< अह 21 >
1 और ख़ुदावन्द ने मूसा से कहा कि 'हारून के बेटों से जो काहिन हैं कह कि अपने क़बीले के मुर्दे की वजह से कोई अपने आप को नजिस न कर ले।
dixit quoque Dominus ad Mosen loquere ad sacerdotes filios Aaron et dices eis ne contaminetur sacerdos in mortibus civium suorum
2 अपने क़रीबी रिश्तेदारों की वजह से जैसे अपनी माँ की वजह से, और अपने बाप की वजह से, और अपने बेटे — बेटी की वजह से, और अपने भाई की वजह से,
nisi tantum in consanguineis ac propinquis id est super matre et patre et filio ac filia fratre quoque
3 और अपनी सगी कुँवारी बहन की वजह से जिसने शौहर न किया हो, इन की ख़ातिर वह अपने को नजिस कर सकता है।
et sorore virgine quae non est nupta viro
4 चूँकि वह अपने लोगों में सरदार है, इसलिए वह अपने आप को ऐसा आलूदा न करे कि नापाक हो जाए।
sed nec in principe populi sui contaminabitur
5 वह न अपने सिर उनकी ख़ातिर बीच से घुटवाएँ और न अपनी दाढ़ी के कोने मुण्डवाएँ, और न अपने को ज़ख़्मी करें।
non radent caput nec barbam neque in carnibus suis facient incisuras
6 वह अपने ख़ुदा के लिए पाक बने रहें और अपने ख़ुदा के नाम को बेहुरमत न करें, क्यूँकि वह ख़ुदावन्द की आतिशीन क़ुर्बानियाँ जो उनके ख़ुदा की गिज़ा है पेश करते हैं; इसलिए वह पाक रहें।
sancti erunt Deo suo et non polluent nomen eius incensum enim Domini et panes Dei sui offerunt et ideo sancti erunt
7 वह किसी फ़ाहिशा या नापाक 'औरत से ब्याह न करें, और न उस 'औरत से ब्याह करें जिसे उसके शौहर ने तलाक़ दी हो; क्यूँकि काहिन अपने ख़ुदा के लिए पाक है।
scortum et vile prostibulum non ducet uxorem nec eam quae repudiata est a marito quia consecratus est Deo suo
8 तब तू काहिन को पाक जानना क्यूँकि वह तेरे ख़ुदा की गिज़ा पेश करता है; इसलिए वह तेरी नज़र में पाक ठहरे, क्यूँकि मैं ख़ुदावन्द जो तुम को पाक करता हूँ क़ुद्दूस हूँ।
et panes propositionis offert sit ergo sanctus quia et ego sanctus sum Dominus qui sanctifico vos
9 और अगर काहिन की बेटी फ़ाहिशा बनकर अपने आप को नापाक करे तो वह अपने बाप को नापाक ठहराती है, वह 'औरत आग में जलाई जाए।
sacerdotis filia si deprehensa fuerit in stupro et violaverit nomen patris sui flammis exuretur
10 और वह जो अपने भाइयों के बीच सरदार काहिन हो, जिसके सिर पर मसह करने का तेल डाला गया और जो पाक लिबास पहनने के लिए मख़्सूस किया गया, वह अपने सिर के बाल बिखरने न दे और अपने कपड़े न फाड़े।
pontifex id est sacerdos maximus inter fratres suos super cuius caput fusum est unctionis oleum et cuius manus in sacerdotio consecratae sunt vestitusque est sanctis vestibus caput suum non discoperiet vestimenta non scindet
11 वह किसी मुर्दे के पास न जाए, और न अपने बाप या माँ की ख़ातिर अपने आप को नजिस करे।
et ad omnem mortuum non ingredietur omnino super patre quoque suo et matre non contaminabitur
12 और वह हैकल के बाहर भी न निकले और न अपने ख़ुदा के हैकल को बेहुरमत करे, क्यूँकि उसके ख़ुदा के मसह करने के तेल का ताज उस पर है; मैं ख़ुदावन्द हूँ।
nec egredietur de sanctis ne polluat sanctuarium Domini quia oleum sanctae unctionis Dei sui super eum est ego Dominus
13 और वह कुँवारी 'औरत से ब्याह करे;
virginem ducet uxorem
14 जो बेवा या मुतल्लक़ा या नापाक 'औरत या फ़ाहिशा हो, उनसे वह ब्याह न करे बल्कि वह अपनी ही क़ौम की कुँवारी को ब्याह ले।
viduam et repudiatam et sordidam atque meretricem non accipiet sed puellam de populo suo
15 और वह अपने तुख़्म को अपनी क़ौम में नापाक न ठहराए, क्यूँकि मैं ख़ुदावन्द हूँ जो उसे पाक करता हूँ।
ne commisceat stirpem generis sui vulgo gentis suae quia ego Dominus qui sanctifico eum
16 फिर ख़ुदावन्द ने मूसा से कहा कि,
locutusque est Dominus ad Mosen dicens
17 “हारून से कह दे कि तेरी नसल में नसल — दर — नसल अगर कोई किसी तरह का 'ऐब रखता हो, तो वह अपने ख़ुदा की गिज़ा पेश करने को नज़दीक न आए;
loquere ad Aaron homo de semine tuo per familias qui habuerit maculam non offeret panes Deo suo
18 चाहे कोई हो जिसमें 'ऐब हो वह नज़दीक न आए चाहे वह अन्धा हो या लंगड़ा, या नकचपटा हो, या ज़ाइद — उल — 'आज़ा,
nec accedet ad ministerium eius si caecus fuerit si claudus si vel parvo vel grandi et torto naso
19 या उसका पाँव टूटा हो, या हाथ टूटा हो
si fracto pede si manu
20 या वह कुबड़ा या बौना हो, या उसकी आँख में कुछ नुक्स हो, या खुजली भरा हो, या उसके पपड़ियाँ हों, या उसके खुसिए पिचके हों।
si gibbus si lippus si albuginem habens in oculo si iugem scabiem si inpetiginem in corpore vel hirniosus
21 हारून काहिन की नसल में से कोई जो 'ऐबदार हो ख़ुदावन्द की आतिशी क़ुर्बानियाँ पेश करने को नज़दीक न आए, वह 'ऐबदार है; वह हरगिज़ अपने ख़ुदा की ग़िज़ा पेश करने को पास न आए।
omnis qui habuerit maculam de semine Aaron sacerdotis non accedet offerre hostias Domino nec panes Deo suo
22 वह अपने ख़ुदा की बहुत ही मुक़द्दस और पाक दोनों तरह की रोटी खाए,
vescetur tamen panibus qui offeruntur in sanctuario
23 लेकिन पर्दे के अन्दर दाख़िल न हो, न मज़बह के पास आए इसलिए कि वह 'ऐबदार है; कहीं ऐसा न हो कि वह मेरे पाक मक़ामों को बे — हुरमत करे, क्यूँकि मैं ख़ुदावन्द उनका पाक करने वाला हूँ।”
ita dumtaxat ut intra velum non ingrediatur nec accedat ad altare quia maculam habet et contaminare non debet sanctuarium meum ego Dominus qui sanctifico eos
24 तब मूसा ने हारून और उसके बेटों और सब बनी — इस्राईल से यह बातें कहीं।
locutus est ergo Moses ad Aaron et filios eius et ad omnem Israhel cuncta quae sibi fuerant imperata