< नहे 8 >

1 और जब सातवाँ महीना आया, तो बनी — इस्राईल अपने — अपने शहर में थे। और सब लोग यकतन होकर पानी फाटक के सामने के मैदान में इकट्ठा हुए, और उन्होंने एज्रा फ़क़ीह से 'अर्ज़ की कि मूसा की शरी'अत की किताब को, जिसका ख़ुदावन्द ने इस्राईल को हुक्म दिया था लाए।
सारा जनता एउटै मानिसजस्तो गरी पानी ढोकाको सामुन्‍ने खुला क्षेत्रमा भेला भए । तिनीहरूले परमप्रभुले इस्राएललाई आज्ञा दिनुभएको मोशाको व्यवस्थाको पुस्तक ल्याउन भनी शास्‍त्री एज्रालाई भने ।
2 और सातवें महीने की पहली तारीख़ को एज्रा काहिन तौरेत को जमा'अत के, या'नी मर्दों और 'औरतों और उन सबके सामने ले आया जो सुनकर समझ सकते थे।
सातौँ महिनाको पहिलो दिनमा पुजारी एज्राले सुनेर बुझ्न सक्‍ने पुरुष र स्‍त्रीहरू दुवैको समुदायको सामु पुस्तक ल्याए ।
3 और वह उसमें से पानी फाटक के सामने के मैदान में, सुबह से दोपहर तक मर्दों और 'औरतों और सभों के आगे जो समझ सकते थे पढ़ता रहा; और सब लोग शरी'अत की किताब पर कान लगाए रहे।
तिनी पानी ढोकाको सामुन्‍नेको खुला क्षेत्रमा फर्के, र तिनले पुरुष र स्‍त्रीहरूको सामु बिहान सबेरैदेखि मध्यदिनसम्म यसबाट पढे, अनि सारा मानिसले व्यवस्थाको पुस्तकलाई ध्यान दिएर सुने ।
4 और एज्रा फ़कीह एक चोबी मिम्बर पर, जो उन्होंने इसी काम के लिए बनाया था खड़ा हुआ; और उसके पास मत्तितियाह, और समा', और 'अनायाह, और ऊरिय्याह, और ख़िलक़ियाह, और मासियाह उसके दहने खड़े थे; और उसके बाएँ फ़िदायाह, और मिसाएल, और मलकियाह, और हाशूम, और हसबदाना, और ज़करियाह और मुसल्लाम थे।
तब शास्‍त्री एज्रा मानिसहरूले त्यस्तै कामको लागि बनाएका काठको उच्‍च मञ्चमा खडा भए । तिनको दाहिनेपट्टि छेउमा मत्तित्याह, शेमा, अनायाह, उरियाह, हिल्कियाह र मासेयाह उभिएका थिए अनि तिनको देब्रेपट्टि पदायाह, मीशाएल, मल्कियाह, हाशूम, हशबदाना, जकरिया र मशुल्लाम उभिएका थिए ।
5 और एज्रा ने सब लोगों के सामने किताब खोली क्यूँकि वह सब लोगों से ऊपर था, और जब उसने उसे खोला तो सब लोग उठ खड़े हुए;
एज्रा सारा मानिसभन्दा माथि उभिएकाले तिनले सबैले देख्‍ने गरी पुस्तक खोले, र तिनले पुस्तक खोल्दा सारा मानिस खडा भए ।
6 और एज्रा ने ख़ुदावन्द ख़ुदा — ए — 'अज़ीम को मुबारक कहा; और सब लोगों ने अपने हाथ उठाकर जवाब दिया, आमीन — आमीन “और उन्होंने औंधे मुँह ज़मीन तक झुककर ख़ुदावन्द को सिज्दा किया।
एज्राले महान् परमेश्‍वर परमप्रभुलाई धन्यावाद दिए, अनि सारा मानिसले आ-आफ्ना हात उठाएर “आमेन! आमेन!” भने । तब तिनीहरूले आ-आफ्ना शिर झुकाए, र भुइँसम्मै निहुरेर परमप्रभुको आराधना गरे ।
7 यशू'अ, और बानी, और सरीबियाह, और यामिन और 'अक़्क़ूब, और सब्बती, और हूदियाह, और मासियाह, और क़लीता, और 'अज़रियाह, और यूज़बाद, और हनान, और फ़िलायाह और लावी लोगों को शरी'अत समझाते गए; और लोग अपनी — अपनी जगह पर खड़े रहे।
लेवीहरू येशूअ, बानी, शरेबियाह, यामीन, अक्‍कूब, सब्बतै, होदियाह, मासेयाह, कलीता, अजर्याह, योजाबाद, हानान, पलयाहले मानिसहरूलाई तिनीहरूकै ठाउँमा व्यवस्था बुझ्नलाई मदत गरे ।
8 और उन्होंने उस किताब या'नी ख़ुदा की शरी'अत में से साफ़ आवाज़ से पढ़ा, फिर उसके मानी बताए और उनको 'इबारत समझा दी।
तिनीहरूले त्यो पुस्तक अर्थात् परमेश्‍वरको व्यवस्था पढे र मानिसहरूले बुझ्न सक्‍ने गरी अर्थ खोलिदिए ।
9 और नहमियाह ने जो हाकिम था, और एज्रा काहिन और फ़क़ीह ने, और उन लावियों ने जो लोगों को सिखा रहे थे सब लोगों से कहा, आज का दिन ख़ुदावन्द तुम्हारे ख़ुदा के लिए पाक है, न ग़म करो न रो।” क्यूँकि सब लोग शरी'अत की बातें सुनकर रोने लगे थे।
राज्यपाल नहेम्याह, पुजारीसाथै शास्‍त्री एज्रा र मानिसहरूलाई अर्थ खोलिदिने लेवीहरूले सारा मानिसलाई भने, “यो दिन परमप्रभु तिमीहरूका परमेश्‍वरका लागि पवित्र दिन हो । शोक नगर र नरोओ ।” किनकि तिनीहरूले व्यवस्थाका वचन सुन्दा सारा मानिस रोएका थिए ।
10 फिर उसने उनसे कहा, “अब जाओ, और जो मोटा है खाओ, और जो मीठा है पियो और जिनके लिए कुछ तैयार नहीं हुआ उनके पास भी भेजो; क्यूँकि आज का दिन हमारे ख़ुदावन्द के लिए पाक है; और तुम मायूस मत हो, क्यूँकि ख़ुदावन्द की ख़ुशी तुम्हारी पनाहगाह है।”
तब नहेम्याहले तिनीहरूलाई भने, “आ-आफ्नो बाटो लाग, पुस्टाइएको पशु मारेर खाओ, मिठो पेय पदार्थ पिओ अनि आफ्ना निम्ति तयार पार्न नसक्‍नेहरूका निम्ति पनि थोरै भाग पठाइदेओ किनकि परमप्रभुको आनन्द नै तिमीहरूको शक्ति हो ।”
11 और लावियों ने सब लोगों को चुप कराया और कहा, “ख़ामोश हो जाओ, क्यूँकि आज का दिन पाक है; और ग़म न करो।”
त्यसैले लेवीहरूले यसो भन्दै मानिसहरूलाई शान्त गराए, “चुप लाग, किनकि यो दिन पवित्र छ । शोक नगर ।”
12 तब सब लोग खाने पीने और हिस्सा भेजने और बड़ी ख़ुशी करने को चले गए; क्यूँकि वह उन बातों को जो उनके आगे पढ़ी गई, समझे थे।
तब सारा मानिस खानपान गर्न, पिउन, भोजन बाँडचुँड गर्न र बडो आनन्दसाथ उत्सव मनाउन आ-आफ्नो बाटो लागे किनकि तिनीहरूलाई बताइएका वचनहरू तिनीहरूले बुझेका थिए ।
13 और दूसरे दिन सब लोगों के आबाई ख़ान्दानों के सरदार और काहिन और लावी, एज्रा फ़क़ीह के पास इकट्ठे हुए कि तौरेत की बातों पर ध्यान लगाएँ।
दोस्रो दिनमा सारा मानिसका परिवार-परिवारका मुख्य-मुख्य मानिसहरू, पुजारीहरूसाथै लेवीहरू व्यवस्थाका वचनहरूबाट अन्तर्ज्ञान प्राप्‍त गर्न शास्‍त्री एज्राकहाँ आए ।
14 और उनको शरी'अत में ये लिखा मिला, कि ख़ुदावन्द ने मूसा के ज़रिए' फ़रमाया है कि बनी — इस्राईल सातवें महीने की 'ईद में झोपड़ियों में रहा करें,
सातौँ महिनाको चाडमा इस्राएलीहरू छाप्रोमा बस्‍नपर्छ भनी परमप्रभुले मोशाद्वारा आज्ञा गर्नुभएको वचन तिनीहरूले व्यवस्थामा लेखिएको भेट्टाए ।
15 और अपने सब शहरों में और येरूशलेम में ये 'ऐलान और मनादी कराएँ कि पहाड़ पर जाकर ज़ैतून की डालियाँ और जंगली ज़ैतून की डालियाँ और मेहंदी की डालियाँ और खजूर की शाख़ें, और घने दरख़्तों की डालियाँ झोपड़ियों के बनाने को लाओ, जैसा लिखा है।
तिनीहरूले तिनीहरूका सबै सहर र यरूशलेममा यसो भन्दै घोषणा गर्नुपर्छ, “लेखिएअनुसार छाप्रा बनाउनलाई पहाडी देशमा गएर जैतून, जङ्गली जैतून, मेहदी, खजूरका हाँगाहरूसाथै अन्य पातहरू भएका हाँगाहरू लिएर आओ ।”
16 तब लोग जा — जा कर उनको लाए, और हर एक ने अपने घर की छत पर, और अपने अहाते में, और ख़ुदा के घर के सहनों में, और पानी फाटक के मैदान में, और इफ़्राईमी फाटक के मैदान में अपने लिए झोपड़ियाँ बनाई।
तब मानिसहरू बाहिर गए, र हाँगाहरू ल्याए अनि हरेकले आ-आफ्नो निम्ति घरको छाना र चोकमा, परमेश्‍वरका भवनका चोकहरूमा, पानी ढोकाको सामुन्‍नेको चोकमा र एफ्राएमका ढोकाको चोकमा छाप्राहरू बनाए ।
17 और उन लोगों की सारी जमा'अत ने जो ग़ुलामी से फिर आए थे, झोपड़ियाँ बनाई और उन्हीं झोपड़ियों में रहे; क्यूँकि यशू'अ बिन नून के दिनों से उस दिन तक बनी — इस्राईल ने ऐसा नहीं किया था। चुनाँचे बहुत बड़ी ख़ुशी हुई।
निर्वासनबाट फर्केकाहरू सबै समुदायले छाप्राहरू बनाई तिनमा बसे । किनकि नूनका छोरा यहोशूको समयदेखि त्यस दिनसम्म इस्राएलीहरूले यो चाड मनाएका थिएनन् । त्यसैले तिनीहरू बडो आनन्दित भए ।
18 और पहले दिन से आख़िरी दिन तक रोज़ — ब — रोज़ उसने ख़ुदा की शरी'अत की किताब पढ़ी। और उन्होंने सात दिन 'ईद मनाई, और आठवें दिन दस्तूर के मुवाफ़िक़ पाक मजमा' इकठ्ठा हुआ।
यसबाहेक, पहिलो दिनदेखि पछिल्लो दिनसम्म दिनप्रतिदिन एज्राले परमेश्‍वरको व्यवस्थाको पुस्तकबाट पढ्ने गर्थै । तिनीहरूले सात दिनसम्म चाड मनाए, र आज्ञाअनुसार आठौँ दिनमा पवित्र सभा थियो ।

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