< अह 22 >
1 और ख़ुदावन्द ने मूसा से कहा,
And Yahweh spake unto Moses, saying:
2 “हारून और उसके बेटों से कह कि वह बनी — इस्राईल की पाक चीज़ों से जिनको वह मेरे लिए पाक करते हैं अपने आप को बचाए रख्खें, और मेरे पाक नाम को बे — हुरमत न करें; मैं ख़ुदावन्द हूँ।
Speak unto Aaron, and unto his sons, That they hold sacredly aloof from the holy things of the sons of Israel, so as not to profane my holy name, —in the things which they are hallowing unto me—I, am Yahweh.
3 उनको कह दे कि तुम्हारी नसल — दर — नसल जो कोई तुम्हारी नसल में से अपनी नापाकी की हालत में उन पाक चीज़ों के पास जाए, जिनको बनी — इस्राईल ख़ुदावन्द के लिए पाक करते हैं, वह शख़्स मेरे सामने से काट डाला जाएगा; मैं ख़ुदावन्द हूँ।
Say unto them—Unto your generations, as touching any man who cometh near from among any of your seed, unto the hallowed things which the sons of Israel may hallow unto Yahweh, while his uncleanness is upon him, then shall that person be cut off from before me—I, am Yahweh.
4 हारून की नसल में जो कोढ़ी, या जिरयान का मरीज़ हो वह जब तक पाक न हो जाए, पाक चीज़ों में से कुछ न खाए; और जो कोई ऐसी चीज़ को जो मुर्दे की वजह से नापाक हो गई है, या उस शख़्स की जिस की धात बहती हो छुए
No man soever of the seed of Aaron who is a leper, or hath a flux, shall eat of the holy things, until he be clean, —And as for him who toucheth anything that is unclean by the dead, or a man whose seed goeth from him;
5 या जो कोई किसी रेंगने वाले जानदार को जिसके छूने से वह नापाक हो सकता है, छुए या किसी ऐसे शख़्स को छुए जिससे उसकी नापाकी चाहे वह किसी क़िस्म की हो उसको भी लग सकती हो;
or a man who toucheth any creeping thing, which is unclean to him, —or [toucheth] any human being who hath uncleanness, to the extent of any thing that maketh him unclean,
6 तो वह आदमी जो इनमें से किसी को छुए शाम तक नापाक रहेगा, और जब तक पानी से ग़ुस्ल न कर ले पाक चीज़ों में से कुछ न खाए;
any person who toucheth any such, shall then be unclean until the evening, —and shall not eat of the hallowed things, unless he bathe his flesh in water.
7 और वह उस वक़्त पाक ठहरेगा जब आफ़ताब गुरूब हो जाए, इसके बाद वह पाक चीज़ों में से खाए, क्यूँकि यह उसकी ख़ुराक है।
When the sun tooth in, then is he clean, —and thereafter, he may eat of the hallowed things, for, his food, it is.
8 और मुरदार या दरिन्दों के फाड़े हुए जानवर को खाने से वह अपने आप को नजिस न कर ले; मैं ख़ुदावन्द हूँ
That which dieth of itself or is torn in pieces, shall he not eat to make himself unclean thereby, —I, am Yahweh.
9 इसलिए वह मेरी शरा' को माने, ऐसा न हो कि उस की वजह से उनके सिर गुनाह लगे और उसकी बेहुरमती करने की वजह से वह मर भी जाएँ, मैं ख़ुदावन्द उनका पाक करने वाला हूँ।
Therefore shall they keep my charge, and shall not bear, for it, sin, and die therein, when they profane it, —I—Yahweh, am hallowing them.
10 'कोई अजनबी पाक चीज़ की न खाने पाए चाहे वह काहिन ही के यहाँ ठहरा हो, या उसका नौकर हो तो भी वह कोई पाक चीज़ न खाए;
And, no stranger, shall eat what is hallowed, —neither, one who dwelleth with a priest nor a hireling shall eat what is hallowed.
11 लेकिन वह जिसे काहिन ने अपने ज़र से ख़रीदा हो उसे खा सकता है, और वह जो उसके घर में पैदा हुए हों वह भी उसके खाने में से खाएँ।
But when, a priest, buyeth any person, as the purchase of his silver, he may eat thereof, —and, the children of his household, they, may eat of his food.
12 अगर काहिन की बेटी किसी अजनबी से ब्याही गई हो, तो वह पाक चीज़ों की क़ुर्बानी में से कुछ न खाए।
And, when, a priest’s daughter, belongeth to a husband, who is a stranger, she, of the heave-offering of the hallowed things, may not eat.
13 लेकिन अगर काहिन की बेटी बेवा हो जाए, या मुतल्लक़ा हो और बे — औलाद हो, और लड़कपन के दिनों की तरह अपने बाप के घर में फिर आ कर रहे तो वह अपने बाप के खाने में से खाए; लेकिन कोई अजनबी उसे न खाए।
But, when a priest’s daughter, cometh to be a widow or divorced and hath no seed, and so she returneth unto the house of her father, as in her youth, of the food of her father, she may eat, —but no stranger, shall eat thereof.
14 और अगर कोई अनजाने में पाक चीज़ को खा जाए तो वह उसके पाँचवें हिस्से के बराबर अपने पास से उस में मिला कर वह पाक चीज़ काहिन को दे
And, when, any man, eateth what is hallowed, by mistake, then shall he add the fifth part of it thereunto, and give unto the priest the hallowed thing:
15 और वह बनी — इस्राईल की पाक चीज़ों को जिनको वह ख़ुदावन्द की नज़्र करते हों बेहुरमत करके,
So shall they not profane the hallowed things of the sons of Israel, —which they heave up unto Yahweh;
16 उनके सिर उस गुनाह का जुर्म न लादें जो उनकी पाक चीज़ों को खाने से होगा; क्यूँकि मैं ख़ुदावन्द उनका पाक करने वाला हूँ।”
nor cause them to bear guilty iniquity, when they eat their hallowed things, —For, I—Yahweh, am hallowing them.
17 और ख़ुदावन्द ने मूसा से कहा,
And Yahweh spake unto Moses, saying:
18 “हारून और उसके बेटों और सब बनी — इस्राईल से कह कि इस्राईल के घराने का या उन परदेसियों में से जो इस्राईलियों के बीच रहते हैं, जो कोई शख़्स अपनी क़ुर्बानी लाए, चाहे वह कोई मिन्नत की क़ुर्बानी हो या रज़ा की क़ुर्बानी, जिसे वह सोख़्तनी क़ुर्बानी के तौर पर ख़ुदावन्द के सामने पेश करते हैं;
Speak unto Aaron, and unto his sons, and unto all the sons of Israel, and thou shalt say unto them—What man, soever, of the house of Israel, or of the sojourners in Israel, may bring near his oblation, as regardeth any of their vows, or any of their freewill offerings which they may bring near unto Yahweh, as an ascending-sacrifice,
19 तो अपने मक़बूल होने के लिए तुम बैलों या बर्रों या बकरों में से बे — 'ऐब नर चढ़ाना।
that ye may be accepted, [it must be] a male without defect, of the beeves, or of the sheep, or of the goats:
20 और जिसमें 'ऐब हो उसे न अदा करना क्यूँकि वह तुम्हारी तरफ़ से मक़बूल न होगा।
whatsoever hath in it a blemish, shall ye not bring near, —for it shall not be accepted for you.
21 और जो कोई अपनी मिन्नत पूरी करने के लिए या रज़ा की क़ुर्बानी के तौर पर गाय, बैल या भेड़ बकरी में से सलामती का ज़बीहा ख़ुदावन्द के सामने पेश करे, तो वह जानवर मक़बूल ठहरने के लिए बे — 'ऐब हो; उसमें कोई नुक़्स न हो।
And, whosoever would bring near a peace-offering unto Yahweh, to consecrate a vow or as a freewill-offering with a bullock or a sheep, without defect, shall it be, to be accepted, no, blemish, shall be therein.
22 जो अन्धा या शिकस्ता — ए — 'उज़्व या लूला हो, जिसके रसौली या खुजली या पपड़ियाँ हों, ऐसों को ख़ुदावन्द के सामने न चढ़ाना और न मज़बह पर उनकी आतिशी क़ुर्बानी ख़ुदावन्द के सामने पेश करना।
Blind, or broken, or rent, or having a running sore, or scurvy, or scab, ye shall not bring these near unto Yahweh, —and no, altar-flame, shall ye present therefrom upon the altar, unto Yahweh.
23 जिस बछड़े या बर्रे का कोई 'उज़्व ज़्यादा या कम हो उसे तो रज़ा की क़ुर्बानी के तौर पर पेश कर सकता है, लेकिन मिन्नत पूरी करने के लिए वह मक़बूल न होगा।
Whether an ox or a lamb long or short limb, as a free-will offering, thou mayest offer it, but, for a vow, it shall not be accepted.
24 जिस जानवर के ख़ुसिए कुचले हुए या चूर किए हुए या टूटे या कटे हुए हों, उसे तुम ख़ुदावन्द के सामने न चढ़ाना और न अपने मुल्क में ऐसा काम करना;
But that which is bruised in the stones or broken therein, or torn or cut, shall ye neither bring ear unto Yahweh, nor on your own land, shall ye offer.
25 और न इनमें से किसी को लेकर तुम अपने ख़ुदा की ग़िज़ा परदेसी या अजनबी के हाथ से अदा करवाना, क्यूँकि उनका बिगाड़ उनमें मौजूद होता है, उनमें 'ऐब है इसलिए वह तुम्हारी तरफ़ से मक़बूल न होंगे।”
Even at the hand of the son of a stranger, shall ye not bring near the food of your God of any of these, —for, their damage is in them, a blemish, is in them, they shall not be accepted for you.
26 और ख़ुदावन्द ने मूसा से कहा,
And Yahweh spake unto Moses, saying: —
27 “जिस वक़्त बछड़ा या भेड़ या बकरी का बच्चा पैदा हो, तो सात दिन तक वह अपनी माँ के साथ रहे और आठवें दिन से और उसके बाद से वह ख़ुदावन्द की आतिशी क़ुर्बानी के लिए मक़बूल होगा।
When, a beeve or a sheep or a goat, is brought forth, then shall it be seven days under its dam, —and, from the eighth day and onwards, it shall be accepted as an oblation of an altar-flame unto Yahweh,
28 और चाहे गाय हो या भेड़, बकरी, तुम उसे और उसके बच्चे दोनों को एक ही दिन ज़बह न करना।
Whether cow or ewe—it and its young, shall ye not slaughter on one day.
29 और जब तुम ख़ुदावन्द के शुक्राने का ज़बीहा क़ुर्बानी करो, तो उसे इस तरह क़ुर्बानी करना कि तुम मक़बूल ठहरो;
And when ye would offer a sacrifice of thanksgiving unto Yahweh, for your acceptance, shall ye offer it.
30 और वह उसी दिन खा भी लिया जाए, तुम उसमें से कुछ भी दूसरे दिन की सुबह तक बाक़ी न छोड़ना; मैं ख़ुदावन्द हूँ।
On the same day, shall it be eaten, ye shall not leave thereof until morning, —I, am Yahweh.
31 “इसलिए तुम मेरे हुक्मों को मानना और उन पर 'अमल करना; मैं ख़ुदावन्द हूँ।
So then ye shall observe my commandments, and do them, —I, am Yahweh.
32 तुम मेरे पाक नाम को नापाक न ठहराना, क्यूँकि मैं बनी — इस्राईल के बीच ज़रूर ही पाक माना जाऊँगा; मैं ख़ुदावन्द तुम्हारा पाक करने वाला हूँ,
So shall ye not profane my holy name, So shall I be hallowed in the midst of the sons of Israel, —I, am Yahweh, who am hallowing you;
33 जो तुम को मुल्क — ए — मिस्र से निकाल लाया हूँ ताकि तुम्हारा ख़ुदा बना रहूँ, मैं ख़ुदावन्द हूँ।”
Who brought you forth out of the land of Egypt, that I might become your God, —I, am Yahweh.