< लूका 20 >

1 एक दिन जब वह बैत — उल — मुक़द्दस में लोगों को तालीम दे रहा और ख़ुदावन्द की ख़ुशख़बरी सुना रहा था तो रहनुमा इमाम, शरी'अत के उलमा और बुज़ुर्ग उस के पास आए।
ⲁ̅ⲞⲨⲞϨ ⲀⲤϢⲰⲠⲒ ϦⲈⲚⲞⲨⲀⲒ ⲚⲚⲒⲈϨⲞⲞⲨ ⲈϤϮⲤⲂⲰ ϦⲈⲚⲠⲒⲈⲢⲪⲈⲒ ⲞⲨⲞϨ ⲈϤϨⲒϢⲈⲚⲚⲞⲨϤⲒ ⲀⲨⲞϨⲒ ⲈⲢⲀⲦⲞⲨ ⲚϪⲈⲚⲒⲀⲢⲬⲒⲈⲢⲈⲨⲤ ⲚⲈⲘ ⲚⲒⲤⲀϦ ⲚⲈⲘ ⲚⲒⲠⲢⲈⲤⲂⲨⲦⲈⲢⲞⲤ
2 उन्हों ने कहा, “हमें बताएँ, आप यह किस इख़्तियार से कर रहे हैं? किस ने आप को यह इख़्तियार दिया है?”
ⲃ̅ⲞⲨⲞϨ ⲠⲈϪⲰⲞⲨ ⲚⲀϤ ϪⲈ ⲀϪⲞⲤ ⲚⲀⲚ ϪⲈ ⲀⲔⲒⲢⲒ ⲚⲚⲀⲒ ϦⲈⲚⲀϢ ⲚⲈⲢϢⲒϢⲒ ⲒⲈ ⲚⲒⲘ ⲠⲈⲦⲀϤϮ ⲘⲠⲀⲒⲈⲢϢⲒϢⲒ ⲚⲀⲔ.
3 ईसा ने जवाब दिया, “मेरा भी तुम से एक सवाल है। तुम मुझे बताओ?,
ⲅ̅ⲀϤⲈⲢⲞⲨⲰ ⲠⲈϪⲀϤ ⲚⲰⲞⲨ ϪⲈ ϮⲚⲀϢⲈⲚ ⲐⲎⲚⲞⲨ ϨⲰ ⲈⲞⲨⲤⲀϪⲒ ⲞⲨⲞϨ ⲀϪⲞϤ ⲚⲎⲒ.
4 कि क्या युहन्ना का बपतिस्मा आस्मानी था या इंसानी?”
ⲇ̅ⲠⲒⲰⲘⲤ ⲚⲦⲈⲒⲰⲀⲚⲚⲎⲤ ⲚⲈⲞⲨⲈⲂⲞⲖ ϦⲈⲚⲦⲪⲈ ⲠⲈ ϢⲀⲚ ⲞⲨⲈⲂⲞⲖ ϦⲈⲚⲚⲒⲢⲰⲘⲒ ⲠⲈ.
5 वह आपस में बह्स करने लगे, “अगर हम कहें ‘आस्मानी’ तो वह पूछेगा, तो फिर तुम उस पर ईमान क्यूँ न लाए?’
ⲉ̅ⲚⲐⲰⲞⲨ ⲆⲈ ⲀⲨⲤⲞϬⲚⲒ ⲚⲈⲘ ⲚⲞⲨⲈⲢⲎⲞⲨ ⲈⲨϪⲰ ⲘⲘⲞⲤ ϪⲈ ⲈϢⲰⲠ ⲀⲚϢⲀⲚϪⲞⲤ ϪⲈ ⲞⲨⲈⲂⲞⲖ ϦⲈⲚⲦⲪⲈ ⲠⲈ ϤⲚⲀϪⲞⲤ ϪⲈ ⲈⲐⲂⲈⲞⲨ ⲘⲠⲈⲦⲈⲚⲚⲀϨϮ ⲈⲢⲞϤ.
6 लेकिन अगर हम कहें ‘इंसानी’ तो तमाम लोग हम पर पत्थर मारेंगे, क्यूँकि वह तो यक़ीन रखते हैं कि युहन्ना नबी था।”
ⲋ̅ⲈϢⲰⲠ ⲆⲈ ⲀⲚϢⲀⲚϪⲞⲤ ϪⲈ ⲞⲨⲈⲂⲞⲖ ϦⲈⲚⲚⲒⲢⲰⲘⲒ ⲠⲈ ⲠⲒⲖⲀⲞⲤ ⲦⲎⲢϤ ⲚⲀϤϨⲒⲰⲚⲒ ⲈⲢⲞⲚ ⲠⲞⲨϨⲎⲦ ⲄⲀⲢ ⲐⲎⲦ ϪⲈ ⲒⲰⲀⲚⲚⲎⲤ ⲞⲨⲠⲢⲞⲪⲎ ⲦⲎⲤ ⲠⲈ.
7 इस लिए उन्हों ने जवाब दिया, “हम नहीं जानते कि वह कहाँ से था।”
ⲍ̅ⲞⲨⲞϨ ⲀⲨⲈⲢⲞⲨⲰ ϪⲈ ⲦⲈⲚⲈⲘⲒ ⲀⲚ ϪⲈ ⲞⲨⲈⲂⲞⲖ ⲐⲰⲚ ⲠⲈ.
8 ईसा ने कहा, “तो फिर मैं भी तुम को नहीं बताता कि मैं यह सब कुछ किस इख़्तियार से कर रहा हूँ।”
ⲏ̅ⲞⲨⲞϨ ⲠⲈϪⲈ ⲒⲎⲤⲞⲨⲤ ⲚⲰⲞⲨ ϪⲈ ⲞⲨⲆⲈ ⲀⲚⲞⲔ ⲚϮⲚⲀϪⲞⲤ ⲚⲰⲦⲈⲚ ⲀⲚ ϪⲈ ⲀⲒⲒⲢⲒ ⲚⲚⲀⲒ ϦⲈⲚⲀϢ ⲚⲈⲢϢⲒϢⲒ.
9 फिर ईसा लोगों को यह मिसाल सुनाने लगा, “किसी आदमी ने अंगूर का एक बाग़ लगाया। फिर वह उसे बाग़बानों को ठेके पर देकर बहुत दिनों के लिए बाहरी मुल्क चला गया।
ⲑ̅ⲀϤⲈⲢϨⲎⲦⲤ ⲆⲈ ⲚⲤⲀϪⲒ ⲚⲈⲘ ⲠⲒⲖⲀⲞⲤ ⲚⲦⲀⲒⲠⲀⲢⲀⲂⲞⲖⲎ ⲚⲈⲞⲨⲞⲚ ⲞⲨⲢⲰⲘⲒ ⲈⲀϤϬⲞ ⲚⲞⲨⲒⲀϨⲀⲖⲞⲖⲒ ⲞⲨⲞϨ ⲀϤⲦⲎⲒϤ ⲚϨⲀⲚⲞⲨⲒⲎ ⲞⲨⲞϨ ⲀϤϢⲈ ⲚⲀϤ ⲈⲠϢⲈⲘⲘⲞ ⲚⲞⲨⲚⲒϢϮ ⲚⲤⲎⲞⲨ.
10 जब अंगूर पक गए तो उस ने अपने नौकर को उन के पास भेज दिया ताकि वह मालिक का हिस्सा वसूल करे। लेकिन बाग़बानों ने उस की पिटाई करके उसे ख़ाली हाथ लौटा दिया।
ⲓ̅ⲞⲨⲞϨ ϦⲈⲚⲠⲤⲎⲞⲨ ⲀϤⲞⲨⲰⲢⲠ ⲚⲞⲨⲂⲰⲔ ϨⲀ ⲚⲒⲞⲨⲒⲎ ϨⲒⲚⲀ ⲚⲤⲈϮ ⲚⲀϤ ⲈⲂⲞⲖ ϦⲈⲚⲠⲞⲨⲦⲀϨ ⲚⲦⲈⲠⲒⲒⲀϨⲀⲖⲞⲖⲒ ⲚⲒⲞⲨⲒⲎ ⲆⲈ ⲈⲦⲀⲨϨⲒⲞⲨⲒ ⲈⲢⲞϤ ⲀⲨϮⲦⲞⲦϤ ⲈⲂⲞⲖ ⲈϤϢⲞⲨⲒⲦ
11 इस पर मालिक ने एक और नौकर को उन के पास भेजा। लेकिन बाग़बानों ने उसे भी मार मार कर उस की बे'इज़्ज़ती की और ख़ाली हाथ निकाल दिया।
ⲓ̅ⲁ̅ⲞⲨⲞϨ ⲀϤⲞⲨⲀϨⲦⲞⲦϤ ⲞⲚ ⲈⲞⲨⲰⲢⲠ ⲚⲰⲞⲨ ⲚⲔⲈⲂⲰⲔ ⲚⲐⲰⲞⲨ ⲆⲈ ⲈⲦⲀⲨϨⲒⲞⲨⲒ ⲈⲠⲒⲬⲈⲦ ⲞⲨⲞϨ ⲈⲦⲀⲨϢⲞϢϤ ⲀⲨϮⲦⲞⲦϤ ⲈⲂⲞⲖ ⲈϤϢⲞⲨⲒⲦ
12 फिर मालिक ने तीसरे नौकर को भेज दिया। उसे भी उन्होंने मार कर ज़ख़्मी कर दिया और निकाल दिया।
ⲓ̅ⲃ̅ⲞⲨⲞϨ ⲀϤⲞⲨⲀϨⲦⲞⲦϤ ⲞⲚ ⲈⲞⲨⲰⲢⲠ ⲘⲠⲒⲘⲀϨⲄ ⲚⲐⲰⲞⲨ ⲆⲈ ⲀⲨⲪⲰⲖϨ ⲘⲠⲀⲒⲬⲈⲦ ⲀⲨϨⲒⲦϤ ⲈⲂⲞⲖ.
13 बाग़ के मालिक ने कहा, अब मैं क्या करूँ? मैं अपने प्यारे बेटे को भेजूँगा, शायद वह उस का लिहाज़ करें।’
ⲓ̅ⲅ̅ⲠⲈϪⲈ ⲠϬⲞⲒⲤ ⲆⲈ ⲘⲠⲒⲒⲀϨⲀⲖⲞⲖⲒ ϪⲈ ⲞⲨ ⲠⲈϮⲚⲀⲀⲒϤ ϮⲚⲀⲞⲨⲰⲢⲠ ⲘⲠⲀϢⲎⲢⲒ ⲘⲘⲈⲚⲢⲒⲦ ⲀⲢⲎⲞⲨ ⲚⲤⲈϢⲒⲠⲒ ϦⲀⲦⲈϤϨⲎ.
14 लेकिन मालिक के बेटे को देख कर बाग़बानों ने आपस में मशवरा किया और कहा, यह ज़मीन का वारिस है। आओ, हम इसे मार डालें। फिर इस की मीरास हमारी ही होगी।
ⲓ̅ⲇ̅ⲈⲦⲀⲨⲚⲀⲨ ⲆⲈ ⲈⲢⲞϤ ⲚϪⲈⲚⲒⲞⲨⲒⲎ ⲚⲀⲨⲤⲞϬⲚⲒ ⲠⲈ ⲚⲈⲘ ⲚⲞⲨⲈⲢⲎⲞⲨ ⲈⲨϪⲰ ⲘⲘⲞⲤ ϪⲈ ⲪⲀⲒ ⲠⲈ ⲠⲒⲔⲖⲎⲢⲞⲚⲞⲘⲞⲤ ⲀⲘⲰⲒⲚⲒ ⲘⲀⲢⲈⲚϦⲞⲐⲂⲈϤ ϨⲒⲚⲀ ⲚⲦⲈⲤϢⲰⲠⲒ ⲚⲀⲚ ⲚϪⲈϮⲔⲖⲎⲢⲞⲚⲞⲘⲒⲀ.
15 उन्होंने उसे बाग़ से बाहर फैंक कर क़त्ल किया। ईसा ने पूछा, अब बताओ, बाग़ का मालिक क्या करेगा?
ⲓ̅ⲉ̅ⲞⲨⲞϨ ⲈⲦⲀⲨϨⲒⲦϤ ⲤⲀⲂⲞⲖ ⲘⲠⲒⲒⲀϨⲀⲖⲞⲖⲒ ⲀⲨϦⲞⲐⲂⲈϤ ⲞⲨ ⲠⲈⲦⲈϤⲚⲀⲀⲒϤ ⲚⲰⲞⲨ ⲚϪⲈⲠϬⲞⲒⲤ ⲘⲠⲒⲒⲀϨⲀⲖⲞⲖⲒ.
16 वह वहाँ जा कर बाग़बानों को हलाक करेगा और बाग़ को दूसरों के हवाले कर देगा। यह सुन कर लोगों ने कहा, ख़ुदा ऐसा कभी न करे।”
ⲓ̅ⲋ̅ϤⲚⲀⲒ ⲞⲨⲞϨ ϤⲚⲀⲦⲀⲔⲈ ⲚⲒⲞⲨⲒⲎ ⲞⲨⲞϨ ϤⲚⲀϮ ⲘⲠⲒⲒⲀϨⲀⲖⲞⲖⲒ ⲚϨⲀⲚⲔⲈⲬⲰⲞⲨⲚⲒ ⲈⲦⲀⲨⲤⲰⲦⲈⲘ ⲆⲈ ⲠⲈϪⲰⲞⲨ ϪⲈ ⲚⲚⲈⲤϢⲰⲠⲒ.
17 ईसा ने उन पर नज़र डाल कर पूछा, “तो फिर कलाम — ए — मुक़द्दस के इस हवाले का क्या मतलब है कि जिस पत्थर को राजगीरों ने रद्द किया, वह कोने का बुनियादी पत्थर बन गया’?
ⲓ̅ⲍ̅ⲚⲐⲞϤ ⲆⲈ ⲈⲦⲀϤⲤⲞⲘⲤ ⲈⲢⲰⲞⲨ ⲠⲈϪⲀϤ ϪⲈ ⲞⲨ ⲠⲈ ⲪⲀⲒ ⲈⲦⲤϦⲎⲞⲨⲦ ϪⲈ ⲠⲒⲰⲚⲒ ⲈⲦⲀⲨϢⲞϢϤ ⲚϪⲈⲚⲎ ⲈⲦⲔⲰⲦ ⲪⲀⲒ ⲀϤϢⲰⲠⲒ ⲈⲨϪⲰϪ ⲚⲖⲀⲔϨ.
18 जो इस पत्थर पर गिरेगा वह टुकड़े टुकड़े हो जाएगा, जबकि जिस पर वह ख़ुद गिरेगा उसे पीस डालेगा।”
ⲓ̅ⲏ̅ⲞⲨⲞⲚ ⲚⲒⲂⲈⲚ ⲈⲐⲚⲀϨⲈⲒ ⲈϪⲈⲚ ⲠⲀⲒⲰⲚⲒ ⲈⲦⲈⲘⲘⲀⲨ ϤⲚⲀⲖⲰⲤ ⲪⲎ ⲆⲈ ⲈⲦⲈϤⲚⲀϨⲈⲒ ⲈϪⲰϤ ϤⲚⲀϢⲀϢϤ ⲈⲂⲞⲖ.
19 शरी'अत के उलमा और राहनुमा इमामों ने उसी वक़्त उसे पकड़ने की कोशिश की, क्यूँकि वह समझ गए थे कि मिसाल में बयान होने वाले हम ही हैं। लेकिन वह अवाम से डरते थे।
ⲓ̅ⲑ̅ⲞⲨⲞϨ ⲚⲀⲨⲔⲰϮ ⲠⲈ ⲚϪⲈⲚⲒⲤⲀϦ ⲚⲈⲘ ⲚⲒⲀⲢⲬⲒⲈⲢⲈⲨⲤ ⲈⲈⲚ ⲚⲞⲨϪⲒϪ ⲈϨⲢⲎⲒ ⲈϪⲰϤ ⲞⲨⲞϨ ϦⲈⲚϮⲞⲨⲚⲞⲨ ⲈⲦⲈⲘⲘⲀⲨ ⲞⲨⲞϨ ⲀⲨⲈⲢϨⲞϮ ϦⲀⲦϨⲎ ⲘⲠⲒⲖⲀⲞⲤ ⲀⲨⲈⲘⲒ ⲄⲀⲢ ϪⲈ ⲈⲦⲀϤϪⲈ ⲦⲀⲒⲠⲀⲢⲀⲂⲞⲖⲎ ⲈⲐⲂⲎⲦⲞⲨ.
20 चुनाँचे वह उसे पकड़ने का मौक़ा ढूँडते रहे। इस मक़्सद के तहत उन्होंने उस के पास जासूस भेज दिए। यह लोग अपने आप को ईमानदार ज़ाहिर करके ईसा के पास आए ताकि उस की कोई बात पकड़ कर उसे रोमी हाकिम के हवाले कर सकें।
ⲕ̅ⲞⲨⲞϨ ⲈⲦⲀⲨϮϨⲐⲎⲞⲨ ⲀⲨⲞⲨⲰⲢⲠ ϨⲀⲢⲞϤ ⲚϨⲀⲚⲢⲈϤⲬⲢⲞϤ ⲈⲨⲈⲢⲘⲈⲦϢⲞⲂⲒ ⲈⲨϪⲰ ⲘⲘⲞⲤ ⲈⲢⲰⲞⲨ ϪⲈ ϨⲀⲚⲐⲘⲎⲒ ϨⲒⲚⲀ ⲚⲤⲈⲦⲀϨⲞϤ ⲚⲞⲨⲤⲀϪⲒ ϨⲰⲤⲦⲈ ⲈⲦⲎⲒϤ ⲚϮⲀⲢⲬⲎ ⲚⲈⲘ ϮⲈⲜⲞⲨⲤⲒⲀ ⲚⲦⲈⲠⲒϨⲎⲄⲈⲘⲰⲚ.
21 इन जासूसों ने उस से पूछा, “उस्ताद, हम जानते हैं कि आप वही कुछ बयान करते और सिखाते हैं जो सहीह है। आप तरफ़दारी नहीं करते बल्कि दियानतदारी से ख़ुदा की राह की तालीम देते हैं।
ⲕ̅ⲁ̅ⲞⲨⲞϨ ⲀⲨϢⲈⲚϤ ⲈⲨϪⲰ ⲘⲘⲞⲤ ϪⲈ ⲠⲒⲢⲈϤϮⲤⲂⲰ ⲦⲈⲚⲈⲘⲒ ϪⲈ ⲔⲤⲀϪⲒ ϦⲈⲚⲞⲨⲤⲰⲞⲨⲦⲈⲚ ⲞⲨⲞϨ ⲔϮⲤⲂⲰ ⲞⲨⲞϨ ⲔϬⲒ ϨⲞ ⲀⲚ ⲀⲖⲖⲀ ϦⲈⲚⲞⲨⲘⲈⲐⲘⲎⲒ ⲔϮⲤⲂⲰ ⲘⲠⲒⲘⲰⲒⲦ ⲚⲦⲈⲪⲚⲞⲨϮ.
22 अब हमें बताएँ कि क्या रोमी हाकिम को महसूल देना जायज़ है या नाजायज़?”
ⲕ̅ⲃ̅ⲤϢⲈ ⲚϮϨⲰϮ ⲘⲠⲞⲨⲢⲞ ϢⲀⲚ ⲘⲘⲞⲚ.
23 लेकिन ईसा ने उन की चालाकी भाँप ली और कहा,
ⲕ̅ⲅ̅ⲈⲦⲀϤϮϨⲐⲎϤ ⲆⲈ ⲈⲦⲞⲨⲘⲈⲦⲠⲀⲚⲞⲨⲢⲄⲞⲤ ⲠⲈϪⲀϤ
24 “मुझे चाँदी का एक रोमी सिक्का दिखाओ। किस की सूरत और नाम इस पर बना है?” उन्हों ने जवाब दिया, “क़ैसर का।”
ⲕ̅ⲇ̅ϪⲈ ⲘⲀⲦⲀⲘⲞⲒ ⲈⲞⲨⲤⲀⲐⲈⲢⲒ ⲚⲐⲰⲞⲨ ⲆⲈ ⲀⲨⲦⲀⲘⲞϤ ⲞⲨⲞϨ ⲠⲈϪⲀϤ ⲚⲰⲞⲨ ϪⲈ ϮϨⲒⲔⲰⲚ ⲚⲈⲘ ϮⲈⲠⲒⲄⲢⲀⲪⲎ ⲈⲦϨⲒⲰⲦⲤ ⲚⲀ ⲚⲒⲘ ⲚⲈⲚⲐⲰⲞⲨ ⲆⲈ ⲠⲈϪⲰⲞⲨ ϪⲈ ⲚⲀ ⲠⲞⲨⲢⲞ ⲚⲈ.
25 उस ने कहा, “तो जो क़ैसर का है क़ैसर को दो और जो ख़ुदा का है ख़ुदा को।”
ⲕ̅ⲉ̅ⲚⲐⲞϤ ⲆⲈ ⲠⲈϪⲀϤ ⲚⲰⲞⲨ ϪⲈ ϮⲚⲞⲨ ⲘⲀ ⲚⲀ ⲠⲞⲨⲢⲞ ⲘⲠⲞⲨⲢⲞ ⲞⲨⲞϨ ⲘⲀ ⲚⲀ ⲪⲚⲞⲨϮ ⲘⲪⲚⲞⲨϮ.
26 यूँ वह अवाम के सामने उस की कोई बात पकड़ने में नाकाम रहे। उस का जवाब सुन कर वह हक्का — बक्का रह गए और मज़ीद कोई बात न कर सके।
ⲕ̅ⲋ̅ⲞⲨⲞϨ ⲘⲠⲞⲨϢϪⲈⲘϪⲞⲘ ⲈⲀⲘⲀϨⲒ ⲘⲘⲞϤ ϦⲈⲚⲞⲨⲤⲀϪⲒ ⲘⲠⲈⲘⲐⲞ ⲘⲠⲒⲖⲀⲞⲤ ⲞⲨⲞϨ ⲈⲦⲀⲨⲈⲢϢⲪⲎⲢⲒ ⲈϨⲢⲎⲒ ⲈϪⲈⲚ ⲠⲈϤϪⲒⲚⲈⲢⲞⲨⲰ ⲀⲨⲬⲀⲢⲰⲞⲨ.
27 फिर कुछ सदूक़ी उस के पास आए। सदूक़ी नहीं मानते थे कि रोज़ — ए — क़यामत में मुर्दे जी उठेंगे। उन्हों ने ईसा से एक सवाल किया,
ⲕ̅ⲍ̅ⲈⲦⲀⲨⲒ ⲆⲈ ⲚϪⲈϨⲀⲚⲞⲨⲞⲚ ⲚϪⲈϨⲀⲚⲤⲀⲆⲆⲞⲨⲔⲈⲞⲤ ⲚⲎ ⲈⲦϪⲰ ⲘⲘⲞⲤ ϪⲈ ⲘⲘⲞⲚ ⲀⲚⲀⲤⲦⲀⲤⲒⲤ ⲀⲨϢⲈⲚϤ
28 “उस्ताद, मूसा ने हमें हुक्म दिया कि अगर कोई शादीशुदा आदमी बेऔलाद मर जाए और उस का भाई हो तो भाई का फ़र्ज़ है कि वह बेवा से शादी करके अपने भाई के लिए औलाद पैदा करे।
ⲕ̅ⲏ̅ⲈⲨϪⲰ ⲘⲘⲞⲤ ϪⲈ ⲪⲢⲈϤϮⲤⲂⲰ Ⲁ- ⲘⲰⲨⲤⲎⲤ ⲤϦⲀⲒ ⲚⲀⲚ ϪⲈ ⲈϢⲰⲠ ⲀⲢⲈϢⲀⲚ ⲠⲤⲞⲚ ⲚⲞⲨⲀⲒ ⲘⲞⲨ ⲈⲞⲨⲞⲚⲦⲈϤ ⲤϨⲒⲘⲒ ⲘⲘⲀⲨ ⲞⲨⲞϨ ⲪⲀⲒ ⲘⲘⲞⲚⲦⲈϤ ϢⲎⲢⲒ ⲘⲘⲀⲨ ϨⲒⲚⲀ ⲚⲦⲈⲠⲈϤⲤⲞⲚ ϬⲒ ⲚⲦⲈϤⲤϨⲒⲘⲒ ⲞⲨⲞϨ ⲚⲦⲈϤⲦⲞⲨⲚⲞⲤ ⲞⲨϪⲢⲞϪ ⲘⲠⲈϤⲤⲞⲚ.
29 अब फ़र्ज़ करें कि सात भाई थे। पहले ने शादी की, लेकिन बेऔलाद मर गया।
ⲕ̅ⲑ̅ⲚⲈ ⲞⲨⲞⲚ ⲌⲞⲨⲚ ⲚⲤⲞⲚ ⲠⲈ ⲞⲨⲞϨ ⲠⲒϨⲞⲨⲒⲦ ⲈⲦⲀϤϬⲒ ϮⲤϨⲒⲘⲒ ⲀϤⲘⲞⲨ ⲈϤⲞⲒ ⲚⲀⲦϢⲎⲢⲒ.
30 इस पर दूसरे ने उस से शादी की, लेकिन वह भी बेऔलाद मर गया।
ⲗ̅ⲞⲨⲞϨ ⲠⲒⲘⲀϨⲂ ⲀϤϬⲒⲦⲤ
31 फिर तीसरे ने उस से शादी की। यह सिलसिला सातवें भाई तक जारी रहा। इसके बाद हर भाई बेवा से शादी करने के बाद मर गया।
ⲗ̅ⲁ̅ⲚⲈⲘ ⲠⲒⲘⲀϨⲄ ⲠⲀⲒⲢⲎϮ ⲆⲈ ϢⲀ ⲠⲒⲘⲀϨⲌ ⲘⲠⲞⲨⲬⲀ ϢⲎⲢⲒ ⲞⲨⲞϨ ⲀⲨⲘⲞⲨ.
32 आख़िर में बेवा की भी मौत हो गई।
ⲗ̅ⲃ̅ⲈⲠϦⲀⲈ ⲆⲈ ⲀⲤⲘⲞⲨ ϨⲰⲤ ⲚϪⲈϮⲔⲈⲤϨⲒⲘⲒ
33 अब बताएँ कि क़यामत के दिन वह किस की बीवी होगी? क्यूँकि सात के सात भाइयों ने उस से शादी की थी।”
ⲗ̅ⲅ̅ⲚϨⲢⲎⲒ ⲞⲨⲚ ϦⲈⲚϮⲀⲚⲀⲤⲦⲀⲤⲒⲤ ⲀⲤⲚⲀⲈⲢⲤϨⲒⲘⲒ ⲚⲚⲒⲘ ⲘⲘⲰⲞⲨ ⲀⲠⲒⲌ ⲄⲀⲢ ϬⲒⲦⲤ ⲈⲨⲤϨⲒⲘⲒ
34 ईसा ने जवाब दिया, “इस ज़माने में लोग ब्याह — शादी करते और कराते हैं। (aiōn g165)
ⲗ̅ⲇ̅ⲞⲨⲞϨ ⲠⲈϪⲀϤ ⲚⲰⲞⲨ ⲚϪⲈⲒⲎⲤⲞⲨⲤ ϪⲈ ⲚⲒϢⲎⲢⲒ ⲚⲦⲈⲠⲀⲒⲈⲚⲈϨ ϢⲀⲨϬⲒ ⲞⲨⲞϨ ϢⲀⲨϬⲒⲦⲞⲨ. (aiōn g165)
35 लेकिन जिन्हें ख़ुदा आने वाले ज़माने में शरीक होने और मुर्दों में से जी उठने के लायक़ समझता है वह उस वक़्त शादी नहीं करेंगे, न उन की शादी किसी से कराई जाएगी। (aiōn g165)
ⲗ̅ⲉ̅ⲚⲎ ⲆⲈ ⲈⲦⲀⲨⲈⲢⲠⲈⲘⲠϢⲀ ⲘⲠⲒⲈⲚⲈϨ ⲈⲦⲈⲘⲘⲀⲨ ⲚⲈⲘ ϮⲀⲚⲀⲤⲦⲀⲤⲒⲤ ϮⲈⲂⲞⲖ ϦⲈⲚⲚⲒⲢⲈϤⲘⲰⲞⲨⲦ ⲞⲨⲆⲈ ⲘⲠⲀⲨϬⲒ ⲞⲨⲆⲈ ⲘⲠⲀⲨϬⲒⲦⲞⲨ (aiōn g165)
36 वह मर भी नहीं सकेंगे, क्यूँकि वह फ़रिश्तों की तरह होंगे और क़यामत के फ़र्ज़न्द होने के बाइस ख़ुदा के फ़र्ज़न्द होंगे।
ⲗ̅ⲋ̅ⲞⲨⲆⲈ ⲄⲀⲢ ⲘⲘⲞⲚ ϢϪⲞⲘ ⲚⲤⲈⲘⲞⲨ ϪⲈ ϨⲀⲚϨⲒⲤⲞⲤ ⲚⲀⲄⲄⲈⲖⲞⲤ ⲄⲀⲢ ⲚⲈⲞⲨⲞϨ ϨⲀⲚϢⲎⲢⲒ ⲚⲦⲈⲪⲚⲞⲨϮ ⲚⲈⲈⲨⲞⲒ ⲚϢⲎⲢⲒ ⲚⲦⲈϮⲀⲚⲀⲤⲦⲀⲤⲒⲤ.
37 और यह बात कि मुर्दे जी उठेंगे मूसा से भी ज़ाहिर की गई है। क्यूँकि जब वह काँटेदार झाड़ी के पास आया तो उस ने ख़ुदा को यह नाम दिया, अब्रहाम का ख़ुदा, इज़हाक़ का ख़ुदा और याक़ूब का ख़ुदा, हालाँकि उस वक़्त तीनों बहुत पहले मर चुके थे। इस का मतलब है कि यह हक़ीक़त में ज़िन्दा हैं।
ⲗ̅ⲍ̅ⲞⲦⲒ ⲆⲈ ⲚⲒⲢⲈϤⲘⲰⲞⲨⲦ ⲚⲀⲦⲰⲞⲨⲚⲞⲨ ⲘⲰⲨⲤⲎⲤ ϨⲰϤ ⲀϤϮⲘⲎⲒⲚⲒ ϨⲒ ⲠⲒⲂⲀⲦⲞⲤ ⲘⲪⲢⲎϮ ⲈⲦⲈϤϪⲰ ⲘⲘⲞⲤ ϪⲈ ⲠϬⲞⲒⲤ ⲪⲚⲞⲨϮ ⲚⲀⲂⲢⲀⲀⲘ ⲚⲈⲘ ⲪⲚⲞⲨϮ ⲚⲒⲤⲀⲀⲔ ⲚⲈⲘ ⲪⲚⲞⲨϮ ⲚⲒⲀⲔⲰⲂ.
38 क्यूँकि ख़ुदा मुर्दों का नहीं बल्कि ज़िन्दों का ख़ुदा है। उस के नज़दीक यह सब ज़िन्दा हैं।”
ⲗ̅ⲏ̅ⲪⲚⲞⲨϮ ⲪⲀ ⲚⲎ ⲈⲐⲘⲰⲞⲨⲦ ⲀⲚ ⲠⲈ ⲀⲖⲖⲀ ⲪⲀ ⲚⲎ ⲈⲦⲞⲚϦ ⲠⲈ ⲤⲈⲞⲚϦ ⲄⲀⲢ ⲚⲀϤ ⲦⲎⲢⲞⲨ.
39 यह सुन कर शरी'अत के कुछ उलमा ने कहा, “शाबाश उस्ताद, आप ने अच्छा कहा है।”
ⲗ̅ⲑ̅ⲀⲨⲈⲢⲞⲨⲰ ⲆⲈ ⲚϪⲈϨⲀⲚⲞⲨⲞⲚ ⲈⲂⲞⲖ ϦⲈⲚⲚⲒⲤⲀϦ ⲠⲈϪⲰⲞⲨ ϪⲈ ⲠⲒⲢⲈϤϮⲤⲂⲰ ⲔⲀⲖⲰⲤ ⲀⲔϪⲞⲤ.
40 इस के बाद उन्हों ने उस से कोई भी सवाल करने की हिम्मत न की।
ⲙ̅ⲚⲀⲨϢⲈⲢⲦⲞⲖⲘⲀⲚ ⲄⲀⲢ ⲀⲚ ϪⲈ ⲈϢⲈⲚϤ ⲈϨⲖⲒ.
41 फिर ईसा ने उन से पूछा, “मसीह के बारे में क्यूँ कहा जाता है कि वह दाऊद का बेटा है?
ⲙ̅ⲁ̅ⲠⲈϪⲀϤ ⲆⲈ ⲚⲰⲞⲨ ϪⲈ ⲠⲰⲤ ⲤⲈϪⲰ ⲘⲘⲞⲤ ϪⲈ ⲠⲬⲢⲒⲤⲦⲞⲤ ⲠϢⲎⲢⲒ ⲚⲆⲀⲨⲒⲆ ⲠⲈ
42 क्यूँकि दाऊद ख़ुद ज़बूर की किताब में फ़रमाता है, ख़ुदा ने मेरे ख़ुदा से कहा, मेरे दाहिने हाथ बैठ,
ⲙ̅ⲃ̅ⲚⲐⲞϤ ⲄⲀⲢ ⲆⲀⲨⲒⲆ ϤϪⲰ ⲘⲘⲞⲤ ϦⲈⲚⲠϪⲰⲘ ⲚⲚⲒⲮⲀⲖⲘⲞⲤ ϪⲈ ⲠⲈϪⲈ ⲠϬⲞⲒⲤ ⲘⲠⲀϬⲞⲒⲤ ϪⲈ ϨⲈⲘⲤⲒ ⲤⲀⲦⲀⲞⲨⲒⲚⲀⲘ
43 जब तक मैं तेरे दुश्मनों को तेरे पैरों की चौकी न बना दूँ।’
ⲙ̅ⲅ̅ϢⲀϮⲬⲀ ⲚⲈⲔϪⲀϪⲒ ⲤⲀⲠⲈⲤⲎⲦ ⲚⲚⲈⲔϬⲀⲖⲀⲨϪ.
44 दाऊद तो ख़ुद मसीह को ख़ुदा कहता है। तो फिर वह किस तरह दाऊद का बेटा हो सकता है?”
ⲙ̅ⲇ̅ⲆⲀⲨⲒⲆ ⲞⲨⲚ ϤⲘⲞⲨϮ ⲈⲢⲞϤ ϪⲈ ⲠⲀϬⲞⲒⲤ ⲞⲨⲞϨ ⲠⲰⲤ ⲠⲈϤϢⲎⲢⲒ ⲠⲈ.
45 जब लोग सुन रहे थे तो उस ने अपने शागिर्दों से कहा,
ⲙ̅ⲉ̅ⲈϤⲤⲰⲦⲈⲘ ⲆⲈ ⲚϪⲈⲠⲒⲖⲀⲞⲤ ⲦⲎⲢϤ ⲠⲈϪⲀϤ ⲚⲚⲈϤⲘⲀⲐⲎⲦⲎⲤ
46 “शरी'अत के उलमा से ख़बरदार रहो! क्यूँकि वह शानदार चोग़े पहन कर इधर उधर फिरना पसन्द करते हैं। जब लोग बाज़ारों में सलाम करके उन की इज़्ज़त करते हैं तो फिर वह ख़ुश हो जाते हैं। उन की बस एक ही ख़्वाहिश होती है कि इबादतख़ानों और दावतों में इज़्ज़त की कुर्सियों पर बैठ जाएँ।
ⲙ̅ⲋ̅ϪⲈ ⲘⲀϨⲐⲎⲦⲈⲚ ⲈⲢⲰⲦⲈⲚ ⲈⲂⲞⲖ ϨⲀ ⲚⲒⲤⲀϦ ⲚⲎ ⲈⲐⲞⲨⲰϢ ⲈⲘⲞϢⲒ ϦⲈⲚϨⲀⲚⲤⲦⲞⲖⲎ ⲞⲨⲞϨ ⲈⲨⲘⲈⲒ ⲚⲚⲒⲀⲤⲠⲀⲤⲘⲞⲤ ϦⲈⲚⲚⲒⲀⲄⲞⲢⲀ ⲚⲈⲘ ⲚⲒϢⲞⲢⲠ ⲘⲘⲀⲚϨⲈⲘⲤⲒ ϦⲈⲚⲚⲒⲤⲨⲚⲀⲄⲰⲄⲎ ⲚⲈⲘ ⲚⲒϢⲞⲢⲠ ⲘⲘⲀⲚⲢⲰⲦⲈⲂ ϦⲈⲚⲚⲒⲆⲒⲠⲚⲞⲚ.
47 यह लोग बेवाओं के घर हड़प कर जाते और साथ साथ दिखावे के लिए लम्बी लम्बी दुआएँ माँगते हैं। ऐसे लोगों को निहायत सख़्त सज़ा मिलेगी।”
ⲙ̅ⲍ̅ⲚⲎ ⲈⲐⲞⲨⲰⲘ ⲚⲚⲒⲎⲒ ⲚⲦⲈⲚⲒⲬⲎⲢⲀ ⲞⲨⲞϨ ϦⲈⲚⲞⲨⲖⲰⲒϪⲒ ⲈⲤⲞⲨⲎⲞⲨ ⲤⲈⲈⲢⲠⲢⲞⲤⲈⲨⲬ ⲈⲤⲐⲈ ⲚⲀⲒ ⲈⲨⲈϬⲒ ⲚⲞⲨϨⲀⲠ ⲚϨⲞⲨⲞ.

< लूका 20 >