< लूका 23 >
1 फिर पूरी मज्लिस उठी और 'ईसा को पीलातुस के पास ले आई।
ତତଃ ସଭାସ୍ଥାଃ ସର୍ୱ୍ୱଲୋକା ଉତ୍ଥାଯ ତଂ ପୀଲାତସମ୍ମୁଖଂ ନୀତ୍ୱାପ୍ରୋଦ୍ୟ ୱକ୍ତୁମାରେଭିରେ,
2 और उन्होंने उस पर इल्ज़ाम लगा कर कहने लगे, “हम ने मालूम किया है कि यह आदमी हमारी क़ौम को गुमराह कर रहा है। यह क़ैसर को ख़िराज देने से मनह करता और दा'वा करता है कि मैं मसीह और बादशाह हूँ।”
ସ୍ୱମଭିଷିକ୍ତଂ ରାଜାନଂ ୱଦନ୍ତଂ କୈମରରାଜାଯ କରଦାନଂ ନିଷେଧନ୍ତଂ ରାଜ୍ୟୱିପର୍ୟ୍ୟଯଂ କୁର୍ତ୍ତୁଂ ପ୍ରୱର୍ତ୍ତମାନମ୍ ଏନ ପ୍ରାପ୍ତା ୱଯଂ|
3 पीलातुस ने उस से पूछा, “अच्छा, तुम यहूदियों के बादशाह हो?” ईसा ने जवाब दिया, जी, “आप ख़ुद कहते हैं।”
ତଦା ପୀଲାତସ୍ତଂ ପୃଷ୍ଟୱାନ୍ ତ୍ୱଂ କିଂ ଯିହୂଦୀଯାନାଂ ରାଜା? ସ ପ୍ରତ୍ୟୁୱାଚ ତ୍ୱଂ ସତ୍ୟମୁକ୍ତୱାନ୍|
4 फिर पीलातुस ने रहनुमा इमामों और हुजूम से कहा, “मुझे इस आदमी पर इल्ज़ाम लगाने की कोई वजह नज़र नहीं आती।”
ତଦା ପୀଲାତଃ ପ୍ରଧାନଯାଜକାଦିଲୋକାନ୍ ଜଗାଦ୍, ଅହମେତସ୍ୟ କମପ୍ୟପରାଧଂ ନାପ୍ତୱାନ୍|
5 मगर वो और भी ज़ोर देकर कहने लगे कि ये तमाम यहूदिया में बल्कि गलील से लेकर यहाँ तक लोगों को सिखा सिखा कर उभारता है
ତତସ୍ତେ ପୁନଃ ସାହମିନୋ ଭୂତ୍ୱାୱଦନ୍, ଏଷ ଗାଲୀଲ ଏତତ୍ସ୍ଥାନପର୍ୟ୍ୟନ୍ତେ ସର୍ୱ୍ୱସ୍ମିନ୍ ଯିହୂଦାଦେଶେ ସର୍ୱ୍ୱାଲ୍ଲୋକାନୁପଦିଶ୍ୟ କୁପ୍ରୱୃତ୍ତିଂ ଗ୍ରାହୀତୱାନ୍|
6 यह सुन कर पीलातुस ने पूछा, “क्या यह शख़्स गलील का है?”
ତଦା ପୀଲାତୋ ଗାଲୀଲପ୍ରଦେଶସ୍ୟ ନାମ ଶ୍ରୁତ୍ୱା ପପ୍ରଚ୍ଛ, କିମଯଂ ଗାଲୀଲୀଯୋ ଲୋକଃ?
7 जब उसे मालूम हुआ कि ईसा गलील यानी उस इलाक़े से है, जिस पर हेरोदेस अनतिपास की हुकूमत है तो उस ने उसे हेरोदेस के पास भेज दिया, क्यूँकि वह भी उस वक़्त येरूशलेम में था।
ତତଃ ସ ଗାଲୀଲ୍ପ୍ରଦେଶୀଯହେରୋଦ୍ରାଜସ୍ୟ ତଦା ସ୍ଥିତେସ୍ତସ୍ୟ ସମୀପେ ଯୀଶୁଂ ପ୍ରେଷଯାମାସ|
8 हेरोदेस ईसा को देख कर बहुत ख़ुश हुआ, क्यूँकि उस ने उस के बारे में बहुत कुछ सुना था, और इस लिए काफ़ी दिनों से उस से मिलना चाहता था। अब उस की बड़ी ख़्वाहिश थी, कि ईसा को कोई मोजिज़ा करते हुए देख सके।
ତଦା ହେରୋଦ୍ ଯୀଶୁଂ ୱିଲୋକ୍ୟ ସନ୍ତୁତୋଷ, ଯତଃ ସ ତସ୍ୟ ବହୁୱୃତ୍ତାନ୍ତଶ୍ରୱଣାତ୍ ତସ୍ୟ କିଞିଚଦାଶ୍ଚର୍ୟ୍ୟକର୍ମ୍ମ ପଶ୍ୟତି ଇତ୍ୟାଶାଂ କୃତ୍ୱା ବହୁକାଲମାରଭ୍ୟ ତଂ ଦ୍ରଷ୍ଟୁଂ ପ୍ରଯାସଂ କୃତୱାନ୍|
9 उस ने उस से बहुत सारे सवाल किए, लेकिन ईसा ने एक का भी जवाब न दिया।
ତସ୍ମାତ୍ ତଂ ବହୁକଥାଃ ପପ୍ରଚ୍ଛ କିନ୍ତୁ ସ ତସ୍ୟ କସ୍ୟାପି ୱାକ୍ୟସ୍ୟ ପ୍ରତ୍ୟୁତ୍ତରଂ ନୋୱାଚ|
10 रहनुमा इमाम और शरी'अत के उलमा साथ खड़े बड़े जोश से उस पर इल्ज़ाम लगाते रहे।
ଅଥ ପ୍ରଧାନଯାଜକା ଅଧ୍ୟାପକାଶ୍ଚ ପ୍ରୋତ୍ତିଷ୍ଠନ୍ତଃ ସାହସେନ ତମପୱଦିତୁଂ ପ୍ରାରେଭିରେ|
11 फिर हेरोदेस और उस के फ़ौजियों ने उसको ज़लील करते हुए उस का मज़ाक़ उड़ाया और उसे चमकदार लिबास पहना कर पीलातुस के पास वापस भेज दिया।
ହେରୋଦ୍ ତସ୍ୟ ସେନାଗଣଶ୍ଚ ତମୱଜ୍ଞାଯ ଉପହାସତ୍ୱେନ ରାଜୱସ୍ତ୍ରଂ ପରିଧାପ୍ୟ ପୁନଃ ପୀଲାତଂ ପ୍ରତି ତଂ ପ୍ରାହିଣୋତ୍|
12 उसी दिन हेरोदेस और पीलातुस दोस्त बन गए, क्यूँकि इस से पहले उन की दुश्मनी चल रही थी।
ପୂର୍ୱ୍ୱଂ ହେରୋଦ୍ପୀଲାତଯୋଃ ପରସ୍ପରଂ ୱୈରଭାୱ ଆସୀତ୍ କିନ୍ତୁ ତଦ୍ଦିନେ ଦ୍ୱଯୋ ର୍ମେଲନଂ ଜାତମ୍|
13 फिर पीलातुस ने रहनुमा इमामों, सरदारों और अवाम को जमा करके;
ପଶ୍ଚାତ୍ ପୀଲାତଃ ପ୍ରଧାନଯାଜକାନ୍ ଶାସକାନ୍ ଲୋକାଂଶ୍ଚ ଯୁଗପଦାହୂଯ ବଭାଷେ,
14 उन से कहा, “तुम ने इस शख़्स को मेरे पास ला कर इस पर इल्ज़ाम लगाया है कि यह क़ौम को उकसा रहा है। मैं ने तुम्हारी मौजूदगी में इस का जायज़ा ले कर ऐसा कुछ नहीं पाया जो तुम्हारे इल्ज़ामात की तस्दीक़ करे।
ରାଜ୍ୟୱିପର୍ୟ୍ୟଯକାରକୋଯମ୍ ଇତ୍ୟୁକ୍ତ୍ୱା ମନୁଷ୍ୟମେନଂ ମମ ନିକଟମାନୈଷ୍ଟ କିନ୍ତୁ ପଶ୍ୟତ ଯୁଷ୍ମାକଂ ସମକ୍ଷମ୍ ଅସ୍ୟ ୱିଚାରଂ କୃତ୍ୱାପି ପ୍ରୋକ୍ତାପୱାଦାନୁରୂପେଣାସ୍ୟ କୋପ୍ୟପରାଧଃ ସପ୍ରମାଣୋ ନ ଜାତଃ,
15 हेरोदेस भी कुछ नहीं मालूम कर सका, इस लिए उस ने इसे हमारे पास वापस भेज दिया है। इस आदमी से कोई भी ऐसा गुनाह नहीं हुआ कि यह सज़ा — ए — मौत के लायक़ है।
ଯୂଯଞ୍ଚ ହେରୋଦଃ ସନ୍ନିଧୌ ପ୍ରେଷିତା ମଯା ତତ୍ରାସ୍ୟ କୋପ୍ୟପରାଧସ୍ତେନାପି ନ ପ୍ରାପ୍ତଃ| ପଶ୍ୟତାନେନ ୱଧହେତୁକଂ କିମପି ନାପରାଦ୍ଧଂ|
16 इस लिए मैं इसे कोड़ों की सज़ा दे कर रिहा कर देता हूँ।”
ତସ୍ମାଦେନଂ ତାଡଯିତ୍ୱା ୱିହାସ୍ୟାମି|
17 [अस्ल में यह उस का फ़र्ज़ था कि वह ईद के मौक़े पर उन की ख़ातिर एक क़ैदी को रिहा कर दे]।
ତତ୍ରୋତ୍ସୱେ ତେଷାମେକୋ ମୋଚଯିତୱ୍ୟଃ|
18 लेकिन सब मिल कर शोर मचा कर कहने लगे, “इसे ले जाएँ! इसे नहीं बल्कि बर — अब्बा को रिहा करके हमें दें।”
ଇତି ହେତୋସ୍ତେ ପ୍ରୋଚ୍ଚୈରେକଦା ପ୍ରୋଚୁଃ, ଏନଂ ଦୂରୀକୃତ୍ୟ ବରବ୍ବାନାମାନଂ ମୋଚଯ|
19 (बर — अब्बा को इस लिए जेल में डाला गया था कि वह क़ातिल था और उस ने शहर में हुकूमत के ख़िलाफ़ बग़ावत की थी)।
ସ ବରବ୍ବା ନଗର ଉପପ୍ଲୱୱଧାପରାଧାଭ୍ୟାଂ କାରାଯାଂ ବଦ୍ଧ ଆସୀତ୍|
20 पीलातुस ईसा को रिहा करना चाहता था, इस लिए वह दुबारा उन से मुख़ातिब हुआ।
କିନ୍ତୁ ପୀଲାତୋ ଯୀଶୁଂ ମୋଚଯିତୁଂ ୱାଞ୍ଛନ୍ ପୁନସ୍ତାନୁୱାଚ|
21 लेकिन वह चिल्लाते रहे, “इसे मस्लूब करें, इसे मस्लूब करें।”
ତଥାପ୍ୟେନଂ କ୍ରୁଶେ ୱ୍ୟଧ କ୍ରୁଶେ ୱ୍ୟଧେତି ୱଦନ୍ତସ୍ତେ ରୁରୁୱୁଃ|
22 फिर पीलातुस ने तीसरी दफ़ा उन से कहा, “क्यूँ? उस ने क्या जुर्म किया है? मुझे इसे सज़ा — ए — मौत देने की कोई वजह नज़र नहीं आती। इस लिए मैं इसे कोड़े लगवा कर रिहा कर देता हूँ।”
ତତଃ ସ ତୃତୀଯୱାରଂ ଜଗାଦ କୁତଃ? ସ କିଂ କର୍ମ୍ମ କୃତୱାନ୍? ନାହମସ୍ୟ କମପି ୱଧାପରାଧଂ ପ୍ରାପ୍ତଃ କେୱଲଂ ତାଡଯିତ୍ୱାମୁଂ ତ୍ୟଜାମି|
23 लेकिन वह बड़ा शोर मचा कर उसे मस्लूब करने का तक़ाज़ा करते रहे, और आख़िरकार उन की आवाज़ें ग़ालिब आ गईं।
ତଥାପି ତେ ପୁନରେନଂ କ୍ରୁଶେ ୱ୍ୟଧ ଇତ୍ୟୁକ୍ତ୍ୱା ପ୍ରୋଚ୍ଚୈର୍ଦୃଢଂ ପ୍ରାର୍ଥଯାଞ୍ଚକ୍ରିରେ;
24 फिर पीलातुस ने फ़ैसला किया कि उन का मुतालबा पूरा किया जाए।
ତତଃ ପ୍ରଧାନଯାଜକାଦୀନାଂ କଲରୱେ ପ୍ରବଲେ ସତି ତେଷାଂ ପ୍ରାର୍ଥନାରୂପଂ କର୍ତ୍ତୁଂ ପୀଲାତ ଆଦିଦେଶ|
25 उस ने उस आदमी को रिहा कर दिया जो अपनी हुकूमत के ख़िलाफ़ हरकतों और क़त्ल की वजह से जेल में डाल दिया गया था जबकि ईसा को उस ने उन की मर्ज़ी के मुताबिक़ उन के हवाले कर दिया।
ରାଜଦ୍ରୋହୱଧଯୋରପରାଧେନ କାରାସ୍ଥଂ ଯଂ ଜନଂ ତେ ଯଯାଚିରେ ତଂ ମୋଚଯିତ୍ୱା ଯୀଶୁଂ ତେଷାମିଚ୍ଛାଯାଂ ସମାର୍ପଯତ୍|
26 जब फ़ौजी ईसा को ले जा रहे थे तो उन्हों ने एक आदमी को पकड़ लिया जो लिबिया के शहर कुरेन का रहने वाला था। उस का नाम शमौन था। उस वक़्त वह देहात से शहर में दाख़िल हो रहा था। उन्हों ने सलीब को उस के कँधों पर रख कर उसे ईसा के पीछे चलने का हुक्म दिया।
ଅଥ ତେ ଯୀଶୁଂ ଗୃହୀତ୍ୱା ଯାନ୍ତି, ଏତର୍ହି ଗ୍ରାମାଦାଗତଂ ଶିମୋନନାମାନଂ କୁରୀଣୀଯଂ ଜନଂ ଧୃତ୍ୱା ଯୀଶୋଃ ପଶ୍ଚାନ୍ନେତୁଂ ତସ୍ୟ ସ୍କନ୍ଧେ କ୍ରୁଶମର୍ପଯାମାସୁଃ|
27 एक बड़ा हुजूम उस के पीछे हो लिया जिस में कुछ ऐसी औरतें भी शामिल थीं जो सीना पीट पीट कर उस का मातम कर रही थीं।
ତତୋ ଲୋକାରଣ୍ୟମଧ୍ୟେ ବହୁସ୍ତ୍ରିଯୋ ରୁଦତ୍ୟୋ ୱିଲପନ୍ତ୍ୟଶ୍ଚ ଯୀଶୋଃ ପଶ୍ଚାଦ୍ ଯଯୁଃ|
28 ईसा ने मुड़ कर उन से कहा, “येरूशलेम की बेटियो! मेरे वास्ते न रोओ बल्कि अपने और अपने बच्चों के वास्ते रोओ।
କିନ୍ତୁ ସ ୱ୍ୟାଘୁଟ୍ୟ ତା ଉୱାଚ, ହେ ଯିରୂଶାଲମୋ ନାର୍ୟ୍ୟୋ ଯୁଯଂ ମଦର୍ଥଂ ନ ରୁଦିତ୍ୱା ସ୍ୱାର୍ଥଂ ସ୍ୱାପତ୍ୟାର୍ଥଞ୍ଚ ରୁଦିତି;
29 क्यूँकि ऐसे दिन आएँगे जब लोग कहेंगे, मुबारिक़ हैं वह जो बाँझ हैं, जिन्हों ने न तो बच्चों को जन्म दिया, न दूध पिलाया।’
ପଶ୍ୟତ ଯଃ କଦାପି ଗର୍ଭୱତ୍ୟୋ ନାଭୱନ୍ ସ୍ତନ୍ୟଞ୍ଚ ନାପାଯଯନ୍ ତାଦୃଶୀ ର୍ୱନ୍ଧ୍ୟା ଯଦା ଧନ୍ୟା ୱକ୍ଷ୍ୟନ୍ତି ସ କାଲ ଆଯାତି|
30 फिर लोग पहाड़ों से कहने लगेंगे, हम पर गिर पड़ो, और पहाड़ियों से कि ‘हमें छुपा लो।”’
ତଦା ହେ ଶୈଲା ଅସ୍ମାକମୁପରି ପତତ, ହେ ଉପଶୈଲା ଅସ୍ମାନାଚ୍ଛାଦଯତ କଥାମୀଦୃଶୀଂ ଲୋକା ୱକ୍ଷ୍ୟନ୍ତି|
31 “क्यूँकि अगर हरे दरख़्त से ऐसा सुलूक किया जाता है तो फिर सूखे के साथ क्या कुछ न किया जाएगा?”
ଯତଃ ସତେଜସି ଶାଖିନି ଚେଦେତଦ୍ ଘଟତେ ତର୍ହି ଶୁଷ୍କଶାଖିନି କିଂ ନ ଘଟିଷ୍ୟତେ?
32 दो और मर्दों को भी मस्लूब करने के लिए बाहर ले जाया जा रहा था। दोनों मुजरिम थे।
ତଦା ତେ ହନ୍ତୁଂ ଦ୍ୱାୱପରାଧିନୌ ତେନ ସାର୍ଦ୍ଧଂ ନିନ୍ୟୁଃ|
33 चलते चलते वह उस जगह पहुँचे जिस का नाम खोपड़ी था। वहाँ उन्हों ने ईसा को दोनों मुजरिमों समेत मस्लूब किया। एक मुजरिम को उस के दाएँ हाथ और दूसरे को उस के बाएँ हाथ लटका दिया गया।
ଅପରଂ ଶିରଃକପାଲନାମକସ୍ଥାନଂ ପ୍ରାପ୍ୟ ତଂ କ୍ରୁଶେ ୱିୱିଧୁଃ; ତଦ୍ଦ୍ୱଯୋରପରାଧିନୋରେକଂ ତସ୍ୟ ଦକ୍ଷିଣୋ ତଦନ୍ୟଂ ୱାମେ କ୍ରୁଶେ ୱିୱିଧୁଃ|
34 ईसा ने कहा, “ऐ बाप, इन्हें मुआफ़ कर, क्यूँकि यह जानते नहीं कि क्या कर रहे हैं।” उन्हों ने पर्ची डाल कर उस के कपड़े आपस में बाँट लिए।
ତଦା ଯୀଶୁରକଥଯତ୍, ହେ ପିତରେତାନ୍ କ୍ଷମସ୍ୱ ଯତ ଏତେ ଯତ୍ କର୍ମ୍ମ କୁର୍ୱ୍ୱନ୍ତି ତନ୍ ନ ୱିଦୁଃ; ପଶ୍ଚାତ୍ତେ ଗୁଟିକାପାତଂ କୃତ୍ୱା ତସ୍ୟ ୱସ୍ତ୍ରାଣି ୱିଭଜ୍ୟ ଜଗୃହୁଃ|
35 हुजूम वहाँ खड़ा तमाशा देखता रहा जबकि क़ौम के सरदारों ने उस का मज़ाक़ भी उड़ाया। उन्हों ने कहा, “उस ने औरों को बचाया है। अगर यह ख़ुदा का चुना हुआ और मसीह है तो अपने आप को बचाए।”
ତତ୍ର ଲୋକସଂଘସ୍ତିଷ୍ଠନ୍ ଦଦର୍ଶ; ତେ ତେଷାଂ ଶାସକାଶ୍ଚ ତମୁପହସ୍ୟ ଜଗଦୁଃ, ଏଷ ଇତରାନ୍ ରକ୍ଷିତୱାନ୍ ଯଦୀଶ୍ୱରେଣାଭିରୁଚିତୋ ଽଭିଷିକ୍ତସ୍ତ୍ରାତା ଭୱତି ତର୍ହି ସ୍ୱମଧୁନା ରକ୍ଷତୁ|
36 फ़ौजियों ने भी उसे लान — तान की। उस के पास आ कर उन्हों ने उसे मय का सिरका पेश किया
ତଦନ୍ୟଃ ସେନାଗଣା ଏତ୍ୟ ତସ୍ମୈ ଅମ୍ଲରସଂ ଦତ୍ୱା ପରିହସ୍ୟ ପ୍ରୋୱାଚ,
37 और कहा, “अगर तू यहूदियों का बादशाह है तो अपने आप को बचा ले।”
ଚେତ୍ତ୍ୱଂ ଯିହୂଦୀଯାନାଂ ରାଜାସି ତର୍ହି ସ୍ୱଂ ରକ୍ଷ|
38 उस के सर के ऊपर एक तख़्ती लगाई गई थी जिस पर लिखा था, “यह यहूदियों का बादशाह है।”
ଯିହୂଦୀଯାନାଂ ରାଜେତି ୱାକ୍ୟଂ ଯୂନାନୀଯରୋମୀଯେବ୍ରୀଯାକ୍ଷରୈ ର୍ଲିଖିତଂ ତଚ୍ଛିରସ ଊର୍ଦ୍ଧ୍ୱେଽସ୍ଥାପ୍ୟତ|
39 जो मुजरिम उस के साथ मस्लूब हुए थे उन में से एक ने कुफ़्र बकते हुए कहा, “क्या तू मसीह नहीं है? तो फिर अपने आप को और हमें भी बचा ले।
ତଦୋଭଯପାର୍ଶ୍ୱଯୋ ର୍ୱିଦ୍ଧୌ ଯାୱପରାଧିନୌ ତଯୋରେକସ୍ତଂ ୱିନିନ୍ଦ୍ୟ ବଭାଷେ, ଚେତ୍ତ୍ୱମ୍ ଅଭିଷିକ୍ତୋସି ତର୍ହି ସ୍ୱମାୱାଞ୍ଚ ରକ୍ଷ|
40 लेकिन दूसरे ने यह सुन कर उसे डाँटा, क्या तू ख़ुदा से भी नहीं डरता? जो सज़ा उसे दी गई है वह तुझे भी मिली है।
କିନ୍ତ୍ୱନ୍ୟସ୍ତଂ ତର୍ଜଯିତ୍ୱାୱଦତ୍, ଈଶ୍ୱରାତ୍ତୱ କିଞ୍ଚିଦପି ଭଯଂ ନାସ୍ତି କିଂ? ତ୍ୱମପି ସମାନଦଣ୍ଡୋସି,
41 हमारी सज़ा तो वाजिबी है, क्यूँकि हमें अपने कामों का बदला मिल रहा है, लेकिन इस ने कोई बुरा काम नहीं किया।”
ଯୋଗ୍ୟପାତ୍ରେ ଆୱାଂ ସ୍ୱସ୍ୱକର୍ମ୍ମଣାଂ ସମୁଚିତଫଲଂ ପ୍ରାପ୍ନୁୱଃ କିନ୍ତ୍ୱନେନ କିମପି ନାପରାଦ୍ଧଂ|
42 फिर उस ने ईसा से कहा, “जब आप अपनी बादशाही में आएँ तो मुझे याद करें।”
ଅଥ ସ ଯୀଶୁଂ ଜଗାଦ ହେ ପ୍ରଭେ ଭୱାନ୍ ସ୍ୱରାଜ୍ୟପ୍ରୱେଶକାଲେ ମାଂ ସ୍ମରତୁ|
43 ईसा ने उस से कहा, “मैं तुझे सच बताता हूँ कि तू आज ही मेरे साथ फ़िरदोस में होगा।”
ତଦା ଯୀଶୁଃ କଥିତୱାନ୍ ତ୍ୱାଂ ଯଥାର୍ଥଂ ୱଦାମି ତ୍ୱମଦ୍ୟୈୱ ମଯା ସାର୍ଦ୍ଧଂ ପରଲୋକସ୍ୟ ସୁଖସ୍ଥାନଂ ପ୍ରାପ୍ସ୍ୟସି|
44 बारह बजे से दोपहर तीन बजे तक पूरा मुल्क अंधेरे में डूब गया।
ଅପରଞ୍ଚ ଦ୍ୱିତୀଯଯାମାତ୍ ତୃତୀଯଯାମପର୍ୟ୍ୟନ୍ତଂ ରୱେସ୍ତେଜସୋନ୍ତର୍ହିତତ୍ୱାତ୍ ସର୍ୱ୍ୱଦେଶୋଽନ୍ଧକାରେଣାୱୃତୋ
45 सूरज तारीक हो गया और बैत — उल — मुक़द्दस के पाकतरीन कमरे के सामने लटका हुआ पर्दा दो हिस्सों में फट गया।
ମନ୍ଦିରସ୍ୟ ଯୱନିକା ଚ ଛିଦ୍ୟମାନା ଦ୍ୱିଧା ବଭୂୱ|
46 ईसा ऊँची आवाज़ से पुकार उठा, “ऐ बाप, मैं अपनी रूह तेरे हाथों में सौंपता हूँ।” यह कह कर उस ने दम तोड़ दिया।
ତତୋ ଯୀଶୁରୁଚ୍ଚୈରୁୱାଚ, ହେ ପିତ ର୍ମମାତ୍ମାନଂ ତୱ କରେ ସମର୍ପଯେ, ଇତ୍ୟୁକ୍ତ୍ୱା ସ ପ୍ରାଣାନ୍ ଜହୌ|
47 यह देख कर वहाँ खड़े फ़ौजी अफ़्सर ने ख़ुदा की बड़ाई करके कहा, “यह आदमी वाक़'ई रास्तबाज़ था।”
ତଦୈତା ଘଟନା ଦୃଷ୍ଟ୍ୱା ଶତସେନାପତିରୀଶ୍ୱରଂ ଧନ୍ୟମୁକ୍ତ୍ୱା କଥିତୱାନ୍ ଅଯଂ ନିତାନ୍ତଂ ସାଧୁମନୁଷ୍ୟ ଆସୀତ୍|
48 और हुजूम के तमाम लोग जो यह तमाशा देखने के लिए जमा हुए थे यह सब कुछ देख कर छाती पीटने लगे और शहर में वापस चले गए।
ଅଥ ଯାୱନ୍ତୋ ଲୋକା ଦ୍ରଷ୍ଟୁମ୍ ଆଗତାସ୍ତେ ତା ଘଟନା ଦୃଷ୍ଟ୍ୱା ୱକ୍ଷଃସୁ କରାଘାତଂ କୃତ୍ୱା ୱ୍ୟାଚୁଟ୍ୟ ଗତାଃ|
49 लेकिन ईसा के जानने वाले कुछ फ़ासिले पर खड़े देखते रहे। उन में वह औरतें भी शामिल थीं जो गलील में उस के पीछे चल कर यहाँ तक उस के साथ आई थीं।
ଯୀଶୋ ର୍ଜ୍ଞାତଯୋ ଯା ଯା ଯୋଷିତଶ୍ଚ ଗାଲୀଲସ୍ତେନ ସାର୍ଦ୍ଧମାଯାତାସ୍ତା ଅପି ଦୂରେ ସ୍ଥିତ୍ୱା ତତ୍ ସର୍ୱ୍ୱଂ ଦଦୃଶୁଃ|
50 वहाँ एक नेक और रास्तबाज़ आदमी बनाम यूसुफ़ था। वह यहूदी अदालत — ए — अलिया का रुकन था
ତଦା ଯିହୂଦୀଯାନାଂ ମନ୍ତ୍ରଣାଂ କ୍ରିଯାଞ୍ଚାସମ୍ମନ୍ୟମାନ ଈଶ୍ୱରସ୍ୟ ରାଜତ୍ୱମ୍ ଅପେକ୍ଷମାଣୋ
51 लेकिन दूसरों के फ़ैसले और हरकतो पर रज़ामन्द नहीं हुआ था। यह आदमी यहूदिया के शहर अरिमतियाह का रहने वाला था और इस इन्तिज़ार में था कि ख़ुदा की बादशाही आए।
ଯିହୂଦିଦେଶୀଯୋ ଽରିମଥୀଯନଗରୀଯୋ ଯୂଷଫ୍ନାମା ମନ୍ତ୍ରୀ ଭଦ୍ରୋ ଧାର୍ମ୍ମିକଶ୍ଚ ପୁମାନ୍
52 अब उस ने पिलातुस के पास जा कर उस से ईसा की लाश ले जाने की इजाज़त माँगी।
ପୀଲାତାନ୍ତିକଂ ଗତ୍ୱା ଯୀଶୋ ର୍ଦେହଂ ଯଯାଚେ|
53 फिर लाश को उतार कर उस ने उसे कतान के कफ़न में लपेट कर चट्टान में तराशी हुई एक क़ब्र में रख दिया जिस में अब तक किसी को दफ़नाया नहीं गया था।
ପଶ୍ଚାଦ୍ ୱପୁରୱରୋହ୍ୟ ୱାସସା ସଂୱେଷ୍ଟ୍ୟ ଯତ୍ର କୋପି ମାନୁଷୋ ନାସ୍ଥାପ୍ୟତ ତସ୍ମିନ୍ ଶୈଲେ ସ୍ୱାତେ ଶ୍ମଶାନେ ତଦସ୍ଥାପଯତ୍|
54 यह तैयारी का दिन यानी जुमआ था, लेकिन सबत का दिन शुरू होने को था।
ତଦ୍ଦିନମାଯୋଜନୀଯଂ ଦିନଂ ୱିଶ୍ରାମୱାରଶ୍ଚ ସମୀପଃ|
55 जो औरतें ईसा के साथ गलील से आई थीं वह यूसुफ़ के पीछे हो लीं। उन्हों ने क़ब्र को देखा और यह भी कि ईसा की लाश किस तरह उस में रखी गई है।
ଅପରଂ ଯୀଶୁନା ସାର୍ଦ୍ଧଂ ଗାଲୀଲ ଆଗତା ଯୋଷିତଃ ପଶ୍ଚାଦିତ୍ୱା ଶ୍ମଶାନେ ତତ୍ର ଯଥା ୱପୁଃ ସ୍ଥାପିତଂ ତଚ୍ଚ ଦୃଷ୍ଟ୍ୱା
56 फिर वह शहर में वापस चली गईं और उस की लाश के लिए ख़ुश्बूदार मसाले तैयार करने लगीं।
ୱ୍ୟାଘୁଟ୍ୟ ସୁଗନ୍ଧିଦ୍ରୱ୍ୟତୈଲାନି କୃତ୍ୱା ୱିଧିୱଦ୍ ୱିଶ୍ରାମୱାରେ ୱିଶ୍ରାମଂ ଚକ୍ରୁଃ|