताक़त बहुत कम है।
If thou bee faint in the day of aduersitie, thy strength is small.
11 जो क़त्ल के लिए घसीटे जाते हैं, उनको छुड़ा; जो मारे जाने को हैं उनको हवाले न कर।
Deliuer them that are drawen to death: wilt thou not preserue them that are led to be slaine?
12 अगर तू कहे, देखो, हम को यह मा'लूम न था, तो क्या दिलों को जाँचने वाला यह नहीं समझता? और क्या तेरी जान का निगहबान यह नहीं जानता? और क्या वह हर शख़्स को उसके काम के मुताबिक़ बदला न देगा?
If thou say, Beholde, we knew not of it: he that pondereth the heartes, doeth not hee vnderstand it? and hee that keepeth thy soule, knoweth he it not? will not he also recompense euery man according to his workes?
13 ऐ मेरे बेटे, तू शहद खा, क्यूँकि वह अच्छा है, और शहद का छत्ता भी क्यूँकि वह तुझे मीठा लगता है।
My sonne, eate hony, for it is good, and the hony combe, for it is sweete vnto thy mouth.
14 हिकमत भी तेरी जान के लिए ऐसी ही होगी; अगर वह तुझे मिल जाए तो तेरे लिए बदला होगा, और तेरी उम्मीद नहीं टूटेगी।
So shall the knowledge of wisdome be vnto thy soule, if thou finde it, and there shall be an ende, and thine hope shall not be cut off.
15 ऐ शरीर, तू सादिक़ के घर की घात में न बैठना, उसकी आरामगाह को ग़ारत न करना;
Laye no waite, O wicked man, against the house of the righteous, and spoyle not his resting place.
16 क्यूँकि सादिक़ सात बार गिरता है और फिर उठ खड़ा होता है; लेकिन शरीर बला में गिर कर पड़ा ही रहता है।
For a iust man falleth seuen times, and riseth againe: but the wicked fall into mischiefe.
17 जब तेरा दुश्मन गिर पड़े तो ख़ुशी न करना, और जब वह पछाड़ खाए तो दिलशाद न होना।
Bee thou not glad when thine enemie falleth, and let not thine heart reioyce when hee stumbleth,
18 ऐसा न हो ख़ुदावन्द इसे देखकर नाराज़ हो, और अपना क़हर उस पर से उठा ले।
Least the Lord see it, and it displease him, and he turne his wrath from him.
19 तू बदकिरदारों की वजह से बेज़ार न हो, और शरीरों पे रश्क न कर;
Fret not thy selfe because of the malicious, neither be enuious at the wicked.
20 क्यूँकि बदकिरदार के लिए कुछ बदला नहीं। शरीरों का चिराग़ बुझा दिया जाएगा।
For there shall bee none ende of plagues to the euill man: the light of the wicked shall bee put out.
21 ऐ मेरे बेटे, ख़ुदावन्द से और बादशाह से डर; और मुफ़सिदों के साथ सुहबत न रख;
My sonne feare the Lord, and the King, and meddle not with them that are sedicious.
22 क्यूँकि उन पर अचानक आफ़त आएगी, और उन दोनों की तरफ़ से आने वाली हलाकत को कौन जानता है?
For their destruction shall rise suddenly, and who knoweth the ruine of them both?
23 ये भी 'अक़्लमंदों की बातें हैं: 'अदालत में तरफ़दारी करना अच्छा नहीं।
ALSO THESE THINGS PERTEINE TO THE WISE, It is not good to haue respect of any person in iudgement.
24 जो शरीर से कहता है तू सादिक़ है, लोग उस पर ला'नत करेंगे और उम्मतें उस से नफ़रत रख्खेंगी;
He that saith to the wicked, Thou art righteous, him shall the people curse, and the multitude shall abhorre him.
25 लेकिन जो उसको डाँटते हैं ख़ुश होंगे, और उनकी बड़ी बरकत मिलेगी।
But to them that rebuke him, shall be pleasure, and vpon them shall come the blessing of goodnesse.
26 जो हक़ बात कहता है, लबों पर बोसा देता है।
They shall kisse the lippes of him that answereth vpright wordes.
27 अपना काम बाहर तैयार कर, उसे अपने लिए खेत में दुरूस्त कर ले; और उसके बाद अपना घर बना।
Prepare thy worke without, and make readie thy thinges in the fielde, and after, builde thine house.
28 बेवजह अपने पड़ोसी के ख़िलाफ़ गावाही न देना, और अपने लबों से धोखा न देना।
Be not a witnes against thy neighbour without cause: for wilt thou deceiue with thy lippes?
29 यूँ न कह, “मैं उससे वैसा ही करूंगा जैसा उसने मुझसे किया; मैं उस आदमी से उसके काम के मुताबिक़ सुलूक करूँगा।”
Say not, I wil doe to him, as he hath done to mee, I will recompence euery man according to his worke.
30 मैं काहिल के खेत के और बे'अक़्ल के ताकिस्तान के पास से गुज़रा,
I passed by the fielde of the slouthfull, and by the vineyarde of the man destitute of vnderstanding.
31 और देखो, वह सब का सब काँटों से भरा था, और बिच्छू बूटी से ढका था; और उसकी संगीन दीवार गिराई गई थी।
And lo, it was al growen ouer with thornes, and nettles had couered the face thereof, and the stone wall thereof was broken downe.
32 तब मैंने देखा और उस पर ख़ूब ग़ौर किया; हाँ, मैंने उस पर निगह की और 'इब्रत पाई।
Then I behelde, and I considered it well: I looked vpon it, and receiued instruction.
33 थोड़ी सी नींद, एक और झपकी, ज़रा पड़े रहने को हाथ पर हाथ,
Yet a litle sleepe, a litle slumber, a litle folding of the handes to sleepe.
34 इसी तरह तेरी मुफ़लिसी राहज़न की तरह, और तेरी तंगदस्ती हथियारबंद आदमी की तरह, आ पड़ेगी।
So thy pouertie commeth as one that traueileth by the way, and thy necessitie like an armed man.

< अम्सा 24 >