Aionian Verses

और उसके सब बेटे बेटियाँ उसे तसल्ली देने जाते थे, लेकिन उसे तसल्ली न होती थी। वह यही कहता रहा, कि मैं तो मातम ही करता हुआ क़ब्र में अपने बेटे से जा मिलूँगा। इसलिए उसका बाप उसके लिए रोता रहा। (Sheol h7585)
وَعِنْدَمَا قَامَ جَمِيعُ أَبْنَائِهِ لِيُعَزُّوهُ أَبَى أَنْ يَتَعَزَّى وَقَالَ: «إِنِّي أَمْضِي إِلَى ابْنِي نَائِحاً إِلَى الْهَاوِيَةِ». وَبَكَى عَلَيْهِ أَبُوهُ. (Sheol h7585)
उसने कहा, मेरा बेटा तुम्हारे साथ नहीं जाएगा; क्यूँकि उसका भाई मर गया और वह अकेला रह गया है। अगर रास्ते में जाते — जाते उस पर कोई आफ़त आ पड़े तो तुम मेरे सफ़ेद बालों को ग़म के साथ क़ब्र में उतारोगे। (Sheol h7585)
فَقَالَ: «لَنْ يَذْهَبَ ابْنِي مَعَكُمْ، فَقَدْ مَاتَ أَخُوهُ، وَهُوَ وَحْدَهُ بَاقٍ. فَإِنْ نَالَهُ مَكْرُوهٌ فِي الطَّرِيقِ الَّتِي تَذْهَبُونَ فِيهَا، فَإِنَّكُمْ تُنْزِلُونَ شَيْبَتِي بِحُزْنٍ إِلَى قَبْرِي». (Sheol h7585)
अब अगर तुम इसको भी मेरे पास से ले जाओ और इस पर कोई आफ़त आ पड़े, तो तुम मेरे सफ़ेद बालों को ग़म के साथ क़ब्र में उतारोगे।” (Sheol h7585)
فَإِنْ أَخَذْتُمْ هَذَا مِنِّي، وَلَحِقَهُ مَكْرُوهٌ، تُنْزِلُونَنِي إِلَى الْقَبْرِ بِشَيْبَةٍ شَقِيَّةٍ. (Sheol h7585)
वह यह देख कर कि लड़का नहीं आया मर जाएगा, और तेरे ख़ादिम अपने बाप के, जो तेरा ख़ादिम है, सफ़ेद बालों को ग़म के साथ क़ब्र में उतारेंगे। (Sheol h7585)
وَرَأَى أَنَّ الْغُلامَ مَفْقُودٌ، فَإِنَّهُ يَمُوتُ، وَيُوَارِي عَبِيدُكَ شَيْبَةَ عَبْدِكَ أَبِيهِمْ بِشَقَاءٍ فِي الْقَبْرِ. (Sheol h7585)
लेकिन अगर ख़ुदावन्द कोई नया करिश्मा दिखाए, और ज़मीन अपना मुँह खोल दे और इनको इनके घर — बार के साथ निगल जाए और यह जीते जी पाताल में समा जाएँ, तो तुम जानना कि इन लोगों ने ख़ुदावन्द की तहक़ीर की है।” (Sheol h7585)
وَلَكِنْ إِنْ أَجْرَى الرَّبُّ أَمْراً جَدِيداً، وَانْشَقَّتِ الأَرْضُ وَابْتَلَعَتْهُمْ مَعَ كُلِّ مَالَهُمْ، وَدُفِنُوا فِي بَاطِنِ الأَرْضِ أَحْيَاءَ، عِنْدَئِذٍ تُدْرِكُونَ أَنَّ هَؤُلاءِ الْقَوْمَ قَدِ ازْدَرَوْا بِالرَّبِّ». (Sheol h7585)
तब वह और उनका सारा घर — बार जीते जो पाताल में समा गए और ज़मीन उनके ऊपर बराबर हो गई, और वह जमा'अत में से ख़त्म हो गए। (Sheol h7585)
فَاخْتَفَوْا هُمْ وَكُلُّ مَا يَمْلِكُونَ أَحْيَاءَ فِي بَاطِنِ الأَرْضِ الَّتِي انْطَبَقَتْ عَلَيْهِمْ، فَبَادُوا مِنْ بَيْنِ الْجَمَاعَةِ. (Sheol h7585)
इसलिए कि मेरे ग़ुस्से के मारे आग भड़क उठी है, जो पाताल की तह तक जलती जाएगी, और ज़मीन को उसकी पैदावार समेत भसम कर देगी, और पहाड़ों की बुनियादों में आग लगा देगी। (Sheol h7585)
فَهَا قَدْ أَضْرَمَ غَضَبِي نَاراً تُحْرِقُ حَتَّى الْهَاوِيَةِ السُّفْلَى، وَتَأْكُلُ الأَرْضَ وَغَلّاتِهَا، وَتُشْعِلُ أُسُسَ الْجِبَالِ. (Sheol h7585)
ख़ुदावन्द मारता है और जिलाता है; वही क़ब्र मैं उतारता और उससे निकालता है। (Sheol h7585)
الرَّبُّ يُمِيتُ وَيُحْيِي، يَطْرَحُ إِلَى الْهَاوِيَةِ وَيُصْعِدُ مِنْهَا. (Sheol h7585)
पाताल की रस्सियाँ मेरे चारो तरफ़ थीं मौत के फंदे मुझ पर आते थे। (Sheol h7585)
أَحَاطَتْ بِي حِبَالُ الْهَاوِيَةِ، وَأَطْبَقَتْ عَلَيَّ فِخَاخُ الْمَوْتِ. (Sheol h7585)
इसलिए तू अपनी हिकमत से काम लेना और उसके सफ़ेद सर को क़ब्र में सलामत उतरने न देना। (Sheol h7585)
فَاقْضِ بِمَا تُمْلِيهِ عَلَيْكَ حِكْمَتُكَ، وَلا تَدَعْ رَأْسَهُ الأَشْيَبَ يَمُوتُ فِي سَلامٍ. (Sheol h7585)
तब तू उसको बेगुनाह न ठहराना, क्यूँकि तू ''अक़्लमन्द आदमी है और तू जानता है कि तुझे उसके साथ क्या करना चाहिए, इसलिए तू उसका सफ़ेद सर लहू लुहान करके क़ब्र में उतारना।” (Sheol h7585)
أَمَّا أَنْتَ فَلا تُبَرِّرْهُ مِنْ ذَنْبِهِ، وَأَنْتَ رَجُلٌ حَكِيمٌ، فَانْظُرْ مَا تُعَاقِبُهُ بِهِ. أَحْدِرْ شَيْبَتَهُ إِلَى الْقَبْرِ مُلَطَّخَةً بِالدَّمِ». (Sheol h7585)
जैसे बादल फटकर ग़ायब हो जाता है, वैसे ही वह जो क़ब्र में उतरता है फिर कभी ऊपर नहीं आता; (Sheol h7585)
كَمَا يَضْمَحِلُّ السَّحَابُ وَيَزُولُ، هَكَذَا الْمُنْحَدِرُ إِلَى الْهَاوِيَةِ لَا يَصْعَدُ، (Sheol h7585)
वह आसमान की तरह ऊँचा है, तू क्या कर सकता है? वह पाताल सा गहरा है, तू क्या जान सकता है? (Sheol h7585)
هُوَ أَسْمَى مِنَ السَّمَاوَاتِ، فَمَاذَا يُمْكِنُكَ أَنْ تَفْعَلَ؟ وَهُوَ أَبْعَدُ غَوْراً مِنَ الْهَاوِيَةِ، فَمَاذَا تَعْلَمُ؟ (Sheol h7585)
काश कि तू मुझे पाताल में छिपा दे, और जब तक तेरा क़हर टल न जाए, मुझे पोशीदा रख्खे; और कोई मुक़र्ररा वक़्त मेरे लिए ठहराए और मुझे याद करे। (Sheol h7585)
لَيْتَكَ تُوَارِينِي فِي عَالَمِ الأَمْوَاتِ، وَتُخْفِينِي إِلَى أَنْ يَعْبُرَ عَنِّي غَضَبُكَ، وَتُحَدِّدُ لِي أَجَلاً فَتَذْكُرَنِي. (Sheol h7585)
अगर में उम्मीद करूँ कि पाताल मेरा घर है, अगर मैंने अँधेरे में अपना बिछौना बिछा लिया है। (Sheol h7585)
إِذَا رَجَوْتُ أَنْ تَكوُنَ الْهَاوِيَةُ مَقَرّاً لِي، وَمَهَّدْتُ فِي الظَّلامِ فِرَاشِي، (Sheol h7585)
वह पाताल के फाटकों तक नीचे उतर जाएगी जब हम मिलकर ख़ाक में आराम पाएँगे।” (Sheol h7585)
أَلا تَنْحَدِرُ إِلَى مَغَالِيقِ الْهَاوِيَةِ، وَنَسْتَقِرُّ مَعاً فِي التُّرَابِ؟» (Sheol h7585)
वह ख़ुशहाली में अपने दिन काटते, और दम के दम में पाताल में उतर जाते हैं। (Sheol h7585)
يَقْضُونَ أَيَّامَهُمْ فِي الرَّغْدِ، ثُمَّ فِي لَحْظَةٍ يَهْبِطُونَ إِلَى الْهَاوِيَةِ. (Sheol h7585)
ख़ुश्की और गर्मी बरफ़ानी पानी के नालों को सुखा देती हैं, ऐसा ही क़ब्र गुनहगारों के साथ करती है। (Sheol h7585)
وَكَمَا أَنَّ الْقَحْطَ وَالْقَيْظَ يَذْهَبَانِ بِمِيَاهِ الثَّلْجِ، كَذَلِكَ تَذْهَبُ الْهَاوِيَةُ بِالْخَاطِئِ، (Sheol h7585)
पाताल उसके सामने खुला है, और जहन्नुम बेपर्दा है। (Sheol h7585)
الْهَاوِيَةُ مَكْشُوفَةٌ أَمَامَ اللهِ وَالْهَلاكُ لَا سِتْرَ لَهُ. (Sheol h7585)
क्यूँकि मौत के बाद तेरी याद नहीं होती, क़ब्र में कौन तेरी शुक्रगुज़ारी करेगा? (Sheol h7585)
إِذْ لَيْسَ فِي عَالَمِ الْمَوْتِ مَنْ يَذْكُرُكَ، أَوْ فِي مَقَرِّ الأَمْوَاتِ مَنْ يُسَبِّحُكَ. (Sheol h7585)
शरीर पाताल में जाएँगे, या'नी वह सब क़ौमें जो ख़ुदा को भूल जाती हैं (Sheol h7585)
مَآلُ الأَشْرَارِ إِلَى الْجَحِيمِ. وَكَذَلِكَ جَمِيعُ الأُمَمِ النَّاسِينَ اللهَ. (Sheol h7585)
क्यूँकि तू न मेरी जान को पाताल में रहने देगा, न अपने मुक़द्दस को सड़ने देगा। (Sheol h7585)
لأَنَّكَ لَنْ تَتْرُكَ نَفْسِي فِي هُوَّةِ الأَمْوَاتِ وَلَنْ تَدَعَ وَحِيدَكَ الْقُدُّوسَ يَنَالُ مِنْهُ الْفَسَادُ. (Sheol h7585)
पाताल की रस्सियाँ मेरे चारों तरफ़ थीं, मौत के फंदे मुझ पर आ पड़े थे। (Sheol h7585)
أَحَاطَتْ بِي حِبَالُ الْهَاوِيَةِ، وَأَطْبَقَتْ عَلَيَّ فِخَاخُ الْمَوْتِ. (Sheol h7585)
ऐ ख़ुदावन्द, तू मेरी जान को पाताल से निकाल लाया है; तूने मुझे ज़िन्दा रख्खा है कि क़ब्र में न जाऊँ। (Sheol h7585)
يَا رَبُّ، أَنْتَ انْتَشَلْتَ نَفْسِي مِنْ شَفَا الْهَاوِيَةِ. وَأَنْقَذْتَنِي مِنْ بَيْنِ الْمُنْحَدِرِينَ إِلَى عَالَمِ الأَمْوَاتِ. (Sheol h7585)
ऐ ख़ुदावन्द, मुझे शर्मिन्दा न होने दे क्यूँकि मैंने तुझ से दुआ की है; शरीर शर्मिन्दा हो जाएँ और पाताल में ख़ामोश हों। (Sheol h7585)
لَا تَدَعْنِي يَا رَبُّ أَخْزَى، فَإِنِّي دَعَوْتُكَ. لِيَخْزَ الأَشْرَارُ وَلْيَنْزِلُوا إِلَى هُوَّةِ الْمَوْتِ وَيَسْكُتُوا إِلَى الأَبَدِ. (Sheol h7585)
वह जैसे पाताल का रेवड़ ठहराए गए हैं; मौत उनकी पासबान होगी; दियानतदार सुबह को उन पर मुसल्लत होगा, और उनका हुस्न पाताल का लुक़्मा होकर बेठिकाना होगा। (Sheol h7585)
يُسَاقُونَ لِلْمَوْتِ كَالأَغْنَامِ، وَيَكُونُ الْمَوْتُ رَاعِيَهُمْ وَيَسُودُ الْمُسْتَقِيمُونَ عَلَيْهِمْ. تَبْلَى صُورَتُهُمْ، وَتَصِيرُ الْهَاوِيَةُ مَسْكَنَهُمْ. (Sheol h7585)
लेकिन ख़ुदा मेरी जान को पाताल के इख़्तियार से छुड़ा लेगा, क्यूँकि वही मुझे कु़बूल करेगा। (सिलाह) (Sheol h7585)
إِنَّمَا اللهُ يَفْتَدِي نَفْسِي مِنْ قَبْضَةِ الْهَاوِيَةِ إذْ يَأْخُذُنِي إِلَيْهِ. (Sheol h7585)
उनकी मौत अचानक आ दबाए; वह जीते जी पाताल में उतर जाएँ: क्यूँकि शरारत उनके घरों में और उनके अन्दर है। (Sheol h7585)
لِيُفَاجِئِ الْمَوْتُ أَعْدَائِي فَيَنْزِلُوا إِلَى الْهَاوِيَةِ أَحْيَاءَ، لأَنَّ الشَّرَّ جَاثِمٌ فِي وَسَطِ مَسَاكِنِهِمْ. (Sheol h7585)
क्यूँकि मुझ पर तेरी बड़ी शफ़क़त है; और तूने मेरी जान को पाताल की तह से निकाला है। (Sheol h7585)
لأَنَّ رَحْمَتَكَ عَظِيمَةٌ نَحْوِي، وَقَدْ نَجَّيْتَ نَفْسِي مِنَ الْهَاوِيَةِ السُّفْلَى. (Sheol h7585)
क्यूँकि मेरा दिल दुखों से भरा है, और मेरी जान पाताल के नज़दीक पहुँच गई है। (Sheol h7585)
فَإِنَّ نَفْسِي شَبِعَتْ مَصَائِبَ، وَحَيَاتِي تَقْتَرِبُ مِنَ الْمَوْتِ. (Sheol h7585)
वह कौन सा आदमी है जो ज़िन्दा ही रहेगा और मौत को न देखेगा, और अपनी जान को पाताल के हाथ से बचा लेगा? (सिलाह) (Sheol h7585)
أَيُّ إِنْسَانٍ يَحْيَا وَلَا يَرَى الْمَوْتَ؟ وَمَنْ يُنَجِّي نَفْسَهُ مِنْ قَبْضَةِ الْهَاوِيَةِ؟ (Sheol h7585)
मौत की रस्सियों ने मुझे जकड़ लिया, और पाताल के दर्द मुझ पर आ पड़े; मैं दुख और ग़म में गिरफ़्तार हुआ। (Sheol h7585)
طَوَّقَتْنِي حِبَالُ الْمَوْتِ. أَطْبَقَ عَلَيَّ رُعْبُ الْهَاوِيَةِ. قَاسَيْتُ ضِيقاً وَحُزْناً. (Sheol h7585)
अगर आसमान पर चढ़ जाऊँ, तो तू वहाँ है। अगर मैं पाताल में बिस्तर बिछाऊँ, तो देख तू वहाँ भी है! (Sheol h7585)
إِنْ صَعِدْتُ إِلَى السَّمَاوَاتِ فَأَنْتَ هُنَاكَ، وَإِنْ جَعَلْتُ فِرَاشِي فِي عَالَمِ الأَمْوَاتِ فَهُنَاكَ أَنْتَ أَيْضاً. (Sheol h7585)
जैसे कोई हल चलाकर ज़मीन को तोड़ता है, वैसे ही हमारी हड्डियाँ पाताल के मुँह पर बिखरी पड़ी हैं। (Sheol h7585)
تَتَنَاثَرُ عِظَامُهُمْ عِنْدَ فَمِ الْقَبْرِ كَشَظَايَا الْحَطَبِ الْمُشَقَّقَةِ الْمُبَعْثَرَةِ عَلَى الأَرْضِ. (Sheol h7585)
हम उनको इस तरह ज़िन्दा और पूरा निगल जाएँ जिस तरह पाताल मुर्दों को निगल जाता है। (Sheol h7585)
أَوْ قَالُوا لَكَ: تَعَالَ لِنَبْتَلِعَهُمْ أَحْيَاءَ كَمَا تَبْتَلِعُهُمُ الْهَاوِيَةُ وَأَصِحَّاءَ كَالْهَابِطِينَ فِي حُفْرَةِ الْمَوْتِ (Sheol h7585)
उसके पाँव मौत की तरफ़ जाते हैं, उसके क़दम पाताल तक पहुँचते हैं। (Sheol h7585)
تَنْحَدِرُ قَدَمَاهَا إِلَى الْمَوْتِ، وَخَطْوَاتُهَا تَتَشَبَّثُ بِالْهَاوِيَةِ. (Sheol h7585)
उसका घर पाताल का रास्ता है, और मौत की कोठरियों को जाता है। (Sheol h7585)
إِنَّ بَيْتَهَا هُوَ طَرِيقُ الْهَاوِيَةِ الْمُؤَدِّي إِلَى مَخَادِعِ الْمَوْتِ. (Sheol h7585)
लेकिन वह नहीं जानता कि वहाँ मुर्दे पड़े हैं, और उस 'औरत के मेहमान पाताल की तह में हैं। (Sheol h7585)
وَلَكِنَّهُ لَا يَدْرِي أَنَّ أَشْبَاحَ الْمَوْتَى هُنَاكَ، وَأَنَّ ضُيُوفَهَا مَطْرُوحُونَ فِي أَعْمَاقِ الْهَاوِيَةِ. (Sheol h7585)
जब पाताल और जहन्नुम ख़ुदावन्द के सामने खुले हैं, तो बनी आदम के दिल का क्या ज़िक्र? (Sheol h7585)
أَعْمَاقُ الْهَاوِيَةِ وَالْهَلاكِ مَكْشُوفَةٌ أَمَامَ الرَّبِّ، فَكَمْ بِالْحَرِيِّ قُلُوبُ أَبْنَاءِ الْبَشَرِ. (Sheol h7585)
'अक़्लमंद के लिए ज़िन्दगी की राह ऊपर को जाती है, ताकि वह पाताल में उतरने से बच जाए। (Sheol h7585)
طَرِيقُ الإِنْسَانِ الْحَكِيمِ تَرْتَقِي بِهِ صُعُوداً نَحْوَ الْحَيَاةِ، لِكَيْ يَتَفَادَى الْهَاوِيَةَ مِنْ تَحْتُ. (Sheol h7585)
तू उसे छड़ी से मारेगा, और उसकी जान को पाताल से बचाएगा। (Sheol h7585)
اضْرِبْهُ بِالْعَصَا، فَتُنْقِذَ نَفْسَهُ مِنَ الْهَاوِيَةِ. (Sheol h7585)
जिस तरह पाताल और हलाकत को आसूदगी नहीं, उसी तरह इंसान की आँखे सेर नहीं होतीं। (Sheol h7585)
كَمَا أَنَّ الْهَاوِيَةَ وَالْهَلاكَ لَا يَشْبَعَانِ، هَكَذَا لَا تَشْبَعُ عَيْنَا الإِنْسَانِ. (Sheol h7585)
पाताल और बाँझ का रिहम, और ज़मीन जो सेराब नहीं हुई, और आग जो कभी “बस” नहीं कहती। (Sheol h7585)
الْهَاوِيَةُ، وَالرَّحِمُ الْعَقِيمُ، وَأَرْضٌ لَا تَرْتَوِي مِنَ الْمَاءِ، وَالنَّارُ الَّتِي لَا تَقُولُ أَبَداً كَفَى. (Sheol h7585)
जो काम तेरा हाथ करने को पाए उसे मक़दूर भर कर क्यूँकि पाताल में जहाँ तू जाता है न काम है न मन्सूबा, न 'इल्म न हिकमत। (Sheol h7585)
وَكُلُّ مَا تَحْصُلُ عَلَيْهِ مِنْ عَمَلٍ، فَاعْمَلْهُ بِكُلِّ قُوَّتِكَ، إِذْ لَنْ تَجِدَ فِي الْهَاوِيَةِ الَّتِي أَنْتَ مَاضٍ إِلَيْهَا أَيَّ عَمَلٍ أَوِ ابْتِكَارٍ أَوْ مَعْرِفَةٍ أَوْ حِكْمَةٍ. (Sheol h7585)
नगीन की तरह मुझे अपने दिल में लगा रख और तावीज़ की तरह अपने बाज़ू पर, क्यूँकि इश्क मौत की तरह ज़बरदस्त है, और गै़रत पाताल सी बेमुरव्वत है उसके शो'ले आग के शोले हैं, और ख़ुदावन्द के शोले की तरह। (Sheol h7585)
(الْمَحْبُوبَةُ): اجْعَلْنِي كَخَاتَمٍ عَلَى قَلْبِكَ، كَوَشْمٍ عَلَى ذِرَاعِكَ، فَإِنَّ الْمَحَبَّةَ قَوِيَّةٌ كَالْمَوْتِ، وَالْغَيْرَةَ قَاسِيَةٌ كَالْهَاوِيَةِ. وَلَهِيبَهَا لَهِيبُ نَارٍ، كَأَنَّهَا نَارُ الرَّبِّ! (Sheol h7585)
फिर पाताल अपनी हवस बढ़ाता है और अपना मुँह बे इन्तहा फाड़ता है और उनके शरीफ़ और 'आम लोग और ग़ौग़ाई और जो कोई उनमें घमण्ड करता है, उसमें उतर जाएँगे। (Sheol h7585)
لِهَذَا وَسَّعَتِ الْهَاوِيَةُ أَحْشَاءَهَا وَفَغَرَتْ شَدْقَهَا إِلَى مَا لَا نِهَايَةَ، لِيَنْحَدِرَ فِيهَا شُرَفَاءُ أُورُشَلِيمَ وَجَمَاهِيرُهَا وَعَجِيجُهَا وَكُلُّ طَرَبٍ فِيهَا (Sheol h7585)
ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा से कोई निशान तलब कर चाहे नीचे पाताल में चाहे ऊपर बुलन्दी पर।” (Sheol h7585)
«اطْلُبْ عَلامَةً مِنَ الرَّبِّ إِلَهِكَ، سَوَاءٌ فِي عُمْقِ الْهَاوِيَةِ أَوْ فِي ارْتِفَاعِ أَعْلَى السَّمَاوَاتِ». (Sheol h7585)
पाताल नीचे से तेरी वजह से जुम्बिश खाता है कि तेरे आते वक़्त तेरा इस्तक़बाल करे; वह तेरे लिए मुर्दों को या'नी ज़मीन के सब सरदारों को जगाता है; वह क़ौमों के सब बादशाहों को उनके तख़्तों पर से उठा खड़ा करता है। (Sheol h7585)
ثَارَتِ الْهَاوِيَةُ مِنْ أَسْفَلُ لاِسْتِقْبَالِكَ عِنْدَ قُدُومِكَ وَحَشَدَتِ الأَخْيِلَةَ، مِنْ كُلِّ الْعُظَمَاءِ، لِتَحِيَّتِكَ؛ أَنْهَضَتْ كُلَّ مُلُوكِ الأُمَمِ عَنْ عُرُوشِهِمْ (Sheol h7585)
तेरी शान — ओ — शौकत और तेरे साज़ों की ख़ुश आवाज़ी पाताल में उतारी गई; तेरे नीचे कीड़ों का फ़र्श हुआ, और कीड़े ही तेरा बालापोश बने। (Sheol h7585)
طُرِحَتْ كُلُّ عَظَمَتِكَ فِي الْهَاوِيَةِ مَعَ رَنَّةِ عِيدَانِكَ، وَأَصْبَحَتِ الرِّمَمُ فِرَاشَكَ وَالدُّودُ غِطَاءً لَكَ! (Sheol h7585)
लेकिन तू पाताल में गढ़े की तह में उतारा जाएगा। (Sheol h7585)
وَلَكِنَّكَ طُرِحْتَ إِلَى الْهَاوِيَةِ، إِلَى أَعْمَاقِ الْجُبِّ. (Sheol h7585)
चूँकि तुम कहा करते हो, कि “हम ने मौत से 'अहद बाँधा, और पाताल से पैमान कर लिया है; जब सज़ा का सैलाब आएगा तो हम तक नहीं पहुँचेगा, क्यूँकि हम ने झूठ को अपनी पनाहगाह बनाया है और दरोग़गोई की आड़ में छिप गए हैं;” (Sheol h7585)
لأَنَّكُمْ قُلْتُمْ: «قَدْ أَبْرَمْنَا عَهْداً مَعَ الْمَوْتِ، وَعَقَدْنَا مِيثَاقاً مَعَ الْهَاوِيَةِ، فَإِنَّ الأَشُورِيِّينَ الْمُقْتَحِمِينَ أَرْضَنَا لَنْ يَسْلُخُونَا، لأَنَّ السُّوطَ الْجَارِفَ إِذَا عَبَرَ لَا يُصِيبُنَا لأَنَّنَا اعْتَصَمْنَا بِالْمُرَاوَغَةِ وَلَجَأْنَا إِلَى النِّفَاقِ». (Sheol h7585)
और तुम्हारा 'अहद जो मौत से हुआ मन्सूख़ हो जाएगा और तुम्हारा पैमान जो पाताल से हुआ क़ाईम न रहेगा; जब सज़ा का सैलाब आएगा, तो तुम को पामाल करेगा। (Sheol h7585)
عِنْدَئِدٍ يُبْطَلُ عَهْدُكُمْ مَعَ الْمَوْتِ، وَيُلْغَى مِيثَاقُكُمْ مَعَ الْهَاويَةِ وَيَدُوسُكُمْ أَعْدَاؤُكُمْ عِنْدَ اقْتِحَامِهِمْ بِلادَكُمْ. (Sheol h7585)
मैंने कहा मैं अपनी आधी उम्र में पाताल के फाटकों में दाख़िल हूँगा, मेरी ज़िन्दगी के बाक़ी बरस मुझसे छीन लिए गए। (Sheol h7585)
قُلْتُ «هَا أَنَا فِي رَيْعَانِ أَيَّامِي أَنْحَدِرُ إِلَى عَالَمِ الْمَوْتَى وَتَفْنَى بَقِيَّةُ سَنَوَاتِ عُمْرِي» (Sheol h7585)
इसलिए कि पाताल तेरी इबादत नहीं कर सकता; और मौत से तेरी हम्द नहीं हो सकती। वह जो क़ब्र में उतरने वाले हैं तेरी सच्चाई के उम्मीदवार नहीं हो सकते। (Sheol h7585)
لأَنَّهُ لَيْسَ فِي وُسْعِ الْهَاوِيَةِ أَنْ تَحْمَدَكَ، وَالْمَوْتُ لَا يُسَبِّحُكَ، وَلا يَقْدِرُ الَّذِينَ ذَهَبُوا إِلَى الْهَاوِيَةِ أَنْ يَرْجُوا أَمَانَتَكَ. (Sheol h7585)
तू ख़ुशबू लगाकर बादशाह के सामने चली गई और अपने आपको ख़ूब मु'अत्तर किया, और अपने क़ासिद दूर दूर भेजे बल्कि तूने अपने आपको पाताल तक पस्त किया। (Sheol h7585)
ارْتَحَلْتُمْ إِلَى مُولَكَ مُحَمَّلِينَ بِالدُّهْنِ، وَبِكَثْرَةِ الأَطْيَابِ، وَأَرْسَلْتُمْ سُفَرَاءَكُمْ إِلَى أَرْضٍ بَعِيدَةٍ، وَانْحَدَرْتُمْ حَتَّى إِلَى الْهَاوِيَةِ. (Sheol h7585)
ख़ुदावन्द ख़ुदा यूँ फ़रमाता है: कि जिस रोज़ वह पाताल में उतरे मैं मातम कराऊँगा, मैं उसकी वजह से गहराव को छिपा दूँगा और उसकी नहरों को रोक दूँगा और बड़े सैलाब थम जाएँगे; हाँ, मैं लुबनान को उसके लिए सियाह पोश कराऊँगा, और उसके लिए मैदान के सब दरख़्त ग़शी में आएँगे। (Sheol h7585)
وَهَذَا مَا يُعْلِنُهُ السَّيِّدُ الرَّبُّ: وَفِي يَوْمِ هُبُوطِهِ إِلَى الْهَاوِيَةِ يَعُمُّ النُّوَاحُ الطَّبِيعَةَ، فَأَكْسُو الْغَمْرَ ثِيَابَ الْحِدَادِ عَلَيْهِ، وَأَكْبَحُ جَرَيَانَ أَنْهَارِهِ، وَتَكُفُّ مِيَاهُهُ عَنِ التَّدَفُّقِ وَأَجْعَلُ لُبْنَانَ يَنُوحُ عَلَيْهِ، وَتَذْبُلُ كُلُّ أَشْجَارِ الْحَقْلِ حُزْناً عَلَى هَلاكِهِ. (Sheol h7585)
जिस वक़्त मैं उसे उन सब के साथ जो गढ़े में गिरते हैं, पाताल में डालूँगा, तो उसके गिरने के शोर से तमाम क़ौम लरज़ाँ होंगी; और अदन के सब दरख़्त, लुबनान के चीदा और नफ़ीस, वह सब जो पानी जज़्ब करते हैं ज़मीन के तह में तसल्ली पाएँगे। (Sheol h7585)
مِنْ جَلَبَةِ سُقُوطِهِ حِينَ أَنْزَلْتُهُ إِلَى الْهَاوِيَةِ مَعَ الْهَابِطِينَ إِلَيْهَا ارْتَعَدَتِ الأُمَمُ، فَتَتَعَزَّى فِي الأَرْضِ السُّفْلَى كُلُّ أَشْجَارِ عَدْنٍ وَنُخْبَةُ أَشْجَارِ لُبْنَانَ، وَكُلُّ مُرْتَوِيَةٍ مِنْ مَاءٍ. (Sheol h7585)
वह भी उसके साथ उन तक, जो तलवार से मारे गए, पाताल में उतर जाएँगे और वह भी जो उसके बाज़ू थे, और क़ौमों के बीच उसके साये में बसते थे वहीं होंगे। (Sheol h7585)
هُمْ أَيْضاً يَنْحَدِرُونَ مَعَهُ إِلَى الْهَاوِيَةِ لِيَنْضَمُّوا إِلَى قَتْلَى السَّيْفِ، وَكَذَلِكَ يَهْلِكُ حُلَفَاؤُهُ مِنَ الأُمَمِ الْمُقِيمِينَ تَحْتَ ظِلِّهِ. (Sheol h7585)
वह जो उहदे दारों में सब से तवाना हैं, पाताल में उस से और उसके मददगारों से मुख़ातिब होंगे:'वह पाताल में उतर गए, वह बे हिस पड़े हैं, या'नी वह नामख़्तून जो तलवार से क़त्ल हुए। (Sheol h7585)
يُخَاطِبُهُ صَنَادِيدُ الْجَبَابِرَةِ هُوَ وَأَعْوَانَهُ مِنْ وَسَطِ مَقَرِّ الْمَوْتَى. قَدْ هَبَطُوا وَاضْطَجَعُوا. جَمِيعُهُمْ غُلْفٌ قَتْلَى السَّيْفِ. (Sheol h7585)
क्या वह उन बहादुरों के साथ जो नामख़्तूनों में से क़त्ल हुए, जो अपने जंग के हथियारों के साथ पाताल में उतर गए पड़े न रहेंगे? उनकी तलवारें उनके सिरों के नीचे रख्खी हैं, और उनकी बदकिरदारी उनकी हड्डियों पर है; क्यूँकि वह ज़िन्दों की ज़मीन में बहादुरों के लिए हैबत का ज़रि'अ थे। (Sheol h7585)
إِنَّهُمْ لَا يَثْوُونَ مَعَ الْجَبَابِرَةِ الصَّرْعَى مِنَ الْغُلْفِ الْمُنْحَدِرِينَ إِلَى مَقَرِّ الْمَوْتَى، الَّذِينَ دُفِنُوا بِأَسْلِحَتِهِمْ، وَقَدْ وُضِعَتْ سُيُوفُهُمْ تَحْتَ رُؤُوسِهِمْ. إِنَّمَا يَحُلُّ عَلَى عِظَامِهِمْ عِقَابُ آثَامِهِمْ مَعَ أَنَّهُمْ أَشَاعُوا الرُّعْبَ فِي أَرْضِ الأَحْيَاءِ. (Sheol h7585)
मैं उनको पाताल के क़ाबू से नजात दूँगा; मैं उनकी मौत से छुड़ाऊँगा। ऐ मौत तेरी वबा कहाँ है? ऐ पाताल तेरी हलाकत कहाँ है? मैं हरगिज़ रहम न करूँगा। (Sheol h7585)
هَلْ أَفْتَدِيهِمْ مِنْ قُوَّةِ الْهَاوِيَةِ؟ هَلْ أُنَجِّيهِمْ مِنَ الْمَوْتِ؟ أَيْنَ أَوْبِئَتُكَ يَا مَوْتُ؟ أَيْنَ هَلاكُكِ يَا هَاوِيَةُ؟ قَدِ احْتَجَبَتِ الرَّحْمَةُ عَنْ عَيْنَيَّ. (Sheol h7585)
अगर वह पाताल में घुस जाएँ, तो मेरा हाथ वहाँ से उनको खींच निकालेगा; और अगर आसमान पर चढ़ जाएँ, तो मैं वहाँ से उनको उतार लाऊँगा (Sheol h7585)
وَإِنْ نَقَبُوا لأَنْفُسِهِمْ مَلْجَأً فِي أَعْمَاقِ الْهَاوِيَةِ، فَإِنَّ يَدِي تَطُولُهُمْ هُنَاكَ، وَإِنِ ارْتَقَوْا إِلَى السَّمَاوَاتِ فَمِنْ هُنَاكَ أُنْزِلُهُمْ. (Sheol h7585)
“मैंने अपनी मुसीबत में ख़ुदावन्द से दुआ की, और उसने मेरी सुनी; मैंने पताल की गहराई से दुहाई दी, तूने मेरी फ़रियाद सुनी। (Sheol h7585)
قَائِلاً: «اسْتَغَثْتُ بِالرَّبِّ فِي ضِيقِي فَاسْتَجَابَ لِي، وَمِنْ جَوْفِ الْهَاوِيَةِ ابْتَهَلْتُ فَسَمِعْتَ صَوْتِي. (Sheol h7585)
बेशक, घमण्डी आदमी शराब की तरह दग़ाबाज़ है, वह अपने घर में नहीं रहता। वह पाताल की तरह अपनी ख़्वाहिश बढ़ाता है; वह मौत की तरह है, कभी आसूदा नहीं होता; बल्कि सब क़ौमों को अपने पास जमा' करता है, और सब उम्मतों को अपने नज़दीक इकठ्ठा करता है।” (Sheol h7585)
وَكَمَا أَنَّ الْخَمْرَ غَادِرَةٌ، كَذَلِكَ تَأْخُذُ الْمُغْتَرَّ نَشْوَةُ الانْتِصَارِ فَلا يَسْتَكِينُ، فَإِنَّ جَشَعَهُ فِي سِعَةِ الْهَاوِيَةِ، وهُوَ كَالْمَوْتِ لَا يَشْبَعُ. لِهَذَا يَجْمَعُ لِنَفْسِهِ كُلَّ الأُمَمِ وَيَسْبِي جَمِيعَ الشُّعُوبِ. (Sheol h7585)
लेकिन मैं तुम से ये कहता हूँ कि, 'जो कोई अपने भाई पर ग़ुस्सा होगा, वो 'अदालत की सज़ा के लायक़ होगा; कोई अपने भाई को पाग़ल कहेगा, वो सद्रे — ऐ अदालत की सज़ा के लायक़ होगा; और जो उसको बेवक़ूफ़ कहेगा, वो जहन्नुम की आग का सज़ावार होगा। (Geenna g1067)
أَمَّا أَنَا فَأَقُولُ لَكُمْ: كُلُّ مَنْ يَغْضَبُ عَلَى أَخِيهِ، يَسْتَحِقُّ الْمُحَاكَمَةَ؛ وَمَنْ يَقُولُ لأَخِيهِ: يَا تَافِهُ! يَسْتَحِقُّ الْمُثُولَ أَمَامَ الْمَجْلِسِ الأَعْلَى؛ وَمَنْ يَقُولُ: يَا أَحْمَقُ! يَسْتَحِقُّ نَارَ جَهَنَّمَ! (Geenna g1067)
पस अगर तेरी दहनी आँख तुझे ठोकर खिलाए तो उसे निकाल कर अपने पास से फेंक दे; क्यूँकि तेरे लिए यही बेहतर है; कि तेरे आ'ज़ा में से एक जाता रहे और तेरा सारा बदन जहन्नुम में न डाला जाए। (Geenna g1067)
فَإِنْ كَانَتْ عَيْنُكَ الْيُمْنَى فَخّاً لَكَ، فَاقْلَعْهَا وَارْمِهَا عَنْكَ، فَخَيْرٌ لَكَ أَنْ تَفْقِدَ عُضْواً مِنْ أَعْضَائِكَ وَلا يُطْرَحَ جَسَدُكَ كُلُّهُ فِي جَهَنَّمَ! (Geenna g1067)
और अगर तेरा दाहिना हाथ तुझे ठोकर खिलाए तो उस को काट कर अपने पास से फेंक दे। क्यूँकि तेरे लिए यही बेहतर है; कि तेरे आ'ज़ा में से एक जाता रहे और तेरा सारा बदन जहन्नुम में न जाए।” (Geenna g1067)
وَإِنْ كَانَتْ يَدُكَ الْيُمْنَى فَخّاً لَكَ، فَاقْطَعْهَا وَارْمِهَا عَنْكَ، فَخَيْرٌ لَكَ أَنْ تَفْقِدَ عُضْواً مِنْ أَعْضَائِكَ وَلا يُطْرَحَ جَسَدُكَ كُلُّهُ فِي جَهَنَّمَ! (Geenna g1067)
जो बदन को क़त्ल करते हैं और रूह को क़त्ल नहीं कर सकते उन से न डरो बल्कि उसी से डरो जो रूह और बदन दोनों को जहन्नुम में हलाक कर सकता है। (Geenna g1067)
لَا تَخَافُوا الَّذِينَ يَقْتُلُونَ الْجَسَدَ، وَلَكِنَّهُمْ يَعْجِزُونَ عَنْ قَتْلِ النَّفْسِ، بَلْ بِالأَحْرَى خَافُوا الْقَادِرَ أَنْ يُهْلِكَ النَّفْسَ وَالْجَسَدَ جَمِيعاً فِي جَهَنَّمَ. (Geenna g1067)
और ऐ कफ़रनहूम, क्या तू आस्मान तक बुलन्द किया जाएगा? तू तो आलम — ए अर्वाह में उतरेगा क्यूँकि जो मोजिज़े तुम में ज़ाहिर हुए अगर सदूम में होते तो आज तक क़ाईम रहता। (Hadēs g86)
وَأَنْتِ يَا كَفْرَنَاحُومَ: هَلِ ارْتَفَعْتِ حَتَّى السَّمَاءِ؟ إِنَّكِ إِلَى قَعْرِ الْهَاوِيَةِ سَتُهْبَطِينَ. فَلَوْ جَرَى فِي سَدُومَ مَا جَرَى فِيكِ مِنَ الْمُعْجِزَاتِ، لَبَقِيَتْ حَتَّى الْيَوْمِ. (Hadēs g86)
“और जो कोई इब्न — ए — आदम के ख़िलाफ़ कोई बात कहेगा वो तो उसे मु'आफ़ की जाएगी; मगर जो कोई रूह — उल — क़ुद्दूस के ख़िलाफ़ कोई बात कहेगा; वो उसे मु'आफ़ न की जाएगी न इस आलम में न आने वाले में।” (aiōn g165)
وَأَمَّا الازْدِرَاءَ بِالرُّوحِ (الْقُدُسِ)، فَلَنْ يُغْفَرَ. وَمَنْ قَالَ كَلِمَةً ضِدَّ ابْنِ الإِنْسَانِ، يُغْفَرُ لَهُ. وَأَمَّا مَنْ قَالَ كَلِمَةً ضِدَّ الرُّوحِ الْقُدُسِ، فَلَنْ يُغْفَرَ لَهُ، لَا فِي هَذَا الزَّمَانِ، وَلا فِي الزَّمَانِ الآتِي. (aiōn g165)
और जो झाड़ियों में बोया गया, ये वो है जो कलाम को सुनता है और दुनिया की फ़िक्र और दौलत का फ़रेब उस कलाम को दबा देता है; और वो बे फल रह जाता है। (aiōn g165)
أَمَّا الْمَزْرُوعُ بَيْنَ الأَشْوَاكِ، فَهُوَ الَّذِي يَسْمَعُ الْكَلِمَةَ، وَلكِنَّ هَمَّ الزَّمَانِ الْحَاضِرِ وَخِدَاعَ الْغِنَى يَخْنُقَانِ الْكَلِمَةَ، فَلا يُعْطِي ثَمَراً. (aiōn g165)
जिस दुश्मन ने उन को बोया वो इब्लीस है। और कटाई दुनिया का आख़िर है और काटने वाले फ़रिश्ते हैं। (aiōn g165)
أَمَّا الْعَدُوُّ الَّذِي زَرَعَ الحَشَائشَ فَهُوَ إِبْلِيسُ. وَالْحَصَادُ هُوَ نِهَايَةُ الزَّمَانِ. وَالْحَصَّادُونَ هُمُ الْمَلائِكَةُ. (aiōn g165)
पस जैसे कड़वे दाने जमा किए जाते और आग में जलाए जाते हैं। (aiōn g165)
وَكَمَا تُجْمَعُ الحَشَائشُ وَتُحْرَقُ بِالنَّارِ، هَكَذَا يَحْدُثُ فِي نِهَايَةِ الزَّمَانِ: (aiōn g165)
दुनिया के आख़िर में ऐसा ही होगा; फ़रिश्ते निकलेंगे और शरीरों को रास्तबाज़ों से जुदा करेंगे; और उनको आग की भट्टी में डाल देंगे। (aiōn g165)
هكَذَا يَحْدُثُ فِي نِهَايَةِ الزَّمَانِ: يَأْتِي الْمَلائِكَةُ فَيُخْرِجُونَ الأَشْرَارَ مِنْ بَيْنِ الأَبْرَارِ، (aiōn g165)
और मैं भी तुम से कहता हूँ; कि तू पतरस है; और मैं इस पत्थर पर अपनी कलीसिया बनाऊँगा। और आलम — ए — अरवाह के दरवाज़े उस पर ग़ालिब न आएँगे। (Hadēs g86)
وَأَنَا أَيْضاً أَقُولُ لَكَ: أَنْتَ صَخْرٌ. وَعَلَى هَذِهِ الصَّخْرَةِ أَبْنِي كَنِيسَتِي وَقُوَّاتُ الْجَحِيمِ لَنْ تَقْوَى عَلَيْهَا! (Hadēs g86)
“पस अगर तेरा हाथ या तेरा पाँव तुझे ठोकर खिलाए तो उसे काट कर अपने पास से फेंक दे; टुंडा या लंगड़ा होकर ज़िन्दगी में दाख़िल होना तेरे लिए इससे बेहतर है; कि दो हाथ या दो पाँव रखता हुआ तू हमेशा की आग में डाला जाए। (aiōnios g166)
فَإِنْ كَانَتْ يَدُكَ أَوْ رِجْلُكَ فَخّاً لَكَ، فَاقْطَعْهَا وَأَلْقِهَا عَنْكَ: أَفْضَلُ لَكَ أَنْ تَدْخُلَ الْحَيَاةَ وَيَدُكَ أَوْ رِجْلُكَ مَقْطُوعَةٌ، مِنْ أَنْ تُطْرَحَ فِي النَّارِ الأَبَدِيَّةِ. (aiōnios g166)
और अगर तेरी आँख तुझे ठोकर खिलाए तो उसे निकाल कर अपने से फेंक दे; काना हो कर ज़िन्दगी में दाख़िल होना तेरे लिए इससे बेहतर है कि दो आँखें रखता हुआ तू जहन्नुम कि आग में डाला जाए।” (Geenna g1067)
وَإِنْ كَانَتْ عَيْنُكَ فَخّاً لَكَ، فَاقْلَعْهَا وَأَلْقِهَا عَنْكَ: أَفْضَلُ لَكَ أَنْ تَدْخُلَ الْحَيَاةَ وَعَيْنُكَ مَقْلُوعَةٌ، مِنْ أَنْ تُطْرَحَ فِي جَهَنَّمِ النَّارِ وَلَكَ عَيْنَانِ. (Geenna g1067)
और देखो; एक शख़्स ने पास आकर उससे कहा “मैं कौन सी नेकी करूँ, ताकि हमेशा की ज़िन्दगी पाऊँ?” (aiōnios g166)
وَإذَا شَابٌّ يَتَقَدَّمُ إِلَيْهِ وَيَسْأَلُ: «أَيُّهَا الْمُعَلِّمُ الصَّالِحُ، أَيَّ صَلاحٍ أَعْمَلُ لأَحْصُلَ عَلَى الْحَيَاةِ الأَبَدِيَّةِ؟» (aiōnios g166)
और जिस किसी ने घरों, या भाइयों, या बहनों, या बाप, या माँ, या बच्चों, या खेतों को मेरे नाम की ख़ातिर छोड़ दिया है, उसको सौ गुना मिलेगा और हमेशा की ज़िन्दगी का वारिस होगा। (aiōnios g166)
فَأَيُّ مَنْ تَرَكَ بُيُوتاً أَوْ إِخْوَةً أَوْ أَخَوَاتٍ أَوْ أَباً أَوْ أُمّاً أَوْ أَوْلاداً أَوْ أَرَاضِيَ مِنْ أَجْلِ اسْمِي، فَإِنَهُ يَنَالُ مِئَةَ ضِعْفٍ وَيَرِثُ الْحَيَاةَ الأَبَدِيَّةَ. (aiōnios g166)
और रास्ते के किनारे अंजीर का एक दरख़्त देख कर उसके पास गया; और पत्तों के सिवा उस में कुछ न पाकर उससे कहा; “आइन्दा कभी तुझ में फल न लगे!” और अंजीर का दरख़्त उसी दम सूख गया। (aiōn g165)
وَإِذْ رَأَى شَجَرَةَ تِينٍ عَلَى جَانِبِ الطَّرِيقِ اتَّجَهَ إِلَيْهَا، وَلَكِنَّهُ لَمْ يَجِدْ عَلَيْهَا إِلّا الْوَرَقَ، فَقَالَ لَهَا: «لا يَكُنْ مِنْكِ ثَمَرٌ بَعْدُ إِلَى الأَبَدِ!» فَيَبِسَتِ التِّينَةُ فِي الْحَالِ. (aiōn g165)
“ऐ रियाकार; फ़क़ीहो और फ़रीसियो तुम पर अफ़सोस, कि एक मुरीद करने के लिए तरी और ख़ुश्की का दौरा करते हो, और जब वो मुरीद हो चुकता है तो उसे अपने से दूगना जहन्नुम का फ़र्ज़न्द बना देते हो।” (Geenna g1067)
الْوَيْلُ لَكُمْ أَيُّهَا الْكَتَبَةُ وَالْفَرِّيسِيُّونَ الْمُرَاؤُونَ! فَإِنَّكُمْ تَطُوفُونَ الْبَحْرَ وَالْبَرَّ لِتَكْسَبُوا مُتَهَوِّداً وَاحِداً؛ فَإِذَا تَهَوَّدَ جَعَلْتُمُوهُ أَهْلاً لِجَهَنَّمَ ضِعْفَ مَا أَنْتُمْ عَلَيْهِ! (Geenna g1067)
ऐ साँपों, ऐ अफ़'ई के बच्चो; तुम जहन्नुम की सज़ा से क्यूँकर बचोगे? (Geenna g1067)
أَيُّهَا الْحَيَّاتُ، أَوْلادَ الأَفَاعِي! كَيْفَ تُفْلِتُونَ مِنْ عِقَابِ جَهَنَّمَ؟ (Geenna g1067)
जब वो ज़ैतून के पहाड़ पर बैठा था, उसके शागिर्दों ने अलग उसके पास आकर कहा, “हम को बता ये बातें कब होंगी? और तेरे आने और दुनिया के आख़िर होने का निशान क्या होगा?” (aiōn g165)
وَبَيْنَمَا كَانَ جَالِساً عَلَى جَبَلِ الزَّيْتُونِ، تَقَدَّمَ إِلَيْهِ التَّلامِيذُ عَلَى انْفِرَادٍ وَقَالُوا لَهُ: «أَخْبِرْنَا مَتَى يَحْدُثُ هَذَا. وَمَا هِيَ عَلامَةُ رُجُوعِكَ وَانْتِهَاءِ الزَّمَانِ؟» (aiōn g165)
फिर वो बाएँ तरफ़ वालों से कहेगा, ‘मला'ऊनो मेरे सामने से उस हमेशा की आग में चले जाओ, जो इब्लीस और उसके फ़रिश्तों के लिए तैयार की गई है। (aiōnios g166)
ثُمَّ يَقُولُ لِلَّذِينَ عَنْ يَسَارِهِ: ابْتَعِدُوا عَنِّي يَا مَلاعِينُ إِلَى النَّارِ الأَبَدِيَّةِ الْمُعَدَّةِ لإِبْلِيسَ وَأَعْوَانِهِ! (aiōnios g166)
और ये हमेशा की सज़ा पाएँगे, मगर रास्तबाज़ हमेशा की ज़िन्दगी।” (aiōnios g166)
فَيَذْهَبُ هَؤُلاءِ إِلَى الْعِقَابِ الأَبَدِيِّ، وَالصَّالِحونَ إِلَى الْحَيَاةِ الأَبَدِيَّةِ!» (aiōnios g166)
और उन को ये ता'लीम दो, कि उन सब बातों पर अमल करें जिनका मैंने तुम को हुक्म दिया; और देखो, मैं दुनिया के आख़िर तक हमेशा तुम्हारे साथ हूँ।” (aiōn g165)
وَعَلِّمُوهُمْ أَنْ يَعْمَلُوا بِكُلِّ مَا أَوْصَيْتُكُمْ بِهِ. وَهَا أَنَا مَعَكُمْ كُلَّ الأَيَّامِ إِلَى انْتِهَاءِ الزَّمَانِ!» (aiōn g165)
लेकिन जो कोई रूह — उल — क़ुददूस के हक़ में कुफ़्र बके वो हसेशा तक मु'आफ़ी न पाएगा; बल्कि वो हमेशा गुनाह का क़ुसूरवार है।” (aiōn g165, aiōnios g166)
وَلَكِنْ مَنْ يَزْدَرِ بالرُّوحِ الْقُدُسِ، فَلا غُفْرَانَ لَهُ أَبَداً، بَلْ إِنَّهُ يَقَعُ تَحْتَ عِقَابِ خَطِيئَةٍ أَبَدِيَّةٍ». (aiōn g165, aiōnios g166)
और दुनिया की फ़िक्र और दौलत का धोखा और और चीज़ों का लालच दाख़िल होकर कलाम को दबा देते हैं, और वो बेफल रह जाता है।” (aiōn g165)
وَلكِنَّ هُمُومَ الزَّمَانِ الْحَاضِرِ وَخِدَاعَ الْغِنَى وَاشْتِهَاءَ الأُمُورِ الأُخْرَى، تَدْخُلُ إِلَيْهِمْ وَتَخْنُقُ الْكَلِمَةَ، فَتَصِيرُ بِلا ثَمَرٍ. (aiōn g165)
अगर तेरा हाथ तुझे ठोकर खिलाए तो उसे काट डाल टुंडा हो कर ज़िन्दगी में दाख़िल होना तेरे लिए इससे बेहतर है कि दो हाथ होते जहन्नुम के बीच उस आग में जाए जो कभी बुझने की नहीं। (Geenna g1067)
فَإِنْ كَانَتْ يَدُكَ فَخّاً لَكَ، فَاقْطَعْهَا: أَفْضَلُ لَكَ أَنْ تَدْخُلَ الْحَيَاةَ وَيَدُكَ مَقْطُوعَةٌ مِنْ أَنْ تَكُونَ لَكَ يَدَانِ وَتَذْهَبَ إِلَى جَهَنَّمَ، إِلَى النَّارِ الَّتِي لَا تُطْفَأُ (Geenna g1067)
और अगर तेरा पाँव तुझे ठोकर खिलाए तो उसे काट डाल लंगड़ा हो कर ज़िन्दगी में दाख़िल होना तेरे लिए इससे बेहतर है कि दो पाँव होते जहन्नुम में डाला जाए। (Geenna g1067)
وَإِنْ كَانَتْ رِجْلُكَ فَخّاً لَكَ، فَاقْطَعْهَا: أَفْضَلُ لَكَ أَنْ تَدْخُلَ الْحَيَاةَ وَرِجْلُكَ مَقْطُوعَةٌ مِنْ أَنْ تَكُونَ لَكَ رِجْلانِ وَتُطْرَحَ فِي جَهَنَّمَ، فِي النَّارِ الَّتِي لَا تُطْفَأُ. (Geenna g1067)
और अगर तेरी आँख तुझे ठोकर खिलाए तो उसे निकाल डाल काना हो कर ज़िन्दगी में दाख़िल होना तेरे लिए इससे बेहतर है कि दो आँखें होते जहन्नुम में डाला जाए। (Geenna g1067)
وَإِنْ كَانَتْ عَيْنُكَ فَخّاً لَكَ، فَاقْلَعْهَا: أَفْضَلُ لَكَ أَنْ تَدْخُلَ مَلَكُوتَ اللهِ وَعَيْنُكَ مَقْلُوعَةٌ مِنْ أَنْ تَكُونَ لَكَ عَيْنَانِ وَتُطْرَحَ فِي جَهَنَّمِ النَّارِ. (Geenna g1067)
जब वो बाहर निकल कर रास्ते में जा रहा था तो एक शख़्स दौड़ता हुआ उसके पास आया और उसके आगे घुटने टेक कर उससे पूछने लगा “ऐ नेक उस्ताद; में क्या करूँ कि हमेशा की ज़िन्दगी का वारिस बनूँ?” (aiōnios g166)
وَبَيْنَمَا كَانَ خَارِجاً إِلَى الطَّرِيقِ، أَسْرَعَ إِلَيْهِ رَجُلٌ وَسَجَدَ لَهُ يَسْأَلُهُ: «أَيُّهَا الْمُعَلِّمُ الصَّالِحُ، مَاذَا أَعْمَلُ لأَرِثَ الْحَيَاةَ الأَبَدِيَّةَ؟» (aiōnios g166)
और अब इस ज़माने में सौ गुना न पाए घर और भाई और बहनें और माँए और बच्चे और खेत मगर ज़ुल्म के साथ और आने वाले आलम में हमेशा की ज़िन्दगी। (aiōn g165, aiōnios g166)
إِلّا وَيَنَالُ مِئَةَ ضِعْفٍ الآنَ فِي هَذَا الزَّمَانِ، بُيُوتاً وَإِخْوَةً وَأَخَوَاتٍ وَأُمُّهَاتٍ وَأَوْلاداً وَحُقُولاً مَعَ اضْطِهَادَاتٍ، وَفِي الزَّمَانِ الآتِي الْحَيَاةَ الأَبَدِيَّةَ. (aiōn g165, aiōnios g166)
उसने उस से कहा “आइन्दा कोई तुझ से कभी फल न खाए!” और उसके शागिर्दों ने सुना। (aiōn g165)
فَتَكَلَّمَ وَقَالَ لَهَا: «لا يَأْكُلَنَّ أَحَدٌ ثَمَراً مِنْكِ بَعْدُ إِلَى الأَبَدِ!» وَسَمِعَ تَلامِيذُهُ ذلِكَ. (aiōn g165)
और वह हमेशा तक इस्राईल पर हुकूमत करेगा। उस की सल्तनत कभी ख़त्म न होगी।” (aiōn g165)
فَيَمْلِكُ عَلَى بَيْتِ يَعْقُوبَ إِلَى الأَبَدِ، وَلَنْ يَكُونَ لِمُلْكِهِ نِهَايَةٌ». (aiōn g165)
जो अब्रहाम और उसकी नस्ल पर हमेशा तक रहेगी, जैसा उसने हमारे बाप — दादा से कहा था।” (aiōn g165)
كَمَا تَكَلَّمَ إِلَى آبَائِنَا، لإِبْرَاهِيمَ وَنَسْلِهِ إِلَى الأَبَدِ». (aiōn g165)
(जैसा उसने अपने पाक नबियों की ज़बानी कहा था जो कि दुनिया के शुरू' से होते आए है) (aiōn g165)
كَمَا تَكَلَّمَ بِلِسَانِ أَنْبِيَائِهِ الْقِدِّيسِينَ الَّذِينَ جَاءُوا مُنْذُ الْقَدِيمِ: (aiōn g165)
और वो उसकी मिन्नत करने लगीं कि “हमें गहरे गड्ढे में जाने का हुक्म न दे।” (Abyssos g12)
وَقَدْ تَوَسَّلُوا إِلَيْهِ أَلّا يَأْمُرَهُمْ بِالذَّهَابِ إِلَى الْهَاوِيَةِ. (Abyssos g12)
और तू ऐ कफ़रनहूम, क्या तू आसमान तक बुलन्द किया जाएगा? नहीं, बल्कि तू 'आलम — ए — अर्वाह में उतारा जाएगा। (Hadēs g86)
وَأَنْتِ يَا كَفْرَنَاحُومُ، هَلِ ارْتَفَعْتِ حَتَّى السَّمَاءِ؟ إِنَّكِ إِلَى الْهَاوِيَةِ سَتُهْبَطِينَ! (Hadēs g86)
और देखो, एक शरा का आलिम उठा, और ये कहकर उसकी आज़माइश करने लगा, “ऐ उस्ताद, मैं क्या करूँ कि हमेशा की ज़िन्दगी का बारिस बनूँ?” (aiōnios g166)
وَتَصَدَّى لَهُ أَحَدُ عُلَمَاءِ الشَّرِيعَةِ لِيُجَرِّبَهُ، فَقَالَ: «يَا مُعَلِّمُ، مَاذَا أَعْمَلُ لأَرِثَ الْحَيَاةَ الأَبَدِيَّةَ؟» (aiōnios g166)
लेकिन मैं तुम्हें जताता हूँ कि किससे डरना चाहिए, उससे डरो जिसे इख़्तियार है कि क़त्ल करने के बाद जहन्नुम में डाले; हाँ, मैं तुम से कहता हूँ कि उसी से डरो। (Geenna g1067)
وَلكِنِّي أُرِيكُمْ مِمَّنْ تَخَافُونَ: خَافُوا مِنَ الْقَادِرِ أَنْ يُلْقِيَ فِي جَهَنَّمَ بَعْدَ الْقَتْلِ. نَعَمْ، أَقُولُ لَكُمْ، مِنْ هَذَا خَافُوا! (Geenna g1067)
“और मालिक ने बेईमान मुख़्तार की ता'रीफ़ की, इसलिए कि उसने होशियारी की थी। क्यूँकि इस जहान के फ़र्ज़न्द अपने हमवक़्तों के साथ मु'आमिलात में नूर के फ़र्ज़न्द से ज़्यादा होशियार हैं। (aiōn g165)
فَامْتَدَحَ السَّيِّدُ وَكِيلَهُ الْخَائِنَ لأَنَّهُ تَصَرَّفَ بِحِكْمَةٍ. فَإِنَّ أَبْنَاءَ هَذَا الْعَالَمِ أَحْكَمُ مَعَ أَهْلِ جِيلِهِمْ مِنْ أَبْنَاءِ النُّورِ. (aiōn g165)
और मैं तुम से कहता हूँ कि नारास्ती की दौलत से अपने लिए दोस्त पैदा करो, ताकि जब वो जाती रहे तो ये तुम को हमेशा के मुक़ामों में जगह दें। (aiōnios g166)
وَأَقُولُ لَكُمْ: اكْسَبُوا لَكُمْ أَصْدِقَاءَ بِمَالِ الظُّلْمِ، حَتَّى إِذَا فَنِيَ مَالُكُمْ، تُقْبَلُونَ فِي الْمَنَازِلِ الأَبَدِيَّةِ! (aiōnios g166)
उसने 'आलम — ए — अर्वाह के दरमियान 'ऐज़ाब में मुब्तिला होकर अपनी आँखें उठाई, और अब्रहाम को दूर से देखा और उसकी गोद में ला'ज़र को। (Hadēs g86)
وَإِذْ رَفَعَ عَيْنَيْهِ وَهُوَ فِي الْهَاوِيَةِ يَتَعَذَّبُ، رَأَى إِبْرَاهِيمَ مِنْ بَعِيدٍ وَلِعَازَرَ فِي حِضْنِهِ. (Hadēs g86)
फिर किसी सरदार ने उससे ये सवाल किया, ऐ उस्ताद! मैं क्या करूँ ताकि हमेशा की ज़िन्दगी का वारिस बनूँ। (aiōnios g166)
وَسَأَلَهُ وَاحِدٌ مِنَ الرُّؤَسَاءِ قَائِلاً: «أَيُّهَا الْمُعَلِّمُ الصَّالِحُ، مَاذَا أَعْمَلُ لأَرِثَ الْحَيَاةَ الأَبَدِيَّةَ؟» (aiōnios g166)
और इस ज़माने में कई गुना ज़्यादा न पाए, और आने वाले 'आलम में हमेशा की ज़िन्दगी।” (aiōn g165, aiōnios g166)
إِلّا وَيَنَالُ أَضْعَافَ ذَلِكَ فِي هَذَا الزَّمَانِ، وَيَنَالُ فِي الزَّمَانِ الآتِي الْحَيَاةَ الأَبَدِيَّةَ!» (aiōn g165, aiōnios g166)
ईसा ने जवाब दिया, “इस ज़माने में लोग ब्याह — शादी करते और कराते हैं। (aiōn g165)
فَرَدَّ عَلَيْهِمْ يَسُوعُ قَائِلاً: «أَبْنَاءُ الزَّمَانِ الْحَاضِرِ يُزَوِّجُونَ وَيَتَزَوَّجُونَ. (aiōn g165)
लेकिन जिन्हें ख़ुदा आने वाले ज़माने में शरीक होने और मुर्दों में से जी उठने के लायक़ समझता है वह उस वक़्त शादी नहीं करेंगे, न उन की शादी किसी से कराई जाएगी। (aiōn g165)
أَمَّا الَّذِينَ حُسِبُوا أَهْلاً لِلْمُشَارَكَةِ فِي الزَّمَانِ الآتِي وَالْقِيَامَةِ مِنْ بَيْنِ الأَمْوَاتِ، فَلا يُزَوِّجُونَ وَلا يَتَزَوَّجُونَ. (aiōn g165)
ताकि जो कोई ईमान लाए उसमें हमेशा की ज़िन्दगी पाए।” (aiōnios g166)
لِتَكُونَ الْحَيَاةُ الأَبَدِيَّةُ لِكُلِّ مَنْ يُؤْمِنُ بِهِ. (aiōnios g166)
“क्यूँकि ख़ुदा ने दुनियाँ से ऐसी मुहब्बत रख्खी कि उसने अपना इकलौता बेटा बख़्श दिया, ताकि जो कोई उस पर ईमान लाए हलाक न हो, बल्कि हमेशा की ज़िन्दगी पाए। (aiōnios g166)
لأَنَّهُ هكَذَا أَحَبَّ اللهُ الْعَالَمَ حَتَّى بَذَلَ ابْنَهُ الْوَحِيدَ، لِكَيْ لَا يَهْلِكَ كُلُّ مَنْ يُؤْمِنُ بِهِ، بَلْ تَكُونُ لَهُ الْحَيَاةُ الأَبَدِيَّةُ. (aiōnios g166)
जो बेटे पर ईमान लाता है हमेशा की ज़िन्दगी उसकी है; लेकिन जो बेटे की नहीं मानता 'ज़िन्दगी को न देखगा बल्कि उसपर ख़ुदा का ग़ज़ब रहता है।” (aiōnios g166)
مَنْ يُؤْمِنْ بِالاِبْنِ، فَلَهُ الْحَيَاةُ الأَبَدِيَّةُ. وَمَنْ يَرْفُضْ أَنْ يُؤْمِنَ بِالاِبْنِ، فَلَنْ يَرَى الْحَيَاةَ، بَلْ يَسْتَقِرَّ عَلَيْهِ غَضَبُ اللهِ. (aiōnios g166)
मगर जो कोई उस पानी में से पिएगा जो मैं उसे दूँगा, वो अबद तक प्यासा न होगा! बल्कि जो पानी मैं उसे दूँगा, वो उसमें एक चश्मा बन जाएगा जो हमेशा की ज़िन्दगी के लिए जारी रहेगा।” (aiōn g165, aiōnios g166)
وَلكِنَّ الَّذِي يَشْرَبُ مِنَ الْمَاءِ الَّذِي أُعْطِيهِ أَنَا، لَنْ يَعْطَشَ بَعْدَ ذَلِكَ أَبَداً، بَلْ إِنَّ مَا أُعْطِيهِ مِنْ مَاءٍ يُصْبِحُ فِي دَاخِلِهِ نَبْعاً يَفِيضُ فَيُعْطِي حَيَاةً أَبَدِيَّةً». (aiōn g165, aiōnios g166)
और काटनेवाला मज़दूरी पाता और हमेशा की ज़िन्दगी के लिए फल जमा करता है, ताकि बोनेवाला और काटनेवाला दोनों मिलकर ख़ुशी करें। (aiōnios g166)
وَالْحَاصِدُ يَأْخُذُ أُجْرَتَهُ، وَيَجْمَعُ الثَّمَرَ لِلْحَيَاةِ الأَبَدِيَّةِ، فَيَفْرَحُ الزَّارِعُ وَالْحَاصِدُ مَعاً، (aiōnios g166)
मैं तुम से सच कहता हूँ कि जो मेरा कलाम सुनता और मेरे भेजने वाले का यक़ीन करता है, हमेशा की ज़िन्दगी उसकी है और उस पर सज़ा का हुक्म नहीं होता बल्कि वो मौत से निकलकर ज़िन्दगी में दाख़िल हो गया है।” (aiōnios g166)
الْحَقَّ الْحَقَّ أَقُولُ لَكُمْ إِنَّ مَنْ يَسْمَعْ كَلامِي وَيُؤْمِنْ بِالَّذِي أَرْسَلَنِي تَكُنْ لَهُ الْحَيَاةُ الأَبَدِيَّةُ، وَلا يُحَاكَمْ فِي الْيَوْمِ الأَخِيرِ، لأَنَّهُ قَدِ انْتَقَلَ مِنَ الْمَوْتِ إِلَى الْحَيَاةِ. (aiōnios g166)
तुम किताब — ए — मुक़द्दस में ढूँडते हो, क्यूँकि समझते हो कि उसमें हमेशा की ज़िन्दगी तुम्हें मिलती है, और ये वो है जो मेरी गवाही देती है; (aiōnios g166)
أَنْتُمْ تَدْرُسُونَ الْكُتُبَ لأَنَّكُمْ تَعْتَقِدُونَ أَنَّهَا سَتَهْدِيكُمْ إِلَى الْحَيَاةِ الأَبَدِيَّةِ. هذِهِ الْكُتُبُ تَشْهَدُ لِي، (aiōnios g166)
फ़ानी ख़ुराक के लिए मेहनत न करो, बल्कि उस ख़ुराक के लिए जो हमेशा की ज़िन्दगी तक बाक़ी रहती है जिसे इब्न — ए — आदम तुम्हें देगा; क्यूँकि बाप या'नी ख़ुदा ने उसी पर मुहर की है।” (aiōnios g166)
لَا تَسْعَوْا وَرَاءَ الطَّعَامِ الْفَانِي، بَلْ وَرَاءَ الطَّعَامِ الْبَاقِي إِلَى الْحَيَاةِ الأَبَدِيَّةِ، الَّذِي يُعْطِيكُمْ إِيَّاهُ ابْنُ الإِنْسَانِ، لأَنَّ هَذَا الطَّعَامَ قَدْ وَضَعَ اللهُ الآبُ خَتْمَهُ عَلَيْهِ». (aiōnios g166)
क्यूँकि मेरे बाप की मर्ज़ी ये है, कि जो कोई बेटे को देखे और उस पर ईमान लाए, और हमेशा की ज़िन्दगी पाए और मैं उसे आख़िरी दिन फिर ज़िन्दा करूँ।” (aiōnios g166)
نَعَمْ! إِنَّ مَشِيئَةَ أَبِي هِيَ أَنَّ كُلَّ مَنْ يَرَى الاِبْنَ وَيُؤْمِنُ بِهِ تَكُونُ لَهُ الْحَيَاةُ الأَبَدِيَّةُ، وَسَأُقِيمُهُ أَنَا فِي الْيَوْمِ الأَخِيرِ». (aiōnios g166)
मैं तुम से सच कहता हूँ, कि जो ईमान लाता है हमेशा की ज़िन्दगी उसकी है। (aiōnios g166)
الْحَقَّ الْحَقَّ أَقُولُ لَكُمْ: إِنَّ الَّذِي يُؤْمِنُ بِي فَلَهُ حَيَاةٌ أَبَدِيَّةٌ. (aiōnios g166)
मैं हूँ वो ज़िन्दगी की रोटी जो आसमान से उतरी। अगर कोई इस रोटी में से खाए तो हमेशा तक ज़िन्दा रहेगा, बल्कि जो रोटी मैं दुनियाँ की ज़िन्दगी के लिए दूँगा वो मेरा गोश्त है।” (aiōn g165)
أَنَا الْخُبْزُ الْحَيُّ الَّذِي نَزَلَ مِنَ السَّمَاءِ. إِنْ أَكَلَ أَحَدٌ مِنْ هَذَا الْخُبْزِ يَحْيَا إِلَى الأَبَدِ. وَالْخُبْزُ الَّذِي أُقَدِّمُهُ أَنَا، هُوَ جَسَدِي، أَبْذُلُهُ لِكَيْ يَحْيَا الْعَالَمُ». (aiōn g165)
जो मेरा गोश्त खाता और मेरा ख़ून पीता है, हमेशा की ज़िन्दगी उसकी है; और मैं उसे आख़िरी दिन फिर ज़िन्दा करूँगा। (aiōnios g166)
مَنْ يَأْكُلْ جَسَدِي وَيَشْرَبْ دَمِي، فَلَهُ حَيَاةٌ أَبَدِيَّةٌ، وَأَنَا أُقِيمُهُ فِي الْيَوْمِ الأَخِيرِ، (aiōnios g166)
जो रोटी आसमान से उतरी यही है, बाप — दादा की तरह नहीं कि खाया और मर गए; जो ये रोटी खाएगा वो हमेशा तक ज़िन्दा रहेगा।” (aiōn g165)
هَذَا هُوَ الْخُبْزُ الَّذِي نَزَلَ مِنَ السَّمَاءِ، وَهُوَ لَيْسَ كَالْمَنِّ الَّذِي أَكَلَهُ أَبَاؤُكُمْ ثُمَّ مَاتُوا. فَالَّذِي يَأْكُلُ هَذَا الْخُبْزَ يَحْيَا إِلَى الأَبَدِ». (aiōn g165)
शमौन पतरस ने उसे जवाब दिया, “ऐ ख़ुदावन्द! हम किसके पास जाएँ? हमेशा की ज़िन्दगी की बातें तो तेरे ही पास हैं? (aiōnios g166)
فَأَجَابَهُ سِمْعَانُ بُطْرُسُ: «إِلَى مَنْ نَذْهَبُ يَا رَبُّ وَعِنْدَكَ كَلامُ الْحَيَاةِ الأَبَدِيَّةِ. (aiōnios g166)
और ग़ुलाम हमेशा तक घर में नहीं रहता, बेटा हमेशा रहता है। (aiōn g165)
وَالْعَبْدُ لَا يَبْقَى فِي بَيْتِ سَيِّدِهِ دَائِماً؛ أَمَّا الاِبْنُ فَيَعِيشُ فِيهِ أَبَداً. (aiōn g165)
मैं तुम से सच कहता हूँ कि अगर कोई इंसान मेरे कलाम पर 'अमल करेगा, तो हमेशा तक कभी मौत को न देखेगा।” (aiōn g165)
الْحَقَّ الْحَقَّ أَقُولُ لَكُمْ: إِنَّ مَنْ يُطِعْ كَلامِي فَلَنْ يَرَى الْمَوْتَ أَبَداً». (aiōn g165)
यहूदियों ने उससे कहा, “अब हम ने जान लिया कि तुझ में बदरूह है! अब्रहाम मर गया और नबी मर गए, मगर तू कहता है, 'अगर कोई मेरे कलाम पर 'अमल करेगा, तो हमेशा तक कभी मौत का मज़ा न चखेगा। (aiōn g165)
فَقَالَ الْيَهُودُ: «الآنَ تَأَكَّدَ لَنَا أَنَّ فِيكَ شَيْطَاناً. مَاتَ إِبْرَاهِيمُ وَمَاتَ الأَنْبِيَاءُ، وَأَنْتَ تَقُولُ إِنَّ الَّذِي يُطِيعُ كَلامَكَ لَنْ يَذُوقَ الْمَوْتَ أَبَداً. (aiōn g165)
शुरू ही से यह बात सुनने में नहीं आई कि किसी ने पैदाइशी अंधे की आँखों को सही कर दिया हो। (aiōn g165)
وَلَمْ يُسْمَعْ عَلَى مَدَى الأَجْيَالِ أَنَّ أَحَداً فَتَحَ عَيْنَيْ مَوْلُودٍ أَعْمَى! (aiōn g165)
मैं उन्हें हमेशा की ज़िन्दगी देता हूँ, इस लिए वह कभी हलाक नहीं होंगी। कोई उन्हें मेरे हाथ से छीन न लेगा, (aiōn g165, aiōnios g166)
وَأُعْطِيهَا حَيَاةً أَبَدِيَّةً، فَلا تَهْلِكُ إِلَى الأَبَدِ، وَلا يَنْتَزِعُهَا أَحَدٌ مِنْ يَدِي. (aiōn g165, aiōnios g166)
और जो ज़िन्दा है और मुझ पर ईमान रखता है वह कभी नहीं मरेगा। मर्था, क्या तुझे इस बात का यक़ीन है?” (aiōn g165)
وَمَنْ كَانَ حَيًّا وَآمَنَ بِي فَلَنْ يَمُوتَ إِلَى الأَبَدِ. أَتُؤُمِنِينَ بِهَذَا؟» (aiōn g165)
जो अपनी जान को प्यार करता है वह उसे खो देगा, और जो इस दुनियाँ में अपनी जान से दुश्मनी रखता है वह उसे हमेशा तक बचाए रखेगा। (aiōnios g166)
مَنْ يَتَمَسَّكْ بِحَيَاتِهِ، يَخْسَرْهَا. وَمَنْ نَبَذَهَا فِي هَذَا الْعَالَمِ يُوَفِّرُهَا لِلْحَيَاةِ الأَبَدِيَّةِ. (aiōnios g166)
मजमा बोल उठा, कलाम — ए — मुक़द्दस से हम ने सुना है कि मसीह हमेशा तक क़ाईम रहेगा। तो फिर आप की यह कैसी बात है कि “इब्न — ए — आदम को ऊँचे पर चढ़ाया जाना है?” आख़िर इब्न — ए — आदम है कौन? (aiōn g165)
فَقَالَ بَعْضُ الْحَاضِرِينَ: «عَلَّمَتْنَا الشَّرِيعَةُ أَنَّ الْمَسِيحَ يَبْقَى حَيًّا إِلَى الأَبَدِ، فَكَيْفَ تَقُولُ إِنَّ ابْنَ الإِنْسَانِ لابُدَّ أَنْ يُعَلَّقَ؟ مَنْ هُوَ ابْنُ الإِنْسَانِ هَذَا؟» (aiōn g165)
और मैं जानता हूँ कि उस का हुक्म हमेशा की ज़िन्दगी तक पहुँचाता है। चुनाँचे जो कुछ मैं सुनाता हूँ वही है जो बाप ने मुझे बताया है।” (aiōnios g166)
وَأَنَا أَعْلَمُ أَنَّ وَصِيَّتَهُ هِيَ حَيَاةٌ أَبَدِيَّةٌ: فَإِنَّ مَا أَقُولُهُ مِنْ كَلامٍ، أَقُولُهُ كَمَا قَالَهُ لِيَ الآبُ». (aiōnios g166)
पतरस ने एतराज़ किया, “मैं कभी भी आप को मेरे पैर धोने नहीं दूँगा!” ईसा ने जवाब दिया “अगर मैं तुझे न धोऊँ तो मेरे साथ तेरी कोई शराकत नहीं।” (aiōn g165)
وَلكِنَّ بُطْرُسَ أَصَرَّ قَائِلاً: «لا، لَنْ تَغْسِلَ قَدَمَيَّ أَبَداً!» فَأَجَابَهُ يَسُوعُ: «إِنْ كُنْتُ لَا أَغْسِلُكَ، فَلا يَكُونُ لَكَ نَصِيبٌ مَعِي!» (aiōn g165)
और मैं बाप से गुज़ारिश करूँगा तो वह तुम को एक और मददगार देगा जो हमेशा तक तुम्हारे साथ रहेगा (aiōn g165)
وَسَوْفَ أَطْلُبُ مِنَ الآبِ أَنْ يُعْطِيَكُمْ مُعِيناً آخَرَ يَبْقَى مَعَكُمْ إِلَى الأَبَدِ، (aiōn g165)
क्यूँकि तू ने उसे तमाम इंसान ों पर इख़्तियार दिया है ताकि वह उन सब को हमेशा की ज़िन्दगी दे जो तू ने उसे दिया हैं। (aiōnios g166)
فَقَدْ أَعْطَيْتَهُ السُّلْطَةَ عَلَى جَمِيعِ الْبَشَرِ، لِيَمْنَحَ جَمِيعَ الَّذِينَ قَدْ وَهَبْتَهُمْ لَهُ حَيَاةً أَبَدِيَّةً. (aiōnios g166)
और हमेशा की ज़िन्दगी यह है कि वह तुझे जान लें जो वाहिद और सच्चा ख़ुदा है और ईसा मसीह को भी जान लें जिसे तू ने भेजा है। (aiōnios g166)
وَالْحَيَاةُ الأَبَدِيَّةُ هِيَ أَنْ يَعْرِفُوكَ أَنْتَ الإِلهَ الْحَقَّ وَحْدَكَ، وَيَسُوعَ الْمَسِيحَ الَّذِي أَرْسَلْتَهُ. (aiōnios g166)
इसलिए कि तू मेरी जान को 'आलम — ए — अर्वाह में ना छोड़ेगा, और ना अपने पाक के सड़ने की नौबत पहुँचने देगा। (Hadēs g86)
لأَنَّكَ لَنْ تَتْرُكَ نَفْسِي فِي هُوَّةِ الأَمْوَاتِ، وَلَنْ تَدَعَ وَحِيدَكَ الْقُدُّوسَ يَرَى فَسَاداً، (Hadēs g86)
उसने नबुव्वत के तौर पर मसीह के जी उठने का ज़िक्र किया कि ना वो' आलम' ए' अर्वाह में छोड़ेगा, ना उसके जिस्म के सड़ने की नौबत पहुँचेगी। (Hadēs g86)
فَقَدْ تَكَلَّمَ عَنْ قِيَامَةِ الْمَسِيحِ كَمَا رَآهَا مُسْبَقاً، فَقَالَ إِنَّ نَفْسَهُ لَمْ تُتْرَكْ فِي هُوَّةِ الأَمْوَاتِ، وَلَمْ يَنَلْ مِنْ جَسَدِهِ الْفَسَادُ. (Hadēs g86)
ज़रूरी है कि वो असमान में उस वक़्त तक रहे; जब तक कि वो सब चीज़ें बहाल न की जाएँ, जिनका ज़िक्र ख़ुदा ने अपने पाक नबियों की ज़बानी किया है; जो दुनिया के शुरू से होते आए हैं। (aiōn g165)
إِذْ لابُدَّ أَنْ يَبْقَى الْمَسِيحُ فِي السَّمَاءِ حَتَّى يَأْتِيَ الزَّمَنُ الَّذِي يَتِمُّ فِيهِ الإِصْلاحُ الشَّامِلُ لِكُلِّ شَيْءٍ كَمَا أَوْحَى اللهُ إِلَى أَنْبِيَائِهِ الأَتْقِيَاءِ مُنْذُ الْقِدَمِ. (aiōn g165)
पौलुस और बरनबास दिलेर होकर कहने लगे, ज़रूर था, कि ख़ुदा का कलाम पहले तुम्हें सुनाया जाए; लेकिन चूँकि तुम उसको रद्द करते हो। और अपने आप को हमेशा की ज़िन्दगी के नाक़ाबिल ठहराते हो, तो देखो हम ग़ैर क़ौमों की तरफ़ मुतवज्जह होते हैं। (aiōnios g166)
فَخَاطَبَهُمْ بُولُسُ وَبَرْنَابَا بِجُرْأَةٍ قَائِلَيْنِ: «كَانَ يَجِبُ أَنْ نُبَلِّغَكُمْ أَنْتُمْ أَوَّلاً كَلِمَةَ اللهِ، وَلكِنَّكُمْ رَفَضْتُمُوهَا فَأَظْهَرْتُمْ أَنَّكُمْ لَا تَسْتَحِقُّونَ الْحَيَاةَ الأَبَدِيَّةَ. وَهَا نَحْنُ نَتَوَجَّهُ إِلَى غَيْرِ الْيَهُودِ! (aiōnios g166)
ग़ैर क़ौम वाले ये सुनकर ख़ुश हुए और ख़ुदा के कलाम की बड़ाई करने लगे, और जितने हमेशा की ज़िन्दगी के लिए मुक़र्रर किए गए थे, ईमान ले आए। (aiōnios g166)
فَلَمَّا سَمِعَ غَيْرُ الْيَهُودِ ذَلِكَ، فَرِحُوا جِدّاً، وَمَجَّدُوا كَلِمَةَ الرَّبِّ. وَآمَنَ جَمِيعُ مَنْ أَعَدَّهُمُ اللهُ لِلْحَيَاةِ الأَبَدِيَّةِ. (aiōnios g166)
ये वही ख़ुदावन्द फ़रमाता है जो दुनिया के शुरू से इन बातों की ख़बर देता आया है। (aiōn g165)
الْمَعْرُوفَةِ لَدَيْهِ مُنْذُ الأَزَلِ. (aiōn g165)
क्यूँकि उसकी अनदेखी सिफ़तें या'नी उसकी अज़ली क़ुदरत और ख़ुदाइयत दुनिया की पैदाइश के वक़्त से बनाई हुई चीज़ों के ज़रिए मा'लूम हो कर साफ़ नज़र आती हैं यहाँ तक कि उन को कुछ बहाना बाक़ी नहीं। (aïdios g126)
فَإِنَّ مَا لَا يُرَى مِنْ أُمُورِ اللهِ، أَيْ قُدْرَتَهُ الأَزَلِيَّةَ وَأُلُوهَتَهُ، ظَاهِرٌ لِلْعِيَانِ مُنْذُ خَلْقِ الْعَالَمِ، إِذْ تُدْرِكُهُ الْعُقُولُ مِنْ خِلالِ الْمَخْلُوقَاتِ. حَتَّى إِنَّ النَّاسَ بَاتُوا بِلا عُذْرٍ. (aïdios g126)
इसलिए कि उन्होंने ख़ुदा की सच्चाई को बदल कर झूठ बना डाला और मख़्लूक़ात की ज़्यादा इबादत की बनिस्बत उस ख़ालिक़ के जो हमेशा तक महमूद है; आमीन। (aiōn g165)
إِذْ قَدِ اسْتَبْدَلُوا بِحَقِّ اللهِ مَا هُوَ بَاطِلٌ، فَاتَّقَوْا الْمَخْلُوقَ وَعَبَدُوهُ بَدَلَ الْخَالِقِ، الْمُبَارَكِ إِلَى الأَبَدِ. آمِين! (aiōn g165)
जो अच्छे काम में साबित क़दम रह कर जलाल और इज़्ज़त और बक़ा के तालिब होते हैं उनको हमेशा की ज़िन्दगी देगा। (aiōnios g166)
فَتَكُونُ الْحَيَاةُ الأَبَدِيَّةُ لِلَّذِينَ يَسْعَوْنَ إِلَى الْمَجْدِ وَالْكَرَامَةِ وَالْخُلُودِ مُثَابِرِينَ عَلَى الْعَمَلِ الصَّالِحِ؛ (aiōnios g166)
ताकि जिस तरह गुनाह ने मौत की वजह से बादशाही की उसी तरह फ़ज़ल भी हमारे ख़ुदावन्द ईसा मसीह के वसीले से हमेशा की ज़िन्दगी के लिए रास्तबाज़ी के ज़रिए से बादशाही करे। (aiōnios g166)
حَتَّى إِنَّهُ كَمَا مَلَكَتِ الْخَطِيئَةُ بِالْمَوْتِ، فَكَذَلِكَ أَيْضاً تَمْلِكُ النِّعْمَةُ عَلَى أَسَاسِ الْبِرِّ مُؤَدِّيَةً إِلَى الْحَيَاةِ الأَبَدِيَّةِ بِيَسُوعَ الْمَسِيحِ رَبِّنَا. (aiōnios g166)
मगर अब गुनाह से आज़ाद और ख़ुदा के ग़ुलाम हो कर तुम को अपना फल मिला जिससे पाकीज़गी हासिल होती है और इस का अंजाम हमेशा की ज़िन्दगी है। (aiōnios g166)
أَمَّا الآنَ، وَقَدْ حُرِّرْتُمْ مِنَ الْخَطِيئَةِ وَصِرْتُمْ عَبِيداً لِلهِ، فَإِنَّ لَكُمْ ثَمَرَكُمْ لِلْقَدَاسَةِ، وَالْعَاقِبَةُ هِيَ الْحَيَاةُ الأَبَدِيَّةُ. (aiōnios g166)
क्यूँकि गुनाह की मज़दूरी मौत है मगर ख़ुदा की बख़्शिश हमारे ख़ुदावन्द ईसा मसीह में हमेशा की ज़िन्दगी है। (aiōnios g166)
لأَنَّ أُجْرَةَ الْخَطِيئَةِ هِيَ الْمَوْتُ، وَأَمَّا هِبَةُ اللهِ فَهِيَ الْحَيَاةُ الأَبَدِيَّةُ فِي الْمَسِيحِ يَسُوعَ رَبِّنَا. (aiōnios g166)
और क़ौम के बुज़ुर्ग उन ही के हैं और जिस्म के ऐतबार से मसीह भी उन ही में से हुआ, जो सब के ऊपर और हमेशा तक ख़ुदा'ए महमूद है; आमीन। (aiōn g165)
وَمِنْهُمْ كَانَ الآبَاءُ وَمِنْهُمْ جَاءَ الْمَسِيحُ حَسَبَ الْجَسَدِ، وَهُوَ فَوْقَ الْجَمِيعِ اللهُ الْمُبَارَكُ إِلَى الأَبَدِ. آمِين. (aiōn g165)
या “गहराव में कौन उतरेगा?” यानी मसीह को मुर्दों में से जिला कर ऊपर लाने को। (Abyssos g12)
وَلا: «مَنْ يَنْزِلُ إِلَى الأَعْمَاقِ؟» أَيْ لِيُصْعِدَ الْمَسِيحَ مِنْ بَيْنِ الأَمْوَاتِ! (Abyssos g12)
इसलिए कि ख़ुदा ने सब को नाफ़रमानी में गिरफ़्तार होने दिया ताकि सब पर रहम फ़रमाए। (eleēsē g1653)
فَإِنَّ اللهَ حَبَسَ الْجَمِيعَ مَعاً فِي عَدَمِ الطَّاعَةِ لِكَيْ يَرْحَمَهُمْ جَمِيعاً. (eleēsē g1653)
क्यूँकि उसी की तरफ़ से, और उसी के वसीले से और उसी के लिए सब चीज़ें हैं; उसकी बड़ाई हमेशा तक होती रहे आमीन। (aiōn g165)
فَإِنَّ مِنْهُ وَبِهِ وَلَهُ كُلَّ شَيْءٍ. لَهُ الْمَجْدُ إِلَى الأَبَدِ. آمِينَ! (aiōn g165)
और इस जहान के हमशक्ल न बनो बल्कि अक़्ल नई हो जाने से अपनी सूरत बदलते जाओ ताकि ख़ुदा की नेक और पसन्दीदा और कामिल मर्ज़ी को तजुर्बा से मा'लूम करते रहो। (aiōn g165)
وَلا تَتَشَبَّهُوا بِهَذَا الْعَالَمِ، بَلْ تَغَيَّرُوا بِتَجْدِيدِ الذِّهْنِ، لِتُمَيِّزُوا مَا هِيَ إِرَادَةُ اللهِ الصَّالِحَةُ الْمَقْبُولَةُ الْكَامِلَةُ. (aiōn g165)
अब ख़ुदा जो तुम को मेरी ख़ुशख़बरी या'नी ईसा मसीह की मनादी के मुवाफ़िक़ मज़बूत कर सकता है, उस राज़ के मुक़ाशिफ़ा के मुताबिक़ जो अज़ल से पोशीदा रहा। (aiōnios g166)
وَالْمَجْدُ لِلْقَادِرِ أَنْ يُثَبِّتَكُمْ، وَفْقاً لإِنْجِيلِي وَلِلْبِشَارَةِ بِيَسُوعَ الْمَسِيحِ، وَوَفْقاً لإِعْلانِ مَا كَانَ سِرّاً مَكْتُوماً مَدَى الأَزْمِنَةِ الأَزَلِيَّةِ، (aiōnios g166)
मगर इस वक़्त ज़ाहिर हो कर ख़ुदा'ए अज़ली के हुक्म के मुताबिक़ नबियों की किताबों के ज़रिए से सब क़ौमों को बताया गया ताकि वो ईमान के ताबे हो जाएँ। (aiōnios g166)
وَلكِنْ أُذِيعَ الآنَ، بِأَمْرِ اللهِ الأَزَلِيِّ فِي الْكِتَابَاتِ النَّبَوِيَّةِ، عَلَى جَمِيعِ الأُمَمِ لأَجْلِ إِطَاعَةِ الإِيمَانِ؛ (aiōnios g166)
उसी वाहिद हकीम ख़ुदा की ईसा मसीह के वसीले से हमेशा तक बड़ाई होती रहे। आमीन। (aiōn g165)
الْمَجْدُ لِلهِ إِلَى الأَبَدِ، الْحَكِيمِ وَحْدَهُ، بِيَسُوعَ الْمَسِيحِ. آمِين! (aiōn g165)
कहाँ का हकीम? कहाँ का आलिम? कहाँ का इस जहान का बहस करनेवाला? क्या ख़ुदा ने दुनिया की हिक्मत को बे'वक़ूफ़ी नहीं ठहराया? (aiōn g165)
إِذَنْ، أَيْنَ الْحَكِيمُ؟ وَأَيْنَ الْبَاحِثُ؟ وَأَيْنَ الْمُجَادِلُ فِي هَذَا الزَّمَانِ؟ أَلَمْ يُظْهِرِ اللهُ حِكْمَةَ هَذَا الْعَالَمِ جَهَالَةً؟ (aiōn g165)
फिर भी कामिलों में हम हिक्मत की बातें कहते हैं लेकिन इस जहान की और इस जहान के नेस्त होनेवाले हाकिमों की अक़्ल नहीं। (aiōn g165)
عَلَى أَنَّ لَنَا حِكْمَةً نَتَكَلَّمُ بِها بَيْنَ الْبَالِغِينَ. وَلَكِنَّهَا حِكْمَةٌ لَيْسَتْ مِنْ هَذَا الْعَالَمِ وَلا مِنْ رُؤَسَاءِ هَذَا الْعَالَمِ الزَّائِلِينَ. (aiōn g165)
बल्कि हम ख़ुदा के राज़ की हक़ीक़त बातों के तौर पर बयान करते हैं, जो ख़ुदा ने जहान के शुरू से पहले हमारे जलाल के वास्ते मुक़र्रर की थी। (aiōn g165)
بَلْ إِنَّنَا نَتَكَلَّمُ بِحِكْمَةِ اللهِ السِّرَّيَّةِ، تِلْكَ الْحِكْمَةِ الْمَحْجُوبَةِ الَّتِي سَبَقَ اللهُ فَأَعَدَّهَا قَبْلَ الدُّهُورِ لأَجْلِ مَجْدِنَا (aiōn g165)
जिसे इस दुनिया के सरदारों में से किसी ने न समझा क्यूँकि अगर समझते तो जलाल के ख़ुदावन्द को मस्लूब न करते। (aiōn g165)
وَهِيَ حِكْمَةٌ لَمْ يَعْرِفْهَا أَحَدٌ مِنْ رُؤَسَاءِ هَذَا الْعَالَمِ. فَلَوْ عَرَفُوهَا، (aiōn g165)
कोई अपने आप को धोखा न दे अगर कोई तुम में अपने आप को इस जहान में हकीम समझे, तो बेवक़ूफ़ बने ताकि हकीम हो जाए। (aiōn g165)
حَذَارِ أَنْ يَخْدَعَ أَحَدٌ مِنْكُمْ نَفْسَهُ! إِنْ ظَنَّ أَحَدٌ بَيْنَكُمْ نَفْسَهُ حَكِيماً بِمَقَايِيسِ هَذَا الْعَالَمِ، فَلْيَصِرْ «جَاهِلاً» لِيَصِيرَ حَكِيماً حَقّاً. (aiōn g165)
इस वजह से अगर खाना मेरे भाई को ठोकर खिलाए तो मैं कभी हरगिज़ गोश्त न खाऊँगा, ताकि अपने भाई के लिए ठोकर की वजह न बनूँ। (aiōn g165)
لِذَا، إِنْ كَانَ بَعْضُ الطَّعَامِ فَخّاً يَسْقُطُ فِيهِ أَخِي، فَلَنْ آكُلَ لَحْماً أَبَداً، لِكَيْ لَا أُسْقِطَ أَخِي! (aiōn g165)
ये बातें उन पर 'इबरत के लिए वाक़े' हुईं और हम आख़री ज़माने वालों की नसीहत के वास्ते लिखी गईं। (aiōn g165)
فَهَذِهِ الأُمُورُ كُلُّهَا حَدَثَتْ لَهُمْ لِتَكُونَ مِثَالاً، وَقَدْ كُتِبَتْ إِنْذَاراً لَنَا، نَحْنُ الَّذِينَ انْتَهَتْ إِلَيْنَا أَوَاخِرُ الأَزْمِنَةِ. (aiōn g165)
ऐ मौत तेरी फ़तह कहाँ रही? ऐ मौत तेरा डंक कहाँ रहा?” (Hadēs g86)
فَأَيْنَ، يَا مَوْتُ، شَوْكَتُكَ؟ وَأَيْنَ، يَا مَوْتُ نَصْرُكَ؟ (Hadēs g86)
या'नी उन बे'ईमानों के वास्ते जिनकी अक़्लों को इस जहान के ख़ुदा ने अंधा कर दिया है ताकि मसीह जो ख़ुदा की सूरत है उसके जलाल की ख़ुशख़बरी की रौशनी उन पर न पड़े। (aiōn g165)
لَدَى غَيْرِ الْمُؤْمِنِينَ الَّذِينَ أَعْمَى إِلَهُ هَذَا الْعَالَمِ أَذْهَانَهُمْ حَتَّى لَا يُضِيءَ لَهُمْ نُورُ الإِنْجِيلِ الْمُخْتَصِّ بِمَجْدِ الْمَسِيحِ الَّذِي هُوَ صُورَةُ اللهِ. (aiōn g165)
क्यूँकि हमारी दम भर की हल्की सी मुसीबत हमारे लिए अज़, हद भारी और अबदी जलाल पैदा करती है। (aiōnios g166)
ذَلِكَ لأَنَّ مَا يُضَايِقُنَا الآنَ مِنْ صُعُوبَاتٍ بَسِيطَةٍ عَابِرَةٍ، يُنْتِجُ لَنَا بِمِقْدَارٍ لَا يُحَدُّ وَزْنَةً أَبَدِيَّةً مِنَ الْمَجْدِ، (aiōnios g166)
जिस हाल में हम देखी हुई चीज़ों पर नहीं बल्कि अनदेखी चीज़ों पर नज़र करते हैं; क्यूँकि देखी हुई चीज़ें चन्द रोज़ हैं; मगर अनदेखी चीज़ें अबदी हैं। (aiōnios g166)
إِذْ نَرْفَعُ أَنْظَارَنَا عَنِ الأُمُورِ الْمَنْظُورَةِ وَنُثَبِّتُهَا عَلَى الأُمُورِ غَيْرِ الْمَنْظُورَةِ. فَإِنَّ الأُمُورَ الْمَنْظُورَةَ إِنَّمَا هِيَ إِلَى حِينٍ؛ وَأَمَّا غَيْرُ الْمَنْظُورَةِ فَهِيَ أَبَدِيَّةٌ. (aiōnios g166)
क्यूँकि हम जानते हैं कि जब हमारा ख़ेमे का घर जो ज़मीन पर है गिराया जाएगा तो हम को ख़ुदा की तरफ़ से आसमान पर एक ऐसी इमारत मिलेगी जो हाथ का बनाया हुआ घर नहीं बल्कि अबदी है। (aiōnios g166)
فَإِنَّنَا نَعْلَمُ أَنَّهُ مَتَى تَهَدَّمَتْ خَيْمَتُنَا الأَرْضِيَّةُ الَّتِي نَسْكُنُهَا الآنَ، يَكُونُ لَنَا بِنَاءٌ مِنَ اللهِ: بَيْتٌ لَمْ تَصْنَعْهُ أَيْدِي الْبَشَرِ، أَبَدِيٌّ فِي السَّمَاوَاتِ. (aiōnios g166)
चुनाँचे कलाम में लिखा है कि उसने बिखेरा है उसने कंगालों को दिया है उसकी रास्तबाज़ी हमेशा तक बाक़ी रहेगी। (aiōn g165)
وَفْقاً لِمَا قَدْ كُتِبَ: «وَزَّعَ بِسَخَاءٍ، أَعْطَى الْفُقَرَاءَ، بِرُّهُ يَدُومُ إِلَى الأَبَدِ!» (aiōn g165)
ख़ुदावन्द ईसा का ख़ुदा और बाप जिसकी हमेशा तक हम्द हो जानता है कि मैं झूठ नहीं कहता। (aiōn g165)
وَيَعْلَمُ اللهُ، أَبُو رَبِّنَا يَسُوعَ، الْمُبَارَكُ إِلَى الأَبَدِ، أَنِّي لَسْتُ أَكْذِبُ: (aiōn g165)
उसी ने हमारे गुनाहों के लिए अपने आप को दे दिया; ताकि हमारे ख़ुदा और बाप की मर्ज़ी के मुवाफ़िक़ हमें इस मौजूदा ख़राब जहान से ख़लासी बख़्शे। (aiōn g165)
الَّذِي بَذَلَ نَفْسَهُ مِنْ أَجْلِ خَطَايَانَا لِكَيْ يُنْقِذَنَا مِنَ الْعَالَمِ الْحَاضِرِ الشِّرِّيرِ، وَفْقاً لِمَشِيئَةِ إِلَهِنَا وَأَبِينَا. (aiōn g165)
उसकी बड़ाई हमेशा से हमेशा तक होती रहे आमीन। (aiōn g165)
لَهُ الْمَجْدُ إِلَى أَبَدِ الآبِدِينَ. آمِين! (aiōn g165)
जो कोई अपने जिस्म के लिए बोता है, वो जिस्म से हलाकत की फ़स्ल काटेगा; और जो रूह के लिए बोता है, वो पाक रूह से हमेशा की ज़िन्दगी की फ़सल काटेगा। (aiōnios g166)
فَإِنَّ مَنْ يَزْرَعُ لِجَسَدِهِ، فَمِنَ الْجَسَدِ يَحْصُدُ فَسَاداً. وَمَنْ يَزْرَعُ لِلرُّوحِ، فَمِنَ الرُّوحِ يَحْصُدُ حَيَاةً أَبَدِيَّةً. فَلا نَفْشَلْ فِي عَمَلِ الْخَيْرِ، (aiōnios g166)
और हर तरह की हुकूमत और इख़्तियार और क़ुदरत और रियासत और हर एक नाम से बहुत ऊँचा किया, जो न सिर्फ़ इस जहान में बल्कि आनेवाले जहान में भी लिया जाएगा; (aiōn g165)
أَرْفَعَ جِدّاً مِنْ كُلِّ رَئَاسَةٍ وَسُلْطَةٍ وَقُوَّةٍ وَسِيَادَةٍ، وَمِنْ كُلِّ اسْمٍ يُسَمَّى، لَا فِي هَذَا الْعَالَمِ وَحَسْبُ، بَلْ فِي ذَلِكَ الآتِي أَيْضاً. (aiōn g165)
जिनमें तुम पहले दुनियाँ की रविश पर चलते थे, और हवा की 'अमलदारी के हाकिम या'नी उस रूह की पैरवी करते थे जो अब नाफ़रमानी के फ़रज़न्दों में तासीर करती है। (aiōn g165)
الَّتِي كُنْتُمْ تَسْلُكُونَ فِيهَا حَسَبَ طُرُقِ هَذَا الْعَالَمِ، تَابِعِينَ رَئِيسَ قُوَّاتِ الْهَوَاءِ، ذَلِكَ الرُّوحَ الْعَامِلَ الآنَ فِي أَبْنَاءِ الْعِصْيَانِ، (aiōn g165)
ताकि वो अपनी उस महरबानी से जो मसीह ईसा में हम पर है, आनेवाले ज़मानो में अपने फ़ज़ल की अज़ीम दौलत दिखाए। (aiōn g165)
وَذَلِكَ كَيْ يَعْرِضَ فِي الدُّهُورِ الْقَادِمَةِ غِنَى نِعْمَتِهِ الْفَائِقَ فِي لُطْفِهِ عَلَيْنَا فِي الْمَسِيحِ يَسُوعَ. (aiōn g165)
और सब पर ये बात रोशन करूँ कि जो राज़ अज़ल से सब चीज़ों के पैदा करनेवाले ख़ुदा में छुपा रहा उसका क्या इन्तज़ाम है। (aiōn g165)
وَأُنِيرَ الْجَمِيعَ بِمَعْرِفَةِ مَا هُوَ تَدْبِيرُ السِّرِّ الَّذِي أَبْقَاهُ اللهُ، خَالِقُ كُلِّ شَيْءٍ، مَكْتُوماً مَدَى الأَجْيَالِ. (aiōn g165)
उस अज़ली इरादे के जो उसने हमारे ख़ुदावन्द ईसा मसीह में किया था, (aiōn g165)
وَفْقاً لِلْقَصْدِ الأَزَلِيِّ الَّذِي قَصَدَهُ اللهُ فِي الْمَسِيحِ يَسُوعَ رَبِّنَا، (aiōn g165)
कलीसिया में और ईसा मसीह में पुश्त — दर — पुश्त और हमेशा हमेशा उसकी बड़ाई होती रहे। आमीन। (aiōn g165)
لَهُ الْمَجْدُ فِي الْكَنِيسَةِ، فِي الْمَسِيحِ يَسُوعَ، مَدَى الأَجْيَالِ وَالدُّهُورِ! آمِينَ. (aiōn g165)
क्यूँकि हमें ख़ून और गोश्त से कुश्ती नहीं करना है, बल्कि हुकूमतवालों और इख़्तियार वालों और इस दुनियाँ की तारीकी के हाकिमों और शरारत की उन रूहानी फ़ौजों से जो आसमानी मुक़ामों में है। (aiōn g165)
فَإِنَّ حَرْبَنَا لَيْسَتْ ضِدَّ ذَوِي اللَّحْمِ وَالدَّمِ، بَلْ ضِدُّ الرِّئَاسَاتِ، ضِدُّ السُّلُطَاتِ، ضِدُّ أَسْيَادِ الْعَالَمِ حُكَّامِ هَذَا الظَّلامِ، ضِدُّ قِوَى الشَّرِّ الرُّوحِيَّةِ فِي السَّمَاوَاتِ. (aiōn g165)
हमारे ख़ुदा और बाप की हमेशा से हमेशा तक बड़ाई होती रहे आमीन (aiōn g165)
فَلإِلَهِنَا وَأَبِينَا، الْمَجْدُ إِلَى دَهْرِ الدُّهُورِ. آمِين! (aiōn g165)
वह बातें जो शुरू से तमाम गुज़री नसलों से छुपा रहा था लेकिन अब मुक़द्दसीन पर ज़ाहिर की गई हैं। (aiōn g165)
السِّرِّ الَّذِي كَانَ مَكْتُوماً طَوَالَ الْعُصُورِ وَالأَجْيَالِ، وَلكِنْ كُشِفَ الآنَ لِقِدِّيسِيهِ، (aiōn g165)
वह ख़ुदावन्द का चेहरा और उसकी क़ुदरत के जलाल से दूर हो कर हमेशा हलाकत की सज़ा पाएँगे (aiōnios g166)
فَهَؤُلاءِ سَيُكَابِدُونَ عِقَابَ الْهَلاكِ الأَبَدِيِّ، بَعِيداً عَنْ حَضْرَةِ الرَّبِّ وَعَنْ مَجْدِ قُوَّتِهِ، (aiōnios g166)
अब हमारा ख़ुदावन्द 'ईसा मसीह ख़ुद और हमारा बाप ख़ुदा जिसने हम से मुहब्बत रखी और फ़ज़ल से हमेशा तसल्ली और अच्छी उम्मीद बख़्शी (aiōnios g166)
وَلَيْتَ رَبَّنَا يَسُوعَ الْمَسِيحَ نَفْسَهُ، وَاللهَ أَبَانَا، الَّذِي أَحَبَّنَا وَوَهَبَنَا بِنِعْمَتِهِ رَاحَةً أَبَدِيَّةً وَرَجَاءً صَالِحاً، (aiōnios g166)
लेकिन मुझ पर रहम इसलिए हुआ कि ईसा मसीह मुझ बड़े गुनहगार में अपना सब्र ज़ाहिर करे, ताकि जो लोग हमेशा की ज़िन्दगी के लिए उस पर ईमान लाएँगे उन के लिए मैं नमूना बनूँ। (aiōnios g166)
وَلَكِنْ لِهَذَا السَّبَبِ عُومِلْتُ بِالرَّحْمَةِ، لِيَجْعَلَ يَسُوعُ الْمَسِيحُ مِنِّي، أَنَا أَوَّلاً، مِثَالاً يُظْهِرُ صَبْرَهُ الطَّوِيلَ، لِجَمِيعِ الَّذِينَ سَيُؤْمِنُونَ بِهِ لِنَوَالِ الْحَيَاةِ الأَبَدِيَّةِ. (aiōnios g166)
अब हमेशा कि बादशाही या'नी ना मिटने वाली, नादीदा, एक ख़ुदा की 'इज़्ज़त और बड़ाई हमेशा से हमेशा तक होती रहे। आमीन। (aiōn g165)
فَلِلْمَلِكِ الأَزَلِيِّ، اللهِ الْوَاحِدِ غَيْرِ الْمَنْظُورِ وَغَيْرِ الْفَانِي، الْكَرَامَةُ وَالْمَجْدُ إِلَى أَبَدِ الآبِدِينَ. آمِين! (aiōn g165)
ईमान की अच्छी कुश्ती लड़; उस हमेशा की ज़िन्दगी पर क़ब्ज़ा कर ले जिसके लिए तू बुलाया गया था, और बहुत से गवाहों के सामने अच्छा इक़रार किया था। (aiōnios g166)
أَحْسِنِ الْجِهَادَ فِي مَعْرَكَةِ الإِيمَانِ الْجَمِيلَةِ. تَمَسَّكْ بِالْحَيَاةِ الأَبَدِيَّةِ، الَّتِي إِلَيْهَا قَدْ دُعِيتَ، وَقَدِ اعْتَرَفْتَ الاعْتِرَافَ الْحَسَنَ (بِالإِيمَانِ) أَمَامَ شُهُودٍ كَثِيرِينَ. (aiōnios g166)
बक़ा सिर्फ़ उसी की है, और वो उस नूर में रहता है जिस तक किसी की पहुँच नहीं हो सकती, न उसे किसी इंसान ने देखा और न देख सकता है; उसकी 'इज़्ज़त और सल्तनत हमेशा तक रहे। आमीन। (aiōnios g166)
الَّذِي وَحْدَهُ لَا فَنَاءَ لَهُ، السَّاكِنُ فِي نُورٍ لَا يُدْنَى مِنْهُ، الَّذِي لَمْ يَرَهُ أَيُّ إِنْسَانٍ وَلا يَقْدِرُ أَنْ يَرَاهُ. لَهُ الْكَرَامَةُ وَالْقُدْرَةُ الأَبَدِيَّةُ. آمِين! (aiōnios g166)
इस मौजूदा जहान के दौलतमन्दों को हुक्म दे कि मग़रूर न हों और नापाएदार दौलत पर नहीं, बल्कि ख़ुदा पर उम्मीद रख्खें जो हमें लुत्फ़ उठाने के लिए सब चीज़ें बहुतायत से देता है। (aiōn g165)
أَوْصِ أَغْنِيَاءَ هَذَا الزَّمَانِ أَنْ لَا يَتَكَبَّرُوا، وَلا يَتَّكِلُوا عَلَى الْغِنَى غَيْرِ الثَّابِتِ، بَلْ عَلَى اللهِ الَّذِي يَمْنَحُنَا كُلَّ شَيْءٍ بِوَفْرَةٍ لِنَتَمَتَّعَ بِهِ، (aiōn g165)
जिस ने हमें नजात दी और पाक बुलावे से बुलाया हमारे कामों के मुताबिक़ नहीं बल्कि अपने ख़ास इरादा और उस फ़ज़ल के मुताबिक़ जो मसीह 'ईसा में हम पर शुरू से हुआ। (aiōnios g166)
فَهُوَ قَدْ خَلَّصَنَا، وَدَعَانَا إِلَيْهِ دَعْوَةً مُقَدَّسَةً، لَا عَلَى أَسَاسِ أَعْمَالِنَا، بَلْ بِمُوجِبِ قَصْدِهِ وَنِعْمَتِهِ الَّتِي وُهِبَتْ لَنَا فِي الْمَسِيحِ يَسُوعَ قَبْلَ أَزْمِنَةِ الأَزَلِ، (aiōnios g166)
इसी वजह से मैं नेक लोगों की ख़ातिर सब कुछ सहता हूँ ताकि वो भी उस नजात को जो मसीह 'ईसा में है अबदी जलाल समेत हासिल करें। (aiōnios g166)
لِهَذَا السَّبَبِ أَحْتَمِلُ كُلَّ شَيْءٍ بِصَبْرٍ لأَجْلِ الَّذِينَ اخْتَارَهُمُ اللهُ، لِكَيْ يَحْصُلُوا، هُمْ أَيْضاً، عَلَى الْخَلاصِ الَّذِي فِي الْمَسِيحِ يَسُوعَ مَعَ الْمَجْدِ الأَبَدِيِّ. (aiōnios g166)
क्यूँकि देमास ने इस मौजूदा जहान को पसन्द करके मुझे छोड़ दिया और थिस्सलुनीकियों के शहर को चला गया और क्रेसकेन्स ग़लतिया सूबे को और तितुस दलमतिया सूबे को। (aiōn g165)
لأَنَّ دِيمَاسَ، إِذْ أَحَبَّ الْحَيَاةَ الْحَاضِرَةَ، تَرَكَنِي وَذَهَبَ إِلَى مَدِينَةِ تَسَالُونِيكِي. أَمَّا كِرِيسْكِيسُ، فَقَدْ ذَهَبَ إِلَى مُقَاطَعَةِ غَلاطِيَّةَ، وَتِيطُسُ إِلَى دَلْمَاطِيَّةَ (aiōn g165)
ख़ुदावन्द मुझे हर एक बुरे काम से छुड़ाएगा और अपनी आसमानी बादशाही में सही सलामत पहुँचा देगा उसकी बड़ाई हमेशा से हमेशा तक होती रहे आमीन। (aiōn g165)
وَسَيُنَجِّينِي الرَّبُّ مِنْ كُلِّ عَمَلٍ شِرِّيرٍ وَيَحْفَظُنِي سَالِماً لِمَلَكُوتِهِ السَّمَاوِيِّ. فَلَهُ الْمَجْدُ إِلَى أَبَدِ الآبِدِينَ. آمِين! (aiōn g165)
उस हमेशा की ज़िन्दगी की उम्मीद पर जिसका वा'दा शुरू ही से ख़ुदा ने किया है जो झूठ नहीं बोल सकता। (aiōnios g166)
فِي رَجَاءِ الْحَيَاةِ الأَبَدِيَّةِ، الَّتِي وَعَدَ بِها اللهُ الْمُنَزَّهُ عَنِ الْكَذِبِ، مِنْ قَبْلِ أَزْمِنَةِ الأَزَلِ، (aiōnios g166)
और हमें तालीम देता है ताकि बेदीनी और दुनियावी ख़्वाहिशों का इन्कार करके इस मौजूदा जहान में परहेज़गारी और रास्तबाज़ी और दीनदारी के साथ ज़िन्दगी गुज़ारें; (aiōn g165)
وَهِي تُعَلِّمُنَا أَنْ نَقْطَعَ عَلاقَتَنَا بِالإِبَاحِيَّةِ وَالشَّهَوَاتِ الْعَالَمِيَّةِ، وَأَنْ نَحْيَا فِي الْعَصْرِ الْحَاضِرِ حَيَاةَ التَّعَقُّلِ وَالْبِرِّ وَالتَّقْوَى، (aiōn g165)
ताकि हम उसके फ़ज़ल से रास्तबाज़ ठहर कर हमेशा की ज़िन्दगी की उम्मीद के मुताबिक़ वारिस बनें। (aiōnios g166)
حَتَّى إِذَا تَبَرَّرْنَا بِنِعْمَتِهِ، نَصِيرُ وَرَثَةً، وَفْقاً لِرَجَائِنَا بِالْحَيَاةِ الأَبَدِيَّةِ. (aiōnios g166)
क्यूँकि मुम्किन है कि वो तुझ से इसलिए थोड़ी देर के वास्ते जुदा हुआ हो कि हमेशा तेरे पास रहे। (aiōnios g166)
فَرُبَّمَا لِهَذَا السَّبَبِ قَدْ أُبْعِدَ إِلَى حِينٍ: كَيْ تَمْتَلِكَهُ إِلَى الأَبَدِ، (aiōnios g166)
इस ज़माने के आख़िर में हम से बेटे के ज़रिए कलाम किया, जिसे उसने सब चीज़ों का वारिस ठहराया और जिसके वसीले से उसने आलम भी पैदा किए। (aiōn g165)
أَمَّا الآنَ، فِي هَذَا الزَّمَنِ الأَخِيرِ، فَقَدْ كَلَّمَنَا بِالابْنِ، الَّذِي جَعَلَهُ وَارِثاً لِكُلِّ شَيْءٍ، وَبِهِ قَدْ خَلَقَ الْكَوْنَ كُلَّهُ! (aiōn g165)
मगर बेटे के बारे में कहता है, “ऐ ख़ुदा, तेरा तख़्त हमेशा से हमेशा तक रहेगा, और तेरी बादशाही की 'लाठी रास्तबाज़ी की 'लाठी है। (aiōn g165)
وَلَكِنَّهُ يُخَاطِبُ الابْنَ قَائِلاً: «إِنَّ عَرْشَكَ، يَا اللهُ، ثَابِتٌ إِلَى أَبَدِ الآبِدِينَ، وَصَوْلَجَانَ حُكْمِكَ عَادِلٌ وَمُسْتَقِيمٌ. (aiōn g165)
कहीं और वह फ़रमाता है, “तू अबद तक इमाम है, ऐसा इमाम जैसा मलिक — ए — सिद्क़ था।” (aiōn g165)
وَخَاطَبَهُ فِي مَوْضِعٍ آخَرَ بِقَوْلِهِ: «أَنْتَ كَاهِنٌ إِلَى الأَبَدِ عَلَى رُتْبَةِ مَلْكِيصَادَقَ!» (aiōn g165)
जब वह कामिलियत तक पहुँच गया तो वह उन सब की अबदी नजात का सरचश्मा बन गया जो उस की सुनते हैं। (aiōnios g166)
وَبِذلِكَ، أَصْبَحَ مُؤَهَّلاً لِمُهِمَّتِهِ، فَصَارَ لِجَمِيعِ الَّذِينَ يُطِيعُونَهُ مَصْدَراً لِلْخَلاصِ الأَبَدِيِّ. (aiōnios g166)
बपतिस्मा क्या है, किसी पर हाथ रखने की तालीम, मुर्दों के जी उठने और हमेशा सज़ा पाने की तालीम। (aiōnios g166)
وَالنُّظُمُ الْمُخْتَصَّةُ بِطُقُوسِ الْمَعْمُودِيَّةِ، وَوَضْعُ الأَيْدِي، وَقِيَامَةُ الأَمْوَاتِ، وَالدَّيْنُونَةُ الأَبَدِيَّةُ. (aiōnios g166)
उन्हों ने ख़ुदा के कलाम की भलाई और आने वाले ज़माने की ताक़तों का तजुर्बा किया था। (aiōn g165)
وَذَاقُوا كَلِمَةَ اللهِ الطَّيِّبَةَ، وَشَاهَدُوا مُعْجِزَاتِ «الْعَالَمِ الآتِي»، (aiōn g165)
वहीं ईसा हमारे आगे आगे जा कर हमारी ख़ातिर दाख़िल हुआ है। यूँ वह मलिक — ए — सिद्क़ की तरह हमेशा के लिए इमाम — ए — आज़म बन गया है। (aiōn g165)
فَلأَجْلِنَا دَخَلَ يَسُوعُ إِلَى هُنَاكَ سَابِقاً لَنَا. وَهُوَ هُنَاكَ يَقُومُ بِمُهِمَّتِهِ نِيَابَةً عَنَّا بَعْدَمَا صَارَ رَئِيسَ كَهَنَةٍ إِلَى الأَبَدِ عَلَى رُتْبَةِ مَلْكِيصَادَقَ! (aiōn g165)
क्यूँकि कलाम — ए — मुक़द्दस फ़रमाता है, कि तू मलिक — ए — सिद्क़ के तौर पर अबद तक काहिन है। (aiōn g165)
ذَلِكَ لأَنَّ الْوَحْيَ يَشْهَدُ لَهُ قَائِلاً: «أَنْتَ كَاهِنٌ إِلَى الأَبَدِ عَلَى رُتْبَةِ مَلْكِيصَادَقَ!» (aiōn g165)
लेकिन ईसा एक क़सम के ज़रिए इमाम बन गया जब ख़ुदा ने फ़रमाया। “ख़ुदा ने क़सम खाई है और वो इससे अपना मन नही बदलेगा: तुम अबद तक के लिये इमाम है।” (aiōn g165)
أَمَّا بَنُو لاوِي، فَكَانُوا يَصِيرُونَ كَهَنَةً دُونَ أَيِّ قَسَمٍ. هَذَا الْقَسَمُ وَاضِحٌ فِي قَوْلِ الله: «أَقْسَمَ الرَّبُّ وَلَنْ يَتَرَاجَعَ: أَنْتَ كَاهِنٌ إِلَى الأَبَدِ» (aiōn g165)
लेकिन चूँकि ईसा हमेशा तक ज़िन्दा है इस लिए उस की कहानित कभी भी ख़त्म नहीं होगी। (aiōn g165)
وَأَمَّا الْمَسِيحُ، فَلأَنَّهُ حَيٌّ إِلَى الأَبَدِ، فَهُوَ يَبْقَى صَاحِبَ كَهَنُوتٍ لَا يَزُولُ! (aiōn g165)
मूसा की शरी'अत ऐसे लोगों को इमाम — ए — आज़म मुक़र्रर करती है जो कमज़ोर हैं। लेकिन शरी'अत के बाद ख़ुदा की क़सम फ़र्ज़न्द को इमाम — ए — आज़म मुक़र्रर करती है, और यह ख़ुदा का फ़र्ज़न्द हमेशा तक कामिल है। (aiōn g165)
إِذَنْ، كَانَتِ الشَّرِيعَةُ تُعَيِّنُ كُلَّ رَئِيسِ كَهَنَةٍ مِنْ بَيْنِ الْبَشَرِ الضُّعَفَاءِ. أَمَّا كَلِمَةُ الْقَسَمِ، الَّتِي جَاءَتْ بَعْدَ الشَّرِيعَةِ، فَقَدْ عَيَّنَتِ ابْنَ اللهِ، الْمُؤَهَّلَ تَمَاماً لِمُهِمَّتِهِ، رَئِيسَ كَهَنَةٍ إِلَى الأَبَدِ! (aiōn g165)
जब मसीह एक बार सदा के लिए ख़ेमे के पाकतरीन कमरे में दाख़िल हुआ तो उस ने क़ुर्बानियाँ पेश करने के लिए बकरों और बछड़ों का ख़ून इस्तेमाल न किया। इस के बजाए उस ने अपना ही ख़ून पेश किया और यूँ हमारे लिए हमेशा की नजात हासिल की। (aiōnios g166)
فَإِلَى «قُدْسِ الأَقْدَاسِ» فِي هَذِهِ الْخَيْمَةِ، دَخَلَ الْمَسِيحُ مَرَّةً وَاحِدَةً، حَامِلاً دَمَ نَفْسِهِ، لَا دَمَ تُيُوسٍ وَعُجُولٍ. وَذَلِكَ بَعْدَمَا سَفَكَ دَمَهُ عِوَضاً عَنَّا. فَحَقَّقَ فِدَاءً أَبَدِيًّا. (aiōnios g166)
अगर इन चीज़ों का यह असर था तो फिर मसीह के ख़ून का क्या ज़बरदस्त असर होगा! अज़ली रूह के ज़रिए उस ने अपने आप को बेदाग़ क़ुर्बानी के तौर पर पेश किया। यूँ उस का ख़ून हमारे ज़मीर को मौत तक पहुँचाने वाले कामों से पाक — साफ़ करता है ताकि हम ज़िन्दा ख़ुदा की ख़िदमत कर सकें। (aiōnios g166)
فَكَمْ بِالأَحْرَى دَمُ الْمَسِيحِ الَّذِي قَدَّمَ نَفْسَهُ لِلهِ بِرُوحٍ أَزَلِيٍّ ذَبِيحَةً لَا عَيْبَ فِيهَا، يُطَهِّرُ ضَمَائِرَنَا مِنَ الأَعْمَالِ الْمَيِّتَةِ لِنَعْبُدَ اللهَ الْحَيَّ. (aiōnios g166)
यही वजह है कि मसीह एक नए अह्द का दरमियानी है। मक़्सद यह था कि जितने लोगों को ख़ुदा ने बुलाया है उन्हें ख़ुदा की वादा की हुई और हमेशा की मीरास मिले। और यह सिर्फ़ इस लिए मुम्किन हुआ है कि मसीह ने मर कर फ़िदया दिया ताकि लोग उन गुनाहों से छुटकारा पाएँ जो उन से उस वक़्त सरज़द हुए जब वह पहले अह्द के तहत थे। (aiōnios g166)
وَلِذَلِكَ، فَالْمَسِيحُ هُوَ الْوَسِيطُ لِهَذَا الْعَهْدِ الْجَدِيدِ. فَبِمَا أَنَّهُ قَدْ تَّمَ الْمَوْتُ فِدَاءً لِلْمُخَالَفَاتِ الْحَاصِلَةِ تَحْتَ الْعَهْدِ الأَوَّلِ، يَنَالُ الْمَدْعُوُّونَ الْوَعْدَ بِالإِرْثِ الأَبَدِيِّ. (aiōnios g166)
अगर ऐसा होता तो उसे दुनिया की पैदाइश से ले कर आज तक बहुत बार दुःख सहना पड़ता। लेकिन ऐसा नहीं है बल्कि अब वह ज़मानो के ख़ातिमें पर एक ही बार सदा के लिए ज़ाहिर हुआ ताकि अपने आप को क़ुर्बान करने से गुनाह को दूर करे। (aiōn g165)
وَإلَّا لَكَانَ يَجِبُ أَنْ يَمُوتَ الْمَسِيحُ مُتَأَلِّماً مَرَّاتٍ كَثِيرَةً مُنْذُ تَأْسِيسِ الْعَالَمِ! وَلَكِنَّهُ الآنَ، عِنْدَ انْتِهَاءِ الأَزْمِنَةِ، ظَهَرَ مَرَّةً وَاحِدَةً لِيُبْطِلَ قُوَّةَ الْخَطِيئَةِ بِتَقْدِيمِ نَفْسِهِ ذَبِيحَةً لِلهِ. (aiōn g165)
ईमान के ज़रिए हम जान लेते हैं कि कायनात को ख़ुदा के कलाम से पैदा किया गया, कि जो कुछ हम देख सकते हैं नज़र आने वाली चीज़ों से नहीं बना। (aiōn g165)
وَعَنْ طَرِيقِ الإِيمَانِ، نُدْرِكُ أَنَّ الْكَوْنَ كُلَّهُ قَدْ خَرَجَ إِلَى الْوُجُودِ بِكَلِمَةِ أَمْرٍ مِنَ اللهِ. حَتَّى إِنَّ عَالَمَنَا الْمَنْظُورَ، قَدْ تَكَوَّنَ مِنْ أُمُورٍ غَيْرِ مَنْظُورَةٍ! (aiōn g165)
ईसा मसीह कल और आज और हमेशा तक यक्साँ है। (aiōn g165)
يَسُوعُ الْمَسِيحُ هُوَ هُوَ أَمْساً وَالْيَوْمَ وَإِلَى الأَبَدِ. (aiōn g165)
अब सलामती का ख़ुदा जो अबदी 'अह्द के ख़ून से हमारे ख़ुदावन्द और भेड़ों के अज़ीम चरवाहे ईसा को मुर्दों में से वापस लाया (aiōnios g166)
وَأَسْأَلُ اللهَ، إِلَهَ السَّلامِ الَّذِي أَقَامَ مِنْ بَيْنِ الأَمْوَاتِ رَبَّنَا يَسُوعَ رَاعِيَ الْخِرَافِ الْعَظِيمَ بِفَضْلِ دَمِهِ الَّذِي خَتَمَ بِهِ الْعَهْدَ الأَبَدِيَّ (aiōnios g166)
वह आप को हर अच्छी चीज़ से नवाज़े ताकि आप उस की मर्ज़ी पूरी कर सकें। और वह ईसा मसीह के ज़रिए हम में वह कुछ पैदा करे जो उसे पसन्द आए। उस का जलाल शुरू से हमेशा तक होता रहे! आमीन। (aiōn g165)
أَنْ يُؤَهِّلَكُمْ تَمَاماً لِتَعْمَلُوا مَشِيئَتَهُ فِي كُلِّ عَمَلٍ صَالِحٍ، وَأَنْ يَعْمَلَ فِينَا جَمِيعاً مَا يُرْضِيهِ بِيَسُوعَ الْمَسِيحِ، لَهُ الْمَجْدُ إِلَى أَبَدِ الآبِدِينَ. آمِين! (aiōn g165)
ज़बान भी एक आग है ज़बान हमारे आज़ा में शरारत का एक आ'लम है और सारे जिस्म को दाग़ लगाती है और दाइरा दुनिया को आग लगा देती है और जहन्नुम की आग से जलती रहती है। (Geenna g1067)
وَاللِّسَانُ كَالنَّارِ خَطَراً: فَهُوَ وَحْدَهُ، بَيْنَ أَعْضَاءِ الْجِسْمِ، جَامِعٌ لِلشُّرُورِ كُلِّهَا، وَيُلَوِّثُ الْجِسْمَ كُلَّهُ بِالْفَسَادِ. إِنَّهُ يُشْعِلُ دَائِرَةَ الْكَوْنِ، وَيَسْتَمِدُّ نَارَهُ مِنْ جَهَنَّمَ! (Geenna g1067)
क्यूँकि तुम मिटने वाले बीज से नहीं बल्कि ग़ैर फ़ानी से ख़ुदा के कलाम के वसीले से, जो ज़िंदा और क़ाईम है, नए सिरे से पैदा हुए हो। (aiōn g165)
فَأَنْتُمْ قَدْ وُلِدْتُمْ وِلادَةً ثَانِيَةً لَا مِنْ زَرْعٍ بَشَرِيٍّ يَفْنَى، بَلْ مِمَّا لَا يَفْنَى: بِكَلِمَةِ اللهِ الْحَيَّةِ الْبَاقِيَةِ إِلَى الأَبَدِ. (aiōn g165)
लेकिन ख़ुदावन्द का कलाम हमेशा तक क़ाईम रहेगा। ये वही ख़ुशख़बरी का कलाम है जो तुम्हें सुनाया गया था। (aiōn g165)
أَمَّا كَلِمَةُ الرَّبِّ فَتَبْقَى ثَابِتَةً إِلَى الأَبَدِ، وَهِيَ الْكَلِمَةُ الَّتِي وَصَلَتْ بِشَارَتُهَا إِلَيْكُمْ! (aiōn g165)
अगर कोई कुछ कहे तो ऐसा कहे कि गोया ख़ुदा का कलाम है, अगर कोई ख़िदमत करे तो उस ताक़त के मुताबिक़ करे जो ख़ुदा दे, ताकि सब बातों में ईसा मसीह के वसीले से ख़ुदा का जलाल ज़ाहिर हो। जलाल और सल्तनत हमेशा से हमेशा उसी की है। आमीन। (aiōn g165)
فَمَنْ يَتَكَلَّمُ، عَلَيْهِ أَنْ يَتَكَلَّمَ بِمَا يُوَافِقُ أَقْوَالَ اللهِ؛ وَمَنْ يَخْدِمُ، عَلَيْهِ أَنْ يَخْدِمَ بِمُوجِبِ الْقُوَّةِ الَّتِي يَمْنَحُهَا اللهُ. وَذَلِكَ لِكَيْ يَتَمَجَّدَ اللهُ فِي كُلِّ شَيْءٍ، بِيَسُوعَ الْمَسِيحِ، لَهُ الْمَجْدُ وَالسُّلْطَةُ إِلَى أَبَدِ الآبِدِينَ. آمِينَ! (aiōn g165)
अब ख़ुदा जो हर तरह के फ़ज़ल का चश्मा है, जिसने तुम को मसीह ईसा में अपने अबदी जलाल के लिए बुलाया, तुम्हारे थोड़ी मुद्दत तक दुःख उठाने के बाद आप ही तुम्हें कामिल और क़ाईम और मज़बूत करेगा। (aiōnios g166)
وَبَعْدَ أَنْ تَتَأَلَّمُوا لِفَتْرَةٍ قَصِيرَةٍ، فَإِنَّ اللهَ، إِلَهَ كُلِّ نِعْمَةٍ، الَّذِي دَعَاكُمْ إِلَى الاشْتِرَاكِ فِي مَجْدِهِ الأَبَدِيِّ فِي الْمَسِيحِ، لابُدَّ أَنْ يَجْعَلَكُمْ كَامِلِينَ وَثَابِتِينَ وَمُؤَيَّدِينَ بِالْقُوَّةِ وَرَاسِخِينَ. (aiōnios g166)
हमेशा से हमेशा तक उसी की सल्तनत रहे। आमीन। (aiōn g165)
لَهُ الْمَجْدُ وَالسُّلْطَةُ إِلَى أَبَدِ الآبِدِينَ. آمِين! (aiōn g165)
बल्कि इससे तुम हमारे ख़ुदावन्द और मुन्जी ईसा मसीह की हमेशा बादशाही में बड़ी 'इज़्ज़त के साथ दाख़िल किए जाओगे। (aiōnios g166)
وَهَكَذَا يَفْتَحُ اللهُ لَكُمُ الْبَابَ وَاسِعاً لِلدُّخُولِ إِلَى الْمَلَكُوتِ الأَبَدِيِّ، مَلَكُوتِ رَبِّنَا وَمُخَلِّصِنَا يَسُوعَ الْمَسِيحِ. (aiōnios g166)
क्यूँकि जब ख़ुदा ने गुनाह करने वाले फ़रिश्तों को न छोड़ा, बल्कि जहन्नुम भेज कर तारीक ग़ारों में डाल दिया ताकि 'अदालत के दिन तक हिरासत में रहें, (Tartaroō g5020)
فَإِنَّ اللهَ لَمْ يُشْفِقْ عَلَى الْمَلائِكَةِ الَّذِينَ أَخْطَأُوا، بَلْ طَرَحَهُمْ فِي أَعْمَاقِ هَاوِيَةِ الظَّلامِ مُقَيَّدِينَ بِالسَّلاسِلِ، حَيْثُ يَظَلُّونَ مَحْبُوسِينَ إِلَى يَوْمِ الْحِسَابِ. (Tartaroō g5020)
बल्कि हमारे ख़ुदावन्द और मुन्जी ईसा मसीह के फ़ज़ल और 'इरफ़ान में बढ़ते जाओ। उसी की बड़ाई अब भी हो, और हमेशा तक होती रहे। आमीन। (aiōn g165)
وَلَكِنْ، ازْدَادُوا نُمُوّاً فِي النِّعْمَةِ وَفِي مَعْرِفَةِ رَبِّنَا وَمُخَلِّصِنَا يَسُوعَ الْمَسِيحِ. لَهُ الْمَجْدُ، الآنَ وَإِلَى الْيَوْمِ الأَبَدِيِّ. (aiōn g165)
[ये ज़िन्दगी ज़ाहिर हुई और हम ने देखा और उसकी गवाही देते हैं, और इस हमेशा की ज़िन्दगी की तुम्हें ख़बर देते हैं जो बाप के साथ थी और हम पर ज़ाहिर हुई है]। (aiōnios g166)
فَإِنَّ «الْحَيَاةَ» تَجَلَّتْ أَمَامَنَا. وَبَعْدَمَا رَأَيْنَاهَا فِعْلاً، نَشْهَدُ لَهَا الآنَ. وَهَا نَحْنُ نَنْقُلُ إِلَيْكُمْ خَبَرَ هذِهِ الْحَيَاةِ الأَبَدِيَّةِ الَّتِي كَانَتْ عِنْدَ الآبِ ثُمَّ تَجَلَّتْ أَمَامَنَا! (aiōnios g166)
दुनियाँ और उसकी ख़्वाहिश दोनों मिटती जाती है, लेकिन जो ख़ुदा की मर्ज़ी पर चलता है वो हमेशा तक क़ाईम रहेगा। (aiōn g165)
وَسَوْفَ يَزُولُ الْعَالَمُ، وَمَا فِيهِ مِنْ شَهْوَاتٍ أَمَّا الَّذِي يَعْمَلُ بِإِرَادَةِ اللهِ، فَيَبْقَى إِلَى الأَبَدِ! (aiōn g165)
और जिसका उसने हम से वा'दा किया, वो हमेशा की ज़िन्दगी है। (aiōnios g166)
فَإِنَّ اللهَ نَفْسَهُ قَدْ وَعَدَنَا بِالْحَيَاةِ الأَبَدِيَّةِ. (aiōnios g166)
जो कोई अपने भाई से 'दुश्मनी रखता है, वो ख़ूनी है और तुम जानते हो कि किसी ख़ूनी में हमेशा की ज़िन्दगी मौजूद नहीं रहती। (aiōnios g166)
وَكُلُّ مَنْ يُبْغِضُ أَخاً لَهُ، فَهُوَ قَاتِلٌ. وَأَنْتُمْ تَعْرِفُونَ أَنَّ الْقَاتِلَ لَا تَكُونُ لَهُ حَيَاةٌ أَبَدِيَّةٌ ثَابِتَةٌ فِيهِ. (aiōnios g166)
और वो गवाही ये है, कि ख़ुदा ने हमे हमेशा की ज़िन्दगी बख़्शी, और ये ज़िन्दगी उसके बेटे में है। (aiōnios g166)
وَهذِهِ الشَّهَادَةُ هِيَ أَنَّ اللهَ أَعْطَانَا حَيَاةً أَبَدِيَّةً، وَأَنَّ هذِهِ الْحَيَاةَ هِيَ فِي ابْنِهِ. (aiōnios g166)
मैंने तुम को जो ख़ुदा के बेटे के नाम पर ईमान लाए हो, ये बातें इसलिए लिखी कि तुम्हें मा'लूम हो कि हमेशा की ज़िन्दगी रखते हो।। (aiōnios g166)
يَا مَنْ آمَنْتُمْ بِاسْمِ ابْنِ اللهِ، إِنِّي كَتَبْتُ هَذَا إِلَيْكُمْ لِكَيْ تَعْرِفُوا أَنَّ الْحَيَاةَ الأَبَدِيَّةَ مِلْكٌ لَكُمْ مُنْذُ الآنَ. (aiōnios g166)
और ये भी जानते है कि ख़ुदा का बेटा आ गया है, और उसने हमे समझ बख़्शी है ताकि उसको जो हक़ीक़ी है जानें और हम उसमें जो हक़ीक़ी है, या'नी उसके बेटे ईसा मसीह में हैं। हक़ीक़ी ख़ुदा और हमेशा की ज़िन्दगी यही है। (aiōnios g166)
وَإِنَّنَا نَعْلَمُ أَنَّ ابْنَ اللهِ قَدْ جَاءَ إِلَى الأَرْضِ وَأَنَارَ أَذْهَانَنَا لِنَعْرِفَ الإِلهَ الْحَقَّ. وَنَحْنُ الآنَ نَحْيَا فِيهِ، لأَنَّنَا فِي ابْنِهِ يَسُوعَ الْمَسِيحِ. هَذَا هُوَ الإِلهُ الْحَقُّ، وَالْحَيَاةُ الأَبَدِيَّةُ. (aiōnios g166)
और सिर्फ़ मैं ही नहीं बल्कि वो सब भी मुहब्बत रखते हैं, जो हक़ से वाक़िफ़ हैं। (aiōn g165)
بِمَا أَنَّ الْحَقَّ ثَابِتٌ فِي قُلُوبِنَا، وَلابُدَّ أَنْ يُرَافِقَنَا إِلَى الأَبَدِ، (aiōn g165)
और जिन फ़रिश्तों ने अपनी हुकुमत को क़ाईम न रख्खा बल्कि अपनी ख़ास जगह को छोड़ दिया, उनको उसने हमेशा की क़ैद में अंधेरे के अन्दर रोज़ — ए — 'अज़ीम की 'अदालत तक रख्खा है (aïdios g126)
وَأَمَّا الْمَلائِكَةُ الَّذِينَ لَمْ يُحَافِظُوا عَلَى مَقَامِهِمِ الرَّفِيعِ، بَلْ تَرَكُوا مَرْكَزَهُمْ، فَمَازَالَ الرَّبُّ يَحْفَظُهُمْ مُقَيَّدِينَ بِسَلاسِلَ أَبَدِيَّةٍ فِي أَعْمَاقِ الظَّلامِ، بِانْتِظَارِ دَيْنُونَةِ ذَلِكَ الْيَوْمِ الْعَظِيمِ. (aïdios g126)
इसी तरह सदूम और 'अमूरा और उसके आसपास के शहर, जो इनकी तरह ज़िनाकारी में पड़ गए और ग़ैर जिस्म की तरफ़ राग़िब हुए, हमेशा की आग की सज़ा में गिरफ़्तार होकर जा — ए — 'इबरत ठहरे हैं। (aiōnios g166)
وَتَعْرِفُونَ كَذَلِكَ مَا فَعَلَهُ الرَّبُّ بِمَدِينَتَيْ سَدُومَ وَعَمُورَةَ وَبِالْمُدُنِ الَّتِي حَوْلَهُمَا. فَقَدْ كَانَ أَهْلُ هذِهِ الْمُدُنِ، مِثْلَ أُولئِكَ الْمُعَلِّمِينَ، مُنْدَفِعِينَ وَرَاءَ الزِّنَى، وَمُنْغَمِسِينَ فِي شَهْوَاتٍ مُخَالِفَةٍ لِلطَّبِيعَةِ. لِذَلِكَ عَاقَبَ الرَّبُّ هَذِهِ الْمُدُنَ بِالنَّارِ الأَبَدِيَّةِ، فَدَمَّرَهَا. فَكَانَتْ بِذَلِكَ عِبْرَةً لِلآخَرِينَ. (aiōnios g166)
ये समुन्दर की पुर जोश मौजें, जो अपनी बेशर्मी के झाग उछालती हैं। ये वो आवारा गर्द सितारे हैं, जिनके लिए हमेशा तक बेहद तारीकी धरी है। (aiōn g165)
وَبِأَعْمَالِهِمِ الْمُخْجِلَةِ يَفْضَحُونَ أَنْفُسَهُمْ كَأَمْوَاجٍ فِي الْبَحْرِ هَائِجَةٍ تَقْذِفُ الأَوْسَاخَ. وَهُمْ أَشْبَهُ بِنُجُومٍ تَائِهَةٍ فِي الْفَضَاءِ، مَصِيرُهَا الظَّلامُ الشَّدِيدُ إِلَى الأَبَدِ! (aiōn g165)
अपने आपको 'ख़ुदा' की मुहब्बत में क़ाईम रख्खो; और हमेशा की ज़िन्दगी के लिए हमारे ख़ुदावन्द 'ईसा मसीह की रहमत के इन्तिज़ार में रहो। (aiōnios g166)
وَاحْفَظُوا أَنْفُسَكُمْ فِي مَحَبَّةِ اللهِ، مُنْتَظِرِينَ رَحْمَةَ رَبِّنَا يَسُوعَ الْمَسِيحِ إِذْ يَعُودُ وَيَأْخُذُكُمْ لِتَحْيَوْا مَعَهُ إِلَى الأَبَدِ. (aiōnios g166)
उस ख़ुदा — ए — वाहिद का जो हमारा मुन्जी है, जलाल और 'अज़मत और सल्तनत और इख़्तियार, हमारे ख़ुदावन्द 'ईसा मसीह के वसीले से, जैसा पहले से है, अब भी हो और हमेशा रहे। आमीन। (aiōn g165)
لِلهِ الْوَاحِدِ، مُخَلِّصِنَا بِيَسُوعَ الْمَسِيحِ رَبِّنَا الْمَجْدُ وَالْجَلالُ وَالْقُدْرَةُ وَالسُّلْطَةُ، مِنْ قَبْلِ أَنْ كَانَ الزَّمَانُ، وَالآنَ وَطَوَالَ الأَزْمَانِ. آمِين! (aiōn g165)
और हम को एक बादशाही भी दी और अपने ख़ुदा और बाप के लिए काहिन भी बना दिया। उसका जलाल और बादशाही हमेशा से हमेशा तक रहे। आमीन। (aiōn g165)
وَجَعَلَ مِنَّا مَمْلَكَةً، وَكَهَنَةً لِلهِ أَبِيهِ، لَهُ الْمَجْدُ وَالسُّلْطَانُ إِلَى أَبَدِ الآبِدِينَ. آمِين! (aiōn g165)
और ज़िन्दा हूँ। मैं मर गया था, और देख हमेशा से हमेशा तक रहूँगा; और मौत और 'आलम — ए — अर्वाह की कुन्जियाँ मेरे पास हैं। (aiōn g165, Hadēs g86)
أَنَا الْحَيُّ. كُنْتُ مَيْتاً، وَلَكِنْ هَا أَنَا حَيٌّ إِلَى أَبَدِ الآبِدِينَ. وَلِي مَفَاتِيحُ الْمَوْتِ وَالْهَاوِيَةِ. (aiōn g165, Hadēs g86)
और जब वो जानदार उसकी बड़ाई — ओ — 'इज़्ज़त और तम्जीद करेंगे, जो तख़्त पर बैठा है और हमेशा से हमेशा ज़िन्दा रहेगा; (aiōn g165)
وَكُلَّمَا قَدَّمَتْ هَذِهِ الْكَائِنَاتُ التَّمْجِيدَ وَالإِجْلالَ وَالْحَمْدَ لِلْجَالِسِ عَلَى الْعَرْشِ، الْحَيِّ إِلَى أَبَدِ الآبِدِينَ، (aiōn g165)
तो वो चौबीस बुज़ुर्ग उसके सामने जो तख़्त पर बैठा है गिर पड़ेंगे और उसको सिज्दा करेंगे, जो हमेशा हमेशा ज़िन्दा रहेगा और अपने ताज ये कहते हुए उस तख़्त के सामने डाल देंगे, (aiōn g165)
يَجْثُو الشُّيُوخُ الأَرْبَعَةُ وَالْعِشْرُونَ أَمَامَ الْجَالِسِ عَلَى الْعَرْشِ سَاجِدِينَ لِلْحَيِّ إِلَى أَبَدِ الآبِدِينَ، وَيُلْقُونَ أَكَالِيلَهُمْ أَمَامَ عَرْشِهِ وَهُمْ يَهْتِفُونَ: (aiōn g165)
फिर मैंने आसमान और ज़मीन और ज़मीन के नीचे की, और समुन्दर की सब मख़्लूक़ात को या'नी सब चीज़ों को उनमें हैं ये कहते सुना, “जो तख़्त पर बैठा है उसकी और बर्रे की, तारीफ़ और इज़्ज़त और बड़ाई और बादशाही हमेशा हमेशा रहे!” (aiōn g165)
ثُمَّ سَمِعْتُ كُلَّ خَلِيقَةٍ فِي السَّمَاءِ وَعَلَى الأَرْضِ، وَتَحْتَ الأَرْضِ، وَعَلَى الْبَحْرِ، هَاتِفَةً مَعَ كُلِّ مَا فِيهَا: «الْبَرَكَةُ وَالإِجْلالُ وَالْمَجْدُ وَالسُّلْطَةُ لِلْجَالِسِ عَلَى الْعَرْشِ وَلِلْحَمَلِ، إِلَى أَبَدِ الآبِدِينَ». (aiōn g165)
मैंने निगाह की तो क्या देखता हूँ कि एक ज़र्द सा घोड़ा है, और उसके सवार का नाम 'मौत' है और 'आलम — ए — अर्वाह उसके पीछे पीछे है; और उनको चौथाई ज़मीन पर ये इख़्तियार दिया गया कि तलवार और काल और वबा और ज़मीन के दरिन्दों से लोगों को हलाक करें। (Hadēs g86)
فَرَأَيْتُ حِصَاناً لَوْنُهُ أَخْضَرُ «بَاهِتُ اللَّوْنِ»، اسْمُ رَاكِبِهِ «الْمَوْتُ» يَتْبَعُهُ حِصَانٌ آخَرُ اسْمُ رَاكِبِهِ «الْهَاوِيَةُ»، وَأُعْطِيَا سُلْطَةَ إِبَادَةِ رُبْعِ الأَرْضِ بِالسَّيْفِ وَالْجُوعِ وَالْوَبَاءِ وَوُحُوشِ الأَرْضِ الضَّارِيَةِ! (Hadēs g86)
कहा, आमीन! तारीफ़ और बड़ाई और हिक्मत और शुक्र और 'इज़्ज़त और क़ुदरत और ताक़त हमेशा से हमेशा हमारे ख़ुदा की हो! आमीन। (aiōn g165)
قَائِلِينَ: «آمِين! لإِلَهِنَا الْبَرَكَةُ وَالْمَجْدُ وَالْحِكْمَةُ وَالشُّكْرُ وَالإِجْلالُ وَالْقُدْرَةُ وَالْقُوَّةُ إِلَى أَبَدِ الآبِدِينَ. آمِين!» (aiōn g165)
जब पाँचवें फ़रिश्ते ने नरसिंगा फूँका, तो मैंने आसमान से ज़मीन पर एक सितारा गिरा हुआ देखा, और उसे अथाह गड्ढे की कूंजी दी गई। (Abyssos g12)
وَلَمَّا نَفَخَ الْمَلاكُ الْخَامِسُ فِي بُوقِهِ، رَأَيْتُ نَجْماً قَدْ هَوَى مِنَ السَّمَاءِ إِلَى الأَرْضِ، وَأُعْطِيَ مِفْتَاحَ الْهَاوِيَةِ السَّحِيقَةِ. (Abyssos g12)
और जब उसने अथाह गड्ढे को खोला तो गड्ढे में से एक बड़ी भट्टी का सा धुवाँ उठा, और गड्ढे के धुवें के ज़रिए से सूरज और हवा तारीक हो गई। (Abyssos g12)
فَلَمَّا فَتَحَهَا انْدَفَعَ الدُّخَانُ كَأَنَّهُ مِنْ أَتُونٍ عَظِيمٍ، فَأَظْلَمَتِ الشَّمْسُ وَالْجَوُّ مِنْ هَذَا الدُّخَانِ. (Abyssos g12)
अथाह गड्ढे का फ़रिश्ता उन पर बादशाह था; उसका नाम 'इब्रानी अबदून और यूनानी में अपुल्ल्योन है। (Abyssos g12)
أَمَّا مَلِكُهُ فَهُوَ «مَلاكُ الْهَاوِيَةِ»، وَاسْمُهُ بِالْعِبْرِيَّةِ «أَبَدُّونُ»، وَبِالْيُونَانِيَّةِ «أَبُولِّيُّونُ». (Abyssos g12)
जो हमेशा से हमेशा ज़िन्दा रहेगा और जिसने आसमान और उसके अन्दर की चीज़ें, और ज़मीन और उसके ऊपर की चीज़ें, और समुन्दर और उसके अन्दर की चीज़ें, पैदा की हैं, उसकी क़सम खाकर कहा कि अब और देर न होगी। (aiōn g165)
وَأَقْسَمَ بِالْحَيِّ إِلَى أَبَدِ الآبِدِينَ الَّذِي خَلَقَ السَّمَاءَ وَمَا فِيهَا وَالأَرْضَ وَمَا فِيهَا وَالْبَحْرَ وَمَا فِيهِ، إِنَّهُ لَنْ تَكُونَ مُهْلَةٌ بَعْدُ، (aiōn g165)
जब वो अपनी गवाही दे चुकेंगे, तो वो हैवान जो अथाह गड्ढे से निकलेगा, उनसे लड़कर उन पर ग़ालिब आएगा और उनको मार डालेगा। (Abyssos g12)
وَعِنْدَمَا يُكْمِلانِ شَهَادَتَهُمَا يُعْلِنُ الْوَحْشُ الصَّاعِدُ مِنَ الْهَاوِيَةِ الْحَرْبَ عَلَيْهِمَا، وَيَهْزِمُهُمَا وَيَقْتُلُهُمَا (Abyssos g12)
जब सातवें फ़रिश्ते ने नरसिंगा फूँका, तो आसमान पर बड़ी आवाज़ें इस मज़मून की पैदा हुई: “दुनियाँ की बादशाही हमारे ख़ुदावन्द और उसके मसीह की हो गई, और वो हमेशा बादशाही करेगा।” (aiōn g165)
وَنَفَخَ الْمَلاكُ السَّابِعُ فِي بُوقِهِ فَسُمِعَتْ أَصْوَاتٌ عَالِيَةٌ فِي السَّمَاءِ تَقُولُ: «قَدْ صَارَ مُلْكُ الْعَالَمِ لِرَبِّنَا وَمَسِيحِهِ. إِنَّهُ يَمْلِكُ إِلَى أَبَدِ الآبِدِينَ». (aiōn g165)
फिर मैंने एक और फ़रिश्ते को आसमान के बीच में उड़ते हुए देखा, जिसके पास ज़मीन के रहनेवालों की हर क़ौम और क़बीले और अहल — ए — ज़बान और उम्मत के सुनाने के लिए हमेशा की ख़ुशख़बरी थी। (aiōnios g166)
ثُمَّ رَأَيْتُ مَلاكاً آخَرَ يَطِيرُ فِي وَسَطِ السَّمَاءِ، مَعَهُ بِشَارَةٌ أَبَدِيَّةٌ يُبَشِّرُ بِها أَهْلَ الأَرْضِ وَكُلَّ أُمَّةٍ وَقَبِيلَةٍ وَلُغَةٍ وَشَعْبٍ، (aiōnios g166)
और उनके 'अज़ाब का धुवाँ हमेशा ही उठता रहेगा, और जो उस हैवान और उसके बुत की इबादत करते हैं, और जो उसके नाम की छाप लेते हैं, उनको रात दिन चैन न मिलेगा।” (aiōn g165)
وَيَتَصَاعَدُ دُخَانُ عَذَابِهِمْ إِلَى أَبَدِ الآبِدِينَ. لَا رَاحَةَ فِي النَّهَارِ وَلا فِي اللَّيْلِ لِلَّذِينَ عَبَدُوا الْوَحْشَ وَسَجَدُوا لِتِمْثَالِهِ وَقَبِلُوا عَلامَةَ اسْمِهِ. (aiōn g165)
और उन चारों जानदारों में से एक ने सात सोने के प्याले, हमेशा ज़िन्दा रहनेवाले ख़ुदा के क़हर से भरे हुए, उन सातों फ़रिश्तों को दिए; (aiōn g165)
وَسَلَّمَ وَاحِدٌ مِنَ الْكَائِنَاتِ الْحَيَّةِ الأَرْبَعَةِ هَؤُلاءِ الْمَلائِكَةَ السَّبْعَةَ سَبْعَ كُؤُوسٍ مِنْ ذَهَبٍ مَمْلُوءَةٍ بِغَضَبِ اللهِ الْحَيِّ إِلَى أَبَدِ الآبِدِينَ. (aiōn g165)
ये जो तू ने हैवान देखा है, ये पहले तो था मगर अब नहीं है; और आइन्दा अथाह गड्ढे से निकलकर हलाकत में पड़ेगा, और ज़मीन के रहनेवाले जिनके नाम दुनियाँ बनाने से पहले के वक़्त से किताब — ए — हयात में लिखे नहीं गए, इस हैवान का ये हाल देखकर कि पहले था और अब नहीं और फिर मौजूद हो जाएगा, ता'अज्जुब करेंगे। (Abyssos g12)
هَذَا الْوَحْشُ كَانَ مَوْجُوداً، وَهُوَ غَيْرُ مَوْجُودٍ الآنَ، وَلَكِنَّهُ عَلَى وَشْكِ أَنْ يَطْلُعَ مِنَ الْهَاوِيَةِ وَيَمْضِيَ إِلَى الْهَلاكِ. وَسَيُدْهَشُ سُكَّانُ الأَرْضِ الَّذِينَ لَمْ تُكْتَبْ أَسْمَاؤُهُمْ مُنْذُ تَأْسِيسِ الْعَالَمِ فِي سِجِلِّ الْحَيَاةِ، عِنْدَمَا يَرَوْنَ الْوَحْشَ، لأَنَّهُ كَانَ مَوْجُوداً، ثُمَّ أَصْبَحَ غَيْرَ مَوْجُودٍ، وَسَيَعُودُ! (Abyssos g12)
फिर दूसरी बार उन्होंने कहा, “हल्लेलुइया! और उसके जलने का धुवाँ हमेशा उठता रहेगा।” (aiōn g165)
وَهَتَفُوا ثَانِيَةً: «هَلِّلُويَا! دُخَانُ حَرِيقِهَا يَتَصَاعَدُ إِلَى أَبَدِ الآبِدِينَ!» (aiōn g165)
और वो हैवान और उसके साथ वो झूठा नबी पकड़ा गया, जिनसे उसने हैवान की छाप लेनेवालों और उसके बुत की इबादत करनेवालों को गुमराह किया था। वो दोनों आग की उस झील में ज़िन्दा डाले गए, जो गंधक से जलती है। (Limnē Pyr g3041 g4442)
فَقُبِضَ عَلَى الْوَحْشِ وَعَلَى النَّبِيِّ الدَّجَّالِ الَّذِي قَامَ بِالْمُعْجِزَاتِ فِي حُضُورِ الْوَحْشِ وَأَضَلَّ بِها الَّذِينَ قَبِلُوا عَلامَةَ الْوَحْشِ، وَسَجَدُوا لِتِمْثَالِهِ. وَطُرِحَ كِلاهُمَا حَيًّا فِي بُحَيْرَةِ النَّارِ وَالْكِبْرِيتِ الْمُتَّقِدَةِ، (Limnē Pyr g3041 g4442)
फिर मैंने एक फ़रिश्ते को आसमान से उतरते देखा, जिसके हाथ में अथाह गड्ढे की कुंजी और एक बड़ी ज़ंजीर थी। (Abyssos g12)
ثُمَّ رَأَيْتُ مَلاكاً نَازِلاً مِنَ السَّمَاءِ، وَبِيَدِهِ مِفْتَاحُ الْهَاوِيَةِ وَسِلْسِلَةٌ عَظِيمَةٌ (Abyssos g12)
और उसे अथाह गड्ढे में डाल कर बन्द कर दिया और उस पर मुहर कर दी, ताकि वो हज़ार बरस के पूरे होने तक क़ौमों को फिर गुमराह न करे। इसके बाद ज़रूर है कि थोड़े 'अरसे के लिए खोला जाए। (Abyssos g12)
وَطَرَحَهُ فِي الْهَاوِيَةِ وَأَغْلَقَهَا عَلَيْهِ، وَخَتَمَهَا، حَتَّى يَكُفَّ عَنْ تَضْلِيلِ الأُمَمِ، إِلَى أَنْ تَنْقَضِيَ الأَلْفُ سَنَةٍ. وَلَكِنْ لابُدَّ مِنْ إِطْلاقِهِ بَعْدَ ذَلِكَ لِمُدَّةٍ قَصِيرَةٍ. (Abyssos g12)
और उनका गुमराह करने वाला इब्लीस आग और गंधक की उस झील में डाला जाएगा, जहाँ वो हैवान और झूठा नबी भी होगा; और रात दिन हमेशा से हमेशा तक 'अज़ाब में रहेंगे। (aiōn g165, Limnē Pyr g3041 g4442)
ثُمَّ يُطْرَحُ إِبْلِيسُ الَّذِي كَانَ يُضَلِّلُهُمْ، فِي بُحَيْرَةِ النَّارِ وَالْكِبْرِيتِ، حَيْثُ الْوَحْشُ وَالنَّبِيُّ الدَّجَّالُ. هُنَاكَ سَوْفَ يُعَذَّبُونَ نَهَاراً وَلَيْلاً، إِلَى أَبَدِ الآبِدِينَ. (aiōn g165, Limnē Pyr g3041 g4442)
और समुन्दर ने अपने अन्दर के मुर्दों को दे दिया, और मौत और 'आलम — ए — अर्वाह ने अपने अन्दर के मुर्दों को दे दिया, और उनमें से हर एक के आ'माल के मुताबिक़ उसका इन्साफ़ किया गया। (Hadēs g86)
وَسَلَّمَ الْبَحْرُ مَنْ فِيهِ مِنَ الأَمْوَاتِ، وَسَلَّمَ الْمَوْتُ وَهَاوِيَةُ الْمَوْتَى الأَمْوَاتَ الَّذِينَ فِيهِمَا، وَحُكِمَ عَلَى كُلِّ وَاحِدٍ بِحَسَبِ أَعْمَالِهِ. (Hadēs g86)
फिर मौत और 'आलम — ए — अर्वाह आग की झील में डाले गए। ये आग की झील आखरी मौत है, (Hadēs g86, Limnē Pyr g3041 g4442)
وَطُرِحَ الْمَوْتُ وَهَاوِيَةُ الْمَوْتَى فِي بُحَيْرَةِ النَّارِ، هَذَا هُوَ الْمَوْتُ الثَّانِي. (Hadēs g86, Limnē Pyr g3041 g4442)
और जिस किसी का नाम किताब — ए — हयात में लिखा हुआ न मिला, वो आग की झील में डाला गया। (Limnē Pyr g3041 g4442)
وَكُلُّ مَنْ لَمْ يُوْجَد اسْمُهُ مَكْتُوباً فِي سِجِلِّ الْحَيَاةِ طُرِحَ فِي بُحَيْرَةِ النَّارِ! (Limnē Pyr g3041 g4442)
मगर बुज़दिलों, और बेईमान लोगों, और घिनौने लोगों, और ख़ूनियों, और हरामकारों, और जादूगरों, और बुत परस्तों, और सब झूठों का हिस्सा आग और गन्धक से जलने वाली झील में होगा; ये दूसरी मौत है। (Limnē Pyr g3041 g4442)
أَمَّا الْجُبَنَاءُ وَغَيْرُ الْمُؤْمِنِينَ، وَالْفَاسِدُونَ وَالْقَاتِلُونَ وَالزُّنَاةُ، وَالْمُتَّصِلُونَ بِالشَّيَاطِينِ وَعَبَدَةُ الأَصْنَامِ وَجَمِيعُ الدَّجَّالِينَ، فَمَصِيرُهُمْ إِلَى الْبُحَيْرَةِ الْمُتَّقِدَةِ بِالنَّارِ وَالْكِبْرِيتِ، الَّذِي هُوَ الْمَوْتُ الثَّانِي». (Limnē Pyr g3041 g4442)
और फिर रात न होगी, और वो चिराग़ और सूरज की रौशनी के मुहताज न होंगे, क्यूँकि ख़ुदावन्द ख़ुदा उनको रौशन करेगा और वो हमेशा से हमेशा तक बादशाही करेंगे। (aiōn g165)
وَلَنْ يَكُونَ هُنَالِكَ لَيْلٌ، فَلا يَحْتَاجُونَ إِلَى نُورِ مِصْبَاحٍ أَوْ شَمْسٍ، لأَنَّ الرَّبَّ الإِلهَ يُنِيرُ عَلَيْهِمْ، وَهُمْ سَيَمْلِكُونَ إِلَى أَبَدِ الآبِدِينَ! (aiōn g165)

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