< गिन 31 >

1 फिर ख़ुदावन्द ने मूसा से कहा,
וַיְדַבֵּר יְהֹוָה אֶל־מֹשֶׁה לֵּאמֹֽר׃
2 “मिदियानियों से बनी — इस्राईल का इन्तक़ाम ले; इसके बाद तू अपने लोगों में जा मिलेगा।”
נְקֹם נִקְמַת בְּנֵי יִשְׂרָאֵל מֵאֵת הַמִּדְיָנִים אַחַר תֵּאָסֵף אֶל־עַמֶּֽיךָ׃
3 तब मूसा ने लोगों से कहा, “अपने में से जंग के लिए आदमियों को हथियारबन्द करो, ताकि वह मिदियानियों पर हमला करें और मिदियानियों से ख़ुदावन्द का इन्तक़ाम लें।
וַיְדַבֵּר מֹשֶׁה אֶל־הָעָם לֵאמֹר הֵחָלְצוּ מֵאִתְּכֶם אֲנָשִׁים לַצָּבָא וְיִהְיוּ עַל־מִדְיָן לָתֵת נִקְמַת־יְהֹוָה בְּמִדְיָֽן׃
4 और इस्राईल के सब क़बीलों में से हर क़बीला एक हज़ार आदमी लेकर जंग के लिए भेजना।”
אֶלֶף לַמַּטֶּה אֶלֶף לַמַּטֶּה לְכֹל מַטּוֹת יִשְׂרָאֵל תִּשְׁלְחוּ לַצָּבָֽא׃
5 फिर हज़ारों हज़ार बनी — इस्राईल में से हर क़बीला एक हज़ार के हिसाब से बारह हज़ार हथियारबन्द आदमी जंग के लिए चुने गए।
וַיִּמָּֽסְרוּ מֵאַלְפֵי יִשְׂרָאֵל אֶלֶף לַמַּטֶּה שְׁנֵים־עָשָׂר אֶלֶף חֲלוּצֵי צָבָֽא׃
6 यूँ मूसा ने हर क़बीले से एक हज़ार आदमियों को जंग के लिए भेजा और इली'एलियाज़र काहिन के बेटे फ़ीन्हास को भी जंग पर रवाना किया, और हैकल के बर्तन और बलन्द आवाज़ के नरसिंगे उसके साथ कर दिए।
וַיִּשְׁלַח אֹתָם מֹשֶׁה אֶלֶף לַמַּטֶּה לַצָּבָא אֹתָם וְאֶת־פִּינְחָס בֶּן־אֶלְעָזָר הַכֹּהֵן לַצָּבָא וּכְלֵי הַקֹּדֶשׁ וַחֲצֹצְרוֹת הַתְּרוּעָה בְּיָדֽוֹ׃
7 और जैसा ख़ुदावन्द ने मूसा को हुक्म दिया था, उसके मुताबिक़ उन्होंने मिदियानियों से जंग की और सब मर्दों को क़त्ल किया।
וַֽיִּצְבְּאוּ עַל־מִדְיָן כַּאֲשֶׁר צִוָּה יְהֹוָה אֶת־מֹשֶׁה וַיַּֽהַרְגוּ כׇּל־זָכָֽר׃
8 और उन्होंने उन मक्तूलों के अलावा ईव्वी और रक़म और सूर और होर और रबा' को भी, जो मिदियान के पाँच बादशाह थे, जान से मारा और ब'ओर के बेटे बल'आम को भी तलवार से क़त्ल किया।
וְאֶת־מַלְכֵי מִדְיָן הָרְגוּ עַל־חַלְלֵיהֶם אֶת־אֱוִי וְאֶת־רֶקֶם וְאֶת־צוּר וְאֶת־חוּר וְאֶת־רֶבַע חֲמֵשֶׁת מַלְכֵי מִדְיָן וְאֵת בִּלְעָם בֶּן־בְּעוֹר הָרְגוּ בֶּחָֽרֶב׃
9 और बनी — इस्राईल ने मिदियान की 'औरतों और उनके बच्चों को ग़ुलाम किया, और उनके चौपाये और भेड़ बकरियाँ और माल — ओ — अस्बाब सब कुछ लूट लिया।
וַיִּשְׁבּוּ בְנֵי־יִשְׂרָאֵל אֶת־נְשֵׁי מִדְיָן וְאֶת־טַפָּם וְאֵת כׇּל־בְּהֶמְתָּם וְאֶת־כׇּל־מִקְנֵהֶם וְאֶת־כׇּל־חֵילָם בָּזָֽזוּ׃
10 और उनकी सुकुनतगाहों के सब शहरों को जिनमें वह रहते थे, और उनकी सब छावनियों को आग से फूँक दिया।
וְאֵת כׇּל־עָרֵיהֶם בְּמוֹשְׁבֹתָם וְאֵת כׇּל־טִֽירֹתָם שָׂרְפוּ בָּאֵֽשׁ׃
11 और उन्होंने सारा माल — ए — ग़नीमत और सब ग़ुलाम, क्या इंसान और क्या हैवान साथ लिए,
וַיִּקְחוּ אֶת־כׇּל־הַשָּׁלָל וְאֵת כׇּל־הַמַּלְקוֹחַ בָּאָדָם וּבַבְּהֵמָֽה׃
12 और उन ग़ुलामों और माल — ए — ग़नीमत को मूसा और इली'एलियाज़र काहिन और बनी इस्राईल की सारी जमा'अत के पास उस लश्करगाह में ले आए जो यरीहू के सामने यरदन के किनारे किनारे मोआब के मैदानों में थी।
וַיָּבִאוּ אֶל־מֹשֶׁה וְאֶל־אֶלְעָזָר הַכֹּהֵן וְאֶל־עֲדַת בְּנֵֽי־יִשְׂרָאֵל אֶת־הַשְּׁבִי וְאֶת־הַמַּלְקוֹחַ וְאֶת־הַשָּׁלָל אֶל־הַֽמַּחֲנֶה אֶל־עַֽרְבֹת מוֹאָב אֲשֶׁר עַל־יַרְדֵּן יְרֵחֽוֹ׃
13 तब मूसा और इली'एलियाज़र काहिन और जमा'अत के सब सरदार उनके इस्तक़बाल के लिए लश्करगाह के बाहर गए।
וַיֵּצְאוּ מֹשֶׁה וְאֶלְעָזָר הַכֹּהֵן וְכׇל־נְשִׂיאֵי הָעֵדָה לִקְרָאתָם אֶל־מִחוּץ לַֽמַּחֲנֶֽה׃
14 और मूसा उन फ़ौजी सरदारों पर जो हज़ारों और सैकड़ों के सरदार थे और जंग से लौटे थे झल्लाया,
וַיִּקְצֹף מֹשֶׁה עַל פְּקוּדֵי הֶחָיִל שָׂרֵי הָאֲלָפִים וְשָׂרֵי הַמֵּאוֹת הַבָּאִים מִצְּבָא הַמִּלְחָמָֽה׃
15 और उनसे कहने लगा, “क्या तुम ने सब 'औरतें जीती बचा रख्खी हैं?
וַיֹּאמֶר אֲלֵיהֶם מֹשֶׁה הַֽחִיִּיתֶם כׇּל־נְקֵבָֽה׃
16 देखो, इन ही ने बल'आम की सलाह से फ़गूर के मु'आमिले में बनी — इस्राईल से ख़ुदावन्द की हुक्म उदूली कराई, और यूँ ख़ुदावन्द की जमा'अत में वबा फैली।
הֵן הֵנָּה הָיוּ לִבְנֵי יִשְׂרָאֵל בִּדְבַר בִּלְעָם לִמְסׇר־מַעַל בַּיהֹוָה עַל־דְּבַר־פְּעוֹר וַתְּהִי הַמַּגֵּפָה בַּעֲדַת יְהֹוָֽה׃
17 इसलिए इन बच्चों में जितने लड़के हैं सब को मार डालो, और जितनी 'औरतें मर्द का मुँह देख चुकी हैं उनको क़त्ल कर डालो।
וְעַתָּה הִרְגוּ כׇל־זָכָר בַּטָּף וְכׇל־אִשָּׁה יֹדַעַת אִישׁ לְמִשְׁכַּב זָכָר הֲרֹֽגוּ׃
18 लेकिन उन लड़कियों को जो मर्द से वाक़िफ़ नहीं और अछूती हैं, अपने लिए ज़िन्दा रख्खो।
וְכֹל הַטַּף בַּנָּשִׁים אֲשֶׁר לֹא־יָדְעוּ מִשְׁכַּב זָכָר הַחֲיוּ לָכֶֽם׃
19 और तुम सात दिन तक लश्करगाह के बाहर ही ख़ेमे डाले पड़े रहो, और तुम में से जितनों ने किसी आदमी की जान से मारा हो और जितनों ने किसी मक़्तूल को छुआ हो, वह सब अपने आप को और अपने कैदियों को तीसरे दिन और सातवें दिन पाक करें।
וְאַתֶּם חֲנוּ מִחוּץ לַֽמַּחֲנֶה שִׁבְעַת יָמִים כֹּל הֹרֵג נֶפֶשׁ וְכֹל ׀ נֹגֵעַ בֶּֽחָלָל תִּֽתְחַטְּאוּ בַּיּוֹם הַשְּׁלִישִׁי וּבַיּוֹם הַשְּׁבִיעִי אַתֶּם וּשְׁבִיכֶֽם׃
20 तुम अपने सब कपड़ों और चमड़े की सब चीज़ों को और बकरी के बालों की बुनी हुई चीज़ों को और लकड़ी के सब बर्तनों को पाक करना।”
וְכׇל־בֶּגֶד וְכׇל־כְּלִי־עוֹר וְכׇל־מַעֲשֵׂה עִזִּים וְכׇל־כְּלִי־עֵץ תִּתְחַטָּֽאוּ׃
21 और इली'एलियाज़र काहिन ने उन सिपाहियों से जो जंग पर गए थे कहा, शरी'अत का वह क़ानून जिसका हुक्म ख़ुदावन्द ने मूसा को दिया यही है, कि
וַיֹּאמֶר אֶלְעָזָר הַכֹּהֵן אֶל־אַנְשֵׁי הַצָּבָא הַבָּאִים לַמִּלְחָמָה זֹאת חֻקַּת הַתּוֹרָה אֲשֶׁר־צִוָּה יְהֹוָה אֶת־מֹשֶֽׁה׃
22 सोना और चाँदी और पीतल और लोहा और रांगा और सीसा;
אַךְ אֶת־הַזָּהָב וְאֶת־הַכָּסֶף אֶֽת־הַנְּחֹשֶׁת אֶת־הַבַּרְזֶל אֶֽת־הַבְּדִיל וְאֶת־הָעֹפָֽרֶת׃
23 ग़रज़ जो कुछ आग में ठहर सके वह सब तुम आग में डालना तब वह साफ़ होगा, तो भी नापाकी दूर करने के पानी से उसे पाक करना पड़ेगा; और जो कुछ आग में न ठहर सके उसे तुम पानी में डालना।
כׇּל־דָּבָר אֲשֶׁר־יָבֹא בָאֵשׁ תַּעֲבִירוּ בָאֵשׁ וְטָהֵר אַךְ בְּמֵי נִדָּה יִתְחַטָּא וְכֹל אֲשֶׁר לֹֽא־יָבֹא בָּאֵשׁ תַּעֲבִירוּ בַמָּֽיִם׃
24 और तुम सातवें दिन अपने कपड़े धोना तब तुम पाक ठहरोगे, इसके बाद लश्करगाह में दाख़िल होना।
וְכִבַּסְתֶּם בִּגְדֵיכֶם בַּיּוֹם הַשְּׁבִיעִי וּטְהַרְתֶּם וְאַחַר תָּבֹאוּ אֶל־הַֽמַּחֲנֶֽה׃
25 और ख़ुदावन्द ने मूसा से कहा कि,
וַיֹּאמֶר יְהֹוָה אֶל־מֹשֶׁה לֵּאמֹֽר׃
26 “इली'एलियाज़र काहिन और जमा'अत के आबाई ख़ान्दानों के सरदारों को साथ लेकर, तू उन आदमियों और जानवरों को शुमार कर जो लूट में आए हैं।
שָׂא אֵת רֹאשׁ מַלְקוֹחַ הַשְּׁבִי בָּאָדָם וּבַבְּהֵמָה אַתָּה וְאֶלְעָזָר הַכֹּהֵן וְרָאשֵׁי אֲבוֹת הָעֵדָֽה׃
27 और लूट के इस माल को दो हिस्सों में तक़्सीम कर कि, एक हिस्सा उन जंगी मर्दों को दे जो लड़ाई में गए थे और दूसरा हिस्सा जमा'अत को दे।
וְחָצִיתָ אֶת־הַמַּלְקוֹחַ בֵּין תֹּפְשֵׂי הַמִּלְחָמָה הַיֹּצְאִים לַצָּבָא וּבֵין כׇּל־הָעֵדָֽה׃
28 और उन जंगी मर्दों से जो लड़ाई में गए थे, ख़ुदावन्द के लिए चाहे आदमी हों या गाय — बैल या गधे या भेड़ बकरियाँ, हर पाँच सौ पीछे एक को हिस्से के तौर पर ले;
וַהֲרֵמֹתָ מֶכֶס לַֽיהֹוָה מֵאֵת אַנְשֵׁי הַמִּלְחָמָה הַיֹּצְאִים לַצָּבָא אֶחָד נֶפֶשׁ מֵחֲמֵשׁ הַמֵּאוֹת מִן־הָאָדָם וּמִן־הַבָּקָר וּמִן־הַחֲמֹרִים וּמִן־הַצֹּֽאן׃
29 इनही के आधे में से इस हिस्से को लेकर इली'एलियाज़र काहिन को देना, ताकि यह ख़ुदावन्द के सामने उठाने की क़ुर्बानी ठहरे।
מִמַּֽחֲצִיתָם תִּקָּחוּ וְנָתַתָּה לְאֶלְעָזָר הַכֹּהֵן תְּרוּמַת יְהֹוָֽה׃
30 और बनी — इस्राईल के आधे में से चाहे आदमी हों या गाय — बैल या गधे या भेड़ — बकरियाँ, या'नी सब क़िस्म के चौपायों में से पचास — पचास पीछे एक — एक को लेकर लावियों को देना जो ख़ुदावन्द के घर की मुहाफ़िज़त करते हैं।”
וּמִמַּחֲצִת בְּנֵֽי־יִשְׂרָאֵל תִּקַּח ׀ אֶחָד ׀ אָחֻז מִן־הַחֲמִשִּׁים מִן־הָאָדָם מִן־הַבָּקָר מִן־הַחֲמֹרִים וּמִן־הַצֹּאן מִכׇּל־הַבְּהֵמָה וְנָתַתָּה אֹתָם לַלְוִיִּם שֹׁמְרֵי מִשְׁמֶרֶת מִשְׁכַּן יְהֹוָֽה׃
31 चुनाँचे मूसा और इली'एलियाज़र काहिन ने जैसा ख़ुदावन्द ने मूसा से कहा था वैसा ही किया।
וַיַּעַשׂ מֹשֶׁה וְאֶלְעָזָר הַכֹּהֵן כַּאֲשֶׁר צִוָּה יְהֹוָה אֶת־מֹשֶֽׁה׃
32 और जो कुछ माल — ए — ग़नीमत जंगी मदों के हाथ आया था उसे छोड़कर लूट के माल में छः लाख पिछतर हज़ार भेड़ — बकरियाँ थीं;
וַיְהִי הַמַּלְקוֹחַ יֶתֶר הַבָּז אֲשֶׁר בָּזְזוּ עַם הַצָּבָא צֹאן שֵׁשׁ־מֵאוֹת אֶלֶף וְשִׁבְעִים אֶלֶף וַחֲמֵשֶׁת אֲלָפִֽים׃
33 और बहतर हज़ार गाय — बैल,
וּבָקָר שְׁנַיִם וְשִׁבְעִים אָֽלֶף׃
34 और इकसठ हज़ार गधे,
וַחֲמֹרִים אֶחָד וְשִׁשִּׁים אָֽלֶף׃
35 और नुफूस — ए — इंसानी में से बतीस हज़ार ऐसी 'औरतें जो मर्द से नावाक़िफ़ और अछूती थीं।
וְנֶפֶשׁ אָדָם מִן־הַנָּשִׁים אֲשֶׁר לֹֽא־יָדְעוּ מִשְׁכַּב זָכָר כׇּל־נֶפֶשׁ שְׁנַיִם וּשְׁלֹשִׁים אָֽלֶף׃
36 और लूट के माल के उस आधे में जो जंगी मदों का हिस्सा था, तीन लाख सैंतीस हज़ार पाँच सौ भेड़ — बकरियाँ थीं,
וַתְּהִי הַֽמֶּחֱצָה חֵלֶק הַיֹּצְאִים בַּצָּבָא מִסְפַּר הַצֹּאן שְׁלֹשׁ־מֵאוֹת אֶלֶף וּשְׁלֹשִׁים אֶלֶף וְשִׁבְעַת אֲלָפִים וַחֲמֵשׁ מֵאֽוֹת׃
37 जिनमें से छ: सौ पिछतर भेड़ — बकरियाँ ख़ुदावन्द के हिस्से के लिए थीं।
וַיְהִי הַמֶּכֶס לַֽיהֹוָה מִן־הַצֹּאן שֵׁשׁ מֵאוֹת חָמֵשׁ וְשִׁבְעִֽים׃
38 और छत्तीस हज़ार गाय — बैल थे, जिनमें से बहत्तर ख़ुदावन्द के हिस्से के थे।
וְהַבָּקָר שִׁשָּׁה וּשְׁלֹשִׁים אָלֶף וּמִכְסָם לַיהֹוָה שְׁנַיִם וְשִׁבְעִֽים׃
39 और तीस हज़ार पाँच सौ गधे थे, जिनमें से इकसठ गधे ख़ुदावन्द के हिस्से के थे।
וַחֲמֹרִים שְׁלֹשִׁים אֶלֶף וַחֲמֵשׁ מֵאוֹת וּמִכְסָם לַֽיהֹוָה אֶחָד וְשִׁשִּֽׁים׃
40 और नुफूस — ए — इंसानी का शुमार सोलह हज़ार था, जिनमें से बतीस जानें ख़ुदावन्द के हिस्से की थीं।
וְנֶפֶשׁ אָדָם שִׁשָּׁה עָשָׂר אָלֶף וּמִכְסָם לַֽיהֹוָה שְׁנַיִם וּשְׁלֹשִׁים נָֽפֶשׁ׃
41 तब मूसा ने ख़ुदावन्द के हुक्म के मुवाफ़िक उस हिस्से को जो ख़ुदावन्द के उठाने की क़ुर्बानी थी, इली'एलियाज़र काहिन को दिया।
וַיִּתֵּן מֹשֶׁה אֶת־מֶכֶס תְּרוּמַת יְהֹוָה לְאֶלְעָזָר הַכֹּהֵן כַּאֲשֶׁר צִוָּה יְהֹוָה אֶת־מֹשֶֽׁה׃
42 अब रहा बनी — इस्राईल का आधा हिस्सा, जिसे मूसा ने जंगी मर्दों के हिस्से से अलग रख्खा था;
וּמִֽמַּחֲצִית בְּנֵי יִשְׂרָאֵל אֲשֶׁר חָצָה מֹשֶׁה מִן־הָאֲנָשִׁים הַצֹּבְאִֽים׃
43 फिर इस आधे में भी जो जमा'अत को दिया गया तीन लाख सैंतीस हज़ार पाँच सौ भेड़ — बकरियाँ थीं,
וַתְּהִי מֶחֱצַת הָעֵדָה מִן־הַצֹּאן שְׁלֹשׁ־מֵאוֹת אֶלֶף וּשְׁלֹשִׁים אֶלֶף שִׁבְעַת אֲלָפִים וַחֲמֵשׁ מֵאֽוֹת׃
44 और छत्तीस हज़ार गाय — बैल
וּבָקָר שִׁשָּׁה וּשְׁלֹשִׁים אָֽלֶף׃
45 और तीस हज़ार पाँच सौ गधे,
וַחֲמֹרִים שְׁלֹשִׁים אֶלֶף וַחֲמֵשׁ מֵאֽוֹת׃
46 और सोलह हज़ार नुफूस — ए — इंसान ी।
וְנֶפֶשׁ אָדָם שִׁשָּׁה עָשָׂר אָֽלֶף׃
47 और बनी — इस्राईल के इस आधे में से मूसा ने ख़ुदावन्द के हुक्म के मुवाफ़िक, क्या इंसान और क्या हैवान हर पचास पीछे एक को लेकर लावियों को दिया जो ख़ुदावन्द के घर की मुहाफ़िज़त करते थे।
וַיִּקַּח מֹשֶׁה מִמַּחֲצִת בְּנֵֽי־יִשְׂרָאֵל אֶת־הָֽאָחֻז אֶחָד מִן־הַחֲמִשִּׁים מִן־הָאָדָם וּמִן־הַבְּהֵמָה וַיִּתֵּן אֹתָם לַלְוִיִּם שֹֽׁמְרֵי מִשְׁמֶרֶת מִשְׁכַּן יְהֹוָה כַּאֲשֶׁר צִוָּה יְהֹוָה אֶת־מֹשֶֽׁה׃
48 तब वह फ़ौजी सरदार जो हज़ारों और सैकड़ों सिपाहियों के सरदार थे, मूसा के पास आकर
וַֽיִּקְרְבוּ אֶל־מֹשֶׁה הַפְּקֻדִים אֲשֶׁר לְאַלְפֵי הַצָּבָא שָׂרֵי הָאֲלָפִים וְשָׂרֵי הַמֵּאֽוֹת׃
49 उससे कहने लगे, “तेरे ख़ादिमों ने उन सब जंगी मदों को जो हमारे मातहत हैं गिना, और उनमें से एक जवान भी कम न हुआ।
וַיֹּֽאמְרוּ אֶל־מֹשֶׁה עֲבָדֶיךָ נָֽשְׂאוּ אֶת־רֹאשׁ אַנְשֵׁי הַמִּלְחָמָה אֲשֶׁר בְּיָדֵנוּ וְלֹא־נִפְקַד מִמֶּנּוּ אִֽישׁ׃
50 इसलिए हम में से जो कुछ जिसके हाथ लगा, या'नी सोने के ज़ेवर और पाज़ेब और कंगन और अंगूठियाँ और मुन्दरें और बाज़ूबन्द यह सब हम ख़ुदावन्द के हदिये के तौर पर ले आए हैं ताकि हमारी जानों के लिए ख़ुदावन्द के सामने कफ़्फ़ारा दिया जाए।”
וַנַּקְרֵב אֶת־קׇרְבַּן יְהֹוָה אִישׁ אֲשֶׁר מָצָא כְלִֽי־זָהָב אֶצְעָדָה וְצָמִיד טַבַּעַת עָגִיל וְכוּמָז לְכַפֵּר עַל־נַפְשֹׁתֵינוּ לִפְנֵי יְהֹוָֽה׃
51 चुनाँचे मूसा और इली'एलियाज़र काहिन ने उनसे यह सब सोने के घड़े हुए ज़ेवर ले लिए।
וַיִּקַּח מֹשֶׁה וְאֶלְעָזָר הַכֹּהֵן אֶת־הַזָּהָב מֵֽאִתָּם כֹּל כְּלִי מַעֲשֶֽׂה׃
52 और उस हदिये का सारा सोना जो हज़ारों और सैकड़ों के सरदारों ने ख़ुदावन्द के सामने पेश कर, वह या'नी, तकरीबन 190 कि. ग्रा. या'नीसोलह हज़ार सात सौ पचास मिस्काल था।
וַיְהִי ׀ כׇּל־זְהַב הַתְּרוּמָה אֲשֶׁר הֵרִימוּ לַֽיהֹוָה שִׁשָּׁה עָשָׂר אֶלֶף שְׁבַע־מֵאוֹת וַחֲמִשִּׁים שָׁקֶל מֵאֵת שָׂרֵי הָֽאֲלָפִים וּמֵאֵת שָׂרֵי הַמֵּאֽוֹת׃
53 क्यूँकि जंगी मर्दों में से हर एक कुछ न कुछ लूट कर ले आया था।
אַנְשֵׁי הַצָּבָא בָּזְזוּ אִישׁ לֽוֹ׃
54 तब मूसा और इली'एलियाज़र काहिन उस सोने को जो उन्होंने हज़ारों और सैकड़ों के सरदारों से लिया था, ख़ेमा — ए — इजितमा'अ में लाए ताकि वह ख़ुदावन्द के सामने बनी — इस्राईल की यादगार ठहरे।
וַיִּקַּח מֹשֶׁה וְאֶלְעָזָר הַכֹּהֵן אֶת־הַזָּהָב מֵאֵת שָׂרֵי הָאֲלָפִים וְהַמֵּאוֹת וַיָּבִאוּ אֹתוֹ אֶל־אֹהֶל מוֹעֵד זִכָּרוֹן לִבְנֵֽי־יִשְׂרָאֵל לִפְנֵי יְהֹוָֽה׃

< गिन 31 >