< गिन 1 >

1 बनी — इस्राईल के मुल्क — ए — मिस्र से निकल आने के दूसरे बरस के दूसरे महीने की पहली तारीख़ को सीना के वीरान में ख़ुदावन्द ने ख़ेमा — ए — इजितमा'अ में मूसा से कहा कि,
बनी — इस्राईल के मुल्क — ए — मिस्र से निकल आने के दूसरे बरस के दूसरे महीने की पहली तारीख़ को सीना के वीरान में ख़ुदावन्द ने ख़ेमा — ए — इजितमा'अ में मूसा से कहा कि,
2 “तुम एक — एक मर्द का नाम ले लेकर गिनो, और उनके नामों की ता'दाद से बनी — इस्राईल की सारी जमा'अत की मर्दुमशुमारी का हिसाब उनके क़बीलों और आबाई ख़ान्दानों के मुताबिक़ करो।
“तुम एक — एक मर्द का नाम ले लेकर गिनो, और उनके नामों की ता'दाद से बनी — इस्राईल की सारी जमा'अत की मर्दुमशुमारी का हिसाब उनके क़बीलों और आबाई ख़ान्दानों के मुताबिक़ करो।
3 बीस बरस और उससे ऊपर — ऊपर की उम्र के जितने इस्राईली जंग करने के क़ाबिल हों, उन सभों के अलग — अलग दलों को तू और हारून दोनों मिल कर गिन डालो।
बीस बरस और उससे ऊपर — ऊपर की उम्र के जितने इस्राईली जंग करने के क़ाबिल हों, उन सभों के अलग — अलग दलों को तू और हारून दोनों मिल कर गिन डालो।
4 और हर क़बीले से एक — एक आदमी जो अपने आबाई ख़ान्दान का सरदार है तुम्हारे साथ हो।
और हर क़बीले से एक — एक आदमी जो अपने आबाई ख़ान्दान का सरदार है तुम्हारे साथ हो।
5 और जो आदमी तुम्हारे साथ होंगे उनके नाम यह हैं: रूबिन के क़बीले से इलिसूर बिन शदियूर
और जो आदमी तुम्हारे साथ होंगे उनके नाम यह हैं: रूबिन के क़बीले से इलिसूर बिन शदियूर
6 शमौन के क़बीले से सलूमीएल बिन सूरीशद्दी,
शमौन के क़बीले से सलूमीएल बिन सूरीशद्दी,
7 यहूदाह के क़बीले से नहसोन बिन 'अम्मीनदाब,
यहूदाह के क़बीले से नहसोन बिन 'अम्मीनदाब,
8 इश्कार के क़बीले से नतनीएल बिन ज़ुग़र,
इश्कार के क़बीले से नतनीएल बिन ज़ुग़र,
9 ज़बूलून के क़बीले से इलियाब बिन हेलोन,
ज़बूलून के क़बीले से इलियाब बिन हेलोन,
10 यूसुफ़ की नसल में से इफ़्राईम के क़बीले का इलीसमा'अ बिन 'अम्मीहूद, और मनस्सी के क़बीले का जमलीएल बिन फ़दाहसूर,
यूसुफ़ की नसल में से इफ़्राईम के क़बीले का इलीसमा'अ बिन 'अम्मीहूद, और मनस्सी के क़बीले का जमलीएल बिन फ़दाहसूर,
11 बिनयमीन के क़बीले से अबिदान बिन जिदा'ऊनी
बिनयमीन के क़बीले से अबिदान बिन जिदा'ऊनी
12 दान के क़बीले से अख़ी'अज़र बिन 'अम्मीशद्दी,
दान के क़बीले से अख़ी'अज़र बिन 'अम्मीशद्दी,
13 आशर के क़बीले से फ़ज'ईएल बिन 'अकरान,
आशर के क़बीले से फ़ज'ईएल बिन 'अकरान,
14 जद्द के क़बीले से इलियासफ़ बिन द'ऊएल,
जद्द के क़बीले से इलियासफ़ बिन द'ऊएल,
15 नफ़्ताली के क़बीले से अख़ीरा' बिन 'एनान।”
नफ़्ताली के क़बीले से अख़ीरा' बिन 'एनान।”
16 यही अश्ख़ास जो अपने आबाई क़बीलों के रईस और बनी — इस्राईल में हज़ारों के सरदार थे जमा'अत में से बुलाए गए।
यही अश्ख़ास जो अपने आबाई क़बीलों के रईस और बनी — इस्राईल में हज़ारों के सरदार थे जमा'अत में से बुलाए गए।
17 और मूसा और हारून ने इन अश्ख़ास को जिनके नाम मज़कूर हैं अपने साथ लिया।
और मूसा और हारून ने इन अश्ख़ास को जिनके नाम मज़कूर हैं अपने साथ लिया।
18 और उन्होंने दूसरे महीने की पहली तारीख़ को सारी जमा'अत को जमा' किया, और इन लोगों ने बीस बरस और उससे ऊपर — ऊपर की उम्र के सब आदमियों का शुमार करवा के अपने — अपने क़बीले, और आबाई ख़ान्दान के मुताबिक़ अपना अपना हस्ब — ओ — नसब लिखवाया।
और उन्होंने दूसरे महीने की पहली तारीख़ को सारी जमा'अत को जमा' किया, और इन लोगों ने बीस बरस और उससे ऊपर — ऊपर की उम्र के सब आदमियों का शुमार करवा के अपने — अपने क़बीले, और आबाई ख़ान्दान के मुताबिक़ अपना अपना हस्ब — ओ — नसब लिखवाया।
19 इसलिए जैसा ख़ुदावन्द ने मूसा को हुक्म दिया था उसी के मुताबिक़ उसने उनको दश्त — ए — सीना में गिना।
इसलिए जैसा ख़ुदावन्द ने मूसा को हुक्म दिया था उसी के मुताबिक़ उसने उनको दश्त — ए — सीना में गिना।
20 और इस्राईल के पहलौठे रूबिन की नसल के लोगों में से एक — एक मर्द जो बीस बरस या उससे ऊपर — ऊपर की उम्र का और जंग करने के क़ाबिल था, वह अपने घराने और आबाई ख़ान्दान के मुताबिक़ अपने नाम से गिना गया।
और इस्राईल के पहलौठे रूबिन की नसल के लोगों में से एक — एक मर्द जो बीस बरस या उससे ऊपर — ऊपर की उम्र का और जंग करने के क़ाबिल था, वह अपने घराने और आबाई ख़ान्दान के मुताबिक़ अपने नाम से गिना गया।
21 इसलिए रूबिन के क़बीले के जो आदमी शुमार किए गए वह छियालीस हज़ार पाँच सौ थे।
इसलिए रूबिन के क़बीले के जो आदमी शुमार किए गए वह छियालीस हज़ार पाँच सौ थे।
22 और शमौन की नसल के लोगों में से एक — एक मर्द जो बीस बरस या उससे ऊपर — ऊपर की उम्र का और जंग करने के क़ाबिल था, वह अपने घराने और आबाई ख़ान्दान के मुताबिक़ अपने नाम से गिना गया।
और शमौन की नसल के लोगों में से एक — एक मर्द जो बीस बरस या उससे ऊपर — ऊपर की उम्र का और जंग करने के क़ाबिल था, वह अपने घराने और आबाई ख़ान्दान के मुताबिक़ अपने नाम से गिना गया।
23 इसलिए शमौन के क़बीले के जो आदमी शुमार किए गए वह उन्सठ हज़ार तीन सौ थे।
इसलिए शमौन के क़बीले के जो आदमी शुमार किए गए वह उन्सठ हज़ार तीन सौ थे।
24 और जद्द की नसल के लोगों में से एक — एक मर्द जो बीस बरस या उससे ऊपर — ऊपर की उम्र का और जंग करने के क़ाबिल था, वह अपने घराने और आबाई ख़ान्दान के मुताबिक़ गिना गया।
और जद्द की नसल के लोगों में से एक — एक मर्द जो बीस बरस या उससे ऊपर — ऊपर की उम्र का और जंग करने के क़ाबिल था, वह अपने घराने और आबाई ख़ान्दान के मुताबिक़ गिना गया।
25 इसलिए जद्द के क़बीले के जो आदमी शुमार किए गए वह पैंतालीस हज़ार छ: सौ पचास थे।
इसलिए जद्द के क़बीले के जो आदमी शुमार किए गए वह पैंतालीस हज़ार छ: सौ पचास थे।
26 और यहूदाह की नसल के लोगों में से एक — एक मर्द जो बीस बरस या उससे ऊपर — ऊपर की उम्र का और जंग करने के क़ाबिल था, वह अपने घराने और आबाई ख़ान्दान के मुताबिक़ गिना गया।
और यहूदाह की नसल के लोगों में से एक — एक मर्द जो बीस बरस या उससे ऊपर — ऊपर की उम्र का और जंग करने के क़ाबिल था, वह अपने घराने और आबाई ख़ान्दान के मुताबिक़ गिना गया।
27 इसलिए यहूदाह के क़बीले के जो आदमी शुमार किए गए वह चौहत्तर हज़ार छ: सौ थे।
इसलिए यहूदाह के क़बीले के जो आदमी शुमार किए गए वह चौहत्तर हज़ार छ: सौ थे।
28 और इश्कार की नसल के लोगों में से एक — एक मर्द जो बीस बरस या उससे ऊपर — ऊपर की उम्र का और जंग करने के क़ाबिल था, वह अपने घराने और आबाई ख़ान्दान के मुताबिक़ गिना गया।
और इश्कार की नसल के लोगों में से एक — एक मर्द जो बीस बरस या उससे ऊपर — ऊपर की उम्र का और जंग करने के क़ाबिल था, वह अपने घराने और आबाई ख़ान्दान के मुताबिक़ गिना गया।
29 इसलिए इश्कार के क़बीले के जो आदमी शुमार किए गए वह चव्वन हज़ार चार सौ थे।
इसलिए इश्कार के क़बीले के जो आदमी शुमार किए गए वह चव्वन हज़ार चार सौ थे।
30 और ज़बूलून की नसल के लोगों में से एक — एक मर्द जो बीस बरस या उससे ऊपर — ऊपर की उम्र का और जंग करने के क़ाबिल था, वह अपने घराने और आबाई ख़ान्दान के मुताबिक़ गिना गया।
और ज़बूलून की नसल के लोगों में से एक — एक मर्द जो बीस बरस या उससे ऊपर — ऊपर की उम्र का और जंग करने के क़ाबिल था, वह अपने घराने और आबाई ख़ान्दान के मुताबिक़ गिना गया।
31 इसलिए ज़बूलून के क़बीले के जो आदमी शुमार किए गए वह सतावन हज़ार चार सौ थे।
इसलिए ज़बूलून के क़बीले के जो आदमी शुमार किए गए वह सतावन हज़ार चार सौ थे।
32 और यूसुफ़ की औलाद या'नी इफ़्राईम की नसल के लोगों में से एक — एक मर्द जो बीस बरस या उससे ऊपर — ऊपर की उम्र का और जंग करने के क़ाबिल था, वह अपने घराने और आबाई ख़ान्दान के मुताबिक़ गिना गया।
और यूसुफ़ की औलाद या'नी इफ़्राईम की नसल के लोगों में से एक — एक मर्द जो बीस बरस या उससे ऊपर — ऊपर की उम्र का और जंग करने के क़ाबिल था, वह अपने घराने और आबाई ख़ान्दान के मुताबिक़ गिना गया।
33 इसलिए इफ़्राईम के क़बीले के जो आदमी शुमार किए गए वह चालीस हज़ार पाँच सौ थे।
इसलिए इफ़्राईम के क़बीले के जो आदमी शुमार किए गए वह चालीस हज़ार पाँच सौ थे।
34 और मनस्सी की नसल के लोगों में से एक — एक मर्द जो बीस बरस या उससे ऊपर — ऊपर की उम्र का और जंग करने के क़ाबिल था, वह अपने घराने और आबाई ख़ान्दान के मुताबिक़ गिना गया।
और मनस्सी की नसल के लोगों में से एक — एक मर्द जो बीस बरस या उससे ऊपर — ऊपर की उम्र का और जंग करने के क़ाबिल था, वह अपने घराने और आबाई ख़ान्दान के मुताबिक़ गिना गया।
35 इसलिए मनस्सी के क़बीले के जो आदमी शुमार किए गए वह बत्तीस हज़ार दो सौ थे।
इसलिए मनस्सी के क़बीले के जो आदमी शुमार किए गए वह बत्तीस हज़ार दो सौ थे।
36 और बिनयमीन की नसल के लोगों में से एक — एक मर्द जो बीस बरस या उससे ऊपर — ऊपर की उम्र का और जंग करने के क़ाबिल था, वह अपने घराने और आबाई ख़ान्दान के मुताबिक़ गिना गया।
और बिनयमीन की नसल के लोगों में से एक — एक मर्द जो बीस बरस या उससे ऊपर — ऊपर की उम्र का और जंग करने के क़ाबिल था, वह अपने घराने और आबाई ख़ान्दान के मुताबिक़ गिना गया।
37 इसलिए बिनयमीन के क़बीले के जो आदमी शुमार किए गए वह पैतिस हज़ार चार सौ थे।
इसलिए बिनयमीन के क़बीले के जो आदमी शुमार किए गए वह पैतिस हज़ार चार सौ थे।
38 और दान की नसल के लोगों में से एक — एक मर्द जो बीस बरस या उससे ऊपर — ऊपर की उम्र का और जंग करने के क़ाबिल था, वह अपने घराने और आबाई ख़ान्दान के मुताबिक़ गिना गया।
और दान की नसल के लोगों में से एक — एक मर्द जो बीस बरस या उससे ऊपर — ऊपर की उम्र का और जंग करने के क़ाबिल था, वह अपने घराने और आबाई ख़ान्दान के मुताबिक़ गिना गया।
39 इसलिए दान के क़बीले के जो आदमी शुमार किए गए वह बासठ हज़ार सात सौ थे।
इसलिए दान के क़बीले के जो आदमी शुमार किए गए वह बासठ हज़ार सात सौ थे।
40 और आशर की नसल के लोगों में से एक — एक मर्द जो बीस बरस या उससे ऊपर — ऊपर की उम्र का और जंग करने के क़ाबिल था, वह अपने घराने और आबाई ख़ान्दान के मुताबिक़ गिना गया।
और आशर की नसल के लोगों में से एक — एक मर्द जो बीस बरस या उससे ऊपर — ऊपर की उम्र का और जंग करने के क़ाबिल था, वह अपने घराने और आबाई ख़ान्दान के मुताबिक़ गिना गया।
41 इसलिए आशर के क़बीले के जो आदमी शुमार किए गए वह इकतालीस हज़ार पाँच सौ थे।
इसलिए आशर के क़बीले के जो आदमी शुमार किए गए वह इकतालीस हज़ार पाँच सौ थे।
42 और नफ़्ताली की नसल के लोगों में से एक — एक मर्द जो बीस बरस या उससे ऊपर — ऊपर की उम्र का और जंग करने के क़ाबिल था, वह अपने घराने और आबाई ख़ान्दान के मुताबिक़ गिना गया।
और नफ़्ताली की नसल के लोगों में से एक — एक मर्द जो बीस बरस या उससे ऊपर — ऊपर की उम्र का और जंग करने के क़ाबिल था, वह अपने घराने और आबाई ख़ान्दान के मुताबिक़ गिना गया।
43 इसलिए, नफ़्ताली के क़बीले के जो आदमी शुमार किए गए वह तिरपन हज़ार चार सौ थे।
इसलिए, नफ़्ताली के क़बीले के जो आदमी शुमार किए गए वह तिरपन हज़ार चार सौ थे।
44 यही वह लोग हैं जो गिने गए। इन ही को मूसा और हारून और बनी — इस्राईल के बारह रईसों ने जो अपने — अपने आबाई ख़ान्दान के सरदार थे, गिना।
यही वह लोग हैं जो गिने गए। इन ही को मूसा और हारून और बनी — इस्राईल के बारह रईसों ने जो अपने — अपने आबाई ख़ान्दान के सरदार थे, गिना।
45 इसलिए बनी — इस्राईल में से जितने आदमी बीस बरस या उससे ऊपर — ऊपर की उम्र के और जंग करने के क़ाबिल थे, वह सब गिने गए।
इसलिए बनी — इस्राईल में से जितने आदमी बीस बरस या उससे ऊपर — ऊपर की उम्र के और जंग करने के क़ाबिल थे, वह सब गिने गए।
46 और उन सभों का शुमार छः लाख तीन हज़ार पाँच सौ पचास था।
और उन सभों का शुमार छः लाख तीन हज़ार पाँच सौ पचास था।
47 पर लावी अपने आबाई क़बीले के मुताबिक़ उनके साथ गिने नहीं गए।
पर लावी अपने आबाई क़बीले के मुताबिक़ उनके साथ गिने नहीं गए।
48 क्यूँकि ख़ुदावन्द ने मूसा से कहा था कि,
क्यूँकि ख़ुदावन्द ने मूसा से कहा था कि,
49 'तू लावियों के क़बीले को न गिनना और न बनी — इस्राईल के शुमार में उनका शुमार दाख़िल करना,
'तू लावियों के क़बीले को न गिनना और न बनी — इस्राईल के शुमार में उनका शुमार दाख़िल करना,
50 बल्कि तू लावियों को शहादत के घर और उसके सब बर्तनों और उसके सब लवाज़िम के मुतवल्ली मुक़र्रर करना। वही घर और उसके सब बर्तनों को उठाया करें और वहीँ उसमें ख़िदमत भी करें और घर के आस — पास वही अपने ख़ेमे लगाया करें।
बल्कि तू लावियों को शहादत के घर और उसके सब बर्तनों और उसके सब लवाज़िम के मुतवल्ली मुक़र्रर करना। वही घर और उसके सब बर्तनों को उठाया करें और वहीँ उसमें ख़िदमत भी करें और घर के आस — पास वही अपने ख़ेमे लगाया करें।
51 और जब घर को आगे रवाना करने का वक़्त हो तो लावी उसे उतारें, और जब घर को लगाने का वक़्त हो तो लावी उसे खड़ा करें; और अगर कोई अजनबी शख़्स उसके नज़दीक आए तो वह जान से मारा जाए।
और जब घर को आगे रवाना करने का वक़्त हो तो लावी उसे उतारें, और जब घर को लगाने का वक़्त हो तो लावी उसे खड़ा करें; और अगर कोई अजनबी शख़्स उसके नज़दीक आए तो वह जान से मारा जाए।
52 और बनी — इस्राईल अपने — अपने दल के मुताबिक़ अपनी — अपनी छावनी और अपने — अपने झंडे के पास अपने — अपने ख़ेमे डालें;
और बनी — इस्राईल अपने — अपने दल के मुताबिक़ अपनी — अपनी छावनी और अपने — अपने झंडे के पास अपने — अपने ख़ेमे डालें;
53 लेकिन लावी शहादत के घर के चारों तरफ़ ख़ेमे लगाएँ, ताकि बनी — इस्राईल की जमा'अत पर ग़ज़ब न हो; और लावी ही शहादत के घर की निगाहबानी करें।”
लेकिन लावी शहादत के घर के चारों तरफ़ ख़ेमे लगाएँ, ताकि बनी — इस्राईल की जमा'अत पर ग़ज़ब न हो; और लावी ही शहादत के घर की निगाहबानी करें।”
54 चुनाँचे बनी — इस्राईल ने जैसा ख़ुदावन्द ने मूसा को हुक्म दिया था वैसा ही किया।
चुनाँचे बनी — इस्राईल ने जैसा ख़ुदावन्द ने मूसा को हुक्म दिया था वैसा ही किया।

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