< यशो 5 >

1 और जब उन अमोरियों के सब बादशाहों ने जो यरदन के पार पश्चिम की तरफ़ थे, और उन कना'नियों के तमाम बादशाहों ने जो समन्दर के नज़दीक थे सुना, कि ख़ुदावन्द ने बनी इस्राईल के सामने से यरदन के पानी को हटा कर सुखा दिया, जब तक हम पार न आ गये तो उनके दिल डर गये और उन में बनी इस्राईल की वजह से जान बाक़ी न रही।
আর যখন যর্দ্দনের পশ্চিম দিকের ইমোরীয়দের সমস্ত রাজা ও মহাসমুদ্রের কাছাকাছি কনানীয়দের সমস্ত রাজা শুনতে পেলেন যে, আমরা যতক্ষণ পার না হলাম, ততক্ষণ সদাপ্রভু ইস্রায়েল-সন্তানদের সামনে যর্দ্দনের জল শুকনো করলেন, তখন তাঁদের হৃদয় নরম হল ও ইস্রায়েল-সন্তানদের প্রতি তাঁদের আর সাহস রইল না।
2 उस वक़्त ख़ुदावन्द ने यशू'अ से कहा कि चक़मक़ की छुरियां बना कर बनी इस्राईल का ख़तना फिर दूसरी बार कर दे।
সেই দিনের সদাপ্রভু যিহোশূয়কে বললেন, “তুমি চকমকি পাথরের কতগুলি ছুরি তৈরী করে দ্বিতীয় বার ইস্রায়েল-সন্তানদের ত্বকছেদ করাও৷”
3 और यशू'अ ने चक़मक़़ की छुरियां बनायीं और खल्ड़ियों की पहाड़ी पर बनी इस्राईल का ख़तना किया।
তাতে যিহোশূয় চকমকি পাথরের ছুরি তৈরী করে ত্বক্‌প র্বতের সামনে ইস্রায়েল-সন্তানদের ত্বক্‌ছেদ করলেন।
4 और यशू'अ ने जो ख़तना किया उसकी वजह यह है, कि वह लोग जो मिस्र से निकले, उन में जितने जंगी मर्द थे वह सब वीराने में मिस्र से निकलने के बाद रास्ते ही में मर गये।
যিহোশূয় যে ত্বক্‌ছেদ করলেন, তার কারণ এই; মিশর থেকে যে সমস্ত পুরুষ যোদ্ধা বেরিয়ে এসেছিল, তারা মিশর থেকে আসার দিনের পথের মধ্যে মরুপ্রান্তে মারা গিয়েছিল।
5 तब वह सब लोग जो निकले थे उनका ख़तना हो चुका था, लेकिन वह सब लोग जो वीराने में मिस्र से निकलने के बाद रास्ते ही में पैदा हुए थे उनका ख़तना नहीं हुआ था।
যারা বেরিয়ে এসেছিল, তারা সবাই ছিন্নত্বক ছিল ঠিকই, কিন্তু মিশর থেকে বেরিয়ে আসার পর যে সকল লোক প্রান্তরে পথের মধ্যে জন্মেছিল, তাদের ত্বক্‌ছেদ হয়নি।
6 क्यूँकि बनी इस्राईल चालीस बरस तक वीराने में फिरते रहे, जब तक सारी क़ौम या'नी सब जंगी मर्द जो मिस्र से निकले थे फ़ना न हो गये। इसलिए कि उन्होंने ख़ुदावन्द की बात नहीं मानी थी। उन ही से ख़ुदावन्द ने क़सम खा कर कहा था, कि वह उनको उस मुल्क को देखने भी न देगा जिसे हमको देने की क़सम उस ने उनके बाप दादा से खाई और जहाँ दूध और शहद बहता है।
তার ফলে যে সমস্ত যোদ্ধারা মিশর থেকে বেরিয়ে এসেছিল, তারা সদাপ্রভুর কথা মেনে চলত না, তাই তাদের বিনাশ না হওয়া পর্যন্ত ইস্রায়েল-সন্তানরা চল্লিশ বছর প্রান্তরে ঘুরেছিল; কারণ যে দেশ দিয়ে দুধ ও মধু প্রবাহিত হয় তাদের সেই দেশ দেবার কথা সদাপ্রভু তাদের পূর্বপুরুষদের কাছে শপথ করেছিলেন, সদাপ্রভু তাদেরকে সেই দেশ দেখতে দেবেন না, এমন শপথ তাদের কাছে করেছিলেন।
7 तब उन ही के लड़कों का जिनको उस ने उनकी जगह बरपा किया था, यशू'अ ने ख़तना किया क्यूँकि वह नामख़्तून थे इसलिए कि रास्ते में उनका ख़तना नहीं हुआ था।
তাদের জায়গায় তাদের যে সন্তানদের তিনি উৎপন্ন করলেন, যিহোশূয় তাদেরই ত্বক্‌ছেদ করলেন; কারণ তারা অচ্ছিন্নত্বক ছিল; কারণ পথের মধ্যে তাদের ত্বকছেদ করা যায়নি।
8 और जब सब लोगों का ख़तना कर चुके तो यह लोग ख़ेमागाह में अपनी अपनी जगह रहे जब तक अच्छे न हो गये।
সেই সমস্ত লোকের ত্বকছেদ শেষ হওয়ার পর যতদিন তারা সুস্থ না হল, ততদিন শিবিরের মধ্যে নিজের জায়গায় থাকল।
9 फिर ख़ुदावन्द ने यशू'अ से कहा कि आज के दिन में मिस्र की मलामत को तुम पर से ढलका दिया। इसी वजह से आज के दिन तक उस जगह का नाम जिल्जाल है।
পরে সদাপ্রভু যিহোশূয়কে বললেন, “আজ আমি তোমাদের থেকে মিশরের বদনাম দূর করলাম”। আর আজ পর্যন্ত সেই জায়গার নাম গিল্‌গল [গড়ান] হিসাবে পরিচিত হলো।
10 और बनी इस्राईल ने जिल्जाल में डेरे डाल लिए, और उन्होंने यरीहू के मैदानों में उसी महीने की चौदहवीं तारीख़ को शाम के वक़्त 'ईद — ए — फ़सह मनाई।
১০ইস্রায়েল-সন্তানরা গিল্‌গলে শিবির স্থাপন করল; আর সেই মাসের চৌদ্দদিনের র দিন সন্ধ্যাবেলা যিরীহোর তলভূমিতে নিস্তারপর্ব্ব পালন করল।
11 और 'ईद — ए — फ़सह के दूसरे दिन उस मुल्क के पुराने अनाज की बेख़मीरी रोटियां और उसी रोज़ भुनी हुईं बालें भी खायीं।
১১সেই নিস্তারপর্ব্বের পরের দিন তারা দেশে উৎপন্ন শস্য ভোজন করতে লাগল, সেদিনের তাড়ীশূন্য রুটি ও ভাজা শস্য ভোজন করল।
12 और दूसरे ही दिन से उनके उस मुल्क के पुराने अनाज के खाने के बाद मन्न रोक दिया गया और आगे फिर बनी इस्राईल को मन्न कभी न मिला, लेकिन उस साल उन्होंने मुल्क कनान की पैदावार खाई।
১২আর পরের দিন তাদের দেশোৎপন্ন শস্য ভোজনের পরে মান্না পড়া বন্ধ হল; তখন থেকে ইস্রায়েল-সন্তানরা আর মান্না পেল না, কিন্তু সেই বছরে তারা কনান দেশের ফল ভোজন করল।
13 और जब यशू'अ यरीहू के नज़दीक था तो उस ने अपनी आँखें उठायीं और क्या देखा कि उसके मुक़ाबिल एक शख़्स हाथ में अपनी नंगी तलवार लिए खड़ा है; और यशू'अ ने उस के पास जा कर उस से कहा, “तू हमारी तरफ़ है या हमारे दुश्मनों की तरफ़?”
১৩যিরীহোর কাছে বসবাসের দিন যিহোশূয় চোখ তুলে চাইলেন, আর দেখলেন, এক পুরুষ তাঁর সামনে দাঁড়িয়ে আছেন, তাঁর হাতে একটি খোলা তলোয়ার; যিহোশূয় তাঁর কাছে গিয়ে জিজ্ঞাসা করলেন, আপনি আমাদের পক্ষে, না কি আমাদের শত্রুদের পক্ষে?
14 उस ने कहा, “नहीं! बल्कि मैं इस वक़्त ख़ुदावन्द के लश्कर का सरदार हो कर आया हूँ।” तब यशू'अ ने ज़मीन पर सरनगूँ हो कर सिज्दा किया और उससे कहा, “मेरे मालिक का अपने ख़ादिम से क्या इरशाद है?”
১৪তিনি বললেন “না; কিন্তু আমি সদাপ্রভুর সৈন্যের প্রধান, এখনই উপস্থিত হলাম৷” তখন যিহোশূয় ভূমিতে উপুড় হয়ে প্রণাম করলেন ও তাঁকে বললেন, “হে আমার প্রভু, আপনার এ দাসকে কি আদেশ দেন?”
15 और ख़ुदावन्द के लश्कर के सरदार ने यशू'अ से कहा कि तू अपने पाँव से अपनी जूती उतार दे क्यूँकि यह जगह जहाँ तू खड़ा है पाक है। इसलिए यशू'अ ने ऐसा ही किया।
১৫সদাপ্রভুর সৈন্য দলের প্রধান যিহোশূয়কে বললেন, “তোমার পা থেকে জুতো খুলে ফেল, কারণ যেখানে তুমি দাঁড়িয়ে আছ, ঐ জায়গা পবিত্র।”

< यशो 5 >