< अम्सा 22 >
1 नेक नाम बेक़यास ख़ज़ाने से और एहसान सोने चाँदी से बेहतर है।
Ein guter Name ist wertvoller als großer Reichtum, und Anmut ist besser als Silber und Gold.
2 अमीर — ओ — ग़रीब एक दूसरे से मिलते हैं; उन सबका ख़ालिक़ ख़ुदावन्द ही है।
Reiche und Arme begegnen einander; der HERR hat sie alle gemacht.
3 होशियार बला को देख कर छिप जाता है; लेकिन नादान बढ़े चले जाते और नुक़्सान उठाते हैं।
Der Kluge sieht das Unglück und verbirgt sich; aber die Einfältigen tappen hinein und müssen es büßen.
4 दौलत और 'इज़्ज़त — ओ — हयात, ख़ुदावन्द के ख़ौफ़ और फ़रोतनी का अज्र हैं।
Der Lohn der Demut und der Furcht des HERRN ist Reichtum, Ehre und Leben.
5 टेढ़े आदमी की राह में काँटे और फन्दे हैं; जो अपनी जान की निगहबानी करता है, उनसे दूर रहेगा।
Dornen und Schlingen sind auf dem Wege des Verkehrten; wer seine Seele bewahren will, bleibe fern davon!
6 लड़के की उस राह में तरबियत कर जिस पर उसे जाना है; वह बूढ़ा होकर भी उससे नहीं मुड़ेगा।
Gewöhnt man einen Knaben an den Weg, den er gehen soll, so läßt er nicht davon, wenn er alt wird!
7 मालदार ग़रीब पर हुक्मरान होता है, और क़र्ज़ लेने वाला कर्ज़ देने वाले का नौकर है।
Der Reiche herrscht über die Armen, und wer borgt, ist des Gläubigers Knecht.
8 जो बदी बोता है मुसीबत काटेगा, और उसके क़हर की लाठी टूट जाएगी।
Wer Unrecht sät, wird Unheil ernten, und die Rute seines Übermuts liegt bereit.
9 जो नेक नज़र है बरकत पाएगा, क्यूँकि वह अपनी रोटी में से ग़रीबों को देता है।
Gesegnet wird der Mitleidige; denn er gibt dem Armen von seinem Brot.
10 ठठ्ठा करने वाले को निकाल दे तो फ़साद जाता रहेगा; हाँ झगड़ा रगड़ा और रुस्वाई दूर हो जाएँगे।
Vertreibe den Spötter, so nimmt der Streit ein Ende, und das Zanken und Schmähen hört auf.
11 जो पाक दिली को चाहता है उसके होंटों में लुत्फ़ है, और बादशाह उसका दोस्तदार होगा।
Wer Herzensreinheit liebt und anmutige Lippen hat, dessen Freund ist der König.
12 ख़ुदावन्द की आँखें 'इल्म की हिफ़ाज़त करती हैं; वह दग़ाबाज़ों के कलाम को उलट देता है।
Die Augen des HERRN behüten die Erkenntnis, aber er verwirrt die Reden des Betrügers.
13 सुस्त आदमी कहता है बाहर शेर खड़ा है! मैं गलियों में फाड़ा जाऊँगा।
Der Faule spricht: «Es ist ein Löwe draußen; der könnte mich auf offener Straße zerreißen!»
14 बेगाना 'औरत का मुँह गहरा गढ़ा है; उसमें वह गिरता है जिससे ख़ुदावन्द को नफ़रत है।
Ein Hurenmaul ist eine tiefe Grube; wen der HERR strafen will, der fällt hinein.
15 हिमाक़त लड़के के दिल से वाबस्ता है, लेकिन तरबियत की छड़ी उसको उससे दूर कर देगी।
Torheit steckt dem Knaben im Herzen; aber die Rute der Zucht wird sie ihm austreiben.
16 जो अपने फ़ायदे के लिए ग़रीब पर ज़ुल्म करता है, और जो मालदार को देता है, यक़ीनन मोहताज हो जाएगा।
Wer einen Armen drückt, bereichert ihn; wer einem Reichen gibt, schadet ihm nur.
17 अपना कान झुका और 'अक़्लमंदों की बातें सुन, और मेरी ता'लीम पर दिल लगा;
Neige dein Ohr und höre die Worte der Weisen, und dein Herz merke auf meine Lehre!
18 क्यूँकि यह पसंदीदा है कि तू उनको अपने दिल में रख्खे, और वह तेरे लबों पर क़ाईम रहें;
Denn das ist lieblich, wenn du sie in deinem Innern bewahrst, wenn sie allzumal bereitstehen auf deinen Lippen.
19 ताकि तेरा भरोसा ख़ुदावन्द पर हो, मैंने आज के दिन तुझ को हाँ तुझ ही को जता दिया है।
Damit du dein Vertrauen auf den HERRN setzest, lehre ich dich heute, ja, dich!
20 क्या मैंने तेरे लिए मश्वरत और 'इल्म की लतीफ़ बातें इसलिए नहीं लिखी हैं, कि
Habe ich dir nicht Vortreffliches geschrieben mit Ratschlägen und Lehren,
21 सच्चाई की बातों की हक़ीक़त तुझ पर ज़ाहिर कर दूँ, ताकि तू सच्ची बातें हासिल करके अपने भेजने वालों के पास वापस जाए?
daß ich dir kundtäte die zuverlässigen Worte der Wahrheit, damit du wahrheitsgetreuen Bescheid gebest denen, die dich senden?
22 ग़रीब को इसलिए न लूट की वह ग़रीब है, और मुसीबत ज़दा पर 'अदालत गाह में ज़ुल्म न कर;
Beraube den Schwachen nicht, weil er schwach ist, und unterdrücke den Elenden nicht im Tor!
23 क्यूँकि ख़ुदावन्द उनकी वकालत करेगा, और उनके ग़ारतगरों की जान को ग़ारत करेगा।
Denn der HERR wird ihre Sache führen und wird denen, die sie berauben, das Leben rauben.
24 गु़स्से वर आदमी से दोस्ती न कर, और ग़ज़बनाक शख़्स के साथ न जा,
Geselle dich nicht zu einem Zornmütigen und begib dich zu keinem Hitzkopf,
25 ऐसा ना हो तू उसका चाल चलन सीखे, और अपनी जान को फंदे में फंसाए। —
damit du dir nicht seinen Wandel angewöhnest und er dir nicht zum Fallstrick deiner Seele werde.
26 तू उनमें शामिल न हो जो हाथ पर हाथ मारते हैं, और न उनमें जो क़र्ज़ के ज़ामिन होते हैं।
Sei nicht unter denen, welche in die Hand geloben, die sich für Schulden verbürgen;
27 क्यूँकि अगर तेरे पास अदा करने को कुछ न हो, तो वह तेरा बिस्तर तेरे नीचे से क्यूँ खींच ले जाए?
denn wenn du nicht bezahlen kannst, warum soll man dir dein Bett wegnehmen?
28 उन पुरानी हदों को न सरका, जो तेरे बाप — दादा ने बाँधी हैं।
Verrücke die ewige Grenze nicht, welche deine Väter gemacht haben.
29 तू किसी को उसके काम में मेहनती देखता है, वह बादशाहों के सामने खड़ा होगा; वह कम क़द्र लोगों की ख़िदमत न करेगा।
Siehst du jemand emsig in seinem Geschäft, der darf sich vor Könige stellen; er wird nicht bei unbedeutenden Leuten dienen.