< लूका 23 >
1 फिर पूरी मज्लिस उठी और 'ईसा को पीलातुस के पास ले आई।
୧ଏଚେଟିଏ ଡା଼ୟୁ ବାରେଜା଼ଣା ନିଙ୍ଗାନା ଜୀସୁଇଁ ପିଲାତ ନ଼କିତା ଅ଼ତେରି ।
2 और उन्होंने उस पर इल्ज़ाम लगा कर कहने लगे, “हम ने मालूम किया है कि यह आदमी हमारी क़ौम को गुमराह कर रहा है। यह क़ैसर को ख़िराज देने से मनह करता और दा'वा करता है कि मैं मसीह और बादशाह हूँ।”
୨ଇଞ୍ଜାଁ ଏ଼ୱାରି ଜୀସୁ କ଼ପାଟି ଦ଼ହ ଦସାନା ଏଲେଇଚେରି, “ମା଼ମ୍ବୁ ପୁଚମି ଈୱାସି ମା଼ କୂଡ଼ାତି ଲ଼କୁଣି ପ଼ଲ୍ଆ ଜା଼ପ୍ହିମାନେସି, ଇଚିହିଁ ଈୱାସି କାୟିସରକି ସିସ୍ତୁ ହୀଆଦୁ, ତା଼ନୁ ନା଼ନୁଏ କ୍ରୀସ୍ତ ଅ଼ଡ଼େ ରାଜାତେଏଁ ଇଞ୍ଜିଁ ୱେସା କଡିମାନେସି ।”
3 पीलातुस ने उस से पूछा, “अच्छा, तुम यहूदियों के बादशाह हो?” ईसा ने जवाब दिया, जी, “आप ख़ुद कहते हैं।”
୩ଏଚେଟିଏ ପିଲାତ ଜୀସୁଇଁ ୱେଚେସି, “ନୀନୁ କି ଜୀହୁଦି ଲ଼କୁତି ରାଜାତି?” ଜୀସୁ ୱେସ୍ତେସି, “ନୀନୁତ ୱେସିମାଞ୍ଜି ।”
4 फिर पीलातुस ने रहनुमा इमामों और हुजूम से कहा, “मुझे इस आदमी पर इल्ज़ाम लगाने की कोई वजह नज़र नहीं आती।”
୪ଏଚେଟିଏ ପିଲାତ କାଜା ପୂଜେରା ଅ଼ଡ଼େ ବାରେ ଲ଼କୁଣି ଏଲେଇଚେସି, “ନା଼ନୁ ଈୱାଣି ତା଼ଣା ଏ଼ନି ଦ଼ହ ପ୍ଣାଃଆତେଏଁ ।”
5 मगर वो और भी ज़ोर देकर कहने लगे कि ये तमाम यहूदिया में बल्कि गलील से लेकर यहाँ तक लोगों को सिखा सिखा कर उभारता है
୫ସାମା ଏ଼ୱାରି ଗାଡିକିହିଁ ଜ଼ଲିତେରି, “ଈୱାସି ଗାଲିଲିଟିଏ ମା଼ଟ୍ହାନା ଇମ୍ବା ପାତେକା ବାରେ ଜୀହୁଦା ଦେ଼ସାତି ଲ଼କୁଣି ଜା଼ପ୍ହାନା ଲାଗେଏ କିହିମାନେସି ।”
6 यह सुन कर पीलातुस ने पूछा, “क्या यह शख़्स गलील का है?”
୬ସାମା ପିଲାତ ଈ କାତା ୱେଞ୍ଜାନା ୱେଚେସି, “ଈୱାସି ଗାଲିଲିତାସିକି?”
7 जब उसे मालूम हुआ कि ईसा गलील यानी उस इलाक़े से है, जिस पर हेरोदेस अनतिपास की हुकूमत है तो उस ने उसे हेरोदेस के पास भेज दिया, क्यूँकि वह भी उस वक़्त येरूशलेम में था।
୭ଇଞ୍ଜାଁ ଏ଼ୱାସି ହେରଦ ରାଜା ରା଼ଜି ତାସି ଇଞ୍ଜିଁ ପୁଞ୍ଜାନା ଏ଼ୱାଣାଇଁ ହେରଦ ତା଼ଣା ପାଣ୍ତିତେସି, ଏ଼ନିଇଚିହିଁ ଏଚିବେ଼ଲା ହେରଦ ଜିରୁସାଲମତା ମାଚେସି ।
8 हेरोदेस ईसा को देख कर बहुत ख़ुश हुआ, क्यूँकि उस ने उस के बारे में बहुत कुछ सुना था, और इस लिए काफ़ी दिनों से उस से मिलना चाहता था। अब उस की बड़ी ख़्वाहिश थी, कि ईसा को कोई मोजिज़ा करते हुए देख सके।
୮ହେରଦ ଜୀସୁଇଁ ମେସାନା ହା଼ରେକା ରା଼ହାଁ ଆ଼ତେସି, ଏ଼ନିଇଚିହିଁ ଏ଼ୱାସି ଏ଼ୱାଣି କାତା ୱେଞ୍ଜା ମାଚାକି ଏ଼ୱାଣାଇଁ ହା଼ରେକା ଦିନାଟିଏ ମେସାଲି ମ଼ନ କିହିମାଚେସି, ଇଞ୍ଜାଁ ଏ଼ୱାଣି ତା଼ଣାଟି ଏ଼ନି କାବାଆ଼ନି କାମାକିନାଣି ମେହ୍ଇଁ ଇଞ୍ଜିଁ ଆ଼ସା କିହିମାଚେସି ।
9 उस ने उस से बहुत सारे सवाल किए, लेकिन ईसा ने एक का भी जवाब न दिया।
୯ହେରଦ ଜୀସୁଇଁ ଏ଼ନି ଏ଼ନି କାତାୟାଁ ୱେଚେସି, ସାମା ଜୀସୁ ଏ଼ୱାଣାଇଁ ଏ଼ନି କାତାୱା ୱେଣ୍ତେ ୱେହ୍ଆତେସି ।
10 रहनुमा इमाम और शरी'अत के उलमा साथ खड़े बड़े जोश से उस पर इल्ज़ाम लगाते रहे।
୧୦ସାମା କାଜା ପୂଜେରାଙ୍ଗା ଅ଼ଡ଼େ ମେ଼ରାପୁନାରି ନିଚାନା ଏ଼ୱାଣି କ଼ପାଟି ଆଜିହ଼ପେତି କାତାୟାଁ ଜ଼ଲିମାଚେରି ।
11 फिर हेरोदेस और उस के फ़ौजियों ने उसको ज़लील करते हुए उस का मज़ाक़ उड़ाया और उसे चमकदार लिबास पहना कर पीलातुस के पास वापस भेज दिया।
୧୧ଏଚେଟିଏ ହେରଦ ତାନି କ଼ସ୍କା ତଲେ ଏ଼ୱାଣାଇଁ କାକ୍ହି କାକ୍ହିହିଁ ନିନ୍ଦାକିତେରି ଏଚେଟିଏ ର଼ ପା଼ଟୁ ହିମ୍ବରି ଏ଼ୱାଣାଇଁ ହୁଚି କିହାନା ପିଲାତ ତା଼ଣା ୱେଣ୍ତେ ପାଣ୍ତିତେରି ।
12 उसी दिन हेरोदेस और पीलातुस दोस्त बन गए, क्यूँकि इस से पहले उन की दुश्मनी चल रही थी।
୧୨ଏ଼ ଦିନାଟିଏ ପିଲାତ ଅ଼ଡ଼େ ହେରଦ ତ଼ଣେ ଆ଼ତେରି; ଏ଼ୱାରି ନ଼କେଏ ସାତ୍ରୁୟାଁଲେହେଁ ମେସ୍ପି ଆ଼ୱିତେରି ।
13 फिर पीलातुस ने रहनुमा इमामों, सरदारों और अवाम को जमा करके;
୧୩ଏମ୍ବାଟିଏ ପିଲାତ କାଜା ପୂଜେରା ଜୀହୁଦି ଲ଼କୁତି କାଜାରି ଅ଼ଡ଼େ ବାରେ ଲ଼କୁଇଁ ହା଼ଟି କିହାନା ଏ଼ୱାରାଇଁ ଏଲେଇଚେସି,
14 उन से कहा, “तुम ने इस शख़्स को मेरे पास ला कर इस पर इल्ज़ाम लगाया है कि यह क़ौम को उकसा रहा है। मैं ने तुम्हारी मौजूदगी में इस का जायज़ा ले कर ऐसा कुछ नहीं पाया जो तुम्हारे इल्ज़ामात की तस्दीक़ करे।
୧୪“ଈୱାସି ଲ଼କୁଣି ପ଼ଲ୍ଆ ଜା଼ପ୍ହିମାନେସି ଇଞ୍ଜିଁ ମୀରୁ ନା଼ ତା଼ଣା ତାତେରି; ସାମା ନା଼ନୁ ଏ଼ୱାଣାଇଁ ମୀ ନ଼କିତା ତାୟିପାରି କିତେଏଁ ଇଞ୍ଜାଁ ମୀରୁ ୱେସାମାଞ୍ଜାତି ଏ଼ନି ଦ଼ହ ଏ଼ୱାଣି ତା଼ଣା ପ୍ଣାଃଆତେଏଁ, ଇଞ୍ଜାଁ ହେରଦ ଜିକେଏ ପ୍ଣାଃଆତେସି,
15 हेरोदेस भी कुछ नहीं मालूम कर सका, इस लिए उस ने इसे हमारे पास वापस भेज दिया है। इस आदमी से कोई भी ऐसा गुनाह नहीं हुआ कि यह सज़ा — ए — मौत के लायक़ है।
୧୫ଏ଼ନିଇଚିହିଁ ହେରଦ ଅ଼ଡ଼େ ୱେଣ୍ତେ ନା଼ ତା଼ଣା ପାଣ୍ତାତେସି; ଇଞ୍ଜାଁ ମେହ୍ଦୁ ଈୱାସି ହା଼ନି ଡଣ୍ତ ପା଼ଣ୍ନି ଏ଼ନି ଦ଼ହୱା କିହାହିଲଅସି;
16 इस लिए मैं इसे कोड़ों की सज़ा दे कर रिहा कर देता हूँ।”
୧୬ଏ଼ଦାଆଁତାକି ନା଼ନୁ ଈୱାଣାଇଁ ସା଼ଟ୍ଣି ତଲେ ୱେ଼ଚାନା ପିହ୍ଇଁ ।”
17 [अस्ल में यह उस का फ़र्ज़ था कि वह ईद के मौक़े पर उन की ख़ातिर एक क़ैदी को रिहा कर दे]।
୧୭ପିସ୍ପିଆ଼ନି ପାର୍ବୁ ବେ଼ଲା କାୟିଦି ମାନାରି ବିତ୍ରାଟି ରଅଣାଇଁ ଏ଼ୱାରାକି ପିସାଲି ମେ଼ରା ମାଚେ ।
18 लेकिन सब मिल कर शोर मचा कर कहने लगे, “इसे ले जाएँ! इसे नहीं बल्कि बर — अब्बा को रिहा करके हमें दें।”
୧୮ସାମା ଏ଼ୱାରି ରହେଁଏ ଗାଡିକିହିଁ ଏଲେଇଚେରି, “ଈୱାଣାଇଁ ପା଼ୟାଦୁ ବାରବାଇଁ ମାଙ୍ଗେ ପିସାହିୟାମୁ!”
19 (बर — अब्बा को इस लिए जेल में डाला गया था कि वह क़ातिल था और उस ने शहर में हुकूमत के ख़िलाफ़ बग़ावत की थी)।
୧୯ଈ ବାରବାଇଁ ଗା଼ଡ଼ାତି ଗଡ଼୍ହା ତାକି ଇଞ୍ଜାଁ ରଅଣାଇଁ ପା଼ୟାମାଚାକି କା଼ୟିଦି ଇଟାମାଚେରି ।
20 पीलातुस ईसा को रिहा करना चाहता था, इस लिए वह दुबारा उन से मुख़ातिब हुआ।
୨୦ସାମା ପିଲାତ ଜୀସୁଇଁ ପିସାଲି ଅଣ୍ପାନା ଲ଼କୁ ମାନ୍ଦାତି ଅ଼ଡ଼େ ପୁଣ୍ମ୍ବି କିହାଲି ୱେସ୍ତେସି ।
21 लेकिन वह चिल्लाते रहे, “इसे मस्लूब करें, इसे मस्लूब करें।”
୨୧ସାମା ଏ଼ୱାରି କାଜା ହା଼ଡାତଲେ ଏଲେଇଚେରି, “ଏ଼ୱାଣାଇଁ ପା଼ସି ମୁଣ୍ତାତା ଏକ୍ଦୁ ପା଼ସି ମୁଣ୍ତାତା ଏକ୍ଦୁ ଇଞ୍ଜିଁ ଇଚେରି ।”
22 फिर पीलातुस ने तीसरी दफ़ा उन से कहा, “क्यूँ? उस ने क्या जुर्म किया है? मुझे इसे सज़ा — ए — मौत देने की कोई वजह नज़र नहीं आती। इस लिए मैं इसे कोड़े लगवा कर रिहा कर देता हूँ।”
୨୨ଇଞ୍ଜାଁ ଏ଼ୱାସି ଅ଼ଡ଼େ ତୀନି ପା଼ଲି ୱେସ୍ତେସି, “ଏ଼ନାଆଁତାକି, ଏ଼ୱାସି ଏ଼ନି ଦ଼ହ କିହାମାନେସି? ନା଼ନୁ ଏ଼ୱାଣି ତା଼ଣା ଏ଼ନି ହା଼ନିହ଼ଗେତି ଦ଼ହ ପ୍ଣାଃଆତେଏଁ; ଏ଼ଦାଆଁତାକି ନା଼ନୁ ଏ଼ୱାଣାଇଁ ସା଼ସ୍ତି ହୀହାନା ପିହ୍ଇଁ ।”
23 लेकिन वह बड़ा शोर मचा कर उसे मस्लूब करने का तक़ाज़ा करते रहे, और आख़िरकार उन की आवाज़ें ग़ालिब आ गईं।
୨୩ସାମା ଏ଼ୱାରି କାଜା ଗିୟାଁତଲେ ଏ଼ୱାଣାଇଁ ପା଼ସି ମୁଣ୍ତାତା ଏକ୍ହାଲି ୱେସ୍ତେରି, ଡା଼ୟୁ ଏ଼ୱାରି ୱେସ୍ତାୟିଏ ଆ଼ତେ ।
24 फिर पीलातुस ने फ़ैसला किया कि उन का मुतालबा पूरा किया जाए।
୨୪ଇଞ୍ଜାଁ ଏ଼ୱାରି ୱେସ୍ତିଲେହେଁଏ କିୟାଲି ପିଲାତ ହୁକୁମି ହୀତେସି;
25 उस ने उस आदमी को रिहा कर दिया जो अपनी हुकूमत के ख़िलाफ़ हरकतों और क़त्ल की वजह से जेल में डाल दिया गया था जबकि ईसा को उस ने उन की मर्ज़ी के मुताबिक़ उन के हवाले कर दिया।
୨୫ସାମା ଆମିନିଗାଟାସି ଗଡ଼୍ହା ଅ଼ଡ଼େ ଲ଼କୁଣି ପା଼ୟାଲିଏ କା଼ୟିଦିତା ଇଟାମାଚାଣାଇଁ ରୀସା ମାଚେରି ପିସ୍ତେସି, ଅ଼ଡ଼େ ଜୀସୁଇଁ ଏ଼ୱାସି ଏ଼ୱାରି ଅଣ୍ପିତି ଲେହେଁ କିୟାଲି ଏ଼ୱାରିତା଼ଣା ହେର୍ପିତେସି ।
26 जब फ़ौजी ईसा को ले जा रहे थे तो उन्हों ने एक आदमी को पकड़ लिया जो लिबिया के शहर कुरेन का रहने वाला था। उस का नाम शमौन था। उस वक़्त वह देहात से शहर में दाख़िल हो रहा था। उन्हों ने सलीब को उस के कँधों पर रख कर उसे ईसा के पीछे चलने का हुक्म दिया।
୨୬ଏ଼ୱାରି ଜୀସୁଇଁ ଅ଼ହିମାଚାଟି ସିମନ ଦ଼ରୁଗାଟି କୁରିଣି ଦେ଼ସାତି ର଼ ନା଼ୟୁଁଟି ୱା଼ହିମାଚେସି, ଏ଼ୱାରି ଏ଼ୱାଣାଇଁ ପା଼ସିମୁଣ୍ତା ଡେ଼କି କିହାନା ଜୀସୁ ଜେ଼ଚ ଜେ଼ଚ ଅ଼ତେରି ।
27 एक बड़ा हुजूम उस के पीछे हो लिया जिस में कुछ ऐसी औरतें भी शामिल थीं जो सीना पीट पीट कर उस का मातम कर रही थीं।
୨୭ମାନ୍ଦା ଲ଼କୁ ଜୀସୁ ଜେ଼ଚ ହାଜିମାଚେରି ଅ଼ଡ଼େ ତାନି ତାକି ବକତା ୱେ଼ଚା କଡିହିଁ ଡ଼ୀହି ଡ଼ୀହିଁ ଏଚରଜା଼ଣା ଇୟାସିକା ଜିକେଏ ଏ଼ୱାଣି ଜେ଼ଚ ହାଜିମାଚୁ ।
28 ईसा ने मुड़ कर उन से कहा, “येरूशलेम की बेटियो! मेरे वास्ते न रोओ बल्कि अपने और अपने बच्चों के वास्ते रोओ।
୨୮ସାମା ଜୀସୁ ଏ଼ୱାସିକାୱାକି ସିନିକିହାନା ଏଲେଇଚେସି, “ଆଲ, ଜିରୁସାଲମତି ମା଼ସ୍କାତେରି ନା଼ ତାକି ଡ଼ୀଆଦୁ ସାମା ମୀ ତାକି ଅ଼ଡ଼େ ମୀ କକାରି ପ଼ଦାଁ ତାକି ଡ଼ୀଦୁ;
29 क्यूँकि ऐसे दिन आएँगे जब लोग कहेंगे, मुबारिक़ हैं वह जो बाँझ हैं, जिन्हों ने न तो बच्चों को जन्म दिया, न दूध पिलाया।’
୨୯ହେଣ୍ତୁ ଇଲେତି ଦିନା ୱା଼ହିମାନେ, ଆମ୍ବାଆୟି ବା଼ଞ୍ଜେଣିସିକା, ଆମ୍ବାଆୟି ଏଚେଲା ପୂରାମା଼ସା ଆ଼ହାହିଲାଉ ଅ଼ଡ଼େ ପା଼ଲୁ ଊଟ୍ହା ହିଲାଉ ଲ଼କୁ ଏ଼ୱାସିକାଣି ମିଙ୍ଗେଏ ନେହେଁ ଇଞ୍ଜାନେରି ।
30 फिर लोग पहाड़ों से कहने लगेंगे, हम पर गिर पड़ो, और पहाड़ियों से कि ‘हमें छुपा लो।”’
୩୦ଏଚିବେ଼ଲା ଲ଼କୁ ହ଼ର୍କାଣି ଏଲେଇନେରି ମା଼ ଲାକ ତର୍ଗାଦୁ ଅ଼ଡ଼େ ଊଣା ହ଼ର୍କାଣି ଏଲେଇନେରି ମାଙ୍ଗେ ପ୍ଡିକ୍ହାନା ଡ଼ୁକ୍ହାଦୁ ।
31 “क्यूँकि अगर हरे दरख़्त से ऐसा सुलूक किया जाता है तो फिर सूखे के साथ क्या कुछ न किया जाएगा?”
୩୧ଏ଼ନିଇଚିହିଁ ଲ଼କୁ ହିଇଲି ମା଼ର୍ନୁତି ଏଲେକିତିହିଁ, ଏ଼ଦି ୱା଼ୟିସାରେ ଏ଼ଦାଆଁ କିହାଁ ଆଗାଡ଼ା କିଅରିକି?”
32 दो और मर्दों को भी मस्लूब करने के लिए बाहर ले जाया जा रहा था। दोनों मुजरिम थे।
୩୨ଦ଼ହଗାଟାରି ରିଆରି ଜିକେଏ ପା଼ସି ଏକ୍ହାଲି ଜୀସୁତଲେ ଅ଼ୱିଆ଼ତେରି ।
33 चलते चलते वह उस जगह पहुँचे जिस का नाम खोपड़ी था। वहाँ उन्हों ने ईसा को दोनों मुजरिमों समेत मस्लूब किया। एक मुजरिम को उस के दाएँ हाथ और दूसरे को उस के बाएँ हाथ लटका दिया गया।
୩୩ଏମ୍ବାଟିଏ ଏ଼ୱାରି ତା଼ର୍ୟୁଁଗିର୍ପା ଇନି ଟା଼ୟୁତା ଏଜାନା ଏମ୍ବାଆଁ ଜୀସୁଇଁ ପା଼ସି ମୁଣ୍ତାତା ଏ଼କ୍ହାନା ଏ଼ ରୀ ଦ଼ହଗାଟାରି ବିତ୍ରାଟି ରଅଣାଇଁ ଏ଼ୱାଣି ଟିଃନିୱାକି ଅ଼ଡ଼େ ରଅଣାଇଁ ଏ଼ୱାଣି ଟେ଼ବ୍ରିୱାକି ପା଼ସି ଏକ୍ହେରି ।
34 ईसा ने कहा, “ऐ बाप, इन्हें मुआफ़ कर, क्यूँकि यह जानते नहीं कि क्या कर रहे हैं।” उन्हों ने पर्ची डाल कर उस के कपड़े आपस में बाँट लिए।
୩୪ଏଚିବେ଼ଲା ଜୀସୁ ଏଲେଇଚେସି, “ଏ଼ ଆ଼ବା ଏ଼ୱାରି ଦ଼ହ ଆହ୍ଆନି, ଇଚିହିଁ ଏ଼ୱାରି ଏ଼ନାଆଁ କିହିମାନେରି ଏ଼ଦାଆଁ ପୁଞ୍ଜାହିଲଅରି ।” ଅ଼ଡ଼େ ଏ଼ୱାରି ଏ଼ୱାଣି ହିମ୍ବରି ବା଼ଟିକିହାଲି ପାଦି କିତେରି ।
35 हुजूम वहाँ खड़ा तमाशा देखता रहा जबकि क़ौम के सरदारों ने उस का मज़ाक़ भी उड़ाया। उन्हों ने कहा, “उस ने औरों को बचाया है। अगर यह ख़ुदा का चुना हुआ और मसीह है तो अपने आप को बचाए।”
୩୫ଇଞ୍ଜାଁ ଲ଼କୁ ବାରେ ନିଚାନା ସିନିକିହିମାଚେରି, ଏ଼ୱାରି ବିତ୍ରାଟି କାଜାରି ଜିକେଏ ନିନ୍ଦାକିହିଁ ଏଲେଇଚେରି, “ଏ଼ୱାସି ଏଟ୍କା ଲ଼କୁଣି ଗେଲ୍ପିତେସି; ଏ଼ୱାସି ମାହାପୂରୁ ଆ଼ଚିତି କ୍ରୀସ୍ତ ଇଚିହିଁ ତା଼ନୁଏ ତାଙ୍ଗେ ଗେଲ୍ପିକିହା କଡାପେସି ।”
36 फ़ौजियों ने भी उसे लान — तान की। उस के पास आ कर उन्हों ने उसे मय का सिरका पेश किया
୩୬କ଼ସ୍କା ଜିକେଏ ଏ଼ୱାଣି ଡାଗେ ହାଜାନା ପୁଲାଏ଼ୟୁ ଗସାଲି ହୀହାଁ ଏ଼ୱାଣାଇଁ କାକ୍ହିହିଁ ଏଲେଇଚେରି,
37 और कहा, “अगर तू यहूदियों का बादशाह है तो अपने आप को बचा ले।”
୩୭“ନୀନୁ ଜୀହୁଦି ଲ଼କୁତି ରାଜାତି ଇଚିହିଁ ନୀନୁଏ ନିଙ୍ଗେ ପିସ୍ପି କିହାକଡାମୁ ।”
38 उस के सर के ऊपर एक तख़्ती लगाई गई थी जिस पर लिखा था, “यह यहूदियों का बादशाह है।”
୩୮ଇଞ୍ଜାଁ ଏ଼ୱାଣି ପା଼ସିମୁଣ୍ତା ଲାକ ଇଲେଇଞ୍ଜିଁ ରା଼ସ୍କି ଆ଼ହାମାଚେ, “ଈୱାସି ଜୀହୁଦି ଲ଼କୁତି ରାଜା ।”
39 जो मुजरिम उस के साथ मस्लूब हुए थे उन में से एक ने कुफ़्र बकते हुए कहा, “क्या तू मसीह नहीं है? तो फिर अपने आप को और हमें भी बचा ले।
୩୯ଅ଼ଡ଼େ ପା଼ସି ମୁଣ୍ତାତା ପା଼ସି ଏକ୍ହାମାଚି ଦ଼ହଗାଟାରି ବିତ୍ରାଟି ଜିକେଏ ରଅସି ଏ଼ୱାଣାଇଁ ନିନ୍ଦାକିହିଁ ଏଲେଇଚେସି, “ନୀନୁ କ୍ରୀସ୍ତତି ଆ଼ଏକି? ନିଙ୍ଗେ ଅ଼ଡ଼େ ମାଙ୍ଗେ ପିସ୍ପି କିୟାମୁ ।”
40 लेकिन दूसरे ने यह सुन कर उसे डाँटा, क्या तू ख़ुदा से भी नहीं डरता? जो सज़ा उसे दी गई है वह तुझे भी मिली है।
୪୦ସାମା ଅ଼ଡ଼େ ରଅସି ଏ଼ୱାଣାଇଁ ଦାକା ହୀହାନା ଏଲେଇଚେସି, “ନୀନୁ ଏ଼ୱାଣିଲେହେଁ ଡଣ୍ତ ବେଟାଆ଼ହିଁ ଜିକେଏ ନିଙ୍ଗେ ମାହାପୂରୁଇଁ ଆଜି ହିଲେଏ?
41 हमारी सज़ा तो वाजिबी है, क्यूँकि हमें अपने कामों का बदला मिल रहा है, लेकिन इस ने कोई बुरा काम नहीं किया।”
୪୧ଅ଼ଡ଼େ ମା଼ରସା ନୀହାଁୟି ତଲେ ଡଣ୍ତ ବେଟାଆ଼ହି ମାନାୟି, ଇଚିହିଁ ମା଼ କିତି କାମାତି ପା଼ଡ଼େୟି ବେଟାଆ଼ହି ମାନାୟି; ସାମା ଈୱାସି ଏ଼ନି ଦ଼ହ କିହାହିଲଅସି ।”
42 फिर उस ने ईसा से कहा, “जब आप अपनी बादशाही में आएँ तो मुझे याद करें।”
୪୨ଇଞ୍ଜାଁ ଏ଼ୱାସି ଜୀସୁଇଁ ଏଲେଇଚେସି, “ଏ଼ ଜୀସୁ ନୀନୁ ନୀ ରା଼ଜିତା ହାଚିସାରେ ନାଙ୍ଗେ ଅଣ୍ପାମୁ ।”
43 ईसा ने उस से कहा, “मैं तुझे सच बताता हूँ कि तू आज ही मेरे साथ फ़िरदोस में होगा।”
୪୩ଏମ୍ବାଟିଏ ଜୀସୁ ଏ଼ୱାଣାଇଁ ଏଲେଇଚେସି, “ନା଼ନୁ ନିଙ୍ଗ ସାତା ୱେସିମାଞ୍ଜାଇଁ, ନୀଞ୍ଜୁ ନୀନୁ ଲାକପୂରୁତା ନା଼ ତଲେ ମାଞ୍ଜି ।”
44 बारह बजे से दोपहर तीन बजे तक पूरा मुल्क अंधेरे में डूब गया।
୪୪ଏଚିବେ଼ଲା ସମାନା ବା଼ରଗଂଟା ଆ଼ହାମାଚେ, ଅ଼ଡ଼େ ୱେ଼ଡ଼ା ଉଜେଡ଼ି ହୀଆତାକି ତୀନି ଗଂଟା ପାତେକା ଦେ଼ସା ବାରେ ଆନ୍ଦେରି ଆ଼ହାମାଚେ,
45 सूरज तारीक हो गया और बैत — उल — मुक़द्दस के पाकतरीन कमरे के सामने लटका हुआ पर्दा दो हिस्सों में फट गया।
୪୫ଇଞ୍ଜାଁ ମାହାପୂରୁ ଇଲୁତା ଲେଚାମାନି ହିମ୍ବରି ରୀ ବା଼ଗା ଆ଼ହିଁ ଗେଞ୍ଜା ହାଚେ ।
46 ईसा ऊँची आवाज़ से पुकार उठा, “ऐ बाप, मैं अपनी रूह तेरे हाथों में सौंपता हूँ।” यह कह कर उस ने दम तोड़ दिया।
୪୬ଅ଼ଡ଼େ ଜୀସୁ କାଜା ଗିୟାଁତଲେ ହା଼ଟିହିଁ ଏଲେଇଚେସି, “ଏ଼ ଆ଼ବା ନୀ କେୟୁତା ନା଼ ଜୀୱୁତି ହେର୍ପିମାଞ୍ଜାଇଁ!” ଏଲେଇଞ୍ଜି ଜ଼ଲାନା ତାନି ଜୀୱୁ ହାଚେ ।
47 यह देख कर वहाँ खड़े फ़ौजी अफ़्सर ने ख़ुदा की बड़ाई करके कहा, “यह आदमी वाक़'ई रास्तबाज़ था।”
୪୭ଏ଼ଦାଆଁ ମେସାନା ପା଼ସାକ଼ଡ଼ି କ଼ସ୍କା ମୁହେଁ କାଜାସି ମାହାପୂରୁଇଁ ଜହରା କିହିଁ ଏଲେଇଚେସି, “ଈୱାସି ସାତେଏ ତୀରିଗାଟାସି ମାଚେସି ।”
48 और हुजूम के तमाम लोग जो यह तमाशा देखने के लिए जमा हुए थे यह सब कुछ देख कर छाती पीटने लगे और शहर में वापस चले गए।
୪୮ଇଞ୍ଜାଁ ଏ଼ୱାଣାଇଁ ମେସାଲି ରୁଣ୍ତା ଆ଼ହାମାଚି ବାରେ ଲ଼କୁ ଈ ବାରେ ମେସାନା ବକତା ୱେ଼ଚା କଡିହିଁ ୱେଣ୍ତା ହାଚେରି ।
49 लेकिन ईसा के जानने वाले कुछ फ़ासिले पर खड़े देखते रहे। उन में वह औरतें भी शामिल थीं जो गलील में उस के पीछे चल कर यहाँ तक उस के साथ आई थीं।
୪୯ସାମା ଜୀସୁଇଁ ପୁଞ୍ଜାମାଚି ବାରେ ଲ଼କୁ ଇଞ୍ଜାଁ ଗାଲିଲିଟି ରହେଁଏ ଆଣ୍ତାନା ତାନି ଜେ଼ଚ ଜେ଼ଚ ୱା଼ହାମାଚି ଇୟାସିକା ହେକ ନିଚାନା ଏ଼ ବାରେ ସିନିକିହିମାଚୁ ।
50 वहाँ एक नेक और रास्तबाज़ आदमी बनाम यूसुफ़ था। वह यहूदी अदालत — ए — अलिया का रुकन था
୫୦ଇଞ୍ଜାଁ ଜୀହୁଦି ଦେ଼ସାତି ହାରାମାତିୟା ଇନି ଗା଼ଡ଼ାତି ଜସେପ ଇନାସି ଜୀହୁଦି ଲ଼କୁତି କାଜା କୁଲମିତି ରଅସି ମାଚେସି; ଏ଼ୱାସି ନେହାଁସି ଇଞ୍ଜାଁ ତୀରିଗାଟାସି ମାଚେସି ।
51 लेकिन दूसरों के फ़ैसले और हरकतो पर रज़ामन्द नहीं हुआ था। यह आदमी यहूदिया के शहर अरिमतियाह का रहने वाला था और इस इन्तिज़ार में था कि ख़ुदा की बादशाही आए।
୫୧ଜୀହୁଦାତି ହାରାମାତିୟା ଇନି ନା଼ୟୁଁତି ଜସେପ ଇନାସି ର଼ ମାଣ୍ସି ମାଚେସି । ଏ଼ୱାସି ଦାର୍ମୁଗାଟାସି ଇଞ୍ଜାଁ ମା଼ନି ଗାଟାସି ମାଚେସି ଅ଼ଡ଼େ ମାହାପୂରୁତି ରା଼ଜି ୱା଼ନାଣି କା଼ଚିମାଚେସି । କାଜା ବେ଼ରଣିତି ମାଣ୍ସି ମାଚିହିଁ ଜିକେଏ, ଏ଼ୱାସି ଏ଼ୱାରି କାତା ଅ଼ଡ଼େ କାମାତା ଆଣ୍ଡିହିଲାଆତେସି ।
52 अब उस ने पिलातुस के पास जा कर उस से ईसा की लाश ले जाने की इजाज़त माँगी।
୫୨ଏ଼ୱାସି ପିଲାତ ତା଼ଣା ହାଜାନା ଜୀସୁ ମାଡ଼୍ହାତି ରୀସ୍ତେସି,
53 फिर लाश को उतार कर उस ने उसे कतान के कफ़न में लपेट कर चट्टान में तराशी हुई एक क़ब्र में रख दिया जिस में अब तक किसी को दफ़नाया नहीं गया था।
୫୩ଇଞ୍ଜାଁ ମାଡ଼୍ହାତି ରେ଼ପ୍ହାନା ନେହିଁ ପା଼ତାଡ଼ା ହିମ୍ବରି ରୂପାନା ଏମ୍ବାଆଁ ହ଼ରୁତା କା଼ର୍ହାମାଚି ଏଚେଲା ଆମ୍ବାଆରି ମୁସାହିଲାଆ ମାଡ଼୍ହା ମୁହ୍ନି ଟା଼ୟୁତା ଏ଼ୱାଣାଇଁ ମୁସ୍ତେରି ।
54 यह तैयारी का दिन यानी जुमआ था, लेकिन सबत का दिन शुरू होने को था।
୫୪ଏ଼ ଦିନା ତିୟାରା ଆ଼ନି ଦିନା ମାଚେ ଅ଼ଡ଼େ ଜ଼ମିନି ଦିନା ଏଗା ୱା଼ହିମାଚେ ।
55 जो औरतें ईसा के साथ गलील से आई थीं वह यूसुफ़ के पीछे हो लीं। उन्हों ने क़ब्र को देखा और यह भी कि ईसा की लाश किस तरह उस में रखी गई है।
୫୫ଅ଼ଡ଼େ ଗାଲିଲିଟି ୱା଼ହାମାନି ଇୟାସିକା ଜେ଼ଚ ଜେ଼ଚ ହାଜାନା ମାହ୍ଣି ମାଣ୍ତା ଅ଼ଡ଼େ ତାନି ମାଡ଼୍ହା ଏ଼ନିକିଁ ମୁସାମାଚାଣି ମେସ୍ତୁ,
56 फिर वह शहर में वापस चली गईं और उस की लाश के लिए ख़ुश्बूदार मसाले तैयार करने लगीं।
୫୬ଇଞ୍ଜାଁ ଏ଼ୱି ୱେଣ୍ତା ହାଜାନା ଗାନ୍ଦା ନିୟୁଁ ଇଞ୍ଜାଁ ଗାନ୍ଦାଗାଟି ଆ଼ସ୍ତି ତିୟାରା କିତୁ । ଇଞ୍ଜାଁ ଜ଼ମିନି ଦିନାତା ତାମି ମେ଼ରାଲେହେଁ ଜ଼ମିତୁ ।