< मरकुस 14 >

1 दो दिन के बाद फ़सह और 'ईद — ए — फ़ितर होने वाली थी और सरदार काहिन और फ़क़ीह मौक़ा ढूँड रहे थे कि उसे क्यूँकर धोखे से पकड़ कर क़त्ल करें।
Now the Passover and the Feast of Unleavened Bread were two days away, and the chief priests and scribes were looking for a covert way to arrest Jesus and kill Him.
2 क्यूँकि कहते थे ई'द में नहीं “ऐसा न हो कि लोगों में बलवा हो जाए”
“But not during the feast,” they said, “or there may be a riot among the people.”
3 जब वो बैत अन्नियाह में शमौन जो पहले कौढ़ी था उसके घर में खाना खाने बैठा तो एक औरत जटामासी का बेशक़ीमती इत्र संगे मरमर के इत्र दान में लाई और इत्र दान तोड़ कर इत्र को उसके सिर पर डाला।
While Jesus was in Bethany reclining at the table in the home of Simon the Leper, a woman came with an alabaster jar of expensive perfume, made of pure nard. She broke open the jar and poured it on Jesus’ head.
4 मगर कुछ अपने दिल में ख़फ़ा हो कर कहने लगे “ये इत्र किस लिए ज़ाया किया गया।
Some of those present, however, expressed their indignation to one another: “Why this waste of perfume?
5 क्यूँकि ये इत्र तक़रीबन तीन सौ दिन की मज़दूरी से ज़्यादा की क़ीमत में बिक कर ग़रीबों को दिया जा सकता था” और वो उसे मलामत करने लगे।
It could have been sold for over three hundred denarii and the money given to the poor.” And they scolded her.
6 ईसा ने कहा “उसे छोड़ दो उसे क्यूँ दिक़ करते हो उसने मेरे साथ भलाई की है।
But Jesus said, “Leave her alone; why are you bothering her? She has done a beautiful deed to Me.
7 क्यूँकि ग़रीब और ग़ुरबा तो हमेशा तुम्हारे पास हैं जब चाहो उनके साथ नेकी कर सकते हो; लेकिन मैं तुम्हारे पास हमेशा न रहूँगा।
The poor you will always have with you, and you can help them whenever you want. But you will not always have Me.
8 जो कुछ वो कर सकी उसने किया उसने दफ़्न के लिए मेरे बदन पर पहले ही से इत्र मला।
She has done what she could to anoint My body in advance of My burial.
9 मैं तुम से सच कहता हूँ कि, तमाम दुनिया में जहाँ कहीं इन्जील की मनादी की जाएगी, ये भी जो इस ने किया उस की यादगारी में बयान किया जाएगा।”
And truly I tell you, wherever the gospel is preached in all the world, what she has done will also be told in memory of her.”
10 फिर यहूदाह इस्करियोती जो उन बारह में से था, सरदार काहिन के पास चला गया ताकि उसे उनके हवाले कर दे।
Then Judas Iscariot, one of the Twelve, went to the chief priests to betray Jesus to them.
11 वो ये सुन कर ख़ुश हुए और उसको रुपऐ देने का इक़रार किया और वो मौक़ा ढूँडने लगा कि किस तरह क़ाबू पाकर उसे पकड़वा दे।
They were delighted to hear this, and they promised to give him money. So Judas began to look for an opportunity to betray Jesus.
12 ई'द 'ए फ़ितर के पहले दिन या'नी जिस रोज़ फ़सह को ज़बह किया करते थे “उसके शागिर्दों ने उससे कहा? तू कहाँ चाहता है कि हम जाकर तेरे लिए फ़सह खाने की तैयारी करें।”
On the first day of the Feast of Unleavened Bread, when the Passover lamb was to be sacrificed, Jesus’ disciples asked Him, “Where do You want us to prepare for You to eat the Passover?”
13 उसने अपने शागिर्दो में से दो को भेजा और उनसे कहा “शहर में जाओ एक शख़्स पानी का घड़ा लिए हुए तुम्हें मिलेगा, उसके पीछे हो लेना।
So He sent two of His disciples and told them, “Go into the city, and a man carrying a jug of water will meet you. Follow him,
14 और जहाँ वो दाख़िल हो उस घर के मालिक से कहना ‘उस्ताद कहता है? मेरा मेहमानख़ाना जहाँ मैं अपने शागिर्दों के साथ फ़सह खाउँ कहाँ है।’
and whichever house he enters, say to the owner, ‘The Teacher asks: Where is My guest room, where I may eat the Passover with My disciples?’
15 वो आप तुम को एक बड़ा मेहमानख़ाना आरास्ता और तैयार दिखाएगा वहीं हमारे लिए तैयारी करना।”
And he will show you a large upper room, furnished and ready. Make preparations for us there.”
16 पस शागिर्द चले गए और शहर में आकर जैसा ईसा ने उन से कहा था वैसा ही पाया और फ़सह को तैयार किया।
So the disciples left and went into the city, where they found everything as Jesus had described. And they prepared the Passover.
17 जब शाम हुई तो वो उन बारह के साथ आया।
When evening came, Jesus arrived with the Twelve.
18 और जब वो बैठे खा रहे थे तो ईसा ने कहा “मैं तुम से सच कहता हूँ कि तुम में से एक जो मेरे साथ खाता है मुझे पकड़वाएगा।”
And while they were reclining and eating, Jesus said, “Truly I tell you, one of you who is eating with Me will betray Me.”
19 वो दुखी होकर और एक एक करके उससे कहने लगे, “क्या मैं हूँ?”
They began to be grieved and to ask Him one after another, “Surely not I?”
20 उसने उनसे कहा, “वो बारह में से एक है जो मेरे साथ थाल में हाथ डालता है।
He answered, “It is one of the Twelve—the one who is dipping his hand into the bowl with Me.
21 क्यूँकि इब्न — ए आदम तो जैसा उसके हक़ में लिखा है जाता ही है लेकिन उस आदमी पर अफ़सोस जिसके वसीले से इब्न — ए आदम पकड़वाया जाता है, अगर वो आदमी पैदा ही न होता तो उसके लिए अच्छा था।”
The Son of Man will go just as it is written about Him, but woe to that man by whom He is betrayed! It would be better for him if he had not been born.”
22 और वो खा ही रहे थे कि उसने रोटी ली और बर्क़त देकर तोड़ी और उनको दी और कहा “लो ये मेरा बदन है।”
While they were eating, Jesus took bread, spoke a blessing and broke it, and gave it to the disciples, saying, “Take it; this is My body.”
23 फिर उसने प्याला लेकर शुक्र किया और उनको दिया और उन सभों ने उस में से पिया।
Then He took the cup, gave thanks, and gave it to them, and they all drank from it.
24 उसने उनसे कहा “ये मेरा वो अहद का ख़ून है जो बहुतेरों के लिए बहाया जाता है।
He said to them, “This is My blood of the covenant, which is poured out for many.
25 मैं तुम से सच कहता हूँ कि अंगूर का शीरा फिर कभी न पिऊँगा; उस दिन तक कि ख़ुदा की बादशाही में नया न पिऊँ।”
Truly I tell you, I will no longer drink of the fruit of the vine until that day when I drink it anew in the kingdom of God.”
26 फिर हम्द गा कर बाहर ज़ैतून के पहाड़ पर गए।
And when they had sung a hymn, they went out to the Mount of Olives.
27 और ईसा ने उनसे कहा “तुम सब ठोकर खाओगे क्यूँकि लिखा है, ‘मैं चरवाहे को मारूँगा और भेड़ें इधर उधर हो जाएँगी।’
Then Jesus said to them, “You will all fall away, for it is written: ‘I will strike the Shepherd, and the sheep will be scattered.’
28 मगर मैं अपने जी उठने के बाद तुम से पहले गलील को जाऊँगा।”
But after I have risen, I will go ahead of you into Galilee.”
29 पतरस ने उससे कहा, “चाहे सब ठोकर खाएँ लेकिन मैं न खाउँगा।”
Peter declared, “Even if all fall away, I never will.”
30 ईसा ने उससे कहा, “मैं तुझ से सच कहता हूँ। कि तू आज इसी रात मुर्ग़ के दो बार बाँग देने से पहले तीन बार मेरा इन्कार करेगा।”
“Truly I tell you,” Jesus replied, “this very night, before the rooster crows twice, you will deny Me three times.”
31 लेकिन उसने बहुत ज़ोर देकर कहा, “अगर तेरे साथ मुझे मरना भी पड़े तोभी तेरा इन्कार हरगिज़ न करूँगा।” इसी तरह और सब ने भी कहा।
But Peter kept insisting, “Even if I have to die with You, I will never deny You.” And all the others said the same thing.
32 फिर वो एक जगह आए जिसका नाम गतसिमनी था और उसने अपने शागिर्दों से कहा, “यहाँ बैठे रहो जब तक मैं दुआ करूँ।”
Then they came to a place called Gethsemane, and Jesus told His disciples, “Sit here while I pray.”
33 और पतरस और या'क़ूब और यूहन्ना को अपने साथ लेकर निहायत हैरान और बेक़रार होने लगा।
He took with Him Peter, James, and John, and began to be deeply troubled and distressed.
34 और उसने कहा “मेरी जान निहायत ग़मगीन है यहाँ तक कि मरने की नौबत पहुँच गई है तुम यहाँ ठहरो और जागते रहो।”
Then He said to them, “My soul is consumed with sorrow to the point of death. Stay here and keep watch.”
35 और वो थोड़ा आगे बढ़ा और ज़मीन पर गिर कर दुआ करने लगा, कि अगर हो सके तो ये वक़्त मुझ पर से टल जाए।
Going a little farther, He fell to the ground and prayed that, if it were possible, the hour would pass from Him.
36 और कहा “ऐ अब्बा ऐ बाप तुझ से सब कुछ हो सकता है इस प्याले को मेरे पास से हटा ले तोभी जो मैं चाहता हूँ वो नहीं बल्कि जो तू चाहता है वही हो।”
“Abba, Father,” He said, “all things are possible for You. Take this cup from Me. Yet not what I will, but what You will.”
37 फिर वो आया और उन्हें सोते पाकर पतरस से कहा “ऐ शमौन तू सोता है? क्या तू एक घड़ी भी न जाग सका।
Then Jesus returned and found them sleeping. “Simon, are you asleep?” He asked. “Were you not able to keep watch for one hour?
38 जागो और दुआ करो, ताकि आज़माइश में न पड़ो रूह तो मुसतैद है मगर जिस्म कमज़ोर है।”
Watch and pray so that you will not enter into temptation. For the spirit is willing, but the body is weak.”
39 वो फिर चला गया और वही बात कह कर दुआ की।
Again He went away and prayed, saying the same thing.
40 और फिर आकर उन्हें सोते पाया क्यूँकि उनकी आँखें नींद से भरी थीं और वो न जानते थे कि उसे क्या जवाब दें।
And again Jesus returned and found them sleeping—for their eyes were heavy. And they did not know what to answer Him.
41 फिर तीसरी बार आकर उनसे कहा “अब सोते रहो और आराम करो बस वक़्त आ पहुँचा है देखो; इब्न — ए आदम गुनाहगारों के हाथ में हवाले किया जाता है।
When Jesus returned the third time, He said, “Are you still sleeping and resting? That is enough! The hour has come. Look, the Son of Man is betrayed into the hands of sinners.
42 उठो चलो देखो मेरा पकड़वाने वाला नज़दीक आ पहुँचा है।”
Rise, let us go. See, My betrayer is approaching!”
43 वो ये कह ही रहा था कि फ़ौरन यहूदाह जो उन बारह में से था और उसके साथ एक बड़ी भीड़ तलवारें और लाठियाँ लिए हुए सरदार काहिनों और फ़क़ीहों की तरफ़ से आ पहुँची।
While Jesus was still speaking, Judas, one of the Twelve, arrived, accompanied by a crowd armed with swords and clubs, sent from the chief priests, scribes, and elders.
44 और उसके पकड़वाने वाले ने उन्हें ये निशान दिया था जिसका मैं बोसा लूँ वही है उसे पकड़ कर हिफ़ाज़त से ले जाना।
Now the betrayer had arranged a signal with them: “The One I kiss is the man; arrest Him and lead Him away securely.”
45 वो आकर फ़ौरन उसके पास गया और कहा, “ऐ रब्बी!” और उसके बोसे लिए।
Going directly to Jesus, he said, “Rabbi!” and kissed Him.
46 उन्होंने उस पर हाथ डाल कर उसे पकड़ लिया।
Then the men seized Jesus and arrested Him.
47 उन में से जो पास खड़े थे एक ने तलवार खींचकर सरदार काहिन के नौकर पर चलाई और उसका कान उड़ा दिया।
And one of the bystanders drew his sword and struck the servant of the high priest, cutting off his ear.
48 ईसा ने उनसे कहा “क्या तुम तलवारें और लाठियाँ लेकर मुझे डाकू की तरह पकड़ने निकले हो?
Jesus asked the crowd, “Have you come out with swords and clubs to arrest Me as you would an outlaw?
49 मैं हर रोज़ तुम्हारे पास हैकल में ता'लीम देता था, और तुम ने मुझे नहीं पकड़ा लेकिन ये इसलिए हुआ कि लिखा हुआ पूरा हों।”
Every day I was with you, teaching in the temple courts, and you did not arrest Me. But this has happened that the Scriptures would be fulfilled.”
50 इस पर सब शगिर्द उसे छोड़कर भाग गए।
Then everyone deserted Him and fled.
51 मगर एक जवान अपने नंगे बदन पर महीन चादर ओढ़े हुए उसके पीछे हो लिया, उसे लोगों ने पकड़ा।
One young man who had been following Jesus was wearing a linen cloth around his body. They caught hold of him,
52 मगर वो चादर छोड़ कर नंगा भाग गया।
but he pulled free of the linen cloth and ran away naked.
53 फिर वो ईसा को सरदार काहिन के पास ले गए; और अब सरदार काहिन और बुज़ुर्ग और फ़क़ीह उसके यहाँ जमा हुए।
They led Jesus away to the high priest, and all the chief priests, elders, and scribes assembled.
54 पतरस फ़ासले पर उसके पीछे पीछे सरदार काहिन के दिवानख़ाने के अन्दर तक गया और सिपाहियों के साथ बैठ कर आग तापने लगा।
Peter followed Him at a distance, right into the courtyard of the high priest. And he sat with the officers and warmed himself by the fire.
55 और सरदार काहिन सब सद्रे — अदालत वाले ईसा को मार डालने के लिए उसके ख़िलाफ़ गवाही ढूँडने लगे मगर न पाई।
Now the chief priests and the whole Sanhedrin were seeking testimony against Jesus to put Him to death, but they did not find any.
56 क्यूँकि बहुतेरों ने उस पर झूठी गवाहियाँ तो दीं लेकिन उनकी गवाहियाँ सहीह न थीं।
For many bore false witness against Jesus, but their testimony was inconsistent.
57 फिर कुछ ने उठकर उस पर ये झूठी गवाही दी।
Then some men stood up and testified falsely against Him:
58 “हम ने उसे ये कहते सुना है मैं इस मक़दिस को जो हाथ से बना है ढाऊँगा और तीन दिन में दूसरा बनाऊँगा जो हाथ से न बना हो।”
“We heard Him say, ‘I will destroy this man-made temple, and in three days I will build another that is made without hands.’”
59 लेकिन इस पर भी उसकी गवाही सही न निकली।
But even their testimony was inconsistent.
60 “फिर सरदार काहिन ने बीच में खड़े हो कर ईसा से पूछा तू कुछ जवाब नहीं देता? ये तेरे ख़िलाफ़ क्या गवाही देते हैं।”
So the high priest stood up before them and questioned Jesus, “Have You no answer? What are these men testifying against You?”
61 “मगर वो ख़ामोश ही रहा और कुछ जवाब न दिया? सरदार काहिन ने उससे फिर सवाल किया और कहा क्या तू उस यूसुफ़ का बेटा मसीह है।”
But Jesus remained silent and made no reply. Again the high priest questioned Him, “Are You the Christ, the Son of the Blessed One?”
62 ईसा ने कहा, “हाँ मैं हूँ। और तुम इब्न — ए आदम को क़ादिर ए मुतल्लिक़ की दहनी तरफ़ बैठे और आसमान के बादलों के साथ आते देखोगे।”
“I am,” said Jesus, “and you will see the Son of Man sitting at the right hand of Power and coming with the clouds of heaven.”
63 सरदार काहिन ने अपने कपड़े फाड़ कर कहा “अब हमें गवाहों की क्या ज़रूरत रही।
At this, the high priest tore his clothes and declared, “Why do we need any more witnesses?
64 तुम ने ये कुफ़्र सुना तुम्हारी क्या राय है? उन सब ने फ़तवा दिया कि वो क़त्ल के लायक़ है।”
You have heard the blasphemy. What is your verdict?” And they all condemned Him as deserving of death.
65 तब कुछ उस पर थूकने और उसका मुँह ढाँपने और उसके मुक्के मारने और उससे कहने लगे “नबुव्वत की बातें सुना! और सिपाहियों ने उसे तमाचे मार मार कर अपने क़ब्ज़े में लिया।”
Then some of them began to spit on Him. They blindfolded Him, struck Him with their fists, and said to Him, “Prophesy!” And the officers received Him with slaps in His face.
66 जब पतरस नीचे सहन में था तो सरदार काहिन की लौंडियों में से एक वहाँ आई।
While Peter was in the courtyard below, one of the servant girls of the high priest came down
67 और पतरस को आग तापते देख कर उस पर नज़र की और कहने लगी “तू भी उस नासरी ईसा के साथ था।”
and saw him warming himself there. She looked at Peter and said, “You also were with Jesus the Nazarene.”
68 उसने इन्कार किया और कहा “मैं तो न जानता और न समझता हूँ।” कि तू क्या कहती है फिर वो बाहर सहन में गया [और मुर्ग़ ने बाँग दी]।
But he denied it. “I do not know or even understand what you are talking about,” he said. Then he went out to the gateway, and the rooster crowed.
69 वो लौंडी उसे देख कर उन से जो पास खड़े थे, फिर कहने लगी “ये उन में से है।”
There the servant girl saw him and again said to those standing nearby, “This man is one of them.”
70 “मगर उसने फिर इन्कार किया और थोड़ी देर बाद उन्होंने जो पास खड़े थे पतरस से फिर कहा बेशक तू उन में से है क्यूँकि तू गलीली भी है।”
But he denied it again. After a little while, those standing nearby said once more to Peter, “Surely you are one of them, for you too are a Galilean.”
71 “मगर वो ला'नत करने और क़सम खाने लगा में इस आदमी को जिसका तुम ज़िक्र करते हो नहीं जानता।”
But he began to curse and swear, “I do not know this man of whom you speak!”
72 और फ़ौरन मुर्ग़ ने दूसरी बार बाँग दी पतरस को वो बात जो ईसा ने उससे कही थी याद आई “मुर्ग़ के दो बार बाँग देने से पहले तू तीन बार इन्कार करेगा” और उस पर ग़ौर करके रो पड़ा।
And immediately the rooster crowed a second time. Then Peter remembered the word that Jesus had spoken to him: “Before the rooster crows twice, you will deny Me three times.” And he broke down and wept.

< मरकुस 14 >