< क़ुजा 8 >

1 और इफ़्राईम के बाशिन्दों ने उससे कहा कि तूने हम से यह सलूक क्यूँ किया, कि जब तू मिदियानियों से लड़ने को चला तो हम को न बुलवाया? इसलिए उन्होंने उसके साथ बड़ा झगड़ा किया।
و مردان افرایم او را گفتند: «این چه‌کاراست که به ما کرده‌ای که چون برای جنگ مدیان می‌رفتی ما را نخواندی و به سختی با وی منازعت کردند.»۱
2 उसने उनसे कहा, “मैंने तुम्हारी तरह भला किया ही क्या है? क्या इफ़्राईम के छोड़े हुए अंगूर भी अबी'अएज़र की फ़सल से बेहतर नहीं हैं?
او به ایشان گفت: «الان من بالنسبه به‌کار شما چه کردم؟ مگر خوشه چینی افرایم از میوه چینی ابیعزر بهتر نیست؟۲
3 ख़ुदा ने मिदियान के सरदार 'ओरेब और ज़ईब को तुम्हारे क़ब्ज़े में कर दिया; इसलिए तुम्हारी तरह मैं कर ही क्या सका हूँ?” जब उसने यह कहा, तो उनका गुस्सा उसकी तरफ़ से धीमा हो गया।
به‌دست شما خدا دو سردار مدیان، یعنی غراب و ذئب راتسلیم نمود و من مثل شما قادر بر چه‌کار بودم؟» پس چون این سخن را گفت، خشم ایشان بروی فرو نشست.۳
4 तब जिदा'ऊन और उसके साथ के तीन सौ आदमी जो बावजूद थके माँदे होने के फिर भी पीछा करते ही रहे थे, यरदन पर आकर पार उतरे।
و جدعون با آن سیصد نفر که همراه او بودندبه اردن رسیده، عبور کردند، و اگر‌چه خسته بودند، لیکن تعاقب می‌کردند.۴
5 तब उसने सुक्कात के बाशिंदों से कहा कि इन लोगों को जो मेरे पैरौ हैं, रोटी के गिर्दे दो क्यूँकि यह थक गए हैं; और मैं मिदियान के दोनों बादशाहों ज़िबह और ज़िलमना' का पीछा कर रहा हूँ।
و به اهل سکوت گفت: «تمنا این که چند نان به رفقایم بدهید زیراخسته‌اند، و من زبح و صلمونع، ملوک مدیان راتعاقب می‌کنم.»۵
6 सुक्कात के सरदारों ने कहा, “क्या ज़िबह और ज़िलमना' के हाथ अब तेरे क़ब्ज़े में आ गए हैं, जो हम तेरे लश्कर को रोटियाँ दें?”
سرداران سکوت به وی گفتند: «مگر دستهای زبح و صلمونع الان در دست تومی باشد تا به لشکر تو نان بدهیم.»۶
7 जिदा'ऊन ने कहा, “जब ख़ुदावन्द ज़िबह और ज़िलमना' को मेरे क़ब्ज़े में कर देगा, तो मैं तुम्हारे गोश्त को बबूल और हमेशा गुलाब के काँटों से नुचवाऊँगा।”
جدعون گفت: «پس چون خداوند زبح و صلمونع را به‌دست من تسلیم کرده باشد، آنگاه گوشت شما رابا شوک و خار صحرا خواهم درید.»۷
8 फिर वहाँ से वह फ़नूएल को गया, और वहाँ के लोगों से भी ऐसी ही बात कही; और फ़नूएल के लोगों ने भी उसे वैसा ही जवाब दिया जैसा सुक्कातियों ने दिया था।
و از آنجا به فنوعیل برآمده، به ایشان همچنین گفت، و اهل فنوعیل مثل جواب اهل سکوت او را جواب دادند.۸
9 इसलिए उसने फ़नूएल के बाशिंदों से भी कहा कि जब मैं सलामत लौटूँगा, तो इस बुर्ज को ढा दूँगा।
و به اهل فنوعیل نیز گفت: «وقتی که به سلامت برگردم این برج را منهدم خواهم ساخت.»۹
10 और ज़िबह और ज़िलमना' अपने क़रीबन पंद्रह हज़ार आदमियों के लश्कर के साथ क़रक़ूर में थे, क्यूँकि सिर्फ़ इतने ही मशरिक़ के लोगों के लश्कर में से बच रहे थे; इसलिए कि एक लाख बीस हज़ार शमशीर ज़न आदमी क़त्ल हो गए थे।
و زبح و صلمونع در قرقور با لشکر خود به قدر پانزده هزار نفر بودند. تمامی بقیه لشکربنی مشرق این بود، زیرا صد و بیست هزار مردجنگی افتاده بودند.۱۰
11 तब जिदा'ऊन उन लोगों के रास्ते से जो नुबह और युगबिहा के मशरिक़ की तरफ़ डेरों में रहते थे गया, और उस लश्कर को मारा क्यूँकि वह लश्कर बेफ़िक्र पड़ा था।
و جدعون به راه چادرنشینان به طرف شرقی نوبح و یجبهاه برآمده، لشکر ایشان را شکست داد، زیرا که لشکر مطمئن بودند.۱۱
12 और ज़िबह और ज़िलमना' भागे, और उसने उनका पीछा करके उन दोनों मिदियानी बादशाहों, ज़िबह और ज़िलमना' को पकड़ लिया और सारे लश्कर को भगा दिया।
و زبح و صلمونع فرارکردند و ایشان را تعاقب نموده، آن دو ملک مدیان یعنی زبح و صلمونع را گرفت و تمامی لشکرایشان را منهزم ساخت.۱۲
13 और यूआस का बेटा जिदा'ऊन हर्स की चढ़ाई के पास से जंग से लौटा।
و جدعون بن یوآش از بالای حارس ازجنگ برگشت.۱۳
14 और उसने सुक्कातियों में से एक जवान को पकड़ कर उससे दरियाफ़त किया; इसलिए उसने उसे सुक्कात के सरदारों और बुज़ुर्गों का हाल बता दिया जो शुमार में सत्तर थे।
و جوانی از اهل سکوت راگرفته، از او تفتیش کرد و او برای وی نامهای سرداران سکوت و مشایخ آن را که هفتاد و هفت نفر بودند، نوشت.۱۴
15 तब वह सुक्कातियों के पास आकर कहने लगा कि ज़िबह और ज़िलमना' को देख लो, जिनके बारे में तुम ने तन्ज़न मुझ से कहा था, 'क्या ज़िबह और ज़िलमना' के हाथ तेरे क़ब्ज़े में आ गए हैं, कि हम तेरे आदमियों को जो थक गए हैं रोटियाँ दें?'
پس نزد اهل سکوت آمده، گفت: «اینک زبح و صلمونع را که درباره ایشان مرا طعنه زده، گفتید مگر دست زبح و صلمونع الان در دست تو است تا به مردان خسته تو نان بدهیم.»۱۵
16 तब उसने शहर के बुज़ुर्गों को पकड़ा और बबूल और सदा गुलाब के कॉटें लेकर उनसे सुक्कातियों की तादीब की।
پس مشایخ شهر و شوک و خارهای صحرا را گرفته، اهل سکوت را به آنها تادیب نمود.۱۶
17 और उसने फ़नूएल का बुर्ज ढा कर उस शहर के लोगों को क़त्ल किया।
و برج فنوعیل را منهدم ساخته، مردان شهر را کشت.۱۷
18 फिर उसने ज़िबह और ज़िलमना' से कहा कि वह लोग जिनको तुम ने तबूर में क़त्ल किया कैसे थे? उन्होंने जवाब दिया, जैसा तू है वैसे ही वह थे; उनमें से हर एक शहज़ादों की तरह था।
و به زبح و صلمونع گفت: «چگونه مردمانی بودند که در تابور کشتید.» گفتند: «ایشان مثل توبودند، هر یکی شبیه شاهزادگان.»۱۸
19 तब उसने कहा कि वह मेरे भाई, मेरी माँ के बेटे थे, इसलिए ख़ुदावन्द की हयात की क़सम, अगर तुम उनको जीता छोड़ते तो मैं भी तुम को न मारता।
گفت: «ایشان برادرانم و پسران مادر من بودند، به خداوند حی قسم اگر ایشان را زنده نگاه می‌داشتید، شما را نمی کشتم.»۱۹
20 फिर उसने अपने बड़े बेटे यतर को हुक्म किया कि उठ, उनको क़त्ल कर। लेकिन उस लड़के ने अपनी तलवार न खींची, क्यूँकि उसे डर लगा, इसलिए कि वह अभी लड़का ही था।
و به نخست زاده خود، یتر، گفت: «برخیز و ایشان رابکش.» لیکن آن جوان شمشیر خود را از ترس نکشید چونکه هنوز جوان بود.۲۰
21 तब ज़िबह और ज़िलमना' ने कहा, “तू आप उठ कर हम पर वार कर, क्यूँकि जैसा आदमी होता है वैसी ही उसकी ताक़त होती है।” इसलिए जिदा'ऊन ने उठ कर ज़िबह और ज़िलमना' को क़त्ल किया, और उनके ऊँटों के गले के चन्दन हार ले लिए।
پس زبح وصلمونع گفتند: «تو برخیز و ما را بکش زیراشجاعت مرد مثل خود اوست.» پس جدعون برخاسته، زبح و صلمونع را بکشت و هلالهایی که بر گردن شتران ایشان بود، گرفت.۲۱
22 तब बनीं — इस्राईल ने जिदा'ऊन से कहा कि तू हम पर हुकूमत कर, तू और तेरा बेटा और तेरा पोता भी; क्यूँकि तूने हम को मिदियानियों के हाथ से छुड़ाया।
پس مردان اسرائیل به جدعون گفتند: «بر ماسلطنت نما، هم پسر تو و پسر پسر تو نیز چونکه ما را از دست مدیان رهانیدی.»۲۲
23 तब जिदा'ऊन ने उनसे कहा कि न मैं तुम पर हुकूमत करूँ और न मेरा बेटा, बल्कि ख़ुदावन्द ही तुम पर हुकूमत करेगा।
جدعون درجواب ایشان گفت: «من بر شما سلطنت نخواهم کرد، و پسر من بر شما سلطنت نخواهد کرد، خداوند بر شما سلطنت خواهد نمود.»۲۳
24 और जिदा'ऊन ने उनसे कहा कि मैं तुम से यह 'अर्ज़ करता हूँ, कि तुम में से हर शख़्स अपनी लूट की बालियाँ मुझे दे दे। यह लोग इस्माईली थे, इसलिए इनके पास सोने की बालियाँ थीं।
وجدعون به ایشان گفت: «یک چیز از شما خواهش دارم که هر یکی از شما گوشواره های غنیمت خود را به من بدهد.» زیرا که گوشواره های طلاداشتند چونکه اسمعیلیان بودند.۲۴
25 उन्होंने जवाब दिया कि हम इनको बड़ी ख़ुशी से देंगे। फिर उन्होंने एक चादर बिछाई और हर एक ने अपनी लूट की बालियाँ उस पर डाल दीं।
در جواب گفتند: «البته می‌دهیم». پس ردایی پهن کرده، هریکی گوشواره های غنیمت خود را در آن انداختند.۲۵
26 इसलिए वह सोने की बालियाँ जो उसने माँगी थीं, वज़न में एक हज़ार सात सौ मिस्काल थीं; 'अलावह उन चन्दन हारों और झुमकों और मिदियानी बादशाहों की इर्ग़वानी पोशाक के जो वह पहने थे, और उन ज़न्जीरों के जो उनके ऊँटों के गले में पड़ी थीं।
و وزن گوشواره های طلایی که طلبیده بود هزار و هفتصد مثقال طلا بود، سوای آن هلالها و حلقه‌ها و جامه های ارغوانی که برملوک مدیان بود، و سوای گردنبندهایی که برگردن شتران ایشان بود.۲۶
27 और जिदा'ऊन ने उनसे एक अफ़ूद बनवाया और उसे अपने शहर उफ़रा में रख्खा; और वहाँ सब इस्राईली उसकी पैरवी में ज़िनाकारी करने लगे, और वह जिदा'ऊन और उसके घराने के लिए फंदा ठहरा।
و جدعون از آنهاایفودی ساخت و آن را در شهر خود عفره برپاداشت، و تمامی اسرائیل به آنجا در عقب آن زناکردند، و آن برای جدعون و خاندان او دام شد.۲۷
28 यूँ मिदियानी बनी — इस्राईल के आगे मग़लूब हुए और उन्होंने फिर कभी सिर न उठाया। और जिदा'ऊन के दिनों में चालीस बरस तक उस मुल्क में अम्न रहा।
پس مدیان در حضور بنی‌اسرائیل مغلوب شدند و دیگر سر خود را بلند نکردند، و زمین درایام جدعون چهل سال آرامی یافت.۲۸
29 और यूआस का बेटा यरुब्बा'ल जाकर अपने घर में रहने लगा।
و یربعل بن یوآش رفته، در خانه خود ساکن شد.۲۹
30 और जिदा'ऊन के सत्तर बेटे थे जो उस ही के सुल्ब से पैदा हुए थे, क्यूँकि उसकी बहुत सी बीवियाँ थीं।
و جدعون را هفتاد پسر بود که از صلبش بیرون آمده بودند، زیرا زنان بسیار داشت.۳۰
31 और उसकी एक हरम के भी जो सिकम में थी उस से एक बेटा हुआ, और उसने उसका नाम अबीमलिक रख्खा।
وکنیز او که در شکیم بود او نیز برای وی پسری آورد، و او را ابیملک نام نهاد.۳۱
32 और यूआस के बेटे जिदा'ऊन ने ख़ूब उम्र रसीदा होकर वफ़ात पाई, और अबी'अज़रियों के उफ़रा में अपने बाप यूआस की क़ब्र में दफ़्न हुआ।
و جدعون بن یوآش پیر و سالخورده شده، مرد، و در قبرپدرش یوآش در عفره ابیعزری دفن شد.۳۲
33 और जिदा'ऊन के मरते ही बनी इस्राईल फिर कर बा'लीम की पैरवी में ज़िनाकारी करने लगे, और बा'ल बरीत को अपना मा'बूद बना लिया।
و واقع شد بعد از وفات جدعون که بنی‌اسرائیل برگشته، در‌پیروی بعلها زنا کردند، وبعل بریت را خدای خود ساختند.۳۳
34 और बनी इस्राईल ने ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा को, जिसने उनको हर तरफ़ उनके दुश्मनों के हाथ से रिहाई दी थी याद न रख्खा;
وبنی‌اسرائیل یهوه، خدای خود را که ایشان را ازدست جمیع دشمنان ایشان از هر طرف رهایی داده بود، به یاد نیاوردند.۳۴
35 और न वह यरुब्बा'ल या'नी जिदा'ऊन के ख़ान्दान के साथ, उन सब नेकियों के बदले में जो उसने बनी इस्राईल से की थीं महेरबानी से पेश आए।
و با خاندان یربعل جدعون موافق همه احسانی که با بنی‌اسرائیل نموده بود، نیکویی نکردند.۳۵

< क़ुजा 8 >