< अह 5 >
1 और अगर कोई इस तरह ख़ता करे कि वह गवाह हो और उसे क़सम दी जाए कि जैसे उसने कुछ देखा या उसे कुछ मा'लूम है, और वह न बताए, तो उसका गुनाह उसी के सिर लगेगा।
"Sündigt jemand, der ein Fluchwort hört, und könnte er Zeuge sein als Augenzeuge oder als einer, der Beweise liefern kann, macht aber keine Anzeige, so lädt er Schuld auf sich.
2 या अगर कोई शख़्स किसी नापाक चीज़ को छू ले, चाहे वह नापाक जानवर या नापाक चौपाये या नापाक रेंगनेवाले जानदार की लाश हो, तो चाहे उसे मा'लूम भी न हो कि वह नापाक हो गया है तो भी वह मुजरिम ठहरेगा।
Oder jemand berührt Unreines oder das Aas eines unreinen Wildes oder eines unreinen Haustieres oder das Aas eines unreinen Gewürms, ist sich aber dessen nicht bewußt, so ist er dennoch unrein und schuldig.
3 या अगर वह इंसान की उन नजासतों में से जिनसे वह नजिस हो जाता है, किसी नजासत को छू ले और उसे मा'लूम न हो, तो वह उस वक़्त मुजरिम ठहरेगा जब उसे मा'लूम हो जाएगा।
Oder rührt jemand an die Unreinheit eines Menschen, irgendwelche Unreinheit, wodurch man unrein wird, ist sich aber dessen nicht bewußt, so wird er schuldig, wenn er dessen bewußt wird.
4 या अगर कोई बगै़र सोचे अपनी ज़बान से बुराई या भलाई करने की क़सम खाले, तो क़सम खा कर वह आदमी चाहे कैसी ही बात बग़ैर सोचे कह दे, बशर्ते कि उसे मा'लूम न हो, तो ऐसी बात में मुजरिम उस वक़्त ठहरेगा जब उसे मा'लूम हो जाएगा।
Oder jemand schwört recht unbesonnen, er wolle Schlechtes oder Gutes tun, was eben ein Mensch beim Schwören unbesonnen sprechen kann, ist sich aber dessen nicht bewußt, dann wird er an einem davon schuldig, wenn er sich dessen bewußt wird.
5 और जब वह इन बातों में से किसी में मुजरिम हो, तो जिस अम्र में उससे ख़ता हुई है वह उसका इक़रार करे,
Fühlt sich jemand dieser Dinge schuldig, so erkenne er, daß er darin gefehlt,
6 और ख़ुदावन्द के सामने अपने जुर्म की क़ुर्बानी लाए; या'नी जो ख़ता उससे हुई है उसके लिए रेवड़ में से एक मादा, या'नी एक भेड़ या बकरी ख़ता की क़ुर्बानी के तौर पर पेश करे, और काहिन उसकी ख़ता का कफ़्फ़ारा दे
und bringe dem Herrn als Buße für die vollbrachte Sünde zum Sündopfer ein Weibchen vom Kleinvieh, ein Schäfchen oder eine Ziege! So entsühne ihn der Priester von seiner Sünde!
7 “और अगर उसे भेड़ देने का मक़दूर न हो, तो वह अपनी ख़ता के लिए जुर्म की क़ुर्बानी के तौर पर दो कुमरियाँ या कबूतर के दो बच्चे ख़ुदावन्द के सामने पेश करे; एक ख़ता की क़ुर्बानी के लिए और दूसरा सोख़्तनी क़ुर्बानी के लिए।
Reicht sein Vermögen nicht für ein Schaf hin, dann bringe er zur Buße für seine Sünde dem Herrn ein Paar Turtel- oder junge Tauben, die eine als Sündopfer, die andere als Brandopfer!
8 वह उन्हें काहिन के पास ले आए जो पहले उसे जो ख़ता की क़ुर्बानी के लिए है पेश करे, और उसका सिर गर्दन के पास से मरोड़ डाले पर उसे अलग न करे,
Er bringe sie zum Priester! Und dieser bringe an erster Stelle die zum Sündopfer bestimmte dar! Er knicke ihren Kopf dicht vor dem Genick ein, ohne ihn abzutrennen!
9 और ख़ता की क़ुर्बानी का कुछ ख़ून मज़बह के पहलू पर छिड़के और बाक़ी ख़ून को मज़बह के पाये पर गिर जाने दे; यह ख़ता की क़ुर्बानी है।
Dann sprenge er von dem Blute des Sündopfers etwas an die Altarwand! Der Rest des Blutes aber werde am Altarsockel ausgepreßt! Ein Sündopfer ist es.
10 और दूसरे परिन्दे को हुक्म के मुवाफ़िक़ सोख़्तनी क़ुर्बानी के तौर पर अदा करे यूँ काहिन उसकी ख़ता का जो उसने की है कफ़्फ़ारा दे, तो उसे मु'आफ़ी मिलेगी।
Die zweite soll er nach Gebühr fürs Brandopfer herrichten! So entsühne ihn der Priester von seiner Sünde, die er getan, und suche ihm Verzeihung zu erwirken!
11 और अगर उसे दो कुमरियाँ या कबूतर के दो बच्चे लाने का भी मक़दूर न हो, तो अपनी ख़ता के लिए अपने हदिये के तौर पर, ऐफ़ा के दसवें हिस्से के बराबर मैदा ख़ता की क़ुर्बानी के लिए लाए। उस पर न तो वह तेल डाले, न लुबान रख्खे, क्यूँकि यह ख़ता की क़ुर्बानी है।
Reicht sein Vermögen nicht für ein paar Turtel- oder junge Tauben hin, dann bringe er für seine Sünde nur ein Zehntel Scheffel Feinmehl als seine Sündopfergabe dar! Er soll aber kein Öl darauftun noch Weihrauch darüberstreuen! Ein Sündopfer ist es ja.
12 वह उसे काहिन के पास लाए, और काहिन उसमें से अपनी मुट्ठी भर कर उसकी यादगारी का हिस्सा मज़बह पर ख़ुदावन्द की आतिशीन क़ुर्बानी के ऊपर जलाए। यह ख़ता की क़ुर्बानी है।
Er bringe es zum Priester! Der Priester nehme davon eine Handvoll als sein Brandteil und lasse es aufgehen auf dem Altar für des Herrn Mähler! Es ist ein Sündopfer!
13 यूँ काहिन उसके लिए इन बातों में से, जिस किसी में उससे ख़ता हुई है उस ख़ता का कफ़्फ़ारा दे, तो उसे मु'आफ़ी मिलेगी; और जो कुछ बाक़ी रह जाएगा, वह नज़्र की क़ुर्बानी की तरह काहिन का होगा।”
So entsühne ihn der Priester wegen seiner Sünde, die er bei einem dieser Anlässe getan, und suche ihm Verzeihung zu erwirken! Dem Priester falle es zu wie das Speiseopfer!"
14 और ख़ुदावन्द ने मूसा से कहा कि;
Und der Herr sprach zu Moses:
15 अगर ख़ुदावन्द की पाक चीज़ों में किसी से तक़सीर हो और वह अनजाने में ख़ता करे, तो वह अपने जुर्म की क़ुर्बानी के तौर पर रेवड़ में से बे — 'ऐब मेंढा ख़ुदावन्द के सामने अदा करे। जुर्म की क़ुर्बानी के लिए उसकी क़ीमत हैकल की मिस्क़ाल के हिसाब से चाँदी की उतनी ही मिस्क़ालें हों, जितनी तू मुक़र्रर कर दे।
"Wenn jemand pflichtvergessen handelt und sündigt, so bringe er als seine Buße dem Herrn vom Kleinvieh einen fehlerlosen Widder zur Buße im Wert von zwei Silberringen nach dem Ring des Heiligtums!
16 और जिस पाक चीज़ में उससे तक़सीर हुई है वह उसका मु'आवज़ा दे, और उसमें पाँचवाँ हिस्सा और बढ़ा कर उसे काहिन के हवाले करे। यूँ काहिन जुर्म की क़ुर्बानी का मेंढा पेश कर उसका कफ़्फ़ारा दे, तो उसे मु'आफ़ी मिलेगी।
Was er am Heiligen gesündigt, muß er zahlen, und er soll ein Fünftel des Betrages darauflegen; dann gebe er es dem Priester! So soll ihn der Priester durch den Schuldopferwidder entsühnen, und er suche ihm Verzeihung zu erlangen!
17 'और अगर कोई ख़ता करे, और उन कामों में से जिन्हें ख़ुदावन्द ने मना' किया है किसी काम को करे, तो चाहे वह यह बात जानता भी न हो तो भी मुजरिम ठहरेगा; और उसका गुनाह उसी के सिर लगेगा।
Wenn jemand sündigt und tut, was man nach den Geboten des Herrn nicht tun darf, ist sich aber dessen nicht bewußt, dann ist er dennoch schuldig und muß seine Verschuldung tragen.
18 तब वह रेवड़ में से एक बे — 'ऐब मेंढा उतने ही दाम का, जो तू मुक़र्रर कर दे, जुर्म की क़ुर्बानी के तौर पर काहिन के पास लाए। यूँ काहिन उसकी उस बात का, जिसमें उससे अनजाने में चूक हो गई क़फ़्फ़ारा दे, तो उसे मु'आफ़ी मिलेगी।
Er bringe zur Buße vom Kleinvieh einen fehlerlosen Widder nach deiner Schätzung zum Priester! So entsühne ihn der Priester wegen des Versehens, das er unwissentlich tat, und suche ihm Verzeihung zu erwirken!
19 यह जुर्म की क़ुर्बानी है, क्यूँकि वह यक़ीनन ख़ुदावन्द के आगे मुजरिम है।”
Es ist ein Schuldopfer. Er hat sich an dem Herrn verschuldet."