< यशो 18 >

1 और बनी इस्राईल की सारी जमा'अत ने शीलोह में जमा' होकर ख़ेमा — ए — इजितमा'अ को वहाँ खड़ा किया और वह मुल्क उनके आगे मग़लूब हो चुका था।
وَبَعْدَ أَنْ تَمَّ اسْتِيلاءُ الإِسْرَائِيلِيِّينَ عَلَى الأَرْضِ اجْتَمَعُوا فِي شِيلُوهَ، حَيْثُ نَصَبُوا خَيْمَةَ الاجْتِمَاعِ.١
2 और बनी इस्राईल में सात क़बीले ऐसे रह गये थे जिनकी मीरास उनको तक़सीम होने न पाई थी।
وَكَانَ هُنَاكَ سَبْعةُ أَسْبَاطٍ مِنْ بَنِي إِسْرَائِيلَ لَمْ يَتَسَلَّمُوا بَعْدُ نَصِيبَهُمْ مِنَ الْمِيرَاثِ.٢
3 और यशू'अ ने बनी इस्राईल से कहा, कि तुम कब तक उस मुल्क पर क़ब्ज़ा करने से जो ख़ुदावन्द तुम्हारे बाप दादा के ख़ुदा ने तुम को दिया है सुस्ती करोगे?
فَقَالَ يَشُوعُ لِبَنِي إِسْرَائِيلَ: «حَتَّى مَتَى أَنْتُمْ مُتَقَاعِسُونَ عَنِ الشُّرُوعِ فِي امْتِلاكِ الأَرْضِ الَّتِي وَهَبَهَا لَكُمُ الرَّبُّ إِلَهُكُمْ؟٣
4 इसलिए तुम अपने लिए हर क़बीले में से तीन शख़्स चुन लो, मैं उनको भेजूँगा और वह जाकर उस मुल्क में सैर करेंगे और अपनी अपनी मीरास के मुवाफ़िक़ उसका हाल लिख कर मेरे पास आएँगें।
انْتَخِبُوا ثَلاثَةَ رِجَالٍ مِنْ كُلِّ سِبْطٍ، فَأُرْسِلَهُمْ لاِسْتِكْشَافِ الأَرْضِ وَتَخْطِيطِهَا بِمُوْجِبِ أَنْصِبَتِهِمْ، ثُمَّ يَرْجِعُوا إِلَيَّ.٤
5 वह उसके सात हिस्से करेंगे, यहूदाह अपनी सरहद में दख्खिन की तरफ़ और यूसुफ़ का ख़ानदान अपनी सरहद में उत्तर की तरफ़ रहेगा।
وَلْيَقْسِمُوهَا إِلَى سَبْعَةِ أَقْسَامٍ، فَيَمْكُثَ سِبْطُ يَهُوذَا ضِمْنَ حُدُودِهِ مِنَ الْجَنُوبِ، وَيُقِيمَ بَيْتُ يُوسُفَ فِي مَنَاطِقِهِمِ الْمُعَيَّنَةِ شِمَالاً.٥
6 इसलिए तुम उस मुल्क के सात हिस्से लिख कर मेरे पास यहाँ लाओ ताकि मैं ख़ुदावन्द के आगे जो हमारा ख़ुदा है तुम्हारे लिए पर्ची डालूँ।
أَمَّا أَنْتُمْ فَتُخَطِّطُونَ الأَرْضَ وَتَقْسِمُونَهَا إِلَى سَبْعَةِ أَقْسَامٍ وَتُسَجِّلُونَهَا، ثُمَّ تَأْتُونَ إِلَيَّ فَأُلْقِي بَيْنَكُمُ الْقُرْعَةَ هَهُنَا أَمَامَ الرَّبِّ إِلَهِنَا.٦
7 क्यूँकि तुम्हारे बीच लावियों का कोई हिस्सा नहीं इसलिए कि ख़ुदावन्द की कहानत उनकी मीरास है और जद्द और रूबिन और मनस्सी के आधे क़बीले को यरदन के उस पार पूरब की तरफ़ मीरास मिल चुकी है जिसे ख़ुदावन्द के बन्दे मूसा ने उनको दिया।
لأَنَّهُ لَنْ يَرِثَ اللّاوِيُّونَ نَصِيباً مَعَكُمْ إِذْ إِنَّ كَهَنُوتَ الرَّبِّ هُوَ نَصِيبُهُمْ. أَمَّا سِبْطَا جَادٍ وَرَأُوَبَيْنَ وَنِصْفُ سِبْطِ مَنَسَّى فَقَدْ تَسَلَّمُوا نَصِيبَهُمْ شَرْقِيَّ نَهْرِ الأُرْدُنِّ، الَّذِي وَهَبَهُ لَهُمْ مُوسَى عَبْدُ الرَّبِّ».٧
8 तब वह आदमी उठ कर रवाना हुए और यशू'अ ने उनको जो उस मुल्क का हाल लिखने के लिए गये ताकीद की कि तुम जाकर उस मुल्क में सैर करो और उसका हाल लिख कर फिर मेरे पास आओ और मैं शीलोह में ख़ुदावन्द के आगे तुम्हारे लिए पर्ची डालूँगा।
فَانْطَلَقَ الرِّجَالُ لاِسْتِكْشَافِ الأَرْضِ وَتَخْطِيطِهَا وَتَسْجِيلِهَا عَمَلاً بِوَصِيَّةِ يَشُوعَ، ثُمَّ الْعَوْدَةِ إِلَيْهِ لِيُلْقِيَ عَلَيْهَا الْقُرْعَةَ فِي مَحْضَرِ الرَّبِّ فِي شِيلُوهَ.٨
9 चुनाँचे उन्होंने जाकर उस मुल्क में सैर की और शहरों के सात हिस्से कर के उनका हाल किताब में लिखा और शीलोह की ख़ेमागाह में यशू'अ के पास लौटे।
فَسَارَ الرِّجَالُ وَتَجَوَّلُوا فِي الأَرْضِ وَخَطَّطُوهَا وَسَجَّلُوهَا فِي كِتَابٍ حَسَبَ مَا فِيهَا مِنْ مُدُنٍ بَعْدَ أَنْ قَسَمُوهَا إِلَى سَبْعَةِ أَقْسَامٍ، ثُمَّ جَاءُوا إِلَى يَشُوعَ إِلَى الْمُخَيَّمِ فِي شِيلُوهَ.٩
10 तब यशू'अ ने शीलोह में उनके लिए ख़ुदावन्द के सामने पर्ची डाली और वहीं यशू'अ ने उस मुल्क को बनी इस्राईल की हिस्सों के मुताबिक़ उनको बाँट दिया।
فَأَلْقَى يَشُوعُ بَيْنَهُمُ الْقُرْعَةَ فِي شِيلُوهَ فِي مَحْضَرِ الرَّبِّ، حَيْثُ قَسَمَ الأَرْضَ عَلَى بَنِي إِسْرَائِيلَ وَفْقاً لأَسْبَاطِهِمْ.١٠
11 और बनी बिन यमीन के क़बीले की पर्ची उनके घरानों के मुताबिक़ निकली और उनके हिस्से की हद बनी यहूदाह और बनी यूसुफ़ के बीच पड़ी।
وَهَذَا هُوَ مِيرَاثُ سِبْطِ بِنْيَامِينَ حَسَبَ عَشَائِرِهِمْ. وَقَعَ نَصِيبُهُمْ بَيْنَ مِيرَاثِ سِبْطَيْ يَهُوذَا وَيُوسُفَ.١١
12 इसलिए उनकी उत्तरी हद यरदन से शुरू'' हुई और यह हद यरीहू के पास से उत्तर की तरफ़ गुज़र कर पहाड़ी मुल्क से होती हुई पश्चिम की तरफ़ बैत आवन के वीराने तक पहुँची।
فَامْتَدَّتْ حُدُودُهُمْ شِمَالاً مِنَ الأُرْدُنِّ، وَاسْتَمَرَّتْ صَاعِدَةً بِإِزَاءِ أَرِيحَا شِمَالاً بِاتِّجَاهِ الْجَبَلِ غَرْباً حَتَّى صَحْرَاءِ بَيْتِ آوِنَ.١٢
13 और वह हद वहाँ से लूज़ को जो बैत — एल है गयी और लूज़ के दख्खिन से उस पहाड़ के बराबर होती हुई जो नीचे के बैत हौरून के दख्खिन में है 'अतारात अदार को जा निकली।
وَمِنْ هُنَاكَ سَارَتْ إِلَى جَانِبِ لُوزَ الْجَنُوبِيِّ، الَّتِي هِيَ بَيْتُ إِيلَ. ثُمَّ انْحَدَرَتِ الْحُدُودُ إِلَى عَطَارُوتَ إِدَّارَ عَلَى الْجَبَلِ الْقَائِمِ إِلَى جَنُوبِيِّ بَيْتِ حُورُونَ السُّفْلَى.١٣
14 और वह पश्चिम की तरफ़ से मुड़ कर दख्खिन को झुकी और बैत हौरून के सामने के पहाड़ से होती हुई दख्खिन की तरफ़ बनी यहूदाह के एक शहर क़रयत बा'ल तक जो क़रयत या'रीम है चली गयी, यह पश्चिमी हिस्सा था।
وَامْتَدَّ التُّخْمُ مُلْتَفّاً نَاحِيَةَ الْغَرْبِ إِلَى جَنُوبِيِّ الْجَبَلِ الْمُقَابِلِ لِبَيْتِ حُورُونَ وَانْتِهَاءً بِقَرْيَةِ بَعْلٍ، الَّتِي هِيَ قَرْيَةُ يَعَارِيمَ، الْمَدِينَةُ التَّابِعَةُ لِيَهُوذَا. هَذِهِ هِيَ الْحُدُودُ الْغَرْبِيَّةُ.١٤
15 और दख्खिनी हद क़रयत या'रीम की इन्तिहा से शुरू''हुई और वह हद पश्चिम की तरफ़ आब — ए — नफ़तूह के चश्मे तक चली गयी;
أَمَّا الْحُدُودُ الْجَنُوبِيَّةُ فَتَبْدَأُ مِنْ أَقْصَى قَرْيَةِ يَعَارِيمَ بِاتِّجَاهِ الْغَرْبِ حَتَّى تَصِلَ إِلَى مَنْبَعِ مِيَاهِ نَفْتُوحَ.١٥
16 और वहाँ से वह हद उस पहाड़ के सिरे तक जो हिन्नूम के बेटे की वादी के सामने है गयी, यह रिफ़ाईम की वादी के उत्तर में है और वहाँ से दख्खिन की तरफ़ हिन्नूम की वादी और यबूसियों के बराबर से गुज़रती हुई 'ऐन राजिल पहुँची;
ثُمَّ تَنْحَدِرُ حَتَّى سَفْحِ الْجَبَلِ الْمُطِلِّ عَلَى وَادِي ابْنِ هِنُّومَ، الْوَاقِعِ شِمَالِيَّ وَادِي الرَّفَائِيِّينَ مُخْتَرِقَةً وَادِي هِنُّومَ مُرُوراً بِجَنُوبِيِّ مَدِينَةِ أُورُشَلِيمَ (حَيْثُ يَسْكُنُ الْيَبُوسِيُّونَ) إِلَى أَنْ تَصِلَ إِلَى عَيْنِ رُوجَلَ.١٦
17 वहाँ से वह उत्तर की तरफ़ मुड़ कर और 'ऐन शम्स से गुज़रती हुई जलीलोत को गयी जो अदुम्मीम की चढ़ाई के मुक़ाबिल है और वहाँ से रूबिन के बेटे बोहन के पत्थर तक पहुँची;
ثُمَّ تَمْتَدُّ شِمَالاً إِلَى عَيْنِ شَمْسٍ فَجَلِيلُوتَ مُقَابِلَ عَقَبَةِ أَدُمِّيمَ نُزُولاً إِلَى حَجَرِ بُوهَنَ بْنِ رَأُوبَيْنَ.١٧
18 और फिर उत्तर को जाकर मैदान के मुक़ाबिल के रुख़ से निकलती हुयी मैदान ही में जा उतरी।
حَيْثُ تَمُرُّ بِالسَّهْلِ الشِّمَالِيِّ لِبَيْتِ عَرَبَةَ، ثُمَّ تَنْحَدِرُ نَحْوَ الْعَرَبَةِ،١٨
19 फिर वह हद वहाँ से बैत हुजला के उत्तरी पहलू तक पहुँची और उस हद का ख़ातिमा दरिया — ए — शोर की उत्तरी खाड़ी पर हुआ जो यरदन के दख्खिनी सिरे पर है, यह दख्खिन की हद थी।
وَتَتَّجِهُ شِمَالاً إِلَى بَيْتِ حُجْلَةَ وَتَنْتَهِي عِنْدَ اللِّسَانِ الشِّمَالِيِّ لِلْبَحْرِ الْمَيِّتِ حَيْثُ يَصُبُّ نَهْرُ الأُرْدُنِّ. هَذِهِ هِيَ الْحُدُودُ الْجَنُوبِيَّةُ.١٩
20 और उसकी पूरबी सिम्त की हद यरदन ठहरा, बनी बिनयमीन की मीरास उनकी चौगिर्द की हदों के 'ऐतबार से और उनके घरानों के मुवाफ़िक़ यह थी।
أَمَّا الْحَدُّ الشَّرْقِيُّ فَكَانَ نَهْرَ الأُرْدُنِّ. هَذِهِ هِيَ أَرْضُ سِبْطِ بِنْيَامِينَ.٢٠
21 और बनी बिन यमीन के क़बीले के शहर उनके घरानों के मुवाफ़िक़ यह थे, यरीहू और बैत हुजला और 'ईमक़ क़सीस।
وَهَذِهِ هِيَ مُدُنُ سِبْطِ بِنْيَامِينَ حَسَبَ عَشَائِرِهِمْ: أَرِيحَا وَبَيْتُ حُجْلَةَ وَوَادِي قَصِيصَ،٢١
22 और बैत 'अराबा और समरीम और बैतएल।
وَبَيْتُ الْعَرَبَةِ وَصَمَارَايِمُ وَبَيْتُ إِيلَ،٢٢
23 और 'अव्वीम और फ़ारा और 'उफ़रा।
وَالْعَوِّيمُ وَالْفَارَةُ وَعَفْرَةُ،٢٣
24 और कफ़रउल'उम्मूनी और 'उफ़नी और जबा', यह बारह शहर थे और इनके गाँव भी थे।
وَكَفْرُ الْعَمُّونِيِّ وَالْعُفْنِي وَجَبَعُ، وَهِيَ فِي جُمْلَتِهَا سِتَّ عَشْرَةَ مَدِينَةً مَعَ ضِيَاعِهَا.٢٤
25 और जिबा'ऊन और रामा और बैरोत।
وَأَيْضاً جِبْعُونُ وَالرَّامَةُ وَبَئِيرُوتُ،٢٥
26 मिस्फ़ाह और कफ़ीरह और मोज़ा
وَالْمِصْفَاةُ وَالْكَفِيرَةُ وَالْمُوصَةُ،٢٦
27 और रक़म और अरफ़ील और तराला।
وَرَاقَمُ وَيَرَفْئِيلُ وَتَرَالَةُ،٢٧
28 और ज़िला', अलिफ़ और यबूसियों का शहर जो येरूशलेम है और जिब'अत और क़रयत, यह चौदह शहर हैं और इनके गाँव भी हैं, बनी बिनयमीन की मीरास उनके घरानों के मुताबिक़ यह है।
وَصَيْلَعُ وَآلَفُ وَالْيَبُوسِيُّ الَّتِي هِيَ أُورُشَلِيمُ وَجِبْعَةُ وَقِرْيَةُ. وَهِيَ فِي جُمْلَتِهَا أَرْبَعَ عَشْرَةَ مَدِينَةً مَعَ ضِيَاعِهَا. هَذَا هُوَ مِيرَاثُ سِبْطِ بِنْيَامِينَ حَسَبَ عَشَائِرِهِمْ.٢٨

< यशो 18 >