< नहे 3 >
1 तब इलियासब सरदार काहिन अपने भाइयों या'नी काहिनों के साथ उठा, और उन्होंने भेड़ फाटक को बनाया; और उसे पाक किया, और उसके किवाड़ों को लगाया। उन्होंने हमियाह के बुर्ज बल्कि हननएल के बुर्ज तक उसे पाक किया।
Et surrexit Eliasib sacerdos magnus, et fratres eius sacerdotes, et ædificaverunt portam gregis: ipsi sanctificaverunt eam, et statuerunt valvas eius, et usque ad turrim centum cubitorum sanctificaverunt eam, usque ad turrim Hananeel.
2 उससे आगे यरीहू के लोगों ने बनाया, और उनसे आगे ज़क्कूर बिन इमरी ने बनाया।
Et iuxta eum ædificaverunt viri Iericho: et iuxta eum ædificavit Zachur filius Amri.
3 मछली फाटक को बनी हसन्नाह ने बनाया उन्होंने उसकी कड़ियाँ रख्खीं और उसके किवाड़े और चटकनियाँ और अड़बंगे लगाए।
Portam autem piscium ædificaverunt filii Asnaa: ipsi texerunt eam, et statuerunt valvas eius, et seras, et vectes. Et iuxta eos ædificavit Marimuth filius Uriæ, filii Accus.
4 और उनसे आगे मरीमोत बिन ऊरिय्याह बिन हक्कूस ने मरम्मत की। और उनसे आगे मुसल्लाम बिन बरकियाह बिन मशीज़बेल ने मरम्मत की। और उनसे आगे सदोक़ बिन बा'ना ने मरम्मत की।
Et iuxta eum ædificavit Mosollam filius Barachiæ, filii Mesezebel: et iuxta eos ædificavit Sadoc filius Baana:
5 और उनसे आगे तक़ू'अ लोगों ने मरम्मत की, लेकिन उनके अमीरों ने अपने मालिक के काम के लिए गर्दन न झुकाई।
Et iuxta eos ædificaverunt Thecueni: optimates autem eorum non supposuerunt colla sua in opere Domini sui.
6 और पुराने फाटक की यहूयदा बिन फ़ासख़ और मुसल्लाम बिन बसूदियाह ने मरम्मत की उन्होंने उसकी कड़ियाँ रख्खीं और उसके किवाड़े और चटकनियाँ और अड़बंगे लगाए।
Et portam veterem ædificaverunt Ioiada filius Phasea, et Mosollam filius Besodia: ipsi texerunt eam, et statuerunt valvas eius, et seras, et vectes:
7 और उनसे आगे मलतियाह जिबा'ऊनी और यदून मरूनोती, और जिबा'ऊन और मिस्फ़ाह के लोगों ने जो दरिया पार के हाकिम की 'अमलदारी में से थे मरम्मत की।
Et iuxta eos ædificaverunt Meltias Gabaonites, et Iadon Meronathites, viri de Gabaon et Maspha, pro duce qui erat in regione trans Flumen.
8 और उनसे आगे सुनारों की तरफ़ से उज़्ज़ीएल बिन हररहियाह ने, और उससे आगे 'अत्तारों में से हननियाह ने मरम्मत की, और उन्होंने येरूशलेम को चौड़ी दीवार तक मज़बूत किया।
Et iuxta eum ædificavit Eziel filius Araia aurifex: et iuxta eum ædificavit Ananias filius pigmentarii: et dimiserunt Ierusalem usque ad murum plateæ latioris.
9 और उनसे आगे रिफ़ायाह ने, जो हूर का बेटा और येरूशलेम के आधे हल्क़े का सरदार था मरम्मत की।
Et iuxta eum ædificavit Raphaia filius Hur, princeps vici Ierusalem.
10 और उससे आगे यदायाह बिन हरुमफ़ ने अपने ही घर के सामने तक की मरम्मत की। और उससे आगे हतूश बिन हसबनियाह ने मरम्मत की।
Et iuxta eum ædificavit Iedaia filius Haromaph contra domum suam: et iuxta eum ædificavit Hattus filius Haseboniæ.
11 मलकियाह बिन हारिम और हसूब बिन पख़त — मोआब ने दूसरे हिस्से की और तनूरों के बुर्ज की मरम्मत की।
Mediam partem vici ædificavit Melchias filius Herem, et Hasub filius Phahath Moab, et turrim furnorum.
12 और उससे आगे सलूम बिन हलूहेश ने जो येरूशलेम के आधे हल्क़े का सरदार था, और उसकी बेटियों ने मरम्मत की।
Et iuxta eum ædificavit Sellum filius Alohes princeps mediæ partis vici Ierusalem, ipse et filiæ eius.
13 वादी के फाटक की मरम्मत हनून और ज़नोआह के बाशिन्दों ने की; उन्होंने उसे बनाया और उसके किवाड़े और चटकनियाँ और अड़बंगे लगाए, और कूड़े के फाटक तक एक हज़ार हाथ दीवार तैयार की।
Et portam vallis ædificavit Hanun, et habitatores Zanoe: ipsi ædificaverunt eam, et statuerunt valvas eius, et seras, et vectes, et mille cubitos in muro usque ad portam sterquilinii.
14 और कूड़े के फाटक की मरम्मत मलकियाह बिन रैकाब ने की जो बैत — हक्करम के हल्क़े का सरदार था; उसने उसे बनाया और उसके किवाड़े और चटकनियाँ और अड़बंगे लगाए।
Et portam sterquilinii ædificavit Melchias filius Rechab, princeps vici Bethacharam: ipse ædificavit eam, et statuit valvas eius, et seras, et vectes.
15 और चश्मा फाटक की सलूम बिन कलहूज़ा ने जो मिस्फ़ाह के हल्क़े का सरदार था, मरम्मत की; उसने उसे बनाया और उसको पाटा और उसके किवाड़े चिटकनियाँ और उसके अड़बंगे लगाये और बादशाही बाग़ के पास शीलोख़ के हौज़ की दीवार को उस सीढ़ी तक, जो दाऊद के शहर से नीचे आती है बनाया।
Et portam fontis ædificavit Sellum filius Cholhoza, princeps pagi Maspha: ipse ædificavit eam, et texit, et statuit valvas eius, et seras, et vectes, et muros piscinæ Siloe in hortum regis, et usque ad gradus, qui descendunt de Civitate David.
16 फिर नहमियाह बिन 'अज़बूक ने जो बैतसूर के आधे हल्क़े का सरदार था, दाऊद की क़ब्रों के सामने की जगह और उस हौज़ तक जो बनाया गया था, और सूर्माओं के घर तक मरम्मत की।
Post eum ædificavit Nehemias filius Azboc princeps dimidiæ partis vici Bethsur usque contra sepulchrum David et usque ad piscinam, quæ grandi opere constructa est, et usque ad domum fortium.
17 फिर लावियों में से रहूम बिन बानी ने मरम्मत की। उससे आगे हसबियाह ने जो क'ईलाह के आधे हल्क़े का सरदार था, अपने हल्क़े की तरफ़ से मरम्मत की।
Post eum ædificaverunt Levitæ, Rehum filius Benni: post eum ædificavit Hasebias princeps dimidiæ partis vici Ceilæ in vico suo.
18 फिर उनके भाइयों में से बवी बिन हनदाद ने जो क़'ईलाह के आधे हल्क़े का सरदार था, मरम्मत की।
Post eum ædificaverunt fratres eorum Bavai filius Enadad, princeps dimidiæ partis Ceilæ.
19 और उससे आगे ईज़र बिन यशू'अ मिस्फ़ाह के सरदार ने दूसरे टुकड़े की जो मोड़ के पास सिलाहख़ाने की चढ़ाई के सामने है, मरम्मत की।
Et ædificavit iuxta eum Azer filius Iosue, princeps Maspha mensuram secundam, contra ascensum firmissimi anguli.
20 फिर बारूक बिन ज़ब्बी ने सरगर्मी से उस मोड़ से सरदार काहिन इलियासब के घर के दरवाज़े तक, एक और टुकड़े की मरम्मत की।
Post eum in monte ædificavit Baruch filius Zachai mensuram secundam, ab angulo usque ad portam domus Eliasib sacerdotis magni.
21 फिर मरीमोत बिन ऊरिय्याह बिन हक्कूस ने एक और टुकड़े की इलियासब के घर के दरवाज़े से इलियासब के घर के आख़िर तक मरम्मत की।
Post eum ædificavit Merimuth filius Uriæ filii Haccus, mensuram secundam, a porta domus Eliasib, donec extenderetur domus Eliasib.
22 फिर नशेब के रहनेवाले काहिनों ने मरम्मत की।
Et post eum ædificaverunt sacerdotes viri de campestribus Iordanis.
23 फिर बिनयमीन और हसूब ने अपने घर के सामने तक मरम्मत की। फिर 'अज़रियाह बिन मा'सियाह बिन 'अननियाह ने अपने घर के बराबर तक मरम्मत की।
Post eum ædificavit Beniamin et Hasub contra domum suam: et post eum ædificavit Azarias filius Maasiæ filii Ananiæ contra domum suam.
24 फिर बिनवी बिन हनदाद ने 'अज़रियाह के घर से दीवार के मोड़ और कोने तक, एक और टुकड़े की मरम्मत की।
Post eum ædificavit Bennui filius Henadad mensuram secundam, a domo Azariæ usque ad flexuram, et usque ad angulum.
25 फ़ालाल बिन ऊज़ी ने मोड़ के सामने के हिस्से की, और उस बुर्ज की जो क़ैदख़ाने के सहन के पास के शाही महल से बाहर निकला हुआ है मरम्मत की। फिर फ़िदायाह बिन पर'ऊस ने मरम्मत की।
Phalel filius Ozi contra flexuram et turrim, quæ eminet de domo regis excelsa, id est, in atrio carceris: post eum Phadaia filius Pharos.
26 और नतीनीम पूरब की तरफ़ ओफ़ल में पानी फाटक के सामने और उस बुर्ज तक बसे हुए थे, जो बाहर निकला हुआ है
Nathinæi autem habitabant in Ophel usque contra portam aquarum ad Orientem, et turrim, quæ prominebat.
27 फिर तक़ू'इयों ने उस बड़े बुर्ज के सामने जो बाहर निकला हुआ है, और ओफ़ल की दीवार तक एक और टुकड़े की मरम्मत की।
Post eum ædificaverunt Thecueni mensuram secundam e regione, a turre magna et eminente usque ad murum templi.
28 घोड़ा फाटक के ऊपर काहिनों ने अपने अपने घर के सामने मरम्मत की।
Sursum autem a porta equorum ædificaverunt sacerdotes, unusquisque contra domum suam.
29 उनके पीछे सदोक़ बिन इम्मीर ने अपने घर के सामने मरम्मत की। और फिर पूरबी फाटक के दरबान समा'याह बिन सिकनियाह ने मरम्मत की।
Post eos ædificavit Sadoc filius Emmer contra domum suam. Et post eum ædificavit Semaia filius Secheniæ, custos portæ Orientalis.
30 फिर हननियाह बिन सलमियाह और हनून ने जो सलफ़ का छठा बेटा था, एक और टुकड़े की मरम्मत की। फिर मुसल्लाम बिन बरकियाह ने अपनी कोठरी के सामने मरम्मत की।
Post eum ædificavit Hanania filius Selemiæ, et Hanun filius Seleph sextus, mensuram secundam: post eum ædificavit Mosollam filius Barachiæ, contra gazophylacium suum.
31 फिर सुनारों में से एक शख़्स मलकियाह ने नतीनीम और सौदागरों के घर तक हिम्मीफ़क़ाद के फाटक के सामने और कोने की चढ़ाई तक मरम्मत की।
Post eum ædificavit Melchias filius aurificis usque ad domum Nathinæorum, et scruta vendentium contra portam iudicialem, et usque ad cœnaculum anguli.
32 और उस कोने की चढ़ाई और भेड़ फाटक के बीच सुनारों और सौदागरों ने मरम्मत की।
Et inter cœnaculum anguli in porta gregis ædificaverunt aurifices et negotiatores.