< अह 11 >

1 फ़िर ख़ुदावन्द ने मूसा और हारून से कहा,
و خداوند موسی و هارون را خطاب کرده، به ایشان گفت:۱
2 “तुम बनी — इस्राईल से कहो कि ज़मीन के सब हैवानात में से जिन जानवरों को तुम खा सकते हो वह यह हैं।
«بنی‌اسرائیل راخطاب کرده، بگویید: اینها حیواناتی هستند که می‌باید بخورید، از همه بهایمی که بر روی زمین‌اند.۲
3 जानवरों में जिनके पाँव अलग और चिरे हुए हैं और वह जुगाली करते हैं, तुम उनको खाओ।
هر شکافته سم که شکاف تمام دارد ونشخوار کننده‌ای از بهایم، آن را بخورید.۳
4 मगर जो जुगाली करते हैं या जिनके पाँव अलग हैं, उन में से तुम इन जानवरों को न खाना; या'नी ऊँट को, क्यूँकि वह जुगाली करता है लेकिन उसके पाँव अलग नहीं, इसलिए वह तुम्हारे लिए नापाक है।
اما ازنشخوارکنندگان و شکافتگان سم اینها رامخورید، یعنی شتر، زیرا نشخوار می‌کند لیکن شکافته سم نیست، آن برای شما نجس است.۴
5 और साफ़ान को, क्यूँकि वह जुगाली करता है लेकिन उसके पाँव अलग नहीं, वह भी तुम्हारे लिए नापाक है।
وونک، زیرا نشخوار می‌کند اما شکافته سم نیست، این برای شما نجس است.۵
6 और ख़रगोश को, क्यूँकि वह जुगाली तो करता है लेकिन उसके पाँव अलग नहीं, वह भी तुम्हारे लिए नापाक है।
و خرگوش، زیرانشخوار می‌کند ولی شکافته سم نیست، این برای شما نجس است.۶
7 और सूअर को, क्यूँकि उसके पाँव अलग और चिरे हुए हैं लेकिन वह जुगाली नहीं करता, वह भी तुम्हारे लिए नापाक है।
و خوک، زیرا شکافته سم است و شکاف تمام دارد لیکن نشخوار نمی کند، این برای شما نجس است.۷
8 तुम उनका गोश्त न खाना और उन की लाशों को न छूना, वह तुम्हारे लिए नापाक हैं।
از گوشت آنهامخورید و لاش آنها را لمس مکنید، اینها برای شما نجس‌اند.۸
9 “जो जानवर पानी में रहते हैं उन में से तुम इनको खाना, या'नी समन्दरों और दरियाओं वग़ैरह के जानवरो में, जिनके पर और छिल्के हों तुम उन्हें खाओ।
از همه آنچه در آب است اینها رابخورید، هر‌چه پر و فلس دارد در آب خواه دردریا خواه در نهرها، آنها را بخورید.۹
10 लेकिन वह सब जानदार जो पानी में या'नी समन्दरों और दरियाओं वग़ैरह में चलते फिरते और रहते हैं, लेकिन उनके पर और छिल्के नहीं होते, वह तुम्हारे लिए मकरूह हैं।
و هر‌چه پر و فلس ندارد در دریا یا در نهرها، از همه حشرات آب و همه جانورانی که در آب می‌باشند، اینها نزد شما مکروه باشند.۱۰
11 और वह तुम्हारे लिए मकरूह ही रहें। तुम उनका गोश्त न खाना और उन की लाशों से कराहियत करना।
البته نزدشما مکروه‌اند، از گوشت آنها مخورید و لاشهای آنها را مکروه دارید.۱۱
12 पानी के जिस किसी जानदार के न पर हों और न छिल्के, वह तुम्हारे लिए मकरूह हैं।
هر‌چه در آبها پر و فلس ندارد نزد شما مکروه خواهد بود.۱۲
13 'और परिन्दों में जो मकरूह होने की वजह से कभी खाए न जाएँ और जिन से तुम्हें कराहियत करना है वो यह हैं। उक़ाब और उस्तख़्वान ख़्वार और लगड़,
و از مرغان اینها را مکروه دارید، خورده نشوند، زیرامکروه‌اند، عقاب و استخوان خوار و نسربحر.۱۳
14 और चील और हर क़िस्म का बाज़,
وکرکس و لاشخوار به اجناس آن.۱۴
15 और हर क़िस्म के कव्वे,
و غراب به اجناس آن.۱۵
16 और शुतरमुर्ग़ और चुग़द और कोकिल और हर क़िस्म के शाहीन,
و شترمرغ و جغد و مرغ دریایی وباز به اجناس آن.۱۶
17 और बूम और हड़गीला और उल्लू,
و بوم و غواص و بوتیمار.۱۷
18 और क़ाज़ और हवासिल और गिद्ध,
و قاز و مرغ سقا و رخم.۱۸
19 और लक़लक़ और सब क़िस्म के बगुले और हुद — हुद, और चमगादड़।
و لقلق و کلنگ به اجناس آن و هدهد و شبپره.۱۹
20 “और सब परदार रेंगने वाले जानदार जितने चार पाँवों के बल चलते हैं, वह तुम्हारे लिए मकरूह हैं।
و همه حشرات بالدار که بر چهارپا می‌روند برای شما مکروه‌اند.۲۰
21 मगर परदार रेंगने वाले जानदारों में से जो चार पाँव के बल चलते हैं तुम उन जानदारों को खा सकते हो, जिनके ज़मीन के ऊपर कूदने फाँदने को पाँव के ऊपर टाँगें होती हैं,
لیکن اینها را بخورید از همه حشرات بالدار که بر چهار پا می‌روند، هر کدام که بر پایهای خودساقها برای جستن بر زمین دارند.۲۱
22 वह जिन्हें तुम खा सकते हो यह हैं, हर क़िस्म की टिड्डी और हर क़िस्म का सुलि'आम और हर क़िस्म का झींगर और हर क़िस्म का टिड्डा।
از آن قسم اینها را بخورید. ملخ به اجناس آن و دبا به اجناس آن و حرجوان به اجناس آن و حدب به اجناس آن.۲۲
23 लेकिन सब परदार रेंगने वाले जानदार जिनके चार पाँव हैं, वह तुम्हारे लिए मकरूह हैं।
و سایر حشرات بالدار که چهار پا دارندبرای شما مکروه‌اند.۲۳
24 'और इन से तुम नापाक ठहरोगे, जो कोई इन में से किसी की लाश को छुए वह शाम तक नापाक रहेगा।
از آنها نجس می‌شوید، هرکه لاش آنها را لمس کند تا شام نجس باشد.۲۴
25 और जो कोई इन की लाश में से कुछ भी उठाए वह अपने कपड़े धो डाले और वह शाम तक नापाक रहेगा।
و هر‌که چیزی از لاش آنها را بردارد، رخت خود را بشوید و تا شام نجس باشد.۲۵
26 और सब चारपाए जिनके पाँव अलग हैं लेकिन वह चिरे हुए नहीं और न वह जुगाली करते हैं, वह तुम्हारे लिए नापाक हैं; जो कोई उन को छुए वह नापाक ठहरेगा।
و هربهیمه‌ای که شکافته سم باشد لیکن شکاف تمام ندارد و نشخوار نکند اینها برای شما نجسند، وهر‌که آنها را لمس کند نجس است.۲۶
27 और चार पाँवों पर चलने वाले जानवरों में से जितने अपने पंजों के बल चलते हैं, वह भी तुम्हारे लिए नापाक हैं। जो कोई उन की लाश को छुए वह शाम तक नापाक रहेगा।
و هر‌چه برکف پا رود از همه جانورانی که بر چهار پامی روند، اینها برای شما نجس‌اند، هر‌که لاش آنها را لمس کند تا شام نجس باشد.۲۷
28 और जो कोई उन की लाश को उठाए वह अपने कपड़े धो डाले और वह शाम तक नापाक रहेगा। यह सब तुम्हारे लिए नापाक हैं।
و هر‌که لاش آنها را بردارد، رخت خود را بشوید و تا شام نجس باشد. اینها برای شما نجس‌اند.۲۸
29 “और ज़मीन पर के रेंगने वाले जानवरों में से जो तुम्हारे लिए नापाक हैं वह यह हैं, या'नी नेवला और चूहा और हर क़िस्म की बड़ी छिपकली,
«و از حشراتی که بر زمین می‌خزند اینهابرای شما نجس‌اند: موش کور و موش وسوسمار به اجناس آن،۲۹
30 और हिरजून और गोह और छिपकली और सान्डा और गिरगिट।
و دله و ورل و چلپاسه و کرباسه و بوقلمون.۳۰
31 सब रेंगने वाले जानदारों में से यह तुम्हारे लिए नापाक हैं, जो कोई उनके मरे पीछे उन को छुए वह शाम तक नापाक रहेगा।
از جمیع حشرات اینهابرای شما نجس‌اند: هر‌که لاش آنها را لمس کندتا شام نجس باشد،۳۱
32 और जिस चीज़ पर वह मरे पीछे गिरें वह चीज़ नापाक होगी, चाहे वह लकडी का बर्तन हो या कपड़ा या चमड़ा या बोरा हो, चाहे किसी का कैसा ही बर्तन हो, ज़रूर है कि वह पानी में डाला जाए और वह शाम तक नापाक रहेगा, इस के बाद वह पाक ठहरेगा।
و بر هر چیزی که یکی ازاینها بعد از موتش بیفتد نجس باشد، خواه هرظرف چوبی، خواه رخت، خواه چرم، خواه جوال؛ هر ظرفی که در آن کار کرده شود در آب گذاشته شود و تا شام نجس باشد، پس طاهرخواهد بود.۳۲
33 और अगर इनमें से कोई किसी मिट्टी के बर्तन में गिर जाए तो जो कुछ उस में है वह नापाक होगा, और बर्तन को तुम तोड़ डालना।
و هر ظرف سفالین که یکی از اینهادر آن بیفتد آنچه در آن است نجس باشد و آن رابشکنید.۳۳
34 उसके अन्दर अगर खाने की कोई चीज़ हो जिस में पानी पड़ा हुआ हो, तो वह भी नापाक ठहरेगी; और अगर ऐसे बर्तन में पीने के लिए कुछ हो तो वह नापाक होगा
هر خوراک در آن که خورده شود، اگرآب بر آن ریخته شد نجس باشد، و هر مشروبی که آشامیده شود که در چنین ظرف است نجس باشد.۳۴
35 और जिस चीज़ पर उनकी लाश का कोई हिस्सा गिरे, चाहे वह तनूर हो या चूल्हा, वह नापाक होगी और तोड़ डाली जाए। ऐसी चीज़ें नापाक होती हैं और वह तुम्हारे लिए भी नापाक हों,
و بر هر چیزی که پاره‌ای از لاش آنهابیفتد نجس باشد، خواه تنور، خواه اجاق، شکسته شود؛ اینها نجس‌اند و نزد شما نجس خواهند بود.۳۵
36 मगर चश्मा या तालाब जिस में बहुत पानी हो वह पाक रहेगा, लेकिन जो कुछ उन की लाश से छू जाए वह नापाक होगा।
و چشمه و حوض که مجمع آب باشد طاهر است لیکن هر‌که لاش آنها را لمس کند نجس خواهد بود.۳۶
37 और अगर उन की लाश का कुछ हिस्सा किसी बोने के बीज पर गिरे तो वह बीज पाक रहेगा;
و اگر پاره‌ای از لاش آنها بر تخم کاشتنی که باید کاشته شود بیفتدطاهر است.۳۷
38 लेकिन अगर बीज पर पानी डाला गया हो और इसके बाद उन की लाश में से कुछ उस पर गिरा हो, तो वह तुम्हारे लिए नापाक होगा।
لیکن اگر آب بر تخم ریخته شود وپاره‌ای از لاش آنها بر آن بیفتد، این برای شمانجس باشد.۳۸
39 “और जिन जानवरों को तुम खा सकते हो, अगर उन में से कोई मर जाए तो जो कोई उस की लाश को छुए वह शाम तक नापाक रहेगा।
و اگر یکی از بهایمی که برای شماخوردنی است بمیرد، هر‌که لاش آن را لمس کندتا شام نجس باشد.۳۹
40 और जो कोई उनकी लाश में से कुछ खाए, वह अपने कपड़े धो डाले और वह शाम तक नापाक रहेगा; और जो कोई उन की लाश को उठाए, वह अपने कपड़े धो डाले और वह शाम तक नापाक रहेगा।
و هر‌که لاش آن را بخوردرخت خود را بشوید و تا شام نجس باشد. و هر‌که لاش آن را بردارد، رخت خود را بشوید و تا شام نجس باشد.۴۰
41 'और सब रेंगने वाले जानदार जो ज़मीन पर रेंगते हैं, मकरूह हैं और कभी खाए न जाएँ।
«و هر حشراتی که بر زمین می‌خزد مکروه است؛ خورده نشود.۴۱
42 और ज़मीन पर के सब रेंगने वाले जानदारों में से, जितने पेट या चार पाँवों के बल चलते हैं या जिनके बहुत से पाँव होते हैं, उनको तुम न खाना क्यूँकि वह मकरूह हैं।
و هر‌چه بر شکم راه رودو هر‌چه بر چهارپا راه رود و هر‌چه پایهای زیاده دارد، یعنی همه حشراتی که بر زمین می‌خزند، آنها را مخورید زیرا که مکروه‌اند.۴۲
43 और तुम किसी रेंगने वाले जानदार की वजह से जो ज़मीन पर रेंगता है, अपने आप को मकरूह न बना लेना और न उन से अपने आप को नापाक करना के नजिस हो जाओ;
خویشتن رابه هر حشراتی که می‌خزد مکروه مسازید، و خودرا به آنها نجس مسازید، مبادا از آنها ناپاک شوید.۴۳
44 क्यूँकि मैं ख़ुदावन्द तुम्हारा ख़ुदा हूँ, इसलिए अपने आप को पाक करना और पाक होना क्यूँकि मैं क़ुद्दूस हूँ, इसलिए तुम किसी तरह के रेंगने वाले जानदार से जो ज़मीन पर चलता है, अपने आप को नापाक न करना;
زیرا من یهوه خدای شما هستم، پس خود را تقدیس نمایید و مقدس باشید، زیرا من قدوس هستم پس خویشتن را به همه حشراتی که بر زمین می‌خزند نجس مسازید.۴۴
45 क्यूँकि मैं ख़ुदावन्द हूँ, और तुमको मुल्क — ए — मिस्र से इसी लिए निकाल कर लाया हूँ कि मैं तुम्हारा ख़ुदा ठहरूँ। इसलिए तुम पाक होना क्यूँकि मैं क़ुद्दुस हूँ।”
زیرا من یهوه هستم که شما را از زمین مصر بیرون آوردم تا خدای شما باشم، پس مقدس باشید زیرامن قدوس هستم.۴۵
46 हैवानात, और परिन्दों, और आबी जानवरों, और ज़मीन पर के सब रेंगने वाले जानदारों के बारे में शरा' यही है;
این است قانون بهایم ومرغان و هر حیوانی که در آبها حرکت می‌کندو هر حیوانی که بر زمین می‌خزد.۴۶
47 ताकि पाक और नापाक में, और जो जानवर खाए जा सकते हैं और जो नहीं खाए जा सकते, उनके बीच इम्तियाज़ किया जाए।
تا در میان نجس و طاهر و در میان حیواناتی که خورده شوند و حیواناتی که خورده نشوند امتیازبشود.»۴۷

< अह 11 >