< यशो 4 >
1 और जब सारी क़ौम यरदन के पार हो गई तो ख़ुदावन्द ने यशू'अ से कहा कि।
Cuando toda la nación terminó de cruzar el Jordán, el Señor le dijo a Josué:
2 क़बीला पीछे एक आदमी के हिसाब से बारह आदमी लोगों में से चुन लो।
“Escoge doce hombres del pueblo, uno por tribu,
3 और उन को हुक्म दो कि तुम यरदन के बीच में से जहाँ काहिनों के पाँव जमे हुए थे बारह पत्थर लो और उनको अपने साथ ले जा कर उस मंज़िल पर जहाँ तुम आज की रात टिकोगे रख देना।
y diles: ‘Recojan doce piedras del medio del Jordán, donde están los sacerdotes. Luego llévenlas y déjenlas en el lugar donde acamparán esta noche’”.
4 तब यशू'अ ने उन बारह आदमियों को जिनको उस ने बनी इस्राईल में से क़बीला पीछे एक आदमी के हिसाब से तैयार कर रखा था बुलाया।
Entonces Josué mandó llamar a los doce hombres que había elegido, uno de cada tribu,
5 और यशू'अ ने उन से कहा, “तुम ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा के 'अहद के सन्दूक़ के आगे आगे यरदन के बीच में जाओ, और तुम में से हर शख़्स बनी इस्राईल के क़बीलों के शुमार के मुताबिक़ एक एक पत्थर अपने कन्धे पर उठा ले।
y les dijo: “Vuelvan y entren hasta la mitad del Jordán, justo delante del Arca del Pacto del Señor su Dios, y cada uno de ustedes, elija una piedra y llévenla sobre sus hombros, uno por cada una de las tribus de Israel.
6 ताकि यह तुम्हारे बीच एक निशान हो, और जब तुम्हारी औलाद आइन्दा ज़माने में तुम से पूछे, कि इन पत्थरों से तुम्हारा क्या मतलब है?
Este será un monumento entre ustedes, para que un día, cuando sus hijos pregunten: ‘¿Qué significan estas piedras?’
7 तो तुम उन को जवाब देना कि यरदन का पानी ख़ुदावन्द के 'अहद के सन्दूक़ के आगे दो हिस्से हो गया था; क्यूँकि जब वह यरदन पार आ रहा था तब यरदन का पानी दो हिस्से होगया। यूँ यह पत्थर हमेशा के लिए बनी इस्राईल के वास्ते यादगार ठहरेंगे।”
ustedes puedan responderles: ‘Son un recordatorio de cuando el río Jordán dejó de fluir mientras el Arca del Pacto del Señor cruzaba el río. Cuando el arca cruzó, el agua se detuvo. Estas piedras son un recordatorio eterno para el pueblo de Israel’”.
8 चुनाँचे बनी इस्राईल ने यशू'अ के हुक्म के मुताबिक़ किया, और जैसा ख़ुदावन्द ने यशू'अ से कहा था उन्होंने बनी इस्राईल के क़बीलों के शुमार के मुताबिक़ यरदन के बीच में से बारह पत्थर उठा लिए; और उन को उठा कर अपने साथ उस जगह ले गये जहाँ वह टिके और वहीं उनको रख दिया।
Entonces el pueblo de Israel hizo lo que Josué les dijo. Los hombres recogieron doce piedras del medio del Jordán como el Señor le había ordenado a Josué. Las llevaron al lugar donde acamparon durante la noche y las colocaron allí, una por cada una de las tribus de Israel.
9 और यशू'अ ने यरदन के बीच में उस जगह जहाँ 'अहद के सन्दूक़ के उठाने वाले काहिनों ने पाँव जमाये थे बारह पत्थर खड़े किये; चुनाँचे वह आज के दिन तक वहीं हैं।
Josué también colocó doce piedras en medio del Jordán justo donde los sacerdotes que llevaban el Arca del Pacto se habían quedado en pie, y siguen allí hasta el día de hoy.
10 क्यूँकि वह काहिन जो सन्दूक़ को उठाये हुए थे यरदन के बीच ही में खड़े रहे, जब तक उन सब बातों के मुताबिक़ जिनका हुक्म मूसा ने यशू'अ को दिया था हर एक बात पूरी न हो चुकी, जिसे लोगों को बताने का हुक्म ख़ुदावन्द ने यशू'अ को किया था; और लोगों ने जल्दी की और पार उतरे।
Los sacerdotes que llevaban el Arca permanecieron de pie en medio del Jordán hasta que todo se hizo tal como el Señor le había dicho al pueblo, todo lo que Moisés le había dicho a Josué. Y el pueblo cruzó rápidamente.
11 और ऐसा हुआ कि जब सब लोग साफ़ पार हो गये, तो ख़ुदावन्द का सन्दूक़ और काहिन भी लोगों के रूबरू पार हुए।
Después que todo el pueblo cruzó, pudieron ver a los sacerdotes llevando el Arca del Señor.
12 और बनी रूबिन और बनी जद्द और मनस्सी के आधे क़बीले के लोग मूसा के कहने के मुताबिक़ हथियार बांधे हुए बनी इस्राईल के आगे पार गये;
Los hombres armados de las tribus de Rubén y Gad, y la mitad de la tribu de Manasés cruzaron, yendo a la cabeza del pueblo de Israel, como Moisés lo había estipulado.
13 या'नी क़रीब चालीस हज़ार आदमी लड़ाई के लिए तैयार और हथियार बांधे हुए ख़ुदावन्द के सामने पार होकर यरीहू के मैदान में पहुँचे ताकि जंग करें।
Fueronunos 40.000 hombres, armados y listos para la batalla, los que cruzaron en presencia del Señor a las llanuras de Jericó.
14 उस दिन ख़ुदावन्द ने सब इस्राईलियों के सामने यशू'अ को सरफ़राज़ किया; और जैसा वह मूसा से डरते थे, वैसे ही उससे उसकी ज़िन्दगी भर डरते रहे।
Ese día el Señor confirmó a Josué como gran líder a la vista de todos los israelitas, y ellos se maravillaron de él como lo habían hecho con Moisés.
15 और ख़ुदावन्द ने यशू'अ से कहा कि।
El Señor le había dicho a Josué:
16 इन काहिनो को जो 'अहद का सन्दूक़ उठाये हुए हैं, हुक्म कर कि वह यरदन में से निकल आयें।
“Dile a los sacerdotes que llevan el Arca del Testimonio que salgan del Jordán”.
17 चुनाँचे यशू'अ ने काहिनो को हुक्म दिया कि यरदन में से निकल आओ।
Así que Josué les dijo a los sacerdotes, “Salgan del Jordán”.
18 और जब वह काहिन जो ख़ुदावन्द के 'अहद का सन्दूक़ उठाये हुए थे यरदन के बीच में से निकल आए, और उनके पाँव के तलवे ख़ुश्की पर आ टिके तो यरदन का पानी फिर अपनी जगह पर आ गया और पहले की तरह अपने सब किनारों पर बहने लगा।
Los sacerdotes salieron del Jordán llevando el Arca del Testimonio, y tan pronto como sus pies tocaron tierra seca, las aguas del Jordán volvieron a donde habían estado, desbordando sus orillas como antes.
19 और लोग पहले महीने की दसवीं तारीख़ को यरदन में से निकल कर यरीहू की पूरबी सरहद पर जिल्जाल में ख़ेमाज़न हुए।
El pueblo salió del Jordán y acampó en Gilgal, al oriente de Jericó, el décimo día del primer mes.
20 और यशू'अ ने उन बारह पत्थरों को जिनको उन्होंने यरदन में से लिया था जिल्जाल में खड़ा किया।
Josué colocó en Gilgal las doce piedras que habían sido tomadas del Jordán.
21 और उस ने बनी इस्राईल से कहा कि जब तुम्हारे लड़के आइन्दा ज़माने में अपने अपने बाप दादा से पूछें, कि इन पत्थरों का मतलब क्या है?
Y entonces les dijo a los israelitas: “El día que sus hijos les pregunten a sus padres: ‘¿Qué significan estas piedras?’
22 तो तुम अपने लड़कों को यही बताना कि इस्राईली ख़ुश्की ख़ुश्की हो कर इस यरदन के पार आए थे।
ustedes podrán explicarles: ‘Aquí es donde los israelitas cruzaron el Jordán en tierra seca’.
23 क्यूँकि ख़ुदावन्द तुम्हारे ख़ुदा ने जब तक तुम पार न हो गये, यरदन के पानी को तुम्हारे सामने से हटा कर सुखा दिया; जैसा ख़ुदावन्द तुम्हारे ख़ुदा ने बहर — ए — कु़लजु़म से किया, कि उसे हमारे सामने से हटा कर सुखा दिया जब तक हम पार न हो गये।
Porque el Señor su Dios hizo que el río Jordán se secara delante de ustedes para que todos pudieran cruzarlo, así como lo hizo en el Mar Rojo, que se secó para que todos pudiéramos cruzarlo.
24 ताकि ज़मीन की सब क़ौमें जान लें कि ख़ुदावन्द का हाथ ताक़तवर है। और ख़ुदावन्द तुम्हारे ख़ुदा से हमेशा डरती रहें।
Y lo hizo para que todos en la tierra supieran cuán poderoso es el Señor, y para que ustedes se maravillaran del Señor su Dios para siempre”.