< अह 1 >
1 और ख़ुदावन्द ने ख़ेमा — ए — इजितमा'अ में से मूसा को बुलाकर उससे कहा,
И воззва Господь Моисеа, и рече ему из скинии свидения, глаголя:
2 बनी — इस्राईल से कह, कि जब तुम में से कोई ख़ुदावन्द के लिए चढ़ावा चढ़ाए, तो तुम चौपायों या'नी गाय — बैल और भेड़ — बकरी का हदिया देना।
глаголи сыном Израилевым, и речеши к ним: человек от вас аще принесет дары Господу, от скотов и от говяд и от овец да принесете дары вашя:
3 अगर उसका चढ़ावा गाय — बैल की सोख़्तनी क़ुर्बानी हो, तो वह बे'ऐब नर को लाकर उसे ख़ेमा — ए — इजितमा'अ के दरवाज़े पर चढ़ाए ताकि वह ख़ुद ख़ुदावन्द के सामने मक़बूल ठहरे।
аще всесожжение дар его, от говяд мужеск пол непорочен принесет, пред двери скинии свидения да принесет е приятно пред Господем,
4 और वह सोख़्तनी क़ुर्बानी के जानवर के सिर पर अपना हाथ रख्खे, तब वह उसकी तरफ़ से मक़बूल होगा ताकि उसके लिए कफ़्फ़ारा हो।
и да возложит руку на главу приношения, приятно ему, умилостивити о нем:
5 और वह उस बछड़े को ख़ुदावन्द के सामने ज़बह करे, और हारून के बेटे जो काहिन हैं ख़ून को लाकर उसे उस मज़बह पर चारों तरफ़ छिड़कें जो ख़ेमा — ए — इजितमा'अ के दरवाज़े पर है।
и да заколют телца пред Господем: и да принесут сынове Аароновы жерцы кровь, и да пролиют кровь на олтарь окрест, иже у дверий скинии свидения,
6 तब वह उस सोख़्तनी क़ुर्बानी के जानवर की खाल खींचे और उसके 'उज़्व — 'उज़्व को काट कर जुदा — जुदा करे।
и одравше всесожжение, да раздробят е на уды,
7 फिर हारून काहिन के बेटे मज़बह पर आग रख्खें, और आग पर लकड़ियाँ तरतीब से चुन दें।
и да возложат сынове Аарони жерцы огнь на олтарь, и да вскладут дрова на огнь:
8 और हारून के बेटे जो काहिन हैं, उसके 'आज़ा को और सिर और चर्बी को उन लकड़ियों पर जो मज़बह की आग पर होंगी तरतीब से रख दें।
и да вскладут сынове Аарони жерцы раздробленая, и главу, и тук на дрова сущая на огни яже на олтари,
9 लेकिन वह उसकी अंतड़ियों और पायों को पानी से धो ले, तब काहिन सबको मज़बह पर जलाए कि वह सोख़्तनी क़ुर्बानी या'नी ख़ुदावन्द के लिए राहतअंगेज़ ख़ुशबू की आतिशी क़ुर्बानी हों।
утробу же и ноги да измыют водою: и да возложит жрец вся на олтарь: приношение есть жертва, воня благоухания Господу.
10 और अगर उसका चढ़ावा रेवड़ में से भेड़ या बकरी की सोख़्तनी क़ुर्बानी हो, तो वह बे — 'ऐब नर को लाए।
Аще же от овец дар свой Господви (принесет) от агнец и от козлищ во всесожжение, мужеск пол непорочен да принесет и,
11 और वह उसे मज़बह की उत्तरी सिम्त में ख़ुदावन्द के आगे ज़बह करे, और हारून के बेटे जो काहिन हैं उसके ख़ून को मज़बह पर चारों तरफ़ छिड़कें।
и да возложит руку на главу его, и да заколют е в стране олтаря к северу пред Господем: и да пролиют сынове Аарони жерцы кровь его на олтарь окрест:
12 फिर वह उसके 'उज़्व — 'उज़्व को और सिर और चर्बी को काट कर जुदा — जुदा करे, और काहिन उनकी तरतीब से उन लकड़ियों पर जो मज़बह की आग पर होंगी चुन दे;
и да раздробят его на уды, и главу, и тук его, и да вскладут я жерцы на дрова сущая на огни яже на олтари,
13 लेकिन वह अंतड़ियों और पायों को पानी से धो ले। तब काहिन सबको लेकर मज़बह पर जला दे, वह सोख़्तनी क़ुर्बानी या'नी ख़ुदावन्द के लिए राहतअंगेज़ ख़ूशबू की आतिशी क़ुर्बानी है।
и утробу и ноги измыют водою: и принесет жрец вся, и да возложит на олтарь: приношение есть жертва, воня благоухания Господу.
14 “और अगर उसका चढ़ावा ख़ुदावन्द के लिए परिन्दों की सोख़्तनी क़ुर्बानी हो, तो वह कुमरियों या कबूतर के बच्चों का चढ़ावा चढ़ाए।
Аще же от птиц приношение принесет дар свой Господу, и принесет от горлиц или от голубов дар свой,
15 और काहिन उसको मज़बह पर लाकर उसका सिर मरोड़ डाले, और उसे मज़बह पर जला दे; और उसका ख़ून मज़बह के पहलू पर गिर जाने दे।
и да принесет и жрец ко олтарю, и да отторгнет главу его, и да возложит жрец на олтарь и исцедит кровь у стояла олтаря:
16 और उसके पोटे को आलाइश के साथ ले जाकर मज़बह की पूरबी सिम्त में राख की जगह में डाल दे।
и да отлучит гортань с перием, и извергнет ю от олтаря на восток на место пепела:
17 और वह उसके दोनों बाज़ुओं को पकड़ कर उसे चीरे पर अलग — अलग न करे। तब काहिन उसे मज़बह पर उन लकड़ियों के ऊपर रख कर जो आग पर होंगी जला दे, वह सोख़्तनी क़ुर्बानी या'नी ख़ुदावन्द के लिए राहतअंगेज़ ख़ुशबू की आतिशी क़ुर्बानी है।
и да изломит его от крил, и да не разделит: и да возложит е жрец на олтарь на дрова, яже на огни: приношение есть жертва, воня благоухания Господу: