< अह 4 >

1 और ख़ुदावन्द ने मूसा से कहा कि,
خداوند به موسی فرمود:
2 बनी इस्राईल से कह कि अगर कोई उन कामों में से जिनको ख़ुदावन्द ने मना' किया है, किसी काम को करे और उससे अनजाने में ख़ता हो जाए।
«این دستورها را به بنی‌اسرائیل بده. اگر کسی ناخواسته مرتکب گناهی شود و یکی از قوانین خداوند را زیر پا گذارد، باید طبق این مقررات عمل کند:
3 अगर काहिन — ए — मम्सूह ऐसी ख़ता करे जिससे क़ौम मुजरिम ठहरती हो, तो वह अपनी उस ख़ता के लिए जो उसने की है, एक बे — 'ऐब बछड़ा ख़ता की क़ुर्बानी के तौर पर ख़ुदावन्द के सामने पेश करे।
«اگر گناه از کاهن اعظم سر زده باشد و بدین ترتیب قوم را نیز گناهکار ساخته باشد، برای گناه خود باید گوساله‌ای سالم و بی‌عیب به خداوند تقدیم کند.
4 वह उस बछड़े को ख़ेमा — ए — इजितमा'अ के दरवाज़े पर ख़ुदावन्द के आगे लाए, और बछड़े के सिर पर अपना हाथ रख्खे और उसको ख़ुदावन्द के आगे ज़बह करे।
گوساله را دم در خیمۀ ملاقات بیاورد، دستش را روی سر آن بگذارد و همان جا در حضور خداوند سرش را ببرد.
5 और वह काहिन — ए — मम्सूह उस बछड़े के ख़ून में से कुछ लेकर उसे ख़ेमा — ए — इजितमा'अ में ले जाए।
کاهن اعظم مقداری از خون گوساله را به داخل خیمۀ ملاقات ببرد،
6 और काहिन अपनी उँगली ख़ून में डुबो — डुबो कर, और ख़ून में से ले लेकर उसे हैकल के पर्दे के सामने सात बार ख़ुदावन्द के आगे छिड़के।
انگشت خود را در خون فرو برد و در حضور خداوند آن را هفت بار جلوی پردهٔ قدس‌الاقداس بپاشد.
7 और काहिन उसी ख़ून में से ख़ुशबूदार ख़ुशबू जलाने की क़ुर्बानगाह के सींगों पर, जो ख़ेमा — ए — इज्तिमा'अ में है, ख़ुदावन्द के आगे लगाए; और उस बछड़े के बाक़ी सब ख़ून को सोख़्तनी क़ुर्बानी के मज़बह के पाये पर, जो ख़ेमा — ए — इजितमा'अ के दरवाज़े पर है उँडेल दे।
سپس در حضور خداوند قدری از خون را روی شاخهای مذبح بخور که داخل خیمه است، بمالد. باقیماندهٔ خون را به پای مذبح قربانی سوختنی که نزدیک در خیمۀ ملاقات است، بریزد.
8 फिर वह ख़ता की क़ुर्बानी के बछड़े की सब चर्बी को उससे अलग करे; या'नी जिस चर्बी से अंतड़ियाँ ढकी रहती हैं, और वह सब चर्बी जो अंतड़ियों पर लिपटी रहती है,
آنگاه تمام چربی داخل شکم،
9 और दोनों गुर्दे और उनके ऊपर की चर्बी जो कमर के पास रहती है, और जिगर पर की झिल्ली गुर्दों के साथ; इन सभों को वह वैसे ही अलग करे।
قلوه‌ها و چربی روی آنها، و سفیدی روی جگر را بردارد،
10 जैसे सलामती के ज़बीहे के बछड़े से वह अलग किए जाते हैं; और काहिन उनको सोख़्तनी क़ुर्बानी के मज़बह पर जलाए।
و آنها را روی مذبح قربانی سوختنی بسوزاند، درست همان‌طور که چربی گاو قربانی سلامتی را می‌سوزاند.
11 और उस बछड़े की खाल, और उसका सब गोश्त, और सिर और पाये, और अंतड़ियाँ और गोबर;
اما باقیماندهٔ گوساله، یعنی پوست، گوشت، کله، پاچه، دل و روده و سرگین را
12 या'नी पूरे बछड़े को लश्कर गाह के बाहर किसी साफ़ जगह में जहाँ राख पड़ती है, ले जाए; और सब कुछ लकड़ियों पर रख कर आग से जलाए, वह वहीं जलाया जाए जहाँ राख डाली जाती है।
به مکان طاهری ببرد که در خارج از اردوگاه برای ریختن خاکستر مذبح مقرر شده است و در آنجا آنها را روی هیزم بسوزاند.
13 'अगर बनी — इस्राईल की सारी जमा'अत से अनजाने चूक हो जाए, और यह बात जमा'अत की आँखों से छिपी तो हो तो भी वह उन कामों में से जिन्हें ख़ुदावन्द ने मना' किया है, किसी काम को करके मुजरिम हो गई हो,
«اگر تمام قوم اسرائیل ناخواسته مرتکب گناهی شوند و یکی از قوانین خداوند را زیر پا بگذارند، هر چند این کار را ندانسته انجام داده باشند، مقصر محسوب می‌شوند.
14 तो उस ख़ता के जिसके वह क़ुसूरवार हों, मा'लूम हो जाने पर जमा'अत एक बछड़ा ख़ता की क़ुर्बानी के तौर पर चढ़ाने के लिए ख़ेमा — ए — इजितमा'अ के सामने लाए।
وقتی آنها به گناه خود پی بردند، باید گوساله‌ای برای کفارهٔ گناه خود قربانی کنند. گوساله را به خیمۀ ملاقات بیاورند
15 और जमा'अत के बुज़ुर्ग अपने — अपने हाथ ख़ुदावन्द के आगे उस बछड़े के सिर पर रख्खें, और बछड़ा ख़ुदावन्द के आगे ज़बह किया जाए।
و در آنجا بزرگان قوم در حضور خداوند دستهای خود را روی سر حیوان بگذارند و آن را ذبح کنند.
16 और काहिन — ए — मम्सूह उस बछड़े के ख़ून में से कुछ ख़ेमा — ए — इजितमा'अ में ले जाए;
آنگاه کاهن اعظم مقداری از خون گوساله را به داخل خیمۀ ملاقات بیاورد
17 और काहिन अपनी उँगली उस ख़ून में डुबो — डुबो कर उसे पर्दे के सामने सात बार ख़ुदावन्द के आगे छिड़के,
و انگشت خود را در خون فرو برد و در حضور خداوند آن را هفت بار جلوی پردهٔ قدس‌الاقداس بپاشد.
18 और उसी ख़ून में से मज़बह के सींगों पर जो ख़ुदावन्द के आगे ख़ेमा — ए — इजितमा'अ में है लगाए, और बाक़ी सारा ख़ून सोख़्तनी क़ुर्बानी के मज़बह के पाये पर, जो ख़ेमा — ए — इजितमा'अ के दरवाज़े पर है, उँडेल दे।
بعد در حضور خداوند قدری از خون را بر شاخهای مذبح بخور که در خیمۀ ملاقات است، بمالد و باقیماندهٔ خون را به پای مذبح قربانی سوختنی که نزدیک در خیمه است، بریزد.
19 और उसकी सब चर्बी उससे अलग करके उसे मज़बह पर जलाए।
تمام چربی باید روی مذبح سوزانده شود.
20 वह बछड़े से यही करे, या'नी जो कुछ ख़ता की क़ुर्बानी के बछड़े से किया था, वही इस बछड़े से करे। यूँ काहिन उनके लिए कफ़्फ़ारा दे, तो उन्हें मु'आफ़ी मिलेगी;
کاهن اعظم باید از همان روش قربانی گناه پیروی کند. به این طریق برای قوم خدا کفاره خواهد کرد و خطای آنان بخشیده خواهد شد.
21 और वह उस बछड़े को लश्करगाह के बाहर ले जा कर जलाए, जैसे पहले बछड़े को जलाया था; यह जमा'अत की ख़ता की क़ुर्बानी है।
او گوسالهٔ قربانی شده را از اردوگاه بیرون ببرد و بسوزاند، همان‌طور که گوسالهٔ قربانی گناه خود را می‌سوزاند. این قربانی گناه تمام قوم اسرائیل است.
22 और जब किसी सरदार से ख़ता हो जाए, और वह उन कामों में से जिन्हें ख़ुदावन्द ने मना' किया है किसी काम को अनजाने में कर बैठे और मुजरिम हो जाए।
«اگر یکی از رهبران ناخواسته مرتکب گناهی شود و یکی از قوانین خداوند، خدای خود را زیر پا گذارد، مقصر محسوب می‌شود.
23 तो जब वह ख़ता जो उससे सरज़द हुई है उसे बता दी जाए, तो वह एक बे — 'ऐब बकरा अपनी क़ुर्बानी के लिए लाए;
وقتی او به گناهش پی برد، باید یک بز نر سالم و بی‌عیب تقدیم کند.
24 और अपना हाथ उस बकरे के सिर पर रख्खे, और उसे उस जगह ज़बह करे जहाँ सोख़्तनी क़ुर्बानी के जानवर ख़ुदावन्द के आगे ज़बह करते हैं; यह ख़ता की क़ुर्बानी है।
دست خود را روی سر بز بگذارد و در جایی که قربانیهای سوختنی را سر می‌برند آن را ذبح کند و به خداوند تقدیم نماید. این، قربانی گناه اوست.
25 और काहिन ख़ता की क़ुर्बानी का कुछ ख़ून अपनी उँगली पर लेकर उसे सोख़्तनी क़ुर्बानी के मज़बह के सींगों पर लगाए, और उसका बाक़ी सब ख़ून सोख़्तनी क़ुर्बानी के मज़बह के पाए पर उँडेल दे।
بعد کاهن قدری از خون قربانی گناه را بگیرد و با انگشت خود روی شاخهای مذبح قربانی سوختنی بمالد و بقیهٔ خون را به پای مذبح بریزد.
26 और सलामती के ज़बीहे की चर्बी की तरह उसकी सब चर्बी मज़बह पर जलाए। यूँ काहिन उसकी ख़ता का कफ़्फ़ारा दे, तो उसे मु'आफ़ी मिलेगी।
تمام چربی باید مثل چربی قربانی سلامتی، روی مذبح سوزانده شود. به این ترتیب کاهن برای گناه رهبر کفاره خواهد کرد و او بخشیده خواهد شد.
27 'और अगर कोई 'आम आदमियों में से अनजाने में ख़ता करे, और उन कामों में से जिन्हें ख़ुदावन्द ने मना' किया है किसी काम को करके मुजरिम हो जाए;
«اگر یک فرد عادی ناخواسته مرتکب گناهی شود و یکی از قوانین خداوند را زیر پا گذارد، مقصر محسوب می‌شود.
28 तो जब वह ख़ता जो उसने की है उसे बता दी जाए, तो वह अपनी उस ख़ता के लिए जो उससे सरज़द हुई है, एक बे — 'ऐब बकरी लाए।
وقتی او به گناه خود پی برد، باید یک بز مادهٔ سالم و بی‌عیب بیاورد تا آن را برای گناهش قربانی کند.
29 और वह अपना हाथ ख़ता की क़ुर्बानी के जानवर के सिर पर रख्खे, और ख़ता की क़ुर्बानी के उस जानवर को सोख़्तनी क़ुर्बानी की जगह पर ज़बह करे।
بز را به مکانی بیاورد که قربانیهای سوختنی را سر می‌برند. در آنجا دست خود را روی سر حیوان بگذارد و آن را ذبح کند.
30 और काहिन उसका कुछ ख़ून अपनी उँगली पर ले कर उसे सोख़्तनी क़ुर्बानी के मज़बह के सींगों पर लगाए, और उसका बाक़ी सब ख़ून मज़बह के पाए पर उँडेल दे;
کاهن با انگشت خود قدری از خون را روی شاخهای مذبح قربانی سوختنی بمالد و بقیهٔ خون را به پای مذبح بریزد.
31 और वह उसकी सारी चर्बी को अलग करे जैसे सलामती के ज़बीहे की चर्बी अलग की जाती है, और काहिन उसे मज़बह पर राहतअंगेज़ ख़ुशबू के तौर पर ख़ुदावन्द के लिए जलाए। यूँ काहिन उसके लिए कफ़्फ़ारा दे, तो उसे मु'आफ़ी मिलेगी।
تمام چربی باید مثل چربی قربانی سلامتی، جدا شده، بر مذبح سوزانده شود، و این هدیه‌ای خوشبو برای خداوند خواهد بود. به این ترتیب کاهن گناه آن شخص را کفاره خواهد کرد و او بخشیده خواهد شد.
32 और अगर ख़ता की क़ुर्बानी के लिए उसका हदिया बर्रा हो, तो वह बे — 'ऐब मादा लाए;
«اگر آن شخص بخواهد برای کفارهٔ گناهش بره قربانی کند، باید آن بره، ماده و بی‌عیب باشد.
33 और अपना हाथ ख़ता की क़ुर्बानी के जानवर के सिर पर रख्खे; और उसे ख़ता की क़ुर्बानी के तौर पर उस जगह ज़बह करे जहाँ सोख़्तनी क़ुर्बानी ज़बह करते है।
او باید دست خود را روی سر بره بگذارد و آن را در مکانی که قربانیهای سوختنی را سر می‌برند، به عنوان قربانی گناه ذبح کند.
34 और काहिन ख़ता की क़ुर्बानी का कुछ ख़ून अपनी उँगली पर लेकर उसे सोख़्तनी क़ुर्बानी के मज़बह के सींगों पर लगाए, और उसका बाक़ी सब ख़ून मज़बह के पाये पर उँडेल दे।
کاهن با انگشت خود قدری از خون را بر شاخهای مذبح قربانی سوختنی بمالد و بقیهٔ خون را به پای مذبح بریزد.
35 और उसकी सब चर्बी को अलग करे जैसे सलामती के ज़बीहे के बर्रे की चर्बी अलग की जाती है। और काहिन उसको मज़बह पर ख़ुदावन्द की आतिशी क़ुर्बानियों के ऊपर जलाए। यूँ काहिन उसके लिए उसकी ख़ता का जो उससे हुई है कफ़्फ़ारा दे, तो उसे मु'आफ़ी मिलेगी।
چربی آن مثل چربی برهٔ قربانی سلامتی روی مذبح سوزانده شود. کاهن آن را مانند قربانیهایی که بر آتش به خداوند تقدیم می‌شوند، بسوزاند. به این ترتیب کاهن گناه آن شخص را کفاره خواهد کرد و او بخشیده خواهد شد.

< अह 4 >