< गिन 1 >

1 बनी — इस्राईल के मुल्क — ए — मिस्र से निकल आने के दूसरे बरस के दूसरे महीने की पहली तारीख़ को सीना के वीरान में ख़ुदावन्द ने ख़ेमा — ए — इजितमा'अ में मूसा से कहा कि,
وَكَلَّمَ ٱلرَّبُّ مُوسَى فِي بَرِّيَّةِ سِينَاءَ، فِي خَيْمَةِ ٱلِٱجْتِمَاعِ، فِي أَوَّلِ ٱلشَّهْرِ ٱلثَّانِي فِي ٱلسَّنَةِ ٱلثَّانِيَةِ لِخُرُوجِهِمْ مِنْ أَرْضِ مِصْرَ قَائِلًا:١
2 “तुम एक — एक मर्द का नाम ले लेकर गिनो, और उनके नामों की ता'दाद से बनी — इस्राईल की सारी जमा'अत की मर्दुमशुमारी का हिसाब उनके क़बीलों और आबाई ख़ान्दानों के मुताबिक़ करो।
«أَحْصُوا كُلَّ جَمَاعَةِ بَنِي إِسْرَائِيلَ بِعَشَائِرِهِمْ وَبُيُوتِ آبَائِهِمْ، بِعَدَدِ ٱلْأَسْمَاءِ، كُلَّ ذَكَرٍ بِرَأْسِهِ،٢
3 बीस बरस और उससे ऊपर — ऊपर की उम्र के जितने इस्राईली जंग करने के क़ाबिल हों, उन सभों के अलग — अलग दलों को तू और हारून दोनों मिल कर गिन डालो।
مِنِ ٱبْنِ عِشْرِينَ سَنَةً فَصَاعِدًا، كُلَّ خَارِجٍ لِلْحَرْبِ فِي إِسْرَائِيلَ. تَحْسُبُهُمْ أَنْتَ وَهَارُونُ حَسَبَ أَجْنَادِهِمْ.٣
4 और हर क़बीले से एक — एक आदमी जो अपने आबाई ख़ान्दान का सरदार है तुम्हारे साथ हो।
وَيَكُونُ مَعَكُمَا رَجُلٌ لِكُلِّ سِبْطٍ، رَجُلٌ هُوَ رَأْسٌ لِبَيْتِ آبَائِهِ.٤
5 और जो आदमी तुम्हारे साथ होंगे उनके नाम यह हैं: रूबिन के क़बीले से इलिसूर बिन शदियूर
وَهَذِهِ أَسْمَاءُ ٱلرِّجَالِ ٱلَّذِينَ يَقِفُونَ مَعَكُمَا: لِرَأُوبَيْنَ أَلِيصُورُ بْنُ شَدَيْئُورَ.٥
6 शमौन के क़बीले से सलूमीएल बिन सूरीशद्दी,
لِشِمْعُونَ شَلُومِيئِيلُ بْنُ صُورِيشَدَّاي.٦
7 यहूदाह के क़बीले से नहसोन बिन 'अम्मीनदाब,
لِيَهُوذَا نَحْشُونُ بْنُ عَمِّينَادَابَ.٧
8 इश्कार के क़बीले से नतनीएल बिन ज़ुग़र,
لِيَسَّاكَرَ نَثَنَائِيلُ بْنُ صُوغَرَ.٨
9 ज़बूलून के क़बीले से इलियाब बिन हेलोन,
لِزَبُولُونَ أَلِيآبُ بْنُ حِيلُونَ.٩
10 यूसुफ़ की नसल में से इफ़्राईम के क़बीले का इलीसमा'अ बिन 'अम्मीहूद, और मनस्सी के क़बीले का जमलीएल बिन फ़दाहसूर,
لِٱبْنَيْ يُوسُفَ: لِأَفْرَايِمَ أَلِيشَمَعُ بْنُ عَمِّيهُودَ، وَلِمَنَسَّى جَمْلِيئِيلُ بْنُ فَدَهْصُورَ.١٠
11 बिनयमीन के क़बीले से अबिदान बिन जिदा'ऊनी
لِبَنْيَامِينَ أَبِيدَنُ بْنُ جِدْعُونِي.١١
12 दान के क़बीले से अख़ी'अज़र बिन 'अम्मीशद्दी,
لِدَانَ أَخِيعَزَرُ بْنُ عَمِّيشَدَّاي.١٢
13 आशर के क़बीले से फ़ज'ईएल बिन 'अकरान,
لِأَشِيرَ فَجْعِيئِيلُ بْنُ عُكْرَنَ.١٣
14 जद्द के क़बीले से इलियासफ़ बिन द'ऊएल,
لِجَادَ أَلِيَاسَافُ بْنُ دَعُوئِيلَ.١٤
15 नफ़्ताली के क़बीले से अख़ीरा' बिन 'एनान।”
لِنَفْتَالِي أَخِيرَعُ بْنُ عِينَنَ».١٥
16 यही अश्ख़ास जो अपने आबाई क़बीलों के रईस और बनी — इस्राईल में हज़ारों के सरदार थे जमा'अत में से बुलाए गए।
هَؤُلَاءِ هُمْ مَشَاهِيرُ ٱلْجَمَاعَةِ، رُؤَسَاءُ أَسْبَاطِ آبَائِهِمْ. رُؤُوسُ أُلُوفِ إِسْرَائِيلَ.١٦
17 और मूसा और हारून ने इन अश्ख़ास को जिनके नाम मज़कूर हैं अपने साथ लिया।
فَأَخَذَ مُوسَى وَهَارُونُ هَؤُلَاءِ ٱلرِّجَالَ ٱلَّذِينَ تَعَيَّنُوا بِأَسْمَائِهِمْ،١٧
18 और उन्होंने दूसरे महीने की पहली तारीख़ को सारी जमा'अत को जमा' किया, और इन लोगों ने बीस बरस और उससे ऊपर — ऊपर की उम्र के सब आदमियों का शुमार करवा के अपने — अपने क़बीले, और आबाई ख़ान्दान के मुताबिक़ अपना अपना हस्ब — ओ — नसब लिखवाया।
وَجَمَعَا كُلَّ ٱلْجَمَاعَةِ فِي أَوَّلِ ٱلشَّهْرِ ٱلثَّانِي، فَٱنْتَسَبُوا إِلَى عَشَائِرِهِمْ وَبُيُوتِ آبَائِهِمْ بِعَدَدِ ٱلْأَسْمَاءِ، مِنِ ٱبْنِ عِشْرِينَ سَنَةً فَصَاعِدًا بِرُؤُوسِهِمْ،١٨
19 इसलिए जैसा ख़ुदावन्द ने मूसा को हुक्म दिया था उसी के मुताबिक़ उसने उनको दश्त — ए — सीना में गिना।
كَمَا أَمَرَ ٱلرَّبُّ مُوسَى. فَعَدَّهُمْ فِي بَرِّيَّةِ سِينَاءَ.١٩
20 और इस्राईल के पहलौठे रूबिन की नसल के लोगों में से एक — एक मर्द जो बीस बरस या उससे ऊपर — ऊपर की उम्र का और जंग करने के क़ाबिल था, वह अपने घराने और आबाई ख़ान्दान के मुताबिक़ अपने नाम से गिना गया।
فَكَانَ بَنُو رَأُوبَيْنَ بِكْرِ إِسْرَائِيلَ، تَوَالِيدُهُمْ حَسَبَ عَشَائِرِهِمْ وَبُيُوتِ آبَائِهِمْ، بِعَدَدِ ٱلْأَسْمَاءِ بِرُؤُوسِهِمْ، كُلُّ ذَكَرٍ مِنِ ٱبْنِ عِشْرِينَ سَنَةً فَصَاعِدًا، كُلُّ خَارِجٍ لِلْحَرْبِ،٢٠
21 इसलिए रूबिन के क़बीले के जो आदमी शुमार किए गए वह छियालीस हज़ार पाँच सौ थे।
كَانَ ٱلْمَعْدُودُونَ مِنْهُمْ لِسِبْطِ رَأُوبَيْنَ سِتَّةً وَأَرْبَعِينَ أَلْفًا وَخَمْسَ مِئَةٍ.٢١
22 और शमौन की नसल के लोगों में से एक — एक मर्द जो बीस बरस या उससे ऊपर — ऊपर की उम्र का और जंग करने के क़ाबिल था, वह अपने घराने और आबाई ख़ान्दान के मुताबिक़ अपने नाम से गिना गया।
بَنُو شِمْعُونَ، تَوَالِيدُهُمْ حَسَبَ عَشَائِرِهِمْ وَبُيُوتِ آبَائِهِمِ، ٱلْمَعْدُودُونَ مِنْهُمْ بِعَدَدِ ٱلْأَسْمَاءِ بِرُؤُوسِهِمْ، كُلُّ ذَكَرٍ مِنِ ٱبْنِ عِشْرِينَ سَنَةً فَصَاعِدًا، كُلُّ خَارِجٍ لِلْحَرْبِ،٢٢
23 इसलिए शमौन के क़बीले के जो आदमी शुमार किए गए वह उन्सठ हज़ार तीन सौ थे।
ٱلْمَعْدُودُونَ مِنْهُمْ لِسِبْطِ شِمْعُونَ تِسْعَةٌ وَخَمْسُونَ أَلْفًا وَثَلَاثُ مِئَةٍ.٢٣
24 और जद्द की नसल के लोगों में से एक — एक मर्द जो बीस बरस या उससे ऊपर — ऊपर की उम्र का और जंग करने के क़ाबिल था, वह अपने घराने और आबाई ख़ान्दान के मुताबिक़ गिना गया।
بَنُو جَادَ، تَوَالِيدُهُمْ حَسَبَ عَشَائِرِهِمْ وَبُيُوتِ آبَائِهِمْ، بِعَدَدِ ٱلْأَسْمَاءِ مِنِ ٱبْنِ عِشْرِينَ سَنَةً فَصَاعِدًا، كُلُّ خَارِجٍ لِلْحَرْبِ،٢٤
25 इसलिए जद्द के क़बीले के जो आदमी शुमार किए गए वह पैंतालीस हज़ार छ: सौ पचास थे।
ٱلْمَعْدُودُونَ مِنْهُمْ لِسِبْطِ جَادَ خَمْسَةٌ وَأَرْبَعُونَ أَلْفًا وَسِتُّ مِئَةٍ وَخَمْسُونَ.٢٥
26 और यहूदाह की नसल के लोगों में से एक — एक मर्द जो बीस बरस या उससे ऊपर — ऊपर की उम्र का और जंग करने के क़ाबिल था, वह अपने घराने और आबाई ख़ान्दान के मुताबिक़ गिना गया।
بَنُو يَهُوذَا، تَوَالِيدُهُمْ حَسَبَ عَشَائِرِهِمْ وَبُيُوتِ آبَائِهِمْ، بِعَدَدِ ٱلْأَسْمَاءِ مِنِ ٱبْنِ عِشْرِينَ سَنَةً فَصَاعِدًا، كُلُّ خَارِجٍ لِلْحَرْبِ،٢٦
27 इसलिए यहूदाह के क़बीले के जो आदमी शुमार किए गए वह चौहत्तर हज़ार छ: सौ थे।
ٱلْمَعْدُودُونَ مِنْهُمْ لِسِبْطِ يَهُوذَا أَرْبَعَةٌ وَسَبْعُونَ أَلْفًا وَسِتُّ مِئَةٍ.٢٧
28 और इश्कार की नसल के लोगों में से एक — एक मर्द जो बीस बरस या उससे ऊपर — ऊपर की उम्र का और जंग करने के क़ाबिल था, वह अपने घराने और आबाई ख़ान्दान के मुताबिक़ गिना गया।
بَنُو يَسَّاكَرَ، تَوَالِيدُهُمْ حَسَبَ عَشَائِرِهِمْ وَبُيُوتِ آبَائِهِمْ، بِعَدَدِ ٱلْأَسْمَاءِ مِنِ ٱبْنِ عِشْرِينَ سَنَةً فَصَاعِدًا، كُلُّ خَارِجٍ لِلْحَرْبِ،٢٨
29 इसलिए इश्कार के क़बीले के जो आदमी शुमार किए गए वह चव्वन हज़ार चार सौ थे।
ٱلْمَعْدُودُونَ مِنْهُمْ لِسِبْطِ يَسَّاكَرَ أَرْبَعَةٌ وَخَمْسُونَ أَلْفًا وَأَرْبَعُ مِئَةٍ.٢٩
30 और ज़बूलून की नसल के लोगों में से एक — एक मर्द जो बीस बरस या उससे ऊपर — ऊपर की उम्र का और जंग करने के क़ाबिल था, वह अपने घराने और आबाई ख़ान्दान के मुताबिक़ गिना गया।
بَنُو زَبُولُونَ، تَوَالِيدُهُمْ حَسَبَ عَشَائِرِهِمْ وَبُيُوتِ آبَائِهِمْ، بِعَدَدِ ٱلْأَسْمَاءِ مِنِ ٱبْنِ عِشْرِينَ سَنَةً فَصَاعِدًا، كُلُّ خَارِجٍ لِلْحَرْبِ،٣٠
31 इसलिए ज़बूलून के क़बीले के जो आदमी शुमार किए गए वह सतावन हज़ार चार सौ थे।
ٱلْمَعْدُودُونَ مِنْهُمْ لِسِبْطِ زَبُولُونَ سَبْعَةٌ وَخَمْسُونَ أَلْفًا وَأَرْبَعُ مِئَةٍ.٣١
32 और यूसुफ़ की औलाद या'नी इफ़्राईम की नसल के लोगों में से एक — एक मर्द जो बीस बरस या उससे ऊपर — ऊपर की उम्र का और जंग करने के क़ाबिल था, वह अपने घराने और आबाई ख़ान्दान के मुताबिक़ गिना गया।
بَنُو يُوسُفَ: بَنُو أَفْرَايِمَ، تَوَالِيدُهُمْ حَسَبَ عَشَائِرِهِمْ وَبُيُوتِ آبَائِهِمْ، بِعَدَدِ ٱلْأَسْمَاءِ مِنِ ٱبْنِ عِشْرِينَ سَنَةً فَصَاعِدًا، كُلُّ خَارِجٍ لِلْحَرْبِ،٣٢
33 इसलिए इफ़्राईम के क़बीले के जो आदमी शुमार किए गए वह चालीस हज़ार पाँच सौ थे।
ٱلْمَعْدُودُونَ مِنْهُمْ لِسِبْطِ أَفْرَايِمَ أَرْبَعُونَ أَلْفًا وَخَمْسُ مِئَةٍ.٣٣
34 और मनस्सी की नसल के लोगों में से एक — एक मर्द जो बीस बरस या उससे ऊपर — ऊपर की उम्र का और जंग करने के क़ाबिल था, वह अपने घराने और आबाई ख़ान्दान के मुताबिक़ गिना गया।
بَنُو مَنَسَّى، تَوَالِيدُهُمْ حَسَبَ عَشَائِرِهِمْ وَبُيُوتِ آبَائِهِمْ، بِعَدَدِ ٱلْأَسْمَاءِ مِنِ ٱبْنِ عِشْرِينَ سَنَةً فَصَاعِدًا، كُلُّ خَارِجٍ لِلْحَرْبِ،٣٤
35 इसलिए मनस्सी के क़बीले के जो आदमी शुमार किए गए वह बत्तीस हज़ार दो सौ थे।
ٱلْمَعْدُودُونَ مِنْهُمْ لِسِبْطِ مَنَسَّى ٱثْنَانِ وَثَلَاثُونَ أَلْفًا وَمِئَتَانِ.٣٥
36 और बिनयमीन की नसल के लोगों में से एक — एक मर्द जो बीस बरस या उससे ऊपर — ऊपर की उम्र का और जंग करने के क़ाबिल था, वह अपने घराने और आबाई ख़ान्दान के मुताबिक़ गिना गया।
بَنُو بَنْيَامِينَ، تَوَالِيدُهُمْ حَسَبَ عَشَائِرِهِمْ وَبُيُوتِ آبَائِهِمْ، بِعَدَدِ ٱلْأَسْمَاءِ مِنِ ٱبْنِ عِشْرِينَ سَنَةً فَصَاعِدًا، كُلُّ خَارِجٍ لِلْحَرْبِ،٣٦
37 इसलिए बिनयमीन के क़बीले के जो आदमी शुमार किए गए वह पैतिस हज़ार चार सौ थे।
ٱلْمَعْدُودُونَ مِنْهُمْ لِسِبْطِ بَنْيَامِينَ خَمْسَةٌ وَثَلَاثُونَ أَلْفًا وَأَرْبَعُ مِئَةٍ.٣٧
38 और दान की नसल के लोगों में से एक — एक मर्द जो बीस बरस या उससे ऊपर — ऊपर की उम्र का और जंग करने के क़ाबिल था, वह अपने घराने और आबाई ख़ान्दान के मुताबिक़ गिना गया।
بَنُو دَانَ، تَوَالِيدُهُمْ حَسَبَ عَشَائِرِهِمْ وَبُيُوتِ آبَائِهِمْ، بِعَدَدِ ٱلْأَسْمَاءِ مِنِ ٱبْنِ عِشْرِينَ سَنَةً فَصَاعِدًا، كُلُّ خَارِجٍ لِلْحَرْبِ،٣٨
39 इसलिए दान के क़बीले के जो आदमी शुमार किए गए वह बासठ हज़ार सात सौ थे।
ٱلْمَعْدُودُونَ مِنْهُمْ لِسِبْطِ دَانَ ٱثْنَانِ وَسِتُّونَ أَلْفًا وَسَبْعُ مِئَةٍ.٣٩
40 और आशर की नसल के लोगों में से एक — एक मर्द जो बीस बरस या उससे ऊपर — ऊपर की उम्र का और जंग करने के क़ाबिल था, वह अपने घराने और आबाई ख़ान्दान के मुताबिक़ गिना गया।
بَنُو أَشِيرَ، تَوَالِيدُهُمْ حَسَبَ عَشَائِرِهِمْ وَبُيُوتِ آبَائِهِمْ، بِعَدَدِ ٱلْأَسْمَاءِ مِنِ ٱبْنِ عِشْرِينَ سَنَةً فَصَاعِدًا، كُلُّ خَارِجٍ لِلْحَرْبِ،٤٠
41 इसलिए आशर के क़बीले के जो आदमी शुमार किए गए वह इकतालीस हज़ार पाँच सौ थे।
ٱلْمَعْدُودُونَ مِنْهُمْ لِسِبْطِ أَشِيرَ وَاحِدٌ وأَرْبَعُونَ أَلْفًا وَخَمْسُ مِئَةٍ.٤١
42 और नफ़्ताली की नसल के लोगों में से एक — एक मर्द जो बीस बरस या उससे ऊपर — ऊपर की उम्र का और जंग करने के क़ाबिल था, वह अपने घराने और आबाई ख़ान्दान के मुताबिक़ गिना गया।
بَنُو نَفْتَالِي، تَوَالِيدُهُمْ حَسَبَ عَشَائِرِهِمْ وَبُيُوتِ آبَائِهِمْ، بِعَدَدِ ٱلْأَسْمَاءِ مِنِ ٱبْنِ عِشْرِينَ سَنَةً فَصَاعِدًا، كُلُّ خَارِجٍ لِلْحَرْبِ،٤٢
43 इसलिए, नफ़्ताली के क़बीले के जो आदमी शुमार किए गए वह तिरपन हज़ार चार सौ थे।
ٱلْمَعْدُودُونَ مِنْهُمْ لِسِبْطِ نَفْتَالِي ثَلَاثَةٌ وَخَمْسُونَ أَلْفًا وَأَرْبَعُ مِئَةٍ.٤٣
44 यही वह लोग हैं जो गिने गए। इन ही को मूसा और हारून और बनी — इस्राईल के बारह रईसों ने जो अपने — अपने आबाई ख़ान्दान के सरदार थे, गिना।
هَؤُلَاءِ هُمُ ٱلْمَعْدُودُونَ ٱلَّذِينَ عَدَّهُمْ مُوسَى وَهَارُونُ وَرُؤَسَاءُ إِسْرَائِيلَ، ٱثْنَا عَشَرَ رَجُلًا، رَجُلٌ وَاحِدٌ لِبَيْتِ آبَائِهِ.٤٤
45 इसलिए बनी — इस्राईल में से जितने आदमी बीस बरस या उससे ऊपर — ऊपर की उम्र के और जंग करने के क़ाबिल थे, वह सब गिने गए।
فَكَانَ جَمِيعُ ٱلْمَعْدُودِينَ مِنْ بَنِي إِسْرَائِيلَ حَسَبَ بُيُوتِ آبَائِهِمْ مِنِ ٱبْنِ عِشْرِينَ سَنَةً فَصَاعِدًا، كُلُّ خَارِجٍ لِلْحَرْبِ فِي إِسْرَائِيلَ.٤٥
46 और उन सभों का शुमार छः लाख तीन हज़ार पाँच सौ पचास था।
كَانَ جَمِيعُ ٱلْمَعْدُودِينَ سِتَّ مِئَةِ أَلْفٍ وَثَلَاثَةَ آلَافٍ وَخَمْسَ مِئَةٍ وَخَمْسِينَ.٤٦
47 पर लावी अपने आबाई क़बीले के मुताबिक़ उनके साथ गिने नहीं गए।
وَأَمَّا ٱللَّاوِيُّونَ حَسَبَ سِبْطِ آبَائِهِمْ فَلَمْ يُعَدُّوا بَيْنَهُمْ،٤٧
48 क्यूँकि ख़ुदावन्द ने मूसा से कहा था कि,
إِذْ كَلَّمَ ٱلرَّبُّ مُوسَى قَائِلًا:٤٨
49 'तू लावियों के क़बीले को न गिनना और न बनी — इस्राईल के शुमार में उनका शुमार दाख़िल करना,
«أَمَّا سِبْطُ لَاوِي فَلَا تَحْسُبُهُ وَلَا تَعُدَّهُ بَيْنَ بَنِي إِسْرَائِيلَ.٤٩
50 बल्कि तू लावियों को शहादत के घर और उसके सब बर्तनों और उसके सब लवाज़िम के मुतवल्ली मुक़र्रर करना। वही घर और उसके सब बर्तनों को उठाया करें और वहीँ उसमें ख़िदमत भी करें और घर के आस — पास वही अपने ख़ेमे लगाया करें।
بَلْ وَكِّلِ ٱللَّاوِيِّينَ عَلَى مَسْكَنِ ٱلشَّهَادَةِ وَعَلَى جَمِيعِ أَمْتِعَتِهِ وَعَلَى كُلِّ مَا لَهُ. هُمْ يَحْمِلُونَ ٱلْمَسْكَنَ وَكُلَّ أَمْتِعَتِهِ، وَهُمْ يَخْدِمُونَهُ، وَحَوْلَ ٱلْمَسْكَنِ يَنْزِلُونَ.٥٠
51 और जब घर को आगे रवाना करने का वक़्त हो तो लावी उसे उतारें, और जब घर को लगाने का वक़्त हो तो लावी उसे खड़ा करें; और अगर कोई अजनबी शख़्स उसके नज़दीक आए तो वह जान से मारा जाए।
فَعِنْدَ ٱرْتِحَالِ ٱلْمَسْكَنِ يُنَزِّلُهُ ٱللَّاوِيُّونَ وَعِنْدَ نُزُولِ ٱلْمَسْكَنِ يُقِيمُهُ ٱللَّاوِيُّونَ. وَٱلْأَجْنَبِيُّ ٱلَّذِي يَقْتَرِبُ يُقْتَلُ.٥١
52 और बनी — इस्राईल अपने — अपने दल के मुताबिक़ अपनी — अपनी छावनी और अपने — अपने झंडे के पास अपने — अपने ख़ेमे डालें;
وَيَنْزِلُ بَنُو إِسْرَائِيلَ كُلٌّ فِي مَحَلَّتِهِ وَكُلٌّ عِنْدَ رَايَتِهِ بِأَجْنَادِهِمْ.٥٢
53 लेकिन लावी शहादत के घर के चारों तरफ़ ख़ेमे लगाएँ, ताकि बनी — इस्राईल की जमा'अत पर ग़ज़ब न हो; और लावी ही शहादत के घर की निगाहबानी करें।”
وَأَمَّا ٱللَّاوِيُّونَ فَيَنْزِلُونَ حَوْلَ مَسْكَنِ ٱلشَّهَادَةِ لِكَيْ لَا يَكُونَ سَخَطٌ عَلَى جَمَاعَةِ بَنِي إِسْرَائِيلَ، فَيَحْفَظُ ٱللَّاوِيُّونَ شَعَائِرَ مَسْكَنِ ٱلشَّهَادَةِ».٥٣
54 चुनाँचे बनी — इस्राईल ने जैसा ख़ुदावन्द ने मूसा को हुक्म दिया था वैसा ही किया।
فَفَعَلَ بَنُو إِسْرَائِيلَ حَسَبَ كُلِّ مَا أَمَرَ ٱلرَّبُّ مُوسَى كَذَلِكَ فَعَلُوا.٥٤

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