< लूका 10 >

1 इन बातों के बाद ख़ुदावन्द ने सत्तर आदमी और मुक़र्रर किए, और जिस जिस शहर और जगह को ख़ुद जाने वाला था वहाँ उन्हें दो दो करके अपने आगे भेजा।
ᎾᏍᎩᏃ ᏄᎵᏍᏔᏂᏙᎸ, ᎤᎬᏫᏳᎯ ᏅᏩᎾᏓᎴ ᎦᎵᏆᏍᎪᎯ ᎢᏯᏂᏛ ᎾᏍᏉ ᏚᏑᏰᏎᎢ ᎠᎴ ᏚᏅᏎ ᏔᎵ ᏧᎾᎵᎪᏅᏛ ᎢᎬᏱ ᏄᏁᏅᏍᏗᏱ ᏂᎦᏛ ᏕᎦᏚᏩᏗᏒ ᎠᎴ ᏂᎬᎾᏛ, ᎾᎿᎭᎤᏩᏒ ᏭᎷᎯᏍᏗ ᎨᏒᎢ.
2 और वो उनसे कहने लगा, “फ़सल तो बहुत है, लेकिन मज़दूर थोड़े हैं; इसलिए फ़सल के मालिक की मिन्नत करो कि अपनी फ़सल काटने के लिए मज़दूर भेजे।”
ᎾᏍᎩ ᎢᏳᏍᏗ ᎯᎠ ᏂᏚᏪᏎᎴᎢ, ᎤᎦᏛᎾᏨᎯ ᎤᏙᎯᏳᎯ ᎤᏣᏔ, ᏧᏂᎸᏫᏍᏓᏁᎯᏍᎩᏂ ᎠᏂᎦᏲᎵᏳ; ᎾᏍᎩ ᎢᏳᏍᏗ ᎡᏣᏓᏙᎵᏍᏓᏏ ᎤᎬᏫᏳᎯ ᎤᎦᏛᎾᏨᎯ ᎤᏤᎵᎦ, ᏂᏙᏓᏳᏅᏍᏗᏱ ᏧᏂᎸᏫᏍᏓᏁᎯ ᎾᎿᎭᎤᎦᏛᎾᏤᎸᎢ.
3 जाओ; देखो, मैं तुम को गोया बर्रों को भेड़ियों के बीच मैं भेजता हूँ।
ᎢᏤᎾ; ᎬᏂᏳᏉ ᎢᏨᏅᎵ ᎤᏂᏃᏕᎾ ᎠᏂᎩᎾ ᏩᏲᎯ ᏥᏩᏂᎶᏍᎪ ᎾᏍᎩᏯᎢ.
4 न बटुवा ले जाओ न झोली, न जूतियाँ और न राह में किसी को सलाम करो।
ᏞᏍᏗ ᏗᏥᏅᏒᎩ ᎠᏕᎸ ᏗᎦᎶᏗ, ᎠᎴ ᏕᎦᎶᏗ, ᎠᎴ ᏗᎳᏑᎶ; ᎠᎴ ᏞᏍᏗ ᎩᎶ ᎡᏥᏲᎵᎸᎩ ᎢᏣᎢᏒᎢ.
5 और जिस घर में दाख़िल हो पहले कहो, 'इस घर की सलामती हो।
ᎢᎸᎯᏢᏃ ᎠᏓᏁᎸ ᎢᏥᏴᎯᎮᏍᏗ, ᎢᎬᏱ, ᏅᏩᏙᎯᏯᏛ ᎡᎮᏍᏗ ᎠᏂ ᎠᏓᏁᎸᎢ, ᎢᏣᏗᏍᎨᏍᏗ.
6 अगर वहाँ कोई सलामती का फ़र्ज़न्द होगा तो तुम्हारा सलाम उस पर ठहरेगा, नहीं तो तुम पर लौट आएगा।
ᎢᏳᏃ ᏅᏩᏙᎯᏯᏛ ᎤᏪᏥ ᎾᎿᎭᎡᎮᏍᏗ, ᏅᏩᏙᎯᏯᏛ ᎢᏣᏤᎵᎦ ᎤᎷᏤᏗ ᎨᏎᏍᏗ; ᎢᏳᏃ ᎾᎿᎭᏁᎲᎾ ᎢᎨᏎᏍᏗ ᎢᏨᏒᏉ ᎢᏥᎷᏥᏌᏁᏗ ᎨᏎᏍᏗ.
7 उसी घर में रहो और जो कुछ उनसे मिले खाओ — पीओ, क्यूँकि मज़दूर अपनी मज़दूरी का हक़दार है, घर घर न फिरो।
ᎠᎴ ᎾᎿᎭᏉ ᎠᏓᏁᎸ ᎢᏥᏁᏍᏗ, ᎢᏣᎵᏍᏓᏴᏗᏍᎨᏍᏗ ᎠᎴ ᎢᏣᏗᏔᏍᎨᏍᏗ ᏄᏍᏛ ᎡᏥᏁᎲᎢ; ᏧᎸᏫᏍᏓᏁᎯᏰᏃ ᏚᏳᎪᏗ ᎠᎫᏴᎡᏗᏱ ᏚᎸᏫᏍᏓᏁᎸᎢ. ᏞᏍᏗ ᏓᏓᏁᎳᏗᏒ ᏱᏤᏙᎵᏙᎮᏍᏗ
8 जिस शहर में दाख़िल हो वहाँ के लोग तुम्हें क़ुबूल करें, तो जो कुछ तुम्हारे सामने रखा जाए खाओ;
ᎠᎴ ᎢᎸᎯᏢ ᎦᏚᎲ ᎢᏥᎷᎨᏍᏗ, ᎠᎴ ᏕᎨᏣᏓᏂᎸᎨᏍᏗ, ᏄᏍᏛ ᎨᏤᎳᏍᏗᏍᎬ ᎢᏣᎵᏍᏓᏴᏗᏍᎨᏍᏗ.
9 और वहाँ के बीमारों को अच्छा करो और उनसे कहो, 'ख़ुदा की बादशाही तुम्हारे नज़दीक आ पहुँची है।
ᎠᎴ ᏕᏥᏅᏫᏍᎨᏍᏗ ᏧᏂᏢᎩ ᎾᎿᎭᎠᏁᎲᎢ, ᎠᎴ ᎯᎠ ᏂᏕᏥᏪᏎᎮᏍᏗ, ᎤᏁᎳᏅᎯ ᎤᎬᏫᏳᎯ ᎨᏒ ᎾᎥᏂᏳ ᎢᏥᎷᏤᎸ.
10 लेकिन जिस शहर में तुम दाख़िल हो और वहाँ के लोग तुम्हें क़ुबूल न करें, तो उनके बाज़ारों में जाकर कहो कि,
ᎢᎸᎯᏢᏍᎩᏂ ᎦᏚᎲ ᎢᏥᏴᎯᎮᏍᏗ, ᏂᏗᎨᏣᏓᏂᎸᎬᎾᏃ ᎢᎨᏎᏍᏗ, ᎢᏥᏄᎪᎨᏍᏗ ᏕᎦᎳᏅᏛ ᎾᎿᎭᏂ ᏫᏥᎶᏍᎨᏍᏗ, ᎯᎠ ᏂᏥᏪᏍᎨᏍᏗ,
11 'हम इस गर्द को भी जो तुम्हारे शहर से हमारे पैरों में लगी है तुम्हारे सामने झाड़ देते हैं, मगर ये जान लो कि ख़ुदा की बादशाही नज़दीक आ पहुँची है।
ᎾᏍᏉ ᎪᏍᏚᏉ ᎢᏥᏚᎲ ᎦᎳᎨᏴᎢ, ᎾᏍᎩ ᎣᎩᏯᎸᎬᎢ ᎣᏥᏅᎪᎥᏗ ᎢᏨᎢᏰᎭ; ᎠᏎᏃ ᎯᎠ ᏄᏍᏕᏍᏗ ᎢᏥᎦᏔᎮᏍᏗ, ᎾᏍᎩ ᎤᏁᎳᏅᎯ ᎤᎬᏫᏳᎯ ᎨᏒ ᎾᎥᏂᏳ ᎢᏥᎷᏤᎸᎢ.
12 मैं तुम से कहता हूँ कि उस दिन सदूम का हाल उस शहर के हाल से ज़्यादा बर्दाश्त के लायक़ होगा।
ᎠᏎᏃ ᎯᎠ ᏂᏨᏪᏎᎭ, ᎡᏍᎦᏉ ᎢᎦᎢ ᎤᏂᎩᎵᏲᎢᏍᏗ ᎨᏎᏍᏗ ᏐᏓᎻ ᎾᎯᏳ ᎢᎦ ᎨᏎᏍᏗ ᎤᏟᎯᏳ ᎾᏍᎩ ᎦᏚᎲᎢ.
13 “ऐ ख़ुराज़ीन शहर, तुझ पर अफ़सोस! ऐ बैतसैदा शहर, तुझ पर अफ़सोस! क्यूँकि जो मोजिज़े तुम में ज़ाहिर हुए अगर सूर और सैदा शहर में ज़ाहिर होते, तो वो टाट ओढ़कर और ख़ाक में बैठकर कब के तौबा कर लेते।”
ᎤᏲᏂᏳ ᎢᏣᎵᏍᏓᏁᏗ ᏂᎯ ᎪᎴᏏᏂ! ᎤᏲᎢᏳ ᎢᏣᎵᏍᏓᏁᏗ ᏂᎯ ᏇᏣᏱᏗ! ᎢᏳᏰᏃ ᎤᏍᏆᏂᎪᏗ ᏱᏙᎦᎸᏫᏍᏓᏁᎴ ᏔᏯ ᎠᎴ ᏌᏙᏂ ᏂᎯ ᎢᏤᎲ ᏕᎦᎸᏫᏍᏓᏁᎸᎢ, ᎪᎯᎩ ᏗᎬᏩᏂᏁᏟᏴᏛ ᏱᎨᏎ ᏚᎾᏓᏅᏛᎢ, ᏧᏏᏕᎾ ᏱᏚᎾᏄᏩᎡ ᎠᎴ ᎪᏍᏚᎯ ᏳᎾᏅᏁᎢ.
14 मगर 'अदालत में सूर और सैदा शहर का हाल तुम्हारे हाल से ज़्यादा बर्दाश्त के लायक़ होगा।
ᎠᏍᎡᏃ ᎤᏟ ᎣᏏᏳ ᎢᏳᎾᎵᏍᏓᏁᏗ ᎨᏎᏍᏗ ᏔᏯ ᎠᎴ ᏌᏙᏂ ᎤᎵᏍᏆᎸᏗ ᎢᎦ ᎨᏎᏍᏗ ᎡᏍᎦᏉ ᏂᎯ.
15 और तू ऐ कफ़रनहूम, क्या तू आसमान तक बुलन्द किया जाएगा? नहीं, बल्कि तू 'आलम — ए — अर्वाह में उतारा जाएगा। (Hadēs g86)
ᎠᎴ ᏂᎯ ᎨᏆᏂ ᎦᎸᎳᏗ ᎢᏴᏛ ᏤᏣᏌᎳᏓ, ᏨᏍᎩᏃ ᎢᏴᏛ ᏮᏓᏰᏣᎶᎥᏔᏂ. (Hadēs g86)
16 “जो तुम्हारी सुनता है वो मेरी सुनता है, और जो तुम्हें नहीं मानता वो मुझे नहीं मानता, और जो मुझे नहीं मानता वो मेरे भेजनेवाले को नहीं मानता।”
ᎩᎶ ᏂᎯ ᎢᏣᏛᏓᏍᏓᏁᎮᏍᏗ ᎠᏴ ᎠᏆᏛᏓᏍᏓᏁᎮᏍᏗ; ᎩᎶᏃ ᎢᏥᏂᏆᏘᎮᏍᏗ, ᎠᏴ ᎠᎩᏂᏆᏘᎮᏍᏗ; ᎩᎶᏃ ᎠᏴ ᎠᎩᏂᏆᏘᎮᏍᏗ ᎦᏂᏆᏘᎮᏍᏗ ᏅᏛᎩᏅᏏᏛ.
17 वो सत्तर ख़ुश होकर फिर आए और कहने लगे, “ऐ ख़ुदावन्द, तेरे नाम से बदरूहें भी हमारे ताबे' हैं।”
ᎦᎵᏆᏍᎪᎯᏃ ᎢᏯᏂᏛ ᏔᎵᏁ ᎤᏂᎷᏤ ᎤᎵᎮᎵᏍᏗ ᏚᏁᏓᏅᏖᎢ, ᎯᎠ ᎾᏂᏪᏍᎨᎢ, ᏣᎬᏫᏳᎯ, ᎠᏂᏍᎩᎾ ᎾᏍᏉ ᎢᎪᎪᎯᏳᎲᏍᎦ ᏂᎯ ᏕᏣᏙᎥ ᏅᏗᎦᎵᏍᏙᏗᎭ.
18 उसने उनसे कहा, “मैं शैतान को बिजली की तरह आसमान से गिरा हुआ देख रहा था।
ᎯᎠᏃ ᏂᏚᏪᏎᎴᎢ, ᏎᏓᏂ ᏥᎪᎥᎩ ᎠᎾᎦᎵᏍᎩ ᎦᎸᎳᏗ ᏨᏗᎦᏙᎠᏍᎪ ᎾᏍᎩᏯ ᏓᏳᏙᎠᏒᎩ.
19 देखो, मैंने तुम को इख़्तियार दिया कि साँपों और बिच्छुओं को कुचलो और दुश्मन की सारी क़ुदरत पर ग़ालिब आओ, और तुम को हरगिज़ किसी चीज़ से नुक़्सान न पहुँचेगा।
ᎬᏂᏳᏉ ᎢᏨᏯᎵᏍᎪᎸᏓᏏ ᏗᏣᎳᏍᏓᎡᏗᏱ ᎢᎾᏛ ᎠᎴ ᏗᏂᏙᎬ ᏗᎾᏓᏨᏯᏍᏗᏍᎩ, ᎠᎴ ᎢᏣᏓᎵᏁᎯᏕᏗᏱ ᏂᎦᎥ ᎤᎵᏂᎩᏗᏳ ᎨᏒ ᎠᎦᏍᎩ; ᎥᏝ ᎠᎴ ᎪᎱᏍᏗ ᏰᎵ ᎤᏲ ᎢᎨᏨᏁᏗ ᏱᎨᏎᏍᏗ.
20 तोभी इससे ख़ुश न हो कि रूहें तुम्हारे ताबे' हैं बल्कि इससे ख़ुश हो कि तुम्हारे नाम आसमान पर लिखे हुए है।”
ᎠᏎᏍᎩᏂᏃᏅ ᎯᎠ ᎾᏍᎩ ᎥᏝᏍᏗ ᏱᏣᎵᎮᎵᏍᏗᏍᎨᏍᏗ, ᎾᏍᎩ ᏗᏓᏅᏙ ᎨᏦᎯᏳᏒᎢ; ᎢᏣᎵᎮᎵᎨᏍᏗᏍᎩᏂ ᏅᏗᎦᎵᏍᏙᏗᏍᎨᏍᏗ ᏕᏣᏙᎥ ᎦᎸᎳᏗ ᏦᏒ ᏫᏗᎪᏪᎸᎢ.
21 उसी घड़ी वो रु — उल — क़ुद्दूस से ख़ुशी में भर गया और कहने लगा, “ऐ बाप! आसमान और ज़मीन के ख़ुदावन्द, में तेरी हम्द करता हूँ कि तूने ये बातें होशियारों और 'अक़्लमन्दों से छिपाई और बच्चों पर ज़ाहिर कीं हाँ, ऐ, बाप क्यूँकि ऐसा ही तुझे पसन्द आया।
ᎾᎯᏳ ᏥᏌ ᎤᎵᎮᎵᏤ ᎤᏓᏅᏙᎩᎯ, ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎢ, ᎬᏯᎵᎡᎵᏤᎭ ᎡᏙᏓ ᏣᎬᏫᏳᎯ ᎦᎸᎳᏗ ᎠᎴ ᎡᎶᎯ, ᎾᏍᎩ ᎯᎠ ᏥᏕᎲᏍᎦᎳᏁᎸ ᎠᏂᏏᎾᏌᏂ ᎠᎴ ᎠᏁᏯᏔᎯ, ᏗᏂᏲᎵᏃ ᏥᏕᎯᎾᏄᎪᏫᏎᎸ; ᎥᎥ, ᎡᏙᏓ; ᎾᏍᎩᏰᏃ ᎣᏏᏳ ᏣᏰᎸᏅᎯ.
22 मेरे बाप की तरफ़ से सब कुछ मुझे सौंपा गया; और कोई नहीं जानता कि बेटा कौन है सिवा बाप के, और कोई नहीं जानता कि बाप कौन है सिवा बेटे के और उस शख़्स के जिस पर बेटा उसे ज़ाहिर करना चाहे।”
ᏂᎦᎥ ᎪᎱᏍᏗ ᏓᎩᏲᎯᏎᎸ ᎡᏙᏓ; ᎥᏝ ᎠᎴ ᎩᎶ ᏯᎦᏔᎭ ᎾᏍᎩ ᎨᏒ ᎤᏪᏥ, ᎠᎦᏴᎵᎨ ᎤᏩᏒ; ᎠᎴ ᎾᏍᎩ ᎠᎦᏴᎵᎨ ᎨᏒ ᎤᏪᏥ ᎤᏩᏒ, ᎠᎴ ᎩᎶ ᏥᎾᏄᎪᏫᏏ ᎡᎳ ᎤᏪᏥ.
23 और शागिर्दों की तरफ़ मूख़ातिब होकर ख़ास उन्हीं से कहा, “मुबारिक़ है वो आँखें जो ये बातें देखती हैं जिन्हें तुम देखते हो।
ᎬᏩᏍᏓᏩᏗᏙᎯᏃ ᎢᏗᏢ ᏭᎦᏔᎲᏍᏔᏅ ᎯᎠ ᏂᏚᏪᏎᎴ ᎤᏅᏒ ᎨᏒᎢ, ᏗᎦᎸᏉᏔᏅᎯ ᏗᎦᏙᎵ ᎾᏍᎩ ᏥᏓᎪᏩᏘᎭ ᏂᎯ ᏥᏥᎪᏩᏘᎭ;
24 क्यूँकि मैं तुम से कहता हूँ कि बहुत से नबियों और बादशाहों ने चाहा कि जो बातें तुम देखते हो देखें मगर न देखी, और जो बातें तुम सुनते हो सुनें मगर न सुनीं।”
ᎢᏨᏲᏎᏰᏃ ᎤᏂᏣᏛᎩ ᎠᎾᏙᎴᎰᏍᎩ ᎠᎴ ᎤᏂᎬᏫᏳᎯ ᎤᎾᏚᎸᎲᎩ ᏂᎯ ᏥᏥᎪᏩᏘ ᎤᏂᎪᏩᏛᏗᏱ, ᎠᏎᏃ ᎥᏝ ᏳᏂᎪᎮᎢ; ᎠᎴ ᎤᎾᏛᎪᏗᏱ ᎾᏍᎩ ᏂᎯ ᏥᏣᏛᎩᎭ, ᎠᏎᏃ ᎥᏝ ᏳᎾᏛᎦᏁᎢ
25 और देखो, एक शरा का आलिम उठा, और ये कहकर उसकी आज़माइश करने लगा, “ऐ उस्ताद, मैं क्या करूँ कि हमेशा की ज़िन्दगी का बारिस बनूँ?” (aiōnios g166)
ᎬᏂᏳᏉᏃ, ᎩᎶ ᎢᏳᏍᏗ ᏗᎧᎿᎭᏩᏛᏍᏗ ᏗᎪᏏᏏᏍᎩ ᏚᎴᏁᎢ, ᎠᎴ ᎤᎪᎵᏰᏍᎬ ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎢ, ᏔᏕᏲᎲᏍᎩ, ᎦᏙ ᏯᏆᏛᏁᎸ ᎠᏆᏤᎵ ᏱᏂᎦᎵᏍᏓ ᎬᏂᏛ ᎠᎵᏍᏆᏗᏍᎩ ᏂᎨᏒᎾ? (aiōnios g166)
26 उसने उससे कहा, “तौरेत में क्या लिखा है? तू किस तरह पढ़ता है?”
ᎯᎠᏃ ᎾᏥᏪᏎᎴᎢ, ᎦᏙ ᎬᏅ ᎪᏪᎳ ᏗᎧᎿᎭᏩᏛᏍᏗᏱ? ᎦᏙ ᎤᏍᏙ ᎯᎪᎵᏰᏍᎪᎢ?
27 उसने जवाब में कहा, “ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा से अपने सारे दिल और अपनी सारी जान और अपनी सारी ताक़त और अपनी सारी 'अक़्ल से मुहब्बत रख और अपने पड़ोसी से अपने बराबर मुहब्बत रख।”
ᏧᏁᏨᏃ ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎢ, ᎯᎨᏳᏎᏍᏗ ᏱᎰᏩ ᏣᏁᎳᏅᎯ, ᎲᏗᏍᎨᏍᏗ ᏂᎦᎥ ᏣᎾᏫ ᏣᎸᎢ, ᎠᎴ ᏂᎦᎥ ᏣᏓᏅᏙᎩ, ᎠᎴ ᏂᎦᎥ ᏣᎵᏂᎬᎬᎢ, ᎠᎴ ᏂᎦᎥ ᏣᏓᏅᏖᏗ ᎨᏒᎢ; ᎾᎥᏃ ᎢᏗᏍᏓᏓᎳ ᏨᏒ ᏂᏣᏓᎨᏳᏒ ᎾᏍᎩᏯ ᏂᎨᏳᏎᏍᏗ.
28 उसने उससे कहा, “तूने ठीक जवाब दिया, यही कर तो तू जिएगा।”
ᎯᎠᏃ ᏄᏪᏎᎴᎢ, ᏰᎵᏉ ᏂᏫ; ᎾᏍᎩ ᎯᎠ ᎿᎭᏛᏁᎮᏍᏗ, ᎲᏁᏍᏗᏃ.
29 मगर उसने अपने आप को रास्तबाज़ ठहराने की ग़रज़ से ईसा से पूछा, “फिर मेरा पड़ोसी कौन है?”
ᎠᏎᏃ ᎤᏚᎵᏍᎬ ᎤᏚᏓᎴᏍᏗᏱ ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎴ ᏥᏌ, ᎦᎪᏃ ᎾᎥ ᎢᏦᎩᎾᏓᎳ?
30 ईसा ने जवाब में कहा, “एक आदमी येरूशलेम से यरीहू की तरफ़ जा रहा था कि डाकूओं में घिर गया। उन्होंने उसके कपड़े उतार लिए और मारा भी और अधमरा छोड़कर चले गए।
ᏥᏌᏃ ᏧᏁᏨ ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎴᎢ, ᎩᎶ ᎢᏳᏍᏗ ᏥᎷᏏᎵᎻ ᎤᏂᎩᏎ ᏤᎵᎪ ᎤᏪᏅᏎᎢ, ᏗᎾᏓᎾᏌᎲᏍᎩᏃ ᏚᎾᏓᏩᏛᏔᏁᎢ, ᎾᏍᎩ ᏕᎬᏩᏄᏪᏎ ᏚᏄᏩᎥᎢ, ᎠᎴ ᎬᏩᎵᎥᏂᎴᎢ, ᎠᎴ ᎤᎾᏓᏅᏎ ᎬᏩᏕᏤ ᎠᏰᎵ ᎢᏴᏛ ᎤᏲᎱᏒᎯ ᎨᏎᎢ.
31 इत्तफ़ाक़न एक काहिन उसी राह से जा रहा था, और उसे देखकर कतरा कर चला गया।
ᎠᏰᎵᏃ ᏄᏮᏔᏁ ᎩᎶ ᎢᏳᏍᏗ ᎠᏥᎸ-ᎨᎶᎯ ᎾᎿᎭᏂᎦᏅᏅ ᏗᎤᎶᏎᎢ; ᎤᎪᎲᏃ ᎠᏂᏗᏢᏉ ᏄᎶᏎᎢ.
32 इसी तरह एक लावी उस जगह आया, वो भी उसे देखकर कतरा कर चला गया।
ᎠᎴ ᎾᏍᏉ ᎠᎵᏫ ᎾᎿᎭᎡᏙᎲ, ᎤᎷᏤ ᎤᎦᏔᏁᎢ, ᎠᎴ ᎠᏂᏗᏢᏉ ᏄᎶᏎᎢ.
33 लेकिन एक सामरी सफ़र करते करते वहाँ आ निकला, और उसे देखकर उसने तरस खाया।
ᎩᎶᏍᎩᏂ ᎢᏳᏍᏗ ᏌᎺᎵᏱ ᎡᎯ ᎠᎢᏒᎢ, ᎤᎷᏤ ᎦᏅᎢ; ᎤᎪᎲᏃ ᎤᏪᏙᎵᏤᎢ;
34 और उसके पास आकर उसके ज़ख़्मों को तेल और मय लगा कर बाँधा, और अपने जानवर पर सवार करके सराय में ले गया और उसकी देखरेख की।
ᎠᎴ ᏭᎷᏤ ᎠᎴ ᏚᎸᎡᎴ ᏓᏥᏐᏅᏅᎢ, ᎠᎴ ᎪᎢ ᎩᎦᎨᏃ-ᎠᏗᏔᏍᏗ ᏓᏍᏚᏞᎮᎢ, ᎠᎴ ᎤᏩᏒ ᎤᎩᎸᏙᏗ ᎤᎩᎸᏔᏁᎢ, ᏧᏂᏒᏍᏗᏱᏃ ᎠᏓᏁᎸ ᎤᏘᏃᎴᎢ, ᎠᎴ ᎤᏍᏆᏂᎪᏔᏁᎢ.
35 दूसरे दिन दो दीनार निकालकर भटयारे को दिए और कहा, 'इसकी देख भाल करना और जो कुछ इससे ज़्यादा ख़र्च होगा मैं फिर आकर तुझे अदा कर दूँगा।
ᎤᎩᏨᏛᏃ ᎿᎭᏉ ᎤᏂᎩᏒ, ᏔᎵ ᎠᏂᎩᏏ ᏧᎾᎬᏩᎶᏗ ᏑᎴᏎᎢ, ᎠᎴ ᏚᏁᎴ ᎦᏁᎳ, ᎠᎴ ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎴᎢ, ᎯᏍᏆᏂᎪᏕᏍᏗ, ᎢᎦᎢᏃ ᏫᎦᎶᏒᏍᏗᏍᎬ ᏣᎫᏴᎯᏙᎸᎢ, ᎢᏥᎷᏨᎭ ᎢᎬᏯᎫᏴᎡᎸᎭ.
36 इन तीनों में से उस शख़्स का जो डाकूओं में घिर गया था तेरी नज़र में कौन पड़ोसी ठहरा?”
ᎯᎠᏃ ᎾᏍᎩ ᏦᎢ ᎢᏯᏂᏛ ᎨᏒ, ᏂᎯ ᎭᏓᏅᏖᏍᎬ, ᎦᎪ ᎾᎥ ᎢᏧᎾᏓᎳ ᏅᏩᏍᏗ ᎾᏍᎩ ᏗᎾᏓᎾᏌᎲᏍᎩ ᏥᏚᎾᏓᏩᏛᏔᏁᎢ?
37 उसने कहा, वो जिसने उस पर रहम किया ईसा ने उससे कहा, “जा तू भी ऐसा ही कर।”
ᎯᎠᏃ ᏄᏪᏎᎢ, ᎾᏍᎩ Ꮎ ᎤᏪᏙᎵᏨᎯ. ᎿᎭᏉᏃ ᏥᏌ ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎴᎢ, ᎮᎾ, ᎠᎴ ᏂᎯ ᎾᏍᎩᏯ ᏫᎾᏛᎦ.
38 फिर जब जा रहे थे तो वो एक गाँव में दाख़िल हुआ और मर्था नाम 'औरत ने उसे अपने घर में उतारा।
ᎯᎠᏃ ᏄᎵᏍᏔᏁ ᎠᎾᎢᏒᎢ, ᎾᏍᎩ ᎢᎸᎯᏢ ᎦᏚᎲ ᎤᎷᏤᎢ; ᎩᎶᏃ ᎢᏳᏍᏗ ᎠᎨᏴ ᎹᏗ ᏧᏙᎢᏛ ᏚᏓᏂᎸᏤ ᎦᏁᎸᎢ.
39 और मरियम नाम उसकी एक बहन थी, वो ईसा के पाँव के पास बैठकर उसका कलाम सुन रही थी।
ᎤᎸᏃ ᎡᎮ ᎺᎵ ᏧᏙᎢᏛ, ᎾᏍᎩ ᎾᏍᏉ ᎤᏬᎴ ᏥᏌ ᏚᎳᏍᎬᎢ, ᎠᎴ ᎤᏛᏓᏍᏕ ᎦᏬᏂᏍᎬᎢ.
40 लेकिन मर्था ख़िदमत करते करते घबरा गई, पस उसके पास आकर कहने लगी, “ऐ ख़ुदावन्द, क्या तुझे ख़याल नहीं कि मेरी बहन ने ख़िदमत करने को मुझे अकेला छोड़ दिया है, पस उसे कह कि मेरी मदद करे।”
ᎹᏗᏍᎩᏂ ᎤᏪᎵᎯᏍᏗᏍᎨ ᎤᏣᏘ ᏚᎸᏫᏍᏓᏁᎲᎢ, ᎠᎴ ᎤᎷᏤᎴ ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎴᎢ, ᏣᎬᏫᏳᎯ, ᏝᏍᎪ ᎪᎱᏍᏗ ᏰᎵᎭ ᎥᎩᎸ ᏣᏋᏕᏨ ᏣᎩᎯᏯᏍᏓᏁᎸ ᎠᏋᏒᏉ ᎪᎱᏍᏗ ᎢᏨᏯᏛᏁᏗᏱ? ᎾᏍᎩ ᎢᏳᏍᏗ ᏘᏁᏥ ᏓᎩᏍᏕᎸᏗᏱ.
41 ख़ुदावन्द ने जवाब में उससे कहा, “मर्था, मर्था, तू बहुत सी चीज़ों की फ़िक्र — ओ — तरद्दु में है।
ᏥᏌᏃ ᎤᏁᏨ ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎴᎢ, ᎹᏗ, ᎹᏗ, ᎤᏣᏘ ᏧᏓᎴᏅᏛ ᏣᎦᏌᏯᏍᏛ ᏤᎵᎯᏍᏗᎭ ᎠᎴ ᏣᏕᏯᏙᏗᎭ;
42 लेकिन एक चीज़ ज़रूर है और मरियम ने वो अच्छा हिस्सा चुन लिया है जो उससे छीना न जाएगा।”
ᏑᏓᎴᎩᏉ ᏍᎩᏂ ᎤᏚᎸᏗ; ᎠᎴ ᎺᎵ ᎤᏑᏰᏒ ᎾᏍᎩ ᎣᏌᏂ ᎨᏒᎢ, ᎾᏍᎩ ᎦᏰᏥᎩᎡᏗ ᏂᎨᏒᎾ ᏥᎩ.

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