< गिन 8 >
1 और ख़ुदावन्द ने मूसा से कहा कि;
Und der HERR redete mit Mose und sprach:
2 “हारून से कह, जब तू चराग़ों को रोशन करे तो सातों चराग़ों की रोशनी शमा'दान के सामने हो।”
Rede mit Aaron und sprich zu ihm: Wenn du Lampen aufsetzt, sollst du sie also setzen, daß alle sieben vorwärts von dem Leuchter scheinen.
3 चुनाँचे हारून ने ऐसा ही किया, उसने चराग़ों को इस तरह जलाया कि शमा'दान के सामने रोशनी पड़े, जैसा ख़ुदावन्द ने मूसा को हुक्म दिया था।
Und Aaron tat also und setzte die Lampen auf, vorwärts von dem Leuchter zu scheinen, wie der HERR dem Mose geboten hatte.
4 और शमा'दान की बनावट ऐसी थी कि वह पाये से लेकर फूलों तक गढ़े हुए सोने का बना हुआ था। जो नमूना ख़ुदावन्द ने मूसा को दिखाया उसी के मुवाफ़िक उसने शमा'दान को बनाया।
Der Leuchter aber war getriebenes Gold, beide, sein Schaft und seine Blumen; nach dem Gesicht, das der HERR dem Mose gezeigt hatte, also machte er den Leuchter.
5 और ख़ुदावन्द ने मूसा से कहा कि
Und der HERR redete mit Mose und sprach:
6 “लावियों को बनी — इस्राईल से अलग करके उनको पाक कर।
Nimm die Leviten aus den Kindern Israel und reinige sie.
7 और उनको पाक करने के लिए उनके साथ यह करना, कि ख़ता का पानी लेकर उन पर छिड़कना; फिर वह अपने सारे जिस्म पर उस्तरा फिरवाएँ, और अपने कपड़े धोएँ, और अपने को साफ़ करें।
Also sollst du aber mit ihnen tun, daß du sie reinigst: du sollst Sündwasser auf sie sprengen, und sie sollen alle ihre Haare rein abscheren und ihre Kleider waschen, so sind sie rein.
8 तब वह एक बछड़ा और उसके साथ की नज़्र की क़ुर्बानी के लिए तेल मिला हुआ मैदा लें, और तू ख़ता की क़ुर्बानी के लिए एक दूसरा बछड़ा भी लेना।
Dann sollen sie nehmen einen jungen Farren und sein Speisopfer, Semmelmehl, mit Öl gemengt; und einen andern jungen Farren sollst du zum Sündopfer nehmen.
9 और तू लावियों को ख़ेमा — ए — इजितमा'अ के आगे हाज़िर करना और बनी — इस्राईल की सारी जमा'अत को जमा' करना।
Und sollst die Leviten vor die Hütte des Stifts bringen und die ganze Gemeinde der Kinder Israel versammeln
10 फिर लावियों को ख़ुदावन्द के आगे लाना, तब बनी — इस्राईल अपने — अपने हाथ लावियों पर रख्खें।
und die Leviten vor den HERRN bringen; und die Kinder Israel sollen ihre Hände auf die Leviten legen,
11 और हारून लावियों की बनी — इस्राईल की तरफ़ से हिलाने की क़ुर्बानी के लिए ख़ुदावन्द के सामने पेश करे, ताकि वह ख़ुदावन्द की ख़िदमत करने पर रहें।
und Aaron soll die Leviten vor dem HERRN weben als Webeopfer von den Kindern Israel, auf daß sie dienen mögen in dem Amt des HERRN.
12 फिर लावी अपने — अपने हाथ बछड़ों के सिरों पर रख्खें, और तू एक को ख़ता की क़ुर्बानी और दूसरे को सोख़्तनी क़ुर्बानी के लिए ख़ुदावन्द के सामने पेश करना, ताकि लावियों के वास्ते कफ़्फ़ारा दिया जाए।
Und die Leviten sollen ihre Hände aufs Haupt der Farren legen, und einer soll zum Sündopfer, der andere zum Brandopfer dem HERRN gemacht werden, die Leviten zu versöhnen.
13 फिर तू लावियों को हारून और उसके बेटों के आगे खड़ा करना और उनको हिलाने की क़ुर्बानी के लिए ख़ुदावन्द के सामने पेश करना।
Und sollst die Leviten vor Aaron und seine Söhne stellen und vor dem HERRN weben,
14 “यूँ तू लावियों को बनी — इस्राईल से अलग करना और लावी मेरे ही ठहरेंगे।
und sollst sie also aussondern von den Kindern Israel, daß sie mein seien.
15 इसके बाद लावी ख़ेमा — ए — इजितमा'अ की ख़िदमत के लिए अन्दर आया करें, इसलिए तू उनको पाक कर और हिलाने की क़ुर्बानी के लिए उनको पेश करना।
Darnach sollen sie hineingehen, daß sie dienen in der Hütte des Stifts. Also sollst du sie reinigen und weben;
16 इसलिए कि वह सब बनी — इस्राईल में से मुझे बिल्कुल दे दिए गए हैं, क्यूँकि मैंने इन ही को उन सभों के बदले जो इस्राईलियों में पहलौठी के बच्चे हैं, अपने लिए ले लिया है।
denn sie sind mein Geschenk von den Kindern Israel, und ich habe sie mir genommen für alles, was die Mutter bricht, nämlich für die Erstgeburt aller Kinder Israel.
17 इसलिए कि बनी — इस्राईल के सब पहलौठे, क्या इंसान क्या हैवान मेरे हैं, मैंने जिस दिन मुल्क — ए — मिस्र के पहलौठों को मारा उसी दिन उनको अपने लिए पाक किया।
Denn alle Erstgeburt unter den Kindern Israel ist mein, der Menschen und des Viehes, seit der Zeit ich alle Erstgeburt in Ägyptenland schlug und heiligte sie mir
18 और बनी — इस्राईल के सब पहलौठों के बदले मैंने लावियों को ले लिया है।
und nahm die Leviten an für alle Erstgeburt unter den Kindern Israel
19 और मैंने बनी — इस्राईल में से लावियों को लेकर उनको हारून और उसके बेटों को 'अता किया है, ताकि वह ख़ेमा — ए — इजितमा'अ में बनी — इस्राईल की जगह ख़िदमत करें और बनी — इस्राईल के लिए कफ़्फ़ारा दिया करें; ताकि जब बनी — इस्राईल हैकल के नज़दीक आएँ तो उनमें कोई वबा न फैले।”
und gab sie zum Geschenk Aaron und seinen Söhnen aus den Kindern Israel, daß sie dienen im Amt der Kinder Israel in der Hütte des Stifts, die Kinder Israel zu versöhnen, auf daß nicht unter den Kindern Israel sei eine Plage, so sie sich nahen wollten zum Heiligtum.
20 चुनाँचे मूसा और हारून और बनी — इस्राईल की सारी जमा'अत ने लावियों से ऐसा ही किया; जो कुछ ख़ुदावन्द ने लावियों के बारे में मूसा को हुक्म दिया था, वैसा ही बनी — इस्राईल ने उनके साथ किया।
Und Mose mit Aaron samt der ganzen Gemeinde der Kinder Israel taten mit den Leviten alles, wie der HERR dem Mose geboten hatte.
21 और लावियों ने अपने आप को गुनाह से पाक करके अपने कपड़े धोए, और हारून ने उनको हिलाने की क़ुर्बानी के लिए ख़ुदावन्द के सामने पेश करा, और हारून ने उनकी तरफ़ से कफ़्फ़ारा दिया ताकि वह पाक हो जाएँ।
Und die Leviten entsündigten sich und wuschen ihre Kleider, und Aaron webte sie vor dem HERRN und versöhnte sie, daß sie rein wurden.
22 इसके बाद लावी अपनी ख़िदमत बजा लाने को हारून और उसके बेटों के सामने ख़ेमा — ए — इजितमा'अ में जाने लगे। इसलिए जैसा ख़ुदावन्द ने लावियों के बारे में मूसा को हुक्म दिया था उन्होंने वैसा ही उनके साथ किया।
Darnach gingen sie hinein, daß sie ihr Amt täten in der Hütte des Stifts vor Aaron und seinen Söhnen. Wie der HERR dem Mose geboten hatte über die Leviten, also taten sie mit ihnen.
23 फिर ख़ुदावन्द ने मूसा से कहा,
Und der HERR redete mit Mose und sprach:
24 “लावियों के मुत'अल्लिक़ जो बात है वह यह है, कि पच्चीस बरस से लेकर उससे ऊपर — ऊपर की उम्र में वह ख़ेमा — ए — इजितमा'अ की ख़िदमत के काम के लिए अन्दर हाज़िर हुआ करें।
Das ist's, was den Leviten gebührt: von fünfundzwanzig Jahren und darüber taugen sie zum Amt und Dienst in der Hütte des Stifts;
25 और जब पचास बरस के हों तो फिर उस काम के लिए न आएँ और न ख़िदमत करें,
aber von dem fünfzigsten Jahr an sollen sie ledig sein vom Amt des Dienstes und sollen nicht mehr dienen,
26 बल्कि ख़ेमा — ए — इजितमा'अ में अपने भाइयों के साथ निगहबानी के काम में मशग़ूल हों, और कोई ख़िदमत न करें। लावियों को जो — जो काम सौंपे जाएँ उनके मुत'अल्लिक़ तू उनसे ऐसा ही करना।”
sondern ihren Brüdern helfen des Dienstes warten an der Hütte des Stifts; des Amts aber sollen sie nicht pflegen. Also sollst du mit den Leviten tun, daß ein jeglicher seines Dienstes warte.