< फिलिप्पियों 3 >

1 ग़रज़ मेरे भाइयों! ख़ुदावन्द में ख़ुश रहो। तुम्हें एक ही बात बार — बार लिखने में मुझे तो कोई दिक़्क़त नहीं, और तुम्हारी इस में हिफ़ाज़त है।
ᎤᎵᏍᏆᎸᏗᏃ ᎨᏒ ᎢᏓᎵᏅᏟ, ᎢᏣᎵᎮᎵᎩ ᎤᎬᏫᏳᎯ ᎨᏒ ᎢᏳᏍᏗ. ᎯᎠ ᎾᏍᎩ ᏫᏨᏲᏪᎳᏁᏗᏱ, ᎤᏙᎯᏳᎯ ᎥᏝ ᏧᏯᏪᎢᏍᏗ ᏯᎩᏰᎸᎭ ᎠᏴ, ᏂᎯᏍᎩᏂ ᎤᎾᏰᎯᏍᏗ ᎨᏒ ᎢᏧᏓᎴᏍᎩ.
2 कुत्तों से ख़बरदार रहो, बदकारों से ख़बरदार रहो कटवाने वालों से ख़बरदार रहो।
ᏕᏤᏯᏙᏤᎮᏍᏗ ᎩᎵ, ᏕᏤᏯᏙᏤᎮᏍᏗ ᎤᏲ ᏧᏂᎸᏫᏍᏓᏁᎯ; ᏕᏤᏯᏙᏤᎮᏍᏗ ᏗᏂᎱᏍᏕᏍᎩ.
3 क्यूँकि मख़्तून तो हम हैं जो ख़ुदा की रूह की हिदायत से ख़ुदा की इबादत करते हैं, और मसीह पर फ़ख़्र करते हैं, और जिस्म का भरोसा नहीं करते।
ᎠᏴᏰᏃ ᏤᎩᎤᏍᏕᏎᎸᎯ, ᎤᏁᎳᏅᎯ ᎠᏓᏅᏙ ᎬᏗ ᎡᏓᏓᏙᎵᏍᏓᏁᎯ ᏥᎩ, ᎠᎴ ᎢᏓᎵᎮᎵᎩ ᎦᎶᏁᏛ ᏥᏌ ᎡᏓᎵᏍᎦᏍᏙᏛ ᎢᏳᏍᏗ, ᎠᎴ ᎤᏇᏓᎵ ᎨᏒ ᏂᎦᎵᏍᎦᏍᏙᏛᎾ ᏥᎩ.
4 अगर्चे मैं तो जिस्म का भी भरोसा कर सकता हूँ। अगर किसी और को जिस्म पर भरोसा करने का ख़याल हो, तो मैं उससे भी ज़्यादा कर सकता हूँ।
ᎾᏍᏉᏍᎩᏂᏃᏅ ᎠᏴ ᎠᎩᎭ ᎤᏇᏓᎵ ᎨᏒ ᎬᏆᎵᏍᎦᏍᏙᏙᏗ ᎨᏒᎢ. ᎢᏳᏃ ᎩᎶ ᏰᎵ ᏳᎭ ᏳᏰᎸ ᎤᏇᏓᎵ ᎨᏒ ᎬᏩᎵᏍᎦᏍᏙᏙᏗ ᎨᏒᎢ, ᎠᏴ ᎤᏟ ᎢᎦᎢ [ ᎠᎩᎭ; ]
5 आठवें दिन मेरा ख़तना हुआ, इस्राईल की क़ौम और बिनयामीन के क़बीले का हूँ, इबरानियो, का इब्रानी और शरी'अत के ऐ'तिबार से फ़रीसी हूँ
ᏧᏁᎵᏁ ᎢᎦ ᎥᎩᎱᏍᏕᏎᎸᎩ, ᎢᏏᎵ ᎤᎾᏓᏤᎵᏛ ᎨᏒ ᏅᏛᏆᏓᎴᏅᎯ, ᏇᏂ ᎠᏂᎳᏍᏓᎸ ᎨᎳ, ᏥᏈᎷ ᎠᏂᏈᎷ ᏅᏛᏆᏓᎴᏅᎯ; ᏗᎧᎿᎭᏩᏛᏍᏗᏃ ᏕᏥᎧᎿᎭᏩᏗᏒ ᏥᏆᎵᏏ;
6 जोश के एतबार से कलीसिया का, सतानेवाला, शरी'अत की रास्तबाज़ी के ऐतबार से बे 'ऐब था,
ᎤᎵᏂᎩᏛᏃ ᎠᏓᏅᏓᏗᏍᏗ ᎨᏒ ᎤᎬᏩᎵ, ᏕᏥᎩᎵᏲᎢᏍᏗᏍᎬᎩ ᏧᎾᏁᎶᏗ ᏚᎾᏓᏡᎬᎢ; ᏚᏳᎪᏛ ᎢᏯᏛᏁᏗ ᎨᏒ ᎤᎬᏩᎵ ᏗᎧᎿᎭᏩᏛᏍᏗ ᏕᏥᎧᎿᎭᏩᏗᏒᎢ, ᎦᏴᎩᎳᏫᏎᏗ ᏂᎨᏒᎾ ᎨᏒᎩ.
7 लेकिन जितनी चीज़ें मेरे नफ़े' की थी उन्हीं को मैंने मसीह की ख़ातिर नुक़्सान समझ लिया है।
ᎠᏎᏃ ᏂᎦᎥ ᎾᏍᎩ ᎬᏆᎵᏍᏕᎸᏙᏗ ᎠᎩᏰᎸᏅᎢ, ᎾᏍᎩ ᎡᏍᎦᏉ ᎢᏯᏋᏁᎯ ᎠᎩᏰᎸᎭ ᎦᎶᏁᏛ ᏅᏓᎦᎵᏍᏙᏓ.
8 बल्कि मैंने अपने ख़ुदावन्द मसीह 'ईसा की पहचान की बड़ी ख़ूबी की वजह से सब चीज़ों का नुक़्सान उठाया और उनको कूड़ा समझता हूँ ताकि मसीह को हासिल करूँ
ᎥᎥ, ᎤᏙᎯᏳᎯ, ᎠᎴ ᏂᎦᎥᏉ ᎪᎱᏍᏗ ᎡᏍᎦ ᎢᏯᏋᏁᎯ ᎠᎩᏰᎸᎭ ᏅᏗᎦᎵᏍᏙᏗᎭ ᎤᏓᎪᎾᏛᏔᏅᎯ ᎨᏒ ᏥᎦᏙᎥᎯᏍᏗ ᎨᏒ ᎦᎶᏁᏛ ᏥᏌ ᎠᏆᏤᎵ ᎤᎬᏫᏳᎯ; ᎾᏍᎩ ᏥᏅᏗᎦᎵᏍᏙᏗᎭ ᏂᎦᏗᏳ ᏧᏓᎴᏅᏛ ᎠᎩᏲᎱᏎᎸᎯ ᏥᎩ, ᎠᎴ ᎤᏁᎢᎸᏗᏉ ᎠᎩᏰᎸᎭ ᎾᏍᎩ, ᎦᎶᏁᏛ ᎾᏍᎩ ᎠᏆᏤᎵ ᎢᏣᏴᏁᏗᏱ,
9 और उस में पाया जाऊँ, न अपनी उस रास्तबाज़ी के साथ जो शरी'अत की तरफ़ से है, बल्कि उस रास्तबाज़ी के साथ जो मसीह पर ईमान लाने की वजह से है और ख़ुदा की तरफ़ से ईमान पर मिलती है;
ᎠᎴ ᎾᏍᎩ ᏕᏥᏯᏁᎶᏛ ᎥᎩᏩᏛᏗᏱ, ᎠᏆᏚᏓᎴᏍᏙᏗ ᎠᏋᏒ ᎠᏆᏤᎵ ᎾᎩᎲᎾ ᎨᏒᎢ, ᎾᏍᎩ ᏗᎧᎿᎭᏩᏛᏍᏗ ᎬᏩᏓᏁᏗ ᏥᎩ, Ꮎ-ᏍᎩᏂ ᎦᎶᏁᏛ ᎪᎯᏳᏗ ᎨᏒ ᏨᏗᏓᎴᎲᏍᎦ, ᎾᏍᎩ ᎠᏚᏓᎴᏍᏙᏗ ᎨᏒ ᎤᏁᎳᏅᎯ ᏅᏓᏳᏓᎴᏅᎯ ᏥᎩ, ᎾᏍᎩ ᎪᎯᏳᏗ ᎨᏒ ᎬᏙᏗ ᏥᎩ.
10 और मैं उसको और उसके जी उठने की क़ुदरत को, और उसके साथ दुखों में शरीक होने को मा'लूम करूँ, और उसकी मौत से मुशाबहत पैदा करूँ
ᎾᏍᎩ ᏥᎦᏙᎥᎯᏍᏗᏱ, ᎠᎴ ᎤᎵᏂᎩᏗᏳ ᎨᏒ ᎾᏍᎩ ᎤᏲᎱᏒ ᏚᎴᎯᏌᏅᎢ, ᎠᎴ ᎠᏇᎳᏗᏍᏗᏍᎬ ᎾᏍᎩ ᎤᎩᎵᏲᏥᏙᎸᎢ, ᎠᎴ ᎤᏲᎱᏒ ᎾᏍᎩᏯ ᎠᎩᏲᎱᎯᏍᏗᏱ;
11 ताकि किसी तरह मुर्दों में से जी उठने के दर्जे तक पहुचूं।
ᎾᏍᎩ ᎪᎱᏍᏗ ᏅᏓᏳᎵᏱᎸᏍᏙᏗᏱ ᎠᏲᎱᏒ ᏗᎴᎯᏐᏗ ᎨᏒ ᏩᏆᎵᏰᎢᎶᎯᏍᏗᏱ.
12 अगर्चे ये नहीं कि मैं पा चुका या कामिल हो चुका हूँ, बल्कि उस चीज़ को पकड़ने को दौड़ा हुआ जाता हूँ जिसके लिए मसीह ईसा 'ने मुझे पकड़ा था।
ᎥᏝᏍᎩᏂᏃᏅ ᎦᏳᎳ ᏥᏓᎩᏂᏴᏐ ᎾᏍᎩᏯ ᏯᎩᏰᎸᎭ, ᎥᏝ ᎠᎴ ᎠᎩᏍᏆᏛᎯ ᎦᏳᎳ ᏯᎩᏰᎸᎭ; ᏥᏍᏓᏩᏕᎦᏍᎩᏂ, ᎢᏳ ᏰᎵ ᏱᎩ, ᎾᏍᎩ ᏗᎩᏂᏴᏗᏱ ᎾᏍᎩ ᎾᏍᏉ ᎤᎬᏩᎵ ᎦᎶᏁᏛ ᏥᏌ ᏥᏓᎩᏂᏴᎲᎩ.
13 ऐ भाइयों! मेरा ये गुमान नहीं कि पकड़ चुका हूँ; बल्कि सिर्फ़ ये करता हूँ कि जो चीज़ें पीछे रह गई उनको भूल कर, आगे की चीज़ों की तरफ़ बढ़ा हुआ।
ᎢᏓᎵᏅᏟ, ᎥᏝ ᎦᏳᎳ ᎠᎩᏂᏴᏛ ᏍᎩᏰᎸᎭ; ᏑᏓᎴᎩᏍᎩᏂ [ ᏂᎦᏛᏁᎰᎢ; ] ᎠᏋᎨᏫᏍᎪᎢ ᏧᏓᎴᏅᏛ ᎣᏂᏗᏢ ᏄᏍᏗᏕᎬᎢ, ᎢᎬᏱᏗᏢᏃ ᏧᏓᎴᏅᏛ ᏄᏍᏗᏕᎬ ᏫᏗᏥᏂᏱᏍᎪᎢ,
14 निशाने की तरफ़ दौड़ा हुआ जाता हूँ, ताकि उस इनाम को हासिल करूँ जिसके लिए ख़ुदा ने मुझे मसीह ईसा में ऊपर बुलाया है।
ᏗᎨᏛ ᎢᏗᏢ ᏕᎦᎵᏍᏆᎵᎭ ᎠᏌᏍᏛ ᏗᎩᏂᏴᏗᏱ ᎾᏍᎩ ᎤᏁᎳᏅᎯ ᎦᎸᎳᏗ ᏅᏓᏳᏓᎴᏅᎯ ᎠᏓᏯᏅᏙᏗ ᎨᏒ ᎦᎶᏁᏛ ᏥᏌ ᎠᎬᏗᏍᎬᎢ.
15 पस हम में से जितने कामिल हैं यही ख़याल रखें, और अगर किसी बात में तुम्हारा और तरह का ख़याल हो तो ख़ुदा उस बात को तुम पर भी ज़ाहिर कर देगा।
ᎾᏍᎩ ᎢᏳᏍᏗ, ᎠᏴ ᏂᏗᎥ ᎢᎩᏍᏆᏛᎯ ᎨᏒᎢ, ᎾᏍᎩ ᏄᏍᏕᏍᏗ ᎢᎦᏓᏅᏖᏍᏗ; ᎠᎴ ᎢᏳ ᎪᎱᏍᏗ ᎨᏒ ᏅᏩᏓᎴ ᏄᏍᏕᏍᏗ ᏙᏣᏓᏅᏖᏍᏗ, ᎤᏁᎳᏅᎯ ᎾᏍᎩ ᎯᎠ ᎾᏍᏉ ᎬᏂᎨᏒ ᏅᏓᏨᏁᎵ.
16 बहरहाल जहाँ तक हम पहूँचे हैं उसी के मुताबिक़ चलें।
ᎠᏗᎾ ᎾᎿᎭᎦᏳᎳ ᏫᎦᎵᏱᎶᎸᎢ, ᎤᏠᏱᏉ ᏗᎧᎿᎭᏩᏛᏍᏗ ᏕᎦᏁᎶᏗᏗᏎᏍᏗ, ᎤᏠᏱᏉ ᎢᏓᏓᏅᏖᏍᎨᏍᏗ.
17 ऐ भाइयों! तुम सब मिलकर मेरी तरह बनो, और उन लोगों की पहचान रखो जो इस तरह चलते हैं जिसका नमूना तुम हम में पाते हो;
ᎢᏓᎵᏅᏟ, ᎢᏣᏖᏆᎶᎯ ᏍᎩᏍᏓᏩᏕᎩ ᎨᏎᏍᏗ, ᎠᎴ ᏕᏣᎦᏌᏯᏍᏕᏍᏗ ᎾᏍᎩ ᎢᏯᎾᏛᏁᎯ ᎠᏁᏙᎲᎢ, ᎾᏍᎩ ᎠᏴ ᏍᎩᏯᏕᎶᏆᎡᎯ ᏥᏕᏍᎩᏯᎧᎭ.
18 क्यूँकि बहुत सारे ऐसे हैं जिसका ज़िक्र मैंने तुम से बराबर किया है, और अब भी रो रो कर कहता हूँ कि वो अपने चाल — चलन से मसीह की सलीब के दुश्मन हैं।
ᎤᏂᏣᏔᏰᏃ ᎠᏁᏙᎭ, ᎾᏍᎩ ᎤᏩᎫᏘᎶᏛ ᎦᏥᏁᎢᏍᏔᏅᎯ ᎢᏨᏃᏁᎸᎯ, ᎠᎴ ᎪᎯ ᎨᏒ ᎾᏍᏉ ᏗᎦᎦᏠᏱᎯ ᎢᏨᏃᏁᎭ, ᎾᏍᎩ ᎠᏂᏍᎦᎩ ᎨᏒ ᏧᏓᎿᎭᏩᏛ ᎦᎶᏁᏛ ᎤᏤᎵᎦ;
19 उनका अन्जाम हलाकत है, उनका ख़ुदा पेट है, वो अपनी शर्म की बातों पर फ़ख़्र करते हैं और दुनिया की चीज़ों के ख़याल में रहते हैं।
ᎾᏍᎩ ᎤᏂᏍᏆᏗᏍᏙᏗ ᎨᏒ ᎠᏓᏛᏗᏍᎩ ᏥᎩ, ᎤᎾᏁᎳᏅᎯ ᎤᏂᏍᏉᎵᏱᏉ ᏥᎩ, ᎠᎴ ᎤᎾᏕᎰᎯᏍᏗᏍᎩᏉ ᎠᎾᏢᏈᏍᏗᏍᎩ ᏥᎩ, ᎾᏍᎩ ᎡᎶᎯᏉ ᎡᎯ ᎤᎾᎦᏌᏯᏍᏗ ᏥᎩ.
20 मगर हमारा वतन असमान पर है हम एक मुन्जी यानी ख़ुदावन्द 'ईसा मसीह के वहाँ से आने के इन्तिज़ार में हैं।
ᎠᏴᏰᏃ ᎦᎸᎳᏗ ᎢᏕᎯ; ᎾᎿᎭᎾᏍᏉ ᏅᏓᏳᎶᎯᏍᏗᏱ ᏥᏗᎦᏖᏃᎭ ᎢᎩᏍᏕᎵᏍᎩ, ᎾᏍᎩ ᎤᎬᏫᏳᎯ ᏥᏌ ᎦᎶᏁᏛ;
21 वो अपनी उस ताक़त की तासीर के मुवाफ़िक़, जिससे सब चीज़ें अपने ताबे'कर सकता है, हमारी पस्त हाली के बदन की शक्ल बदल कर अपने जलाल के बदन की सूरत बनाएगा।
ᎾᏍᎩ ᏗᎩᏁᏟᏴᎡᏗ ᏥᎩ ᏂᏗᎦᎸᏉᏛᎾ ᏗᏗᏰᎸᎢ, ᎾᏍᎩᏯ ᎢᏧᏩᏁᏗᏱ ᎤᏩᏒ ᎦᎸᏉᏗᏳ ᎠᏰᎸ ᏄᏍᏛᎢ, ᎾᏍᎩᏯ ᎤᎵᏂᎬᎬ ᎬᏗᏍᎬ ᏂᎦᏗᏳ ᏧᏓᎴᏅᏛ ᎤᏩᏒ ᏗᎬᏩᏁᎶᏙᏗᏱ ᎢᏳᏩᏁᏗᏱ.

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