< यशो 6 >

1 और यरीहू बनी इस्राईल की वजह से निहायत मज़बूती से बंद था और न तो कोई बाहर जाता और न कोई अन्दर आता था।
وَكَانَتْ أَرِيحَا قَدْ أَحْكَمَتْ إِغْلاقَ بَوَّابَاتِهَا خَوْفاً مِنَ الإِسْرَائِيلِيِّينَ، فَلَمْ يَكُنْ يَخْرُجُ مِنْهَا أَوْ يَدْخُلُ إِلَيْهَا أَحَدٌ.١
2 और ख़ुदावन्द ने यशू'अ से कहा कि देख मैं ने यरीहू को और उसके बादशाह और ज़बरदस्त सूरमाओं को तेरे हाथ में कर दिया है।
فَقَالَ الرَّبُّ لِيَشُوعَ: «هَا أَنَا قَدْ أَخْضَعْتُ لَكَ أَرِيحَا وَمَلِكَهَا وَمُحَارِبِيهَا الأَشِدَّاءَ.٢
3 इसलिए तुम जंगी मर्द शहर को घेर लो, और एक दफ़ा' उसके चौगिर्द गश्त करो। छ: दिन तक तुम ऐसा ही करना।
فَلْيَدُرْ مُحَارِبُوكُمْ دَوْرَةً وَاحِدَةً كُلَّ يَوْمٍ حَوْلَ الْمَدِينَةِ، مُدَّةَ سِتَّةِ أَيَّامٍ.٣
4 और सात काहिन सन्दूक़ के आगे आगे मेंढों के सींगों के सात नरसिंगे लिए हुए चलें! और सातवें दिन तुम शहर की चारों तरफ़ सात बार घूमना, और काहिन नरसिंगे फूँकें।
وَلْيَحْمِلْ سَبْعَةُ كَهَنَةٍ أَبْوَاقَ الْهُتَافِ وَيَتَقَدَّمُوا أَمَامَ التَّابُوتِ، وَفِي الْيَوْمِ السَّابِعِ تَدُورُونَ حَوْلَ الْمَدِينَةِ سَبْعَ مَرَّاتٍ بَيْنَمَا يَنْفُخُ الْكَهَنَةُ بِالأَبْوَاقِ.٤
5 और यूँ होगा कि जब वह मेंढे के सींग को ज़ोर से फूँकें और तुम नरसिंगे की आवाज़ सुनो तो सब लोग निहायत ज़ोर से ललकारें; तब शहर की दीवार बिल्कुल गिर जायेगी और लोग अपने अपने सामने सीधे चढ़ जायें।
وَمَا إِنْ يَسْمَعْ جَمِيعُ الشَّعْبِ صَوْتَ نَفْخِ بُوقٍ مُمْتَدّاً حَتَّى يُطْلِقُوا دَوِيَّ هُتَافٍ عَظِيمٍ، فَيَنْهَارُ سُورُ الْمَدِينَةِ فِي مَوْضِعِهِ، فَيَنْدَفِعُ الشَّعْبُ نَحْوَهَا، كُلُّ رَجُلٍ حَسَبَ وِجْهَتِهِ».٥
6 और नून के बेटे यशू'अ ने काहिनों को बुला कर उन से कहा कि 'अहद के सन्दूक़ को उठाओ, और सात काहिन मेंढों के सींगो के सात नरसिंगे लिए हुए ख़ुदावन्द के सन्दूक़ के आगे आगे चलें।
فَاسْتَدْعَى يَشُوعُ بْنُ نُونٍ الْكَهَنَةَ وَقَالَ لَهُمْ: «احْمِلُوا تَابُوتَ الْعَهْدِ، وَلْيَتَقَدَّمْهُ سَبْعَةُ كَهَنَةٍ حَامِلِينَ سَبْعَةَ أَبْوَاقِ هُتَافٍ».٦
7 और उन्होंने लोंगों से कहा, “बढ़ कर शहर को घेर लो और जो आदमी हथियार लिए हैं वह ख़ुदा के सन्दूक़ के आगे आगे चलें।”
وَأَمَرَ الشَّعْبَ: «هَيَّا دُورُوا حَوْلَ الْمَدِينَةِ دَوْرَةً وَاحِدَةً، وَدَعُوا الْجُنُودَ الْمُسَلَّحِينَ يَمْشُونَ فِي الطَّلِيعَةِ أَمَامَ تَابُوتِ الرَّبِّ».٧
8 और जब यशू'अ लोगों से यह बातें कह चुका, तो सात काहिन मेंढों के सींगों के सात नरसिंगे लिए हुए ख़ुदावन्द के आगे आगे चले और वह नरसिंगे फूँकते गये और ख़ुदावन्द के 'अहद का सन्दूक़ उनके पीछे पीछे चला।
فَسَارَ الشَّعْبُ بِمُقْتَضَى مَا أَمَرَ يَشُوعُ، إِذْ تَقَدَّمَ السَّبْعَةُ الْكَهَنَةُ حَامِلِينَ أَبْوَاقَ الْهُتَافِ السَّبْعَةَ أَمَامَ الرَّبِّ، وَنَفَخُوا بِالأَبْوَاقِ، بَيْنَمَا كَانَ تَابُوتُ الرَّبِّ يَسِيرُ خَلْفَهُمْ.٨
9 और वह हथियार लिए आदमी उन काहिनों के आगे आगे चले जो नरसिंगे फूँक रहे थे, और दुम्बाला सन्दूक़ के पीछे पीछे चला, और काहिन चलते चलते नरसिंगे फूँकते जाते थे।
وَانْطَلَقَ الْمُحَارِبُونَ أَمَامَ الْكَهَنَةِ النَّافِخِينَ بِالأَبْوَاقِ. أَمَّا مُؤَخَّرَةُ الْجَيْشِ فَقَدْ سَارَتْ وَرَاءَ التَّابُوتِ، فَكَانُوا يَمْشُونَ وَالْكَهَنَةُ يَنْفُخُونَ بِالأَبْوَاقِ.٩
10 और यशू'अ ने लोगों को हुक्म दिया कि न तुम ललकारना, और न तुम्हारी आवाज़ सुनायी दे और न तुम्हारे मुँह से कोई बात निकले। जब मैं तुम को ललकारने को कहूँ तब तुम ललकारना।
وَأَمَرَ يَشُوعُ الشَّعْبَ: «لا تَهْتِفُوا وَلا تَتَكَلَّمُوا، وَلا يَصْدُرْ عَنْ أَفْوَاهِكُمْ صَوْتٌ حَتَّى آمُرَكُمْ بِالْهُتَافِ، وَعِنْدَئِذٍ تَهْتِفُونَ».١٠
11 इसलिए उसने ख़ुदावन्द के सन्दूक़ को शहर के गिर्द एक बार फिरवाया। तब वह ख़ेमागाह में आए और वहीं रात काटी।
فَدَارَ تَابُوتُ الرَّبِّ حَوْلَ الْمَدِينَةِ مَرَّةً وَاحِدَةً، ثُمَّ رَجَعُوا إِلَى الْمُخَيَّمِ وَبَاتُوا فِيهِ.١١
12 और यशू'अ सुबह सवेरे उठा और काहिनों ने ख़ुदावन्द का सन्दूक़ उठा लिया।
فَبَكَّرَ يَشُوعُ فِي صَبَاحِ الْيَوْمِ التَّالِي، وَحَمَلَ الْكَهَنَةُ تَابُوتَ الرَّبِّ.١٢
13 और वह सात काहिन मेंढों के सींगों के सात नरसिंगे लिए हुए ख़ुदावन्द के सन्दूक़ के आगे आगे बराबर चलते और नरसिंगे फूँकते जाते थे और वह हथियार लिए आदमी आगे आगे हो लिए और दुम्बाला ख़ुदावन्द के सन्दूक़ के पीछे पीछे चला, और काहिन चलते चलते नरसिंगे फूँकते जाते थे।
وَانْطَلَقَ الْمُحَارِبُونَ فِي الطَّلِيعَةِ يَتْبَعُهُمُ الْكَهَنَةُ النَّافِخُونَ فِي أَبْوَاقِ الْهُتَافِ، سَائِرِينَ أَمَامَ تَابُوتِ الرَّبِّ، وَفِي أَعْقَابِهِ تَقَدَّمَتْ مُؤَخَّرَةُ الْجَيْشِ. وَكَانُوا يَسِيرُونَ وَيَنْفُخُونَ فِي الأَبْوَاقِ.١٣
14 और दूसरे दिन भी वह एक बार शहर के गिर्द घूम कर ख़ेमागाह में फिर आए। उनहोंने छे दिन तक ऐसा ही किया।
وَدَارُوا حَوْلَ الْمَدِينَةِ فِي الْيَوْمِ الثَّانِي دَوْرَةً وَاحِدَةً، ثُمَّ رَجَعُوا إِلَى الْمُخَيَّمِ. وَظَلُّوا يَفْعَلُونَ هَكَذَا سِتَّةَ أَيَّامٍ.١٤
15 और सातवें दिन यूँ हुआ कि वह सुबह को पौ फटने के वक़्त उठे और उसी तरह शहर के गिर्द सात बार फिरे; सात बार शहर के गिर्द सिर्फ़ उसी दिन फिरे।
وَفِي الْيَوْمِ السَّابِعِ بَكَّرُوا عِنْدَ طُلُوعِ الْفَجْرِ وَدَارُوا حَوْلَ الْمَدِينَةِ عَلَى هَذَا النَّمَطِ سَبْعَ مَرَّاتٍ، وَهُوَ الْيَوْمُ الْوَحِيدُ الَّذِي دَارُوا فِيهِ سَبْعَ مَرَّاتٍ.١٥
16 और सातवीं बार ऐसा हुआ कि जब काहिनों ने नरसिंगे फूंके तो यशू'अ ने लोगों से कहा, “ललकारो! क्यूँकि ख़ुदावन्द ने यह शहर तुम को दे दिया है।
وَعِنْدَمَا نَفَخَ الْكَهَنَةُ فِي الأَبْوَاقِ فِي المَرَّةِ السَّابِعَةِ قَالَ يَشُوعُ لِلشَّعْبِ: «اهْتِفُوا، لأَنَّ الرَّبَّ قَدْ وَهَبَكُمُ الْمَدِينَةَ.١٦
17 और वह शहर और जो कुछ उस में है सब ख़ुदावन्द की ख़ातिर बर्बाद होगा। सिर्फ़ राहिब कस्बी और जितने उसके साथ घर में हों वह सब जीते बचेंगे, इसलिए कि उस ने उन क़ासिदों को जिनको हम ने भेजा छुपा रखा था।
وَاجْعَلُوا الْمَدِينَةَ وَكُلَّ مَا فِيهَا مُحَرَّماً لِلرَّبِّ، بِاسْتِثْنَاءِ رَاحَابَ الزَّانِيَةِ وَكُلِّ مَنْ لاذَ بِبَيْتِهَا فَاسْتَحْيُوهُمْ، لأَنَّهَا خَبَّأَتِ الْجَاسُوسَيْنِ الْمُرْسَلَيْنِ لاِسْتِطْلاعِ أَحْوَالِ الْمَدِينَةِ.١٧
18 और तुम बहरहाल अपने आप को मख़्सूस की हुई चीज़ों से बचाए रखना, ऐसा न हो कि उनको मख़्सूस करने के बाद तुम किसी मख़्सूस की हुई चीज़ को लो और यूँ इस्राईल की ख़ेमागाह को ला'नती कर डालो और उसे दुख दो।
وَأَمَّا أَنْتُمْ فَإِيَّاكُمْ أَنْ تَأْخُذُوا مَا هُوَ مُحَرَّمٌ لِئَلّا تَهْلِكُوا وَتَجْعَلُوا مُخَيَّمَ إِسْرَائِيلَ مُحَرَّماً وَتُسَبِّبُوا لَهُ الْكَوَارِثَ.١٨
19 लेकिन सब चाँदी और सोना और बरतन जो पीतल और लोहे के हों ख़ुदावन्द के लिए पाक हैं इसलिए वह ख़ुदावन्द के ख़ज़ाने में दाख़िल किये जाएँ।”
أَمَّا كُلُّ غَنَائِمِ الْفِضَّةِ وَالذَّهَبِ وَآنِيَةِ النُّحَاسِ وَالْحَدِيدِ، فَتُخَصَّصُ لِلرَّبِّ وَتُحْفَظُ فِى خِزَانَتِهِ».١٩
20 तब लोगों ने ललकारा और काहिनों ने नरसिंगे फूँके, और ऐसा हुआ कि जब लोगों ने नरसिंगे की आवाज़ सुनी तो उन्होंने बुलंद आवाज़ से ललकारा और दीवार बिल्कुल गिर पड़ी और लोगों में से हर एक आदमी अपने सामने से चढ़ कर शहर में घुसा और उन्होंने उस को ले लिया।
فَهَتَفَ الشَّعْبُ، وَنَفَخَ الْكَهَنَةُ فِي الأَبْوَاقِ. وَكَانَ هُتَافُ الشَّعْبِ لَدَى سَمَاعِهِمْ صَوْتَ نَفْخِ الأَبْوَاقِ عَظِيماً، فَانْهَارَ السُّورُ فِي مَوْضِعِهِ. فَانْدَفَعَ الشَّعْبُ نَحْوَ الْمَدِينَةِ كُلٌّ إِلَى وِجْهَتِهِ، وَاسْتَوْلَوْا عَلَيْهَا.٢٠
21 और उन्होंने उन सब को जो शहर में थे क्या मर्द क्या 'औरत, क्या जवान क्या बुढ्ढे, क्या बैल क्या भेड़ क्या गधे सब को तलवार की धार से बिल्कुल हलाक कर दिया।
وَدَمَّرُوا الْمَدِينَةَ وَقَضَوْا بِحَدِّ السَّيْفِ عَلَى كُلِّ مَنْ فِيهَا مِنْ رِجَالٍ وَنِسَاءٍ وَأَطْفَالٍ وَشُيُوخٍ حَتَّى الْبَقَرِ وَالْغَنَمِ وَالْحَمِيرِ.٢١
22 और यशू'अ ने उन दोनों आदमियों से जिन्होंने उस मुल्क की जासूसी की थी कहा कि उस कस्बी के घर जाओ, और वहाँ से जैसी तुम ने उस से क़सम खाई है उसके मुताबिक़ उस 'औरत को और जो कुछ उसके पास है सब को निकाल लाओ।
وَقَالَ يَشُوعُ لِلرَّجُلَيْنِ اللَّذَيْنِ ذَهَبَا لِاسْتِكْشَافِ الْمَدِينَةِ: «ادْخُلا بَيْتَ الْمَرْأَةِ الزَّانِيَةِ وَأَخْرِجَاهَا مَعَ كُلِّ مَا لَهَا مِنْ هُنَاكَ كَمَا حَلَفْتُمَا لَهَا».٢٢
23 तब वह दोनों जवान जासूस अन्दर गये और राहब को और उसके बाप और उसकी माँ और उसके भाइयों को, और उसके अस्बाब बल्कि उसके सारे ख़ानदान को निकाल लाये, और उनको बनी इस्राईल की ख़ेमागाह के बाहर बिठा दिया।
فَمَضَى الْجَاسُوسَانِ إِلَى بَيْتِ رَاحَابَ، فَأَخْرَجَاهَا هِيَ وَأَبَاهَا وَأُمَّهَا وَإِخْوَتَهَا وَكُلَّ مَا لَهَا، وَأَقْرِبَاءَهَا، وَذَهَبَا بِهِمْ إِلَى مَكَانٍ آمِنٍ خَارِجَ مُخَيَّمِ إِسْرَائِيلَ.٢٣
24 फिर उन्होंने उस शहर को और जो कुछ उस में था सब को आग से फूँक दिया और सिर्फ़ चाँदी और सोने को और पीतल और लोहे के बरतनों को ख़ुदावन्द के घर के ख़़ज़ाने में दाख़िल किया।
ثُمَّ أَحْرَقَ الإِسْرَائِيلِيُّونَ الْمَدِينَةَ بِالنَّارِ بِكُلِّ مَا فِيهَا. أَمَّا الْفِضَّةُ وَالذَّهَبُ وَآنِيَةُ النُّحَاسِ وَالْحَدِيدِ فَقَدْ حَفِظُوهَا فِي خِزَانَةِ بَيْتِ الرَّبِّ.٢٤
25 लेकिन यशू'अ ने राहब कस्बी और उस के बाप के घराने को और जो कुछ उसका था सब को सलामत बचा लिया। उसकी रिहाइश आज के दिन तक इस्राईल में है, क्यूँकि उस ने उन क़ासिदों को जिनको यशू'अ ने यरीहू में जासूसी के लिए भेजा था छिपा रखा था।
وَاسْتَحْيَا يَشُوعُ رَاحَابَ الزَّانِيَةَ وَبَيْتَ أَبِيهَا وَكُلَّ مَا لَهَا، فَأَقَامَتْ فِي وَسَطِ شَعْبِ إِسْرَائِيلَ (وَكَذَلِكَ ذُرِّيَّتُهَا) إِلَى هَذَا الْيَوْمِ، لأَنَّهَا خَبَّأَتْ الْجَاسُوسَيْنِ اللَّذَيْنِ أَرْسَلَهُمَا يَشُوعُ لِكَيْ يَسْتَطْلِعَا أَحْوَالَ أَرِيحَا.٢٥
26 और यशू'अ ने उस वक़्त उन को क़सम दे कर ताकीद की और कहा कि जो शख़्स उठ कर इस यरीहू शहर को फिर बनाये वह ख़ुदावन्द के सामने मला'ऊन हो। वह अपने पहलौठे को उसकी नींव डालते वक़्त और अपने सब से छोटे बेटे को उसके फाटक लगवाते वक़्त खो बैठेगा।
فِي ذَلِكَ الْوَقْتِ أَنْذَرَ يَشُوعُ الشَّعْبَ قَائِلاً: «مَلْعُونٌ أَمَامَ الرَّبِّ كُلُّ مَنْ يُحَاوِلُ أَنْ يُعِيدَ بِنَاءَ مَدِينَةِ أَرِيحَا، فَإِنَّ بِكْرَهُ يَمُوتُ وَهُوَ يَضَعُ أَسَاسَاتِهَا، وَصَغِيرَهُ يَهْلِكُ وَهُوَ يُقِيمُ بَوَّابَاتِهَا».٢٦
27 इसलिए ख़ुदावन्द यशू'अ के साथ था और उस सारे मुल्क में उसकी शोहरत फैल गयी।
وَكَانَ الرَّبُّ مَعَ يَشُوعَ فَشَاعَ صِيتُهُ فِي كُلِّ الأَرْضِ.٢٧

< यशो 6 >