< लूका 22 >

1 बेख़मीरी रोटी की ईद यानी फ़सह की ईद क़रीब आ गई थी।
अखमीरी रोटिया दा त्योहारे जिसयो फसह बोलदे न, नेड़े ही था।
2 रेहनुमा इमाम और शरी'अत के उलमा ईसा को क़त्ल करने का कोई मौज़ूँ मौक़ा ढूँड रहे थे, क्यूँकि वह अवाम के रद्द — ए — अमल से डरते थे।
कने बड्डे याजक कने व्यवस्था जो सिखाणे बाले इसा गल्ला दिया तोपा च थे की, उसयो कियां मारन, पर सै लोकां ला डरदे थे।
3 उस वक़्त इब्लीस यहूदाह इस्करियोती में बस गया जो बारह रसूलों में से था।
कने शैतान यहूदा च बड़ी गिया, इसयो इस्करियोती भी बोलदे न कने सै बाहरां चेलयां चे इक था।
4 अब वह रेहनुमा इमामों और बैत — उल — मुक़द्दस के पहरेदारों के अफ़्सरों से मिला और उन से बात करने लगा कि वह ईसा को किस तरह उन के हवाले कर सकेगा।
उनी जाई करी बड्डे याजकां कने सरदारां ने गलबात किती, की उसयो कियां उना दे हथे पकड़ा।
5 वह ख़ुश हुए और उसे पैसे देने पर मुत्तफ़िक़ हुए।
सै खुश होऐ, कने उसयो पेसे देंणे दा बचन दिता।
6 यहूदाह रज़ामन्द हुआ। अब से वह इस तलाश में रहा कि ईसा को ऐसे मौक़े पर उन के हवाले करे जब मजमा उस के पास न हो।
उनी मन्नी लिया, कने मोका तोपणा लग्गा, की बिना बुरा कितयो यीशुऐ उना दे हथे पकड़ाई दे।
7 बेख़मीरी रोटी की ईद आई जब फ़सह के मेंम्ने को क़ुर्बान करना था।
तालू अखमीरी रोटिया दे त्योहारे दा दिन आया, जिदे च फसह दे मेमने दी बलि देणा जरूरी थी।
8 ईसा ने पतरस और यूहन्ना को आगे भेज कर हिदायत की, “जाओ, हमारे लिए फ़सह का खाना तैयार करो ताकि हम जा कर उसे खा सकें।”
कने यीशुऐ पतरस कने यूहन्ना जो ऐ बोली करी भेजया, “जाई करी साड़े खाणे तांई फसह दा खाणा तैयार करा।”
9 उन्हों ने पूछा, “हम उसे कहाँ तैयार करें?”
उनी यीशुऐ पुछया, “तू कुथु चांदा है, की असां फसह दा खाणा तैयार करन?”
10 उस ने जवाब दिया, “जब तुम शहर में दाख़िल होगे तो तुम्हारी मुलाक़ात एक आदमी से होगी जो पानी का घड़ा उठाए चल रहा होगा। उस के पीछे चल कर उस घर में दाख़िल हो जाओ जिस में वह जाएगा।
उनी अपणे दो चेलयां जो ऐ बोली करी भेजया, की यरूशलेमे शेहरे जो जा, कने ओथु तुहांजो इक माणु घड़े चुकी करी चलया मिलणा, उदे पिच्छे चली जानयो।
11 वहाँ के मालिक से कहना, उस्ताद आप से पूछते हैं कि वह कमरा कहाँ है जहाँ मैं अपने शागिर्दों के साथ फ़सह का खाना खाउँ?’
कने सै जिस घरे जो जांगा, उस घरे दे मालिके जो बोलयो: की गुरू जी ने पूछया है, की मेरा कने मेरे चेलयां दा फसह दा खाणा खाने बाला कमरा कुथु है?
12 वह तुम को दूसरी मन्ज़िल पर एक बड़ा और सज़ा हुआ कमरा दिखाएगा। फ़सह का खाना वहीं तैयार करना।”
“उनी तुहांजो इक उपरे आला सजया सजाया कने तैयार कितया बडा कमरा दसी देणा है, कने तुसां ओथु साड़े तांई तैयारी करा।”
13 दोनों चले गए तो सब कुछ वैसा ही पाया जैसा ईसा ने उन्हें बताया था। फिर उन्हों ने फ़सह का खाना तैयार किया।
उना जाई करी, जियां यीशुऐ उना ने बोलया था, सियुदा ही था, कने उना उसा जगा फसह दा खाणा तैयार किता।
14 मुक़र्ररा वक़्त पर ईसा अपने शागिर्दों के साथ खाने के लिए बैठ गया।
जालू बकत होया, तां यीशु बारह प्रेरितां सोगी रोटी खाणां बैठा।
15 उस ने उन से कहा, “मेरी बहुत आरज़ु थी कि दुःख उठाने से पहले तुम्हारे साथ मिल कर फ़सह का यह खाना खाउँ।”
कने यीशुऐ उना ने बोलया, “की मिंजो बड़ी इच्छा थी, की दुख भोगणे कने मरणे ला पेहले फसह दे त्योहारे दा खाणा तुहाड़े सोगी खां।
16 “क्यूँकि मैं तुम को बताता हूँ कि उस वक़्त तक इस खाने में शरीक नहीं हूँगा जब तक इस का मक़्सद ख़ुदा की बादशाही में पूरा न हो गया हो।”
क्योंकि मैं तुसां ने बोलदा है, की जालू दीकर सै परमेश्वरे दे राज्य च पूरा नी होंगा तालू दीकर मैं फसह दे त्योहारे दा खाणा दुबारा नी खांगा।”
17 फिर उस ने मय का प्याला ले कर शुक्रगुज़ारी की दुआ की और कहा, “इस को ले कर आपस में बाँट लो।
तालू उनी अंगूर दे रस दा कटोरा लेईकरी परमेश्वरे दा धन्याबाद किता कने बोलया, “इसयो लिया कने अपु चे बंडी करी पी लिया।
18 मैं तुम को बताता हूँ कि अब से मैं अंगूर का रस नहीं पियूँगा, क्यूँकि अगली दफ़ा इसे ख़ुदा की बादशाही के आने पर पियूँगा।”
क्योंकि मैं तुसां ने बोलदा है, की जालू दीकर परमेश्वरे दा राज्य नी ओंगा तालू दीकर मैं अंगूरा दा रस कदी नी पिंगा।”
19 फिर उस ने रोटी ले कर शुक्रगुज़ारी की दुआ की और उसे टुकड़े करके उन्हें दे दिया। उस ने कहा, “यह मेरा बदन है, जो तुम्हारे लिए दिया जाता है। मुझे याद करने के लिए यही किया करो।”
फिरी उनी रोटी लेई, कने धन्याबाद करिके तोड़ी, कने उना जो ऐ बोली करी दिती, ऐ मेरा शरीर है, जड़ी तुहाड़े तांई दितया जांदा है: मिंजो याद करणे तांई ऐई करा-करा।
20 इसी तरह उस ने खाने के बाद प्याला ले कर कहा, “मय का यह प्याला वह नया अह्द है जो मेरे ख़ून के ज़रिए क़ाइम किया जाता है, वह ख़ून जो तुम्हारे लिए बहाया जाता है।
इयां ही उनी खाणां खाणे बाद कटोरा भी ऐ बोलदे दिता, ऐ अंगूर दे रसे दा कटोरा मेरे उस खूने च नोई बाचा है जड़ा तुहाड़े तांई भाया जाणा है।
21 लेकिन जिस शख़्स का हाथ मेरे साथ खाना खाने में शरीक है वह मुझे दुश्मन के हवाले कर देगा।
पर दिखा, मिंजो पकड़वाणे बाले दा हथ मेरे सोगी मेरिया थालिया च है।
22 इब्न — ए — आदम तो ख़ुदा की मर्ज़ी के मुताबिक़ कूच कर जाएगा, लेकिन उस शख़्स पर अफ़्सोस जिस के वसीले से उसे दुश्मन के हवाले कर दिया जाएगा।”
“क्योंकि मिंजो, माणुऐ दे पुत्रे दा जियां उदे तांई तय है तियां करदा है, पर हाय उस माणुऐ पर, जिसदिया बजा ने पकड़ाया जांदा है।”
23 यह सुन कर शागिर्द एक दूसरे से बह्स करने लगे कि हम में से यह कौन हो सकता है जो इस क़िस्म की हरकत करेगा।
तालू सै अपु चे बोलणा लग्गे की, “असां चे कुण है, जड़ा ऐ कम्म करगा?”
24 फिर एक और बात भी छिड़ गई। वह एक दूसरे से बह्स करने लगे कि हम में से कौन सब से बड़ा समझा जाए।
उना चे ऐ भी बेहस होई की, सांझो चे कुण बडा समझया जांदा है?
25 लेकिन ईसा ने उन से कहा, “ग़ैरयहूदी क़ौमों में बादशाह वही हैं जो दूसरों पर हुकूमत करते हैं, और इख़्तियार वाले वही हैं जिन्हें ‘मोहदसिन’ का लक़ब दिया जाता है।
यीशुऐ उना ने बोलया, बाकी जातियां दे राजे उना पर प्रभुता करदे न; जड़े उना पर हक रखदे न, उना जो उपकारक बोलदे न।
26 लेकिन तुम को ऐसा नहीं होना चाहिए। इस के बजाए जो सब से बड़ा है वह सब से छोटे लड़के की तरह हो और जो रेहनुमाई करता है वह नौकर जैसा हो।
पर तुसां ऐ दे मत बणदे; नितां जड़ा तुसां चे बडा है, सै छोटे दे बराबर कने जड़ा सबते बड्डा है सै सेबक दे बराबर बणे।
27 क्यूँकि आम तौर पर कौन ज़्यादा बड़ा होता है, वह जो खाने के लिए बैठा है या वह जो लोगों की ख़िदमत के लिए हाज़िर होता है? क्या वह नहीं जो खाने के लिए बैठा है? बेशक। लेकिन मैं ख़िदमत करने वाले की हैसियत से ही तुम्हारे बीच हूँ।”
क्योंकि बडा कुण है; सै जड़ा रोटी खाणां बैठया या सै जड़ा सेबा करदा है? क्या सै नी जड़ा रोटिया खाणां बैठया है? पर मैं तुहाड़े बिच सेवके सांई है।
28 “देखो, तुम वही हो जो मेरी तमाम आज़्माइशों के दौरान मेरे साथ रहे हो।
पर तुसां ही न, जड़े मेरियां परिक्षां च लगातार मेरे सोगी रे;
29 चुनाँचे मैं तुम को बादशाही अता करता हूँ जिस तरह बाप ने मुझे बादशाही अता की है।
कने जियां मेरे पिता मिंजो तांई इक राज्य दितया है, तियां ही मैं भी तुहाड़े तांई राज्य दिन्दा है।
30 तुम मेरी बादशाही में मेरी मेज़ पर बैठ कर मेरे साथ खाओ और पियोगे, और तख़्तों पर बैठ कर इस्राईल के बारह क़बीलों का इन्साफ़ करोगे।”
ताकि तुसां मेरे राज्य च मेरिया मेजा पर खा पिया; कने सिंहसनां पर बेईकरी इस्राएले देशे दे बाहरां गोत्रों दे लोकां दा न्याय करा।
31 “शमौन, शमौन! इब्लीस ने तुम लोगों को गन्दुम की तरह फटकने का मुतालबा किया है।
“शमौन, हे शमौन, दिख, शैताने तुसां लोकां जो परखणे तांई परमेश्वर ला आज्ञा मंगी लियो है, कि भलाई जो बुराई ला बख करणा जियां किसान कणका ला भुऐ जो बख करदा है।
32 लेकिन मैंने तेरे लिए दुआ की है ताकि तेरा ईमान जाता न रहे। और जब तू मुड़ कर वापस आए तो उस वक़्त अपने भाइयों को मज़्बूत करना।”
पर मैं तेरे तांई परमेश्वरे ला प्राथना किती है, की तेरा भरोसा मिजों ला नी जा: कने जालू तु पश्चाताप करें, तां अपणे भाईयां जो भी मिजों पर भरोसा करणे तांई मजबूत करें।”
33 पतरस ने जवाब दिया, ख़ुदावन्द, मैं तो आप के साथ जेल में भी जाने बल्कि मरने को तय्यार हूँ।”
पतरसे यीशुऐ बोलया, “प्रभु जी, मैं तेरे सोगी जेला जाणे कने मरणे जो भी तैयार है।”
34 ईसा ने कहा, “पतरस, मैं तुझे बताता हूँ कि कल सुबह मुर्ग़ के बाँग देने से पहले पहले तू तीन बार मुझे जानने से इन्कार कर चुका होगा।”
पर यीशुऐ बोलया, “हे पतरस मैं तिजो ने बोलदा है, की अज मुर्गे तालू दीकर बांग नी देणी जालू दीकर तू तिन्न बरी मिंजो पछेणने ला मना करी बोंणा है।”
35 फिर उसने उनसे कहा “जब मैंने तुम्हें बटवे और झोली और जूती के बिना भेजा था तो क्या तुम किसी चीज़ में मोहताज रहे थे, उन्होंने कहा किसी चीज़ के नहीं।”
कने यीशुऐ उना ने बोलया, “जालू मैं तुहांजो बटुऐ, कने झोली, कने जुते बिना शुभसमाचार प्रचार करणे भेजया था, तां क्या तुहांजो कुसा भी चिजा दी कमी होई थी?” उना बोलया, “नी होई कुसा भी चिजा दी।”
36 उस ने कहा, “लेकिन अब जिस के पास बटुवा या थैला हो वह उसे साथ ले जाए, बल्कि जिस के पास तलवार न हो वह अपनी चादर बेच कर तलवार ख़रीद ले।
उनी उना ने बोलया, “पर हुण लोक साड़े खिलाफ न हुण जिसदे बाल बटुआ है सै उसयो लेई ले, कने तियां ही झोली भी, कने जिसदे बाल तलबार नी है सै बाहरे दे कपड़े बेची करी खरीदी ले।”
37 कलाम — ए — मुक़द्दस में लिखा है, उसे मुल्ज़िमों में शुमार किया गया’ और मैं तुम को बताता हूँ, ज़रूरी है कि यह बात मुझ में पूरी हो जाए। क्यूँकि जो कुछ मेरे बारे में लिखा है उसे पूरा ही होना है।”
क्योंकि मैं तुसां ने बोलदा है, की ऐ जड़ा पबित्र शास्त्र च लिखया है सै पूरा हो की, “सै अपराधियां सांई मनया गिया है, उदा पूरा होणा जरूरी है: क्योंकि मेरे बारे जड़ियां गल्लां लिखियां न सै पुरियां होंणे बालियां न।”
38 उन्हों ने कहा, “ख़ुदावन्द, यहाँ दो तलवारें हैं।” उस ने कहा, “बस! काफ़ी है!”
चेलयां बोलया, “प्रभु जी, दिख, ऐथू दो तलबारां न।” यीशुऐ उना ने बोलया, “बतेरियाँ न।”
39 फिर वह शहर से निकल कर रोज़ के मुताबिक़ ज़ैतून के पहाड़ की तरफ़ चल दिया। उस के शागिर्द उस के पीछे हो लिए।
तालू सै बाहर निकली करी रोजे सांई जैतून रुखां दे पाहड़े पर गिया, कने चेले उदे पिच्छे गे।
40 वहाँ पहुँच कर उस ने उन से कहा, “दुआ करो ताकि आज़्माइश में न पड़ो।”
उसा जगा पर पुज्जी करी यीशुऐ उना ने बोलया, “प्राथना करा, की तुसां दी परख ना होऐ।”
41 फिर वह उन्हें छोड़ कर कुछ आगे निकला, तक़रीबन इतने फ़ासिले पर जितनी दूर तक पत्थर फैंका जा सकता है। वहाँ वह झुक कर दुआ करने लगा,
फिरी यीशु थोड़ा अग्गे गिया, कने गोडे भार बेईकरी प्राथना करणा लग्गा,
42 “ऐ बाप, अगर तू चाहे तो यह प्याला मुझ से हटा ले। लेकिन मेरी नहीं बल्कि तेरी मर्ज़ी पूरी हो।”
“पिता जी अगर तू चा तां इस कटोरे जो बखे ला हटाई ले, पर तमी मेरी नी पर तेरी इच्छा पुरी हो।”
43 उस वक़्त एक फ़रिश्ते ने आस्मान पर से उस पर ज़ाहिर हो कर उस को ताक़त दी।
तालू स्वर्गे दे इक स्वर्गदूते ओथु प्रगट होया जड़ा उसयो सामर्थ्य दिन्दा था।
44 वह सख़्त परेशान हो कर ज़्यादा दिलसोज़ी से दुआ करने लगा। साथ साथ उस का पसीना ख़ून की बूँदों की तरह ज़मीन पर टपकने लगा।
कने सै बड़ा परेशान कने व्याकुल होईकरी कने दुखे ने प्राथना करणा लग्गा; कने उदा पसीना मना की खूने दियां बडियां-बडिया बूंदा सांई धरतिया पर पोआ था।
45 जब वह दुआ से फ़ारिग़ हो कर खड़ा हुआ और शागिर्दों के पास वापस आया तो देखा कि वह ग़म के मारे सो गए हैं।
तालू सै प्राथना ला उठया कने अपणे चेलयां बखे आई करी उना जो उदासिया दे मारयो सुतया दिखया।
46 उस ने उन से कहा, “तुम क्यूँ सो रहे हो? उठ कर दुआ करते रहो ताकि आज़्माइश में न पड़ो।”
कने उना ने बोलया, “कजो सोआ दे न? उठा, प्राथना करा, की तुहाड़ी परख ना होऐ।”
47 वह अभी यह बात कर ही रहा था कि एक हुजूम आ पहुँचा जिस के आगे आगे यहूदाह चल रहा था। वह ईसा को बोसा देने के लिए उस के पास आया।
जालू यीशु ऐ बोला दा ही था, की दिखा मते सारे लोक आऐ, यहूदा जड़ा बाहरां चेलयां चे इक था सै अग्गे-अग्गे ओआ दा था, सै यीशुऐ दे बखे आया, ताकि उदा चूमा लेई सके।
48 लेकिन उस ने कहा, “यहूदाह, क्या तू इब्न — ए — आदम को बोसा दे कर दुश्मन के हवाले कर रहा है?”
यीशुऐ उसयो बोलया, “हे यहूदा, क्या तू चूमा लेईकरी मिंजो, माणुऐ दे पुत्रे जो पकड़वा दा है?”
49 जब उस के साथियों ने भाँप लिया कि अब क्या होने वाला है तो उन्हों ने कहा, “ख़ुदावन्द, क्या हम तलवार चलाएँ?”
उदे साथियां जालू दिखया की क्या होणे वाला है, तां बोलया, “प्रभु जी, क्या असां तलबार चलान?”
50 और उनमें से एक ने अपनी तलवार से इमाम — ए — आज़म के ग़ुलाम का दहना कान उड़ा दिया।
कने चेलयां चे इकी महायाजके दे नोकरे पर तलबार चलाई करी उदा सजा कन उड़ाई दिता।
51 लेकिन ईसा ने कहा, “बस कर!” उस ने ग़ुलाम का कान छू कर उसे शिफ़ा दी।
इस पर यीशुऐ बोलया, “हूंण बस करा।” कने उदा कन छुई करी उसयो ठीक किता।
52 फिर वह उन रेहनुमा इमामों, बैत — उल — मुक़द्दस के पहरेदारों के अफ़्सरों और बुज़ुर्गों से मुख़ातिब हुआ जो उस के पास आए थे, “क्या मैं डाकू हूँ कि तुम तलवारें और लाठियाँ लिए मेरे ख़िलाफ़ निकले हो?
तालू यीशुऐ बड्डे याजकां कने मंदरे दे रखबालयां दे अगुवां कने यहूदी अगुवां जो बोलया, तुसां क्या तलवारां कने डांगा लेईकरी मिंजो डाकुआं सांई पकड़ना आयो न।
53 मैं तो रोज़ाना बैत — उल — मुक़द्दस में तुम्हारे पास था, मगर तुम ने वहाँ मुझे हाथ नहीं लगाया। लेकिन अब यह तुम्हारा वक़्त है, वह वक़्त जब तारीकी हुकूमत करती है।”
“मैं जालू हर रोज मंदरे च बेईकरी उपदेश दिन्दा था, तालू तां तुसां मिंजो नी पकड़या; पर ऐ तुहाड़ा बकत है, कने नेहरे दा हक है।”
54 फिर वह उसे गिरफ़्तार करके इमाम — ए — आज़म के घर ले गए। पतरस कुछ फ़ासिले पर उन के पीछे पीछे वहाँ पहुँच गया।
फिरी सै उसयो पकड़ी करी लेई चले, कने महायाजक दे घरे जो लेई आये कने पतरस दूरे-दूरे ला ही उना दे पिच्छे चलया था।
55 लोग सहन में आग जला कर उस के इर्दगिर्द बैठ गए। पतरस भी उन के बीच बैठ गया।
कने जालू सै अंगणे च अग्ग वाल्ली करी गिठे बैठे, तां पतरस भी उना दे बिच बेई गिया।
56 किसी नौकरानी ने उसे वहाँ आग के पास बैठे हुए देखा। उस ने उसे घूर कर कहा, “यह भी उस के साथ था।”
कने इक दासिया उसयो अग्गी दी लौई च बैठया दिखीकरी कने उदे पासे दिखीकरी बोलणा लग्गी, “ऐ भी तां यीशुऐ सोगी था।”
57 लेकिन उस ने इन्कार किया, “ख़ातून, मैं उसे नहीं जानता।”
पर पतरसे ऐ बोली करी मना किता, की मैं इसयो नी जाणदा।
58 थोड़ी देर के बाद किसी आदमी ने उसे देखा और कहा, “तुम भी उन में से हो।” लेकिन पतरस ने जवाब दिया, “नहीं भाई! मैं नहीं हूँ।”
थोड़ी देरा बाद फिरी कुनकी होरनी उसयो दिखीकरी बोलया, “तु भी तां उना चे है।” पतरसे बोलया, “सै माणु मैं नी है।”
59 तक़रीबन एक घंटा गुज़र गया तो किसी और ने इस्रार करके कहा, “यह आदमी यक़ीनन उस के साथ था, क्यूँकि यह भी गलील का रहने वाला है।”
कोई इक घंटे बाद इक होर माणु बोलणा लग्गा, “पक्का ऐ भी उना सोगी ही था; क्योंकि ऐ भी गलीली है।”
60 लेकिन पतरस ने जवाब दिया, “यार, मैं नहीं जानता कि तुम क्या कह रहे हो!” वह अभी बात कर ही रहा था कि अचानक मुर्ग़ की बाँग सुनाई दी।
पतरसे बोलया, “मिंजो नी पता की ऐ क्या बोला दा है?” पतरसे दे इयां बोलदे ही, मुर्गे झट बांग देई दिती।
61 ख़ुदावन्द ने मुड़ कर पतरस पर नज़र डाली। फिर पतरस को ख़ुदावन्द की वह बात याद आई जो उस ने उस से कही थी कि “कल सुबह मुर्ग़ के बाँग देने से पहले पहले तू तीन बार मुझे जानने से इन्कार कर चुका होगा।”
तालू प्रभु यीशुऐ मुड़ी करी पतरसे पासे दिखया, कने पतरसे जो सै गल्ल याद आई जड़ी उनी बोलियो थी, “अज मुर्गे जो बांग देंणे ला पेहले, तू तिन्न बरी मिंजो मना करणा है।”
62 पतरस वहाँ से निकल कर टूटे दिल से ख़ूब रोया।
कने पतरस बाहर निकली करी बड़ा भरी रोणा लग्गा।
63 पहरेदार ईसा का मज़ाक़ उड़ाने और उस की पिटाई करने लगे।
जिना माणुआं यीशुऐ जो पकड़या था, सै उदा मजाक उड़ाई करी उसयो कुटणा लग्गे;
64 उन्होंने उस की आँखों पर पट्टी बाँध कर पूछा, “नबुव्वत कर कि किस ने तुझे मारा?”
कने उदियां हखी पर पट्टी बन्नी करी पुछया, “अगर तु परमेश्वरे दा संदेश देणेबाला है! तां सांझो दस कुनी तिजो मारया।”
65 इस तरह की और बहुत सी बातों से वह उस की बेइज़्ज़ती करते रहे।
कने उना होर भी बुरियां गल्लां उदे बारे च बोलियां।
66 जब दिन चढ़ा तो रेहनुमा इमामों और शरी'अत के आलिमों पर मुश्तमिल क़ौम के मजमा ने जमा हो कर उसे यहूदी अदालत — ए — आलिया में पेश किया।
जालू ब्याग होई तां यहूदी अगुवां कने बड्डे याजक कने व्यवस्था जो सिखाणे बाले गिठे होऐ, कने उसयो अपणिया महासभा च आंणी करी पुछया,
67 उन्हों ने कहा, “अगर तू मसीह है तो हमें बता!” ईसा ने जवाब दिया, “अगर मैं तुम को बताऊँ तो तुम मेरी बात नहीं मानोगे,
अगर तू मसीह है, तां सांझो ने बोली दे। यीशुऐ उना ने बोलया, “अगर मैं तुहांजो ने बोलें तां तुसां मनणा नी।
68 और अगर तुम से पूछूँ तो तुम जवाब नहीं दोगे।
अगर मैं कोई सबाल पूछां, तां तुसां जबाब नी देणा।
69 लेकिन अब से इब्न — ए — आदम ख़ुदा तआला के दहने हाथ बैठा होगा।”
पर हुणे ला मैं, माणुऐ दे पुत्रे सबते शक्तिशाली परमेश्वरे दे सजे पासे बेई रेणा।”
70 सब ने पूछा, “तो फिर क्या तू ख़ुदा का फ़र्ज़न्द है?” उस ने जवाब दिया, “जी, तुम ख़ुद कहते हो।”
इस पर सारयां बोलया, “तां तु क्या परमेश्वरे दा पुत्र है?” यीशुऐ उना ने बोलया, “तुसां अपु ही बोलदे न, क्योंकि मैं है।”
71 इस पर उन्हों ने कहा, “अब हमें किसी और गवाही की क्या ज़रूरत रही? क्यूँकि हम ने यह बात उस के अपने मुँह से सुन ली है।”
तालू उना बोलया, “हुण सांझो गबाई दी क्या जरूरत है क्योंकि असां अपु ही इदे मुऐ ला सुणी लिया है।”

< लूका 22 >