< अह 3 >
1 और अगर उसका हदिया सलामती का ज़बीहा हो और वह गाय बैल में से किसी को अदा करे, तो चाहे वह नर हो या मादा; लेकिन जो बे — 'ऐब हो उसी को वह ख़ुदावन्द के सामने पेश करे।
यदि कसैले गाई-गोरुको बथानबाट कुनै पशुको मेलबलिको भेटी चढाउँछ भने, त्यसले परमप्रभुको अगि निष्खोट साँढे वा गाई चढाओस् ।
2 और वह अपना हाथ अपने हदिये के जानवर के सिर पर रख्खे, और ख़ेमा — ए — इजितमा'अ के दरवाज़े पर उसे ज़बह करे; और हारून के बेटे जो काहिन हैं उसके ख़ून को मज़बह पर चारों तरफ़ छिड़कें।
त्यसले बलिको टाउकोमा आफ्नो हात राखोस् र त्यसलाई भेट हुने पालको प्रवेशद्वारमा नै मारोस् । त्यसपछि हारूनका छोराहरू अर्थात् पुजारीहरूले त्यसको रगत वेदीको वरिपरि छर्कून् ।
3 और वह सलामती के ज़बीहे में से ख़ुदावन्द के लिए आतिशी क़ुर्बानी पेश करे, या'नी जिस चर्बी से अंतड़ियाँ ढकी रहती हैं,
त्यस मानिसले परमप्रभुको अगि आगोद्वारा मेलबलि चढाओस् । भित्री भागहरू र दुईवटा मृगौलालाई ढाक्ने वा तीसँगै जोडिएको,
4 और वह सारी चर्बी जो अंतड़ियों पर लिपटी रहती है, और दोनों गुर्दे और उनके ऊपर की चर्बी जो कमर के पास रहती है, और जिगर पर की झिल्ली गुर्दों के साथ; इन सभों को वह जुदा करे।
र कम्मरसँगै भएको बोसो, र कलेजोको भागलाई मृगौलासमेत त्यसले निकालोस् ।
5 और हारून के बेटे उन्हें मज़बह पर सोख़्तनी क़ुर्बानी के ऊपर जलाएँ जो उन लकड़ियों पर होगी जो आग के ऊपर हैं; यह ख़ुदावन्द के लिए राहतअंगेज़ ख़ुशबू की अतिशी क़ुर्बानी है।
हारूनका छोराहरूले त्यो वेदीको दाउरामाथिको आगोमा होलबलिसँगै जलाओस् । यसले परमप्रभुको निम्ति मिठो सुगन्ध निकाल्ने छ; यो उहाँको निम्ति आगोद्वारा गरिएको बलि हुने छ ।
6 और अगर उसका सलामती के ज़बीहे का हदिया ख़ुदावन्द के लिए भेड़ — बकरी में से हो, तो चाहे नर हो या मादा, लेकिन जो बे — 'ऐब हो उसी को वह अदा करे।
यदि परमप्रभुको निम्ति कुनै मानिसको मेलबलि भेडा-बाख्राको बगालबाट हो भने, त्यसले निष्खोट भाले वा पोथी चढाओस् ।
7 अगर वह बर्रा पेश करता हो, तो उसे ख़ुदावन्द के सामने अदा करे,
यदि त्यसले बलिको निम्ति थुमा चढाउँछ भने, त्यसले त्यो परमप्रभुको अगि चढाओस् ।
8 और अपना हाथ अपने चढ़ावे के जानवर के सिर पर रख्खे, और उसे ख़ेमा — ए — इजितमा'अ के सामने ज़बह करे; और हारून के बेटे उसके ख़ून को मज़बह पर चारों तरफ़ छिड़कें।
त्यसले बलिको टाउकोमाथि आफ्नो हात राखोस् र भेट हुने पालको सामु मारोस् । त्यसपछि हारूनका छोराहरूले त्यसको रगत वेदीको वरिपरि छर्कून् ।
9 और वह सलामती के ज़बीहे में से ख़ुदावन्द के लिए अतिशी क़ुर्बानी पेश करे; या'नी उसकी पूरी चर्बी भरी दुम को वह रीढ़ के पास से अलग करे, और जिस चर्बी से अंतड़ियाँ ढकी रहती हैं, और वह सारी चर्बी जो अंतड़ियों पर लिपटी रहती है,
त्यस मानिसले मेलबलिलाई परमप्रभुको निम्ति होमबलिझैँ चढाओस् । मेरुदण्डको तल्लो भागको सम्पूर्ण बोसो र आन्द्राभुँडीलाई ढाक्ने र तीसँगै भएको जम्मै बोसो,
10 और दोनों गुर्दे और उनके ऊपर की चर्बी जो कमर के पास रहती है, और जिगर पर की झिल्ली गुर्दों के साथ; इन सभों को वह अलग करे।
र दुईवटा मृगौला र कम्मरसँगै भएको बोसो, र कलेजोको भागलाई मृगौलाहरूसँगै त्यसले निकालोस् ।
11 और काहिन इन्हें मज़बह पर जलाए; यह उस अतिशी क़ुर्बानी की ग़िज़ा है जो ख़ुदावन्द को पेश की जाती है।
त्यसपछि पुजारीले परमप्रभुको निम्ति भोजनको होमबलिझैँ वेदीमा ती सबै जलाओस् ।
12 “और अगर वह बकरा या बकरी पेश करता हो, तो उसे ख़ुदावन्द के सामने अदा करे।
यदि कुनै मानिसको बलि बाख्रा हो भने, त्यसले त्यो परमप्रभुकहाँ चढाओस् ।
13 और वह अपना हाथ उसके सिर पर रख्खे, और उसे ख़ेमा — ए — इजितमा'अ के सामने ज़बह करे; और हारून के बेटे उसके ख़ून को मज़बह पर चारों तरफ़ छिड़कें।
त्यसले आफ्नो हात त्यस बाख्राको टाउकोमाथि राखोस् र भेट हुने पालको सामु मारोस् । त्यसपछि हारूनका छोराहरूले त्यसको रगत वेदीको वरिपरि छर्कून् ।
14 और वह उसमें से अपना चढ़ावा अतिशी क़ुर्बानी के तौर पर ख़ुदावन्द के सामने पेश करे; या'नी जिस चर्बी से अंतड़ियाँ ढकी रहती हैं, और वह सब चर्बी जो अंतड़ियों पर लिपटी रहती है,
त्यस मानिसले आगोद्वारा चढाइएको आफ्नो बलिलाई परमप्रभुकहाँ ल्याओस् । त्यसले भित्री भागहरूलाई ढाक्ने र तीसँगै भएको बोसोलाई निकालोस् ।
15 और दोनों गुर्दे और उनके ऊपर की चर्बी जो कमर के पास रहती है, और जिगर पर की झिल्ली गुर्दों के साथ, इन सभों को वह अलग करे।
त्यसले दुईवटा मृगौला, तीसँगै भएको बोसो र कम्मरसँगै भएको बोसोलाई कलेजोको भागसँगै निकालोस् ।
16 और काहिन इनको मज़बह पर जलाए; यह उस अतिशीन क़ुर्बानी की ग़िज़ा है, जो राहतअंगेज़ ख़ुशबू के लिए होती है; सारी चर्बी ख़ुदावन्द की है।
पुजारीले भोजनको होमबलिझैँ ती सबै वेदीमा मिठो सुगन्ध निकाल्नको निम्ति जलाओस् । सबै बोसोचाहिँ परमप्रभुको हो ।
17 यह तुम्हारी सब सुकूनतगाहों में नसल — दर — नसल एक हमेशा का क़ानून रहेगा, कि तुम चर्बी या ख़ून मुतलक़ न खाओ।”
तैँले आफ्नो घर बनाउने हरेक ठाउँमा र तेरा मानिसहरूको पुस्तौँ-पुस्तामा यो सदाको निम्ति एउटा विधि होस्, र तैँले बोसो र रगत नखानू ।’”