< लूका 19 >

1 फिर ईसा यरीहू में दाख़िल हुआ और उस में से होकर गुज़रने लगा।
ଜୀସୁ ଜିରିହତା ହ଼ଡାନା ଗା଼ଡ଼ା ମାଦିଟି ହାଜିମାଚେସି ।
2 उस शहर में एक अमीर आदमी ज़क्काई नाम का रहता था जो महसूल लेने वालों का अफ़्सर था।
ଏମ୍ବାଆଁ ଜକିୟ ଦ଼ରୁଗାଟାସି ରଅସି ମାଚେସି, ଏ଼ୱାସି ସିସ୍ତୁ ରୀହ୍‌ନାରି ବିତ୍ରାଟି କାଜାସି ଅ଼ଡ଼େ ଏ଼ୱାଣାକି ହା଼ରେକା ଦ଼ନ ମାଚେ ।
3 वह जानना चाहता था कि यह ईसा कौन है, लेकिन पूरी कोशिश करने के बावजूद उसे देख न सका, क्यूँकि ईसा के आस पास बड़ा हुजूम था और ज़क्काई का क़द छोटा था।
ଜୀସୁ ଏ଼ନିଲେହେଁତାସି ଇଞ୍ଜିଁ ଏ଼ୱାଣାଇଁ ମେସାଲି ହା଼ରେକା ମ଼ନ ମାଚେ, ସାମା ହା଼ରେକା ଲ଼କୁ ମାଚାକି ମେସାଲି ଆ଼ଡିହିଲାଆତେସି, ଏ଼ନାଆଁତାକି ଇଚିହିଁ ଏ଼ୱାସି କୁଜା ମାଚେସି ।
4 इस लिए वह दौड़ कर आगे निकला और उसे देखने के लिए गूलर के दरख़्त पर चढ़ गया जो रास्ते में था।
ଏମ୍ବାଟିଏ ଏ଼ୱାସି ନ଼କିତା ହଟି ହଟି ହାଜାନା ଜୀସୁ ହାନି ଜିରୁତା ଏ଼ୱାଣାଇଁ ମେସାଲି ର଼ ତ଼ୟା ମା଼ର୍‌ନୁତା ହ଼ତେସି, ଇଚିହିଁ ଜୀସୁ ଏ଼ ଜିରୁଟି ହାନାୟି ମାଚେ ।
5 जब ईसा वहाँ पहुँचा तो उस ने नज़र उठा कर कहा, “ज़क्काई, जल्दी से उतर आ, क्यूँकि आज मुझे तेरे घर में ठहरना है।”
ଜୀସୁ ଏମ୍ବାଆଁ ଏଜାନା ଲାକ ସିନିକିହାନା ହା଼ଟିତେସି, “ଆଡ଼େ ଜକିୟ ତବେ ରେ଼ଚାୱାମୁ ଇଚିହିଁ ନୀଞ୍ଜୁ ନା଼ନୁ ମୀ ଇଜ ଗତା ୱା଼ନାୟି ମାନେ ।”
6 ज़क्काई फ़ौरन उतर आया और ख़ुशी से उस की मेहमान — नवाज़ी की।
ଏ଼ୱାସି ତବେ ରେ଼ଚାୱା଼ହାନା ଏ଼ୱାଣାଇଁ ରା଼ହାଁଟି ତାମି ଇଜ ହା଼ଟିତେସି ।
7 जब लोगों ने ये देखा तो सब बुदबुदाने लगे, कि “वह एक गुनाहगार के यहाँ मेहमान बन गया है।”
ଈଦାଆଁ ମେସାନା ବାରେ ଲ଼କୁ ମୁରୁ ମୁରୁ ଆ଼ହିଁ କାତା ଆ଼ତେରି, “ଈୱାସି ର଼ ପା଼ପୁ ଗାଟାରି ଇଜ ଗତା ହାଜିମାନେସି ।”
8 लेकिन ज़क्काई ने ख़ुदावन्द के सामने खड़े हो कर कहा, “ख़ुदावन्द, मैं अपने माल का आधा हिस्सा ग़रीबों को दे देता हूँ। और जिससे मैं ने नाजायज़ तौर से कुछ लिया है उसे चार गुना वापस करता हूँ।”
ସାମା ଜକିୟ ନିଚାନା ପ୍ରବୁଇଁ ଏଲେଇଚେସି, “ଏ଼ ପ୍ରବୁ ନା଼ନୁ ନା଼ ଦ଼ନତି ର଼ ବା଼ଗା ହିଲାଆ ଗାଟାରାକି ହୀଇଁ, ଅ଼ଡ଼େ ନା଼ନୁ ଆମ୍ବାଆରି ତା଼ଣାଟି ଏ଼ନାଆଁ ତାଚାମାଚିହିଁ ସା଼ରି ବା଼ଗା ଆଗାଡ଼ା ୱେଟ୍‌ଇଁ ।”
9 ईसा ने उस से कहा, “आज इस घराने को नजात मिल गई है, इस लिए कि यह भी इब्राहीम का बेटा है।
ଏମ୍ବାଟିଏ ଜୀସୁ ଏଲେଇଚେସି, “ନୀଞ୍ଜୁ ଈ ଇଜତି ଲ଼କୁତାକି ଗେଲ୍‌ପିନାୟି ୱା଼ହାମାନେ, ଇଚିହିଁ ଈୱାସି ଜିକେଏ ଅବ୍ରାହାମତି କୂଡ଼ାତାସି ।
10 क्यूँकि इब्न — ए — आदम खोए हुए को ढूँडने और नजात देने के लिए आया है।”
୧୦ଇଚିହିଁ ଏ଼ନାୟି ଜା଼ଙ୍ଗା ହାଜାମାନେ ଏ଼ଦାଆଁ ପାରାନା ଗେଲ୍‌ପାଲି ମାଣ୍‌ସି ମୀର୍‌ଏସି ୱା଼ହାମାନେସି ।”
11 अब ईसा येरूशलेम के क़रीब आ चुका था, इस लिए लोग अन्दाज़ा लगाने लगे कि ख़ुदा की बादशाही ज़ाहिर होने वाली है। इस के पेश — ए — नज़र ईसा ने अपनी यह बातें सुनने वालों को एक मिसाल सुनाई।
୧୧ଲ଼କୁ ଈ କାତା ୱେଞ୍ଜି ମାଚାଟି ଏ଼ୱାସି ଅ଼ଡ଼େ ର଼ ପୁଣ୍‌ମ୍ବିକିନି କାତା ୱେସ୍ତେସି, ଇଚିହିଁ ଏ଼ୱାସି ଜିରୁସାଲମ ଡାଗେ ଆ଼ହାମାଚେସି, ଇଚିହିଁ ମାହାପୂରୁ ରା଼ଜି ତବେ ତ଼ଞ୍ଜାଆ଼ନେ ଇଞ୍ଜିଁ ଅଣ୍‌ପିମାଚେରି ।
12 उस ने कहा, “एक जागीरदार किसी दूरदराज़ मुल्क को चला गया ताकि उसे बादशाह मुक़र्रर किया जाए। फिर उसे वापस आना था।
୧୨ଏ଼ୱାସି ଏଲେଇଚେସି, “ର଼ କାଜା କୂଡ଼ାତାସି ରାଜା ପା଼ଣା ବେଟାଆ଼ହାଁ ୱେଣ୍ତା ୱାଇଁୱା ଇଞ୍ଜିଁ ର଼ ହେକ ରା଼ଜି ହାଚେସି ।
13 रवाना होने से पहले उस ने अपने नौकरों में से दस को बुला कर उन्हें सोने का एक एक सिक्का दिया। साथ साथ उस ने कहा, यह पैसे ले कर उस वक़्त तक कारोबार में लगाओ जब तक मैं वापस न आऊँ।’
୧୩ଏ଼ୱାସି ତାନି ଦସଜା଼ଣା ହ଼ଲିୟାଙ୍ଗାଣି ହା଼ଟାନା ଏ଼ୱାରାକି ଦସଗଟା ୱେଣ୍ତି ଟାକା ଲାକା ହୀହାନା ଏଲେଇଚେସି, ‘ନା଼ନୁ ୱେଣ୍ତା ୱା଼ନି ପାତେକା ମୀରୁ ଈ ଟାକା ତଲେ ବେ଼ବାରା କିଦୁ ।’
14 लेकिन उस की रिआया उस से नफ़रत रखती थी, इस लिए उस ने उस के पीछे एलची भेज कर इत्तिला दी, हम नहीं चाहते कि यह आदमी हमारा बादशाह बने।”’
୧୪ସାମା ତାନି ଦେ଼ସାତାରି ଏ଼ୱାଣାଇଁ ଅ଼ପିହିଲାଆତେରି, ‘ଈୱାସି ମାଙ୍ଗେତାକି ରାଜା ଆୟାଆପେସି’ ଇଞ୍ଜିଁ ତାନି ଜେ଼ଚଏ କ଼ସ୍‌କାଣି କାବ୍ରୁ ୱେସା ପାଣ୍ତିତେରି ।”
15 “तो भी उसे बादशाह मुक़र्रर किया गया। इस के बाद जब वापस आया तो उस ने उन नौकरों को बुलाया जिन्हें उस ने पैसे दिए थे ताकि मालूम करे कि उन्हों ने यह पैसे कारोबार में लगा कर कितना मुनाफ़ा किया है।
୧୫ଡା଼ୟୁ ଏ଼ୱାସି ରାଜା ପା଼ଣା ବେଟାଆ଼ହାନା ତାନି ରା଼ଜିତା ୱେଣ୍ତାୱା଼ତେସି, ଇଞ୍ଜାଁ ତା଼ନୁ ଟାକାୟାଁ ହୀହାମାଚି ହ଼ଲିୟାଙ୍ଗା ବେ଼ବାରା କିହାଁ ଏଚେକା ଲା଼ବା କିହାମାନେରି ଏ଼ଦାଆଁ ପୁଞ୍ଜାଲି ଏ଼ୱାରାଇଁ ହା଼ଟିକିତେସି, ଇଞ୍ଜାଁ ୱେଚେସି ।
16 पहला नौकर आया। उस ने कहा, जनाब, आप के एक सिक्के से दस हो गए हैं।’
୧୬ତଲିତାସି ୱା଼ହାନା ଏଲେଇଚେସି, “ବା଼ବୁ ନୀନୁ ହୀହାମାଞ୍ଜାତି ର଼ ଟାକା ତଲେ ବେ଼ବାରା କିହାନା ଦସଟାକା ଲା଼ବା କିହାମାଇଁ ।”
17 मालिक ने कहा, शाबाश, अच्छे नौकर। तू थोड़े में वफ़ादार रहा, इस लिए अब तुझे दस शहरों पर इख़्तियार दिया।’
୧୭ଏ଼ୱାସି ଏ଼ୱାଣାଇଁ ଏଲେଇଚେସି, “ନେହିଁ ଟିକାଣାଗାଟି ନାମୁତି ହ଼ଲେଏଣାତି, ନୀନୁ ଊଣା କାମାତାକି ନେହିଁ କାମା କିହାମାନାକି ନା଼ନୁ ନିଙ୍ଗେ ଦସଗଟା ଗା଼ଡ଼ାୟାଁ ସା଼ଲୱି କିନି ଅଦିକାରା କିମୁ ।”
18 फिर दूसरा नौकर आया। उस ने कहा, जनाब, आप के एक सिक्के से पाँच हो गए हैं।’
୧୮ଅ଼ଡ଼େ ରଅସି ୱା଼ହାନା ଏଲେଇଚେସି, “ବା଼ବୁ ନୀନୁ ହୀହାମାଞ୍ଜାତି ଟାକା ତଲେ ପା଼ସାଗଟା ଲା଼ବା କିହାମାଇଁ ।”
19 मालिक ने उस से कहा, तुझे पाँच शहरों पर इख़्तियार दिया।’
୧୯ଏ଼ୱାସି ଏ଼ୱାଣାଇଁ ଜିକେଏ ଏଲେଇଚେସି, “ନୀନୁ ଜିକେଏ ପା଼ସାଗଟା ଗା଼ଡ଼ାୟାଁ ମୁହେଁ ଅଦିକାରା ଆ଼ମୁ ।”
20 फिर एक और नौकर आ कर कहने लगा, जनाब, यह आप का सिक्का है। मैं ने इसे कपड़े में लपेट कर मह्फ़ूज़ रखा,
୨୦ଅ଼ଡ଼େ ରଅସି ୱା଼ହାନା ଏଲେଇଚେସି, “ପ୍ରବୁ ମେହ୍‌ମୁ ଈଦି ନୀନୁ ହୀହାମାଞ୍ଜାତି ଟାକା; ଈଦାଆଁ ନା଼ନୁ ଡ୍ରାଃଆଲିତା ରୂପାନା ଇଟାମାଚେଏଁ ।
21 क्यूँकि मैं आप से डरता था, इस लिए कि आप सख़्त आदमी हैं। जो पैसे आप ने नहीं लगाए उन्हें ले लेते हैं और जो बीज आप ने नहीं बोया उस की फ़सल काटते हैं।’
୨୧ଇଚିହିଁ ନା଼ନୁ ନିଙ୍ଗେ ଆଜାତେଏଁ, ନୀନୁ ର଼ ଗିରିଗିରା ଗାଟାତି, ଇଟା ହିଲାଆଗାଟାଣି ପାରିନାତି, ମାଟା ହିଲାଆତା଼ଣା ଦା଼ଃଆନାତି ।”
22 मालिक ने कहा, शरीर नौकर! मैं तेरे अपने अल्फ़ाज़ के मुताबिक़ तेरा फ़ैसला करूँगा। जब तू जानता था कि मैं सख़्त आदमी हूँ, कि वह पैसे ले लेता हूँ जो ख़ुद नहीं लगाए और वह फ़सल काटता हूँ जिस का बीज नहीं बोया,
୨୨ଏ଼ୱାସି ଏ଼ୱାଣାଇଁ ଏଲେଇଚେସି, ଆଡ଼େ ପ଼ଲ୍‌ଆଗାଟି ହ଼ଲେଏଣାତି, ନୀ ଗୂତିତି ହା଼ଡାତଲେ ନୀ ନୀହାଁୟି କିୟାଇଁ, ନା଼ନୁ ଗିରିଗିରା ଗାଟାତେଏଁ, ଇଟାହିଲାଆ ତା଼ଣା ପାରିନାତେଏଁ ମାଟାଆତି ତା଼ଣା ଦା଼ଃଆନାତେଏଁ ଈଦାଆଁ ପୁଞ୍ଜାମାଚି?
23 तो फिर तूने मेरे पैसे साहूकार के यहाँ क्यूँ न जमा कराए? अगर तू ऐसा करता तो वापसी पर मुझे कम अज़ कम वह पैसे सूद समेत मिल जाते।’
୨୩ଆତିହିଁ ଏ଼ନାଆଁତାକି ନା଼ ଟାକାତି ରୀଣା ଅ଼ନାରାକି ହୀଆତି, ନା଼ନୁ ୱା଼ହାନା ଅଡିତଲେ ବେଟାଆ଼ତେଏଁମା ।
24 और उसने उनसे कहा, यह सिक्का इससे ले कर उस नौकर को दे दो जिस के पास दस सिक्के हैं।”
୨୪ଇଞ୍ଜାଁ ଦାରିତା ନିଚାମାଚାରାଇଁ ୱେସ୍ତେସି, “ଈୱାଣି ତା଼ଣାଟି ଏ଼ ଟାକା ମୀଞ୍ଜା ଅ଼ହାନା ଆମ୍ବାଆରିକି ଦସଟାକା ମାନୁ ଏ଼ୱାଣାକି ହୀଦୁ ।”
25 उन्होंने उससे कहा, ऐ ख़ुदावन्द, उस के पास तो पहले ही दस सिक्के हैं।’
୨୫ଏଚେଟିଏ ଏ଼ୱାରି ୱେସ୍ତେରି, “ପ୍ରବୁ ଏ଼ୱାଣାକି ଦସଟାକା ମାନୁ ।”
26 उस ने जवाब दिया, मैं तुम्हें बताता हूँ कि हर शख़्स जिस के पास कुछ है उसे और दिया जाएगा, लेकिन जिस के पास कुछ नहीं है उस से वह भी छीन लिया जाएगा जो उस के पास है।
୨୬ନା଼ନୁ ମିଙ୍ଗେ ୱେସିମାଞ୍ଜାଇଁ, “ଆମିନିଗାଟାଣାକି ମାନେ, ଏ଼ୱାଣାକି ଗାଡି ହୀପ୍‌କିଆ଼ନେ । ସାମା ଆମ୍ବାଆରାୱାୟି ହିଲେଏ ଏ଼ୱାଣି ତା଼ଣା ଏ଼ନାୟି ମାନେ ଏ଼ଦାଆଁ ଜିକେଏ ଏ଼ୱାଣି ତା଼ଣାଟି ଅ଼ୱିଆ଼ନେ ।
27 अब उन दुश्मनों को ले आओ जो नहीं चाहते थे कि मैं उन का बादशाह बनूँ। उन्हें मेरे सामने फाँसी दे दो’।”
୨୭ସାମା ନାଙ୍ଗେ ତାମି ରାଜା ଆ଼ହାଲି କୂହାମାଞ୍ଜାନି ସାତ୍ରୁୟାଁଇଁ ଇମ୍ବାଆଁ ତା଼କା ହାଜାନା ଏ଼ୱାରାଇଁ ନା଼ ନ଼କିତା ଟୂଣ୍‌ହାତୁହ୍‌ଦୁ ।”
28 इन बातों के बाद ईसा दूसरों के आगे आगे येरूशलेम की तरफ़ बढ़ने लगा।
୨୮ଈ ବାରେ କାତା ୱେସ୍ତି ଡା଼ୟୁ ଜୀସୁ ଜିରୁସାଲମ ୱାକି ହାଚେସି ।
29 जब वह बैत — फ़गे और बैत — अनियाह गाँव के क़रीब पहुँचा जो ज़ैतून के पहाड़ पर आबाद थे तो उस ने दो शागिर्दों को अपने आगे भेज कर कहा?,
୨୯ଏ଼ୱାସି ଜୀତ ହ଼ରୁ ଦାରିତା ମାନି ବେତନିୟାଁ ଅ଼ଡ଼େ ବେତ୍‌ପାଗି ନା଼ସ୍‌କାଣାଁ ଏଜାନା ତାନି ସୀସୁୟାଁ ବିତ୍ରାଟି ରିଆରାଇଁ ଈ କାତା ୱେସା ପାଣ୍ତିତେସି ।
30 “सामने वाले गाँव में जाओ। वहाँ तुम एक जवान गधा देखोगे। वह बँधा हुआ होगा और अब तक कोई भी उस पर सवार नहीं हुआ है। उसे खोल कर ले आओ।
୩୦“ମୀରୁ ହାଜାନା ମୀ ନ଼କିତି ନା଼ୟୁଁତା ହ଼ଡ଼୍‌ଦୁ ଇଞ୍ଜାଁ ଲ଼କୁ ଏଚେଲା ହ଼ଚା ହିଲଅରି; ଇଲେତି ର଼ ଗା଼ଡ଼୍‌ଦେ ଡା଼ଲୁତି ଦସାମାନାଣି ମେହ୍‌ଦେରି; ଏ଼ଦାଆଁ ଦା଼ୱାଁ ହୁକ୍‌ହା ନା଼ ତା଼ଣା ତାଚିହିଁ ୱା଼ଦୁ ।
31 अगर कोई पूछे कि गधे को क्यूँ खोल रहे हो तो उसे बता देना कि ख़ुदावन्द को इस की ज़रूरत है।”
୩୧ଆମ୍ବାଆସି ଏ଼ନାଆଁତାକି ହୁକ୍‌ହିମାଞ୍ଜେରି ଇଞ୍ଜିଁ ୱେଞ୍ଜାତିହିଁ, ଈଦାନି ମା଼ ପ୍ରବୁକି ଲ଼ଡ଼ାମାନେ ଇଞ୍ଜିଁ ୱେହ୍‌ଦୁ ।”
32 दोनों शागिर्द गए तो देखा कि सब कुछ वैसा ही है जैसा ईसा ने उन्हें बताया था।
୩୨ଏମ୍ବାଟି ଜୀସୁ ପାଣ୍ତାମାଚାରି ଏ଼ୱାସି ଏ଼ନିକିଁ ୱେସାମାଚେସି, ଏଲେହେଁ ମେସ୍ତେରି ।
33 जब वह जवान गधे को खोलने लगे तो उस के मालिकों ने पूछा, “तुम गधे को क्यूँ खोल रहे हो?”
୩୩ଇଞ୍ଜାଁ ଏ଼ୱାରି ଗା଼ଡ଼୍‌ଦେ ଡା଼ଲୁତି ଦା଼ୱାଁ ହୁକ୍‌ହିମାଚାଟି ଗା଼ଡ଼୍‌ଦେ ସା଼ୱୁକାରିୟାଁ “ଏ଼ନାଆଁତାକି ହୁକ୍‌ହିମାଞ୍ଜେରି ଇଞ୍ଜିଁ ୱେଚେରି?”
34 उन्हों ने जवाब दिया, “ख़ुदावन्द को इस की ज़रूरत है।”
୩୪ଏ଼ୱାରି ଏଲେଇଚେରି, “ଈଦାନି ମା଼ ପ୍ରବୁକି ଲ଼ଡ଼ାମାନେ ।”
35 वह उसे ईसा के पास ले आए, और अपने कपड़े गधे पर रख कर उसको उस पर सवार किया।
୩୫ଏମ୍ବାଟିଏ ଗା଼ଡ଼୍‌ଦେ ଜୀସୁ ତା଼ଣା ତାଚାନା ଏ଼ଦାନିଲେକ ହିମ୍ବରିକା ପା଼ସାନା ଜୀସୁଇଁ ଲାକ କୁଗିକିତେରି ।
36 जब वह चल पड़ा तो लोगों ने उस के आगे आगे रास्ते में अपने कपड़े बिछा दिए।
୩୬ଅ଼ଡ଼େ ଏ଼ୱାସି ନ଼କିତା ହାଜିମାଚାଟି ଲ଼କୁ ଜିରୁତା ତାମି ହିମ୍ବରିକା ପା଼ସ୍ତେରି ।
37 चलते चलते वह उस जगह के क़रीब पहुँचा जहाँ रास्ता ज़ैतून के पहाड़ पर से उतरने लगता है। इस पर शागिर्दों का पूरा हुजूम ख़ुशी के मारे ऊँची आवाज़ से उन मोजिज़ों के लिए ख़ुदा की बड़ाई करने लगा जो उन्होंने देखे थे,
୩୭ଇଞ୍ଜାଁ ଏ଼ୱାସି ଜିରୁସାଲମ ଡାଗେ ମାନି ଜୀତ ହ଼ରୁଟି ୱା଼ନି ବେ଼ଲାତା ଏ଼ୱାସି ଇଞ୍ଜାଁ ତାମି ସୀସୁୟାଁ ଜୀସୁ କିତି ବା଼ଡ଼୍‌ୟୁତି କାମାତାକି ମାହାପୂରୁଇଁ ଜହରା କିହିହିଁ ରା଼ହାଁଟି ପା଼ଚୁ ପା଼ଚିତେରି ।
38 “मुबारिक़ है वह बादशाह जो ख़ुदावन्द के नाम से आता है। आस्मान पर सलामती हो और बुलन्दियों पर इज़्ज़त — ओ — जलाल।”
୩୮“ପ୍ରବୁତି ଦ଼ରୁଟି ଆମିନି ରାଜା ୱା଼ହିମାନେସି ଏ଼ୱାଣାକି ନେହେଁ । ଲାକପୂରୁ ହିତ୍‌ଡ଼ି ଅ଼ଡ଼େ ଲାକପୂରୁତି ମାହାପୂରୁଇଁ ଗାୱୁରମି ଆ଼ପେ ।”
39 कुछ फ़रीसी भीड़ में थे उन्होंने ईसा से कहा, “उस्ताद, अपने शागिर्दों को समझा दें।”
୩୯ଏଚେଟିଏ ଲ଼କୁ ମାନ୍ଦାଟି ଏଚରଜା଼ଣା ପାରୁସିୟାଁ ଜୀସୁଇଁ ଏଲେଇଚେରି, “ଏ଼ ଗୂରୁ ନୀ ସୀସୁୟାଁଇଁ ଲା଼ଗାମୁ ।”
40 उस ने जवाब दिया, “मैं तुम्हें बताता हूँ, अगर यह चुप हो जाएँ तो पत्थर पुकार उठेंगे।”
୪୦ନା଼ନୁ ମିଙ୍ଗେ ୱେସିମାଞ୍ଜାଇଁ, “ଈୱାରି ପାଲେଏ ଆ଼ତିସାରେ, ୱାଲ୍‌କା ହାଲେହେଁ କାଜା ଗିୟାଁତଲେ ଜ଼ଲିତୁମା ।”
41 जब वह येरूशलेम के क़रीब पहुँचा तो शहर को देख कर रो पड़ा
୪୧ଅ଼ଡ଼େ ଏଚେ଼ତା ଗା଼ଡ଼ା ଡାଗେ ୱା଼ତେସି, ଏଚିବେ଼ଲା ଗା଼ଡ଼ାତି ମେସାନା ଡ଼ୀହିହିଁ ଏଲେଇଚେସି,
42 और कहा, “क़ाश तू भी उस दिन पहचान लेती कि तेरी सलामती किस में है। लेकिन अब यह बात तेरी आँखों से छुपी हुई है।
୪୨“ନୀନୁ ହାଅ, ନୀନୁ ନୀଞ୍ଜୁ ହିତ୍‌ଡ଼ି ଜିରୁ ପୁଚିହିଁ ଅ଼ଜିତେମା! ସାମା ଏ଼ଦି ନୀ ତା଼ଣାଟି ଡ଼ୁଗାମାନେ!
43 क्यूँकि तुझ पर ऐसा वक़्त आएगा कि तेरे दुश्मन तेरे चारों तरफ़ बन्द बाँध कर तेरा घेरा करेंगे और यूँ तुझे तंग करेंगे।
୪୩ଏଚିବେ଼ଲା ମାହାପୂରୁ ନିଙ୍ଗେ ଗେଲ୍‌ପାଲି ଅଣ୍‌ପାମାଞ୍ଜାତେସି ଏ଼ଦାଆଁ ପୁନାଆତାକି ଏଚିବେ଼ଲାତା ନୀ ସାତ୍ରୁୟାଁ ନୀ ସା଼ରିସୁଟୁ କାଜା କ଼ଟା ଦସାନା ମୁଚାନେରି,
44 वह तुझे तेरे बच्चों समेत ज़मीन पर पटकेंगे और तेरे अन्दर एक भी पत्थर दूसरे पर नहीं छोड़ेंगे। और वजह यही होगी कि तू ने वह वक़्त नहीं पहचाना जब ख़ुदावन्द ने तेरी नजात के लिए तुझ पर नज़र की।”
୪୪ଇଞ୍ଜାଁ ନିଙ୍ଗେ ଅ଼ଡ଼େ ନୀ ତା଼ଣା ମାନି ନୀ ମୀର୍‌କାଣି କୁଡ଼୍‌ପୁନା଼ସା କିୟାନେରି, ଅ଼ଡ଼େ ର଼ ୱାଲିତି ଅ଼ର ୱାଲି ଲାକ ତୀରି ଆ଼ହାଲି ହିୟଅରି, ଇଲେତି ଦିନା ୱା଼ହିମାନେ ।”
45 फिर ईसा बैत — उल — मुक़द्दस में जा कर बेचने वालों को निकालने लगा,
୪୫ଏମ୍ବାଟିଏ ଜୀସୁ ମାହାପୂରୁ ଇଲୁତା ହ଼ଡାନାହାଁ ବେ଼ବାରା କିନାରାଇଁ ଏମ୍ବାଟି ହାସା ପେ଼ର୍‌ହାତୁସ୍ତେସି,
46 और उसने कहा, “लिखा है, 'मेरा घर दुआ का घर होगा' मगर तुम ने उसे डाकूओं के अंडे में बदल दिया है।”
୪୬ଦାର୍ମୁପତିତା ରା଼ସ୍‌କି ଆ଼ହାମାନେ, “ନା଼ ଇଲୁ ପ୍ରା଼ତାନା ଇଲୁ ଆ଼ନେ, ସାମା ମୀରୁ ଏ଼ଦାଆଁ ଡଂଗାଁୟାଁ ପା଼ୱୁ ମ୍ଣିପ୍‌ହାତୁସ୍ତେରି ।”
47 और वह रोज़ाना बैत — उल — मुक़द्दस में तालीम देता रहा। लेकिन बैत — उल — मुक़द्दस के रहनुमा इमाम, शरी'अत के आलिम और अवामी रहनुमा उसे क़त्ल करने की कोशिश में थे।
୪୭ଅ଼ଡ଼େ ଜୀସୁ ଦିନାତାକି ଦିନା ପ୍ରା଼ତାନା ଇଲୁତା ଜା଼ପ୍‌ହି ମାଚେସି, ସାମା କାଜା ପୂଜେରାଙ୍ଗା ଅ଼ଡ଼େ ମେ଼ରାପୁନାରି ଲ଼କୁତି କାଜାରି ତଲେ ଜୀସୁଇଁ ପା଼ୟାଲି ଅଣ୍‌ପିମାଚେରି,
48 अलबत्ता उन्हें कोई मौक़ा न मिला, क्यूँकि तमाम लोग ईसा की हर बात सुन सुन कर उस से लिपटे रहते थे।
୪୮ସାମା ଲ଼କୁ ରା଼ହାଁଟି ଏ଼ୱାଣି ଜା଼ପ୍‌ନାଣି ୱେଞ୍ଜିମାଚାକି ଏ଼ୱାରି ଏ଼ନିକିହାଲି ଆ଼ନେ ପାରୁ ବେଟାଆ଼ହି ହିଲାଆତେରି ।

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