< यहूदाह 1 >
1 यहूदाह की तरफ़ से जो मसीह 'ईसा का बन्दा और या'क़ूब का भाई, और उन बुलाए हुओं के नाम जो ख़ुदा बाप में प्यारे और 'ईसा मसीह के लिए महफ़ूज़ हैं।
१यहूदा की ओर से जो यीशु मसीह का दास और याकूब का भाई है, उन बुलाए हुओं के नाम जो परमेश्वर पिता में प्रिय और यीशु मसीह के लिये सुरक्षित हैं।
2 रहम, इत्मीनान और मुहब्बत तुम को ज़्यादा हासिल होती रहे।
२दया और शान्ति और प्रेम तुम्हें बहुतायत से प्राप्त होता रहे।
3 ऐ प्यारों! जिस वक़्त मैं तुम को उस नजात के बारे में लिखने में पूरी कोशिश कर रहा था जिसमें हम सब शामिल हैं, तो मैंने तुम्हें ये नसीहत लिखना ज़रूर जाना कि तुम उस ईमान के वास्ते मेहनत करो जो मुक़द्दसों को एक बार सौंपा गया था।
३हे प्रियों, जब मैं तुम्हें उस उद्धार के विषय में लिखने में अत्यन्त परिश्रम से प्रयत्न कर रहा था, जिसमें हम सब सहभागी हैं; तो मैंने तुम्हें यह समझाना आवश्यक जाना कि उस विश्वास के लिये पूरा यत्न करो जो पवित्र लोगों को एक ही बार सौंपा गया था।
4 क्यूँकि कुछ ऐसे शख़्स चुपके से हम में आ मिले हैं, जिनकी इस सज़ा का ज़िक्र पाक कलाम में पहले से लिखा गया था: ये बेदीन हैं, और हमारे ख़ुदा के फ़ज़ल को बुरी आदतों से बदल डालते हैं, और हमारे वाहिद मालिक और ख़ुदावन्द ईसा मसीह का इन्कार करते हैं।
४क्योंकि कितने ऐसे मनुष्य चुपके से हम में आ मिले हैं, जिनसे इस दण्ड का वर्णन पुराने समय में पहले ही से लिखा गया था: ये भक्तिहीन हैं, और हमारे परमेश्वर के अनुग्रह को लुचपन में बदल डालते है, और हमारे एकमात्र स्वामी और प्रभु यीशु मसीह का इन्कार करते हैं।
5 पस अगरचे तुम सब बातें एक बार जान चुके हो, तोभी ये बात तुम्हें याद दिलाना चाहता हूँ कि ख़ुदावन्द ने एक उम्मत को मुल्क — ए — मिस्र में से छुड़ाने के बा'द, उन्हें हलाक किया जो ईमान न लाए।
५यद्यपि तुम सब बात एक बार जान चुके हो, तो भी मैं तुम्हें इस बात की सुधि दिलाना चाहता हूँ, कि प्रभु ने एक कुल को मिस्र देश से छुड़ाने के बाद विश्वास न लानेवालों को नाश कर दिया।
6 और जिन फ़रिश्तों ने अपनी हुकुमत को क़ाईम न रख्खा बल्कि अपनी ख़ास जगह को छोड़ दिया, उनको उसने हमेशा की क़ैद में अंधेरे के अन्दर रोज़ — ए — 'अज़ीम की 'अदालत तक रख्खा है (aïdios )
६फिर जिन स्वर्गदूतों ने अपने पद को स्थिर न रखा वरन् अपने निज निवास को छोड़ दिया, उसने उनको भी उस भीषण दिन के न्याय के लिये अंधकार में जो सनातन के लिये है बन्धनों में रखा है। (aïdios )
7 इसी तरह सदूम और 'अमूरा और उसके आसपास के शहर, जो इनकी तरह ज़िनाकारी में पड़ गए और ग़ैर जिस्म की तरफ़ राग़िब हुए, हमेशा की आग की सज़ा में गिरफ़्तार होकर जा — ए — 'इबरत ठहरे हैं। (aiōnios )
७जिस रीति से सदोम और गमोरा और उनके आस-पास के नगर, जो इनके समान व्यभिचारी हो गए थे और पराए शरीर के पीछे लग गए थे आग के अनन्त दण्ड में पड़कर दृष्टान्त ठहरे हैं। (aiōnios )
8 तोभी ये लोग अपने वहमों में मशग़ूल होकर उनकी तरह जिस्म को नापाक करते, और हुकूमत को नाचीज़ जानते, और 'इज़्ज़तदारों पर ला'न ता'न करते हैं।
८उसी रीति से ये स्वप्नदर्शी भी अपने-अपने शरीर को अशुद्ध करते, और प्रभुता को तुच्छ जानते हैं; और ऊँचे पदवालों को बुरा-भला कहते हैं।
9 लेकिन मुक़र्रब फ़रिश्ते मीकाईल ने मूसा की लाश के बारे में इब्लीस से बहस — ओ — तकरार करते वक़्त, ला'न ता'न के साथ उस पर नालिश करने की हिम्मत न की, बल्कि ये कहा, “ख़ुदावन्द तुझे मलामत करे।”
९परन्तु प्रधान स्वर्गदूत मीकाईल ने, जब शैतान से मूसा के शव के विषय में वाद-विवाद किया, तो उसको बुरा-भला कहकर दोष लगाने का साहस न किया; पर यह कहा, “प्रभु तुझे डाँटे।”
10 मगर ये जिन बातों को नहीं जानते उन पर ला'न ता'न करते हैं, और जिनको बे अक़्ल जानवरों की तरह मिज़ाजी तौर पर जानते हैं, उनमें अपने आप को ख़राब करते हैं।
१०पर ये लोग जिन बातों को नहीं जानते, उनको बुरा-भला कहते हैं; पर जिन बातों को अचेतन पशुओं के समान स्वभाव ही से जानते हैं, उनमें अपने आपको नाश करते हैं।
11 इन पर आफ़सोस! कि ये क़ाईन की राह पर चले, और मज़दूरी के लिए बड़ी लालच से बिल'आम की सी गुमराही इख़्तियार की, और कोरह की तरह मुख़ालिफ़त कर के हलाक हुए।
११उन पर हाय! कि वे कैन के समान चाल चले, और मजदूरी के लिये बिलाम के समान भ्रष्ट हो गए हैं और कोरह के समान विरोध करके नाश हुए हैं।
12 ये तुम्हारी मुहब्बत की दावतों में तुम्हारे साथ खाते — पीते वक़्त, गोया दरिया की छिपी चट्टानें हैं। ये बेधड़क अपना पेट भरनेवाले चरवाहे हैं। ये बे — पानी के बादल हैं, जिन्हें हवाएँ उड़ा ले जाती हैं। ये पतझड़ के बे — फल दरख़्त हैं, जो दोनों तरफ़ से मुर्दा और जड़ से उखड़े हुए
१२यह तुम्हारे प्रेम-भोजों में तुम्हारे साथ खाते-पीते, समुद्र में छिपी हुई चट्टान सरीखे हैं, और बेधड़क अपना ही पेट भरनेवाले रखवाले हैं; वे निर्जल बादल हैं; जिन्हें हवा उड़ा ले जाती है; पतझड़ के निष्फल पेड़ हैं, जो दो बार मर चुके हैं; और जड़ से उखड़ गए हैं;
13 ये समुन्दर की पुर जोश मौजें, जो अपनी बेशर्मी के झाग उछालती हैं। ये वो आवारा गर्द सितारे हैं, जिनके लिए हमेशा तक बेहद तारीकी धरी है। (aiōn )
१३ये समुद्र के प्रचण्ड हिलकोरे हैं, जो अपनी लज्जा का फेन उछालते हैं। ये डाँवाडोल तारे हैं, जिनके लिये सदाकाल तक घोर अंधकार रखा गया है। (aiōn )
14 इनके बारे में हनूक ने भी, जो आदम से सातवीं पुश्त में था, ये पेशीनगोई की थी, “देखो, ख़ुदावन्द अपने लाखों मुक़द्दसों के साथ आया,
१४और हनोक ने भी जो आदम से सातवीं पीढ़ी में था, इनके विषय में यह भविष्यद्वाणी की, “देखो, प्रभु अपने लाखों पवित्रों के साथ आया।
15 ताकि सब आदमियों का इन्साफ़ करे, और सब बेदीनों को उनकी बेदीनी के उन सब कामों के ज़रिए से, जो उन्होंने बेदीनी से किए हैं, और उन सब सख़्त बातों की वजह से जो बेदीन गुनाहगारों ने उसकी मुख़ालिफ़त में कही हैं क़ुसूरवार ठहराए।”
१५कि सब का न्याय करे, और सब भक्तिहीनों को उनके अभक्ति के सब कामों के विषय में जो उन्होंने भक्तिहीन होकर किए हैं, और उन सब कठोर बातों के विषय में जो भक्तिहीन पापियों ने उसके विरोध में कही हैं, दोषी ठहराए।”
16 ये बड़बड़ाने वाले और शिकायत करने वाले हैं, और अपनी ख़्वाहिशों के मुवाफ़िक़ चलते हैं, और अपने मुँह से बड़े बोल बोलते हैं, और फ़ाइदे' के लिए लोगों की ता'रीफ़ करते हैं।
१६ये तो असंतुष्ट, कुड़कुड़ानेवाले, और अपनी अभिलाषाओं के अनुसार चलनेवाले हैं; और अपने मुँह से घमण्ड की बातें बोलते हैं; और वे लाभ के लिये मुँह देखी बड़ाई किया करते हैं।
17 लेकिन ऐ प्यारो! उन बातों को याद रख्खो जो हमारे ख़ुदावन्द 'ईसा मसीह के रसूल पहले कह चुके हैं।
१७पर हे प्रियों, तुम उन बातों को स्मरण रखो; जो हमारे प्रभु यीशु मसीह के प्रेरित पहले कह चुके हैं।
18 वो तुम से कहा करते थे कि, “आख़िरी ज़माने में ऐसे ठठ्ठा करने वाले होंगे, जो अपनी बेदीनी की ख़्वाहिशों के मुवाफ़िक़ चलेंगे।”
१८वे तुम से कहा करते थे, “पिछले दिनों में ऐसे उपहास करनेवाले होंगे, जो अपनी अभक्ति की अभिलाषाओं के अनुसार चलेंगे।”
19 ये वो आदमी हैं जो फ़ूट डालते हैं, और नफ़सानी हैं और रूह से बे — बहरा।
१९ये तो वे हैं, जो फूट डालते हैं; ये शारीरिक लोग हैं, जिनमें आत्मा नहीं।
20 मगर तुम ऐ प्यारों! अपने पाक तरीन ईमान में अपनी तरक़्क़ी करके और रूह — उल — क़ुद्दूस में दुआ करके,
२०पर हे प्रियों तुम अपने अति पवित्र विश्वास में अपनी उन्नति करते हुए और पवित्र आत्मा में प्रार्थना करते हुए,
21 अपने आपको 'ख़ुदा' की मुहब्बत में क़ाईम रख्खो; और हमेशा की ज़िन्दगी के लिए हमारे ख़ुदावन्द 'ईसा मसीह की रहमत के इन्तिज़ार में रहो। (aiōnios )
२१अपने आपको परमेश्वर के प्रेम में बनाए रखो; और अनन्त जीवन के लिये हमारे प्रभु यीशु मसीह की दया की आशा देखते रहो। (aiōnios )
22 और कुछ लोगों पर जो शक में हैं रहम करो;
२२और उन पर जो शंका में हैं दया करो।
23 और कुछ को झपट कर आग में से निकालो, और कुछ पर ख़ौफ़ खाकर रहम करो, बल्कि उस पोशाक से भी नफ़रत करो जो जिस्म की वजह से दाग़ी हो गई हो।
२३और बहुतों को आग में से झपटकर निकालो, और बहुतों पर भय के साथ दया करो; वरन् उस वस्त्र से भी घृणा करो जो शरीर के द्वारा कलंकित हो गया है।
24 अब जो तुम को ठोकर खाने से बचा सकता है, और अपने पुर जलाल हुज़ूर में कमाल ख़ुशी के साथ बे'ऐब करके खड़ा कर सकता है,
२४अब जो तुम्हें ठोकर खाने से बचा सकता है, और अपनी महिमा की भरपूरी के सामने मगन और निर्दोष करके खड़ा कर सकता है।
25 उस ख़ुदा — ए — वाहिद का जो हमारा मुन्जी है, जलाल और 'अज़मत और सल्तनत और इख़्तियार, हमारे ख़ुदावन्द 'ईसा मसीह के वसीले से, जैसा पहले से है, अब भी हो और हमेशा रहे। आमीन। (aiōn )
२५उस एकमात्र परमेश्वर के लिए, हमारे उद्धारकर्ता की महिमा, गौरव, पराक्रम और अधिकार, हमारे प्रभु यीशु मसीह के द्वारा जैसा सनातन काल से है, अब भी हो और युगानुयुग रहे। आमीन। (aiōn )