< अम्सा 19 >

1 रास्तरौ ग़रीब, कजगो और बेवक़ूफ़ से बेहतर है।
טֽוֹב־רָשׁ הוֹלֵךְ בְּתֻמּוֹ מֵעִקֵּשׁ שְׂפָתָיו וְהוּא כְסִֽיל׃
2 ये भी अच्छा नहीं कि रूह 'इल्म से खाली रहे? जो चलने में जल्द बाज़ी करता है, भटक जाता है।
גַּם בְּלֹא־דַעַת נֶפֶשׁ לֹא־טוֹב וְאָץ בְּרַגְלַיִם חוֹטֵֽא׃
3 आदमी की बेवक़ूफ़ी उसे गुमराह करती है, और उसका दिल ख़ुदावन्द से बेज़ार होता है।
אִוֶּלֶת אָדָם תְּסַלֵּף דַּרְכּוֹ וְעַל־יְהֹוָה יִזְעַף לִבּֽוֹ׃
4 दौलत बहुत से दोस्त पैदा करती है, लेकिन ग़रीब अपने ही दोस्त से बेगाना है।
הוֹן יֹסִיף רֵעִים רַבִּים וְדָל מֵרֵעֵהוּ יִפָּרֵֽד׃
5 झूटा गवाह बे सज़ा न छूटेगा, और झूट बोलने वाला रिहाई न पाएगा।
עֵד שְׁקָרִים לֹא יִנָּקֶה וְיָפִיחַ כְּזָבִים לֹא יִמָּלֵֽט׃
6 बहुत से लोग सख़ी की ख़ुशामद करते हैं, और हर एक आदमी इना'म देने वाले का दोस्त है।
רַבִּים יְחַלּוּ פְנֵֽי־נָדִיב וְכׇל־הָרֵעַ לְאִישׁ מַתָּֽן׃
7 जब मिस्कीन के सब भाई ही उससे नफ़रत करते है, तो उसके दोस्त कितने ज़्यादा उससे दूर भागेंगे। वह बातों से उनका पीछा करता है, लेकिन उनको नहीं पाता।
כׇּל ־ אֲחֵי־רָשׁ ׀ שְֽׂנֵאֻהוּ אַף כִּי מְרֵעֵהוּ רָחֲקוּ מִמֶּנּוּ מְרַדֵּף אֲמָרִים (לא) [לוֹ־]הֵֽמָּה׃
8 जो हिकमत हासिल करता है अपनी जान को 'अज़ीज़ रखता है; जो समझ की मुहाफ़िज़त करता है फ़ाइदा उठाएगा।
קֹֽנֶה־לֵּב אֹהֵב נַפְשׁוֹ שֹׁמֵר תְּבוּנָה לִמְצֹא־טֽוֹב׃
9 झूटा गवाह बे सज़ा न छूटेगा, और जो झूठ बोलता है फ़ना होगा।
עֵד שְׁקָרִים לֹא יִנָּקֶה וְיָפִיחַ כְּזָבִים יֹאבֵֽד׃
10 जब बेवक़ूफ़ के लिए नाज़ — ओ — ने'मत ज़ेबा नहीं तो ख़ादिम का शहज़ादों पर हुक्मरान होनाऔर भी मुनासिब नहीं।
לֹא־נָאוֶה לִכְסִיל תַּעֲנוּג אַף כִּֽי־לְעֶבֶד ׀ מְשֹׁל בְּשָׂרִֽים׃
11 आदमी की तमीज़ उसको क़हर करने में धीमा बनाती है, और ख़ता से दरगुज़र करने में उसकी शान है।
שֵׂכֶל אָדָם הֶאֱרִיךְ אַפּוֹ וְתִפְאַרְתּוֹ עֲבֹר עַל־פָּֽשַׁע׃
12 बादशाह का ग़ज़ब शेर की गरज की तरह है, और उसकी नज़र — ए — 'इनायत घास पर शबनम की तरह।
נַהַם כַּכְּפִיר זַעַף מֶלֶךְ וּכְטַל עַל־עֵשֶׂב רְצוֹנֽוֹ׃
13 बेवक़ूफ़ बेटा अपने बाप के लिए बला है, और बीवी का झगड़ा रगड़ा सदा का टपका।
הַוֺּת לְאָבִיו בֵּן כְּסִיל וְדֶלֶף טֹרֵד מִדְיְנֵי אִשָּֽׁה׃
14 घर और माल तो बाप दादा से मीरास में मिलते हैं, लेकिन अक़्लमंद बीवी ख़ुदावन्द से मिलती है।
בַּיִת וָהוֹן נַחֲלַת אָבוֹת וּמֵיְהֹוָה אִשָּׁה מַשְׂכָּֽלֶת׃
15 काहिली नींद में गर्क़ कर देती है, और काहिल आदमी भूका रहेगा।
עַצְלָה תַּפִּיל תַּרְדֵּמָה וְנֶפֶשׁ רְמִיָּה תִרְעָֽב׃
16 जो फ़रमान बजा लाता है अपनी जान की मुहाफ़ज़त पर जो अपनी राहों से ग़ाफ़िल है, मरेगा।
שֹׁמֵר מִצְוָה שֹׁמֵר נַפְשׁוֹ בּוֹזֵה דְרָכָיו (יומת) [יָמֽוּת]׃
17 जो ग़रीबों पर रहम करता है, ख़ुदावन्द को क़र्ज़ देता है, और वह अपनी नेकी का बदला पाएगा।
מַלְוֵה יְהֹוָה חוֹנֵֽן דָּל וּגְמֻלוֹ יְשַׁלֶּם־לֽוֹ׃
18 जब तक उम्मीद है अपने बेटे की तादीब किए जा और उसकी बर्बादी पर दिल न लगा।
יַסֵּר בִּנְךָ כִּֽי־יֵשׁ תִּקְוָה וְאֶל־הֲמִיתוֹ אַל־תִּשָּׂא נַפְשֶֽׁךָ׃
19 ग़ुस्सावर आदमी सज़ा पाएगा; क्यूँकि अगर तू उसे रिहाई दे तो तुझे बार बार ऐसा ही करना होगा।
(גרל) [גְּֽדׇל־]חֵמָה נֹשֵׂא עֹנֶשׁ כִּי אִם־תַּצִּיל וְעוֹד תּוֹסִֽף׃
20 मश्वरत को सुन और तरबियत पज़ीर हो, ताकि तू आख़िर कार 'अक़्लमन्द हो जाए।
שְׁמַע עֵצָה וְקַבֵּל מוּסָר לְמַעַן תֶּחְכַּם בְּאַחֲרִיתֶֽךָ׃
21 आदमी के दिल में बहुत से मन्सूबे हैं, लेकिन सिर्फ़ ख़ुदावन्द का इरादा ही क़ाईम रहेगा।
רַבּוֹת מַחֲשָׁבוֹת בְּלֶב־אִישׁ וַעֲצַת יְהֹוָה הִיא תָקֽוּם׃
22 आदमी की मक़बूलियत उसके एहसान से है, और कंगाल झूठे आदमी से बेहतर है।
תַּאֲוַת אָדָם חַסְדּוֹ וְטֽוֹב־רָשׁ מֵאִישׁ כָּזָֽב׃
23 ख़ुदावन्द का ख़ौफ़ ज़िन्दगी बख़्श है, और ख़ुदा तरस सेर होगा, और बदी से महफ़ूज़ रहेगा।
יִרְאַת יְהֹוָה לְחַיִּים וְשָׂבֵעַ יָלִין בַּל־יִפָּקֶד רָֽע׃
24 सुस्त आदमी अपना हाथ थाली में डालता है, और इतना भी नहीं करता की फिर उसे अपने मुँह तक लाए।
טָמַן עָצֵל יָדוֹ בַּצַּלָּחַת גַּם־אֶל־פִּיהוּ לֹא יְשִׁיבֶֽנָּה׃
25 ठट्ठा करने वाले को मार, इससे सादा दिल होशियार हो जाएगा, और समझदार को तम्बीह कर, वह 'इल्म हासिल करेगा।
לֵץ תַּכֶּה וּפֶתִי יַעְרִם וְהוֹכִיחַ לְנָבוֹן יָבִין דָּֽעַת׃
26 जो अपने बाप से बदसुलूकी करता और माँ को निकाल देता है, शर्मिन्दगी का ज़रिया'और रुस्वाई लाने वाला बेटा है।
מְֽשַׁדֶּד־אָב יַבְרִיחַ אֵם בֵּן מֵבִישׁ וּמַחְפִּֽיר׃
27 ऐ मेरे बेटे, अगर तू 'इल्म से बरगश्ता होता है, तो ता'लीम सुनने से क्या फ़ायदा?
חֲֽדַל־בְּנִי לִשְׁמֹעַ מוּסָר לִשְׁגוֹת מֵאִמְרֵי־דָֽעַת׃
28 ख़बीस गवाह 'अद्ल पर हँसता है, और शरीर का मुँह बदी निगलता रहता है।
עֵד בְּלִיַּעַל יָלִיץ מִשְׁפָּט וּפִי רְשָׁעִים יְבַלַּע־אָֽוֶן׃
29 ठठ्ठा करने वालों के लिए सज़ाएँ ठहराई जाती हैं, और बेवक़ूफ़ों की पीठ के लिए कोड़े हैं।
נָכוֹנוּ לַלֵּצִים שְׁפָטִים וּמַהֲלֻמוֹת לְגֵו כְּסִילִֽים׃

< अम्सा 19 >