< क़ुजा 9 >
1 तब यरुब्बा'ल का बेटा अबीमलिक सिकम में अपने मामुओं के पास गया, और उनसे और अपने सब ननिहाल के लोगों से कहा कि;
And he went Abimelech [the] son of Jerub-Baal Shechem towards to [the] brothers of mother his and he spoke to them and to all [the] clan of [the] house of [the] father of mother his saying.
2 सिकम के सब आदमियों से पूछ देखो कि तुम्हारे लिए क्या बेहतर है, यह कि यरुब्बा'ल के सब बेटे जो सत्तर आदमी हैं वह तुम पर सल्तनत करें, या यह कि एक ही की तुम पर हुकूमत हो? और यह भी याद रखो, कि मैं तुम्हारी ही हड्डी और तुम्हारा ही गोश्त हूँ।
Speak please in [the] ears of all [the] citizens of Shechem what? [is] good for you ¿ to rule over you seventy man all [the] sons of Jerub-Baal or? to rule over you a man one and you will remember that [am] bone your and flesh your I.
3 और उसके मामुओं ने उसके बारे में सिकम के सब लोगों के कानों में यह बातें डालीं; और उनके दिल अबीमलिक की पैरवी पर माइल हुए, क्यूँकि वह कहने लगे कि यह हमारा भाई है।
And they spoke [the] brothers of mother his on him in [the] ears of all [the] citizens of Shechem all the words these and it turned aside heart their after Abimelech for they said [is] brother our he.
4 और उन्होंने बा'ल बरीत के घर में से चाँदी के सत्तर सिक्के उसको दिए, जिनके वसीले से अबीमलिक ने शुहदे और बदमाश लोगों को अपने यहाँ लगा लिया, जो उसकी पैरवी करने लगे।
And they gave to him seventy silver (from [the] house of Baal-*L(abh)*) Berith and he hired for them Abimelech men unprincipled and undisciplined and they went after him.
5 और वह उफ़रा में अपने बाप के घर गया और उसने अपने भाइयों यरुब्बा'ल के बेटों को जो सत्तर आदमी थे, एक ही पत्थर पर क़त्ल किया; लेकिन यरुब्बा'ल का छोटा बेटा यूताम बचा रहा, क्यूँकि वह छिप गया था।
And he went [the] house of father his Ophrah towards and he killed brothers his [the] sons of Jerub-Baal (seventy *L(abh)*) man on stone one and he was left Jotham [the] son of Jerub-Baal young for he hid himself.
6 तब सिकम के सब आदमी और सब अहल — ए — मिल्लो जमा' हुए, और जाकर उस सुतून के बलूत के पास जो सिकम में था अबीमलिक को बादशाह बनाया।
And they gathered all [the] citizens of Shechem and all Beth Millo and they went and they made king Abimelech to king near [the] great tree set up which [was] in Shechem.
7 जब यूताम को इसकी ख़बर हुई तो वह जाकर कोह — ए — गरिज़ीम की चोटी पर खड़ा हुआ और अपनी आवाज़ बुलन्द की, और पुकार पुकार कर उनसे कहने लगा, ऐ सिकम के लोगों, मेरी सुनो। ताकि ख़ुदा तुम्हारी सुने।
And people told to Jotham and he went and he stood on [the] top of [the] mountain of Gerizim and he lifted up voice his and he called out and he said to them listen to me O citizens of Shechem so he may listen to you God.
8 एक ज़माने में दरख़्त चले, ताकि किसी को मसह करके अपना बादशाह बनाएँ; इसलिए उन्होंने जै़तून के दरख़्त से कहा, 'तू हम पर सल्तनत कर।
Certainly they went the trees to anoint over them a king and they said to the olive tree (reign! *Q(k)*) over us.
9 तब जै़तून के दरख़्त ने उनसे कहा, 'क्या मैं अपनी चिकनाहट की, जिसके ज़रिए' मेरे वसीले से लोग ख़ुदा और इंसान की बड़ाई करते हैं, छोड़ कर दरख़्तों पर हुक्मरानी करने जाऊँ?'
And it said to them the olive tree ¿ will I cease fatness my which by me people honor gods and men and will I go to sway over the trees.
10 तब दरख़्तों ने अंजीर के दरख़्त से कहा, “तू आ और हम पर सल्तनत कर।
And they said the trees to the fig tree come you reign over us.
11 लेकिन अंजीर के दरख़्त ने उनसे कहा, 'क्या मैं अपनी मिठास और अच्छे अच्छे फलों को छोड़ कर दरख़्तों पर हुक्मरानी करने जाऊँ?”
And it said to them the fig tree ¿ will I cease sweetness my and fruit my good and will I go to sway over the trees.
12 तब दरख़्तों ने अंगूर की बेल से कहा कि तू आ और हम पर सल्तनत कर।
And they said the trees to the vine come you (reign *Q(k)*) over us.
13 अंगूर की बेल ने उनसे कहा, “क्या मैं अपनी मय को जो ख़ुदा और इंसान दोनों को ख़ुश करती है, छोड़ कर दरख़्तों पर हुक्मरानी करने जाऊँ?”
And it said to them the vine ¿ will I cease new wine my which makes glad gods and men and will I go to sway over the trees.
14 तब उन सब दरख़्तों ने ऊँटकटारे से कहा, “चल, तू ही हम पर सल्तनत कर।”
And they said all the trees to the thorn bush come you reign over us.
15 ऊँटकटारे ने दरख़्तों से कहा, “अगर तुम सचमुच मुझे अपना बादशाह मसह करके बनाओ, तो आओ, मेरे साये में पनाह लो; और अगर नहीं, तो ऊँटकटारे से आग निकलकर लुबनान के देवदारों को खा जाए।”
And it said the thorn bush to the trees if in truth you [are] anointing me to king over you come take refuge in shade my and if not let it go out a fire from the thorn bush and let it consume [the] cedars of Lebanon.
16 इसलिए बात यह है कि तुम ने जो अबीमलिक को बादशाह बनाया है, इसमें अगर तुम ने सच्चाई और ईमानदारी बरती है, और यरुब्बा'ल और उसके घराने से अच्छा सुलूक किया और उसके साथ उसके एहसान के हक़ के मुताबिक़ सुलूक किया है।
And now if in faithfulness and in integrity you have acted and you have made king Abimelech and if good you have done with Jerub-Baal and with house his and if according to [the] dealing of hands his you have done to him.
17 क्यूँकि मेरा बाप तुम्हारी ख़ातिर लड़ा, और उसने अपनी जान ख़तरे में डाली, और तुम को मिदियान के क़ब्ज़े से छुड़ाया।
That he fought father my on you and he threw life his from in front and he delivered you from [the] hand of Midian.
18 और तुम ने आज मेरे बाप के घराने से बग़ावत की, और उसके सत्तर बेटे एक ही पत्थर पर क़त्ल किए, और उसकी लौंडी के बेटे अबीमलिक को सिकम के लोगों का बादशाह बनाया इसलिए कि वह तुम्हारा भाई है।
And you you have risen up on [the] house of father my this day and you have killed sons his seventy man on stone one and you have made king Abimelech [the] son of female slave his over [the] citizens of Shechem for [is] brother your he.
19 इसलिए अगर तुम ने यरुब्बा'ल और उसके घराने के साथ आज के दिन सच्चाई और ईमानदारी बरती है, तो तुम अबीमलिक से ख़ुश रहो और वह तुम से ख़ुश रहे।
And if in faithfulness and in integrity you have acted with Jerub-Baal and with house his the day this rejoice in Abimelech so he may rejoice also he in you.
20 और अगर नहीं, तो अबि मलिक से आग निकलकर सिकम के लोगों को और अहल — ए — मिल्लो खा जाए; और सिकम के लोगों और अहल — ए — मिल्लो के बीच से आग निकलकर अबीमलिक को खा जाए।
And if not let it go out a fire from Abimelech and let it consume [the] citizens of Shechem and Beth Millo and let it go out a fire from [the] citizens of Shechem and from Beth Millo and let it consume Abimelech.
21 फिर यूताम दौड़ता हुआ भागा और बैर को चलता बना, और अपने भाई अबीमलिक के ख़ौफ़ से वहीं रहने लगा।
And he fled Jotham and he ran away and he went Beer towards and he dwelt there [away] from before Abimelech brother his.
22 और अबीमलिक इस्राईलियों पर तीन बरस हाकिम रहा।
And he ruled Abimelech over Israel three years.
23 तब ख़ुदा ने अबीमलिक और सिकम के लोगों के बीच एक बुरी रूह भेजी, और सिकम के लोग अबीमलिक से दग़ा बाज़ी करने लगे;
And he sent God a spirit evil between Abimelech and between [the] citizens of Shechem and they dealt treacherously [the] citizens of Shechem with Abimelech.
24 ताकि जो ज़ुल्म उन्होंने यरुब्बा'ल के सत्तर बेटों पर किया था वह उन ही पर आए, और उनका ख़ून उनके भाई अबीमलिक के सिर पर जिस ने उनको क़त्ल किया, और सिकम के लोगों के सिर पर हो जिन्होंने उसके भाइयों के क़त्ल में उसकी मदद की थी।
To come [the] violence of seventy [the] sons of Jerub-Baal and blood their to put on Abimelech brother their who he killed them and on [the] citizens of Shechem who they strengthened hands his to kill brothers his.
25 तब सिकम के लोगों ने पहाड़ों की चोटियों पर उसकी घात में लोग बिठाए, और वह उनको जो उस रास्ते के पास से गुज़रते लूट लेते थे; और अबीमलिक को इसकी ख़बर हुई।
And they set to him [the] citizens of Shechem ambushers on [the] tops of the mountains and they robbed every [one] who he passed by on them on the road and it was told to Abimelech.
26 तब जा'ल बिन 'अबद अपने भाइयों के साथ सिकम में आया; और सिकम के लोगों ने उस पर भरोसा किया।
And he came Gaal [the] son of Ebed and brothers his and they passed on in Shechem and they trusted in him [the] citizens of Shechem.
27 और वह खेतों में गए और अपने अपने ताकिस्तानों का फल तोड़ा और अंगूरों का रस निकाला और ख़ूब ख़ुशी मनाई, और अपने मा'बूद के हैकल में जाकर खाया — पिया और अबीमलिक पर ला'नतें बरसाई।
And they went out the field and they gathered grapes vineyards their and they trod [them] and they made rejoicings and they went [the] house of god their and they ate and they drank and they cursed Abimelech.
28 और जा'ल बिन 'अबद कहने लगा, “अबीमलिक कौन है, और सिकम कौन है कि हम उसकी फ़रमाँबरदारी करें? क्या वह यरुब्बा'ल का बेटा नहीं, और क्या ज़बूल उसका मन्सबदार नहीं? तुम ही सिकम के बाप हमोर के लोगों की फ़रमाँबरदारी करो, हम उसकी फ़रमाँबरदारी क्यूँ करें?
And he said - Gaal [the] son of Ebed who? [is] Abimelech and who? [is] Shechem that we will serve him ¿ not [is he] [the] son of Jerub-Baal and [is] Zebul? deputy his serve [the] men of Hamor [the] father of Shechem and why? will we serve him we.
29 काश कि यह लोग मेरे क़ब्ज़े में होते, तो मैं अबीमलिक को किनारे कर देता।” और उसने अबीमलिक से कहा, “तू अपने लश्कर को बढ़ा और निकल आ।”
And who? will he give the people this in hand my and I will remove Abimelech and he said of Abimelech make numerous army your and come out!
30 जब उस शहर के हाकिम ज़बूल ने ज़ाल बिन 'अबद की यह बातें सुनीं तो उसका क़हर भड़का।
And he heard Zebul [the] official of the city [the] words of Gaal [the] son of Ebed and it burned anger his.
31 और उसने चालाकी से अबीमलिक के पास क़ासिद रवाना किए और कहला भेजा, “देख, जा'ल बिन 'अबद और उसके भाई सिकम में आए हैं, और शहर को तुझ से बग़ावत करने की तहरीक कर रहे हैं।
And he sent messengers to Abimelech in treachery saying here! Gaal [the] son of Ebed and brothers his [are] coming Shechem towards and here they [are] shutting up the city on you.
32 इसलिए तू अपने साथ के लोगों को लेकर रात को उठ, और मैदान में घात लगा कर बैठ जा।
And therefore arise night you and the people which [is] with you and lie in wait in the field.
33 और सुबह को सूरज निकलते ही सवेरे उठ कर शहर पर हमला कर, और जब वह और उसके साथ के लोग तेरा सामना करने को निकलें तो जो कुछ तुझ से बन आए तू उन से कर।”
And it will be in the morning when rises the sun you will rise early and you will make a raid on the city and there! he and the people which [is] with him [are] going out against you and you will do to him just as it will find hand your.
34 इसलिए अबीमलिक और उसके साथ के लोग रात ही को उठ चार ग़ोल हो सिकम के मुक़ाबिल घात में बैठ गए।
And he arose Abimelech and all the people which [was] with him night and they lay in wait on Shechem four companies.
35 और जा'ल बिन 'अबद बाहर निकल कर उस शहर के फाटक के पास जा खड़ा हुआ; तब अबीमलिक और उसके साथ के आदमी आरामगाह से उठे।
And he went out Gaal [the] son of Ebed and he stood [the] entrance of [the] gate of the city and he arose Abimelech and the people which [was] with him from the ambush.
36 और जब जा'ल ने फ़ौज को देखा तो वह ज़बूल से कहने लगा, “देख, पहाड़ों की चोटियों से लोग उतर रहे हैं।” ज़बूल ने उससे कहा कि तुझे पहाड़ों का साया ऐसा दिखाई देता है जैसे आदमी।
And he saw Gaal the people and he said to Zebul there! a people [is] coming down from [the] tops of the mountains and he said to him Zebul [the] shadow of the mountains you [are] seeing like men.
37 जा'ल फिर कहने लगा, “देख, मैदान के बीचों बीच से लोग उतरे आते हैं; और एक ग़ोल म'ओननीम के बलूत के रास्ते आ रहा है।”
And he repeated again Gaal to speak and he said there! a people [are] coming down from with [the] center of the land and a company one [is] coming from [the] direction of [the] great tree of [the] soothsayer.
38 तब ज़बूल ने उससे कहा, “अब तेरा वह मुँह कहाँ है जो तू कहा करता था, कि अबीमलिक कौन है कि हम उसकी फ़रमाँबरदारी करें? क्या यह वही लोग नहीं हैं जिनकी तूने हिक़ारत की है? इसलिए अब ज़रा निकल कर उनसे लड़ तो सही।”
And he said to him Zebul where? then [is] mouth your O [you] who you said who? [is] Abimelech that we will serve him ¿ not [is] this the people which you rejected it go out please now and fight against him.
39 तब जा'ल सिकम के लोगों के सामने बाहर निकला और अबीमलिक से लड़ा।
And he went out Gaal before [the] citizens of Shechem and he fought against Abimelech.
40 और अबीमलिक ने उसको दौड़ाया और वह उसके सामने से भागा, और शहर के फाटक तक बहुत से ज़ख़्मी हो हो कर गिरे।
And he pursued him Abimelech and he fled from before him and they fell [those] fatally wounded many to [the] entrance of the gate.
41 और अबीमलिक ने अरोमा में क़याम किया; और ज़बूल ने जा'ल और उसके भाइयों को निकाल दिया, ताकि वह सिकम में रहने न पाएँ।
And he dwelt Abimelech at Arumah and he drove out Zebul Gaal and brothers his from dwelling at Shechem.
42 और दूसरे दिन सुबह को ऐसा हुआ कि लोग निकल कर मैदान को जाने लगे, और अबीमलिक को ख़बर हुई।
And it was from [the] next day and it went out the people the field and people told to Abimelech.
43 इसलिए अबीमलिक ने फ़ौज लेकर उसके तीन ग़ोल किए और मैदान में घात लगाई; और जब देखा कि लोग शहर से निकले आते हैं, तो वह उनका सामना करने को उठा और उनको मार लिया।
And he took the people and he divided them into three companies and he lay in wait in the field and he saw and there! the people [was] going out from the city and he rose up on them and he struck down them.
44 और अबीमलिक उस ग़ोल समेत जो उसके साथ था आगे लपका, और शहर के फाटक के पास आकर खड़ा हो गया; और वह दो ग़ोल उन सभों पर जो मैदान में थे झपटे और उनको काट डाला।
And Abimelech and the companies which [were] with him they made a raid and they stood [the] entrance of [the] gate of the city and [the] two the companies they made a raid on all [those] who [were] in the field and they struck down them.
45 और अबीमलिक उस दिन शाम तक शहर से लड़ता रहा, और शहर को घेर कर के उन लोगों को जो वहाँ थे क़त्ल किया, और शहर को बर्बाद कर के उसमें नमक छिड़कवा दिया।
And Abimelech [was] fighting against the city all the day that and he captured the city and the people which [was] in it he killed and he pulled down the city and he sowed it salt.
46 और जब सिकम के बुर्ज के सब लोगों ने यह सुना, तो वह अलबरीत के हैकल के क़िले' में जा घुसे।
And they heard all [the] citizens of [the] tower of Shechem and they went into [the] underground chamber of [the] house of El-Berith.
47 और अबीमलिक को यह ख़बर हुई कि सिकम के बुर्ज के सब लोग इकट्ठे हैं।
And it was told to Abimelech that they had gathered together all [the] citizens of [the] tower of Shechem.
48 तब अबीमलिक अपनी फ़ौज समेत ज़लमोन के पहाड़ पर चढ़ा; और अबीमलिक ने कुल्हाड़ा अपने हाथ में ले दरख़्तों में से एक डाली काटी और उसे उठा कर अपने कन्धे पर रख लिया, और अपने साथ के लोगों से कहा, “जो कुछ तुम ने मुझे करते देखा है, तुम भी जल्द वैसा ही करो।”
And he went up Abimelech [the] mountain of Zalmon he and all the people which [was] with him and he took Abimelech the axes in hand his and he cut off a branch of wood and he lifted up it and he put [it] on shoulder his and he said to the people which [was] with him whatever you have seen I have done hurry do like me.
49 तब उन सब लोगों में से हर एक ने उसी तरह एक डाली काट ली, और वह अबीमलिक के पीछे हो लिए और उनको क़िले' पर डालकर क़िले' में आग लगा दी; चुनाँचे सिकम के बुर्ज के सब आदमी भी जो शख़्स और 'औरत मिलाकर क़रीबन एक हज़ार थे मर गए।
And they cut off also all the people everyone own branch his and they went after Abimelech and they put [them] over the underground chamber and they set on fire over them the underground chamber with fire and they died also all [the] men of [the] tower of Shechem about a thousand man and woman.
50 फिर अबीमलिक तैबिज़ को जा तैबिज़ के मुक़ाबिल ख़ेमाज़न हुआ और उसे ले लिया।
And he went Abimelech to Thebez and he encamped at Thebez and he captured it.
51 लेकिन वहाँ शहर के अन्दर एक बड़ा मज़बूत बुर्ज था, इसलिए सब शख़्स और 'औरतें और शहर के सब बाशिन्दे भाग कर उस में जा घुसे और दरवाज़ा बन्द कर लिया, और बुर्ज की छत पर चढ़ गए।
And a tower of strength it was in [the] middle of the city and they fled there towards all the men and the women and all [the] citizens of the city and they shut [the] door behind them and they went up on [the] roof of the tower.
52 और अबीमलिक बुर्ज के पास आकर उसके मुक़ाबिल लड़ता रहा, और बुर्ज के दरवाज़े के नज़दीक गया ताकि उसे जला दे।
And he came Abimelech to the tower and he fought against it and he drew near to [the] entrance of the tower to burn it with fire.
53 तब किसी 'औरत ने चक्की का ऊपर का पाट अबीमलिक के सिर पर फेंका, और उसकी खोपड़ी को तोड़ डाला।
And she threw a woman one a mill-stone of an upper mill-stone on [the] head of Abimelech and it crushed skull his.
54 तब अबीमलिक ने फ़ौरन एक जवान को जो उसका सिलाहबरदार था बुला कर उससे कहा कि अपनी तलवार खींच कर मुझे क़त्ल कर डाल, ताकि मेरे हक़ में लोग यह न कहने पाएँ कि एक 'औरत ने उसे मार डाला। इसलिए उस जवान ने उसे छेद दिया और वह मर गया।
And he called quickly to the young man - [who] carried armor his and he said to him draw sword your and kill me lest people should say of me a woman she killed him and he pierced through him young man his and he died.
55 जब इस्राईलियों ने देखा के अबीमलिक मर गया, तो हर शख़्स अपनी जगह चला गया।
And they saw [the] man of Israel that he was dead Abimelech and they went everyone to own place his.
56 यूँ ख़ुदा ने अबीमलिक की उस बुराई का बदला जो उसने अपने सत्तर भाइयों को मार कर अपने बाप से की थी उसको दिया।
And he repaid God [the] evil of Abimelech which he had done to father his by killing seventy brothers his.
57 और सिकम के लोगों की सारी बुराई ख़ुदा ने उन ही के सिर पर डाली, और यरुब्बा'ल के बेटे यूताम की ला'नत उनको लगी।
And all [the] evil of [the] men of Shechem he repaid God on head their and it came to them [the] curse of Jotham [the] son of Jerub-Baal.