< गिन 16 >

1 और क़ोरह बिन इज़हार बिन क़िहात बिन लावी ने बनी रूबिन में से इलियाब के बेटों दातन और अबीराम, और पलत के बेटे ओन के साथ मिल कर और आदमियों को साथ लिया;
وَأَخَذَ قُورَحُ بْنُ يِصْهَارَ بْنِ قَهَاتَ بْنِ لَاوِي، وَدَاثَانُ وَأَبِيرَامُ ٱبْنَا أَلِيآبَ، وَأُونُ بْنُ فَالَتَ، بَنُو رَأُوبَيْنَ،١
2 और वह और बनी — इस्राईल में से ढाई सौ और अश्ख़ास जो जमा'अत के सरदार और चीदा और मशहूर आदमी थे, मूसा के मुक़ाबले में उठे;
يُقَاوِمُونَ مُوسَى مَعَ أُنَاسٍ مِنْ بَنِي إِسْرَائِيلَ، مِئَتَيْنِ وَخَمْسِينَ رُؤَسَاءِ ٱلْجَمَاعَةِ مَدْعُوِّينَ لِلِٱجْتِمَاعِ ذَوِي ٱسْمٍ.٢
3 और वह मूसा और हारून के ख़िलाफ़ इकट्ठे होकर उनसे कहने लगे, “तुम्हारे तो बड़े दा'वे हो चले, क्यूँकि जमा'अत का एक — एक आदमी पाक है और ख़ुदावन्द उनके बीच रहता है। इसलिए तुम अपने आप को ख़ुदावन्द की जमा'अत से बड़ा क्यूँकर ठहराते हो?”
فَٱجْتَمَعُوا عَلَى مُوسَى وَهَارُونَ وَقَالُوا لَهُمَا: «كَفَاكُمَا! إِنَّ كُلَّ ٱلْجَمَاعَةِ بِأَسْرِهَا مُقَدَّسَةٌ وَفِي وَسَطِهَا ٱلرَّبُّ. فَمَا بَالُكُمَا تَرْتَفِعَانِ عَلَى جَمَاعَةِ ٱلرَّبِّ؟».٣
4 मूसा यह सुन कर मुँह के बल गिरा।
فَلَمَّا سَمِعَ مُوسَى سَقَطَ عَلَى وَجْهِهِ.٤
5 फिर उसने क़ोरह और उसके कुल फ़रीक़ से कहा कि “कल सुबह ख़ुदावन्द दिखा देगा कि कौन उसका है और कौन पाक है और वह उसी को अपने नज़दीक आने देगा, क्यूँकि जिसे वह ख़ुद चुनेगा उसे वह अपनी क़ुरबत भी देगा।
ثُمَّ كَلَّمَ قُورَحَ وَجَمِيعَ قَوْمِهِ قَائِلًا: «غَدًا يُعْلِنُ ٱلرَّبُّ مَنْ هُوَ لَهُ، وَمَنِ ٱلْمُقَدَّسُ حَتَّى يُقَرِّبَهُ إِلَيْهِ. فَٱلَّذِي يَخْتَارُهُ يُقَرِّبُهُ إِلَيْهِ.٥
6 इसलिए ऐ क़ोरह और उसके फ़रीक़ के लोगों, तुम यूँ करो कि अपना अपना ख़ुशबूदान लो,
اِفْعَلُوا هَذَا: خُذُوا لَكُمْ مَجَامِرَ. قُورَحُ وَكُلُّ جَمَاعَتِهِ.٦
7 और उनमें आग भरो और ख़ुदावन्द के सामने कल उनमें ख़ुशबू जलाओ, तब जिस शख़्स को ख़ुदावन्द चुन ले वही पाक ठहरेगा। ऐ लावी के बेटो, बड़े — बड़े दा'वे तो तुम्हारे हैं।”
وَٱجْعَلُوا فِيهَا نَارًا، وَضَعُوا عَلَيْهَا بَخُورًا أَمَامَ ٱلرَّبِّ غَدًا. فَٱلرَّجُلُ ٱلَّذِي يَخْتَارُهُ ٱلرَّبُّ هُوَ ٱلْمُقَدَّسُ. كَفَاكُمْ يَا بَنِي لَاوِي!».٧
8 फिर मूसा ने क़ोरह की तरफ़ मुख़ातिब होकर कहा, ऐ बनी लावी सुनो,
وَقَالَ مُوسَى لِقُورَحَ: «ٱسْمَعُوا يَا بَنِي لَاوِي.٨
9 क्या यह तुम को छोटी बात दिखाई देती है कि इस्राईल के ख़ुदा ने तुम को बनी — इस्राईल की जमा'अत में से चुन कर अलग किया, ताकि तुम को वह अपनी क़ुरबत बख़्शे और तुम ख़ुदावन्द के घर की ख़िदमत करो, और जमा'अत के आगे खड़े हो कर उसकी भी ख़िदमत बजा लाओ।
أَقَلِيلٌ عَلَيْكُمْ أَنَّ إِلَهَ إِسْرَائِيلَ أَفْرَزَكُمْ مِنْ جَمَاعَةِ إِسْرَائِيلَ لِيُقَرِّبَكُمْ إِلَيْهِ لِكَيْ تَعْمَلُوا خِدْمَةَ مَسْكَنِ ٱلرَّبِّ، وَتَقِفُوا قُدَّامَ ٱلْجَمَاعَةِ لِخِدْمَتِهَا؟٩
10 और तुझे और तेरे सब भाइयों को जो बनी लावी हैं, अपने नज़दीक आने दिया? इसलिए क्या अब तुम कहानत को भी चाहते हो?
فَقَرَّبَكَ وَجَمِيعَ إِخْوَتِكَ بَنِي لَاوِي مَعَكَ، وَتَطْلُبُونَ أَيْضًا كَهَنُوتًا!١٠
11 इसीलिए तू और तेरे फ़रीक़ के लोग, यह सब के सब ख़ुदावन्द के खिलाफ़ इकट्ठे हुए हैं; और हारून कौन है जो तुम उस की शिकायत करते हो?”
إِذَنْ أَنْتَ وَكُلُّ جَمَاعَتِكَ مُتَّفِقُونَ عَلَى ٱلرَّبِّ. وَأَمَّا هَارُونُ فَمَا هُوَ حَتَّى تَتَذَمَّرُوا عَلَيْهِ؟»١١
12 फिर मूसा ने दातन और अबीराम को जो इलियाब के बेटे थे बुलवा भेजा; उन्होंने कहा, “हम नहीं आते;
فَأَرْسَلَ مُوسَى لِيَدْعُوَ دَاثَانَ وَأَبِيرَامَ ٱبْنَيْ أَلِيآبَ. فَقَالَا: «لَا نَصْعَدُ!١٢
13 क्या यह छोटी बात है कि तू हम को एक ऐसे मुल्क से, जिसमें दूध और शहद बहता है निकाल लाया है, कि हमको वीरान में हलाक करे, और उस पर भी यह तुर्रा है कि अब तू सरदार बन कर हम पर हुकूमत जताता है?
أَقَلِيلٌ أَنَّكَ أَصْعَدْتَنَا مِنْ أَرْضٍ تَفِيضُ لَبَنًا وَعَسَلًا لِتُمِيتَنَا فِي ٱلْبَرِّيَّةِ حَتَّى تَتَرَأَسَ عَلَيْنَا تَرَؤُّسًا؟١٣
14 इसके अलावा तूने हम को उस मुल्क में भी नहीं पहुँचाया जहाँ दूध और शहद बहता है, और न हम को खेतों और ताकिस्तानों का वारिस बनाया; क्या तू इन लोगों की आँखें निकाल डालेगा? हम तो नहीं आने के।”
كَذَلِكَ لَمْ تَأْتِ بِنَا إِلَى أَرْضٍ تَفِيضُ لَبَنًا وَعَسَلًا، وَلَا أَعْطَيْتَنَا نَصِيبَ حُقُولٍ وَكُرُومٍ. هَلْ تَقْلَعُ أَعْيُنَ هَؤُلَاءِ ٱلْقَوْمِ؟ لَا نَصْعَدُ!».١٤
15 तब मूसा बहुत तैश में आ कर ख़ुदावन्द से कहने लगा, “तू उनके हदिये की तरफ़ तवज्जुह मत कर। मैंने उनसे एक गधा भी नहीं लिया, न उनमें से किसी को कोई नुक़सान पहुँचाया है।”
فَٱغْتَاظَ مُوسَى جِدًّا وَقَالَ لِلرَّبِّ: «لَا تَلْتَفِتْ إِلَى تَقْدِمَتِهِمَا. حِمَارًا وَاحِدًا لَمْ آخُذْ مِنْهُمْ، وَلَا أَسَأْتُ إِلَى أَحَدٍ مِنْهُمْ».١٥
16 फिर मूसा ने क़ोरह से कहा, “कल तू अपने सारे फ़रीक़ के लोगों को लेकर ख़ुदावन्द के आगे हाज़िर हो; तू भी हो और वह भी हों, और हारून भी हो।
وَقَالَ مُوسَى لِقُورَحَ: «كُنْ أَنْتَ وَكُلُّ جَمَاعَتِكَ أَمَامَ ٱلرَّبِّ، أَنْتَ وَهُمْ وَهَارُونُ غَدًا،١٦
17 और तुम में से हर शख़्स अपना ख़ुशबूदान लेकर उसमें ख़ुशबू डाले, और तुम अपने — अपने ख़ुशबूदान को जो शुमार में ढाई सौ होंगे, ख़ुदावन्द के सामने लाओ और तू भी अपना ख़ुशबूदान लाना और हारून भी लाए।”
وَخُذُوا كُلُّ وَاحِدٍ مِجْمَرَتَهُ، وَٱجْعَلُوا فِيهَا بَخُورًا، وَقَدِّمُوا أَمَامَ ٱلرَّبِّ كُلُّ وَاحِدٍ مِجْمَرَتَهُ. مِئَتَيْنِ وَخَمْسِينَ مِجْمَرَةً. وَأَنْتَ وَهَارُونُ كُلُّ وَاحِدٍ مِجْمَرَتَهُ».١٧
18 तब उन्होंने अपना अपना ख़ुशबूदान लेकर और उनमें आग रख कर उस पर ख़ुशबू डाला, और ख़ेमा — ए — इजितमा'अ के दरवाज़े पर मूसा और हारून के साथ आ कर खड़े हुए।
فَأَخَذُوا كُلُّ وَاحِدٍ مِجْمَرَتَهُ وَجَعَلُوا فِيهَا نَارًا وَوَضَعُوا عَلَيْهَا بَخُورًا، وَوَقَفُوا لَدَى بَابِ خَيْمَةِ ٱلِٱجْتِمَاعِ مَعَ مُوسَى وَهَارُونَ.١٨
19 और क़ोरह ने सारी जमा'अत को उनके खिलाफ़ ख़ेमा — ए — इजितमा'अ के दरवाज़े पर जमा' कर लिया था। तब ख़ुदावन्द का जलाल सारी जमा'अत के सामने नुमायाँ हुआ।
وَجَمَعَ عَلَيْهِمَا قُورَحُ كُلَّ ٱلْجَمَاعَةِ إِلَى بَابِ خَيْمَةِ ٱلِٱجْتِمَاعِ، فَتَرَاءَى مَجْدُ ٱلرَّبِّ لِكُلِّ ٱلْجَمَاعَةِ.١٩
20 और ख़ुदावन्द ने मूसा और हारून से कहा;
وَكَلَّمَ ٱلرَّبُّ مُوسَى وَهَارُونَ قَائِلًا:٢٠
21 कि “तुम अपने आप को इस जमा'अत से बिल्कुल अलग कर लो, ताकि मैं उनको एक पल में भसम कर दूँ।”
«ٱفْتَرِزَا مِنْ بَيْنِ هَذِهِ ٱلْجَمَاعَةِ فَإِنِّي أُفْنِيهِمْ فِي لَحْظَةٍ».٢١
22 तब वह मुँह के बल गिर कर कहने लगे, “ऐ ख़ुदा, सब बशर की रूहों के ख़ुदा! क्या एक आदमी के गुनाह की वजह से तेरा क़हर सारी जमा'अत पर होगा?”
فَخَرَّا عَلَى وَجْهَيْهِمَا وَقَالَا: «ٱللَّهُمَّ، إِلَهَ أَرْوَاحِ جَمِيعِ ٱلْبَشَرِ، هَلْ يُخْطِئُ رَجُلٌ وَاحِدٌ فَتَسْخَطَ عَلَى كُلِّ ٱلْجَمَاعَةِ؟»٢٢
23 तब ख़ुदावन्द ने मूसा से कहा,
فَكَلَّمَ ٱلرَّبُّ مُوسَى قَائِلًا:٢٣
24 “तू जमा'अत से कह कि तुम क़ोरह और दातन और अबीराम के खेमों के आस पास से दूर हट जाओ।”
«كَلِّمِ ٱلْجَمَاعَةَ قَائِلًا: ٱطْلَعُوا مِنْ حَوَالَيْ مَسْكَنِ قُورَحَ وَدَاثَانَ وَأَبِيرَامَ».٢٤
25 और मूसा उठ कर दातन और अबीराम की तरफ़ गया, और बनी — इस्राईल के बुज़ुर्ग उसके पीछे पीछे गए।
فَقَامَ مُوسَى وَذَهَبَ إِلَى دَاثَانَ وَأَبِيرَامَ، وَذَهَبَ وَرَاءَهُ شُيُوخُ إِسْرَائِيلَ.٢٥
26 और उसने जमा'अत से कहा, “इन शरीर आदमियों के खेमों से निकल जाओ और उनकी किसी चीज़ को हाथ न लगाओ, ऐसा न हो कि तुम भी उनके सब गुनाहों की वजह से हलाक हो जाओ।”
فَكَلَّمَ ٱلْجَمَاعَةَ قَائِلًا: «ٱعْتَزِلُوا عَنْ خِيَامِ هَؤُلَاءِ ٱلْقَوْمِ ٱلْبُغَاةِ، وَلَا تَمَسُّوا شَيْئًا مِمَّا لَهُمْ لِئَلَّا تَهْلَكُوا بِجَمِيعِ خَطَايَاهُمْ».٢٦
27 तब वह लोग क़ोरह और दातन और अबीराम के खेमों के आस पास से दूर हट गए; और दातन और अबीराम अपनी बीवियों और बेटों और बाल — बच्चों समेत निकल कर अपने ख़ेमों के दरवाज़ों पर खड़े हुए।
فَطَلَعُوا مِنْ حَوَالَيْ مَسْكَنِ قُورَحَ وَدَاثَانَ وَأَبِيرَامَ، وَخَرَجَ دَاثَانُ وَأَبِيرَامُ وَوَقَفَا فِي بَابِ خَيْمَتَيْهِمَا مَعَ نِسَائِهِمَا وَبَنِيهِمَا وَأَطْفَالِهِمَا.٢٧
28 तब मूसा ने कहा, “इस से तुम जान लोगे के ख़ुदावन्द ने मुझे भेजा है कि यह सब काम करूँ, क्यूँकि मैंने अपनी मर्ज़ी से कुछ नहीं किया।
فَقَالَ مُوسَى: «بِهَذَا تَعْلَمُونَ أَنَّ ٱلرَّبَّ قَدْ أَرْسَلَنِي لِأَعْمَلَ كُلَّ هَذِهِ ٱلْأَعْمَالِ، وَأَنَّهَا لَيْسَتْ مِنْ نَفْسِي.٢٨
29 अगर यह आदमी वैसी ही मौत से मरें जो सब लोगों को आती है, या इन पर वैसे ही हादसे गुज़रें जो सब पर गुज़रते हैं, तो मैं ख़ुदावन्द का भेजा हुआ नहीं हूँ।
إِنْ مَاتَ هَؤُلَاءِ كَمَوْتِ كُلِّ إِنْسَانٍ، وَأَصَابَتْهُمْ مَصِيبَةُ كُلِّ إِنْسَانٍ، فَلَيْسَ ٱلرَّبُّ قَدْ أَرْسَلَنِي.٢٩
30 लेकिन अगर ख़ुदावन्द कोई नया करिश्मा दिखाए, और ज़मीन अपना मुँह खोल दे और इनको इनके घर — बार के साथ निगल जाए और यह जीते जी पाताल में समा जाएँ, तो तुम जानना कि इन लोगों ने ख़ुदावन्द की तहक़ीर की है।” (Sheol h7585)
وَلَكِنْ إِنِ ٱبْتَدَعَ ٱلرَّبُّ بِدْعَةً وَفَتَحَتِ ٱلْأَرْضُ فَاهَا وَٱبْتَلَعَتْهُمْ وَكُلَّ مَا لَهُمْ، فَهَبَطُوا أَحْيَاءً إِلَى ٱلْهَاوِيَةِ، تَعْلَمُونَ أَنَّ هَؤُلَاءِ ٱلْقَوْمَ قَدِ ٱزْدَرَوْا بِٱلرَّبِّ». (Sheol h7585)٣٠
31 उसने यह बातें ख़त्म ही की थीं कि ज़मीन उनके पाओं तले फट गई।
فَلَمَّا فَرَغَ مِنَ ٱلتَّكَلُّمِ بِكُلِّ هَذَا ٱلْكَلَامِ، ٱنْشَقَّتِ ٱلْأَرْضُ ٱلَّتِي تَحْتَهُمْ،٣١
32 और ज़मीन ने अपना मुँह खोल दिया और उनको और उनके घर — बार को, और क़ोरह के यहाँ के सब आदमियों को और उनके सारे माल — ओ — अस्बाब को निगल गई।
وَفَتَحَتِ ٱلْأَرْضُ فَاهَا وَٱبْتَلَعَتْهُمْ وَبُيُوتَهُمْ وَكُلَّ مَنْ كَانَ لِقُورَحَ مَعَ كُلِّ ٱلْأَمْوَالِ،٣٢
33 तब वह और उनका सारा घर — बार जीते जो पाताल में समा गए और ज़मीन उनके ऊपर बराबर हो गई, और वह जमा'अत में से ख़त्म हो गए। (Sheol h7585)
فَنَزَلُوا هُمْ وَكُلُّ مَا كَانَ لَهُمْ أَحْيَاءً إِلَى ٱلْهَاوِيَةِ، وَٱنْطَبَقَتْ عَلَيْهِمِ ٱلْأَرْضُ، فَبَادُوا مِنْ بَيْنِ ٱلْجَمَاعَةِ. (Sheol h7585)٣٣
34 और सब इस्राईली जो उनके आस पास थे उनका चिल्लाना सुन कर यह कहते हुए भागे, कि कहीं ज़मीन हम को भी निगल न ले।
وَكُلُّ إِسْرَائِيلَ ٱلَّذِينَ حَوْلَهُمْ هَرَبُوا مِنْ صَوْتِهِمْ، لِأَنَّهُمْ قَالُوا: «لَعَلَّ ٱلْأَرْضَ تَبْتَلِعُنَا».٣٤
35 और ख़ुदावन्द के सामने से आग निकली और उन ढाई सौ आदमियों को जिन्होंने ख़ुशबू पेश करा था भसम कर डाला।
وَخَرَجَتْ نَارٌ مِنْ عِنْدِ ٱلرَّبِّ وَأَكَلَتِ ٱلْمِئَتَيْنِ وَٱلْخَمْسِينَ رَجُلًا ٱلَّذِينَ قَرَّبُوا ٱلْبَخُورَ.٣٥
36 और ख़ुदावन्द ने मूसा से कहा कि;
ثُمَّ كَلَّمَ ٱلرَّبُّ مُوسَى قَائِلًا:٣٦
37 “हारून काहिन के बेटे इली'एलियाज़र से कह कि वह ख़ुशबूदान को शोलों में से उठा ले और आग के अंगारों को उधर ही बिखेर दे क्यूँकि वह पाक हैं।
«قُلْ لِأَلِعَازَارَ بْنِ هَارُونَ ٱلْكَاهِنِ أَنْ يَرْفَعَ ٱلْمَجَامِرَ مِنَ ٱلْحَرِيقِ، وَٱذْرِ ٱلنَّارَ هُنَاكَ فَإِنَّهُنَّ قَدْ تَقَدَّسْنَ.٣٧
38 जो ख़ताकार अपनी ही जान के दुश्मन हुए, उनके ख़ुशबूदानों के पीट पीट कर पत्तर बनाए जाएँ ताकि वह मज़बह पर मंढे जाएँ, क्यूँकि उन्होंने उनको ख़ुदावन्द के सामने रख्खा था इसलिए वह पाक हैं, और वह बनी — इस्राईल के लिए एक निशान भी ठहरेंगे।”
مَجَامِرَ هَؤُلَاءِ ٱلْمُخْطِئِينَ ضِدَّ نُفُوسِهِمْ، فَلْيَعْمَلُوهَا صَفَائِحَ مَطْرُوقَةً غِشَاءً لِلْمَذْبَحِ، لِأَنَّهُمْ قَدْ قَدَّمُوهَا أَمَامَ ٱلرَّبِّ فَتَقَدَّسَتْ. فَتَكُونُ عَلَامَةً لِبَنِي إِسْرَائِيلَ».٣٨
39 तब इली'एलियाज़र काहिन ने पीतल के उन ख़ुशबूदानों को उठा लिया जिनमें उन्होंने जो भसम कर दिए गए थे ख़ुशबू पेश करा था, और मज़बह पर मंढने के लिए उनके पत्तर बनवाए:
فَأَخَذَ أَلِعَازَارُ ٱلْكَاهِنُ مَجَامِرَ ٱلنُّحَاسِ ٱلَّتِي قَدَّمَهَا ٱلْمُحْتَرِقُونَ، وَطَرَقُوهَا غِشَاءً لِلْمَذْبَحِ،٣٩
40 ताकि बनी — इस्राईल के लिए एक यादगार हो कि कोई ग़ैर शख़्स जो हारून की नसल से नहीं, ख़ुदावन्द के सामने ख़ुशबू जलाने को नज़दीक न जाए, ऐसा न हो कि वह क़ोरह और उसके फ़रीक़ की तरह हलाक हो, जैसा ख़ुदावन्द ने उसको मूसा के ज़रिए' बता दिया था।
تَذْكَارًا لِبَنِي إِسْرَائِيلَ، لِكَيْ لَا يَقْتَرِبَ رَجُلٌ أَجْنَبِيٌّ لَيْسَ مِنْ نَسْلِ هَارُونَ لِيُبَخِّرَ بَخُورًا أَمَامَ ٱلرَّبِّ، فَيَكُونَ مِثْلَ قُورَحَ وَجَمَاعَتِهِ، كَمَا كَلَّمَهُ ٱلرَّبُّ عَنْ يَدِ مُوسَى.٤٠
41 लेकिन दूसरे ही दिन बनी — इस्राईल की सारी जमाअत ने मूसा और हारून की शिकायत की और कहने लगे, कि तुम ने ख़ुदावन्द के लोगों को मार डाला है।
فَتَذَمَّرَ كُلُّ جَمَاعَةِ بَنِي إِسْرَائِيلَ فِي ٱلْغَدِ عَلَى مُوسَى وَهَارُونَ قَائِلِينَ: «أَنْتُمَا قَدْ قَتَلْتُمَا شَعْبَ ٱلرَّبِّ».٤١
42 और जब वह जमा'अत मूसा और हारून के ख़िलाफ़ इकट्ठी हो रही थी तो उन्होंने ख़ेमा — ए — इजितमा'अ की तरफ़ निगाह की, और देखा कि बादल उस पर छाया हुआ है और ख़ुदावन्द का जलाल नुमायाँ है।
وَلَمَّا ٱجْتَمَعَتِ ٱلْجَمَاعَةُ عَلَى مُوسَى وَهَارُونَ ٱنْصَرَفَا إِلَى خَيْمَةِ ٱلِٱجْتِمَاعِ وَإِذَا هِيَ قَدْ غَطَّتْهَا ٱلسَّحَابَةُ وَتَرَاءَى مَجْدُ ٱلرَّبِّ.٤٢
43 तब मूसा और हारून ख़ेमा — ए — इजितमा'अ के सामने आए।
فَجَاءَ مُوسَى وَهَارُونُ إِلَى قُدَّامِ خَيْمَةِ ٱلِٱجْتِمَاعِ.٤٣
44 और ख़ुदावन्द ने मूसा से कहा कि;
فَكَلَّمَ ٱلرَّبُّ مُوسَى قَائِلًا:٤٤
45 “तुम इस जमा'अत के बीच से हट जाओ, ताकि मैं इनको एक पल में भसम कर डालूँ।” तब वह मुँह के बल गिरे।
«اِطْلَعَا مِنْ وَسَطِ هَذِهِ ٱلْجَمَاعَةِ، فَإِنِّي أُفْنِيهِمْ بِلَحْظَةٍ». فَخَرَّا عَلَى وَجْهَيْهِمَا.٤٥
46 और मूसा ने हारून से कहा, “अपना ख़ुशबूदान ले और मज़बह पर से आग लेकर उसमें डाल और उस पर ख़ुशबू जला, और जल्द जमा'अत के पास जाकर उनके लिए कफ़्फ़ारा दे क्यूँकि ख़ुदावन्द का क़हर नाज़िल हुआ है और वबा शुरू' हो गई।”
ثُمَّ قَالَ مُوسَى لِهَارُونَ: «خُذِ ٱلْمِجْمَرَةَ وَٱجْعَلْ فِيهَا نَارًا مِنْ عَلَى ٱلْمَذْبَحِ، وَضَعْ بَخُورًا، وَٱذْهَبْ بِهَا مُسْرِعًا إِلَى ٱلْجَمَاعَةِ وَكَفِّرْ عَنْهُمْ، لِأَنَّ ٱلسَّخَطَ قَدْ خَرَجَ مِنْ قِبَلِ ٱلرَّبِّ. قَدِ ٱبْتَدَأَ ٱلْوَبَأُ».٤٦
47 मूसा के कहने के मुताबिक़ हारून ख़ुशबूदान लेकर जमा'अत के बीच में दौड़ता हुआ गया और देखा कि वबा लोगों में फैलने लगी है, तब उसने ख़ुशबू जलायी और उन लोगों के लिए कफ़्फ़ारा दिया।
فَأَخَذَ هَارُونُ كَمَا قَالَ مُوسَى، وَرَكَضَ إِلَى وَسَطِ ٱلْجَمَاعَةِ، وَإِذَا ٱلْوَبَأُ قَدِ ٱبْتَدَأَ فِي ٱلشَّعْبِ. فَوَضَعَ ٱلْبَخُورَ وَكَفَّرَ عَنِ ٱلشَّعْبِ.٤٧
48 और वह मुर्दों और ज़िन्दों के बीच में खड़ा हुआ, तब वबा ख़त्म हुई।
وَوَقَفَ بَيْنَ ٱلْمَوْتَى وَٱلْأَحْيَاءِ فَٱمْتَنَعَ ٱلْوَبَأُ.٤٨
49 तब 'अलावा उनके जो क़ोरह के मुआ'मिले की वजह से हलाक हुए थे, चौदह हज़ार सात सौ आदमी वबा से हलाक गए।
فَكَانَ ٱلَّذِينَ مَاتُوا بِٱلْوَبَإِ أَرْبَعَةَ عَشَرَ أَلْفًا وَسَبْعَ مِئَةٍ، عَدَا ٱلَّذِينَ مَاتُوا بِسَبَبِ قُورَحَ.٤٩
50 फिर हारून लौट कर ख़ेमा — ए — इजितमा'अ के दरवाज़े पर मूसा के पास आया और वबा ख़त्म हो गई।
ثُمَّ رَجَعَ هَارُونُ إِلَى مُوسَى إِلَى بَابِ خَيْمَةِ ٱلِٱجْتِمَاعِ وَٱلْوَبَأُ قَدِ ٱمْتَنَعَ.٥٠

< गिन 16 >