< क़ुजा 8 >
1 और इफ़्राईम के बाशिन्दों ने उससे कहा कि तूने हम से यह सलूक क्यूँ किया, कि जब तू मिदियानियों से लड़ने को चला तो हम को न बुलवाया? इसलिए उन्होंने उसके साथ बड़ा झगड़ा किया।
Los hombres de Efraín le dijeron: “¿Por qué nos has tratado así, que no nos llamaste cuando fuiste a pelear con Madián?”. Lo reprendieron duramente.
2 उसने उनसे कहा, “मैंने तुम्हारी तरह भला किया ही क्या है? क्या इफ़्राईम के छोड़े हुए अंगूर भी अबी'अएज़र की फ़सल से बेहतर नहीं हैं?
Él les dijo: “¿Qué he hecho yo ahora en comparación con ustedes? ¿No es mejor la recolección de las uvas de Efraín que la cosecha de Abiezer?
3 ख़ुदा ने मिदियान के सरदार 'ओरेब और ज़ईब को तुम्हारे क़ब्ज़े में कर दिया; इसलिए तुम्हारी तरह मैं कर ही क्या सका हूँ?” जब उसने यह कहा, तो उनका गुस्सा उसकी तरफ़ से धीमा हो गया।
¡Dios ha entregado en tu mano a los príncipes de Madián, Oreb y Zeeb! ¿Qué he podido hacer yo en comparación con vosotros?”. Entonces se aplacó su ira contra él cuando hubo dicho eso.
4 तब जिदा'ऊन और उसके साथ के तीन सौ आदमी जो बावजूद थके माँदे होने के फिर भी पीछा करते ही रहे थे, यरदन पर आकर पार उतरे।
Gedeón llegó al Jordán y lo cruzó, él y los trescientos hombres que lo acompañaban, desfallecidos, pero persiguiendo.
5 तब उसने सुक्कात के बाशिंदों से कहा कि इन लोगों को जो मेरे पैरौ हैं, रोटी के गिर्दे दो क्यूँकि यह थक गए हैं; और मैं मिदियान के दोनों बादशाहों ज़िबह और ज़िलमना' का पीछा कर रहा हूँ।
Dijo a los hombres de Sucot: “Por favor, den panes a la gente que me sigue, porque están cansados, y yo persigo a Zeba y Zalmunna, los reyes de Madián.”
6 सुक्कात के सरदारों ने कहा, “क्या ज़िबह और ज़िलमना' के हाथ अब तेरे क़ब्ज़े में आ गए हैं, जो हम तेरे लश्कर को रोटियाँ दें?”
Los príncipes de Succoth dijeron: “¿Están ahora las manos de Zeba y Zalmunna en tu mano, para que demos pan a tu ejército?”.
7 जिदा'ऊन ने कहा, “जब ख़ुदावन्द ज़िबह और ज़िलमना' को मेरे क़ब्ज़े में कर देगा, तो मैं तुम्हारे गोश्त को बबूल और हमेशा गुलाब के काँटों से नुचवाऊँगा।”
Gedeón dijo: “Por lo tanto, cuando Yahvé haya entregado a Zeba y Zalmunna en mi mano, entonces desgarraré su carne con las espinas del desierto y con los cardos.”
8 फिर वहाँ से वह फ़नूएल को गया, और वहाँ के लोगों से भी ऐसी ही बात कही; और फ़नूएल के लोगों ने भी उसे वैसा ही जवाब दिया जैसा सुक्कातियों ने दिया था।
Subió allí a Penuel y les habló de la misma manera; y los hombres de Penuel le respondieron como habían respondido los de Sucot.
9 इसलिए उसने फ़नूएल के बाशिंदों से भी कहा कि जब मैं सलामत लौटूँगा, तो इस बुर्ज को ढा दूँगा।
También habló a los hombres de Penuel, diciendo: “Cuando vuelva en paz, derribaré esta torre”.
10 और ज़िबह और ज़िलमना' अपने क़रीबन पंद्रह हज़ार आदमियों के लश्कर के साथ क़रक़ूर में थे, क्यूँकि सिर्फ़ इतने ही मशरिक़ के लोगों के लश्कर में से बच रहे थे; इसलिए कि एक लाख बीस हज़ार शमशीर ज़न आदमी क़त्ल हो गए थे।
Zeba y Zalmunna estaban en Karkor, y sus ejércitos con ellos, unos quince mil hombres, todos los que quedaban de todo el ejército de los hijos del oriente; pues cayeron ciento veinte mil hombres que sacaban espada.
11 तब जिदा'ऊन उन लोगों के रास्ते से जो नुबह और युगबिहा के मशरिक़ की तरफ़ डेरों में रहते थे गया, और उस लश्कर को मारा क्यूँकि वह लश्कर बेफ़िक्र पड़ा था।
Gedeón subió por el camino de los que vivían en tiendas al oriente de Noba y Jogbehá, y atacó al ejército, pues éste se sentía seguro.
12 और ज़िबह और ज़िलमना' भागे, और उसने उनका पीछा करके उन दोनों मिदियानी बादशाहों, ज़िबह और ज़िलमना' को पकड़ लिया और सारे लश्कर को भगा दिया।
Zeba y Zalmunna huyeron y él los persiguió. Tomó a los dos reyes de Madián, Zeba y Zalmunna, y confundió a todo el ejército.
13 और यूआस का बेटा जिदा'ऊन हर्स की चढ़ाई के पास से जंग से लौटा।
Gedeón, hijo de Joás, regresó de la batalla desde la subida de Heres.
14 और उसने सुक्कातियों में से एक जवान को पकड़ कर उससे दरियाफ़त किया; इसलिए उसने उसे सुक्कात के सरदारों और बुज़ुर्गों का हाल बता दिया जो शुमार में सत्तर थे।
Atrapó a un joven de los hombres de Sucot y lo interrogó, y le describió a los príncipes de Sucot y a sus ancianos, setenta y siete hombres.
15 तब वह सुक्कातियों के पास आकर कहने लगा कि ज़िबह और ज़िलमना' को देख लो, जिनके बारे में तुम ने तन्ज़न मुझ से कहा था, 'क्या ज़िबह और ज़िलमना' के हाथ तेरे क़ब्ज़े में आ गए हैं, कि हम तेरे आदमियों को जो थक गए हैं रोटियाँ दें?'
Se acercó a los hombres de Sucot y les dijo: “Vean a Zeba y a Zalmunna, de quienes se burlaron diciendo: “¿Están ahora las manos de Zeba y Zalmunna en tu mano, para que demos pan a tus hombres que están cansados?””
16 तब उसने शहर के बुज़ुर्गों को पकड़ा और बबूल और सदा गुलाब के कॉटें लेकर उनसे सुक्कातियों की तादीब की।
Tomó a los ancianos de la ciudad, y espinas del desierto y zarzas, y con ellas enseñó a los hombres de Sucot.
17 और उसने फ़नूएल का बुर्ज ढा कर उस शहर के लोगों को क़त्ल किया।
Derribó la torre de Penuel y mató a los hombres de la ciudad.
18 फिर उसने ज़िबह और ज़िलमना' से कहा कि वह लोग जिनको तुम ने तबूर में क़त्ल किया कैसे थे? उन्होंने जवाब दिया, जैसा तू है वैसे ही वह थे; उनमें से हर एक शहज़ादों की तरह था।
Entonces dijo a Zeba y a Zalmunna: “¿Qué clase de hombres eran los que matasteis en el Tabor?” Ellos respondieron: “Eran como tú. Todos se parecían a los hijos de un rey”.
19 तब उसने कहा कि वह मेरे भाई, मेरी माँ के बेटे थे, इसलिए ख़ुदावन्द की हयात की क़सम, अगर तुम उनको जीता छोड़ते तो मैं भी तुम को न मारता।
Él dijo: “Eran mis hermanos, los hijos de mi madre. Vive Yahvé, si los hubieras salvado con vida, no te mataría”.
20 फिर उसने अपने बड़े बेटे यतर को हुक्म किया कि उठ, उनको क़त्ल कर। लेकिन उस लड़के ने अपनी तलवार न खींची, क्यूँकि उसे डर लगा, इसलिए कि वह अभी लड़का ही था।
Le dijo a Jether, su primogénito: “¡Levántate y mátalos!” Pero el joven no desenfundó su espada, pues tenía miedo, ya que era todavía un joven.
21 तब ज़िबह और ज़िलमना' ने कहा, “तू आप उठ कर हम पर वार कर, क्यूँकि जैसा आदमी होता है वैसी ही उसकी ताक़त होती है।” इसलिए जिदा'ऊन ने उठ कर ज़िबह और ज़िलमना' को क़त्ल किया, और उनके ऊँटों के गले के चन्दन हार ले लिए।
Entonces Zeba y Zalmunna dijeron: “Levántense y caigan sobre nosotros, porque como el hombre es, así es su fuerza”. Gedeón se levantó y mató a Zeba y a Zalmunna, y tomó las medias lunas que estaban en el cuello de sus camellos.
22 तब बनीं — इस्राईल ने जिदा'ऊन से कहा कि तू हम पर हुकूमत कर, तू और तेरा बेटा और तेरा पोता भी; क्यूँकि तूने हम को मिदियानियों के हाथ से छुड़ाया।
Entonces los hombres de Israel dijeron a Gedeón: “Gobierna sobre nosotros, tú, tu hijo y el hijo de tu hijo también, porque nos has salvado de la mano de Madián.”
23 तब जिदा'ऊन ने उनसे कहा कि न मैं तुम पर हुकूमत करूँ और न मेरा बेटा, बल्कि ख़ुदावन्द ही तुम पर हुकूमत करेगा।
Gedeón les dijo: “Yo no gobernaré sobre ustedes, ni mi hijo lo hará. Yahvé gobernará sobre ustedes”.
24 और जिदा'ऊन ने उनसे कहा कि मैं तुम से यह 'अर्ज़ करता हूँ, कि तुम में से हर शख़्स अपनी लूट की बालियाँ मुझे दे दे। यह लोग इस्माईली थे, इसलिए इनके पास सोने की बालियाँ थीं।
Gedeón les dijo: “Tengo una petición: que cada uno me dé los aretes de su botín.” (Porque tenían aretes de oro, porque eran ismaelitas).
25 उन्होंने जवाब दिया कि हम इनको बड़ी ख़ुशी से देंगे। फिर उन्होंने एक चादर बिछाई और हर एक ने अपनी लूट की बालियाँ उस पर डाल दीं।
Ellos respondieron: “Los daremos de buena gana”. Extendieron un manto, y cada uno echó en él los pendientes de su botín.
26 इसलिए वह सोने की बालियाँ जो उसने माँगी थीं, वज़न में एक हज़ार सात सौ मिस्काल थीं; 'अलावह उन चन्दन हारों और झुमकों और मिदियानी बादशाहों की इर्ग़वानी पोशाक के जो वह पहने थे, और उन ज़न्जीरों के जो उनके ऊँटों के गले में पड़ी थीं।
El peso de los aretes de oro que pidió fue de mil setecientos siclos de oro, además de las medias lunas, los colgantes y la ropa de púrpura que llevaban los reyes de Madián, y además de las cadenas que llevaban al cuello de sus camellos.
27 और जिदा'ऊन ने उनसे एक अफ़ूद बनवाया और उसे अपने शहर उफ़रा में रख्खा; और वहाँ सब इस्राईली उसकी पैरवी में ज़िनाकारी करने लगे, और वह जिदा'ऊन और उसके घराने के लिए फंदा ठहरा।
Gedeón hizo un efod con él y lo puso en Ofra, su ciudad. Entonces todo Israel se prostituyó con él allí, y se convirtió en una trampa para Gedeón y para su casa.
28 यूँ मिदियानी बनी — इस्राईल के आगे मग़लूब हुए और उन्होंने फिर कभी सिर न उठाया। और जिदा'ऊन के दिनों में चालीस बरस तक उस मुल्क में अम्न रहा।
Así fue sometido Madián ante los hijos de Israel, y no volvieron a levantar la cabeza. La tierra tuvo un descanso de cuarenta años en los días de Gedeón.
29 और यूआस का बेटा यरुब्बा'ल जाकर अपने घर में रहने लगा।
Jerobaal, hijo de Joás, se fue a vivir a su casa.
30 और जिदा'ऊन के सत्तर बेटे थे जो उस ही के सुल्ब से पैदा हुए थे, क्यूँकि उसकी बहुत सी बीवियाँ थीं।
Gedeón tuvo setenta hijos concebidos de su cuerpo, pues tenía muchas mujeres.
31 और उसकी एक हरम के भी जो सिकम में थी उस से एक बेटा हुआ, और उसने उसका नाम अबीमलिक रख्खा।
Su concubina que estaba en Siquem también le dio a luz un hijo, y le puso el nombre de Abimelec.
32 और यूआस के बेटे जिदा'ऊन ने ख़ूब उम्र रसीदा होकर वफ़ात पाई, और अबी'अज़रियों के उफ़रा में अपने बाप यूआस की क़ब्र में दफ़्न हुआ।
Gedeón, hijo de Joás, murió en buena edad y fue enterrado en la tumba de su padre Joás, en Ofra de los abiezritas.
33 और जिदा'ऊन के मरते ही बनी इस्राईल फिर कर बा'लीम की पैरवी में ज़िनाकारी करने लगे, और बा'ल बरीत को अपना मा'बूद बना लिया।
Tan pronto como murió Gedeón, los hijos de Israel volvieron a prostituirse siguiendo a los baales, e hicieron de Baal Berit su dios.
34 और बनी इस्राईल ने ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा को, जिसने उनको हर तरफ़ उनके दुश्मनों के हाथ से रिहाई दी थी याद न रख्खा;
Los hijos de Israel no se acordaron de Yahvé, su Dios, que los había librado de la mano de todos sus enemigos de todas partes;
35 और न वह यरुब्बा'ल या'नी जिदा'ऊन के ख़ान्दान के साथ, उन सब नेकियों के बदले में जो उसने बनी इस्राईल से की थीं महेरबानी से पेश आए।
tampoco mostraron bondad a la casa de Jerobaal, es decir, a Gedeón, conforme a toda la bondad que había mostrado a Israel.