< गिन 24 >
1 जब बल'आम ने देखा कि ख़ुदावन्द को यही मन्ज़ूर है कि इस्राईल को बरकत दे, तो वह पहले की तरह शगून देखने को इधर उधर न गया, बल्कि वीरान की तरफ़ अपना मुँह कर लिया।
Als nun Bileam merkte, daß es Jahwe gefiel, Israel zu segnen, ging er nicht, wie die vorigen Male, auf Wahrzeichen aus, sondern wandte sich gegen die Steppe.
2 और बल'आम ने निगाह की, और देखा कि बनी — इस्राईल अपने — अपने क़बीले की तरतीब से मुक़ीम हैं। और ख़ुदा की रूह उस पर नाज़िल हुई।
Als er nun hinschaute und Israel erblickte, wie es nach seinen Stämmen lagerte, da kam der Geist Gottes über ihn.
3 और उसने अपनी मसल शुरू' की और कहने लगा, “ब'ओर का बेटा बल'आम कहता है, या'नी वही शख़्स जिसकी आँखें बन्द थीं यह कहता है,
Da trug er seinen Spruch vor und sprach: So spricht Bileam, der Sohn Beors; so spricht der Mann, dessen Auge verschlossen ist.
4 बल्कि यह उसी का कहना है जो ख़ुदा की बातें सुनता है, और सिज्दे में पड़ा हुआ खुली आँखों से क़ादिर — ए — मुतलक का ख्व़ाब देखता है।
So spricht der, der göttliche Reden vernimmt, Gesichte des Allmächtigen schaut, hingesunken und enthüllten Auges.
5 ऐ या'क़ूब, तेरे डेरे, ऐ इस्राईल, तेरे ख़ेमें कैसे ख़ुशनुमा हैं!
Wie herrlich sind deine Zelte, Jakob, deine Wohnsitze, Israel!
6 वह ऐसे फैले हुए हैं, जैसे वादियाँ और दरिया कि किनारे बाग़, और ख़ुदावन्द के लगाए हुए 'ऊद के दरख़्त और नदियों के किनारे देवदार के दरख़्त।
Wie Bachthäler, die sich weithin erstrecken, wie Baumgärten an einem Strom; wie Cardamomen, die Jahwe gepflanzt hat, wie Cedern am Wasser!
7 उसके चरसों से पानी बहेगा, और सेराब खेतों में उसका बीज पड़ेगा। उसका बादशाह अजाज से बढ़कर होगा, और उसकी सल्तनत को 'उरूज हासिल होगा।
Es rinnt Wasser aus seinen Eimern, und seine Saat hat reichliches Wasser. Mächtiger als Agag ist sein König, und seine Herrschaft erhaben.
8 ख़ुदा उसे मिस्र से निकाल कर लिए आ रहा उसमें जंगली सांड के जैसी ताक़त है, वह उन क़ौमों को जो उसकी दुश्मन हैं, चट कर जाएगा, और उनकी हड्डियों को तोड़ डालेगा और उनको अपने तीरों से छेद — छेद कर मारेगा।
Gott, der es aus Ägypten hinwegführte, ist für es wie die Hörner eines Wildochsen; Völker, die ihm feind sind, zehrt es aus und zermalmt ihre Knochen und es zerschmettert seine Dränger.
9 वह दुबक कर बैठा है, वह शेर की तरह बल्कि शेरनी की तरह लेट गया है, अब कौन उसे छेड़े? जो तुझे बरकत दे वह मुबारक, और जो तुझ पर ला'नत करे वह मला'ऊन हो।”
Es hat sich gestreckt, gelagert wie ein Löwe und wie eine Löwin; wer darf es aufreizen? Wer irgend dich segnet, soll gesegnet sein, wer dir aber flucht, der sei verflucht!
10 तब बलक़ को बल'आम पर बड़ा ग़ुस्सा आया, और वह अपने हाथ पीटने लगा। फिर उसने बल'आम से कहा, “मैंने तुझे बुलाया कि तू मेरे दुश्मनों पर ला'नत करे, लेकिन तू ने तीनों बार उनको बरकत ही बरकत दी।
Da wurde Balak sehr zornig über Bileam und schlug unwillig die Hände zusammen. Da sprach Balak zu Bileam: Um meine Feinde zu verfluchen, habe ich dich berufen; du aber hast nur gesegnet, nun bereits dreimal!
11 इसलिए अब तू अपने मुल्क को भाग जा। मैंने तो सोचा था कि तुझे 'आला मन्सब पर मुम्ताज़ करूँ, लेकिन ख़ुदावन्द ने तुझे ऐसे ऐज़ाज़ से महरूम रख्खा।”
So begieb dich nunmehr nur in deine Heimat. Ich gedachte dir's reichlich zu lohnen; aber Jahwe hat dich um den Lohn gebracht.
12 बल'आम ने बलक़ को जवाब दिया, “क्या मैंने तेरे उन क़ासिदों से भी जिनको तूने मेरे पास भेजा था। यह नहीं कह दिया था, कि
Bileam antwortete Balak: Habe ich nicht bereits zu deinen Boten, die du an mich abgesandt hast, gesagt:
13 अगर बलक़ अपना घर चाँदी और सोने से भर कर मुझे दे तोभी मैं अपनी मर्ज़ी से भला या बुरा करने की ख़ातिर ख़ुदावन्द के हुक्म से तजावुज़ नहीं कर सकता, बल्कि जो कुछ ख़ुदावन्द कहे मैं वही कहूँगा?
Wenn mir Balak Silber und Gold schenkte, so viel nur in sein Haus geht, so könnte ich doch dem Befehle Jahwes nicht zuwiderhandeln und irgend etwas aus eigenem Willen thun, sondern muß reden, was Jahwe mir eingiebt.
14 'और अब मैं अपनी क़ौम के पास लौट कर जाता हूँ, इसलिए तू आ, मैं तुझे आगाह कर दूँ कि यह लोग तेरी क़ौम के साथ आख़िरी दिनों में क्या क्या करेंगे।”
So will ich denn nun wieder zu meinen Stammesgenossen ziehen; aber wohlan, ich will dir eröffnen, was dieses Volk deinem Volk in der Folgezeit anthun wird.
15 चुनौंचे उसने अपनी मिसाल शुरू' की और कहने लगा, “ब'ओर का बेटा बल'आम कहता है, या'नी वही शख़्स जिसकी आँखें बन्द थी यह कहता है,
Da trug er seinen Spruch vor und sprach: So spricht Bileam, der Sohn Beors, und spricht der Mann, dessen Auge verschlossen ist.
16 बल्कि यह उसी का कहना है जो ख़ुदा की बातें सुनता है, और हक़ता'ला का इरफ़ान रखता है, और सिज्दे में पड़ा हुआ खुली आँखों से क़ादिर — ए — मुतलक का ख्व़ाब देखता है;
So spricht der, welcher göttliche Reden vernimmt, der um die Erkenntnis des Höchsten weiß, der Gesichte des Allmächtigen schaut, hingesunken und enthüllten Auges.
17 मैं उसे देखूँगा तो सही, लेकिन अभी नहीं; वह मुझे नज़र भी आएगा, लेकिन नज़दीक से नहीं; या'क़ूब में से एक सितारा निकलेगा और इस्राईल में से एक 'असा उठेगा, और मोआब के 'इलाक़े को मार मार कर साफ़ कर देगा, और सब हंगामा करने वालों को हलाक कर डालेगा।
Ich sehe ihn, doch nicht schon jetzt, ich erspähe ihn, aber noch nicht nah. Es geht auf ein Stern aus Jakob, und ein Scepter erhebt sich aus Israel; das zerschlägt die Schläfen der Moabiter und den Scheitel aller Söhne Seths.
18 और उसके दुश्मन अदोम और श'ईर दोनों उसके क़ब्ज़े में होंगे, और इस्राईल दिलावरी करेगा।
Und Edom wird Unterthanenland, und Seir, sein Feind, wird Unterthanenland; Israel aber verrichtet große Thaten.
19 और या'क़ूब ही की नसल से वह फ़रमाँरवाँ उठेगा, जो शहर के बाक़ी मान्दा लोगों को हलाक कर डालेगा।”
Man wird herrschen von Jakob aus und Entronnene hinwegtilgen aus den Städten.
20 फिर उसने 'अमालीक पर नज़र करके अपनी यह मसल शुरू' की, और कहने लगा, “क़ौमोंमें पहली क़ौम 'अमालीक़ की थी, लेकिन उसका अन्जाम हलाकत है।”
Als er aber die Amalekiter erblickte, trug er folgenden Spruch vor: Das vorzüglichste der Völker ist Amalek, aber schließlich neigt es sich dem Untergange zu!
21 और कीनियों की तरफ़ निगाह करके यह मिसाल शुरू' की, और कहने लगा “तेरा घर मज़बूत है और तेरा आशियाना भी चट्टान पर बना हुआ है।
Und als er auf die Keniter blickte, trug er folgenden Spruch vor: Fest sind deine Wohnsitze, und auf dem Felsen ist dein Nest gebaut.
22 तोभी क़ीन ख़ाना ख़राब होगा, यहाँ तक कि असूर तुझे ग़ुलाम करके ले जाएगा।”
Und doch ist Kain dem Untergang verfallen: Wie lange noch, so führt dich Assur in Gefangenschaft!
23 और उसने यह मसल भी शुरू' की, और कहने लगा, हाय, अफ़सोस! जब ख़ुदा यह करेगा तो कौन जीता बचेगा?
Dann trug er folgenden Spruch vor: Weh, wer wird leben bleiben, wenn Gott Solches verhängt!
24 लेकिन कितीम के साहिल से जहाज़ आएँगे, और वह असूर और इब्र दोनों को दुख देंगे। फिर वह भी हलाक हो जाएगा।”
Und Schiffe von der Seite der Kittiter her, die demütigen Assur und demütigen das Land jenseits, und auch dieses verfällt dem Untergang!
25 इसके बाद बल'आम उठ कर रवाना हुआ और अपने मुल्क को लौटा, और बलक़ ने भी अपनी राह ली।
Hierauf machte sich Bileam auf, um wieder in seine Heimat zurückzukehren, und auch Balak zog seines Wegs.