Aionian Verses
और उसके सब बेटे बेटियाँ उसे तसल्ली देने जाते थे, लेकिन उसे तसल्ली न होती थी। वह यही कहता रहा, कि मैं तो मातम ही करता हुआ क़ब्र में अपने बेटे से जा मिलूँगा। इसलिए उसका बाप उसके लिए रोता रहा। (Sheol )
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उसने कहा, मेरा बेटा तुम्हारे साथ नहीं जाएगा; क्यूँकि उसका भाई मर गया और वह अकेला रह गया है। अगर रास्ते में जाते — जाते उस पर कोई आफ़त आ पड़े तो तुम मेरे सफ़ेद बालों को ग़म के साथ क़ब्र में उतारोगे। (Sheol )
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अब अगर तुम इसको भी मेरे पास से ले जाओ और इस पर कोई आफ़त आ पड़े, तो तुम मेरे सफ़ेद बालों को ग़म के साथ क़ब्र में उतारोगे।” (Sheol )
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वह यह देख कर कि लड़का नहीं आया मर जाएगा, और तेरे ख़ादिम अपने बाप के, जो तेरा ख़ादिम है, सफ़ेद बालों को ग़म के साथ क़ब्र में उतारेंगे। (Sheol )
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लेकिन अगर ख़ुदावन्द कोई नया करिश्मा दिखाए, और ज़मीन अपना मुँह खोल दे और इनको इनके घर — बार के साथ निगल जाए और यह जीते जी पाताल में समा जाएँ, तो तुम जानना कि इन लोगों ने ख़ुदावन्द की तहक़ीर की है।” (Sheol )
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तब वह और उनका सारा घर — बार जीते जो पाताल में समा गए और ज़मीन उनके ऊपर बराबर हो गई, और वह जमा'अत में से ख़त्म हो गए। (Sheol )
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इसलिए कि मेरे ग़ुस्से के मारे आग भड़क उठी है, जो पाताल की तह तक जलती जाएगी, और ज़मीन को उसकी पैदावार समेत भसम कर देगी, और पहाड़ों की बुनियादों में आग लगा देगी। (Sheol )
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ख़ुदावन्द मारता है और जिलाता है; वही क़ब्र मैं उतारता और उससे निकालता है। (Sheol )
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पाताल की रस्सियाँ मेरे चारो तरफ़ थीं मौत के फंदे मुझ पर आते थे। (Sheol )
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इसलिए तू अपनी हिकमत से काम लेना और उसके सफ़ेद सर को क़ब्र में सलामत उतरने न देना। (Sheol )
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तब तू उसको बेगुनाह न ठहराना, क्यूँकि तू ''अक़्लमन्द आदमी है और तू जानता है कि तुझे उसके साथ क्या करना चाहिए, इसलिए तू उसका सफ़ेद सर लहू लुहान करके क़ब्र में उतारना।” (Sheol )
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जैसे बादल फटकर ग़ायब हो जाता है, वैसे ही वह जो क़ब्र में उतरता है फिर कभी ऊपर नहीं आता; (Sheol )
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वह आसमान की तरह ऊँचा है, तू क्या कर सकता है? वह पाताल सा गहरा है, तू क्या जान सकता है? (Sheol )
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काश कि तू मुझे पाताल में छिपा दे, और जब तक तेरा क़हर टल न जाए, मुझे पोशीदा रख्खे; और कोई मुक़र्ररा वक़्त मेरे लिए ठहराए और मुझे याद करे। (Sheol )
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अगर में उम्मीद करूँ कि पाताल मेरा घर है, अगर मैंने अँधेरे में अपना बिछौना बिछा लिया है। (Sheol )
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वह पाताल के फाटकों तक नीचे उतर जाएगी जब हम मिलकर ख़ाक में आराम पाएँगे।” (Sheol )
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वह ख़ुशहाली में अपने दिन काटते, और दम के दम में पाताल में उतर जाते हैं। (Sheol )
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ख़ुश्की और गर्मी बरफ़ानी पानी के नालों को सुखा देती हैं, ऐसा ही क़ब्र गुनहगारों के साथ करती है। (Sheol )
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पाताल उसके सामने खुला है, और जहन्नुम बेपर्दा है। (Sheol )
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क्यूँकि मौत के बाद तेरी याद नहीं होती, क़ब्र में कौन तेरी शुक्रगुज़ारी करेगा? (Sheol )
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शरीर पाताल में जाएँगे, या'नी वह सब क़ौमें जो ख़ुदा को भूल जाती हैं (Sheol )
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क्यूँकि तू न मेरी जान को पाताल में रहने देगा, न अपने मुक़द्दस को सड़ने देगा। (Sheol )
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पाताल की रस्सियाँ मेरे चारों तरफ़ थीं, मौत के फंदे मुझ पर आ पड़े थे। (Sheol )
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ऐ ख़ुदावन्द, तू मेरी जान को पाताल से निकाल लाया है; तूने मुझे ज़िन्दा रख्खा है कि क़ब्र में न जाऊँ। (Sheol )
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ऐ ख़ुदावन्द, मुझे शर्मिन्दा न होने दे क्यूँकि मैंने तुझ से दुआ की है; शरीर शर्मिन्दा हो जाएँ और पाताल में ख़ामोश हों। (Sheol )
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वह जैसे पाताल का रेवड़ ठहराए गए हैं; मौत उनकी पासबान होगी; दियानतदार सुबह को उन पर मुसल्लत होगा, और उनका हुस्न पाताल का लुक़्मा होकर बेठिकाना होगा। (Sheol )
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लेकिन ख़ुदा मेरी जान को पाताल के इख़्तियार से छुड़ा लेगा, क्यूँकि वही मुझे कु़बूल करेगा। (सिलाह) (Sheol )
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उनकी मौत अचानक आ दबाए; वह जीते जी पाताल में उतर जाएँ: क्यूँकि शरारत उनके घरों में और उनके अन्दर है। (Sheol )
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क्यूँकि मुझ पर तेरी बड़ी शफ़क़त है; और तूने मेरी जान को पाताल की तह से निकाला है। (Sheol )
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क्यूँकि मेरा दिल दुखों से भरा है, और मेरी जान पाताल के नज़दीक पहुँच गई है। (Sheol )
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वह कौन सा आदमी है जो ज़िन्दा ही रहेगा और मौत को न देखेगा, और अपनी जान को पाताल के हाथ से बचा लेगा? (सिलाह) (Sheol )
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मौत की रस्सियों ने मुझे जकड़ लिया, और पाताल के दर्द मुझ पर आ पड़े; मैं दुख और ग़म में गिरफ़्तार हुआ। (Sheol )
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अगर आसमान पर चढ़ जाऊँ, तो तू वहाँ है। अगर मैं पाताल में बिस्तर बिछाऊँ, तो देख तू वहाँ भी है! (Sheol )
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जैसे कोई हल चलाकर ज़मीन को तोड़ता है, वैसे ही हमारी हड्डियाँ पाताल के मुँह पर बिखरी पड़ी हैं। (Sheol )
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हम उनको इस तरह ज़िन्दा और पूरा निगल जाएँ जिस तरह पाताल मुर्दों को निगल जाता है। (Sheol )
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उसके पाँव मौत की तरफ़ जाते हैं, उसके क़दम पाताल तक पहुँचते हैं। (Sheol )
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उसका घर पाताल का रास्ता है, और मौत की कोठरियों को जाता है। (Sheol )
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लेकिन वह नहीं जानता कि वहाँ मुर्दे पड़े हैं, और उस 'औरत के मेहमान पाताल की तह में हैं। (Sheol )
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जब पाताल और जहन्नुम ख़ुदावन्द के सामने खुले हैं, तो बनी आदम के दिल का क्या ज़िक्र? (Sheol )
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'अक़्लमंद के लिए ज़िन्दगी की राह ऊपर को जाती है, ताकि वह पाताल में उतरने से बच जाए। (Sheol )
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तू उसे छड़ी से मारेगा, और उसकी जान को पाताल से बचाएगा। (Sheol )
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जिस तरह पाताल और हलाकत को आसूदगी नहीं, उसी तरह इंसान की आँखे सेर नहीं होतीं। (Sheol )
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पाताल और बाँझ का रिहम, और ज़मीन जो सेराब नहीं हुई, और आग जो कभी “बस” नहीं कहती। (Sheol )
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जो काम तेरा हाथ करने को पाए उसे मक़दूर भर कर क्यूँकि पाताल में जहाँ तू जाता है न काम है न मन्सूबा, न 'इल्म न हिकमत। (Sheol )
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नगीन की तरह मुझे अपने दिल में लगा रख और तावीज़ की तरह अपने बाज़ू पर, क्यूँकि इश्क मौत की तरह ज़बरदस्त है, और गै़रत पाताल सी बेमुरव्वत है उसके शो'ले आग के शोले हैं, और ख़ुदावन्द के शोले की तरह। (Sheol )
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फिर पाताल अपनी हवस बढ़ाता है और अपना मुँह बे इन्तहा फाड़ता है और उनके शरीफ़ और 'आम लोग और ग़ौग़ाई और जो कोई उनमें घमण्ड करता है, उसमें उतर जाएँगे। (Sheol )
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ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा से कोई निशान तलब कर चाहे नीचे पाताल में चाहे ऊपर बुलन्दी पर।” (Sheol )
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पाताल नीचे से तेरी वजह से जुम्बिश खाता है कि तेरे आते वक़्त तेरा इस्तक़बाल करे; वह तेरे लिए मुर्दों को या'नी ज़मीन के सब सरदारों को जगाता है; वह क़ौमों के सब बादशाहों को उनके तख़्तों पर से उठा खड़ा करता है। (Sheol )
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तेरी शान — ओ — शौकत और तेरे साज़ों की ख़ुश आवाज़ी पाताल में उतारी गई; तेरे नीचे कीड़ों का फ़र्श हुआ, और कीड़े ही तेरा बालापोश बने। (Sheol )
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लेकिन तू पाताल में गढ़े की तह में उतारा जाएगा। (Sheol )
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चूँकि तुम कहा करते हो, कि “हम ने मौत से 'अहद बाँधा, और पाताल से पैमान कर लिया है; जब सज़ा का सैलाब आएगा तो हम तक नहीं पहुँचेगा, क्यूँकि हम ने झूठ को अपनी पनाहगाह बनाया है और दरोग़गोई की आड़ में छिप गए हैं;” (Sheol )
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और तुम्हारा 'अहद जो मौत से हुआ मन्सूख़ हो जाएगा और तुम्हारा पैमान जो पाताल से हुआ क़ाईम न रहेगा; जब सज़ा का सैलाब आएगा, तो तुम को पामाल करेगा। (Sheol )
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मैंने कहा मैं अपनी आधी उम्र में पाताल के फाटकों में दाख़िल हूँगा, मेरी ज़िन्दगी के बाक़ी बरस मुझसे छीन लिए गए। (Sheol )
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इसलिए कि पाताल तेरी इबादत नहीं कर सकता; और मौत से तेरी हम्द नहीं हो सकती। वह जो क़ब्र में उतरने वाले हैं तेरी सच्चाई के उम्मीदवार नहीं हो सकते। (Sheol )
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तू ख़ुशबू लगाकर बादशाह के सामने चली गई और अपने आपको ख़ूब मु'अत्तर किया, और अपने क़ासिद दूर दूर भेजे बल्कि तूने अपने आपको पाताल तक पस्त किया। (Sheol )
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ख़ुदावन्द ख़ुदा यूँ फ़रमाता है: कि जिस रोज़ वह पाताल में उतरे मैं मातम कराऊँगा, मैं उसकी वजह से गहराव को छिपा दूँगा और उसकी नहरों को रोक दूँगा और बड़े सैलाब थम जाएँगे; हाँ, मैं लुबनान को उसके लिए सियाह पोश कराऊँगा, और उसके लिए मैदान के सब दरख़्त ग़शी में आएँगे। (Sheol )
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जिस वक़्त मैं उसे उन सब के साथ जो गढ़े में गिरते हैं, पाताल में डालूँगा, तो उसके गिरने के शोर से तमाम क़ौम लरज़ाँ होंगी; और अदन के सब दरख़्त, लुबनान के चीदा और नफ़ीस, वह सब जो पानी जज़्ब करते हैं ज़मीन के तह में तसल्ली पाएँगे। (Sheol )
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वह भी उसके साथ उन तक, जो तलवार से मारे गए, पाताल में उतर जाएँगे और वह भी जो उसके बाज़ू थे, और क़ौमों के बीच उसके साये में बसते थे वहीं होंगे। (Sheol )
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वह जो उहदे दारों में सब से तवाना हैं, पाताल में उस से और उसके मददगारों से मुख़ातिब होंगे:'वह पाताल में उतर गए, वह बे हिस पड़े हैं, या'नी वह नामख़्तून जो तलवार से क़त्ल हुए। (Sheol )
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क्या वह उन बहादुरों के साथ जो नामख़्तूनों में से क़त्ल हुए, जो अपने जंग के हथियारों के साथ पाताल में उतर गए पड़े न रहेंगे? उनकी तलवारें उनके सिरों के नीचे रख्खी हैं, और उनकी बदकिरदारी उनकी हड्डियों पर है; क्यूँकि वह ज़िन्दों की ज़मीन में बहादुरों के लिए हैबत का ज़रि'अ थे। (Sheol )
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मैं उनको पाताल के क़ाबू से नजात दूँगा; मैं उनकी मौत से छुड़ाऊँगा। ऐ मौत तेरी वबा कहाँ है? ऐ पाताल तेरी हलाकत कहाँ है? मैं हरगिज़ रहम न करूँगा। (Sheol )
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अगर वह पाताल में घुस जाएँ, तो मेरा हाथ वहाँ से उनको खींच निकालेगा; और अगर आसमान पर चढ़ जाएँ, तो मैं वहाँ से उनको उतार लाऊँगा (Sheol )
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“मैंने अपनी मुसीबत में ख़ुदावन्द से दुआ की, और उसने मेरी सुनी; मैंने पताल की गहराई से दुहाई दी, तूने मेरी फ़रियाद सुनी। (Sheol )
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बेशक, घमण्डी आदमी शराब की तरह दग़ाबाज़ है, वह अपने घर में नहीं रहता। वह पाताल की तरह अपनी ख़्वाहिश बढ़ाता है; वह मौत की तरह है, कभी आसूदा नहीं होता; बल्कि सब क़ौमों को अपने पास जमा' करता है, और सब उम्मतों को अपने नज़दीक इकठ्ठा करता है।” (Sheol )
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लेकिन मैं तुम से ये कहता हूँ कि, 'जो कोई अपने भाई पर ग़ुस्सा होगा, वो 'अदालत की सज़ा के लायक़ होगा; कोई अपने भाई को पाग़ल कहेगा, वो सद्रे — ऐ अदालत की सज़ा के लायक़ होगा; और जो उसको बेवक़ूफ़ कहेगा, वो जहन्नुम की आग का सज़ावार होगा। (Geenna )
kintvahaM yuSmAn vadAmi, yaH kazcit kAraNaM vinA nijabhrAtrE kupyati, sa vicArasabhAyAM daNPArhO bhaviSyati; yaH kazcicca svIyasahajaM nirbbOdhaM vadati, sa mahAsabhAyAM daNPArhO bhaviSyati; punazca tvaM mUPha iti vAkyaM yadi kazcit svIyabhrAtaraM vakti, tarhi narakAgnau sa daNPArhO bhaviSyati| (Geenna )
पस अगर तेरी दहनी आँख तुझे ठोकर खिलाए तो उसे निकाल कर अपने पास से फेंक दे; क्यूँकि तेरे लिए यही बेहतर है; कि तेरे आ'ज़ा में से एक जाता रहे और तेरा सारा बदन जहन्नुम में न डाला जाए। (Geenna )
tasmAt tava dakSiNaM nEtraM yadi tvAM bAdhatE, tarhi tannEtram utpATya dUrE nikSipa, yasmAt tava sarvvavapuSO narakE nikSEpAt tavaikAggasya nAzO varaM| (Geenna )
और अगर तेरा दाहिना हाथ तुझे ठोकर खिलाए तो उस को काट कर अपने पास से फेंक दे। क्यूँकि तेरे लिए यही बेहतर है; कि तेरे आ'ज़ा में से एक जाता रहे और तेरा सारा बदन जहन्नुम में न जाए।” (Geenna )
yadvA tava dakSiNaH karO yadi tvAM bAdhatE, tarhi taM karaM chittvA dUrE nikSipa, yataH sarvvavapuSO narakE nikSEpAt EkAggasya nAzO varaM| (Geenna )
जो बदन को क़त्ल करते हैं और रूह को क़त्ल नहीं कर सकते उन से न डरो बल्कि उसी से डरो जो रूह और बदन दोनों को जहन्नुम में हलाक कर सकता है। (Geenna )
yE kAyaM hantuM zaknuvanti nAtmAnaM, tEbhyO mA bhaiSTa; yaH kAyAtmAnau nirayE nAzayituM, zaknOti, tatO bibhIta| (Geenna )
और ऐ कफ़रनहूम, क्या तू आस्मान तक बुलन्द किया जाएगा? तू तो आलम — ए अर्वाह में उतरेगा क्यूँकि जो मोजिज़े तुम में ज़ाहिर हुए अगर सदूम में होते तो आज तक क़ाईम रहता। (Hadēs )
aparanjca bata kapharnAhUm, tvaM svargaM yAvadunnatOsi, kintu narakE nikSEpsyasE, yasmAt tvayi yAnyAzcaryyANi karmmaNyakAriSata, yadi tAni sidOmnagara akAriSyanta, tarhi tadadya yAvadasthAsyat| (Hadēs )
“और जो कोई इब्न — ए — आदम के ख़िलाफ़ कोई बात कहेगा वो तो उसे मु'आफ़ की जाएगी; मगर जो कोई रूह — उल — क़ुद्दूस के ख़िलाफ़ कोई बात कहेगा; वो उसे मु'आफ़ न की जाएगी न इस आलम में न आने वाले में।” (aiōn )
yO manujasutasya viruddhAM kathAM kathayati, tasyAparAdhasya kSamA bhavituM zaknOti, kintu yaH kazcit pavitrasyAtmanO viruddhAM kathAM kathayati nEhalOkE na prEtya tasyAparAdhasya kSamA bhavituM zaknOti| (aiōn )
और जो झाड़ियों में बोया गया, ये वो है जो कलाम को सुनता है और दुनिया की फ़िक्र और दौलत का फ़रेब उस कलाम को दबा देता है; और वो बे फल रह जाता है। (aiōn )
aparaM kaNTakAnAM madhyE bIjAnyuptAni tadartha ESaH; kEnacit kathAyAM zrutAyAM sAMsArikacintAbhi rbhrAntibhizca sA grasyatE, tEna sA mA viphalA bhavati| (aiōn )
जिस दुश्मन ने उन को बोया वो इब्लीस है। और कटाई दुनिया का आख़िर है और काटने वाले फ़रिश्ते हैं। (aiōn )
vanyayavasAni pApAtmanaH santAnAH| yEna ripuNA tAnyuptAni sa zayatAnaH, karttanasamayazca jagataH zESaH, karttakAH svargIyadUtAH| (aiōn )
पस जैसे कड़वे दाने जमा किए जाते और आग में जलाए जाते हैं। (aiōn )
yathA vanyayavasAni saMgRhya dAhyantE, tathA jagataH zESE bhaviSyati; (aiōn )
दुनिया के आख़िर में ऐसा ही होगा; फ़रिश्ते निकलेंगे और शरीरों को रास्तबाज़ों से जुदा करेंगे; और उनको आग की भट्टी में डाल देंगे। (aiōn )
tathaiva jagataH zESE bhaviSyati, phalataH svargIyadUtA Agatya puNyavajjanAnAM madhyAt pApinaH pRthak kRtvA vahnikuNPE nikSEpsyanti, (aiōn )
और मैं भी तुम से कहता हूँ; कि तू पतरस है; और मैं इस पत्थर पर अपनी कलीसिया बनाऊँगा। और आलम — ए — अरवाह के दरवाज़े उस पर ग़ालिब न आएँगे। (Hadēs )
atO'haM tvAM vadAmi, tvaM pitaraH (prastaraH) ahanjca tasya prastarasyOpari svamaNPalIM nirmmAsyAmi, tEna nirayO balAt tAM parAjEtuM na zakSyati| (Hadēs )
“पस अगर तेरा हाथ या तेरा पाँव तुझे ठोकर खिलाए तो उसे काट कर अपने पास से फेंक दे; टुंडा या लंगड़ा होकर ज़िन्दगी में दाख़िल होना तेरे लिए इससे बेहतर है; कि दो हाथ या दो पाँव रखता हुआ तू हमेशा की आग में डाला जाए। (aiōnios )
tasmAt tava karazcaraNO vA yadi tvAM bAdhatE, tarhi taM chittvA nikSipa, dvikarasya dvipadasya vA tavAnaptavahnau nikSEpAt, khanjjasya vA chinnahastasya tava jIvanE pravEzO varaM| (aiōnios )
और अगर तेरी आँख तुझे ठोकर खिलाए तो उसे निकाल कर अपने से फेंक दे; काना हो कर ज़िन्दगी में दाख़िल होना तेरे लिए इससे बेहतर है कि दो आँखें रखता हुआ तू जहन्नुम कि आग में डाला जाए।” (Geenna )
aparaM tava nEtraM yadi tvAM bAdhatE, tarhi tadapyutpAvya nikSipa, dvinEtrasya narakAgnau nikSEpAt kANasya tava jIvanE pravEzO varaM| (Geenna )
और देखो; एक शख़्स ने पास आकर उससे कहा “मैं कौन सी नेकी करूँ, ताकि हमेशा की ज़िन्दगी पाऊँ?” (aiōnios )
aparam Eka Agatya taM papraccha, hE paramagurO, anantAyuH prAptuM mayA kiM kiM satkarmma karttavyaM? (aiōnios )
और जिस किसी ने घरों, या भाइयों, या बहनों, या बाप, या माँ, या बच्चों, या खेतों को मेरे नाम की ख़ातिर छोड़ दिया है, उसको सौ गुना मिलेगा और हमेशा की ज़िन्दगी का वारिस होगा। (aiōnios )
anyacca yaH kazcit mama nAmakAraNAt gRhaM vA bhrAtaraM vA bhaginIM vA pitaraM vA mAtaraM vA jAyAM vA bAlakaM vA bhUmiM parityajati, sa tESAM zataguNaM lapsyatE, anantAyumO'dhikAritvanjca prApsyati| (aiōnios )
और रास्ते के किनारे अंजीर का एक दरख़्त देख कर उसके पास गया; और पत्तों के सिवा उस में कुछ न पाकर उससे कहा; “आइन्दा कभी तुझ में फल न लगे!” और अंजीर का दरख़्त उसी दम सूख गया। (aiōn )
tatO mArgapArzva uPumbaravRkSamEkaM vilOkya tatsamIpaM gatvA patrANi vinA kimapi na prApya taM pAdapaM prOvAca, adyArabhya kadApi tvayi phalaM na bhavatu; tEna tatkSaNAt sa uPumbaramAhIruhaH zuSkatAM gataH| (aiōn )
“ऐ रियाकार; फ़क़ीहो और फ़रीसियो तुम पर अफ़सोस, कि एक मुरीद करने के लिए तरी और ख़ुश्की का दौरा करते हो, और जब वो मुरीद हो चुकता है तो उसे अपने से दूगना जहन्नुम का फ़र्ज़न्द बना देते हो।” (Geenna )
kanjcana prApya svatO dviguNanarakabhAjanaM taM kurutha| (Geenna )
ऐ साँपों, ऐ अफ़'ई के बच्चो; तुम जहन्नुम की सज़ा से क्यूँकर बचोगे? (Geenna )
rE bhujagAH kRSNabhujagavaMzAH, yUyaM kathaM narakadaNPAd rakSiSyadhvE| (Geenna )
जब वो ज़ैतून के पहाड़ पर बैठा था, उसके शागिर्दों ने अलग उसके पास आकर कहा, “हम को बता ये बातें कब होंगी? और तेरे आने और दुनिया के आख़िर होने का निशान क्या होगा?” (aiōn )
anantaraM tasmin jaitunaparvvatOpari samupaviSTE ziSyAstasya samIpamAgatya guptaM papracchuH, EtA ghaTanAH kadA bhaviSyanti? bhavata Agamanasya yugAntasya ca kiM lakSma? tadasmAn vadatu| (aiōn )
फिर वो बाएँ तरफ़ वालों से कहेगा, ‘मला'ऊनो मेरे सामने से उस हमेशा की आग में चले जाओ, जो इब्लीस और उसके फ़रिश्तों के लिए तैयार की गई है। (aiōnios )
pazcAt sa vAmasthitAn janAn vadiSyati, rE zApagrastAH sarvvE, zaitAnE tasya dUtEbhyazca yO'nantavahnirAsAdita AstE, yUyaM madantikAt tamagniM gacchata| (aiōnios )
और ये हमेशा की सज़ा पाएँगे, मगर रास्तबाज़ हमेशा की ज़िन्दगी।” (aiōnios )
pazcAdamyanantazAstiM kintu dhArmmikA anantAyuSaM bhOktuM yAsyanti| (aiōnios )
और उन को ये ता'लीम दो, कि उन सब बातों पर अमल करें जिनका मैंने तुम को हुक्म दिया; और देखो, मैं दुनिया के आख़िर तक हमेशा तुम्हारे साथ हूँ।” (aiōn )
pazyata, jagadantaM yAvat sadAhaM yuSmAbhiH sAkaM tiSThAmi| iti| (aiōn )
लेकिन जो कोई रूह — उल — क़ुददूस के हक़ में कुफ़्र बके वो हसेशा तक मु'आफ़ी न पाएगा; बल्कि वो हमेशा गुनाह का क़ुसूरवार है।” (aiōn , aiōnios )
kintu yaH kazcit pavitramAtmAnaM nindati tasyAparAdhasya kSamA kadApi na bhaviSyati sOnantadaNPasyArhO bhaviSyati| (aiōn , aiōnios )
Mark 4:18 (mArkaH 4:18)
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yE janAH kathAM zRNvanti kintu sAMsArikI cintA dhanabhrAnti rviSayalObhazca EtE sarvvE upasthAya tAM kathAM grasanti tataH mA viphalA bhavati (aiōn )
और दुनिया की फ़िक्र और दौलत का धोखा और और चीज़ों का लालच दाख़िल होकर कलाम को दबा देते हैं, और वो बेफल रह जाता है।” (aiōn )
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अगर तेरा हाथ तुझे ठोकर खिलाए तो उसे काट डाल टुंडा हो कर ज़िन्दगी में दाख़िल होना तेरे लिए इससे बेहतर है कि दो हाथ होते जहन्नुम के बीच उस आग में जाए जो कभी बुझने की नहीं। (Geenna )
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Mark 9:44 (mArkaH 9:44)
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yasmAt yatra kITA na mriyantE vahnizca na nirvvAti, tasmin anirvvANAnalanarakE karadvayavastava gamanAt karahInasya svargapravEzastava kSEmaM| (Geenna )
और अगर तेरा पाँव तुझे ठोकर खिलाए तो उसे काट डाल लंगड़ा हो कर ज़िन्दगी में दाख़िल होना तेरे लिए इससे बेहतर है कि दो पाँव होते जहन्नुम में डाला जाए। (Geenna )
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Mark 9:46 (mArkaH 9:46)
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yatO yatra kITA na mriyantE vahnizca na nirvvAti, tasmin 'nirvvANavahnau narakE dvipAdavatastava nikSEpAt pAdahInasya svargapravEzastava kSEmaM| (Geenna )
और अगर तेरी आँख तुझे ठोकर खिलाए तो उसे निकाल डाल काना हो कर ज़िन्दगी में दाख़िल होना तेरे लिए इससे बेहतर है कि दो आँखें होते जहन्नुम में डाला जाए। (Geenna )
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Mark 9:48 (mArkaH 9:48)
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tasmina 'nirvvANavahnau narakE dvinEtrasya tava nikSEpAd EkanEtravata IzvararAjyE pravEzastava kSEmaM| (Geenna )
जब वो बाहर निकल कर रास्ते में जा रहा था तो एक शख़्स दौड़ता हुआ उसके पास आया और उसके आगे घुटने टेक कर उससे पूछने लगा “ऐ नेक उस्ताद; में क्या करूँ कि हमेशा की ज़िन्दगी का वारिस बनूँ?” (aiōnios )
atha sa vartmanA yAti, Etarhi jana EkO dhAvan Agatya tatsammukhE jAnunI pAtayitvA pRSTavAn, bhOH paramagurO, anantAyuH prAptayE mayA kiM karttavyaM? (aiōnios )
और अब इस ज़माने में सौ गुना न पाए घर और भाई और बहनें और माँए और बच्चे और खेत मगर ज़ुल्म के साथ और आने वाले आलम में हमेशा की ज़िन्दगी। (aiōn , aiōnios )
gRhabhrAtRbhaginIpitRmAtRpatnIsantAnabhUmInAmiha zataguNAn prEtyAnantAyuzca na prApnOti tAdRzaH kOpi nAsti| (aiōn , aiōnios )
उसने उस से कहा “आइन्दा कोई तुझ से कभी फल न खाए!” और उसके शागिर्दों ने सुना। (aiōn )
adyArabhya kOpi mAnavastvattaH phalaM na bhunjjIta; imAM kathAM tasya ziSyAH zuzruvuH| (aiōn )
और वह हमेशा तक इस्राईल पर हुकूमत करेगा। उस की सल्तनत कभी ख़त्म न होगी।” (aiōn )
tathA sa yAkUbO vaMzOpari sarvvadA rAjatvaM kariSyati, tasya rAjatvasyAntO na bhaviSyati| (aiōn )
Luke 1:54 (lUkaH 1:54)
(parallel missing)
ibrAhImi ca tadvaMzE yA dayAsti sadaiva tAM| smRtvA purA pitRNAM nO yathA sAkSAt pratizrutaM| (aiōn )
जो अब्रहाम और उसकी नस्ल पर हमेशा तक रहेगी, जैसा उसने हमारे बाप — दादा से कहा था।” (aiōn )
(parallel missing)
(जैसा उसने अपने पाक नबियों की ज़बानी कहा था जो कि दुनिया के शुरू' से होते आए है) (aiōn )
(parallel missing)
Luke 1:73 (lUkaH 1:73)
(parallel missing)
sRSTEH prathamataH svIyaiH pavitrai rbhAvivAdibhiH| (aiōn )
और वो उसकी मिन्नत करने लगीं कि “हमें गहरे गड्ढे में जाने का हुक्म न दे।” (Abyssos )
atha bhUtA vinayEna jagaduH, gabhIraM garttaM gantuM mAjnjApayAsmAn| (Abyssos )
और तू ऐ कफ़रनहूम, क्या तू आसमान तक बुलन्द किया जाएगा? नहीं, बल्कि तू 'आलम — ए — अर्वाह में उतारा जाएगा। (Hadēs )
hE kapharnAhUm, tvaM svargaM yAvad unnatA kintu narakaM yAvat nyagbhaviSyasi| (Hadēs )
और देखो, एक शरा का आलिम उठा, और ये कहकर उसकी आज़माइश करने लगा, “ऐ उस्ताद, मैं क्या करूँ कि हमेशा की ज़िन्दगी का बारिस बनूँ?” (aiōnios )
anantaram EkO vyavasthApaka utthAya taM parIkSituM papraccha, hE upadEzaka anantAyuSaH prAptayE mayA kiM karaNIyaM? (aiōnios )
लेकिन मैं तुम्हें जताता हूँ कि किससे डरना चाहिए, उससे डरो जिसे इख़्तियार है कि क़त्ल करने के बाद जहन्नुम में डाले; हाँ, मैं तुम से कहता हूँ कि उसी से डरो। (Geenna )
tarhi kasmAd bhEtavyam ityahaM vadAmi, yaH zarIraM nAzayitvA narakaM nikSEptuM zaknOti tasmAdEva bhayaM kuruta, punarapi vadAmi tasmAdEva bhayaM kuruta| (Geenna )
“और मालिक ने बेईमान मुख़्तार की ता'रीफ़ की, इसलिए कि उसने होशियारी की थी। क्यूँकि इस जहान के फ़र्ज़न्द अपने हमवक़्तों के साथ मु'आमिलात में नूर के फ़र्ज़न्द से ज़्यादा होशियार हैं। (aiōn )
tEnaiva prabhustamayathArthakRtam adhIzaM tadbuddhinaipuNyAt prazazaMsa; itthaM dIptirUpasantAnEbhya EtatsaMsArasya santAnA varttamAnakAlE'dhikabuddhimantO bhavanti| (aiōn )
और मैं तुम से कहता हूँ कि नारास्ती की दौलत से अपने लिए दोस्त पैदा करो, ताकि जब वो जाती रहे तो ये तुम को हमेशा के मुक़ामों में जगह दें। (aiōnios )
atO vadAmi yUyamapyayathArthEna dhanEna mitrANi labhadhvaM tatO yuSmAsu padabhraSTESvapi tAni cirakAlam AzrayaM dAsyanti| (aiōnios )
उसने 'आलम — ए — अर्वाह के दरमियान 'ऐज़ाब में मुब्तिला होकर अपनी आँखें उठाई, और अब्रहाम को दूर से देखा और उसकी गोद में ला'ज़र को। (Hadēs )
pazcAt sa dhanavAnapi mamAra, taM zmazAnE sthApayAmAsuzca; kintu paralOkE sa vEdanAkulaH san UrddhvAM nirIkSya bahudUrAd ibrAhImaM tatkrOPa iliyAsaranjca vilOkya ruvannuvAca; (Hadēs )
फिर किसी सरदार ने उससे ये सवाल किया, ऐ उस्ताद! मैं क्या करूँ ताकि हमेशा की ज़िन्दगी का वारिस बनूँ। (aiōnios )
aparam EkOdhipatistaM papraccha, hE paramagurO, anantAyuSaH prAptayE mayA kiM karttavyaM? (aiōnios )
और इस ज़माने में कई गुना ज़्यादा न पाए, और आने वाले 'आलम में हमेशा की ज़िन्दगी।” (aiōn , aiōnios )
iha kAlE tatO'dhikaM parakAlE 'nantAyuzca na prApsyati lOka IdRzaH kOpi nAsti| (aiōn , aiōnios )
ईसा ने जवाब दिया, “इस ज़माने में लोग ब्याह — शादी करते और कराते हैं। (aiōn )
tadA yIzuH pratyuvAca, Etasya jagatO lOkA vivahanti vAgdattAzca bhavanti (aiōn )
लेकिन जिन्हें ख़ुदा आने वाले ज़माने में शरीक होने और मुर्दों में से जी उठने के लायक़ समझता है वह उस वक़्त शादी नहीं करेंगे, न उन की शादी किसी से कराई जाएगी। (aiōn )
kintu yE tajjagatprAptiyOgyatvEna gaNitAM bhaviSyanti zmazAnAccOtthAsyanti tE na vivahanti vAgdattAzca na bhavanti, (aiōn )
ताकि जो कोई ईमान लाए उसमें हमेशा की ज़िन्दगी पाए।” (aiōnios )
tasmAd yaH kazcit tasmin vizvasiSyati sO'vinAzyaH san anantAyuH prApsyati| (aiōnios )
“क्यूँकि ख़ुदा ने दुनियाँ से ऐसी मुहब्बत रख्खी कि उसने अपना इकलौता बेटा बख़्श दिया, ताकि जो कोई उस पर ईमान लाए हलाक न हो, बल्कि हमेशा की ज़िन्दगी पाए। (aiōnios )
Izvara itthaM jagadadayata yat svamadvitIyaM tanayaM prAdadAt tatO yaH kazcit tasmin vizvasiSyati sO'vinAzyaH san anantAyuH prApsyati| (aiōnios )
जो बेटे पर ईमान लाता है हमेशा की ज़िन्दगी उसकी है; लेकिन जो बेटे की नहीं मानता 'ज़िन्दगी को न देखगा बल्कि उसपर ख़ुदा का ग़ज़ब रहता है।” (aiōnios )
yaH kazcit putrE vizvasiti sa EvAnantam paramAyuH prApnOti kintu yaH kazcit putrE na vizvasiti sa paramAyuSO darzanaM na prApnOti kintvIzvarasya kOpabhAjanaM bhUtvA tiSThati| (aiōnios )
मगर जो कोई उस पानी में से पिएगा जो मैं उसे दूँगा, वो अबद तक प्यासा न होगा! बल्कि जो पानी मैं उसे दूँगा, वो उसमें एक चश्मा बन जाएगा जो हमेशा की ज़िन्दगी के लिए जारी रहेगा।” (aiōn , aiōnios )
kintu mayA dattaM pAnIyaM yaH pivati sa punaH kadApi tRSArttO na bhaviSyati| mayA dattam idaM tOyaM tasyAntaH prasravaNarUpaM bhUtvA anantAyuryAvat srOSyati| (aiōn , aiōnios )
और काटनेवाला मज़दूरी पाता और हमेशा की ज़िन्दगी के लिए फल जमा करता है, ताकि बोनेवाला और काटनेवाला दोनों मिलकर ख़ुशी करें। (aiōnios )
yazchinatti sa vEtanaM labhatE anantAyuHsvarUpaM zasyaM sa gRhlAti ca, tEnaiva vaptA chEttA ca yugapad AnandataH| (aiōnios )
मैं तुम से सच कहता हूँ कि जो मेरा कलाम सुनता और मेरे भेजने वाले का यक़ीन करता है, हमेशा की ज़िन्दगी उसकी है और उस पर सज़ा का हुक्म नहीं होता बल्कि वो मौत से निकलकर ज़िन्दगी में दाख़िल हो गया है।” (aiōnios )
yuSmAnAhaM yathArthataraM vadAmi yO janO mama vAkyaM zrutvA matprErakE vizvasiti sOnantAyuH prApnOti kadApi daNPabAjanaM na bhavati nidhanAdutthAya paramAyuH prApnOti| (aiōnios )
तुम किताब — ए — मुक़द्दस में ढूँडते हो, क्यूँकि समझते हो कि उसमें हमेशा की ज़िन्दगी तुम्हें मिलती है, और ये वो है जो मेरी गवाही देती है; (aiōnios )
dharmmapustakAni yUyam AlOcayadhvaM tai rvAkyairanantAyuH prApsyAma iti yUyaM budhyadhvE taddharmmapustakAni madarthE pramANaM dadati| (aiōnios )
फ़ानी ख़ुराक के लिए मेहनत न करो, बल्कि उस ख़ुराक के लिए जो हमेशा की ज़िन्दगी तक बाक़ी रहती है जिसे इब्न — ए — आदम तुम्हें देगा; क्यूँकि बाप या'नी ख़ुदा ने उसी पर मुहर की है।” (aiōnios )
kSayaNIyabhakSyArthaM mA zrAmiSTa kintvantAyurbhakSyArthaM zrAmyata, tasmAt tAdRzaM bhakSyaM manujaputrO yuSmAbhyaM dAsyati; tasmin tAta IzvaraH pramANaM prAdAt| (aiōnios )
क्यूँकि मेरे बाप की मर्ज़ी ये है, कि जो कोई बेटे को देखे और उस पर ईमान लाए, और हमेशा की ज़िन्दगी पाए और मैं उसे आख़िरी दिन फिर ज़िन्दा करूँ।” (aiōnios )
yaH kazcin mAnavasutaM vilOkya vizvasiti sa zESadinE mayOtthApitaH san anantAyuH prApsyati iti matprErakasyAbhimataM| (aiōnios )
मैं तुम से सच कहता हूँ, कि जो ईमान लाता है हमेशा की ज़िन्दगी उसकी है। (aiōnios )
ahaM yuSmAn yathArthataraM vadAmi yO janO mayi vizvAsaM karOti sOnantAyuH prApnOti| (aiōnios )
मैं हूँ वो ज़िन्दगी की रोटी जो आसमान से उतरी। अगर कोई इस रोटी में से खाए तो हमेशा तक ज़िन्दा रहेगा, बल्कि जो रोटी मैं दुनियाँ की ज़िन्दगी के लिए दूँगा वो मेरा गोश्त है।” (aiōn )
yajjIvanabhakSyaM svargAdAgacchat sOhamEva idaM bhakSyaM yO janO bhugkttE sa nityajIvI bhaviSyati| punazca jagatO jIvanArthamahaM yat svakIyapizitaM dAsyAmi tadEva mayA vitaritaM bhakSyam| (aiōn )
जो मेरा गोश्त खाता और मेरा ख़ून पीता है, हमेशा की ज़िन्दगी उसकी है; और मैं उसे आख़िरी दिन फिर ज़िन्दा करूँगा। (aiōnios )
yO mamAmiSaM svAdati mama sudhiranjca pivati sOnantAyuH prApnOti tataH zESE'hni tamaham utthApayiSyAmi| (aiōnios )
जो रोटी आसमान से उतरी यही है, बाप — दादा की तरह नहीं कि खाया और मर गए; जो ये रोटी खाएगा वो हमेशा तक ज़िन्दा रहेगा।” (aiōn )
yadbhakSyaM svargAdAgacchat tadidaM yanmAnnAM svAditvA yuSmAkaM pitarO'mriyanta tAdRzam idaM bhakSyaM na bhavati idaM bhakSyaM yO bhakSati sa nityaM jIviSyati| (aiōn )
शमौन पतरस ने उसे जवाब दिया, “ऐ ख़ुदावन्द! हम किसके पास जाएँ? हमेशा की ज़िन्दगी की बातें तो तेरे ही पास हैं? (aiōnios )
tataH zimOn pitaraH pratyavOcat hE prabhO kasyAbhyarNaM gamiSyAmaH? (aiōnios )
और ग़ुलाम हमेशा तक घर में नहीं रहता, बेटा हमेशा रहता है। (aiōn )
dAsazca nirantaraM nivEzanE na tiSThati kintu putrO nirantaraM tiSThati| (aiōn )
मैं तुम से सच कहता हूँ कि अगर कोई इंसान मेरे कलाम पर 'अमल करेगा, तो हमेशा तक कभी मौत को न देखेगा।” (aiōn )
ahaM yuSmabhyam atIva yathArthaM kathayAmi yO narO madIyaM vAcaM manyatE sa kadAcana nidhanaM na drakSyati| (aiōn )
यहूदियों ने उससे कहा, “अब हम ने जान लिया कि तुझ में बदरूह है! अब्रहाम मर गया और नबी मर गए, मगर तू कहता है, 'अगर कोई मेरे कलाम पर 'अमल करेगा, तो हमेशा तक कभी मौत का मज़ा न चखेगा। (aiōn )
yihUdIyAstamavadan tvaM bhUtagrasta itIdAnIm avaiSma| ibrAhIm bhaviSyadvAdinanjca sarvvE mRtAH kintu tvaM bhASasE yO narO mama bhAratIM gRhlAti sa jAtu nidhAnAsvAdaM na lapsyatE| (aiōn )
शुरू ही से यह बात सुनने में नहीं आई कि किसी ने पैदाइशी अंधे की आँखों को सही कर दिया हो। (aiōn )
kOpi manuSyO janmAndhAya cakSuSI adadAt jagadArambhAd EtAdRzIM kathAM kOpi kadApi nAzRNOt| (aiōn )
मैं उन्हें हमेशा की ज़िन्दगी देता हूँ, इस लिए वह कभी हलाक नहीं होंगी। कोई उन्हें मेरे हाथ से छीन न लेगा, (aiōn , aiōnios )
ahaM tEbhyO'nantAyu rdadAmi, tE kadApi na naMkSyanti kOpi mama karAt tAn harttuM na zakSyati| (aiōn , aiōnios )
और जो ज़िन्दा है और मुझ पर ईमान रखता है वह कभी नहीं मरेगा। मर्था, क्या तुझे इस बात का यक़ीन है?” (aiōn )
yaH kazcana ca jIvan mayi vizvasiti sa kadApi na mariSyati, asyAM kathAyAM kiM vizvasiSi? (aiōn )
जो अपनी जान को प्यार करता है वह उसे खो देगा, और जो इस दुनियाँ में अपनी जान से दुश्मनी रखता है वह उसे हमेशा तक बचाए रखेगा। (aiōnios )
yO janE nijaprANAn priyAn jAnAti sa tAn hArayiSyati kintu yE jana ihalOkE nijaprANAn apriyAn jAnAti sEnantAyuH prAptuM tAn rakSiSyati| (aiōnios )
मजमा बोल उठा, कलाम — ए — मुक़द्दस से हम ने सुना है कि मसीह हमेशा तक क़ाईम रहेगा। तो फिर आप की यह कैसी बात है कि “इब्न — ए — आदम को ऊँचे पर चढ़ाया जाना है?” आख़िर इब्न — ए — आदम है कौन? (aiōn )
tadA lOkA akathayan sObhiSiktaH sarvvadA tiSThatIti vyavasthAgranthE zrutam asmAbhiH, tarhi manuSyaputraH prOtthApitO bhaviSyatIti vAkyaM kathaM vadasi? manuSyaputrOyaM kaH? (aiōn )
और मैं जानता हूँ कि उस का हुक्म हमेशा की ज़िन्दगी तक पहुँचाता है। चुनाँचे जो कुछ मैं सुनाता हूँ वही है जो बाप ने मुझे बताया है।” (aiōnios )
tasya sAjnjA anantAyurityahaM jAnAmi, ataEvAhaM yat kathayAmi tat pitA yathAjnjApayat tathaiva kathayAmyaham| (aiōnios )
पतरस ने एतराज़ किया, “मैं कभी भी आप को मेरे पैर धोने नहीं दूँगा!” ईसा ने जवाब दिया “अगर मैं तुझे न धोऊँ तो मेरे साथ तेरी कोई शराकत नहीं।” (aiōn )
tataH pitaraH kathitavAn bhavAn kadApi mama pAdau na prakSAlayiSyati| yIzurakathayad yadi tvAM na prakSAlayE tarhi mayi tava kOpyaMzO nAsti| (aiōn )
और मैं बाप से गुज़ारिश करूँगा तो वह तुम को एक और मददगार देगा जो हमेशा तक तुम्हारे साथ रहेगा (aiōn )
tatO mayA pituH samIpE prArthitE pitA nirantaraM yuSmAbhiH sArddhaM sthAtum itaramEkaM sahAyam arthAt satyamayam AtmAnaM yuSmAkaM nikaTaM prESayiSyati| (aiōn )
क्यूँकि तू ने उसे तमाम इंसान ों पर इख़्तियार दिया है ताकि वह उन सब को हमेशा की ज़िन्दगी दे जो तू ने उसे दिया हैं। (aiōnios )
tvaM yOllOkAn tasya hastE samarpitavAn sa yathA tEbhyO'nantAyu rdadAti tadarthaM tvaM prANimAtrANAm adhipatitvabhAraM tasmai dattavAn| (aiōnios )
और हमेशा की ज़िन्दगी यह है कि वह तुझे जान लें जो वाहिद और सच्चा ख़ुदा है और ईसा मसीह को भी जान लें जिसे तू ने भेजा है। (aiōnios )
yastvam advitIyaH satya IzvarastvayA prEritazca yIzuH khrISTa EtayOrubhayOH paricayE prAptE'nantAyu rbhavati| (aiōnios )
इसलिए कि तू मेरी जान को 'आलम — ए — अर्वाह में ना छोड़ेगा, और ना अपने पाक के सड़ने की नौबत पहुँचने देगा। (Hadēs )
paralOkE yatO hEtOstvaM mAM naiva hi tyakSyasi| svakIyaM puNyavantaM tvaM kSayituM naiva dAsyasi| EvaM jIvanamArgaM tvaM mAmEva darzayiSyasi| (Hadēs )
उसने नबुव्वत के तौर पर मसीह के जी उठने का ज़िक्र किया कि ना वो' आलम' ए' अर्वाह में छोड़ेगा, ना उसके जिस्म के सड़ने की नौबत पहुँचेगी। (Hadēs )
iti jnjAtvA dAyUd bhaviSyadvAdI san bhaviSyatkAlIyajnjAnEna khrISTOtthAnE kathAmimAM kathayAmAsa yathA tasyAtmA paralOkE na tyakSyatE tasya zarIranjca na kSESyati; (Hadēs )
ज़रूरी है कि वो असमान में उस वक़्त तक रहे; जब तक कि वो सब चीज़ें बहाल न की जाएँ, जिनका ज़िक्र ख़ुदा ने अपने पाक नबियों की ज़बानी किया है; जो दुनिया के शुरू से होते आए हैं। (aiōn )
kintu jagataH sRSTimArabhya IzvarO nijapavitrabhaviSyadvAdigaNOna yathA kathitavAn tadanusArENa sarvvESAM kAryyANAM siddhiparyyantaM tEna svargE vAsaH karttavyaH| (aiōn )
पौलुस और बरनबास दिलेर होकर कहने लगे, ज़रूर था, कि ख़ुदा का कलाम पहले तुम्हें सुनाया जाए; लेकिन चूँकि तुम उसको रद्द करते हो। और अपने आप को हमेशा की ज़िन्दगी के नाक़ाबिल ठहराते हो, तो देखो हम ग़ैर क़ौमों की तरफ़ मुतवज्जह होते हैं। (aiōnios )
tataH paulabarNabbAvakSObhau kathitavantau prathamaM yuSmAkaM sannidhAvIzvarIyakathAyAH pracAraNam ucitamAsIt kintuM tadagrAhyatvakaraNEna yUyaM svAn anantAyuSO'yOgyAn darzayatha, EtatkAraNAd vayam anyadEzIyalOkAnAM samIpaM gacchAmaH| (aiōnios )
ग़ैर क़ौम वाले ये सुनकर ख़ुश हुए और ख़ुदा के कलाम की बड़ाई करने लगे, और जितने हमेशा की ज़िन्दगी के लिए मुक़र्रर किए गए थे, ईमान ले आए। (aiōnios )
tadA kathAmIdRzIM zrutvA bhinnadEzIyA AhlAditAH santaH prabhOH kathAM dhanyAM dhanyAm avadan, yAvantO lOkAzca paramAyuH prAptinimittaM nirUpitA Asan tE vyazvasan| (aiōnios )
ये वही ख़ुदावन्द फ़रमाता है जो दुनिया के शुरू से इन बातों की ख़बर देता आया है। (aiōn )
A prathamAd IzvaraH svIyAni sarvvakarmmANi jAnAti| (aiōn )
क्यूँकि उसकी अनदेखी सिफ़तें या'नी उसकी अज़ली क़ुदरत और ख़ुदाइयत दुनिया की पैदाइश के वक़्त से बनाई हुई चीज़ों के ज़रिए मा'लूम हो कर साफ़ नज़र आती हैं यहाँ तक कि उन को कुछ बहाना बाक़ी नहीं। (aïdios )
phalatastasyAnantazaktIzvaratvAdInyadRzyAnyapi sRSTikAlam Arabhya karmmasu prakAzamAnAni dRzyantE tasmAt tESAM dOSaprakSAlanasya panthA nAsti| (aïdios )
Romans 1:24 (rOmiNaH 1:24)
(parallel missing)
itthaM ta Izvarasya satyatAM vihAya mRSAmatam AzritavantaH saccidAnandaM sRSTikarttAraM tyaktvA sRSTavastunaH pUjAM sEvAnjca kRtavantaH; (aiōn )
इसलिए कि उन्होंने ख़ुदा की सच्चाई को बदल कर झूठ बना डाला और मख़्लूक़ात की ज़्यादा इबादत की बनिस्बत उस ख़ालिक़ के जो हमेशा तक महमूद है; आमीन। (aiōn )
(parallel missing)
जो अच्छे काम में साबित क़दम रह कर जलाल और इज़्ज़त और बक़ा के तालिब होते हैं उनको हमेशा की ज़िन्दगी देगा। (aiōnios )
vastutastu yE janA dhairyyaM dhRtvA satkarmma kurvvantO mahimA satkArO'maratvanjcaitAni mRgayantE tEbhyO'nantAyu rdAsyati| (aiōnios )
ताकि जिस तरह गुनाह ने मौत की वजह से बादशाही की उसी तरह फ़ज़ल भी हमारे ख़ुदावन्द ईसा मसीह के वसीले से हमेशा की ज़िन्दगी के लिए रास्तबाज़ी के ज़रिए से बादशाही करे। (aiōnios )
tEna mRtyunA yadvat pApasya rAjatvam abhavat tadvad asmAkaM prabhuyIzukhrISTadvArAnantajIvanadAyipuNyEnAnugrahasya rAjatvaM bhavati| (aiōnios )
मगर अब गुनाह से आज़ाद और ख़ुदा के ग़ुलाम हो कर तुम को अपना फल मिला जिससे पाकीज़गी हासिल होती है और इस का अंजाम हमेशा की ज़िन्दगी है। (aiōnios )
kintu sAmprataM yUyaM pApasEvAtO muktAH santa Izvarasya bhRtyA'bhavata tasmAd yuSmAkaM pavitratvarUpaM labhyam anantajIvanarUpanjca phalam AstE| (aiōnios )
क्यूँकि गुनाह की मज़दूरी मौत है मगर ख़ुदा की बख़्शिश हमारे ख़ुदावन्द ईसा मसीह में हमेशा की ज़िन्दगी है। (aiōnios )
yataH pApasya vEtanaM maraNaM kintvasmAkaM prabhuNA yIzukhrISTEnAnantajIvanam IzvaradattaM pAritOSikam AstE| (aiōnios )
और क़ौम के बुज़ुर्ग उन ही के हैं और जिस्म के ऐतबार से मसीह भी उन ही में से हुआ, जो सब के ऊपर और हमेशा तक ख़ुदा'ए महमूद है; आमीन। (aiōn )
tat kEvalaM nahi kintu sarvvAdhyakSaH sarvvadA saccidAnanda IzvarO yaH khrISTaH sO'pi zArIrikasambandhEna tESAM vaMzasambhavaH| (aiōn )
या “गहराव में कौन उतरेगा?” यानी मसीह को मुर्दों में से जिला कर ऊपर लाने को। (Abyssos )
kO vA prEtalOkam avaruhya khrISTaM mRtagaNamadhyAd AnESyatIti vAk manasi tvayA na gaditavyA| (Abyssos )
इसलिए कि ख़ुदा ने सब को नाफ़रमानी में गिरफ़्तार होने दिया ताकि सब पर रहम फ़रमाए। (eleēsē )
IzvaraH sarvvAn prati kRpAM prakAzayituM sarvvAn avizvAsitvEna gaNayati| (eleēsē )
क्यूँकि उसी की तरफ़ से, और उसी के वसीले से और उसी के लिए सब चीज़ें हैं; उसकी बड़ाई हमेशा तक होती रहे आमीन। (aiōn )
yatO vastumAtramEva tasmAt tEna tasmai cAbhavat tadIyO mahimA sarvvadA prakAzitO bhavatu| iti| (aiōn )
और इस जहान के हमशक्ल न बनो बल्कि अक़्ल नई हो जाने से अपनी सूरत बदलते जाओ ताकि ख़ुदा की नेक और पसन्दीदा और कामिल मर्ज़ी को तजुर्बा से मा'लूम करते रहो। (aiōn )
aparaM yUyaM sAMsArikA iva mAcarata, kintu svaM svaM svabhAvaM parAvartya nUtanAcAriNO bhavata, tata Izvarasya nidEzaH kIdRg uttamO grahaNIyaH sampUrNazcEti yuSmAbhiranubhAviSyatE| (aiōn )
अब ख़ुदा जो तुम को मेरी ख़ुशख़बरी या'नी ईसा मसीह की मनादी के मुवाफ़िक़ मज़बूत कर सकता है, उस राज़ के मुक़ाशिफ़ा के मुताबिक़ जो अज़ल से पोशीदा रहा। (aiōnios )
pUrvvakAlikayugESu pracchannA yA mantraNAdhunA prakAzitA bhUtvA bhaviSyadvAdilikhitagranthagaNasya pramANAd vizvAsEna grahaNArthaM sadAtanasyEzvarasyAjnjayA sarvvadEzIyalOkAn jnjApyatE, (aiōnios )
मगर इस वक़्त ज़ाहिर हो कर ख़ुदा'ए अज़ली के हुक्म के मुताबिक़ नबियों की किताबों के ज़रिए से सब क़ौमों को बताया गया ताकि वो ईमान के ताबे हो जाएँ। (aiōnios )
tasyA mantraNAyA jnjAnaM labdhvA mayA yaH susaMvAdO yIzukhrISTamadhi pracAryyatE, tadanusArAd yuSmAn dharmmE susthirAn karttuM samarthO yO'dvitIyaH (aiōnios )
उसी वाहिद हकीम ख़ुदा की ईसा मसीह के वसीले से हमेशा तक बड़ाई होती रहे। आमीन। (aiōn )
sarvvajnja Izvarastasya dhanyavAdO yIzukhrISTEna santataM bhUyAt| iti| (aiōn )
कहाँ का हकीम? कहाँ का आलिम? कहाँ का इस जहान का बहस करनेवाला? क्या ख़ुदा ने दुनिया की हिक्मत को बे'वक़ूफ़ी नहीं ठहराया? (aiōn )
jnjAnI kutra? zAstrI vA kutra? ihalOkasya vicAratatparO vA kutra? ihalOkasya jnjAnaM kimIzvarENa mOhIkRtaM nahi? (aiōn )
फिर भी कामिलों में हम हिक्मत की बातें कहते हैं लेकिन इस जहान की और इस जहान के नेस्त होनेवाले हाकिमों की अक़्ल नहीं। (aiōn )
vayaM jnjAnaM bhASAmahE tacca siddhalOkai rjnjAnamiva manyatE, tadihalOkasya jnjAnaM nahi, ihalOkasya nazvarANAm adhipatInAM vA jnjAnaM nahi; (aiōn )
बल्कि हम ख़ुदा के राज़ की हक़ीक़त बातों के तौर पर बयान करते हैं, जो ख़ुदा ने जहान के शुरू से पहले हमारे जलाल के वास्ते मुक़र्रर की थी। (aiōn )
kintu kAlAvasthAyAH pUrvvasmAd yat jnjAnam asmAkaM vibhavArtham IzvarENa nizcitya pracchannaM tannigUPham IzvarIyajnjAnaM prabhASAmahE| (aiōn )
जिसे इस दुनिया के सरदारों में से किसी ने न समझा क्यूँकि अगर समझते तो जलाल के ख़ुदावन्द को मस्लूब न करते। (aiōn )
ihalOkasyAdhipatInAM kEnApi tat jnjAnaM na labdhaM, labdhE sati tE prabhAvaviziSTaM prabhuM kruzE nAhaniSyan| (aiōn )
कोई अपने आप को धोखा न दे अगर कोई तुम में अपने आप को इस जहान में हकीम समझे, तो बेवक़ूफ़ बने ताकि हकीम हो जाए। (aiōn )
kOpi svaM na vanjcayatAM| yuSmAkaM kazcana cEdihalOkasya jnjAnEna jnjAnavAnahamiti budhyatE tarhi sa yat jnjAnI bhavEt tadarthaM mUPhO bhavatu| (aiōn )
इस वजह से अगर खाना मेरे भाई को ठोकर खिलाए तो मैं कभी हरगिज़ गोश्त न खाऊँगा, ताकि अपने भाई के लिए ठोकर की वजह न बनूँ। (aiōn )
atO hEtOH pizitAzanaM yadi mama bhrAtu rvighnasvarUpaM bhavEt tarhyahaM yat svabhrAtu rvighnajanakO na bhavEyaM tadarthaM yAvajjIvanaM pizitaM na bhOkSyE| (aiōn )
ये बातें उन पर 'इबरत के लिए वाक़े' हुईं और हम आख़री ज़माने वालों की नसीहत के वास्ते लिखी गईं। (aiōn )
tAn prati yAnyEtAni jaghaTirE tAnyasmAkaM nidarzanAni jagataH zESayugE varttamAnAnAm asmAkaM zikSArthaM likhitAni ca babhUvuH| (aiōn )
ऐ मौत तेरी फ़तह कहाँ रही? ऐ मौत तेरा डंक कहाँ रहा?” (Hadēs )
mRtyO tE kaNTakaM kutra paralOka jayaH kka tE|| (Hadēs )
या'नी उन बे'ईमानों के वास्ते जिनकी अक़्लों को इस जहान के ख़ुदा ने अंधा कर दिया है ताकि मसीह जो ख़ुदा की सूरत है उसके जलाल की ख़ुशख़बरी की रौशनी उन पर न पड़े। (aiōn )
yata Izvarasya pratimUrtti ryaH khrISTastasya tEjasaH susaMvAdasya prabhA yat tAn na dIpayEt tadartham iha lOkasya dEvO'vizvAsinAM jnjAnanayanam andhIkRtavAn EtasyOdAharaNaM tE bhavanti| (aiōn )
क्यूँकि हमारी दम भर की हल्की सी मुसीबत हमारे लिए अज़, हद भारी और अबदी जलाल पैदा करती है। (aiōnios )
kSaNamAtrasthAyi yadEtat laghiSThaM duHkhaM tad atibAhulyEnAsmAkam anantakAlasthAyi gariSThasukhaM sAdhayati, (aiōnios )
जिस हाल में हम देखी हुई चीज़ों पर नहीं बल्कि अनदेखी चीज़ों पर नज़र करते हैं; क्यूँकि देखी हुई चीज़ें चन्द रोज़ हैं; मगर अनदेखी चीज़ें अबदी हैं। (aiōnios )
yatO vayaM pratyakSAn viSayAn anuddizyApratyakSAn uddizAmaH| yatO hEtOH pratyakSaviSayAH kSaNamAtrasthAyinaH kintvapratyakSA anantakAlasthAyinaH| (aiōnios )
क्यूँकि हम जानते हैं कि जब हमारा ख़ेमे का घर जो ज़मीन पर है गिराया जाएगा तो हम को ख़ुदा की तरफ़ से आसमान पर एक ऐसी इमारत मिलेगी जो हाथ का बनाया हुआ घर नहीं बल्कि अबदी है। (aiōnios )
aparam asmAkam Etasmin pArthivE dUSyarUpE vEzmani jIrNE satIzvarENa nirmmitam akarakRtam asmAkam anantakAlasthAyi vEzmaikaM svargE vidyata iti vayaM jAnImaH| (aiōnios )
चुनाँचे कलाम में लिखा है कि उसने बिखेरा है उसने कंगालों को दिया है उसकी रास्तबाज़ी हमेशा तक बाक़ी रहेगी। (aiōn )
Etasmin likhitamAstE, yathA, vyayatE sa janO rAyaM durgatEbhyO dadAti ca| nityasthAyI ca taddharmmaH (aiōn )
ख़ुदावन्द ईसा का ख़ुदा और बाप जिसकी हमेशा तक हम्द हो जानता है कि मैं झूठ नहीं कहता। (aiōn )
mayA mRSAvAkyaM na kathyata iti nityaM prazaMsanIyO'smAkaM prabhO ryIzukhrISTasya tAta IzvarO jAnAti| (aiōn )
उसी ने हमारे गुनाहों के लिए अपने आप को दे दिया; ताकि हमारे ख़ुदा और बाप की मर्ज़ी के मुवाफ़िक़ हमें इस मौजूदा ख़राब जहान से ख़लासी बख़्शे। (aiōn )
asmAkaM tAtEzvarEsyEcchAnusArENa varttamAnAt kutsitasaMsArAd asmAn nistArayituM yO (aiōn )
उसकी बड़ाई हमेशा से हमेशा तक होती रहे आमीन। (aiōn )
yIzurasmAkaM pApahEtOrAtmOtsargaM kRtavAn sa sarvvadA dhanyO bhUyAt| tathAstu| (aiōn )
जो कोई अपने जिस्म के लिए बोता है, वो जिस्म से हलाकत की फ़स्ल काटेगा; और जो रूह के लिए बोता है, वो पाक रूह से हमेशा की ज़िन्दगी की फ़सल काटेगा। (aiōnios )
svazarIrArthaM yEna bIjam upyatE tEna zarIrAd vinAzarUpaM zasyaM lapsyatE kintvAtmanaH kRtE yEna bIjam upyatE tEnAtmatO'nantajIvitarUpaM zasyaM lapsyatE| (aiōnios )
और हर तरह की हुकूमत और इख़्तियार और क़ुदरत और रियासत और हर एक नाम से बहुत ऊँचा किया, जो न सिर्फ़ इस जहान में बल्कि आनेवाले जहान में भी लिया जाएगा; (aiōn )
adhipatitvapadaM zAsanapadaM parAkramO rAjatvanjcEtinAmAni yAvanti padAnIha lOkE paralOkE ca vidyantE tESAM sarvvESAm UrddhvE svargE nijadakSiNapArzvE tam upavEzitavAn, (aiōn )
Ephesians 2:1 (iphiSiNaH 2:1)
(parallel missing)
purA yUyam aparAdhaiH pApaizca mRtAH santastAnyAcaranta ihalOkasya saMsArAnusArENAkAzarAjyasyAdhipatim (aiōn )
जिनमें तुम पहले दुनियाँ की रविश पर चलते थे, और हवा की 'अमलदारी के हाकिम या'नी उस रूह की पैरवी करते थे जो अब नाफ़रमानी के फ़रज़न्दों में तासीर करती है। (aiōn )
(parallel missing)
ताकि वो अपनी उस महरबानी से जो मसीह ईसा में हम पर है, आनेवाले ज़मानो में अपने फ़ज़ल की अज़ीम दौलत दिखाए। (aiōn )
itthaM sa khrISTEna yIzunAsmAn prati svahitaiSitayA bhAviyugESu svakIyAnugrahasyAnupamaM nidhiM prakAzayitum icchati| (aiōn )
और सब पर ये बात रोशन करूँ कि जो राज़ अज़ल से सब चीज़ों के पैदा करनेवाले ख़ुदा में छुपा रहा उसका क्या इन्तज़ाम है। (aiōn )
kAlAvasthAtaH pUrvvasmAcca yO nigUPhabhAva IzvarE gupta AsIt tadIyaniyamaM sarvvAn jnjApayAmi| (aiōn )
उस अज़ली इरादे के जो उसने हमारे ख़ुदावन्द ईसा मसीह में किया था, (aiōn )
(parallel missing)
Ephesians 3:12 (iphiSiNaH 3:12)
(parallel missing)
prAptavantastamasmAkaM prabhuM yIzuM khrISTamadhi sa kAlAvasthAyAH pUrvvaM taM manOrathaM kRtavAn| (aiōn )
कलीसिया में और ईसा मसीह में पुश्त — दर — पुश्त और हमेशा हमेशा उसकी बड़ाई होती रहे। आमीन। (aiōn )
khrISTayIzunA samitE rmadhyE sarvvESu yugESu tasya dhanyavAdO bhavatu| iti| (aiōn )
क्यूँकि हमें ख़ून और गोश्त से कुश्ती नहीं करना है, बल्कि हुकूमतवालों और इख़्तियार वालों और इस दुनियाँ की तारीकी के हाकिमों और शरारत की उन रूहानी फ़ौजों से जो आसमानी मुक़ामों में है। (aiōn )
yataH kEvalaM raktamAMsAbhyAm iti nahi kintu kartRtvaparAkramayuktaistimirarAjyasyEhalOkasyAdhipatibhiH svargOdbhavai rduSTAtmabhirEva sArddham asmAbhi ryuddhaM kriyatE| (aiōn )
हमारे ख़ुदा और बाप की हमेशा से हमेशा तक बड़ाई होती रहे आमीन (aiōn )
asmAkaM piturIzvarasya dhanyavAdO'nantakAlaM yAvad bhavatu| AmEn| (aiōn )
वह बातें जो शुरू से तमाम गुज़री नसलों से छुपा रहा था लेकिन अब मुक़द्दसीन पर ज़ाहिर की गई हैं। (aiōn )
tat nigUPhaM vAkyaM pUrvvayugESu pUrvvapuruSEbhyaH pracchannam AsIt kintvidAnIM tasya pavitralOkAnAM sannidhau tEna prAkAzyata| (aiōn )
वह ख़ुदावन्द का चेहरा और उसकी क़ुदरत के जलाल से दूर हो कर हमेशा हलाकत की सज़ा पाएँगे (aiōnios )
tE ca prabhO rvadanAt parAkramayuktavibhavAcca sadAtanavinAzarUpaM daNPaM lapsyantE, (aiōnios )
अब हमारा ख़ुदावन्द 'ईसा मसीह ख़ुद और हमारा बाप ख़ुदा जिसने हम से मुहब्बत रखी और फ़ज़ल से हमेशा तसल्ली और अच्छी उम्मीद बख़्शी (aiōnios )
asmAkaM prabhu ryIzukhrISTastAta IzvarazcArthatO yO yuSmAsu prEma kRtavAn nityAnjca sAntvanAm anugrahENOttamapratyAzAnjca yuSmabhyaM dattavAn (aiōnios )
लेकिन मुझ पर रहम इसलिए हुआ कि ईसा मसीह मुझ बड़े गुनहगार में अपना सब्र ज़ाहिर करे, ताकि जो लोग हमेशा की ज़िन्दगी के लिए उस पर ईमान लाएँगे उन के लिए मैं नमूना बनूँ। (aiōnios )
tESAM pApinAM madhyE'haM prathama AsaM kintu yE mAnavA anantajIvanaprAptyarthaM tasmin vizvasiSyanti tESAM dRSTAntE mayi prathamE yIzunA khrISTEna svakIyA kRtsnA cirasahiSNutA yat prakAzyatE tadarthamEvAham anukampAM prAptavAn| (aiōnios )
अब हमेशा कि बादशाही या'नी ना मिटने वाली, नादीदा, एक ख़ुदा की 'इज़्ज़त और बड़ाई हमेशा से हमेशा तक होती रहे। आमीन। (aiōn )
anAdirakSayO'dRzyO rAjA yO'dvitIyaH sarvvajnja Izvarastasya gauravaM mahimA cAnantakAlaM yAvad bhUyAt| AmEn| (aiōn )
ईमान की अच्छी कुश्ती लड़; उस हमेशा की ज़िन्दगी पर क़ब्ज़ा कर ले जिसके लिए तू बुलाया गया था, और बहुत से गवाहों के सामने अच्छा इक़रार किया था। (aiōnios )
vizvAsarUpam uttamayuddhaM kuru, anantajIvanam Alambasva yatastadarthaM tvam AhUtO 'bhavaH, bahusAkSiNAM samakSanjcOttamAM pratijnjAM svIkRtavAn| (aiōnios )
बक़ा सिर्फ़ उसी की है, और वो उस नूर में रहता है जिस तक किसी की पहुँच नहीं हो सकती, न उसे किसी इंसान ने देखा और न देख सकता है; उसकी 'इज़्ज़त और सल्तनत हमेशा तक रहे। आमीन। (aiōnios )
amaratAyA advitIya AkaraH, agamyatEjOnivAsI, marttyAnAM kEnApi na dRSTaH kEnApi na dRzyazca| tasya gauravaparAkramau sadAtanau bhUyAstAM| AmEn| (aiōnios )
इस मौजूदा जहान के दौलतमन्दों को हुक्म दे कि मग़रूर न हों और नापाएदार दौलत पर नहीं, बल्कि ख़ुदा पर उम्मीद रख्खें जो हमें लुत्फ़ उठाने के लिए सब चीज़ें बहुतायत से देता है। (aiōn )
ihalOkE yE dhaninastE cittasamunnatiM capalE dhanE vizvAsanjca na kurvvatAM kintu bhOgArtham asmabhyaM pracuratvEna sarvvadAtA (aiōn )
जिस ने हमें नजात दी और पाक बुलावे से बुलाया हमारे कामों के मुताबिक़ नहीं बल्कि अपने ख़ास इरादा और उस फ़ज़ल के मुताबिक़ जो मसीह 'ईसा में हम पर शुरू से हुआ। (aiōnios )
sO'smAn paritrANapAtrANi kRtavAn pavitrENAhvAnEnAhUtavAMzca; asmatkarmmahEtunEti nahi svIyanirUpANasya prasAdasya ca kRtE tat kRtavAn| sa prasAdaH sRSTEH pUrvvakAlE khrISTEna yIzunAsmabhyam adAyi, (aiōnios )
इसी वजह से मैं नेक लोगों की ख़ातिर सब कुछ सहता हूँ ताकि वो भी उस नजात को जो मसीह 'ईसा में है अबदी जलाल समेत हासिल करें। (aiōnios )
khrISTEna yIzunA yad anantagauravasahitaM paritrANaM jAyatE tadabhirucitai rlOkairapi yat labhyEta tadarthamahaM tESAM nimittaM sarvvANyEtAni sahE| (aiōnios )
क्यूँकि देमास ने इस मौजूदा जहान को पसन्द करके मुझे छोड़ दिया और थिस्सलुनीकियों के शहर को चला गया और क्रेसकेन्स ग़लतिया सूबे को और तितुस दलमतिया सूबे को। (aiōn )
yatO dImA aihikasaMsAram IhamAnO mAM parityajya thiSalanIkIM gatavAn tathA krISki rgAlAtiyAM gatavAn tItazca dAlmAtiyAM gatavAn| (aiōn )
ख़ुदावन्द मुझे हर एक बुरे काम से छुड़ाएगा और अपनी आसमानी बादशाही में सही सलामत पहुँचा देगा उसकी बड़ाई हमेशा से हमेशा तक होती रहे आमीन। (aiōn )
aparaM sarvvasmAd duSkarmmataH prabhu rmAm uddhariSyati nijasvargIyarAjyaM nEtuM mAM tArayiSyati ca| tasya dhanyavAdaH sadAkAlaM bhUyAt| AmEn| (aiōn )
Titus 1:1 (tItaH 1:1)
(parallel missing)
anantajIvanasyAzAtO jAtAyA IzvarabhaktE ryOgyasya satyamatasya yat tatvajnjAnaM yazca vizvAsa IzvarasyAbhirucitalOkai rlabhyatE tadarthaM (aiōnios )
उस हमेशा की ज़िन्दगी की उम्मीद पर जिसका वा'दा शुरू ही से ख़ुदा ने किया है जो झूठ नहीं बोल सकता। (aiōnios )
(parallel missing)
और हमें तालीम देता है ताकि बेदीनी और दुनियावी ख़्वाहिशों का इन्कार करके इस मौजूदा जहान में परहेज़गारी और रास्तबाज़ी और दीनदारी के साथ ज़िन्दगी गुज़ारें; (aiōn )
sa cAsmAn idaM zikSyati yad vayam adharmmaM sAMsArikAbhilASAMzcAnaggIkRtya vinItatvEna nyAyEnEzvarabhaktyA cEhalOkE Ayu ryApayAmaH, (aiōn )
ताकि हम उसके फ़ज़ल से रास्तबाज़ ठहर कर हमेशा की ज़िन्दगी की उम्मीद के मुताबिक़ वारिस बनें। (aiōnios )
itthaM vayaM tasyAnugrahENa sapuNyIbhUya pratyAzayAnantajIvanasyAdhikAriNO jAtAH| (aiōnios )
क्यूँकि मुम्किन है कि वो तुझ से इसलिए थोड़ी देर के वास्ते जुदा हुआ हो कि हमेशा तेरे पास रहे। (aiōnios )
kO jAnAti kSaNakAlArthaM tvattastasya vicchEdO'bhavad EtasyAyam abhiprAyO yat tvam anantakAlArthaM taM lapsyasE (aiōnios )
इस ज़माने के आख़िर में हम से बेटे के ज़रिए कलाम किया, जिसे उसने सब चीज़ों का वारिस ठहराया और जिसके वसीले से उसने आलम भी पैदा किए। (aiōn )
sa Etasmin zESakAlE nijaputrENAsmabhyaM kathitavAn| sa taM putraM sarvvAdhikAriNaM kRtavAn tEnaiva ca sarvvajaganti sRSTavAn| (aiōn )
मगर बेटे के बारे में कहता है, “ऐ ख़ुदा, तेरा तख़्त हमेशा से हमेशा तक रहेगा, और तेरी बादशाही की 'लाठी रास्तबाज़ी की 'लाठी है। (aiōn )
kintu putramuddizya tEnOktaM, yathA, "hE Izvara sadA sthAyi tava siMhAsanaM bhavEt| yAthArthyasya bhavEddaNPO rAjadaNPastvadIyakaH| (aiōn )
कहीं और वह फ़रमाता है, “तू अबद तक इमाम है, ऐसा इमाम जैसा मलिक — ए — सिद्क़ था।” (aiōn )
tadvad anyagItE'pIdamuktaM, tvaM malkISEdakaH zrENyAM yAjakO'si sadAtanaH| (aiōn )
जब वह कामिलियत तक पहुँच गया तो वह उन सब की अबदी नजात का सरचश्मा बन गया जो उस की सुनते हैं। (aiōnios )
itthaM siddhIbhUya nijAjnjAgrAhiNAM sarvvESAm anantaparitrANasya kAraNasvarUpO 'bhavat| (aiōnios )
बपतिस्मा क्या है, किसी पर हाथ रखने की तालीम, मुर्दों के जी उठने और हमेशा सज़ा पाने की तालीम। (aiōnios )
anantakAlasthAyivicArAjnjA caitaiH punarbhittimUlaM na sthApayantaH khrISTaviSayakaM prathamOpadEzaM pazcAtkRtya siddhiM yAvad agrasarA bhavAma| (aiōnios )
उन्हों ने ख़ुदा के कलाम की भलाई और आने वाले ज़माने की ताक़तों का तजुर्बा किया था। (aiōn )
Izvarasya suvAkyaM bhAvikAlasya zaktinjcAsvaditavantazca tE bhraSTvA yadi (aiōn )
वहीं ईसा हमारे आगे आगे जा कर हमारी ख़ातिर दाख़िल हुआ है। यूँ वह मलिक — ए — सिद्क़ की तरह हमेशा के लिए इमाम — ए — आज़म बन गया है। (aiōn )
tatraivAsmAkam agrasarO yIzuH pravizya malkISEdakaH zrENyAM nityasthAyI yAjakO'bhavat| (aiōn )
क्यूँकि कलाम — ए — मुक़द्दस फ़रमाता है, कि तू मलिक — ए — सिद्क़ के तौर पर अबद तक काहिन है। (aiōn )
yata Izvara idaM sAkSyaM dattavAn, yathA, "tvaM maklISEdakaH zrENyAM yAjakO'si sadAtanaH|" (aiōn )
लेकिन ईसा एक क़सम के ज़रिए इमाम बन गया जब ख़ुदा ने फ़रमाया। “ख़ुदा ने क़सम खाई है और वो इससे अपना मन नही बदलेगा: तुम अबद तक के लिये इमाम है।” (aiōn )
(parallel missing)
Hebrews 7:22 (ibriNaH 7:22)
(parallel missing)
"paramEza idaM zEpE na ca tasmAnnivartsyatE| tvaM malkISEdakaH zrENyAM yAjakO'si sadAtanaH|" (aiōn )
लेकिन चूँकि ईसा हमेशा तक ज़िन्दा है इस लिए उस की कहानित कभी भी ख़त्म नहीं होगी। (aiōn )
kintvasAvanantakAlaM yAvat tiSThati tasmAt tasya yAjakatvaM na parivarttanIyaM| (aiōn )
मूसा की शरी'अत ऐसे लोगों को इमाम — ए — आज़म मुक़र्रर करती है जो कमज़ोर हैं। लेकिन शरी'अत के बाद ख़ुदा की क़सम फ़र्ज़न्द को इमाम — ए — आज़म मुक़र्रर करती है, और यह ख़ुदा का फ़र्ज़न्द हमेशा तक कामिल है। (aiōn )
yatO vyavasthayA yE mahAyAjakA nirUpyantE tE daurbbalyayuktA mAnavAH kintu vyavasthAtaH paraM zapathayuktEna vAkyEna yO mahAyAjakO nirUpitaH sO 'nantakAlArthaM siddhaH putra Eva| (aiōn )
जब मसीह एक बार सदा के लिए ख़ेमे के पाकतरीन कमरे में दाख़िल हुआ तो उस ने क़ुर्बानियाँ पेश करने के लिए बकरों और बछड़ों का ख़ून इस्तेमाल न किया। इस के बजाए उस ने अपना ही ख़ून पेश किया और यूँ हमारे लिए हमेशा की नजात हासिल की। (aiōnios )
chAgAnAM gOvatsAnAM vA rudhiram anAdAya svIyarudhiram AdAyaikakRtva Eva mahApavitrasthAnaM pravizyAnantakAlikAM muktiM prAptavAn| (aiōnios )
अगर इन चीज़ों का यह असर था तो फिर मसीह के ख़ून का क्या ज़बरदस्त असर होगा! अज़ली रूह के ज़रिए उस ने अपने आप को बेदाग़ क़ुर्बानी के तौर पर पेश किया। यूँ उस का ख़ून हमारे ज़मीर को मौत तक पहुँचाने वाले कामों से पाक — साफ़ करता है ताकि हम ज़िन्दा ख़ुदा की ख़िदमत कर सकें। (aiōnios )
tarhi kiM manyadhvE yaH sadAtanEnAtmanA niSkalagkabalimiva svamEvEzvarAya dattavAn, tasya khrISTasya rudhirENa yuSmAkaM manAMsyamarEzvarasya sEvAyai kiM mRtyujanakEbhyaH karmmabhyO na pavitrIkAriSyantE? (aiōnios )
यही वजह है कि मसीह एक नए अह्द का दरमियानी है। मक़्सद यह था कि जितने लोगों को ख़ुदा ने बुलाया है उन्हें ख़ुदा की वादा की हुई और हमेशा की मीरास मिले। और यह सिर्फ़ इस लिए मुम्किन हुआ है कि मसीह ने मर कर फ़िदया दिया ताकि लोग उन गुनाहों से छुटकारा पाएँ जो उन से उस वक़्त सरज़द हुए जब वह पहले अह्द के तहत थे। (aiōnios )
sa nUtananiyamasya madhyasthO'bhavat tasyAbhiprAyO'yaM yat prathamaniyamalagghanarUpapApEbhyO mRtyunA muktau jAtAyAm AhUtalOkA anantakAlIyasampadaH pratijnjAphalaM labhEran| (aiōnios )
अगर ऐसा होता तो उसे दुनिया की पैदाइश से ले कर आज तक बहुत बार दुःख सहना पड़ता। लेकिन ऐसा नहीं है बल्कि अब वह ज़मानो के ख़ातिमें पर एक ही बार सदा के लिए ज़ाहिर हुआ ताकि अपने आप को क़ुर्बान करने से गुनाह को दूर करे। (aiōn )
karttavyE sati jagataH sRSTikAlamArabhya bahuvAraM tasya mRtyubhOga AvazyakO'bhavat; kintvidAnIM sa AtmOtsargENa pApanAzArtham EkakRtvO jagataH zESakAlE pracakAzE| (aiōn )
ईमान के ज़रिए हम जान लेते हैं कि कायनात को ख़ुदा के कलाम से पैदा किया गया, कि जो कुछ हम देख सकते हैं नज़र आने वाली चीज़ों से नहीं बना। (aiōn )
aparam Izvarasya vAkyEna jagantyasRjyanta, dRSTavastUni ca pratyakSavastubhyO nOdapadyantaitad vayaM vizvAsEna budhyAmahE| (aiōn )
ईसा मसीह कल और आज और हमेशा तक यक्साँ है। (aiōn )
yIzuH khrISTaH zvO'dya sadA ca sa EvAstE| (aiōn )
अब सलामती का ख़ुदा जो अबदी 'अह्द के ख़ून से हमारे ख़ुदावन्द और भेड़ों के अज़ीम चरवाहे ईसा को मुर्दों में से वापस लाया (aiōnios )
anantaniyamasya rudhirENa viziSTO mahAn mESapAlakO yEna mRtagaNamadhyAt punarAnAyi sa zAntidAyaka IzvarO (aiōnios )
वह आप को हर अच्छी चीज़ से नवाज़े ताकि आप उस की मर्ज़ी पूरी कर सकें। और वह ईसा मसीह के ज़रिए हम में वह कुछ पैदा करे जो उसे पसन्द आए। उस का जलाल शुरू से हमेशा तक होता रहे! आमीन। (aiōn )
nijAbhimatasAdhanAya sarvvasmin satkarmmaNi yuSmAn siddhAn karOtu, tasya dRSTau ca yadyat tuSTijanakaM tadEva yuSmAkaM madhyE yIzunA khrISTEna sAdhayatu| tasmai mahimA sarvvadA bhUyAt| AmEn| (aiōn )
ज़बान भी एक आग है ज़बान हमारे आज़ा में शरारत का एक आ'लम है और सारे जिस्म को दाग़ लगाती है और दाइरा दुनिया को आग लगा देती है और जहन्नुम की आग से जलती रहती है। (Geenna )
rasanApi bhavEd vahniradharmmarUpapiSTapE| asmadaggESu rasanA tAdRzaM santiSThati sA kRtsnaM dEhaM kalagkayati sRSTirathasya cakraM prajvalayati narakAnalEna jvalati ca| (Geenna )
क्यूँकि तुम मिटने वाले बीज से नहीं बल्कि ग़ैर फ़ानी से ख़ुदा के कलाम के वसीले से, जो ज़िंदा और क़ाईम है, नए सिरे से पैदा हुए हो। (aiōn )
yasmAd yUyaM kSayaNIyavIryyAt nahi kintvakSayaNIyavIryyAd Izvarasya jIvanadAyakEna nityasthAyinA vAkyEna punarjanma gRhItavantaH| (aiōn )
लेकिन ख़ुदावन्द का कलाम हमेशा तक क़ाईम रहेगा। ये वही ख़ुशख़बरी का कलाम है जो तुम्हें सुनाया गया था। (aiōn )
kintu vAkyaM parEzasyAnantakAlaM vitiSThatE| tadEva ca vAkyaM susaMvAdEna yuSmAkam antikE prakAzitaM| (aiōn )
अगर कोई कुछ कहे तो ऐसा कहे कि गोया ख़ुदा का कलाम है, अगर कोई ख़िदमत करे तो उस ताक़त के मुताबिक़ करे जो ख़ुदा दे, ताकि सब बातों में ईसा मसीह के वसीले से ख़ुदा का जलाल ज़ाहिर हो। जलाल और सल्तनत हमेशा से हमेशा उसी की है। आमीन। (aiōn )
yO vAkyaM kathayati sa Izvarasya vAkyamiva kathayatu yazca param upakarOti sa IzvaradattasAmarthyAdivOpakarOtu| sarvvaviSayE yIzukhrISTEnEzvarasya gauravaM prakAzyatAM tasyaiva gauravaM parAkramazca sarvvadA bhUyAt| AmEna| (aiōn )
अब ख़ुदा जो हर तरह के फ़ज़ल का चश्मा है, जिसने तुम को मसीह ईसा में अपने अबदी जलाल के लिए बुलाया, तुम्हारे थोड़ी मुद्दत तक दुःख उठाने के बाद आप ही तुम्हें कामिल और क़ाईम और मज़बूत करेगा। (aiōnios )
kSaNikaduHkhabhOgAt param asmabhyaM khrISTEna yIzunA svakIyAnantagauravadAnArthaM yO'smAn AhUtavAn sa sarvvAnugrAhIzvaraH svayaM yuSmAn siddhAn sthirAn sabalAn nizcalAMzca karOtu| (aiōnios )
हमेशा से हमेशा तक उसी की सल्तनत रहे। आमीन। (aiōn )
tasya gauravaM parAkramazcAnantakAlaM yAvad bhUyAt| AmEn| (aiōn )
बल्कि इससे तुम हमारे ख़ुदावन्द और मुन्जी ईसा मसीह की हमेशा बादशाही में बड़ी 'इज़्ज़त के साथ दाख़िल किए जाओगे। (aiōnios )
yatO 'nEna prakArENAsmAkaM prabhOstrAtR ryIzukhrISTasyAnantarAjyasya pravEzEna yUyaM sukalEna yOjayiSyadhvE| (aiōnios )
क्यूँकि जब ख़ुदा ने गुनाह करने वाले फ़रिश्तों को न छोड़ा, बल्कि जहन्नुम भेज कर तारीक ग़ारों में डाल दिया ताकि 'अदालत के दिन तक हिरासत में रहें, (Tartaroō )
IzvaraH kRtapApAn dUtAn na kSamitvA timirazRgkhalaiH pAtAlE ruddhvA vicArArthaM samarpitavAn| (Tartaroō )
बल्कि हमारे ख़ुदावन्द और मुन्जी ईसा मसीह के फ़ज़ल और 'इरफ़ान में बढ़ते जाओ। उसी की बड़ाई अब भी हो, और हमेशा तक होती रहे। आमीन। (aiōn )
kintvasmAkaM prabhOstrAtu ryIzukhrISTasyAnugrahE jnjAnE ca varddhadhvaM| tasya gauravam idAnIM sadAkAlanjca bhUyAt| AmEn| (aiōn )
[ये ज़िन्दगी ज़ाहिर हुई और हम ने देखा और उसकी गवाही देते हैं, और इस हमेशा की ज़िन्दगी की तुम्हें ख़बर देते हैं जो बाप के साथ थी और हम पर ज़ाहिर हुई है]। (aiōnios )
sa jIvanasvarUpaH prakAzata vayanjca taM dRSTavantastamadhi sAkSyaM dadmazca, yazca pituH sannidhAvavarttatAsmAkaM samIpE prakAzata ca tam anantajIvanasvarUpaM vayaM yuSmAn jnjApayAmaH| (aiōnios )
दुनियाँ और उसकी ख़्वाहिश दोनों मिटती जाती है, लेकिन जो ख़ुदा की मर्ज़ी पर चलता है वो हमेशा तक क़ाईम रहेगा। (aiōn )
saMsArastadIyAbhilASazca vyatyEti kintu ya IzvarasyESTaM karOti sO 'nantakAlaM yAvat tiSThati| (aiōn )
और जिसका उसने हम से वा'दा किया, वो हमेशा की ज़िन्दगी है। (aiōnios )
sa ca pratijnjayAsmabhyaM yat pratijnjAtavAn tad anantajIvanaM| (aiōnios )
जो कोई अपने भाई से 'दुश्मनी रखता है, वो ख़ूनी है और तुम जानते हो कि किसी ख़ूनी में हमेशा की ज़िन्दगी मौजूद नहीं रहती। (aiōnios )
yaH kazcit svabhrAtaraM dvESTi saM naraghAtI kinjcAnantajIvanaM naraghAtinaH kasyApyantarE nAvatiSThatE tad yUyaM jAnItha| (aiōnios )
और वो गवाही ये है, कि ख़ुदा ने हमे हमेशा की ज़िन्दगी बख़्शी, और ये ज़िन्दगी उसके बेटे में है। (aiōnios )
tacca sAkSyamidaM yad IzvarO 'smabhyam anantajIvanaM dattavAn tacca jIvanaM tasya putrE vidyatE| (aiōnios )
मैंने तुम को जो ख़ुदा के बेटे के नाम पर ईमान लाए हो, ये बातें इसलिए लिखी कि तुम्हें मा'लूम हो कि हमेशा की ज़िन्दगी रखते हो।। (aiōnios )
Izvaraputrasya nAmni yuSmAn pratyEtAni mayA likhitAni tasyAbhiprAyO 'yaM yad yUyam anantajIvanaprAptA iti jAnIyAta tasyEzvaraputrasya nAmni vizvasEta ca| (aiōnios )
और ये भी जानते है कि ख़ुदा का बेटा आ गया है, और उसने हमे समझ बख़्शी है ताकि उसको जो हक़ीक़ी है जानें और हम उसमें जो हक़ीक़ी है, या'नी उसके बेटे ईसा मसीह में हैं। हक़ीक़ी ख़ुदा और हमेशा की ज़िन्दगी यही है। (aiōnios )
aparam Izvarasya putra AgatavAn vayanjca yayA tasya satyamayasya jnjAnaM prApnuyAmastAdRzIM dhiyam asmabhyaM dattavAn iti jAnImastasmin satyamayE 'rthatastasya putrE yIzukhrISTE tiSThAmazca; sa Eva satyamaya IzvarO 'nantajIvanasvarUpazcAsti| (aiōnios )
और सिर्फ़ मैं ही नहीं बल्कि वो सब भी मुहब्बत रखते हैं, जो हक़ से वाक़िफ़ हैं। (aiōn )
satyamatAd yuSmAsu mama prEmAsti kEvalaM mama nahi kintu satyamatajnjAnAM sarvvESAmEva| yataH satyamatam asmAsu tiSThatyanantakAlaM yAvaccAsmAsu sthAsyati| (aiōn )
और जिन फ़रिश्तों ने अपनी हुकुमत को क़ाईम न रख्खा बल्कि अपनी ख़ास जगह को छोड़ दिया, उनको उसने हमेशा की क़ैद में अंधेरे के अन्दर रोज़ — ए — 'अज़ीम की 'अदालत तक रख्खा है (aïdios )
yE ca svargadUtAH svIyakartRtvapadE na sthitvA svavAsasthAnaM parityaktavantastAn sa mahAdinasya vicArArtham andhakAramayE 'dhaHsthAnE sadAsthAyibhi rbandhanairabadhnAt| (aïdios )
इसी तरह सदूम और 'अमूरा और उसके आसपास के शहर, जो इनकी तरह ज़िनाकारी में पड़ गए और ग़ैर जिस्म की तरफ़ राग़िब हुए, हमेशा की आग की सज़ा में गिरफ़्तार होकर जा — ए — 'इबरत ठहरे हैं। (aiōnios )
aparaM sidOmam amOrA tannikaTasthanagarANi caitESAM nivAsinastatsamarUpaM vyabhicAraM kRtavantO viSamamaithunasya cESTayA vipathaM gatavantazca tasmAt tAnyapi dRSTAntasvarUpANi bhUtvA sadAtanavahninA daNPaM bhunjjatE| (aiōnios )
ये समुन्दर की पुर जोश मौजें, जो अपनी बेशर्मी के झाग उछालती हैं। ये वो आवारा गर्द सितारे हैं, जिनके लिए हमेशा तक बेहद तारीकी धरी है। (aiōn )
svakIyalajjAphENOdvamakAH pracaNPAH sAmudrataraggAH sadAkAlaM yAvat ghOratimirabhAgIni bhramaNakArINi nakSatrANi ca bhavanti| (aiōn )
अपने आपको 'ख़ुदा' की मुहब्बत में क़ाईम रख्खो; और हमेशा की ज़िन्दगी के लिए हमारे ख़ुदावन्द 'ईसा मसीह की रहमत के इन्तिज़ार में रहो। (aiōnios )
Izvarasya prEmnA svAn rakSata, anantajIvanAya cAsmAkaM prabhO ryIzukhrISTasya kRpAM pratIkSadhvaM| (aiōnios )
उस ख़ुदा — ए — वाहिद का जो हमारा मुन्जी है, जलाल और 'अज़मत और सल्तनत और इख़्तियार, हमारे ख़ुदावन्द 'ईसा मसीह के वसीले से, जैसा पहले से है, अब भी हो और हमेशा रहे। आमीन। (aiōn )
yO 'smAkam advitIyastrANakarttA sarvvajnja Izvarastasya gauravaM mahimA parAkramaH kartRtvanjcEdAnIm anantakAlaM yAvad bhUyAt| AmEn| (aiōn )
और हम को एक बादशाही भी दी और अपने ख़ुदा और बाप के लिए काहिन भी बना दिया। उसका जलाल और बादशाही हमेशा से हमेशा तक रहे। आमीन। (aiōn )
yO 'smAsu prItavAn svarudhirENAsmAn svapApEbhyaH prakSAlitavAn tasya piturIzvarasya yAjakAn kRtvAsmAn rAjavargE niyuktavAMzca tasmin mahimA parAkramazcAnantakAlaM yAvad varttatAM| AmEn| (aiōn )
और ज़िन्दा हूँ। मैं मर गया था, और देख हमेशा से हमेशा तक रहूँगा; और मौत और 'आलम — ए — अर्वाह की कुन्जियाँ मेरे पास हैं। (aiōn , Hadēs )
aham amarastathApi mRtavAn kintu pazyAham anantakAlaM yAvat jIvAmi| AmEn| mRtyOH paralOkasya ca kunjjikA mama hastagatAH| (aiōn , Hadēs )
और जब वो जानदार उसकी बड़ाई — ओ — 'इज़्ज़त और तम्जीद करेंगे, जो तख़्त पर बैठा है और हमेशा से हमेशा ज़िन्दा रहेगा; (aiōn )
itthaM taiH prANibhistasyAnantajIvinaH siMhAsanOpaviSTasya janasya prabhAvE gauravE dhanyavAdE ca prakIrttitE (aiōn )
तो वो चौबीस बुज़ुर्ग उसके सामने जो तख़्त पर बैठा है गिर पड़ेंगे और उसको सिज्दा करेंगे, जो हमेशा हमेशा ज़िन्दा रहेगा और अपने ताज ये कहते हुए उस तख़्त के सामने डाल देंगे, (aiōn )
tE caturviMzatiprAcInA api tasya siMhAsanOpaviSTasyAntikE praNinatya tam anantajIvinaM praNamanti svIyakirITAMzca siMhAsanasyAntikE nikSipya vadanti, (aiōn )
फिर मैंने आसमान और ज़मीन और ज़मीन के नीचे की, और समुन्दर की सब मख़्लूक़ात को या'नी सब चीज़ों को उनमें हैं ये कहते सुना, “जो तख़्त पर बैठा है उसकी और बर्रे की, तारीफ़ और इज़्ज़त और बड़ाई और बादशाही हमेशा हमेशा रहे!” (aiōn )
aparaM svargamarttyapAtAlasAgarESu yAni vidyantE tESAM sarvvESAM sRSTavastUnAM vAgiyaM mayA zrutA, prazaMsAM gauravaM zauryyam AdhipatyaM sanAtanaM| siMhasanOpaviSTazca mESavatsazca gacchatAM| (aiōn )
मैंने निगाह की तो क्या देखता हूँ कि एक ज़र्द सा घोड़ा है, और उसके सवार का नाम 'मौत' है और 'आलम — ए — अर्वाह उसके पीछे पीछे है; और उनको चौथाई ज़मीन पर ये इख़्तियार दिया गया कि तलवार और काल और वबा और ज़मीन के दरिन्दों से लोगों को हलाक करें। (Hadēs )
tataH pANPuravarNa EkO 'zvO mayA dRSTaH, tadArOhiNO nAma mRtyuriti paralOkazca tam anucarati khaggEna durbhikSENa mahAmAryyA vanyapazubhizca lOkAnAM badhAya pRthivyAzcaturthAMzasyAdhipatyaM tasmA adAyi| (Hadēs )
कहा, आमीन! तारीफ़ और बड़ाई और हिक्मत और शुक्र और 'इज़्ज़त और क़ुदरत और ताक़त हमेशा से हमेशा हमारे ख़ुदा की हो! आमीन। (aiōn )
tathAstu dhanyavAdazca tEjO jnjAnaM prazaMsanaM| zauryyaM parAkramazcApi zaktizca sarvvamEva tat| varttatAmIzvarE'smAkaM nityaM nityaM tathAstviti| (aiōn )
जब पाँचवें फ़रिश्ते ने नरसिंगा फूँका, तो मैंने आसमान से ज़मीन पर एक सितारा गिरा हुआ देखा, और उसे अथाह गड्ढे की कूंजी दी गई। (Abyssos )
tataH paraM saptamadUtEna tUryyAM vAditAyAM gaganAt pRthivyAM nipatita EkastArakO mayA dRSTaH, tasmai rasAtalakUpasya kunjjikAdAyi| (Abyssos )
और जब उसने अथाह गड्ढे को खोला तो गड्ढे में से एक बड़ी भट्टी का सा धुवाँ उठा, और गड्ढे के धुवें के ज़रिए से सूरज और हवा तारीक हो गई। (Abyssos )
tEna rasAtalakUpE muktE mahAgnikuNPasya dhUma iva dhUmastasmAt kUpAd udgataH| tasmAt kUpadhUmAt sUryyAkAzau timirAvRtau| (Abyssos )
अथाह गड्ढे का फ़रिश्ता उन पर बादशाह था; उसका नाम 'इब्रानी अबदून और यूनानी में अपुल्ल्योन है। (Abyssos )
tESAM rAjA ca rasAtalasya dUtastasya nAma ibrIyabhASayA abaddOn yUnAnIyabhASayA ca apalluyOn arthatO vinAzaka iti| (Abyssos )
जो हमेशा से हमेशा ज़िन्दा रहेगा और जिसने आसमान और उसके अन्दर की चीज़ें, और ज़मीन और उसके ऊपर की चीज़ें, और समुन्दर और उसके अन्दर की चीज़ें, पैदा की हैं, उसकी क़सम खाकर कहा कि अब और देर न होगी। (aiōn )
aparaM svargAd yasya ravO mayAzrAvi sa puna rmAM sambhAvyAvadat tvaM gatvA samudramEdinyOstiSThatO dUtasya karAt taM vistIrNa kSudragranthaM gRhANa, tEna mayA dUtasamIpaM gatvA kathitaM granthO 'sau dIyatAM| (aiōn )
जब वो अपनी गवाही दे चुकेंगे, तो वो हैवान जो अथाह गड्ढे से निकलेगा, उनसे लड़कर उन पर ग़ालिब आएगा और उनको मार डालेगा। (Abyssos )
aparaM tayOH sAkSyE samAptE sati rasAtalAd yEnOtthitavyaM sa pazustAbhyAM saha yuddhvA tau jESyati haniSyati ca| (Abyssos )
जब सातवें फ़रिश्ते ने नरसिंगा फूँका, तो आसमान पर बड़ी आवाज़ें इस मज़मून की पैदा हुई: “दुनियाँ की बादशाही हमारे ख़ुदावन्द और उसके मसीह की हो गई, और वो हमेशा बादशाही करेगा।” (aiōn )
anantaraM saptadUtEna tUryyAM vAditAyAM svarga uccaiH svarairvAgiyaM kIrttitA, rAjatvaM jagatO yadyad rAjyaM tadadhunAbhavat| asmatprabhOstadIyAbhiSiktasya tArakasya ca| tEna cAnantakAlIyaM rAjatvaM prakariSyatE|| (aiōn )
फिर मैंने एक और फ़रिश्ते को आसमान के बीच में उड़ते हुए देखा, जिसके पास ज़मीन के रहनेवालों की हर क़ौम और क़बीले और अहल — ए — ज़बान और उम्मत के सुनाने के लिए हमेशा की ख़ुशख़बरी थी। (aiōnios )
anantaram AkAzamadhyEnOPPIyamAnO 'para EkO dUtO mayA dRSTaH sO 'nantakAlIyaM susaMvAdaM dhArayati sa ca susaMvAdaH sarvvajAtIyAn sarvvavaMzIyAn sarvvabhASAvAdinaH sarvvadEzIyAMzca pRthivInivAsinaH prati tEna ghOSitavyaH| (aiōnios )
और उनके 'अज़ाब का धुवाँ हमेशा ही उठता रहेगा, और जो उस हैवान और उसके बुत की इबादत करते हैं, और जो उसके नाम की छाप लेते हैं, उनको रात दिन चैन न मिलेगा।” (aiōn )
tESAM yAtanAyA dhUmO 'nantakAlaM yAvad udgamiSyati yE ca pazuM tasya pratimAnjca pUjayanti tasya nAmnO 'gkaM vA gRhlanti tE divAnizaM kanjcana virAmaM na prApsyanti| (aiōn )
और उन चारों जानदारों में से एक ने सात सोने के प्याले, हमेशा ज़िन्दा रहनेवाले ख़ुदा के क़हर से भरे हुए, उन सातों फ़रिश्तों को दिए; (aiōn )
aparaM caturNAM prANinAm EkastEbhyaH saptadUtEbhyaH saptasuvarNakaMsAn adadAt| (aiōn )
ये जो तू ने हैवान देखा है, ये पहले तो था मगर अब नहीं है; और आइन्दा अथाह गड्ढे से निकलकर हलाकत में पड़ेगा, और ज़मीन के रहनेवाले जिनके नाम दुनियाँ बनाने से पहले के वक़्त से किताब — ए — हयात में लिखे नहीं गए, इस हैवान का ये हाल देखकर कि पहले था और अब नहीं और फिर मौजूद हो जाएगा, ता'अज्जुब करेंगे। (Abyssos )
tvayA dRSTO 'sau pazurAsIt nEdAnIM varttatE kintu rasAtalAt tEnOdEtavyaM vinAzazca gantavyaH| tatO yESAM nAmAni jagataH sRSTikAlam Arabhya jIvanapustakE likhitAni na vidyantE tE pRthivInivAsinO bhUtam avarttamAnamupasthAsyantanjca taM pazuM dRSTvAzcaryyaM maMsyantE| (Abyssos )
फिर दूसरी बार उन्होंने कहा, “हल्लेलुइया! और उसके जलने का धुवाँ हमेशा उठता रहेगा।” (aiōn )
punarapi tairidamuktaM yathA, brUta parEzvaraM dhanyaM yannityaM nityamEva ca| tasyA dAhasya dhUmO 'sau dizamUrddhvamudESyati|| (aiōn )
और वो हैवान और उसके साथ वो झूठा नबी पकड़ा गया, जिनसे उसने हैवान की छाप लेनेवालों और उसके बुत की इबादत करनेवालों को गुमराह किया था। वो दोनों आग की उस झील में ज़िन्दा डाले गए, जो गंधक से जलती है। (Limnē Pyr )
tataH sa pazu rdhRtO yazca mithyAbhaviSyadvaktA tasyAntikE citrakarmmANi kurvvan tairEva pazvagkadhAriNastatpratimApUjakAMzca bhramitavAn sO 'pi tEna sArddhaM dhRtaH| tau ca vahnigandhakajvalitahradE jIvantau nikSiptau| (Limnē Pyr )
फिर मैंने एक फ़रिश्ते को आसमान से उतरते देखा, जिसके हाथ में अथाह गड्ढे की कुंजी और एक बड़ी ज़ंजीर थी। (Abyssos )
tataH paraM svargAd avarOhan EkO dUtO mayA dRSTastasya karE ramAtalasya kunjjikA mahAzRgkhalanjcaikaM tiSThataH| (Abyssos )
और उसे अथाह गड्ढे में डाल कर बन्द कर दिया और उस पर मुहर कर दी, ताकि वो हज़ार बरस के पूरे होने तक क़ौमों को फिर गुमराह न करे। इसके बाद ज़रूर है कि थोड़े 'अरसे के लिए खोला जाए। (Abyssos )
aparaM rasAtalE taM nikSipya tadupari dvAraM ruddhvA mudrAgkitavAn yasmAt tad varSasahasraM yAvat sampUrNaM na bhavEt tAvad bhinnajAtIyAstEna puna rna bhramitavyAH| tataH param alpakAlArthaM tasya mOcanEna bhavitavyaM| (Abyssos )
और उनका गुमराह करने वाला इब्लीस आग और गंधक की उस झील में डाला जाएगा, जहाँ वो हैवान और झूठा नबी भी होगा; और रात दिन हमेशा से हमेशा तक 'अज़ाब में रहेंगे। (aiōn , Limnē Pyr )
tESAM bhramayitA ca zayatAnO vahnigandhakayO rhradE 'rthataH pazu rmithyAbhaviSyadvAdI ca yatra tiSThatastatraiva nikSiptaH, tatrAnantakAlaM yAvat tE divAnizaM yAtanAM bhOkSyantE| (aiōn , Limnē Pyr )
और समुन्दर ने अपने अन्दर के मुर्दों को दे दिया, और मौत और 'आलम — ए — अर्वाह ने अपने अन्दर के मुर्दों को दे दिया, और उनमें से हर एक के आ'माल के मुताबिक़ उसका इन्साफ़ किया गया। (Hadēs )
tadAnIM samudrENa svAntarasthA mRtajanAH samarpitAH, mRtyuparalOkAbhyAmapi svAntarasthA mRtajanAH sarmipatAH, tESAnjcaikaikasya svakriyAnuyAyI vicAraH kRtaH| (Hadēs )
फिर मौत और 'आलम — ए — अर्वाह आग की झील में डाले गए। ये आग की झील आखरी मौत है, (Hadēs , Limnē Pyr )
aparaM mRtyuparalOkau vahnihradE nikSiptau, ESa Eva dvitIyO mRtyuH| (Hadēs , Limnē Pyr )
और जिस किसी का नाम किताब — ए — हयात में लिखा हुआ न मिला, वो आग की झील में डाला गया। (Limnē Pyr )
yasya kasyacit nAma jIvanapustakE likhitaM nAvidyata sa Eva tasmin vahnihradE nyakSipyata| (Limnē Pyr )
मगर बुज़दिलों, और बेईमान लोगों, और घिनौने लोगों, और ख़ूनियों, और हरामकारों, और जादूगरों, और बुत परस्तों, और सब झूठों का हिस्सा आग और गन्धक से जलने वाली झील में होगा; ये दूसरी मौत है। (Limnē Pyr )
kintu bhItAnAm avizvAsinAM ghRNyAnAM narahantRNAM vEzyAgAminAM mOhakAnAM dEvapUjakAnAM sarvvESAm anRtavAdinAnjcAMzO vahnigandhakajvalitahradE bhaviSyati, ESa Eva dvitIyO mRtyuH| (Limnē Pyr )
और फिर रात न होगी, और वो चिराग़ और सूरज की रौशनी के मुहताज न होंगे, क्यूँकि ख़ुदावन्द ख़ुदा उनको रौशन करेगा और वो हमेशा से हमेशा तक बादशाही करेंगे। (aiōn )
tadAnIM rAtriH puna rna bhaviSyati yataH prabhuH paramEzvarastAn dIpayiSyati tE cAnantakAlaM yAvad rAjatvaM kariSyantE| (aiōn )