< लूका 23 >

1 फिर पूरी मज्लिस उठी और 'ईसा को पीलातुस के पास ले आई।
तालू सारी सभा उठी करी उसयो पिलातुस बाल लेई गेई।
2 और उन्होंने उस पर इल्ज़ाम लगा कर कहने लगे, “हम ने मालूम किया है कि यह आदमी हमारी क़ौम को गुमराह कर रहा है। यह क़ैसर को ख़िराज देने से मनह करता और दा'वा करता है कि मैं मसीह और बादशाह हूँ।”
कने सै ऐ बोली करी उस पर दोष लगाणा लग्गे, “असां इसयो साड़े लोकां जो बेहकांदे कने महाराजा जो कर देंणे ला मना करदे, कने अपणे आपे जो मसीह, कने राजा बोलदे सुणया है।”
3 पीलातुस ने उस से पूछा, “अच्छा, तुम यहूदियों के बादशाह हो?” ईसा ने जवाब दिया, जी, “आप ख़ुद कहते हैं।”
पिलातुसे उसला पुछया, “क्या तू यहूदियां दा राजा है?” उनी उसयो जबाब दिता, “तू अपु ही बोला दा है।”
4 फिर पीलातुस ने रहनुमा इमामों और हुजूम से कहा, “मुझे इस आदमी पर इल्ज़ाम लगाने की कोई वजह नज़र नहीं आती।”
तालू पिलातुसे बड्डे याजकां कने लोकां ने बोलया, “मिंजो इस माणुऐ च कोई दोष नी मिलदा है।”
5 मगर वो और भी ज़ोर देकर कहने लगे कि ये तमाम यहूदिया में बल्कि गलील से लेकर यहाँ तक लोगों को सिखा सिखा कर उभारता है
पर सै होर भी दबाब पाई करी जोरे ने बोलणा लग्गे, “यहूदिया प्रदेशे दे सारे लोकां च इदिया शिक्षा दिया बजा ने दंगे हो दे न, कने गलील प्रदेश च भी इयां ही किता कने हुण ऐथू आई गिया है।”
6 यह सुन कर पीलातुस ने पूछा, “क्या यह शख़्स गलील का है?”
ऐ सुणीकरी पिलातुसे पुछया, “क्या ऐ माणु गलील प्रदेश दा रेणे बाला है?”
7 जब उसे मालूम हुआ कि ईसा गलील यानी उस इलाक़े से है, जिस पर हेरोदेस अनतिपास की हुकूमत है तो उस ने उसे हेरोदेस के पास भेज दिया, क्यूँकि वह भी उस वक़्त येरूशलेम में था।
कने ऐ जाणी करी की सै उस प्रदेश दा है जिथू राजा हेरोदेस राज करदा है, तां उसयो हेरोदेसे बाल भेजी दिता, क्योंकि उना दिना राजा हेरोदेस भी यरूशलेम च था।
8 हेरोदेस ईसा को देख कर बहुत ख़ुश हुआ, क्यूँकि उस ने उस के बारे में बहुत कुछ सुना था, और इस लिए काफ़ी दिनों से उस से मिलना चाहता था। अब उस की बड़ी ख़्वाहिश थी, कि ईसा को कोई मोजिज़ा करते हुए देख सके।
हेरोदेस यीशुऐ जो दिखीकरी बड़ा खुश होया, क्योंकि सै उसयो बड़े रोजां ला दिखणा चांदा था: उनी उदे बारे च सुणाया था, कने हेरोदेस यीशुऐ ला कुछ चमत्कार दिखणे दी आस रखदा था।
9 उस ने उस से बहुत सारे सवाल किए, लेकिन ईसा ने एक का भी जवाब न दिया।
सै उसला मतियां गल्लां पुछदा रिया, पर उनी उना दा कोई भी जबाब नी दिता।
10 रहनुमा इमाम और शरी'अत के उलमा साथ खड़े बड़े जोश से उस पर इल्ज़ाम लगाते रहे।
कने बड्डे याजक कने व्यवस्था जो सिखाणे बाले खड़ोई करी पुरे जोर शोर लाईकरी उस पर दोष लांदे रे।
11 फिर हेरोदेस और उस के फ़ौजियों ने उसको ज़लील करते हुए उस का मज़ाक़ उड़ाया और उसे चमकदार लिबास पहना कर पीलातुस के पास वापस भेज दिया।
तालू राजा हेरोदेसे अपणे सिपाईयां सोगी उदी बेजती करिके उदा मजाक उड़ाया, कने चटकिले कपड़े पेहनाइ करी उसयो पिलातुस बाल बापस भेजी दिता।
12 उसी दिन हेरोदेस और पीलातुस दोस्त बन गए, क्यूँकि इस से पहले उन की दुश्मनी चल रही थी।
उस बकते दीकर पिलातुस कने हेरोदेस इकी दुऐ दे दुशमण थे, पर दोनो उसी रोजे मित्र बणी गे।
13 फिर पीलातुस ने रहनुमा इमामों, सरदारों और अवाम को जमा करके;
पिलातुसे बड्डे याजकां कने सरदारां कने लोकां जो सदीकरी बोलया,
14 उन से कहा, “तुम ने इस शख़्स को मेरे पास ला कर इस पर इल्ज़ाम लगाया है कि यह क़ौम को उकसा रहा है। मैं ने तुम्हारी मौजूदगी में इस का जायज़ा ले कर ऐसा कुछ नहीं पाया जो तुम्हारे इल्ज़ामात की तस्दीक़ करे।
तुसां इस माणुऐ जो मेरे बाल लेई आये कने बोलया की दंगा कराणे तांई लोकां जो भटकांदा था। पर दिखा, मैं तुहाड़े सामणे इसदी जाँच किती, पर जिना गल्लां दा तुसां इदे पर दोष लगा दे न, मिंजो उना गल्लां दे बारे च उदे च कोई भी दोष नी मिल्ला है;
15 हेरोदेस भी कुछ नहीं मालूम कर सका, इस लिए उस ने इसे हमारे पास वापस भेज दिया है। इस आदमी से कोई भी ऐसा गुनाह नहीं हुआ कि यह सज़ा — ए — मौत के लायक़ है।
कने ना ही हेरोदेसे उस पर कोई दोष लाया, क्योंकि उनी इसयो साड़े बाल बापस भेजी दितया है क्योंकि इनी माणुऐ ऐसा कुछ नी कितया की इसयो मौत दी सजा मिल्ले।
16 इस लिए मैं इसे कोड़ों की सज़ा दे कर रिहा कर देता हूँ।”
“इस तांई मैं इसयो कोड़े मरवाई करी छडी देणा है।”
17 [अस्ल में यह उस का फ़र्ज़ था कि वह ईद के मौक़े पर उन की ख़ातिर एक क़ैदी को रिहा कर दे]।
पिलातुस फसह दे त्योहारे दे बेले उना दे इकी केदिये जो छडी दिन्दा था।
18 लेकिन सब मिल कर शोर मचा कर कहने लगे, “इसे ले जाएँ! इसे नहीं बल्कि बर — अब्बा को रिहा करके हमें दें।”
तालू सारे मिली करी बोलणा लग्गे, इसयो मौत दी सजा दिया, कने साड़े तांई बरअब्बा जो छडी दे।
19 (बर — अब्बा को इस लिए जेल में डाला गया था कि वह क़ातिल था और उस ने शहर में हुकूमत के ख़िलाफ़ बग़ावत की थी)।
सै कुसकी दंगे दिया बजा ने जड़ा शेहरे च होया था, कने हत्या दिया बजा ने जेला च पाया था।
20 पीलातुस ईसा को रिहा करना चाहता था, इस लिए वह दुबारा उन से मुख़ातिब हुआ।
पर पिलातुसे यीशुऐ जो छडणे दिया इच्छा ने लोंका जो फिरी समझाया।
21 लेकिन वह चिल्लाते रहे, “इसे मस्लूब करें, इसे मस्लूब करें।”
पर सै जोरे-जोरे ने बोलणा लग्गे, “इसयो सूली पर चढ़ाई दिया! इसयो सूली पर चढ़ाई दिया!”
22 फिर पीलातुस ने तीसरी दफ़ा उन से कहा, “क्यूँ? उस ने क्या जुर्म किया है? मुझे इसे सज़ा — ए — मौत देने की कोई वजह नज़र नहीं आती। इस लिए मैं इसे कोड़े लगवा कर रिहा कर देता हूँ।”
उनी तिजी बार फिरी बोलया, “कजो उनी क्या बुरा कितया है? पर मिंजो इदे च मौत दी सजा देंणे जोगी कोई गल्ल नी मिल्ला दी है, मैं इसयो मारी कुट्टी करी छडी देणा है।”
23 लेकिन वह बड़ा शोर मचा कर उसे मस्लूब करने का तक़ाज़ा करते रहे, और आख़िरकार उन की आवाज़ें ग़ालिब आ गईं।
पर सै चिलाई-चिलाई करी पिच्छे ही पेई गे, की इसयो सूली पर चढ़ाई दिया, कने सै होर जोरे-जोरे ने बोलणा लग्गे।
24 फिर पीलातुस ने फ़ैसला किया कि उन का मुतालबा पूरा किया जाए।
पिलातुसे हुकम दिता, की इना दिया बिनतिया दे अनुसार करा।
25 उस ने उस आदमी को रिहा कर दिया जो अपनी हुकूमत के ख़िलाफ़ हरकतों और क़त्ल की वजह से जेल में डाल दिया गया था जबकि ईसा को उस ने उन की मर्ज़ी के मुताबिक़ उन के हवाले कर दिया।
कने उनी उस माणुऐ जो जड़ा दंगे कने हत्या दिया बजा ने जेला च था, जिसयो सै मंगदे थे, छडी दिता; कने यीशुऐ जो उना दिया इच्छा अनुसार उना जो देई दिता।
26 जब फ़ौजी ईसा को ले जा रहे थे तो उन्हों ने एक आदमी को पकड़ लिया जो लिबिया के शहर कुरेन का रहने वाला था। उस का नाम शमौन था। उस वक़्त वह देहात से शहर में दाख़िल हो रहा था। उन्हों ने सलीब को उस के कँधों पर रख कर उसे ईसा के पीछे चलने का हुक्म दिया।
जालू सिपाई यीशुऐ जो लेई चलयो थे, तां उना शमौन नाऐ दे इक कुरेनी जो जड़ा ग्रांऐ ला ओआ दा था, उसयो पकड़ी करी उस पर सूली लदी दिती ताकि उसयो यीशुऐ दे पिच्छे-पिच्छे लेई चले।
27 एक बड़ा हुजूम उस के पीछे हो लिया जिस में कुछ ऐसी औरतें भी शामिल थीं जो सीना पीट पीट कर उस का मातम कर रही थीं।
कने लोंका दी बड़ी बडी भीड़ उना दे पिच्छे चली पेई, कने उना चे जनानिया भी मतियां थियां, जड़ियां उदे तांई छातिया पिटी करी रोआ दियां थियां।
28 ईसा ने मुड़ कर उन से कहा, “येरूशलेम की बेटियो! मेरे वास्ते न रोओ बल्कि अपने और अपने बच्चों के वास्ते रोओ।
यीशुऐ उना पासे मुड़ी करी बोलया, “हे यरूशलेम शेहरे दियां कुड़ियो, मेरे तांई मत रोआ; पर अपणे तांई कने अपणे बचयां तांई रोआ।”
29 क्यूँकि ऐसे दिन आएँगे जब लोग कहेंगे, मुबारिक़ हैं वह जो बाँझ हैं, जिन्हों ने न तो बच्चों को जन्म दिया, न दूध पिलाया।’
क्योंकि दिखा, सै दिन दुख भरे दिन ओंणे न, जिना च लोकां बोलणा है, “धन्य न सै जनानियां जिना दे कदी बच्चे नी थे, कने जिना कदी बच्चे जम्मे नी, जिना ना कदी उना जो दूध पियाया।”
30 फिर लोग पहाड़ों से कहने लगेंगे, हम पर गिर पड़ो, और पहाड़ियों से कि ‘हमें छुपा लो।”’
उस बेले, उना लोकां पहाड़ा ने बोलणा लगणा है, की सांझो पर पेई जा, कने पहाड़ियां ने की सांझो ढकी लिया।
31 “क्यूँकि अगर हरे दरख़्त से ऐसा सुलूक किया जाता है तो फिर सूखे के साथ क्या कुछ न किया जाएगा?”
“क्योंकि अगर सै मिंजो इस तरीके ने मारदे न जड़ा हरे रुखे सांई है, तां जड़े लोक सुके रुखे सांई न उना ने क्या कुछ नी करणा।”
32 दो और मर्दों को भी मस्लूब करने के लिए बाहर ले जाया जा रहा था। दोनों मुजरिम थे।
सै होर दो माणुआं जो यीशुऐ सोगी मारणे तांई लेई चले जिना बुरे कम्म कितयो थे।
33 चलते चलते वह उस जगह पहुँचे जिस का नाम खोपड़ी था। वहाँ उन्हों ने ईसा को दोनों मुजरिमों समेत मस्लूब किया। एक मुजरिम को उस के दाएँ हाथ और दूसरे को उस के बाएँ हाथ लटका दिया गया।
जालू सै उसा जगा पर पुज्जे जिसा जो खोपड़ी बोलदे न, तां उना ओथु उसयो कने उना दो बुरे कम्म करणे बालयां जो भी इकी जो सजे पासे कने दुज्जे जो खबे पासे सूली पर लटकाया।
34 ईसा ने कहा, “ऐ बाप, इन्हें मुआफ़ कर, क्यूँकि यह जानते नहीं कि क्या कर रहे हैं।” उन्हों ने पर्ची डाल कर उस के कपड़े आपस में बाँट लिए।
तालू यीशुऐ बोलया, “हे पिता, इना जो माफ कर, क्योंकि ऐ जाणदे नी न की ऐ क्या करा दे न?” कने उना पर्चियां पाई करी उदे कपड़े बंडी ले।
35 हुजूम वहाँ खड़ा तमाशा देखता रहा जबकि क़ौम के सरदारों ने उस का मज़ाक़ भी उड़ाया। उन्हों ने कहा, “उस ने औरों को बचाया है। अगर यह ख़ुदा का चुना हुआ और मसीह है तो अपने आप को बचाए।”
लोक खड़ोई करी दिखा दे थे, कने सरदार भी मजाक करिके बोलदे थे, इनी होरां जो बचाया, अगर ऐ परमेश्वरे दा मसीह है, कने उदा चुणयां होया है, तां अपणे आपे जो बचाई ले।
36 फ़ौजियों ने भी उसे लान — तान की। उस के पास आ कर उन्हों ने उसे मय का सिरका पेश किया
सिपाई भी बखे आई करी यीशुऐ जो पिणे तांई सिरका देईकरी उदा मजाक करिके बोलदे थे।
37 और कहा, “अगर तू यहूदियों का बादशाह है तो अपने आप को बचा ले।”
“अगर तू यहूदियां दा राजा है, तां अपणे आपे जो बचा।”
38 उस के सर के ऊपर एक तख़्ती लगाई गई थी जिस पर लिखा था, “यह यहूदियों का बादशाह है।”
कने उदे उपर इक दोष पत्र भी लगाया था: “ऐ यहूदियां दा राजा है।”
39 जो मुजरिम उस के साथ मस्लूब हुए थे उन में से एक ने कुफ़्र बकते हुए कहा, “क्या तू मसीह नहीं है? तो फिर अपने आप को और हमें भी बचा ले।
जड़े बुरे कम्म करणे बाले यीशुऐ सोगी लटकाये थे, उना चे इकी निंदा करिके बोलया, “क्या तू मसीह नी है? तां फिरी अपणे आपे जो कने सांझो बचा।”
40 लेकिन दूसरे ने यह सुन कर उसे डाँटा, क्या तू ख़ुदा से भी नहीं डरता? जो सज़ा उसे दी गई है वह तुझे भी मिली है।
इसा गल्लां पर दुज्जे उसयो डांटया, “क्या तू परमेश्वरे ला भी नी डरदा है?” तिजो भी तां से ही सजा मिलियो है,
41 हमारी सज़ा तो वाजिबी है, क्यूँकि हमें अपने कामों का बदला मिल रहा है, लेकिन इस ने कोई बुरा काम नहीं किया।”
“कने सांझो तां न्याय दे अनुसार सजा मिलियो है, क्योंकि सांझो तां अपणे कम्मा दा ठीक फल मिला दा है; पर इनी तां कोई गलत कम्म नी कितया है।”
42 फिर उस ने ईसा से कहा, “जब आप अपनी बादशाही में आएँ तो मुझे याद करें।”
तालू उनी बोलया, “यीशु जी, जालू तू अपणे राज्य च राजा होईकरी ओंगा, तां मिंजो याद रखयां।”
43 ईसा ने उस से कहा, “मैं तुझे सच बताता हूँ कि तू आज ही मेरे साथ फ़िरदोस में होगा।”
यीशुऐ उसला बोलया, “मैं तिजो ने सच्च बोलदा है की अज ही तू मेरे सोगी स्वर्गलोक च होणा है।”
44 बारह बजे से दोपहर तीन बजे तक पूरा मुल्क अंधेरे में डूब गया।
कने लगभग दोपेहर ला लेईकरी तिन्न बजे दीकर सारे देशे च नेहेरा रिया,
45 सूरज तारीक हो गया और बैत — उल — मुक़द्दस के पाकतरीन कमरे के सामने लटका हुआ पर्दा दो हिस्सों में फट गया।
कने सूरजे दी लोओ चली गेई, कने मंदरे दा मोटा परदा बिचे ला फटी करी दो टुकड़े होई गिया,
46 ईसा ऊँची आवाज़ से पुकार उठा, “ऐ बाप, मैं अपनी रूह तेरे हाथों में सौंपता हूँ।” यह कह कर उस ने दम तोड़ दिया।
कने यीशुऐ जोरे ने बोलया, “पिता, मैं अपणी आत्मा तेरे हथां च दिन्दा हे।” ऐ बोली करी अपणे प्राण छडी दिते।
47 यह देख कर वहाँ खड़े फ़ौजी अफ़्सर ने ख़ुदा की बड़ाई करके कहा, “यह आदमी वाक़'ई रास्तबाज़ था।”
सुबेदारे जड़ा कुछ होया था दिखीकरी परमेश्वरे दी बड़ाई किती, कने बोलया, पका ऐ कोई धर्मी माणु था।
48 और हुजूम के तमाम लोग जो यह तमाशा देखने के लिए जमा हुए थे यह सब कुछ देख कर छाती पीटने लगे और शहर में वापस चले गए।
भीड़ जड़ी ऐ दिखणे तांई गिठी होईयो थी, इसा घटना जो दिखीकरी छातियां पिटदे होए अपणे घरां जो बापस चली गेई।
49 लेकिन ईसा के जानने वाले कुछ फ़ासिले पर खड़े देखते रहे। उन में वह औरतें भी शामिल थीं जो गलील में उस के पीछे चल कर यहाँ तक उस के साथ आई थीं।
कने यीशुऐ दे सारे जाणने पछेणने बाले मित्र, कने जड़ियां जनानिया गलील प्रदेश ला उदे सोगी आईयां थियां, दूर खड़ोई करी जड़ा कुछ होया था सारा कुछ दिखा दियां थियां।
50 वहाँ एक नेक और रास्तबाज़ आदमी बनाम यूसुफ़ था। वह यहूदी अदालत — ए — अलिया का रुकन था
कने ओथु यूसुफ नाऐ दा इक माणु था सै महासभा दा सदस्य था कने सज्जन कने धर्मी था।
51 लेकिन दूसरों के फ़ैसले और हरकतो पर रज़ामन्द नहीं हुआ था। यह आदमी यहूदिया के शहर अरिमतियाह का रहने वाला था और इस इन्तिज़ार में था कि ख़ुदा की बादशाही आए।
कने सै यहूदी अगुवां दे बिचारां कने उना दे कम्मा ला खुश नी था; कने सै यहूदियां दे शेहर अरिमतिया शेहरे दा रेहणे बाला कने परमेश्वरे दे राज्य दी नियाल्ल रखणे बाला था।
52 अब उस ने पिलातुस के पास जा कर उस से ईसा की लाश ले जाने की इजाज़त माँगी।
उनी पिलातुस दे बाल जाई करी यीशुऐ दी लाश मंगी,
53 फिर लाश को उतार कर उस ने उसे कतान के कफ़न में लपेट कर चट्टान में तराशी हुई एक क़ब्र में रख दिया जिस में अब तक किसी को दफ़नाया नहीं गया था।
कने लाशा जो सूली ला उतारी करी मलमले दिया चादरा च लपेटया, कने उसयो इक कबरा च रखया, जड़ी पथरे च खंणियो थी; कने उसा च कदी भी कोई नी रखया था।
54 यह तैयारी का दिन यानी जुमआ था, लेकिन सबत का दिन शुरू होने को था।
सै रोज शुक्रवार था, जड़ा तैयारी वाला दिन था कने सब्ते दा रोज शुरू होणेबाला था।
55 जो औरतें ईसा के साथ गलील से आई थीं वह यूसुफ़ के पीछे हो लीं। उन्हों ने क़ब्र को देखा और यह भी कि ईसा की लाश किस तरह उस में रखी गई है।
कने उना जनानियां जड़ियां उदे सोगी गलील प्रदेशे ला आईयां थियां, पिच्छे-पिच्छे जाई करी कबर दिखी कने ऐ भी की उदी लाश कियां रखी है।
56 फिर वह शहर में वापस चली गईं और उस की लाश के लिए ख़ुश्बूदार मसाले तैयार करने लगीं।
कने अपणे घरां जो बापस आई करी उना सुगंध बालियां चिजां कने इत्र यीशुऐ दिया लाशा पर मलणे तांई तैयार किता; कने सब्ते दे रोजे उना मूसा दिया व्यवस्था दे अनुसार अराम किता।

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