< यशो 21 >

1 तब लावियों के आबाई ख़ानदानों के सरदार इली'एलियाज़र काहिन और नून के बेटे यशू'अ और बनी इस्राईल के क़बीलों के आबाई ख़ानदानों के सरदारों के पास आये।
ثُمَّ تَقَدَّمَ رُؤَسَاءُ آبَاءِ ٱللَّاوِيِّينَ إِلَى أَلِعَازَارَ ٱلْكَاهِنِ وَإِلَى يَشُوعَ بْنِ نُونَ وَإِلَى رُؤَسَاءِ آبَاءِ أَسْبَاطِ بَنِي إِسْرَائِيلَ.١
2 और मुल्क — ए — कना'न के शीलोह में उन से कहने लगे कि ख़ुदावन्द ने मूसा के बारे में हमारे रहने के लिए शहर और हमारे चौपायों के लिए उनकी नवाही के देने का हुक्म किया था।
وَكَلَّمُوهُمْ فِي شِيلُوهَ فِي أَرْضِ كَنْعَانَ قَائِلِينَ: «قَدْ أَمَرَ ٱلرَّبُّ عَلَى يَدِ مُوسَى أَنْ نُعْطَى مُدُنًا لِلسَّكَنِ مَعَ مَسَارِحِهَا لِبَهَائِمِنَا».٢
3 इसलिए बनी इस्राईल ने अपनी अपनी मीरास में से ख़ुदावन्द के हुक्म के मुताबिक़ यह शहर और उनकी नवाही लावियों को दीं।
فَأَعْطَى بَنُو إِسْرَائِيلَ ٱللَّاوِيِّينَ مِنْ نَصِيبِهِمْ، حَسَبَ قَوْلِ ٱلرَّبِّ، هَذِهِ ٱلْمُدُنَ مَعَ مَسَارِحهَا.٣
4 और पर्चा क़िहातियों के नाम पर निकला और हारून काहिन की औलाद को जो लावियों में से थी पर्ची से यहूदाह के क़बीले और शमौन के क़बीले और बिनयमीन के क़बीले में से तेरह शहर मिले।
فَخَرَجَتِ ٱلْقُرْعَةُ لِعَشَائِرِ ٱلْقَهَاتِيِّينَ. فَكَانَ لِبَنِي هَارُونَ ٱلْكَاهِنِ مِنَ ٱللَّاوِيِّينَ بِٱلْقُرْعَةِ ثَلَاثَ عَشَرَةَ مَدِينَةً مِنْ سِبْطِ يَهُوذَا وَمِنْ سِبْطِ شِمْعُونَ وَمِنْ سِبْطِ بَنْيَامِينَ.٤
5 और बाक़ी बनी क़िहात को इफ़्राईम के क़बीले के घरानों और दान के क़बीले और मनस्सी के आधे क़बीले में से दस शहर पर्ची से मिले।
وَلِبَنِي قَهَاتَ ٱلْبَاقِينَ عَشَرُ مُدُنٍ بِٱلْقُرْعَةِ مِنْ عَشَائِرِ سِبْطِ أَفْرَايِمَ وَمِنْ سِبْطِ دَانَ وَمِنْ نِصْفِ سِبْطِ مَنَسَّى.٥
6 और बनी जैरसोन को इश्कार के क़बीले के घरानों औरआशर के क़बीले और नफ़्ताली के क़बीले और मनस्सी के आधे क़बीले में से जो बसन में है तेरह शहर पर्ची से मिले।
وَلِبَنِي جَرْشُونَ ثَلَاثَ عَشْرَةَ مَدِينَةً بِٱلْقُرْعَةِ مِنْ عَشَائِرِ سِبْطِ يَسَّاكَرَ وَمِنْ سِبْطِ أَشِيرَ وَمِنْ سِبْطِ نَفْتَالِي وَمِنْ نِصْفِ سِبْطِ مَنَسَّى فِي بَاشَانَ.٦
7 और बनी मिरारी को उनके घरानों के मुताबिक़ रूबिन के क़बीले और जद्द के क़बीले और ज़बूलून के क़बीले में से बारह शहर मिले।
وَلِبَنِي مَرَارِي حَسَبَ عَشَائِرِهِمِ ٱثْنَتَا عَشَرَةَ مَدِينَةً مِنْ سِبْطِ رَأُوبَيْنَ وَمِنْ سِبْطِ جَادَ وَمِنْ سِبْطِ زَبُولُونَ.٧
8 और बनी इस्राईल ने पर्ची डालकर इन शहरों और इनकी नवाही को जैसा ख़ुदावन्द ने मूसा के बारे में फ़रमाया था लावियों को दिया।
فَأَعْطَى بَنُو إِسْرَائِيلَ ٱللَّاوِيِّينَ هَذِهِ ٱلْمُدُنَ وَمَسَارِحِهَا بِٱلْقُرْعَةِ، كَمَا أَمَرَ ٱلرَّبُّ عَلَى يَدِ مُوسَى.٨
9 उन्होंने बनी यहूदाह के क़बीले और बनी शमौन के क़बीले में से यह शहर दिए जिनके नाम यहाँ मज़कूर है।
وَأَعْطَوْا مِنْ سِبْطِ بَنِي يَهُوذَا وَمِنْ سِبْطِ بَنِي شِمْعُونَ هَذِهِ ٱلْمُدُنَ ٱلْمُسَمَّاةَ بِأَسْمَائِهَا،٩
10 और यह क़हातियों के ख़ानदानों में से जो लावी की नसल में से थे बनी हारून को मिले क्यूँकि पहला पर्चा उनके नाम का था।
فَكَانَتْ لِبَنِي هَارُونَ مِنْ عَشَائِرِ ٱلْقَهَاتِيِّينَ مِنْ بَنِي لَاوِي، لِأَنَّ ٱلْقُرْعَةَ ٱلْأُولَى كَانَتْ لَهُمْ:١٠
11 इसलिए उन्होंने यहूदाह के पहाड़ी मुल्क में 'अनाक़ के बाप अरबा' का शहर क़रयत अरबा'जो हबरून कहलाता है म'ए उसके 'इलाक़े के उनको दिया।
وَأَعْطَوْهُمْ قَرْيَةَ أَرْبَعَ أَبِي عَنَاقٍ،هِيَ حَبْرُونَ، فِي جَبَلِ يَهُوذَا مَعَ مَسْرَحِهَا حَوَالَيْهَا.١١
12 लेकिन उस शहर के खेतों और गाँव को उन्होंने युफ़न्ना के बेटे कालिब को मीरास के तौर पर दिया।
وَأَمَّا حَقْلُ ٱلْمَدِينَةِ وَضِيَاعُهَا فَأَعْطَوْهَا لِكَالَبَ بْنِ يَفُنَّةَ مُلْكًا لَهُ.١٢
13 इसलिए उन्होंने हारून का काहिन की औलाद को हबरून जो ख़ूनी की पनाह का शहर था और उसके 'इलाक़े और लिबनाह और उसके 'इलाक़े।
وَأَعْطَوْا لِبَنِي هَارُونَ ٱلْكَاهِنِ مَدِينَةَ مَلْجَإِ ٱلْقَاتِلِ حَبْرُونَ مَعَ مَسَارِحِهَا، وَلِبْنَةَ وَمَسَارِحِهَا،١٣
14 और यतीर और उसके 'इलाक़े और इस्तिमू'अ और उसके 'इलाक़े।
وَيَتِّيرَ وَمَسْرَحَهَا، وَأَشْتَمُوعَ وَمَسْرَحَهَا،١٤
15 और हौलून और उसके 'इलाक़े और दबीर और उसके 'इलाक़े।
وَحُولُونَ وَمَسْرَحَهَا، وَدَبِيرَ وَمَسْرَحَهَا،١٥
16 और 'ऐन और उसके 'इलाक़े और यूत्ता और उसके 'इलाक़े और बैत शम्स और उसके 'इलाक़े या'नी यह नौ शहर उन दोनों क़बीलों से ले कर दिए।
وَعَيْنَ وَمَسْرَحَهَا، وَيُطَّةَ وَمَسْرَحَهَا، وَبَيْتَ شَمْسٍ وَمَسْرَحَهَا. تِسْعَ مُدُنٍ مِنْ هَذَيْنِ ٱلسِّبْطَيْنِ.١٦
17 और बिनयमीन के क़बीले से जिबा'ऊन और उसके 'इलाक़े और जिबा' और उसके 'इलाक़े।
وَمِنْ سِبْطِ بَنْيَامِينَ: جِبْعُونَ وَمَسْرَحَهَا، وَجِبْعَ وَمَسْرَحَهَا،١٧
18 और अनतोत और उसके 'इलाक़े और 'अलमोन और उसके 'इलाक़े यह चार शहर दिए गए।
عَنَاثُوثَ وَمَسْرَحَهَا، وَعَلْمُونَ وَمَسْرَحَهَا. أَرْبَعَ مُدُنٍ.١٨
19 इसलिए बनी हारून के जो काहिन हैं सब शहर तेरह थे जिनके साथ उनकी नवाही भी थी।
جَمِيعُ مُدُنِ بَنِي هَارُونَ ٱلْكَهَنَةِ ثَلَاثَ عَشْرَةَ مَدِينَةً مَعَ مَسَارِحِهَا.١٩
20 और बनी क़िहात के घरानों को जो लावी थे या'नी बाक़ी बनी क़िहात को इफ़्राईम के क़बीले से यह शहर पर्ची से मिले।
وَأَمَّا عَشَائِرُ بَنِي قَهَاتَ، ٱللَّاوِيِّينَ ٱلْبَاقِينَ مِنْ بَنِي قَهَاتَ، فَكَانَتْ مُدُنُ قُرْعَتِهِمْ مِنْ سِبْطِ أَفْرَايِمَ:٢٠
21 और उन्होंने इफ़्राईम के पहाड़ी मुल्क में उनको सिकम शहर और उसके 'इलाक़े तो ख़ूनी की पनाह के लिए और जज़र और उसके 'इलाक़े।
وَأَعْطَوْهُمْ شَكِيمَ وَمَسْرَحَهَا، فِي جَبَلِ أَفْرَايِمَ مَدِينَةَ مَلْجَإِ ٱلْقَاتِلِ، وَجَازَرَ وَمَسْرَحَهَا،٢١
22 और क़िबज़ैम और उसके 'इलाक़े और बैत हौरून और उसके 'इलाक़े यह चार शहर दिए।
وَقِبْصَايِمَ وَمَسْرَحَهَا، وَبَيْتَ حُورُونَ وَمَسْرَحَهَا. أَرْبَعَ مُدُنٍ.٢٢
23 और दान के क़बीला से इलतिक़िया और उसके 'इलाक़े और जिब्बतून और उसके 'इलाक़े।
وَمِنْ سِبْطِ دَانَ إِلْتَقَى وَمَسْرَحَهَا، وَجِبَّثُونَ وَمَسْرَحَهَا،٢٣
24 और अय्यालोन और उसके 'इलाक़े और जात रिम्मोन और उसके 'इलाक़े यह चार शहर दिए।
وَأَيَّلُونَ وَمَسْرَحَهَا، وَجَتَّ رِمُّونَ وَمَسْرَحَهَا. أَرْبَعَ مُدُنٍ.٢٤
25 और मनस्सी के आधे क़बीले से ता'नक और उसके 'इलाक़े और जात रिम्मोन और उसके 'इलाक़े, यह दो शहर दिए।
وَمِنْ نِصْفِ سِبْطِ مَنَسَّى تَعْنَكَ وَمَسْرَحَهَا، وَجَتَّ رِمُّونَ وَمَسْرَحَهَا. مَدِينَتَيْنِ ٱثْنَتَيْنِ.٢٥
26 बाक़ी बनी क़िहात के घरानों के सब शहर अपनी अपनी नवाही के साथ दस थे।
كُلُّ ٱلْمُدُنِ عَشَرٌ مَعَ مَسَارِحِهَا لِعَشَائِرِ بَنِي قَهَاتَ ٱلْبَاقِينَ.٢٦
27 और बनी जैरसोन को जो लावियों के घरानों में से हैं मनस्सी के दूसरे आधे क़बीले में से उन्होंने बसन में जो लान और उसके 'इलाक़े तो ख़ूनी की पनाह के लिए और बि'अस्तराह और उसके 'इलाक़े यह दो शहर दिए।
وَلِبَنِي جَرْشُونَ مِنْ عَشَائِرِ ٱللَّاوِيِّينَ: مَدِينَةُ مَلْجَإِ ٱلْقَاتِلِ مِنْ نِصْفِ سِبْطِ مَنَسَّى جُولَانُ فِي بَاشَانَ وَمَسْرَحَهَا، وَبَعَشْتَرَةُ وَمَسْرَحَهَا، مَدِينَتَانِ ٱثْنَتَانِ.٢٧
28 और इश्कार के क़बीले से क़िसयून और उसके 'इलाक़े और दबरत और उसके 'इलाक़े।
وَمِنْ سِبْطِ يَسَّاكَرَ: قِشْيُونُ وَمَسْرَحُهَا، وَدَبْرَةُ وَمَسْرَحُهَا،٢٨
29 यरमोत और उसके 'इलाक़े और 'ऐन जन्नीम और उसके 'इलाक़े, यह चार शहर दिए।
وَيَرْمُوتُ وَمَسْرَحُهَا، وَعَيْنُ جَنِّيمَ وَمَسْرَحُهَا. أَرْبَعُ مُدُنٍ.٢٩
30 और आशर के क़बीले से मसाल और उसके 'इलाक़े और अबदोन और उसके 'इलाक़े।
وَمِنْ سِبْطِ أَشِيرَ مِشْآلُ وَمَسْرَحَهُا، وَعَبْدُونُ وَمَسْرَحَهُا،٣٠
31 ख़िलक़त और उसके 'इलाक़े और रहोब और उसके 'इलाक़े यह चार शहर दिए।
وَحَلْقَةُ وَمَسْرَحُهَا، وَرَحُوبُ وَمَسْرَحُهَا. أَرْبَعُ مُدُنٍ.٣١
32 और नफ़्ताली के क़बीले से जलील में क़ादिस और उसके 'इलाक़े तो ख़ूनी की पनाह के लिए और हम्मात दूर और उसके 'इलाक़े और क़रतान और उसके 'इलाक़े, यह तीन शहर दिए।
وَمِنْ سِبْطِ نَفْتَالِي مَدِينَةُ مَلْجَإِ ٱلْقَاتِلِ قَادَشُ فِي ٱلْجَلِيلِ وَمَسْرَحَهَا، وَحَمُّوتُ دُورٍ وَمَسْرَحُهَا، وَقَرْتَانُ وَمَسْرَحَهَا. ثَلَاثُ مُدُنٍ.٣٢
33 इसलिए जैरसोनियों के घरानों के मुताबिक़ उनके सब शहर अपनी अपनी नवाही के साथ तेरह थे।
جَمِيعُ مُدُنِ ٱلْجَرُشُونِيِّينَ حَسَبَ عَشَائِرِهِمْ ثَلَاثَ عَشَرَةَ مَدِينَةً مَعَ مَسَارِحِهَا.٣٣
34 और बनी मिरारी के घरानों को जो बाक़ी लावी थे ज़बूलून के क़बीला से यक़'नियाम और उसके 'इलाक़े, क़रताह और उसके 'इलाक़े।
وَلِعَشَائِرِ بَنِي مَرَارِي ٱللَّاوِيِّينَ ٱلْبَاقِينَ مِنْ سِبْطِ زَبُولُونَ يَقْنَعَامُ وَمَسْرَحُهَا، وَقَرْتَةُ وَمَسْرَحُهَا،٣٤
35 दिमना और उसके 'इलाक़े, नहलाल और उसके 'इलाक़े, यह चार शहर दिए।
وَدِمْنَةُ وَمَسْرَحُهَا، وَنَحْلَالُ وَمَسْرَحُهَا. أَرْبَعُ مُدُنٍ.٣٥
36 और रूबिन के क़बीले से बसर और उसके 'इलाक़े, यहसा और उसके 'इलाक़े।
وَمِنْ سِبْطِ رَأُوبَيْنَ بَاصَرُ وَمَسْرَحُهَا، وَيَهْصَةُ وَمَسْرَحُهَا،٣٦
37 क़दीमात और उसके 'इलाक़े और मिफ़'अत और उसके 'इलाक़े, यह चार शहर दिये।
وَقَدِيمُوتُ وَمَسْرَحُهَا، وَمَيْفَعَةُ وَمَسْرَحُهَا. أَرْبَعُ مُدُنٍ.٣٧
38 और जद्द के क़बीले से जिल'आद में रामा और उसके 'इलाक़े तो ख़ूनी की पनाह के लिए और महनाइम और उसके 'इलाक़े।
وَمِنْ سِبْطِ جَادَ مَدِينَةُ مَلْجَإِ ٱلْقَاتِلِ رَامُوتُ فِي جِلْعَادَ وَمَسْرَحُهَا، وَمَحَنَايِمُ وَمَسْرَحُهَا،٣٨
39 हस्बोन और उसके 'इलाक़े, या'ज़ेर और उसके 'इलाक़े, कुल चार शहर दिए।
حَشْبُونُ وَمَسْرَحُهَا، وَيَعَزِيرُ وَمَسْرَحَهَا. كُلُّ ٱلْمُدُنِ أَرْبَعٌ.٣٩
40 इसलिए ये सब शहर उनके घरानों के मुताबिक़ बनी मिरारी के थे, जो लावियों के घरानों के बाक़ी लोग थे उनको पर्ची से बारह शहर मिले।
فَجَمِيعُ ٱلْمُدُنِ ٱلَّتِي لِبَنِي مَرَارِي حَسَبَ عَشَائِرِهِمِ ٱلْبَاقِينَ مِنْ عَشَائِرِ ٱللَّاوِيِّينَ. وَكَانَتْ قُرْعَتُهُمُ ٱثْنَتَا عَشْرَةَ مَدِينَةً.٤٠
41 तब बनी इस्राईल की मिल्कियत के बीच लावियों के सब शहर अपनी अपनी नवाही के साथ अठतालीस थे।
جَمِيعُ مُدُنِ ٱللَّاوِيِّينَ فِي وَسَطِ مُلْكِ بَنِي إِسْرَائِيلَ ثَمَانٍ وَأَرْبَعُونَ مَدِينَةً مَعَ مَسَارِحِهَا.٤١
42 उन शहरों में से हर एक शहर अपने गिर्द की नवाही के साथ था सब शहर ऐसे ही थे।
كَانَتْ هَذِهِ ٱلْمُدُنُ مَدِينَةً مَدِينَةً مَعَ مَسَارِحِهَا حَوَالَيْهَا. هَكَذَا لِكُلِّ هَذِهِ ٱلْمُدُنِ.٤٢
43 यूँ ख़ुदावन्द ने इस्राईलियों को वह सारा मुल्क दिया जिसे उनके बाप दादा को देने की क़सम उस ने खाई थी और वह उस पर क़ाबिज़ हो कर उसमें बस गये।
فَأَعْطَى ٱلرَّبُّ إِسْرَائِيلَ جَمِيعَ ٱلْأَرْضِ ٱلَّتِي أَقْسَمَ أَنْ يُعْطِيَهَا لِآبَائِهِمْ فَٱمْتَلَكُوهَا وَسَكَنُوا بِهَا.٤٣
44 और ख़ुदावन्द ने उन सब बातों के मुताबिक़ जिनकी क़सम उस ने उनके बाप दादा से खाई थी चारों तरफ़ से उनको आराम दिया और उनके सब दुश्मनों में से एक आदमी भी उनके सामने खड़ा न रहा, ख़ुदावन्द ने उनके सब दुश्मनों को उनके क़ब्ज़े में कर दिया।
فَأَرَاحَهُمُ ٱلرَّبُّ حَوَالَيْهِمْ حَسَبَ كُلِّ مَا أَقْسَمَ لِآبَائِهِمْ، وَلَمْ يَقِفْ قُدَّامَهُمْ رَجُلٌ مِنْ جَمِيعِ أَعْدَائِهِمْ، بَلْ دَفَعَ ٱلرَّبُّ جَمِيعَ أَعْدَائِهِمْ بِأَيْدِيهِمْ.٤٤
45 और जितनी अच्छी बातें ख़ुदावन्द ने इस्राईल के घराने से कही थीं उन में से एक भी न छूटी, सब की सब पूरी हुईं।
لَمْ تَسْقُطْ كَلِمَةٌ مِنْ جَمِيعِ ٱلْكَلَامِ ٱلصَّالِحِ ٱلَّذِي كَلَّمَ بِهِ ٱلرَّبُّ بَيْتَ إِسْرَائِيلَ، بَلِ ٱلْكُلُّ صَارَ.٤٥

< यशो 21 >