< लूका 9 >

1 फिर उसने उन बारह को बुलाकर उन्हें सब बदरूहों पर इख़्तियार बख़्शा और बीमारियों को दूर करने की क़ुदरत दी।
ততঃ পৰং স দ্ৱাদশশিষ্যানাহূয ভূতান্ ত্যাজযিতুং ৰোগান্ প্ৰতিকৰ্ত্তুঞ্চ তেভ্যঃ শক্তিমাধিপত্যঞ্চ দদৌ|
2 और उन्हें ख़ुदा की बादशाही का ऐलान करने और बीमारों को अच्छा करने के लिए भेजा,
অপৰঞ্চ ঈশ্ৱৰীযৰাজ্যস্য সুসংৱাদং প্ৰকাশযিতুম্ ৰোগিণামাৰোগ্যং কৰ্ত্তুঞ্চ প্ৰেৰণকালে তান্ জগাদ|
3 और उनसे कहा, “राह के लिए कुछ न लेना, न लाठी, न झोली, न रोटी, न रुपए, न दो दो कुरते रखना।
যাত্ৰাৰ্থং যষ্টি ৰ্ৱস্ত্ৰপুটকং ভক্ষ্যং মুদ্ৰা দ্ৱিতীযৱস্ত্ৰম্, এষাং কিমপি মা গৃহ্লীত|
4 और जिस घर में दाख़िल हो वहीं रहना और वहीं से रवाना होना;
যূযঞ্চ যন্নিৱেশনং প্ৰৱিশথ নগৰত্যাগপৰ্য্যনতং তন্নিৱেশনে তিষ্ঠত|
5 और जिस शहर के लोग तुम्हें क़ुबूल ना करें, उस शहर से निकलते वक़्त अपने पाँव की धूल झाड़ देना ताकि उन पर गवाही हो।”
তত্ৰ যদি কস্যচিৎ পুৰস্য লোকা যুষ্মাকমাতিথ্যং ন কুৰ্ৱ্ৱন্তি তৰ্হি তস্মান্নগৰাদ্ গমনকালে তেষাং ৱিৰুদ্ধং সাক্ষ্যাৰ্থং যুষ্মাকং পদধূলীঃ সম্পাতযত|
6 पस वो रवाना होकर गाँव गाँव ख़ुशख़बरी सुनाते और हर जगह शिफ़ा देते फिरे।
অথ তে প্ৰস্থায সৰ্ৱ্ৱত্ৰ সুসংৱাদং প্ৰচাৰযিতুং পীডিতান্ স্ৱস্থান্ কৰ্ত্তুঞ্চ গ্ৰামেষু ভ্ৰমিতুং প্ৰাৰেভিৰে|
7 चौथाई मुल्क का हाकिम हेरोदेस सब अहवाल सुन कर घबरा गया, इसलिए कि कुछ ये कहते थे कि युहन्ना मुर्दों में से जी उठा है,
এতৰ্হি হেৰোদ্ ৰাজা যীশোঃ সৰ্ৱ্ৱকৰ্ম্মণাং ৱাৰ্ত্তাং শ্ৰুৎৱা ভৃশমুদ্ৱিৱিজে
8 और कुछ ये कि एलियाह ज़ाहिर हुआ, और कुछ ये कि क़दीम नबियों में से कोई जी उठा है।
যতঃ কেচিদূচুৰ্যোহন্ শ্মশানাদুদতিষ্ঠৎ| কেচিদূচুঃ, এলিযো দৰ্শনং দত্তৱান্; এৱমন্যলোকা ঊচুঃ পূৰ্ৱ্ৱীযঃ কশ্চিদ্ ভৱিষ্যদ্ৱাদী সমুত্থিতঃ|
9 मगर हेरोदेस ने कहा, “युहन्ना का तो मैं ने सिर कटवा दिया, अब ये कौन जिसके बारे में ऐसी बातें सुनता हूँ?” पस उसे देखने की कोशिश में रहा।
কিন্তু হেৰোদুৱাচ যোহনঃ শিৰোঽহমছিনদম্ ইদানীং যস্যেদৃক্কৰ্ম্মণাং ৱাৰ্ত্তাং প্ৰাপ্নোমি স কঃ? অথ স তং দ্ৰষ্টুম্ ঐচ্ছৎ|
10 फिर रसूलों ने जो कुछ किया था लौटकर उससे बयान किया; और वो उनको अलग लेकर बैतसैदा नाम एक शहर को चला गया।
১০অনন্তৰং প্ৰেৰিতাঃ প্ৰত্যাগত্য যানি যানি কৰ্ম্মাণি চক্ৰুস্তানি যীশৱে কথযামাসুঃ ততঃ স তান্ বৈৎসৈদানামকনগৰস্য ৱিজনং স্থানং নীৎৱা গুপ্তং জগাম|
11 ये जानकर भीड़ उसके पीछे गई और वो ख़ुशी के साथ उनसे मिला और उनसे ख़ुदा की बादशाही की बातें करने लगा, और जो शिफ़ा पाने के मुहताज थे उन्हें शिफ़ा बख़्शी।
১১পশ্চাল্ লোকাস্তদ্ ৱিদিৎৱা তস্য পশ্চাদ্ যযুঃ; ততঃ স তান্ নযন্ ঈশ্ৱৰীযৰাজ্যস্য প্ৰসঙ্গমুক্তৱান্, যেষাং চিকিৎসযা প্ৰযোজনম্ আসীৎ তান্ স্ৱস্থান্ চকাৰ চ|
12 जब दिन ढलने लगा तो उन बारह ने आकर उससे कहा, “भीड़ को रुख़्सत कर के चारों तरफ़ के गाँव और बस्तियों में जा टिकें और खाने का इन्तिज़ाम करें।” क्यूँकि हम यहाँ वीरान जगह में हैं।
১২অপৰঞ্চ দিৱাৱসন্নে সতি দ্ৱাদশশিষ্যা যীশোৰন্তিকম্ এত্য কথযামাসুঃ, ৱযমত্ৰ প্ৰান্তৰস্থানে তিষ্ঠামঃ, ততো নগৰাণি গ্ৰামাণি গৎৱা ৱাসস্থানানি প্ৰাপ্য ভক্ষ্যদ্ৰৱ্যাণি ক্ৰেতুং জননিৱহং ভৱান্ ৱিসৃজতু|
13 उसने उनसे कहा, “तुम ही उन्हें खाने को दो,” उन्होंने कहा, “हमारे पास सिर्फ़ पाँच रोटियाँ और दो मछलियाँ है, मगर हाँ हम जा जाकर इन सब लोगों के लिए खाना मोल ले आएँ।”
১৩তদা স উৱাচ, যূযমেৱ তান্ ভেজযধ্ৱং; ততস্তে প্ৰোচুৰস্মাকং নিকটে কেৱলং পঞ্চ পূপা দ্ৱৌ মৎস্যৌ চ ৱিদ্যন্তে, অতএৱ স্থানান্তৰম্ ইৎৱা নিমিত্তমেতেষাং ভক্ষ্যদ্ৰৱ্যেষু ন ক্ৰীতেষু ন ভৱতি|
14 क्यूँकि वो पाँच हज़ार मर्द के क़रीब थे। उसने अपने शागिर्दों से कहा, “उनको तक़रीबन पचास — पचास की क़तारों में बिठाओ।”
১৪তত্ৰ প্ৰাযেণ পঞ্চসহস্ৰাণি পুৰুষা আসন্|
15 उन्होंने उसी तरह किया और सब को बिठाया।
১৫তদা স শিষ্যান্ জগাদ পঞ্চাশৎ পঞ্চাশজ্জনৈঃ পংক্তীকৃত্য তানুপৱেশযত, তস্মাৎ তে তদনুসাৰেণ সৰ্ৱ্ৱলোকানুপৱেশযাপাসুঃ|
16 फिर उसने वो पाँच रोटियाँ और दो मछलियाँ लीं और आसमान की तरफ़ देख कर उन पर बर्क़त बख़्शी, और तोड़कर अपने शागिर्दों को देता गया कि लोगों के आगे रख्खें।
১৬ততঃ স তান্ পঞ্চ পূপান্ মীনদ্ৱযঞ্চ গৃহীৎৱা স্ৱৰ্গং ৱিলোক্যেশ্ৱৰগুণান্ কীৰ্ত্তযাঞ্চক্ৰে ভঙ্ক্তা চ লোকেভ্যঃ পৰিৱেষণাৰ্থং শিষ্যেষু সমৰ্পযাম্বভূৱ|
17 उन्होंने खाया और सब सेर हो गए, और उनके बचे हुए बे इस्तेमाल खाने की बारह टोकरियाँ उठाई गईं।
১৭ততঃ সৰ্ৱ্ৱে ভুক্ত্ৱা তৃপ্তিং গতা অৱশিষ্টানাঞ্চ দ্ৱাদশ ডল্লকান্ সংজগৃহুঃ|
18 जब वो तन्हाई में दुआ कर रहा था और शागिर्द उसके पास थे, तो ऐसा हुआ कि उसने उनसे पूछा, “लोग मुझे क्या कहते हैं?”
১৮অথৈকদা নিৰ্জনে শিষ্যৈঃ সহ প্ৰাৰ্থনাকালে তান্ পপ্ৰচ্ছ, লোকা মাং কং ৱদন্তি?
19 उन्होंने जवाब में कहा, “युहन्ना बपतिस्मा देनेवाला और कुछ एलियाह कहते हैं, और कुछ ये कि पुराने नबियों में से कोई जी उठा है।”
১৯ততস্তে প্ৰাচুঃ, ৎৱাং যোহন্মজ্জকং ৱদন্তি; কেচিৎ ৎৱাম্ এলিযং ৱদন্তি, পূৰ্ৱ্ৱকালিকঃ কশ্চিদ্ ভৱিষ্যদ্ৱাদী শ্মশানাদ্ উদতিষ্ঠদ্ ইত্যপি কেচিদ্ ৱদন্তি|
20 उसने उनसे कहा, “लेकिन तुम मुझे क्या कहते हो?” पतरस ने जवाब में कहा, “ख़ुदावन्द का मसीह।”
২০তদা স উৱাচ, যূযং মাং কং ৱদথ? ততঃ পিতৰ উক্তৱান্ ৎৱম্ ঈশ্ৱৰাভিষিক্তঃ পুৰুষঃ|
21 उसने उनको हिदायत करके हुक्म दिया कि ये किसी से न कहना,
২১তদা স তান্ দৃঢমাদিদেশ, কথামেতাং কস্মৈচিদপি মা কথযত|
22 और कहा, “ज़रूर है इब्न — ए — आदम बहुत दुःख उठाए और बुज़ुर्ग और सरदार काहिन और आलिम उसे रद्द करें और वो क़त्ल किया जाए और तीसरे दिन जी उठे।”
২২স পুনৰুৱাচ, মনুষ্যপুত্ৰেণ ৱহুযাতনা ভোক্তৱ্যাঃ প্ৰাচীনলোকৈঃ প্ৰধানযাজকৈৰধ্যাপকৈশ্চ সোৱজ্ঞায হন্তৱ্যঃ কিন্তু তৃতীযদিৱসে শ্মশানাৎ তেনোত্থাতৱ্যম্|
23 और उसने सब से कहा, “अगर कोई मेरे पीछे आना चाहे तो अपने आप से इनकार करे और हर रोज़ अपनी सलीब उठाए और मेरे पीछे हो ले।
২৩অপৰং স সৰ্ৱ্ৱানুৱাচ, কশ্চিদ্ যদি মম পশ্চাদ্ গন্তুং ৱাঞ্ছতি তৰ্হি স স্ৱং দাম্যতু, দিনে দিনে ক্ৰুশং গৃহীৎৱা চ মম পশ্চাদাগচ্ছতু|
24 क्यूँकि जो कोई अपनी जान बचाना चाहे, वो उसे खोएगा और जो कोई मेरी ख़ातिर अपनी जान खोए वही उसे बचाएगा।
২৪যতো যঃ কশ্চিৎ স্ৱপ্ৰাণান্ ৰিৰক্ষিষতি স তান্ হাৰযিষ্যতি, যঃ কশ্চিন্ মদৰ্থং প্ৰাণান্ হাৰযিষ্যতি স তান্ ৰক্ষিষ্যতি|
25 और आदमी अगर सारी दुनिया को हासिल करे और अपनी जान को खो दे या नुक़्सान उठाए तो उसे क्या फ़ाइदा होगा?
২৫কশ্চিদ্ যদি সৰ্ৱ্ৱং জগৎ প্ৰাপ্নোতি কিন্তু স্ৱপ্ৰাণান্ হাৰযতি স্ৱযং ৱিনশ্যতি চ তৰ্হি তস্য কো লাভঃ?
26 क्यूँकि जो कोई मुझ से और मेरी बातों से शरमाएगा, इब्न — ए — आदम भी जब अपने और अपने बाप के और पाक फ़रिश्तों के जलाल में आएगा तो उस से शरमाएगा।
২৬পুন ৰ্যঃ কশ্চিন্ মাং মম ৱাক্যং ৱা লজ্জাস্পদং জানাতি মনুষ্যপুত্ৰো যদা স্ৱস্য পিতুশ্চ পৱিত্ৰাণাং দূতানাঞ্চ তেজোভিঃ পৰিৱেষ্টিত আগমিষ্যতি তদা সোপি তং লজ্জাস্পদং জ্ঞাস্যতি|
27 लेकिन मैं तुम से सच कहता हूँ कि उनमें से जो यहाँ खड़े हैं कुछ ऐसे हैं कि जब तक ख़ुदा की बादशाही को देख न लें मौत का मज़ा हरगिज़ न चखेंगे।”
২৭কিন্তু যুষ্মানহং যথাৰ্থং ৱদামি, ঈশ্ৱৰীযৰাজৎৱং ন দৃষ্টৱা মৃত্যুং নাস্ৱাদিষ্যন্তে, এতাদৃশাঃ কিযন্তো লোকা অত্ৰ স্থনেঽপি দণ্ডাযমানাঃ সন্তি|
28 फिर इन बातों के कोई आठ रोज़ बाद ऐसा हुआ, कि वो पतरस और यूहन्ना और या'क़ूब को साथ लेकर पहाड़ पर दुआ करने गया।
২৮এতদাখ্যানকথনাৎ পৰং প্ৰাযেণাষ্টসু দিনেষু গতেষু স পিতৰং যোহনং যাকূবঞ্চ গৃহীৎৱা প্ৰাৰ্থযিতুং পৰ্ৱ্ৱতমেকং সমাৰুৰোহ|
29 जब वो दुआ कर रहा था, तो ऐसा हुआ कि उसके चेहरे की सूरत बदल गई, और उसकी पोशाक सफ़ेद बर्राक़ हो गई।
২৯অথ তস্য প্ৰাৰ্থনকালে তস্য মুখাকৃতিৰন্যৰূপা জাতা, তদীযং ৱস্ত্ৰমুজ্জ্ৱলশুক্লং জাতং|
30 और देखो, दो शख़्स या'नी मूसा और एलियाह उससे बातें कर रहे थे।
৩০অপৰঞ্চ মূসা এলিযশ্চোভৌ তেজস্ৱিনৌ দৃষ্টৌ
31 ये जलाल में दिखाई दिए और उसके इन्तक़ाल का ज़िक्र करते थे, जो येरूशलेम में वाक़े' होने को था।
৩১তৌ তেন যিৰূশালম্পুৰে যো মৃত্যুঃ সাধিষ্যতে তদীযাং কথাং তেন সাৰ্দ্ধং কথযিতুম্ আৰেভাতে|
32 मगर पतरस और उसके साथी नींद में पड़े थे और जब अच्छी तरह जागे, तो उसके जलाल को और उन दो शख़्सों को देखा जो उसके साथ खड़े थे।
৩২তদা পিতৰাদযঃ স্ৱস্য সঙ্গিনো নিদ্ৰযাকৃষ্টা আসন্ কিন্তু জাগৰিৎৱা তস্য তেজস্তেন সাৰ্দ্ধম্ উত্তিষ্ঠন্তৌ জনৌ চ দদৃশুঃ|
33 जब वो उससे जुदा होने लगे तो ऐसा हुआ कि पतरस ने ईसा से कहा, “ऐ उस्ताद! हमारा यहाँ रहना अच्छा है: पस हम तीन डेरे बनाएँ, एक तेरे लिए एक मूसा के लिए और एक एलियाह के लिए।” लेकिन वो जानता न था कि क्या कहता है।
৩৩অথ তযোৰুভযো ৰ্গমনকালে পিতৰো যীশুং বভাষে, হে গুৰোঽস্মাকং স্থানেঽস্মিন্ স্থিতিঃ শুভা, তত একা ৎৱদৰ্থা, একা মূসাৰ্থা, একা এলিযাৰ্থা, ইতি তিস্ৰঃ কুট্যোস্মাভি ৰ্নিৰ্ম্মীযন্তাং, ইমাং কথাং স ন ৱিৱিচ্য কথযামাস|
34 वो ये कहता ही था कि बादल ने आकर उन पर साया कर लिया, और जब वो बादल में घिरने लगे तो डर गए।
৩৪অপৰঞ্চ তদ্ৱাক্যৱদনকালে পযোদ এক আগত্য তেষামুপৰি ছাযাং চকাৰ, ততস্তন্মধ্যে তযোঃ প্ৰৱেশাৎ তে শশঙ্কিৰে|
35 और बादल में से एक आवाज़ आई, “ये मेरा चुना हुआ बेटा है, इसकी सुनो।”
৩৫তদা তস্মাৎ পযোদাদ্ ইযমাকাশীযা ৱাণী নিৰ্জগাম, মমাযং প্ৰিযঃ পুত্ৰ এতস্য কথাযাং মনো নিধত্ত|
36 ये आवाज़ आते ही ईसा अकेला दिखाई दिया; और वो चुप रहे, और जो बातें देखी थीं उन दिनों में किसी को उनकी कुछ ख़बर न दी।
৩৬ইতি শব্দে জাতে তে যীশুমেকাকিনং দদৃশুঃ কিন্তু তে তদানীং তস্য দৰ্শনস্য ৱাচমেকামপি নোক্ত্ৱা মনঃসু স্থাপযামাসুঃ|
37 दूसरे दिन जब वो पहाड़ से उतरे थे, तो ऐसा हुआ कि एक बड़ी भीड़ उससे आ मिली।
৩৭পৰেঽহনি তেষু তস্মাচ্ছৈলাদ্ অৱৰূঢেষু তং সাক্ষাৎ কৰ্ত্তুং বহৱো লোকা আজগ্মুঃ|
38 और देखो एक आदमी ने भीड़ में से चिल्लाकर कहा, “ऐ उस्ताद! मैं तेरी मिन्नत करता हूँ कि मेरे बेटे पर नज़र कर; क्यूँकि वो मेरा इकलौता है।
৩৮তেষাং মধ্যাদ্ একো জন উচ্চৈৰুৱাচ, হে গুৰো অহং ৱিনযং কৰোমি মম পুত্ৰং প্ৰতি কৃপাদৃষ্টিং কৰোতু, মম স এৱৈকঃ পুত্ৰঃ|
39 और देखो, एक रूह उसे पकड़ लेती है, और वो यकायक चीख़ उठता है; और उसको ऐसा मरोड़ती है कि क़फ़ भर लाता है, और उसको कुचल कर मुश्किल से छोड़ती है।
৩৯ভূতেন ধৃতঃ সন্ সং প্ৰসভং চীচ্ছব্দং কৰোতি তন্মুখাৎ ফেণা নিৰ্গচ্ছন্তি চ, ভূত ইত্থং ৱিদাৰ্য্য ক্লিষ্ট্ৱা প্ৰাযশস্তং ন ত্যজতি|
40 मैंने तेरे शागिर्दों की मिन्नत की कि उसे निकाल दें, लेकिन वो न निकाल सके।”
৪০তস্মাৎ তং ভূতং ত্যাজযিতুং তৱ শিষ্যসমীপে ন্যৱেদযং কিন্তু তে ন শেকুঃ|
41 ईसा ने जवाब में कहा, “ऐ कम ईमान वालों मैं कब तक तुम्हारे साथ रहूँगा और तुम्हारी बर्दाश्त करूँगा? अपने बेटे को ले आ।”
৪১তদা যীশুৰৱাদীৎ, ৰে আৱিশ্ৱাসিন্ ৱিপথগামিন্ ৱংশ কতিকালান্ যুষ্মাভিঃ সহ স্থাস্যাম্যহং যুষ্মাকম্ আচৰণানি চ সহিষ্যে? তৱ পুত্ৰমিহানয|
42 वो आता ही था कि बदरूह ने उसे पटक कर मरोड़ा और ईसा ने उस नापाक रूह को झिड़का और लड़के को अच्छा करके उसके बाप को दे दिया।
৪২ততস্তস্মিন্নাগতমাত্ৰে ভূতস্তং ভূমৌ পাতযিৎৱা ৱিদদাৰ; তদা যীশুস্তমমেধ্যং ভূতং তৰ্জযিৎৱা বালকং স্ৱস্থং কৃৎৱা তস্য পিতৰি সমৰ্পযামাস|
43 और सब लोग ख़ुदा की शान देखकर हैरान हुए। लेकिन जिस वक़्त सब लोग उन सब कामों पर जो वो करता था ता'ज्जुब कर रहे थे, उसने अपने शागिर्दों से कहा,
৪৩ঈশ্ৱৰস্য মহাশক্তিম্ ইমাং ৱিলোক্য সৰ্ৱ্ৱে চমচ্চক্ৰুঃ; ইত্থং যীশোঃ সৰ্ৱ্ৱাভিঃ ক্ৰিযাভিঃ সৰ্ৱ্ৱৈৰ্লোকৈৰাশ্চৰ্য্যে মন্যমানে সতি স শিষ্যান্ বভাষে,
44 “तुम्हारे कानों में ये बातें पड़ी रहें, क्यूँकि इब्न — ए — आदम आदमियों के हवाले किए जाने को है।”
৪৪কথেযং যুষ্মাকং কৰ্ণেষু প্ৰৱিশতু, মনুষ্যপুত্ৰো মনুষ্যাণাং কৰেষু সমৰ্পযিষ্যতে|
45 लेकिन वो इस बात को समझते न थे, बल्कि ये उनसे छिपाई गई ताकि उसे मा'लूम न करें; और इस बात के बारे में उससे पूछते हुए डरते थे।
৪৫কিন্তু তে তাং কথাং ন বুবুধিৰে, স্পষ্টৎৱাভাৱাৎ তস্যা অভিপ্ৰাযস্তেষাং বোধগম্যো ন বভূৱ; তস্যা আশযঃ ক ইত্যপি তে ভযাৎ প্ৰষ্টুং ন শেকুঃ|
46 फिर उनमें ये बहस शुरू' हुई, कि हम में से बड़ा कौन है?
৪৬তদনন্তৰং তেষাং মধ্যে কঃ শ্ৰেষ্ঠঃ কথামেতাং গৃহীৎৱা তে মিথো ৱিৱাদং চক্ৰুঃ|
47 लेकिन ईसा ने उनके दिलों का ख़याल मा'लूम करके एक बच्चे को लिया, और अपने पास खड़ा करके उनसे कहा,
৪৭ততো যীশুস্তেষাং মনোভিপ্ৰাযং ৱিদিৎৱা বালকমেকং গৃহীৎৱা স্ৱস্য নিকটে স্থাপযিৎৱা তান্ জগাদ,
48 “जो कोई इस बच्चे को मेरे नाम से क़ुबूल करता है, वो मुझे क़ुबूल करता है; और जो मुझे क़ुबूल करता है, वो मेरे भेजनेवाले को क़ुबूल करता है; क्यूँकि जो तुम में सब से छोटा है वही बड़ा है”
৪৮যো জনো মম নাম্নাস্য বালাস্যাতিথ্যং ৱিদধাতি স মমাতিথ্যং ৱিদধাতি, যশ্চ মমাতিথ্যং ৱিদধাতি স মম প্ৰেৰকস্যাতিথ্যং ৱিদধাতি, যুষ্মাকং মধ্যেযঃ স্ৱং সৰ্ৱ্ৱস্মাৎ ক্ষুদ্ৰং জানীতে স এৱ শ্ৰেষ্ঠো ভৱিষ্যতি|
49 यूहन्ना ने जवाब में कहा, “ऐ उस्ताद! हम ने एक शख़्स को तेरे नाम से बदरूह निकालते देखा, और उसको मनह' करने लगे, क्यूँकि वो हमारे साथ तेरी पैरवी नहीं करता।”
৪৯অপৰঞ্চ যোহন্ ৱ্যাজহাৰ হে প্ৰভে তৱ নাম্না ভূতান্ ত্যাজযন্তং মানুষম্ একং দৃষ্টৱন্তো ৱযং, কিন্ত্ৱস্মাকম্ অপশ্চাদ্ গামিৎৱাৎ তং ন্যষেধাম্| তদানীং যীশুৰুৱাচ,
50 लेकिन ईसा ने उससे कहा, “उसे मनह' न करना, क्यूँकि जो तुम्हारे ख़िलाफ़ नहीं वो तुम्हारी तरफ़ है।”
৫০তং মা নিষেধত, যতো যো জনোস্মাকং ন ৱিপক্ষঃ স এৱাস্মাকং সপক্ষো ভৱতি|
51 जब वो दिन नज़दीक आए कि वो ऊपर उठाया जाए, तो ऐसा हुआ कि उसने येरूशलेम जाने को कमर बाँधी।
৫১অনন্তৰং তস্যাৰোহণসময উপস্থিতে স স্থিৰচেতা যিৰূশালমং প্ৰতি যাত্ৰাং কৰ্ত্তুং নিশ্চিত্যাগ্ৰে দূতান্ প্ৰেষযামাস|
52 और आगे क़ासिद भेजे, वो जाकर सामरियों के एक गाँव में दाख़िल हुए ताकि उसके लिए तैयारी करें
৫২তস্মাৎ তে গৎৱা তস্য প্ৰযোজনীযদ্ৰৱ্যাণি সংগ্ৰহীতুং শোমিৰোণীযানাং গ্ৰামং প্ৰৱিৱিশুঃ|
53 लेकिन उन्होंने उसको टिकने न दिया, क्यूँकि उसका रुख येरूशलेम की तरफ़ था।
৫৩কিন্তু স যিৰূশালমং নগৰং যাতি ততো হেতো ৰ্লোকাস্তস্যাতিথ্যং ন চক্ৰুঃ|
54 ये देखकर उसके शागिर्द या'क़ूब और यूहन्ना ने कहा, “ऐ ख़ुदावन्द, क्या तू चाहता है कि हम हुक्म दें कि आसमान से आग नाज़िल होकर उन्हें भस्म कर दे [जैसा एलियाह ने किया]?”
৫৪অতএৱ যাকূব্যোহনৌ তস্য শিষ্যৌ তদ্ দৃষ্ট্ৱা জগদতুঃ, হে প্ৰভো এলিযো যথা চকাৰ তথা ৱযমপি কিং গগণাদ্ আগন্তুম্ এতান্ ভস্মীকৰ্ত্তুঞ্চ ৱহ্নিমাজ্ঞাপযামঃ? ভৱান্ কিমিচ্ছতি?
55 मगर उसने फिरकर उन्हें झिड़का [और कहा, तुम नहीं जानते कि तुम कैसी रूह के हो। क्यूँकि इब्न — ए — आदम लोगों की जान बरबाद करने नहीं बल्कि बचाने आया है]
৫৫কিন্তু স মুখং পৰাৱৰ্ত্য তান্ তৰ্জযিৎৱা গদিতৱান্ যুষ্মাকং মনোভাৱঃ কঃ, ইতি যূযং ন জানীথ|
56 फिर वो किसी और गाँव में चले गए।
৫৬মনুজসুতো মনুজানাং প্ৰাণান্ নাশযিতুং নাগচ্ছৎ, কিন্তু ৰক্ষিতুম্ আগচ্ছৎ| পশ্চাদ্ ইতৰগ্ৰামং তে যযুঃ|
57 जब वो राह में चले जाते थे तो किसी ने उससे कहा, “जहाँ कहीं तू जाए, मैं तेरे पीछे चलूँगा।”
৫৭তদনন্তৰং পথি গমনকালে জন একস্তং বভাষে, হে প্ৰভো ভৱান্ যত্ৰ যাতি ভৱতা সহাহমপি তত্ৰ যাস্যামি|
58 ईसा ने उससे कहा, “लोमड़ियों के भठ होते हैं और हवा के परिन्दों के घोंसले, मगर इब्न — ए — आदम के लिए सिर रखने की भी जगह नहीं।”
৫৮তদানীং যীশুস্তমুৱাচ, গোমাযূনাং গৰ্ত্তা আসতে, ৱিহাযসীযৱিহগানাং নীডানি চ সন্তি, কিন্তু মানৱতনযস্য শিৰঃ স্থাপযিতুং স্থানং নাস্তি|
59 फिर उसने दूसरे से कहा, “मेरे पीछे हो ले।” उसने जवाब में कहा, “ऐ ख़ुदावन्द! मुझे इजाज़त दे कि पहले जाकर अपने बाप को दफ़्न करूँ।”
৫৯ততঃ পৰং স ইতৰজনং জগাদ, ৎৱং মম পশ্চাদ্ এহি; ততঃ স উৱাচ, হে প্ৰভো পূৰ্ৱ্ৱং পিতৰং শ্মশানে স্থাপযিতুং মামাদিশতু|
60 उसने उससे कहा, “मुर्दों को अपने मुर्दे दफ़्न करने दे, लेकिन तू जाकर ख़ुदा की बादशाही की ख़बर फैला।”
৬০তদা যীশুৰুৱাচ, মৃতা মৃতান্ শ্মশানে স্থাপযন্তু কিন্তু ৎৱং গৎৱেশ্ৱৰীযৰাজ্যস্য কথাং প্ৰচাৰয|
61 एक और ने भी कहा, “ऐ ख़ुदावन्द! मैं तेरे पीछे चलूँगा, लेकिन पहले मुझे इजाज़त दे कि अपने घर वालों से रुख़्सत हो आऊँ।”
৬১ততোন্যঃ কথযামাস, হে প্ৰভো মযাপি ভৱতঃ পশ্চাদ্ গংস্যতে, কিন্তু পূৰ্ৱ্ৱং মম নিৱেশনস্য পৰিজনানাম্ অনুমতিং গ্ৰহীতুম্ অহমাদিশ্যৈ ভৱতা|
62 ईसा ने उससे कहा, “जो कोई अपना हाथ हल पर रख कर पीछे देखता है वो ख़ुदा की बादशाही के लायक़ नहीं।”
৬২তদানীং যীশুস্তং প্ৰোক্তৱান্, যো জনো লাঙ্গলে কৰমৰ্পযিৎৱা পশ্চাৎ পশ্যতি স ঈশ্ৱৰীযৰাজ্যং নাৰ্হতি|

< लूका 9 >