< अह 12 >

1 और ख़ुदावन्द ने मूसा से कहा,
Locutusque est Dominus ad Moysen, dicens:
2 “बनी — इस्राईल से कह कि अगर कोई 'औरत हामिला हो, और उसके लड़का हो तो वह सात दिन तक नापाक रहेगी; जैसे हैज़ के दिनों में रहती है।
Loquere filiis Israel, et dices ad eos: Mulier, si suscepto semine pepererit masculum, immunda erit septem diebus iuxta dies separationis menstruæ.
3 और आठवें दिन लड़के का ख़तना किया जाए।
Et die octavo circumcidetur infantulus:
4 इसके बाद तैतीस दिन तक वह तहारत के ख़ून में रहे, और जब तक उसकी तहारत के दिन पूरे न हों तब तक न तो किसी पाक चीज़ को छुए और न हैकल में दाख़िल हो।
ipsa vero triginta tribus diebus manebit in sanguine purificationis suæ. Omne sanctum non tanget, nec ingredietur in Sanctuarium, donec impleantur dies purificationis suæ.
5 और अगर उसके लड़की हो तो वह दो हफ़्ते नापाक रहेगी, जैसे हैज़ के दिनों में रहती है। इसके बाद वह छियासठ दिन तक तहारत के ख़ून में रहे।
Sin autem feminam pepererit, immunda erit duabus hebdomadibus iuxta ritum fluxus menstrui, et sexaginta sex diebus manebit in sanguine purificationis suæ.
6 'और जब उसकी तहारत के दिन पूरे हो जाएँ, तो चाहे उसके बेटा हुआ हो या बेटी, वह सोख़्तनी क़ुर्बानी के लिए एक यक — साला बर्रा, और ख़ता की क़ुर्बानी के लिए कबूतर का एक बच्चा या एक कुमरी ख़ेमा — ए — इजितमा'अ के दरवाज़े पर काहिन के पास लाए;
Cumque expleti fuerint dies purificationis suæ, pro filio, sive pro filia, deferet agnum anniculum in holocaustum, et pullum columbæ sive turturem pro peccato, ad ostium tabernaculi testimonii, et tradet sacerdoti
7 और काहिन उसे ख़ुदावन्द के सामने पेश करे और उसके लिए कफ़्फ़ारा दे। तब वह अपने जिरयान — ए — ख़ून से पाक ठहरेगी। जिस 'औरत के लड़का या लड़की हो उसके बारे में शरा' यह है।
qui offeret illa coram Domino, et orabit pro ea, et sic mundabitur a profluvio sanguinis sui. ista est lex parientis masculum aut feminam.
8 और अगर उस को बर्रा लाने का मक़दूर न हो तो वह दो कुमरियाँ या कबूतर के दो बच्चे, एक सोख़्तनी क़ुर्बानी के लिए और दूसरा ख़ता की क़ुर्बानी के लिए लाए। यूँ काहिन उसके लिए कफ़्फ़ारा दे तो वह पाक ठहरेगी।”
Quod si non invenerit manus eius, nec potuerit offerre agnum, sumet duos turtures vel duos pullos columbarum, unum in holocaustum, et alterum pro peccato. orabitque pro ea sacerdos, et sic mundabitur.

< अह 12 >