< अह 13 >

1 फिर ख़ुदावन्द ने मूसा और हारून से कहा,
Yahweh spoke to Moses and to Aaron, saying,
2 “अगर किसी के जिस्म की जिल्द में वर्म, या पपड़ी, या सफ़ेद चमकता हुआ दाग़ हो, और उसके जिस्म की जिल्द में कोढ़ जैसी बला हो, तो उसे हारून काहिन के पास या उसके बेटों में से जो काहिन हैं किसी के पास ले जाएँ।
“When anyone has on the skin of his body a swelling or scab or a bright spot, and it becomes infected and there is a skin disease in his body, then he must be brought to Aaron the high priest, or to one of his sons the priests.
3 और काहिन उसके जिस्म की जिल्द की बला को देखे, अगर उस बला की जगह के बाल सफ़ेद हो गए हों और वह बला देखने में खाल से गहरी हो, तो वह कोढ़ का मर्ज़ है; और काहिन उस शख़्स को देख कर उसे नापाक करार दे।
Then the priest will examine the disease in the skin of his body. If the hair in the diseased area has turned white, and if the disease appears to be deeper than just on the skin, then it is an infectious disease. After the priest examines him, he must pronounce him unclean.
4 और अगर उसके जिस्म की जिल्द का चमकता हुआ दाग़ सफ़ेद तो हो लेकिन खाल से गहरा न दिखाई दे, और न उसके ऊपर के बाल सफ़ेद हो गए हों, तो काहिन उस शख़्स को सात दिन तक बन्द रख्खे;
If the bright spot in his skin is white, and the appearance of it is no deeper than the skin, and if the hair in the diseased area has not turned white, then the priest must isolate the one with the disease for seven days.
5 और सातवें दिन काहिन उसे मुलाहिज़ा करे, और अगर वह बला उसे वहीं के वहीं दिखाई दे और जिल्द पर फैल न गई हो, तो काहिन उसे सात दिन और बन्द रख्खे;
On the seventh day, the priest must examine him to see if in his opinion the disease is not any worse, and if it has not spread in the skin. If it has not, then the priest must isolate him seven days more.
6 और सातवें दिन काहिन उसे मुलाहिज़ा करे, और अगर देखे कि उस बला की चमक कम है और वह जिल्द के ऊपर फैली भी नहीं है; तो काहिन उसे पाक क़रार दे क्यूँकि वह पपड़ी है। इसलिए वह अपने कपड़े धो डाले और साफ़ हो जाए।
The priest will examine him again on the seventh day to see if the disease is better and has not spread farther in the skin. If it has not, then the priest will pronounce him clean. It is a rash. He must wash his clothes, and then he is clean.
7 लेकिन अगर काहिन के उस मुलहज़े के बाद जिस में वह साफ़ क़रार दिया गया था, वह पपड़ी उसकी जिल्द पर बहुत फैल जाए, तो वह शख़्स काहिन को फिर दिखाया जाए;
But if the rash has spread in the skin after he has shown himself to the priest for his cleansing, he must then show himself to the priest again.
8 और काहिन उसे मुलाहिज़ा करे, और अगर देखे कि वह पपड़ी जिल्द पर फैल गई है तो वह उसे नापाक क़रार दे; क्यूँकि वह कोढ़ है।
The priest will examine him to see if the rash has spread farther in the skin. If it has spread, then the priest must pronounce him unclean. It is an infectious disease.
9 “अगर किसी शख़्स को कोढ़ का मर्ज़ हो, तो उसे काहिन के पास ले जाएँ,
When an infectious skin disease is in someone, then he must be brought to the priest.
10 और काहिन उसे मुलाहिज़ा करे, और अगर देखे कि जिल्द पर सफ़ेद वर्म है और उसने बालों को सफ़ेद कर दिया है, और उस वर्म की जगह का गोश्त ज़िन्दा और कच्चा है,
The priest will examine him to see if there is a white swelling in the skin, if the hair has turned white, or if there is raw flesh in the swelling.
11 तो यह उसके जिस्म की जिल्द में पुराना कोढ़ है, इसलिए काहिन उसे नापाक करार दे लेकिन उसे बन्द न करे क्यूँकि वह नापाक है।
If there is, then it is a chronic skin disease, and the priest must pronounce him unclean. He will not isolate him, because he is already unclean.
12 और अगर कोढ़ जिल्द में चारों तरफ़ फूट आए, और जहाँ तक काहिन को दिखाई देता है, यही मा'लूम हो कि उस की जिल्द सिर से पाँव तक कोढ़ से ढंक गई है;
If the disease breaks out widely in the skin and covers all the skin of the person with the disease from his head to his feet, as far as it appears to the priest,
13 तो काहिन ग़ौर से देखे और अगर उस शख़्स का सारा जिस्म कोढ़ से ढका हुआ निकले, तो काहिन उस मरीज़ को पाक क़रार दे, क्यूँकि वह सब सफ़ेद हो गया है और वह पाक है।
then the priest must examine him to see if the disease has covered all his body. If it has, then the priest must pronounce the person who has the disease as clean. If it has all turned white, then he is clean.
14 लेकिन जिस दिन जीता और कच्चा गोश्त उस पर दिखाई दे, वह नापाक होगा।
But if raw flesh appears on him, he will be unclean.
15 और काहिन उस कच्चे गोश्त को देख कर उस शख़्स को नापाक करार दे, कच्चा गोश्त नापाक होता है; वह कोढ़ है।
The priest must look at the raw flesh and pronounce him unclean because the raw flesh is unclean. It is an infectious disease.
16 और अगर वह कच्चा गोश्त फिर कर सफ़ेद हो जाए, तो वह काहिन के पास जाए;
But if the raw flesh turns white again, then the person must go to the priest.
17 और काहिन उसे मुलाहिज़ा करे, और अगर देखे कि मर्ज़ की जगह सब सफ़ेद हो गई है तो काहिन मरीज़ को पाक क़रार दे; वह पाक है।
The priest will examine him to see if the flesh has turned white. If it has then the priest will pronounce that person to be clean.
18 'और अगर किसी के जिस्म की जिल्द पर फोड़ा हो कर अच्छा हो जाए,
When a person has a boil on the skin and it has healed,
19 और फोड़े की जगह सफ़ेद वर्म या सुर्ख़ी माइल चमकता हुआ सफ़ेद दाग़ हो तो वह दिखाया जाए;
and in place of the boil there is white swelling or a bright spot, reddish-white, then it must be shown to the priest.
20 और काहिन उसे मुलाहिज़ा करे, और अगर देखे कि वह खाल से गहरा नज़र आता है और उस पर के बाल भी सफ़ेद हो गए हैं, तो काहिन उस शख़्स को नापाक करार दे; क्यूँकि वह कोढ़ है जो फोड़े में से फूट कर निकला है।
The priest will examine it to see if it appears deeper under the skin, and if the hair there has turned white. If so, then the priest must pronounce him unclean. It is an infectious disease, if it has developed in the place where the boil was.
21 लेकिन अगर काहिन देखे कि उस पर सफ़ेद बाल नहीं, और वह खाल से गहरा भी नहीं है और उसकी चमक कम है; तो काहिन उसे सात दिन तक बन्द रख्खे।
But if the priest examines it and sees that there is no white hair in it, and that it is not under the skin but has faded, then the priest must isolate him for seven days.
22 और अगर वह जिल्द पर चारों तरफ़ फैल जाए, तो काहिन उसे नापाक क़रार दे; क्यूँकि वह कोढ़ की बला है।
If it spreads widely in the skin, then the priest must pronounce him unclean. It is an infectious disease.
23 लेकिन अगर वह चमकता हुआ दाग अपनी जगह पर वहीं का वहीं रहे, और फैल न जाए तो वह फोड़े का दाग़ है; तब काहिन उस शख़्स को पाक करार दे।
But if the bright spot stays in its place and has not spread, then it is the scar of the boil, and the priest must pronounce him clean.
24 “या अगर जिस्म की खाल कहीं से जल जाए, और उस जली हुई जगह का ज़िन्दा गोश्त एक सुर्ख़ी माइल चमकता हुआ सफ़ेद दाग़ या बिल्कुल ही सफ़ेद दाग़ बन जाए
When the skin has a burn and the raw flesh of the burn has become a reddish-white or white spot,
25 तो काहिन उसे मुलाहिज़ा करे, और अगर देखे कि उस चमकते हुए दाग़ के बाल सफ़ेद हो गए हैं और वह खाल से गहरा दिखाई देता है; तो वह कोढ़ है जो उस जल जाने से पैदा हुआ है; और काहिन उस शख़्स को नापाक क़रार दे क्यूँकि उसे कोढ़ की बीमारी है।
then the priest will examine it to see if the hair in that spot has turned white, and if it appears to be deeper than the skin. If it has, then it is an infectious disease. It has broken out in the burn, and the priest must pronounce him unclean. It is an infectious disease.
26 लेकिन अगर काहिन देखे कि उस चमकते हुए दाग़ पर सफ़ेद बाल नहीं, और न वह खाल से गहरा है बल्कि उसकी चमक भी कम है, तो वह उसे सात दिन तक बन्द रख्खे;
But if the priest examines it and finds that there is no white hair in the spot, and it is not under the skin but has faded, then the priest must isolate him for seven days.
27 और सातवें दिन काहिन उसे देखे, अगर वह जिल्द पर बहुत फैल गया हो तो काहिन उस शख़्स को नापाक क़रार दे; क्यूँकि उसे कोढ़ की बीमारी है।
Then the priest must examine him on the seventh day. If it has spread widely in the skin, then the priest must pronounce him unclean. It is an infectious disease.
28 और अगर वह चमकता हुआ दाग़ अपनी जगह पर वहीं का वहीं रहे और जिल्द पर फैला हुआ न हो, बल्कि उसकी चमक भी कम हो, तो वह सिर्फ़ जल जाने की वजह से फूला हुआ है; और काहिन उस शख़्स को पाक क़रार दे क्यूँकि वह दाग़ जल जाने की वजह से है।
If the spot stays in its place and has not spread in the skin but has faded, then it is a swelling from the burn, and the priest must pronounce him clean, for it is nothing more than the scar of the burn.
29 “अगर किसी मर्द या 'औरत के सिर या ठोड़ी में दाग़ हो,
If a man or woman has an infectious disease on the head or chin,
30 तो काहिन उस दाग़ को मुलाहिज़ा करे और अगर देखे कि वह खाल से गहरा मा'लूम होता है और उस पर ज़र्द — ज़र्द बारीक रोंगटे हैं तों काहिन उस शख़्स को नापाक क़रार दे क्यूँकि वह सा'फ़ा है जो सिर या ठोड़ी का कोढ़ है।
then the priest must examine the person for an infectious disease to see if it appears to be deeper than the skin, and if there is yellow, thin hair in it. If there is, then the priest must pronounce him unclean. It is an itch, an infectious disease on the head or the chin.
31 और अगर काहिन देखे कि वह सा'फ़ा की बला खाल से गहरी नहीं मा'लूम होती और उस पर स्याह बाल नहीं हैं, तो काहिन उस शख़्स को जिसे सा'फ़ा का मर्ज़ है, सात दिन तक बन्द रख्खे;
If the priest examines the itching disease and sees that it is not under the skin, and if there is no black hair in it, then the priest will isolate the person with the itching disease for seven days.
32 और सातवें दिन काहिन उस बला का मुलाहिज़ा करे और अगर देखे कि सा'फ़ा फैला नहीं और उस पर कोई ज़र्द बाल भी नहीं और सा'फ़ा खाल से गहरा नहीं मा'लूम होता;
On the seventh day the priest will examine the disease to see if it has spread. If there is no yellow hair, and if the disease appears to be only skin deep,
33 तो उस शख़्स के बाल मूँडे जाएँ, लेकिन जहाँ सा'फ़ा हो वह जगह न मूँडी जाए। और काहिन उस शख़्स को जिसे सा'फ़ा का मर्ज़ है, सात दिन और बन्द रख्खे।
then he must be shaved, but the diseased area must not be shaved, and the priest must isolate the person with the itching disease for seven more days.
34 फिर सातवें रोज़ काहिन सा'फ़े का मुलाहिज़ा करे, और अगर देखें कि सा'फ़ा जिल्द में फैला नहीं और न वह खाल से गहरा दिखाई देता है तो काहिन उस शख़्स को पाक करार दे; और वह अपने कपड़े धोए और साफ़ हो जाए।
On the seventh day the priest will examine the disease to see if it has stopped spreading in the skin. If it appears to be no deeper than the skin, then the priest must pronounce him clean. The person must wash his clothes, and then he will be clean.
35 लेकिन अगर उस की सफ़ाई के बाद सा'फ़ा उसकी जिल्द पर बहुत फैल जाए तो काहिन उसे देखे,
But if the itching disease has spread widely in the skin after the priest said he was clean,
36 और अगर सा'फ़ा उसकी जिल्द पर फैला हुआ नज़र आए तो काहिन ज़र्द बाल को न ढूँढे क्यूँकि वह शख़्स नापाक है।
then the priest must examine him again. If the disease has spread in the skin, the priest does not need to seek for yellow hair. The person is unclean.
37 लेकिन अगर उस को सा'फ़ा अपनी जगह पर वहीं का वहीं दिखाई दे और उस पर स्याह बाल निकले हुए हों, तो सा'फ़ा अच्छा हो गया; वह शख़्स पाक है और काहिन उसे पाक क़रार दे।
But if in the priest's view the itching disease has stopped spreading and black hair has grown in the area, then the disease has healed. He is clean, and the priest must pronounce him clean.
38 और अगर किसी मर्द या 'औरत के जिस्म की जिल्द में चमकते हुए दाग़ या सफ़ेद चमकते हुए दाग़ हों,
If a man or a woman has white spots on the skin,
39 तो काहिन देखे, और अगर उनके जिस्म की जिल्द के दाग स्याही माइल सफ़ेद रंग के हों, तो वह छीप है जो जिल्द में फूट निकली है; वह शख़्स पाक है।
then the priest must examine the person to see if the spots are a dull white, which is only a rash that has broken out in the skin. He is clean.
40 'और जिस शख़्स के सिर के बाल गिर गए हों, वह गंजा तो है मगर पाक है।
If a man's hair has fallen out of his head, he is bald, but he is clean.
41 और जिस शख़्स के सर के बाल पेशानी की तरफ़ से गिर गए हों, वह चँदुला तो है मगर पाक है।
If his hair has fallen out of the front part of his head, and if his forehead is bald, he is clean.
42 लेकिन उस गंजे या चँदले सिर पर सुर्ख़ी माइल सफ़ेद दाग़ हों, तो यह कोढ़ है जो उसके गंजे या चँदले सिर पर निकला है;
But if there is a reddish-white sore on his bald head or forehead, it is an infectious disease that has broken out.
43 इसलिए काहिन उसे मुलाहिज़ा करे, और अगर वह देखे कि उसके गंजे या चँदले सिर पर वह दाग़ ऐसा सुर्खी माइल सफ़ेद रंग लिए हुए है, जैसा जिल्द के कोढ़ में होता है,
Then the priest must examine him to see if the swelling of the diseased area on his bald head or forehead is reddish-white, like the appearance of an infectious disease in the skin.
44 तो वह आदमी कोढ़ी है, वह नापाक है और काहिन उसे ज़रूर ही नापाक करार दे क्यूँकि वह मर्ज़ उसके सिर पर है।
If it is, then he has an infectious disease and he is unclean. The priest must surely pronounce him unclean because of his disease on his head.
45 और जो कोढ़ी इस बला में मुब्तिला हो, उसके कपड़े फटे और उसके सिर के बाल बिखरे रहें, और वह अपने ऊपर के होंट को ढाँके और चिल्ला — चिल्ला कर कहे, नापाक, नापाक।
The person who has an infectious disease must wear torn clothes, his hair must hang loosely, and he must cover his face up to his nose and call out, 'Unclean, unclean.'
46 जितने दिनों तक वह इस बला में मुब्तिला रहे, वह नापाक रहेगा और वह है भी नापाक। तब वह अकेला रहा करे, उसका मकान लश्करगाह के बाहर हो।
All the days that he has the infectious disease he will be unclean. Because he is unclean with a disease that can spread, he must live alone. He must live outside the camp.
47 'और वह कपड़ा भी जिस में कोढ़ की बला हो, चाहे वह ऊन का हो या कतान का;
A garment that is contaminated with mildew, whether it is a wool or linen garment,
48 और वह बला भी चाहे कतान या ऊन के कपड़े के ताने में या उसके बाने में हो, या वह चमड़े में हो या चमड़े की बनी हुई किसी चीज़ में हो;
or anything woven or knitted from wool or linen, or leather or anything made with leather—
49 अगर वह बला कपड़े में या चमड़े में, कपड़े के ताने में या बाने में या चमड़े की किसी चीज़ में सब्ज़ी माइल या सुर्ख़ी माइल रंग की हो, तो वह कोढ़ की बला है और काहिन को दिखाई जाए।
if there is a greenish or reddish contamination in the garment, the leather, the woven or knitted material, or anything made of leather, then it is a mildew that spreads; it must be shown to the priest.
50 और काहिन उस बला को देखे, और उस चीज़ को जिस में वह बला है सात दिन तक बन्द रख्खे;
The priest must examine the item for mildew; he must isolate anything that has mildew for seven days.
51 और सातवें दिन उस को देखें। अगर वह बला कपड़े के ताने में या बाने में, या चमड़े पर या चमड़े की बनी हुई किसी चीज़ पर फैल गई हो, तो वह खा जाने वाला कोढ़ है और नापाक है।
He must examine the mildew again on the seventh day. If it has spread in the garment or anything woven or knitted from wool or linen material, or leather or anything in which leather is used, then it is harmful mildew, and the item is unclean.
52 और उस ऊन या कतान के कपड़े को जिसके ताने में या बाने में वह बला है, या चमड़े की उस चीज़ को जिस में वह है जला दे; क्यूँकि यह खा जाने वाला कोढ़ है। वह आग में जलाया जाए।
He must burn the garment, or anything woven or knitted from wool or linen material, or leather or anything made with leather, anything in which the harmful mildew is found, for it can lead to disease. The item must be completely burned up.
53 “और अगर काहिन देखे, कि वह बला कपड़े के ताने में या बाने में, या चमड़े की किसी चीज़ में फैली हुई नज़र नहीं आती,
If the priest examines the item and sees that the mildew has not spread in the garment or material woven or knitted from wool or linen, or leather goods,
54 तो काहिन हुक्म करे कि उस चीज़ को जिस में वह बला है धोएँ, और वह फिर उसे और सात दिन तक बन्द रख्खे;
then he will command them to wash the item in which the mildew was found, and he must isolate it for seven more days.
55 और उस बला के धोए जाने के बाद काहिन फिर उसे मुलाहिज़ा करे, और अगर देखे कि उस बला का रंग नहीं बदला और वह फैली भी नहीं है, तो वह नापाक है। तू उस कपड़े को आग में जला देना; क्यूँकि वह खा जाने वाली बला है, चाहे उस का फ़साद अन्दरूनी हो या बैरूनी।
Then the priest will examine the item after the mildewed item was washed. If the mildew has not changed its color, even though it has not spread, it is unclean. You must burn the item, no matter where the mildew has contaminated it.
56 और अगर काहिन देखे कि धोने के बाद उस बला की चमक कम हो गई है, तो वह उसे उस कपड़े से या चमड़े से, ताने या बाने से, फाड़ कर निकाल फेंके।
If the priest examines the item, and if the mildew has faded after it was washed, then he must tear out the contaminated part from the garment or from the leather, or from the woven or knitted material.
57 और अगर वह बला फिर भी कपड़े के ताने या बाने में या चमड़े की चीज़ में दिखाई दे, तो वह फूटकर निकल रही है। तब तू उस चीज़ को जिस में वह बला है आग में जला देना।
If the mildew still appears in the garment, either in the woven or knitted material, or in anything made of leather, it is spreading. You must burn any item that has the mildew.
58 और अगर उस कपड़े के ताने या बाने में से, या चमड़े की चीज़ में से, जिसे तूने धोया है, वह बला जाती रहे तो वह चीज़ दोबारा धोई जाए और वह पाक ठहरेगी।”
The garment or anything woven or knitted from wool or linen material, or leather or anything made with leather—if you wash the item and the mildew is gone, then the item must be washed a second time, and it will be clean.
59 ऊन या कतान के ताने या बाने में, या चमड़े की किसी चीज़ में अगर कोढ़ की बला हो, तो उसे पाक या नापाक क़रार देने केलिए शरा' यही है।
This is the law about mildew in a garment of wool or linen, or anything woven or knitted from wool or linen material, or leather or anything made with leather, so that you may pronounce it clean or unclean.”

< अह 13 >