< लूका 22 >

1 बेख़मीरी रोटी की ईद यानी फ़सह की ईद क़रीब आ गई थी।
อปรญฺจ กิณฺวศูนฺยปูโปตฺสวสฺย กาล อุปสฺถิเต
2 रेहनुमा इमाम और शरी'अत के उलमा ईसा को क़त्ल करने का कोई मौज़ूँ मौक़ा ढूँड रहे थे, क्यूँकि वह अवाम के रद्द — ए — अमल से डरते थे।
ปฺรธานยาชกา อธฺยายกาศฺจ ยถา ตํ หนฺตุํ ศกฺนุวนฺติ ตโถปายามฺ อเจษฺฏนฺต กินฺตุ โลเกโภฺย พิภฺยุ: ฯ
3 उस वक़्त इब्लीस यहूदाह इस्करियोती में बस गया जो बारह रसूलों में से था।
เอตสฺตินฺ สมเย ทฺวาทศศิเษฺยษุ คณิต อีษฺกริโยตียรูฒิมานฺ โย ยิหูทาสฺตสฺยานฺต: กรณํ ไศตานาศฺริตตฺวาตฺ
4 अब वह रेहनुमा इमामों और बैत — उल — मुक़द्दस के पहरेदारों के अफ़्सरों से मिला और उन से बात करने लगा कि वह ईसा को किस तरह उन के हवाले कर सकेगा।
ส คตฺวา ยถา ยีศุํ เตษำ กเรษุ สมรฺปยิตุํ ศกฺโนติ ตถา มนฺตฺรณำ ปฺรธานยาชไก: เสนาปติภิศฺจ สห จการฯ
5 वह ख़ुश हुए और उसे पैसे देने पर मुत्तफ़िक़ हुए।
เตน เต ตุษฺฏาสฺตไสฺม มุทฺรำ ทาตุํ ปณํ จกฺรุ: ฯ
6 यहूदाह रज़ामन्द हुआ। अब से वह इस तलाश में रहा कि ईसा को ऐसे मौक़े पर उन के हवाले करे जब मजमा उस के पास न हो।
ตต: โสงฺคีกฺฤตฺย ยถา โลกานามโคจเร ตํ ปรกเรษุ สมรฺปยิตุํ ศกฺโนติ ตถาวกาศํ เจษฺฏิตุมาเรเภฯ
7 बेख़मीरी रोटी की ईद आई जब फ़सह के मेंम्ने को क़ुर्बान करना था।
อถ กิณฺวศูนฺยปูโปตฺมวทิเน, อรฺถาตฺ ยสฺมินฺ ทิเน นิสฺตาโรตฺสวสฺย เมโษ หนฺตวฺยสฺตสฺมินฺ ทิเน
8 ईसा ने पतरस और यूहन्ना को आगे भेज कर हिदायत की, “जाओ, हमारे लिए फ़सह का खाना तैयार करो ताकि हम जा कर उसे खा सकें।”
ยีศุ: ปิตรํ โยหนญฺจาหูย ชคาท, ยุวำ คตฺวาสฺมากํ โภชนารฺถํ นิสฺตาโรตฺสวสฺย ทฺรวฺยาณฺยาสาทยตํฯ
9 उन्हों ने पूछा, “हम उसे कहाँ तैयार करें?”
ตทา เตา ปปฺรจฺฉตุ: กุจาสาทยาโว ภวต: เกจฺฉา?
10 उस ने जवाब दिया, “जब तुम शहर में दाख़िल होगे तो तुम्हारी मुलाक़ात एक आदमी से होगी जो पानी का घड़ा उठाए चल रहा होगा। उस के पीछे चल कर उस घर में दाख़िल हो जाओ जिस में वह जाएगा।
ตทา โสวาทีตฺ, นคเร ปฺรวิษฺเฏ กศฺจิชฺชลกุมฺภมาทาย ยุวำ สากฺษาตฺ กริษฺยติ ส ยนฺนิเวศนํ ปฺรวิศติ ยุวามปิ ตนฺนิเวศนํ ตตฺปศฺจาทิตฺวา นิเวศนปติมฺ อิติ วากฺยํ วทตํ,
11 वहाँ के मालिक से कहना, उस्ताद आप से पूछते हैं कि वह कमरा कहाँ है जहाँ मैं अपने शागिर्दों के साथ फ़सह का खाना खाउँ?’
ยตฺราหํ นิสฺตาโรตฺสวสฺย โภชฺยํ ศิไษฺย: สารฺทฺธํ โภกฺตุํ ศกฺโนมิ สาติถิศาลา กุตฺร? กถามิมำ ปฺรภุสฺตฺวำ ปฺฤจฺฉติฯ
12 वह तुम को दूसरी मन्ज़िल पर एक बड़ा और सज़ा हुआ कमरा दिखाएगा। फ़सह का खाना वहीं तैयार करना।”
ตต: ส ชโน ทฺวิตียปฺรโกษฺฐียมฺ เอกํ ศสฺตํ โกษฺฐํ ทรฺศยิษฺยติ ตตฺร โภชฺยมาสาทยตํฯ
13 दोनों चले गए तो सब कुछ वैसा ही पाया जैसा ईसा ने उन्हें बताया था। फिर उन्हों ने फ़सह का खाना तैयार किया।
ตตเสฺตา คตฺวา ตทฺวากฺยานุสาเรณ สรฺวฺวํ ทฺฤษฺทฺวา ตตฺร นิสฺตาโรตฺสวียํ โภชฺยมาสาทยามาสตุ: ฯ
14 मुक़र्ररा वक़्त पर ईसा अपने शागिर्दों के साथ खाने के लिए बैठ गया।
อถ กาล อุปสฺถิเต ยีศุ รฺทฺวาทศภิ: เปฺรริไต: สห โภกฺตุมุปวิศฺย กถิตวานฺ
15 उस ने उन से कहा, “मेरी बहुत आरज़ु थी कि दुःख उठाने से पहले तुम्हारे साथ मिल कर फ़सह का यह खाना खाउँ।”
มม ทุ: ขโภคาตฺ ปูรฺวฺวํ ยุภาภิ: สห นิสฺตาโรตฺสวไสฺยตสฺย โภชฺยํ โภกฺตุํ มยาติวาญฺฉา กฺฤตาฯ
16 “क्यूँकि मैं तुम को बताता हूँ कि उस वक़्त तक इस खाने में शरीक नहीं हूँगा जब तक इस का मक़्सद ख़ुदा की बादशाही में पूरा न हो गया हो।”
ยุษฺมานฺ วทามิ, ยาวตฺกาลมฺ อีศฺวรราเชฺย โภชนํ น กริเษฺย ตาวตฺกาลมฺ อิทํ น โภกฺเษฺยฯ
17 फिर उस ने मय का प्याला ले कर शुक्रगुज़ारी की दुआ की और कहा, “इस को ले कर आपस में बाँट लो।
ตทา ส ปานปาตฺรมาทาย อีศฺวรสฺย คุณานฺ กีรฺตฺตยิตฺวา เตโภฺย ทตฺวาวทตฺ, อิทํ คฺฤหฺลีต ยูยํ วิภชฺย ปิวตฯ
18 मैं तुम को बताता हूँ कि अब से मैं अंगूर का रस नहीं पियूँगा, क्यूँकि अगली दफ़ा इसे ख़ुदा की बादशाही के आने पर पियूँगा।”
ยุษฺมานฺ วทามิ ยาวตฺกาลมฺ อีศฺวรราชตฺวสฺย สํสฺถาปนํ น ภวติ ตาวทฺ ทฺรากฺษาผลรสํ น ปาสฺยามิฯ
19 फिर उस ने रोटी ले कर शुक्रगुज़ारी की दुआ की और उसे टुकड़े करके उन्हें दे दिया। उस ने कहा, “यह मेरा बदन है, जो तुम्हारे लिए दिया जाता है। मुझे याद करने के लिए यही किया करो।”
ตต: ปูปํ คฺฤหีตฺวา อีศฺวรคุณานฺ กีรฺตฺตยิตฺวา ภงฺกฺตา เตโภฺย ทตฺวาวทตฺ, ยุษฺมทรฺถํ สมรฺปิตํ ยนฺมม วปุสฺตทิทํ, เอตตฺ กรฺมฺม มม สฺมรณารฺถํ กุรุธฺวํฯ
20 इसी तरह उस ने खाने के बाद प्याला ले कर कहा, “मय का यह प्याला वह नया अह्द है जो मेरे ख़ून के ज़रिए क़ाइम किया जाता है, वह ख़ून जो तुम्हारे लिए बहाया जाता है।
อถ โภชนานฺเต ตาทฺฤศํ ปาตฺรํ คฺฤหีตฺวาวทตฺ, ยุษฺมตฺกฺฤเต ปาติตํ ยนฺมม รกฺตํ เตน นิรฺณีตนวนิยมรูปํ ปานปาตฺรมิทํฯ
21 लेकिन जिस शख़्स का हाथ मेरे साथ खाना खाने में शरीक है वह मुझे दुश्मन के हवाले कर देगा।
ปศฺยต โย มำ ปรกเรษุ สมรฺปยิษฺยติ ส มยา สห โภชนาสน อุปวิศติฯ
22 इब्न — ए — आदम तो ख़ुदा की मर्ज़ी के मुताबिक़ कूच कर जाएगा, लेकिन उस शख़्स पर अफ़्सोस जिस के वसीले से उसे दुश्मन के हवाले कर दिया जाएगा।”
ยถา นิรูปิตมาเสฺต ตทนุสาเรณา มนุษฺยปุตฺรสฺย คติ รฺภวิษฺยติ กินฺตุ ยสฺตํ ปรกเรษุ สมรฺปยิษฺยติ ตสฺย สนฺตาโป ภวิษฺยติฯ
23 यह सुन कर शागिर्द एक दूसरे से बह्स करने लगे कि हम में से यह कौन हो सकता है जो इस क़िस्म की हरकत करेगा।
ตทา เตษำ โก ชน เอตตฺ กรฺมฺม กริษฺยติ ตตฺ เต ปรสฺปรํ ปฺรษฺฏุมาเรภิเรฯ
24 फिर एक और बात भी छिड़ गई। वह एक दूसरे से बह्स करने लगे कि हम में से कौन सब से बड़ा समझा जाए।
อปรํ เตษำ โก ชน: เศฺรษฺฐเตฺวน คณยิษฺยเต, อตฺรารฺเถ เตษำ วิวาโทภวตฺฯ
25 लेकिन ईसा ने उन से कहा, “ग़ैरयहूदी क़ौमों में बादशाह वही हैं जो दूसरों पर हुकूमत करते हैं, और इख़्तियार वाले वही हैं जिन्हें ‘मोहदसिन’ का लक़ब दिया जाता है।
อสฺมาตฺ การณาตฺ โสวทตฺ, อนฺยเทศียานำ ราชาน: ปฺรชานามุปริ ปฺรภุตฺวํ กุรฺวฺวนฺติ ทารุณศาสนํ กฺฤตฺวาปิ เต ภูปติเตฺวน วิขฺยาตา ภวนฺติ จฯ
26 लेकिन तुम को ऐसा नहीं होना चाहिए। इस के बजाए जो सब से बड़ा है वह सब से छोटे लड़के की तरह हो और जो रेहनुमाई करता है वह नौकर जैसा हो।
กินฺตุ ยุษฺมากํ ตถา น ภวิษฺยติ, โย ยุษฺมากํ เศฺรษฺโฐ ภวิษฺยติ ส กนิษฺฐวทฺ ภวตุ, ยศฺจ มุโขฺย ภวิษฺยติ ส เสวกวทฺภวตุฯ
27 क्यूँकि आम तौर पर कौन ज़्यादा बड़ा होता है, वह जो खाने के लिए बैठा है या वह जो लोगों की ख़िदमत के लिए हाज़िर होता है? क्या वह नहीं जो खाने के लिए बैठा है? बेशक। लेकिन मैं ख़िदमत करने वाले की हैसियत से ही तुम्हारे बीच हूँ।”
โภชโนปวิษฺฏปริจารกโย: ก: เศฺรษฺฐ: ? โย โภชนาโยปวิศติ ส กึ เศฺรษฺโฐ น ภวติ? กินฺตุ ยุษฺมากํ มเธฺย'หํ ปริจารกอิวาสฺมิฯ
28 “देखो, तुम वही हो जो मेरी तमाम आज़्माइशों के दौरान मेरे साथ रहे हो।
อปรญฺจ ยุยํ มม ปรีกฺษากาเล ปฺรถมมารภฺย มยา สห สฺถิตา
29 चुनाँचे मैं तुम को बादशाही अता करता हूँ जिस तरह बाप ने मुझे बादशाही अता की है।
เอตตฺการณาตฺ ปิตฺรา ยถา มทรฺถํ ราชฺยเมกํ นิรูปิตํ ตถาหมปิ ยุษฺมทรฺถํ ราชฺยํ นิรูปยามิฯ
30 तुम मेरी बादशाही में मेरी मेज़ पर बैठ कर मेरे साथ खाओ और पियोगे, और तख़्तों पर बैठ कर इस्राईल के बारह क़बीलों का इन्साफ़ करोगे।”
ตสฺมานฺ มม ราเชฺย โภชนาสเน จ โภชนปาเน กริษฺยเธฺว สึหาสเนษูปวิศฺย เจสฺราเยลียานำ ทฺวาทศวํศานำ วิจารํ กริษฺยเธฺวฯ
31 “शमौन, शमौन! इब्लीस ने तुम लोगों को गन्दुम की तरह फटकने का मुतालबा किया है।
อปรํ ปฺรภุรุวาจ, เห ศิโมนฺ ปศฺย ติตอุนา ธานฺยานีว ยุษฺมานฺ ไศตานฺ จาลยิตุมฺ ไอจฺฉตฺ,
32 लेकिन मैंने तेरे लिए दुआ की है ताकि तेरा ईमान जाता न रहे। और जब तू मुड़ कर वापस आए तो उस वक़्त अपने भाइयों को मज़्बूत करना।”
กินฺตุ ตว วิศฺวาสสฺย โลโป ยถา น ภวติ เอตตฺ ตฺวทรฺถํ ปฺรารฺถิตํ มยา, ตฺวนฺมนสิ ปริวรฺตฺติเต จ ภฺราตฺฤณำ มนำสิ สฺถิรีกุรุฯ
33 पतरस ने जवाब दिया, ख़ुदावन्द, मैं तो आप के साथ जेल में भी जाने बल्कि मरने को तय्यार हूँ।”
ตทา โสวทตฺ, เห ปฺรโภหํ ตฺวยา สารฺทฺธํ การำ มฺฤติญฺจ ยาตุํ มชฺชิโตสฺมิฯ
34 ईसा ने कहा, “पतरस, मैं तुझे बताता हूँ कि कल सुबह मुर्ग़ के बाँग देने से पहले पहले तू तीन बार मुझे जानने से इन्कार कर चुका होगा।”
ตต: ส อุวาจ, เห ปิตร ตฺวำ วทามิ, อทฺย กุกฺกุฏรวาตฺ ปูรฺวฺวํ ตฺวํ มตฺปริจยํ วารตฺรยมฺ อปโหฺวษฺยเสฯ
35 फिर उसने उनसे कहा “जब मैंने तुम्हें बटवे और झोली और जूती के बिना भेजा था तो क्या तुम किसी चीज़ में मोहताज रहे थे, उन्होंने कहा किसी चीज़ के नहीं।”
อปรํ ส ปปฺรจฺฉ, ยทา มุทฺราสมฺปุฏํ ขาทฺยปาตฺรํ ปาทุกาญฺจ วินา ยุษฺมานฺ ปฺราหิณวํ ตทา ยุษฺมากํ กสฺยาปิ นฺยูนตาสีตฺ? เต โปฺรจุ: กสฺยาปิ นฯ
36 उस ने कहा, “लेकिन अब जिस के पास बटुवा या थैला हो वह उसे साथ ले जाए, बल्कि जिस के पास तलवार न हो वह अपनी चादर बेच कर तलवार ख़रीद ले।
ตทา โสวทตฺ กินฺตฺวิทานีํ มุทฺราสมฺปุฏํ ขาทฺยปาตฺรํ วา ยสฺยาสฺติ เตน ตทฺคฺรหีตวฺยํ, ยสฺย จ กฺฤปาโณ นาสฺติ เตน สฺววสฺตฺรํ วิกฺรีย ส เกฺรตวฺย: ฯ
37 कलाम — ए — मुक़द्दस में लिखा है, उसे मुल्ज़िमों में शुमार किया गया’ और मैं तुम को बताता हूँ, ज़रूरी है कि यह बात मुझ में पूरी हो जाए। क्यूँकि जो कुछ मेरे बारे में लिखा है उसे पूरा ही होना है।”
ยโต ยุษฺมานหํ วทามิ, อปราธิชไน: สารฺทฺธํ คณิต: ส ภวิษฺยติฯ อิทํ ยจฺฉาสฺตฺรียํ วจนํ ลิขิตมสฺติ ตนฺมยิ ผลิษฺยติ ยโต มม สมฺพนฺธียํ สรฺวฺวํ เสตฺสฺยติฯ
38 उन्हों ने कहा, “ख़ुदावन्द, यहाँ दो तलवारें हैं।” उस ने कहा, “बस! काफ़ी है!”
ตทา เต โปฺรจุ: ปฺรโภ ปศฺย อิเมา กฺฤปาเณาฯ ตต: โสวททฺ เอเตา ยเถษฺเฏาฯ
39 फिर वह शहर से निकल कर रोज़ के मुताबिक़ ज़ैतून के पहाड़ की तरफ़ चल दिया। उस के शागिर्द उस के पीछे हो लिए।
อถ ส ตสฺมาทฺวหิ รฺคตฺวา สฺวาจารานุสาเรณ ไชตุนนามาทฺรึ ชคาม ศิษฺยาศฺจ ตตฺปศฺจาทฺ ยยุ: ฯ
40 वहाँ पहुँच कर उस ने उन से कहा, “दुआ करो ताकि आज़्माइश में न पड़ो।”
ตโตฺรปสฺถาย ส ตานุวาจ, ยถา ปรีกฺษายำ น ปตถ ตทรฺถํ ปฺรารฺถยธฺวํฯ
41 फिर वह उन्हें छोड़ कर कुछ आगे निकला, तक़रीबन इतने फ़ासिले पर जितनी दूर तक पत्थर फैंका जा सकता है। वहाँ वह झुक कर दुआ करने लगा,
ปศฺจาตฺ ส ตสฺมาทฺ เอกศรกฺเษปาทฺ พหิ รฺคตฺวา ชานุนี ปาตยิตฺวา เอตตฺ ปฺรารฺถยาญฺจเกฺร,
42 “ऐ बाप, अगर तू चाहे तो यह प्याला मुझ से हटा ले। लेकिन मेरी नहीं बल्कि तेरी मर्ज़ी पूरी हो।”
เห ปิต รฺยทิ ภวานฺ สมฺมนฺยเต ตรฺหิ กํสเมนํ มมานฺติกาทฺ ทูรย กินฺตุ มทิจฺฉานุรูปํ น ตฺวทิจฺฉานุรูปํ ภวตุฯ
43 उस वक़्त एक फ़रिश्ते ने आस्मान पर से उस पर ज़ाहिर हो कर उस को ताक़त दी।
ตทา ตไสฺม ศกฺตึ ทาตุํ สฺวรฺคียทูโต ทรฺศนํ ทเทาฯ
44 वह सख़्त परेशान हो कर ज़्यादा दिलसोज़ी से दुआ करने लगा। साथ साथ उस का पसीना ख़ून की बूँदों की तरह ज़मीन पर टपकने लगा।
ปศฺจาตฺ โสตฺยนฺตํ ยาตนยา วฺยากุโล ภูตฺวา ปุนรฺทฺฤฒํ ปฺรารฺถยาญฺจเกฺร, ตสฺมาทฺ พฺฤหจฺโฉณิตพินฺทว อิว ตสฺย เสฺวทพินฺทว: ปฺฤถิวฺยำ ปติตุมาเรภิเรฯ
45 जब वह दुआ से फ़ारिग़ हो कर खड़ा हुआ और शागिर्दों के पास वापस आया तो देखा कि वह ग़म के मारे सो गए हैं।
อถ ปฺรารฺถนาต อุตฺถาย ศิษฺยาณำ สมีปเมตฺย ตานฺ มโนทุ: ขิโน นิทฺริตานฺ ทฺฤษฺฏฺวาวทตฺ
46 उस ने उन से कहा, “तुम क्यूँ सो रहे हो? उठ कर दुआ करते रहो ताकि आज़्माइश में न पड़ो।”
กุโต นิทฺราถ? ปรีกฺษายามฺ อปตนารฺถํ ปฺรรฺถยธฺวํฯ
47 वह अभी यह बात कर ही रहा था कि एक हुजूम आ पहुँचा जिस के आगे आगे यहूदाह चल रहा था। वह ईसा को बोसा देने के लिए उस के पास आया।
เอตตฺกถายา: กถนกาเล ทฺวาทศศิษฺยาณำ มเธฺย คณิโต ยิหูทานามา ชนตาสหิตเสฺตษามฺ อเคฺร จลิตฺวา ยีโศศฺจุมฺพนารฺถํ ตทนฺติกมฺ อายเยาฯ
48 लेकिन उस ने कहा, “यहूदाह, क्या तू इब्न — ए — आदम को बोसा दे कर दुश्मन के हवाले कर रहा है?”
ตทา ยีศุรุวาจ, เห ยิหูทา กึ จุมฺพเนน มนุษฺยปุตฺรํ ปรกเรษุ สมรฺปยสิ?
49 जब उस के साथियों ने भाँप लिया कि अब क्या होने वाला है तो उन्हों ने कहा, “ख़ुदावन्द, क्या हम तलवार चलाएँ?”
ตทา ยทฺยทฺ ฆฏิษฺยเต ตทนุมาย สงฺคิภิรุกฺตํ, เห ปฺรโภ วยํ กิ ขงฺเคน ฆาตยิษฺยาม: ?
50 और उनमें से एक ने अपनी तलवार से इमाम — ए — आज़म के ग़ुलाम का दहना कान उड़ा दिया।
ตต เอก: กรวาเลนาหตฺย ปฺรธานยาชกสฺย ทาสสฺย ทกฺษิณํ กรฺณํ จิจฺเฉทฯ
51 लेकिन ईसा ने कहा, “बस कर!” उस ने ग़ुलाम का कान छू कर उसे शिफ़ा दी।
อธูนา นิวรฺตฺตสฺว อิตฺยุกฺตฺวา ยีศุสฺตสฺย ศฺรุตึ สฺปฺฤษฺฏฺวา สฺวสฺยํ จการฯ
52 फिर वह उन रेहनुमा इमामों, बैत — उल — मुक़द्दस के पहरेदारों के अफ़्सरों और बुज़ुर्गों से मुख़ातिब हुआ जो उस के पास आए थे, “क्या मैं डाकू हूँ कि तुम तलवारें और लाठियाँ लिए मेरे ख़िलाफ़ निकले हो?
ปศฺจาทฺ ยีศุ: สมีปสฺถานฺ ปฺรธานยาชกานฺ มนฺทิรสฺย เสนาปตีนฺ ปฺราจีนำศฺจ ชคาท, ยูยํ กฺฤปาณานฺ ยษฺฏีํศฺจ คฺฤหีตฺวา มำ กึ โจรํ ธรฺตฺตุมายาตา: ?
53 मैं तो रोज़ाना बैत — उल — मुक़द्दस में तुम्हारे पास था, मगर तुम ने वहाँ मुझे हाथ नहीं लगाया। लेकिन अब यह तुम्हारा वक़्त है, वह वक़्त जब तारीकी हुकूमत करती है।”
ยทาหํ ยุษฺมาภิ: สห ปฺรติทินํ มนฺทิเร'ติษฺฐํ ตทา มำ ธรฺตฺตํ น ปฺรวฺฤตฺตา: , กินฺตฺวิทานีํ ยุษฺมากํ สมโยนฺธการสฺย จาธิปตฺยมสฺติฯ
54 फिर वह उसे गिरफ़्तार करके इमाम — ए — आज़म के घर ले गए। पतरस कुछ फ़ासिले पर उन के पीछे पीछे वहाँ पहुँच गया।
อถ เต ตํ ธฺฤตฺวา มหายาชกสฺย นิเวศนํ นินฺยุ: ฯ ตต: ปิตโร ทูเร ทูเร ปศฺจาทิตฺวา
55 लोग सहन में आग जला कर उस के इर्दगिर्द बैठ गए। पतरस भी उन के बीच बैठ गया।
พฺฤหตฺโกษฺฐสฺย มเธฺย ยตฺราคฺนึ ชฺวาลยิตฺวา โลกา: สเมโตฺยปวิษฺฏาสฺตตฺร ไต: สารฺทฺธมฺ อุปวิเวศฯ
56 किसी नौकरानी ने उसे वहाँ आग के पास बैठे हुए देखा। उस ने उसे घूर कर कहा, “यह भी उस के साथ था।”
อถ วหฺนิสนฺนิเธา สมุปเวศกาเล กาจิทฺทาสี มโน นิวิศฺย ตํ นิรีกฺษฺยาวทตฺ ปุมานยํ ตสฺย สงฺเค'สฺถาตฺฯ
57 लेकिन उस ने इन्कार किया, “ख़ातून, मैं उसे नहीं जानता।”
กินฺตุ ส ตทฺ อปหฺนุตฺยาวาทีตฺ เห นาริ ตมหํ น ปริจิโนมิฯ
58 थोड़ी देर के बाद किसी आदमी ने उसे देखा और कहा, “तुम भी उन में से हो।” लेकिन पतरस ने जवाब दिया, “नहीं भाई! मैं नहीं हूँ।”
กฺษณานฺตเร'นฺยชนสฺตํ ทฺฤษฺฏฺวาพฺรวีตฺ ตฺวมปิ เตษำ นิกรไสฺยกชโนสิฯ ปิตร: ปฺรตฺยุวาจ เห นร นาหมสฺมิฯ
59 तक़रीबन एक घंटा गुज़र गया तो किसी और ने इस्रार करके कहा, “यह आदमी यक़ीनन उस के साथ था, क्यूँकि यह भी गलील का रहने वाला है।”
ตต: สารฺทฺธทณฺฑทฺวยาตฺ ปรํ ปุนรโนฺย ชโน นิศฺจิตฺย พภาเษ, เอษ ตสฺย สงฺคีติ สตฺยํ ยโตยํ คาลีลีโย โลก: ฯ
60 लेकिन पतरस ने जवाब दिया, “यार, मैं नहीं जानता कि तुम क्या कह रहे हो!” वह अभी बात कर ही रहा था कि अचानक मुर्ग़ की बाँग सुनाई दी।
ตทา ปิตร อุวาจ เห นร ตฺวํ ยทฺ วทมิ ตทหํ โพทฺธุํ น ศกฺโนมิ, อิติ วาเกฺย กถิตมาเตฺร กุกฺกุโฏ รุราวฯ
61 ख़ुदावन्द ने मुड़ कर पतरस पर नज़र डाली। फिर पतरस को ख़ुदावन्द की वह बात याद आई जो उस ने उस से कही थी कि “कल सुबह मुर्ग़ के बाँग देने से पहले पहले तू तीन बार मुझे जानने से इन्कार कर चुका होगा।”
ตทา ปฺรภุณา วฺยาธุฏฺย ปิตเร นิรีกฺษิเต กฺฤกวากุรวาตฺ ปูรฺวฺวํ มำ ตฺริรปโหฺนษฺยเส อิติ ปูรฺโวฺวกฺตํ ตสฺย วากฺยํ ปิตร: สฺมฺฤตฺวา
62 पतरस वहाँ से निकल कर टूटे दिल से ख़ूब रोया।
พหิรฺคตฺวา มหาเขเทน จกฺรนฺทฯ
63 पहरेदार ईसा का मज़ाक़ उड़ाने और उस की पिटाई करने लगे।
ตทา ไย รฺยีศุรฺธฺฤตเสฺต ตมุปหสฺย ปฺรหรฺตฺตุมาเรภิเรฯ
64 उन्होंने उस की आँखों पर पट्टी बाँध कर पूछा, “नबुव्वत कर कि किस ने तुझे मारा?”
วสฺเตฺรณ ตสฺย ทฺฤเศา พทฺธฺวา กโปเล จเปฏาฆาตํ กฺฤตฺวา ปปฺรจฺฉุ: , กเสฺต กโปเล จเปฏาฆาตํ กฺฤตวาน? คณยิตฺวา ตทฺ วทฯ
65 इस तरह की और बहुत सी बातों से वह उस की बेइज़्ज़ती करते रहे।
ตทนฺยตฺ ตทฺวิรุทฺธํ พหุนินฺทาวากฺยํ วกฺตุมาเรภิเรฯ
66 जब दिन चढ़ा तो रेहनुमा इमामों और शरी'अत के आलिमों पर मुश्तमिल क़ौम के मजमा ने जमा हो कर उसे यहूदी अदालत — ए — आलिया में पेश किया।
อถ ปฺรภาเต สติ โลกปฺราญฺจ: ปฺรธานยาชกา อธฺยาปกาศฺจ สภำ กฺฤตฺวา มเธฺยสภํ ยีศุมานีย ปปฺรจฺฉุ: , ตฺวมฺ อภิษิกโตสิ น วาสฺมานฺ วทฯ
67 उन्हों ने कहा, “अगर तू मसीह है तो हमें बता!” ईसा ने जवाब दिया, “अगर मैं तुम को बताऊँ तो तुम मेरी बात नहीं मानोगे,
ส ปฺรตฺยุวาจ, มยา ตสฺมินฺนุกฺเต'ปิ ยูยํ น วิศฺวสิษฺยถฯ
68 और अगर तुम से पूछूँ तो तुम जवाब नहीं दोगे।
กสฺมึศฺจิทฺวาเกฺย ยุษฺมานฺ ปฺฤษฺเฏ'ปิ มำ น ตทุตฺตรํ วกฺษฺยถ น มำ ตฺยกฺษฺยถ จฯ
69 लेकिन अब से इब्न — ए — आदम ख़ुदा तआला के दहने हाथ बैठा होगा।”
กินฺตฺวิต: ปรํ มนุชสุต: สรฺวฺวศกฺติมต อีศฺวรสฺย ทกฺษิเณ ปารฺเศฺว สมุปเวกฺษฺยติฯ
70 सब ने पूछा, “तो फिर क्या तू ख़ुदा का फ़र्ज़न्द है?” उस ने जवाब दिया, “जी, तुम ख़ुद कहते हो।”
ตตเสฺต ปปฺรจฺฉุ: , รฺติห ตฺวมีศฺวรสฺย ปุตฺร: ? ส กถยามาส, ยูยํ ยถารฺถํ วทถ ส เอวาหํฯ
71 इस पर उन्हों ने कहा, “अब हमें किसी और गवाही की क्या ज़रूरत रही? क्यूँकि हम ने यह बात उस के अपने मुँह से सुन ली है।”
ตทา เต สรฺเวฺว กถยามาสุ: , รฺติห สากฺเษฺย'นฺสสฺมินฺ อสฺมากํ กึ ปฺรโยชนํ? อสฺย สฺวมุขาเทว สากฺษฺยํ ปฺราปฺตมฺฯ

< लूका 22 >