< अह 26 >
1 तुम अपने लिए बुत न बनाना और न कोई तराशी हुई मूरत या लाट अपने लिए खड़ी करना, और न अपने मुल्क में कोई शबीहदार पत्थर रखना कि उसे सिज्दा करो; इसलिए कि मैं ख़ुदावन्द तुम्हारा ख़ुदा हूँ।
"Ne vous faites point de faux dieux; n’érigez point, chez vous, image ni monument, et ne mettez point de pierre symbolique dans votre pays pour vous y prosterner: car c’est moi, Éternel, qui suis votre Dieu.
2 तुम मेरे सबतों को मानना और मेरे हैकल की ता'ज़ीम करना; मैं ख़ुदावन्द हूँ।
Observez mes sabbats et révérez mon sanctuaire: je suis l’Éternel.
3 “अगर तुम मेरी शरी'अत पर चलो और मेरे हुक्मों को मानो और उन पर 'अमल करो,
Si vous vous conduisez selon mes lois, si vous gardez mes préceptes et les exécutez,
4 तो मैं तुम्हारे लिए सही वक़्त मेंह बरसाऊँगा और ज़मीन से अनाज पैदा होगा और मैदान के दरख़्त फलेंगे;
je vous donnerai les pluies en leur saison, et la terre livrera son produit, et l’arbre du champ donnera son fruit.
5 यहाँ तक कि अंगूर जमा' करने के वक़्त तक तुम दावते रहोगे, और जोतने बोने के वक़्त तक अंगूर जमा' करोगे, और पेट भर अपनी रोटी खाया करोगे, और चैन से अपने मुल्क में बसे रहोगे।
Le battage de vos grains se prolongera jusqu’à la vendange, et la vendange durera jusqu’aux semailles; vous aurez du pain à manger en abondance, et vous demeurerez en sécurité dans votre pays.
6 और मैं मुल्क में अम्न बख़्शूंगा, और तुम सोओगे और तुम को कोई नहीं डराएगा; और मैं बुरे दरिन्दों को मुल्क से हलाक कर दूँगा, और तलवार तुम्हारे मुल्क में नहीं चलेगी।
Je ferai régner la paix dans ce pays, et nul n’y troublera votre repos; je ferai disparaître du pays les animaux nuisibles, et le glaive ne traversera point votre territoire.
7 और तुम अपने दुश्मनों का पीछा करोगे, और वह तुम्हारे आगे — आगे तलवार से मारे जाएँगे।
Vous poursuivrez vos ennemis, et ils succomberont sous votre glaive.
8 और तुम्हारे पाँच आदमी सौ को दौड़ाएंगे, और तुम्हारे सौ आदमी दस हज़ार को खदेड़ देगें, और तुम्हारे दुश्मन तलवार से तुम्हारे आगे — आगे मारे जाएँगे;
Cinq d’entre vous en poursuivront une centaine, et cent d’entre vous une myriade; et vos ennemis tomberont devant votre glaive.
9 और मैं तुम पर नज़र — ए — 'इनायत रख्खूंगा, और तुम को कामयाब करूँगा और बढ़ाऊँगा, और जो मेरा 'अहद तुम्हारे साथ है उसे पूरा करूँगा।
Je m’occuperai de vous, je vous ferai croître et multiplier, et je maintiendrai mon alliance avec vous.
10 और तुम 'अरसे का ज़ख़ीरा किया हुआ पुराना अनाज खाओगे, और नये की वजह से पुराने को निकाल बाहर करोगे।
Vous pourrez vivre longtemps sur une récolte passée, et vous devrez enlever l’ancienne pour faire place à la nouvelle.
11 और मैं अपना घर तुम्हारे बीच क़ायम रखूँगा और मेरी रूह तुमसे नफ़रत न करेगी।
Je fixerai ma résidence au milieu de vous, et mon esprit ne se lassera point d’être avec vous;
12 और मैं तुम्हारे बीच चला फिरा करूँगा, और तुम्हारा ख़ुदा हूँगा, और तुम मेरी क़ौम होगे।
mais je me complairai au milieu de vous, et je serai votre Divinité, et vous serez mon peuple.
13 मैं ख़ुदावन्द तुम्हारा ख़ुदा हूँ, जो तुम को मुल्क — ए — मिस्र से इसलिए निकाल कर ले आया कि तुम उनके ग़ुलाम न बने रहो; और मैंने तुम्हारे जूए की चोबें तोड़ डाली हैं और तुम को सीधा खड़ा करके चलाया।
Je suis l’Éternel votre Dieu, qui vous ai tirés du pays d’Egypte pour que vous n’y fussiez plus esclaves; et j’ai brisé les barres de votre joug, et je vous ai fait marcher la tête haute.
14 लेकिन अगर तुम मेरी न सुनो और इन सब हुक्मों पर 'अमल न करो,
Mais si vous ne m’écoutez point, et que vous cessiez d’exécuter tous ces commandements;
15 और मेरी शरी'अत को छोड़ दो, और तुम्हारी रूहों को मेरे फ़ैसलों से नफ़रत हो, और तुम मेरे सब हुक्मों पर 'अमल न करो बल्कि मेरे 'अहद को तोड़ो;
si vous dédaignez mes lois et que votre esprit repousse mes institutions, au point de ne plus observer mes préceptes, de rompre mon alliance,
16 तो मैं भी तुम्हारे साथ इस तरह पेश आऊँगा कि दहशत और तप — ए — दिक़ और बुख़ार को तुम पर मुक़र्रर कर दूँगा, जो तुम्हारी आँखों को चौपट कर देंगे और तुम्हारी जान को घुला डालेंगे, और तुम्हारा बीज बोना फ़िज़ूल होगा क्यूँकि तुम्हारे दुश्मन उसकी फ़सल खाएँगे;
à mon tour, voici ce que je vous ferai: je susciterai contre vous d’effrayants fléaux, la consomption, la fièvre, qui font languir les yeux et défaillir l’âme; vous sèmerez en vain votre semence, vos ennemis la consommeront.
17 और मैं ख़ुद भी तुम्हारा मुख़ालिफ़ हो जाऊँगा, और तुम अपने दुश्मनों के आगे शिकस्त खाओगे; और जिनको तुमसे 'अदावत है वही तुम पर हुक्मरानी करेंगे, और जब कोई तुमको दौड़ाता भी न होगा तब भी तुम भागोगे।
Je dirigerai ma face contre vous, et vous serez abattus devant vos ennemis; ceux qui vous haïssent vous domineront, et vous fuirez sans qu’on vous poursuive.
18 और अगर इतनी बातों पर भी तुम मेरी न सुनो तो मैं तुम्हारे गुनाहों के ज़रिए' तुम को सात गुनी सज़ा और दूँगा।
Que si malgré cela vous ne m’obéissez pas encore, je redoublerai jusqu’au septuple le châtiment de vos fautes.
19 और मैं तुम्हारी शहज़ोरी के फ़ख़्र को तोड़ डालूँगा, और तुम्हारे लिए आसमान को लोहे की तरह और ज़मीन को पीतल की तरह कर दूँगा।
Je briserai votre arrogante audace, en faisant votre ciel de fer et votre terre d’airain;
20 और तुम्हारी क़ुव्वत बेफ़ायदा सर्फ़ होगी क्यूँकि तुम्हारी ज़मीन से कुछ पैदा न होगा और मैदान के दरख़्त फलने ही के नहीं।
et vous vous épuiserez en vains efforts, votre terre refusera son tribut, et ses arbres refuseront leurs fruits.
21 और अगर तुम्हारा चलन मेरे ख़िलाफ़ ही रहे और तुम मेरा कहा न मानो, तो मैं तुम्हारे गुनाहों के मुवाफ़िक़ तुम्हारे ऊपर और सातगुनी बलाएँ लाऊँगा।
Si vous agissez hostilement à mon égard, si vous persistez à ne point m’obéir, je vous frapperai de nouvelles plaies, septuples comme vos fautes.
22 जंगली दरिन्दे तुम्हारे बीच छोड़ दूंगा जो तुम को बेऔलाद कर देंगे और तुम्हारे चौपायों को हलाक करेंगे और तुम्हारा शुमार घटा देगें, और तुम्हारी सड़कें सूनी पड़ जाएँगी।
Je lâcherai sur vous les bêtes sauvages, qui vous priveront de vos enfants, qui extermineront votre bétail, qui vous décimeront vous-mêmes, et vos routes deviendront solitaires.
23 और अगर इन बातों पर भी तुम मेरे लिए न सुधरो बल्कि मेरे ख़िलाफ़ ही चलते रहो,
Si ces châtiments ne vous ramènent pas à moi et que votre conduite reste hostile à mon égard,
24 तो मैं भी तुम्हारे ख़िलाफ़ चलूँगा, और मैं आप ही तुम्हारे गुनाहों के लिए तुम को और सात गुना मारूँगा।
moi aussi je me conduirai à votre égard avec hostilité, et je vous frapperai, à mon tour, sept fois pour vos péchés.
25 और तुम पर एक ऐसी तलवार चलवाऊँगा जो 'अहदशिकनी का पूरा पूरा इन्तक़ाम ले लेगी, और जब तुम अपने शहरों के अन्दर जा जाकर इकट्ठे हो जाओ, तो मैं वबा को तुम्हारे बीच भेजूँगा और तुम ग़नीम के हाथ में सौंप दिए जाओगे।
Je ferai surgir contre vous le glaive, vengeur des droits de l’Alliance, et vous vous replierez dans vos villes; puis, j’enverrai la peste au milieu de vous, et vous serez à la merci de l’ennemi,
26 और जब मैं तुम्हारी रोटी का सिलसिला तोड़ दूंगा, तो दस 'औरतें एक ही तनूर में तुम्हारी रोटी पकाएँगी। और तुम्हारी उन रोटियों को तोल — तोल कर देती जाएँगी; और तुम खाते जाओगे पर सेर न होगे।
tandis que je vous couperai les vivres, de sorte que dix femmes cuiront votre pain dans un même four et vous le rapporteront au poids, et que vous le mangerez sans vous rassasier.
27 “और अगर तुम इन सब बातों पर भी मेरी न सुनो और मेरे ख़िलाफ़ ही चलते रहो,
Si, malgré cela, au lieu de m’obéir, vous vous comportez hostilement avec moi,
28 तो मैं अपने ग़ज़ब में तुम्हारे बरख़िलाफ़ चलूँगा, और तुम्हारे गुनाहों के ज़रिए' तुम को सात गुनी सज़ा भी दूँगा।
je procéderai à votre égard avec une exaspération d’hostilité, et je vous châtierai, à mon tour, sept fois pour vos péchés.
29 और तुम को अपने बेटों का गोश्त और अपनी बेटियों का गोश्त खाना पड़ेगा।
Vous dévorerez la chair de vos fils, et la chair de vos filles vous la dévorerez.
30 और मैं तुम्हारी परस्तिश के बलन्द मकामों को ढा दुंगा, और तुम्हारी सूरज की मूरतों को काट डालूँगा और तुम्हारी लाशें तुम्हारे शिकस्ता बुतों पर डाल दूँगा, और मेरी रूह को तुमसे नफ़रत हो जाएगी।
Je détruirai vos hauts-lieux, j’abattrai vos monuments solaires, puis je jetterai vos cadavres sur les cadavres de vos impures idoles; et mon esprit vous repoussera.
31 और मैं तुम्हारे शहरों को वीरान कर डालूँगा, और तुम्हारे हैकलों को उजाड़ बना दूँगा, और तुम्हारी ख़ुशबू — ए — शीरीन की लपट को मैं सूघने का भी नहीं।
Je ferai de vos villes des ruines, de vos lieux saints une solitude, et je ne respirerai point vos pieux parfums.
32 और मैं मुल्क को सूना कर दूँगा, और तुम्हारे दुश्मन जो वहाँ रहते हैं इस बात से हैरान होंगे।
Puis, moi-même je désolerai cette terre, si bien que vos ennemis, qui l’occuperont, en seront stupéfaits.
33 और मैं तुम को गैर क़ौमों में बिखेर दूँगा और तुम्हारे पीछे — पीछे तलवार खींचे रहूँगा; और तुम्हारा मुल्क सूना हो जाएगा, और तुम्हारे शहर वीरान बन जाएँगे।
Et vous, je vous disperserai parmi les nations, et je vous poursuivrai l’épée haute; votre pays restera solitaire, vos villes resteront ruinées.
34 'और यह ज़मीन जब तक वीरान रहेगी और तुम दुश्मनों के मुल्क में होगे, तब तक वह अपने सबत मनाएगी; तब ही इस ज़मीन को आराम भी मिलेगा और वह अपने सबत भी मनाने पाएगी।
Alors la terre acquittera la dette de ses chômages, tandis qu’elle restera désolée et que vous vivrez dans le pays de vos ennemis; alors la terre chômera, et vous fera payer ses chômages.
35 ये जब तक वीरान रहेगी तब ही तक आराम भी करेगी, जो इसे कभी तुम्हारे सबतों में जब तुम उसमें रहते थे नसीब नहीं हुआ था।
Dans toute cette période de désolation, elle chômera pour ce qu’elle n’aura pas chômé dans vos années sabbatiques, alors que vous l’habitiez.
36 और जो तुम में से बच जाएँगे और अपने दुश्मनों के मुल्कों में होंगे, उनके दिल के अन्दर मैं बेहिम्मती पैदा कर दूँगा उड़ती हुई पट्टी की आवाज़ उनको खदेड़ेगी, और वह ऐसे भागेंगे जैसे कोई तलवार से भागता हो और हालाँकि कोई पीछा भी न करता होगा तो भी वह गिर — गिर पड़ेगे।
Pour ceux qui survivront d’entre vous, je leur mettrai la défaillance au cœur dans les pays de leurs ennemis: poursuivis par le bruit de la feuille qui tombe, ils fuiront comme on fuit devant l’épée, ils tomberont sans qu’on les poursuive,
37 और वह तलवार के ख़ौफ़ से एक दूसरे से टकरा — टकरा जाएँगे बावजूद यह कि कोई खदेड़ता न होगा, और तुम को अपने दुश्मनों के मुक़ाबले की ताब न होगी।
et ils trébucheront l’un sur l’autre comme à la vue de l’épée, sans que personne les poursuive. Vous ne pourrez vous maintenir devant vos ennemis;
38 और तुम ग़ैर क़ौमों के बीच बिखर कर हलाक हो जाओगे, और तुम्हारे दुश्मनों की ज़मीन तुम को खा जाएगी।
vous vous perdrez parmi les nations, et le pays de vos ennemis vous dévorera.
39 और तुम में से जो बाक़ी बचेंगे वह अपनी बदकारी की वजह से तुम्हारे दुश्मनों के मुल्कों में घुलते रहेंगे, और अपने बाप दादा की बदकारी की वजह से भी वह उन्हीं की तरह घुलते जाएँगे।
Et les survivants d’entre vous se consumeront, par leur faute, dans les pays de leurs ennemis, et même pour les méfaits de leurs pères ils se consumeront avec eux.
40 'तब वह अपनी और अपने बाप दादा की इस बदकारी का इक़रार करेंगे कि उन्होंने मुझ से ख़िलाफ़वर्ज़ी कर कि मेरी हुक्म — उदूली की; और यह भी मान लेंगे कि चूँकि वह मेरे ख़िलाफ़ चले थे,
Puis ils confesseront leur iniquité et celle de leurs pères, leur forfaiture envers moi, et aussi leur conduite hostile à mon égard,
41 इसलिए मैं भी उनका मुख़ालिफ़ हुआ और उनको उनके दुश्मनों के मुल्क में ला छोड़ा। अगर उस वक़्त उनका नामख़्तून दिल 'आजिज़ बन जाए और वह अपनी बदकारी की सज़ा को मन्जूर करें,
pour laquelle moi aussi je les aurai traités hostilement, en les déportant au pays de leurs ennemis à moins qu’alors leur cœur obtus ne s’humilie, et alors ils expieront leur iniquité.
42 तब मैं अपना 'अहद जो या'क़ूब के साथ था याद करूँगा, और जो 'अहद मैंने इस्हाक़ के साथ, और जो 'अहद मैंने अब्रहाम के साथ बान्धा था उनको भी याद करूँगा, और इस मुल्क को याद करूँगा।
Et je me ressouviendrai de mon alliance avec Jacob; mon alliance aussi avec Isaac, mon alliance aussi avec Abraham, je m’en souviendrai, et la terre aussi, je m’en souviendrai.
43 और वह ज़मीन भी उनसे छूट कर जब तक उनकी ग़ैर हाज़िरी में सूनी पड़ी रहेगी तब तक अपने सबतों को मनाएगी; और वह अपनी बदकारी की सज़ा को मन्जूर कर लेंगे, इसी वजह से कि उन्होंने मेरे हुक्मों को छोड़ दिया था, और उनकी रूहों को मेरी शरी'अत से नफ़रत ही गई थी।
Cette terre restera donc abandonnée par eux, afin que, laissée par eux déserte, elle répare ses chômages, et qu’eux-mêmes ils réparent leur iniquité; parce que, oui, parce qu’ils auront dédaigné mes statuts, et que leur esprit aura repoussé mes lois.
44 इस पर भी जब वह अपने दुश्मनों के मुल्क में होंगे तो मैं उनको ऐसा नहीं छोड़ूँगा करूँगा और न मुझे उनसे ऐसी नफ़रत होगी कि मैं उनकी बिल्कुल फ़ना कर दूँ, और मेरा जो 'अहद उनके साथ है उसे तोड़ दूँ क्यूँकि मैं ख़ुदावन्द उनका ख़ुदा हूँ।
Et pourtant, même alors, quand ils se trouveront relégués dans le pays de leurs ennemis, je ne les aurai ni dédaignés ni repoussés au point de les anéantir, de dissoudre mon alliance avec eux; car je suis l’Éternel, leur Dieu!
45 बल्कि मैं उनकी ख़ातिर उनके बाप दादा के 'अहद की याद करूँगा, जिनको मैं ग़ैरक़ौमों की आँखों के सामने मुल्क — ए — मिस्र से निकाल कर लाया ताकि मैं उनका ख़ुदा ठहरूँ; मैं ख़ुदावन्द हूँ।”
Et je me rappellerai, en leur faveur, le pacte des aïeux, de ceux que j’ai fait sortir du pays d’Egypte à la vue des peuples pour être leur Dieu, moi l’Éternel."
46 यह वह शरी'अत और अहकाम और क़वानीन हैं जो ख़ुदावन्द ने कोह-ए-सीना पर अपने और बनी — इस्राईल के बीच मूसा की ज़रिए' मुक़र्रर किए।
Telles sont les ordonnances, les institutions et les doctrines que l’Éternel fit intervenir entre lui et les enfants d’Israël, au mont Sinaï, par l’organe de Moïse.