< यशो 15 >
1 और बनी यहूदाह के क़बीले का हिस्सा उनके घरानों के मुताबिक़ पर्ची डालकर अदोम की सरहद तक, और दख्खिन में दश्त — ए — सीन तक जो जुनुब के इन्तिहाई हिस्से में आबाद है ठहरा।
यहूदाह गोत्र को उनके परिवारों के अनुसार बंटवारे में एदोम की सीमा मिली, जो ज़िन के वन के निर्जन प्रदेश में दक्षिण दिशा की ओर है.
2 और उनकी दख्खिनी हद दरिया — ए — शोर के इन्तिहाई हिस्से की उस खाड़ी से जिसका रुख दख्खिन की तरफ़ है शुरू'' हुई;
उनकी दक्षिण सीमा लवण-सागर के दक्षिण छोर से, उस खाड़ी से, जो दक्षिण की ओर मुड़ती है;
3 और वह 'अक़रब्बीम की चढ़ाई की दख्खिनी सिम्त से निकल सीन होती हुई क़ादिस बरनी' के दख्खिन को गयी, फिर हसरून के पास से अदार को जाकर क़रक़ा' को मुड़ी,
और यह अक्रब्बीम चढ़ाई की ओर होती हुई ज़िन की ओर बढ़ जाती है, फिर कादेश-बरनेअ के दक्षिण से बढ़ते हुए हेज़रोन पहुंचती है, और अद्दार की ओर से कारका की ओर बढ़ जाती है.
4 और वहाँ से 'अज़मून होती हुई मिस्र के नाले को जा निकली, और उस हद का ख़ातिमा समन्दर पर हुआ; यही तुम्हारी दख्खिनी सरहद होगी।
यह आज़मोन की ओर से मिस्र की सरिता की ओर बढ़ती है तथा समुद्र में जाकर मिल जाती है; यह दक्षिण सीमा में थी.
5 और पूरबी सरहद यरदन के दहाने तक दरिया — ए — शोर ही ठहरा, और उसकी उत्तरी हद उस दरिया की उस खाड़ी से जो यरदन के दहाने पर है शुरू'' हुई,
यरदन के मुहाने तक लवण-सागर पूर्वी सीमा थी; और उत्तरी सीमा समुद्र की खाड़ी से थी, जो यरदन के मुहाने पर है.
6 और यह हद बैत हजला को जाकर और बैत उल 'अराबा के उत्तर से गुज़र कर रूबिन के बेटे बोहन के पत्थर को पहुँची;
फिर सीमा उत्तर दिशा से बढ़कर बेथ-होगलाह तक और उत्तर में बेथ-अराबाह से आगे बढ़ते हुए रियूबेन के पुत्र बोहन की शिला तक पहुंची.
7 फिर वहाँ से वह हद 'अकूर की वादी होती हुई दबीर को गई और वहाँ से उत्तर की सिम्त चल कर जिलजाल के सामने जो अदुम्मीम की चढ़ाई के मुक़ाबिल है जा निकली, यह चढ़ाई नदी के दख्खिन में है; फिर वह हद 'ऐन शम्स के चश्मों के पास होकर 'ऐन राजिल पहुँची।
सीमा फिर आकोर की घाटी से दबीर तक बढ़ी, और उत्तर में गिलगाल की ओर मुड़ गई, जो अदुम्मीम की चढ़ाई के पास, घाटी के दक्षिण में है. यह सीमा आगे बढ़ते हुए एन-शेमेश के सीमा तक पहुंचकर एन-रोगेल पर खत्म हो गई.
8 फिर वही हद हिन्नूम के बेटे की वादी में से होकर यबूसियों की बस्ती के दख्खिन को गयी, येरूशलेम वही है; और वहाँ से उस पहाड़ की चोटी को जा निकली, जो वादी — ए — हिन्नूम के मुक़ाबिल पश्चिम की तरफ़ और रिफ़ाईम की वादी के उत्तरी इन्तिहाई हिस्से में आबाद' है;
इसके बाद यह सीमा बेन-हिन्नोम की घाटी के यबूसी ढाल तक पहुंची, जो दक्षिण दिशा में अर्थात् येरूशलेम में हे, और यह सीमा पश्चिम में हिन्नोम की घाटी के पास पर्वत के शिखर तक पहुंची. जो हिन्नोम की घाटी के पश्चिमी में है, जो उत्तर की ओर रेफाइम की घाटी के अंतिम छोर पर है.
9 फिर वही हद पहाड़ की चोटी से आब — ए — नफ़्तूह के चश्में को गयी, और वहाँ से कोह — ए — 'अफ़रोन के शहरों के पास जा निकली, और उधर से बा'ला तक जो क़रयत या'रीम है पहुँची;
पर्वत शिखर से सीमा आगे बढ़कर नेफतोआह के झरने की ओर मुड़कर एफ्रोन पर्वत के नगरों की ओर बढ़ जाती है, तत्पश्चात सीमा बालाह अर्थात् किरयथ-यआरीम की ओर मुड़ जाती है.
10 और बा'ला से होकर पश्चिम की सिम्त कोह — ए — श'ईर को फिरी, और कोह — ए — या'रीम के जो कसलून भी कहलाता है, उत्तरी दामन के पास से गुज़र कर बैत शम्स की तरफ़ उतरती हुई तिमना को गयी;
फिर सीमा बालाह से पश्चिम दिशा में सेईर पर्वत की ओर मुड़ जाती है, और आगे बढ़ते हुए उत्तर में यआरीम पर्वत के अर्थात् कसालोन के ढाल पर पहुंचती है और आगे बेथ-शेमेश में जो तिमनाह पहुंचती है.
11 और वहाँ से वह हद 'अक़रून के उत्तर को जा निकली; फिर वह सिक्रून से हो कर कोह — ए — बा'ला के पास से गुज़रती हुई यबनीएल पर जा निकली; और इस हद का ख़ातिमा समन्दर पर हुआ
तब सीमा एक्रोन के उत्तर की ओर बढ़कर शिक्केरोन की ओर जाती है और बालाह पर्वत की ओर से यबनेएल समुद्र पर जाकर समाप्त हुई.
12 और पश्चिमी सरहद बड़ा समन्दर और उसका साहिल था। बनी यहूदाह की चारों तरफ़ की हद उनके घरानों के मुताबिक़ यही है।
पश्चिमी सीमा भूमध्य सागर थी. जो यहूदाह गोत्रजों के लिए उनके परिवारों के अनुसार दिया गया उसकी यही सीमा थी.
13 और यशू'अ ने उस हुक्म के मुताबिक़ जो ख़ुदावन्द ने उसे दिया था, युफ़न्ना के बेटे कालिब को बनी यहूदाह के बीच 'अनाक़ के बाप अरबा' का शहर क़रयत अरबा'जो हबरून है हिस्सा दिया।
यहोशू ने येफुन्नेह के पुत्र कालेब को यहूदाह गोत्र के बीच एक भाग दिया. याहवेह की ओर से यहोशू को यही आदेश मिला था कि कालेब को किरयथ-अरबा अर्थात् हेब्रोन दिया जाए. (अरबा अनाक के पूर्व-पिता का नाम था.)
14 इसलिए कालिब ने वहाँ से 'अनाक़ के तीनों बेटों, या'नी सीसी और अख़ीमान और तलमी को जो बनी 'अनाक़ हैं निकाल दिया।
कालेब ने अनाक के तीन पुत्रों; शेशाइ, अहीमान तथा तालमाई को वहां से निकाल दिया,
15 और वह वहाँ से दबीर के बाशिंदों पर चढ़ गया। दबीर का क़दीमी नाम क़रयत सिफ़र था।
फिर कालेब ने दबीर वासियों पर हमला किया. दबीर का पुराना नाम किरयथ-सेफेर था.
16 और कालिब ने कहा, “जो कोई क़रयत सिफ़र को मार कर उसको सर करले, उसे मैं अपनी बेटी 'अकसा ब्याह दूँगा”।
कालेब ने घोषणा की, “जो कोई किरयथ-सेफेर पर आक्रमण करके उसे अपने अधीन कर लेगा, मैं उसका विवाह अपनी पुत्री अक्सा से कर दूंगा!”
17 तब कालिब के भाई क़नज़ के बेटे ग़तनीएल ने उसको सर कर लिया, इसलिए उसने अपनी बेटी 'अकसा उसे ब्याह दी।
कालेब के भाई केनज़ के पुत्र ओथनीएल ने किरयथ-सेफेर को अधीन कर लिया, तब कालेब ने उसे अपनी पुत्री अक्सा उसकी पत्नी होने के लिए दे दी.
18 जब वह उसके पास आई, तो उसने उस आदमी को उभारा कि वह उसके बाप से एक खेत माँगे; इसलिए वह अपने गधे पर से उतर पड़ी, तब कालिब ने उससे कहा, “तू क्या चाहती है?”
विवाह होने के बाद जब अक्सा अपने पति से बात कर रही थी, उसने उसे अपने पिता से एक खेत मांगने के लिए कहा. जब वह अपने गधे पर से उतर गई, तब कालेब ने उससे पूछा, “तुम्हें क्या चाहिए?”
19 उस ने कहा, “मुझे बरकत दे; क्यूँकि तूने दख्खिन के मुल्क में कुछ ज़मीन मुझे 'इनायत की है, इसलिए मुझे पानी के चश्में भी दे।” तब उसने उसे ऊपर के चश्में और नीचे के चश्में 'इनायत किये।
उसने उत्तर दिया, “मुझे आपके आशीर्वाद की ज़रूरत है. जैसे आप मुझे नेगेव क्षेत्र दे ही चुके हैं, और यदि हो सके तो मुझे जल के सोते भी दे दीजिए.” तब कालेब ने उसे ऊपर का सोता, नीचे का सोता दोनों दे दिया.
20 बनी यहूदाह के क़बीले की मीरास उनके घरानों के मुताबिक़ यह है।
यहूदाह गोत्र के कुलों का उनके परिवारों के अनुसार जो बंटवारा किया वे ये हैं:
21 और अदोम की सरहद की तरफ़ दख्खिन में बनी यहूदाह के इन्तिहाई शहर यह हैं: क़बज़ीएल और 'एदर और यजूर,
दक्षिण में एदोम की सीमा से लगे प्रदेश में यहूदाह गोत्र के कुलों को दिये गये नगर थे: कबज़ीएल, एदर तथा यागूर,
22 और कै़ना और दैमूना और 'अद 'अदा,
कीनाह, दीमोनाह, अदआदाह,
23 और क़ादिस और हसूर और इतनान,
केदेश, हाज़ोर, यिथनान,
24 ज़ीफ़ और तलम और बा'लूत,
ज़ीफ़, तेलेम, बालोथ,
25 और हसूर और हदता और क़रयत और हसरून जो हसूर हैं,
हाज़ोर हदत्ताह, केरिओथ-हेज़रोन अर्थात् हाज़ेर,
26 और अमाम और समा' और मोलादा,
अमाम, शेमा, मोलादाह,
27 और हसार जद्दा और हिशमोन और बैत फ़लत,
हाज़र-गद्दाह, हेशमोन, बेथ-पेलेट,
28 और हसर सु'आल और बैरसबा'और बिज़योत्याह,
हाज़र-शूआल, बेअरशेबा, बिज़योथयाह,
29 बा'ला और 'इय्यीम और 'अज़म,
बालाह, इय्यीम, एज़ेम,
30 और इलतोलद और कसील और हुरमा,
एलतोलद, कसील, होरमाह,
31 और सिक़लाज और मदमन्ना और सनसन्ना,
ज़िकलाग, मदमन्नाह, सनसन्नाह,
32 और लबाऊत और सिलहीम और 'ऐन और रिम्मोन; यह सब उन्तीस शहर हैं, और इनके गाँव भी हैं।
लबाओथ, शिलहीम, एइन तथा रिम्मोन; उनके गांवों सहित कुल उनतीस नगर.
33 और नशेब की ज़मीन में इस्ताल और सुर'आह और असनाह,
पश्चिम तलहटी में: एशताओल, ज़ोराह, अशनाह,
34 और ज़नोआह और 'ऐन जन्नीम, तफ़ूह और 'एनाम,
ज़ानोहा, एन-गन्नीम, तप्पूआह, एनाम,
35 यरमूत और 'अदूल्लाम, शोको और 'अज़ीक़ा,
यरमूथ, अदुल्लाम, सोकोह, अज़ेका,
36 और शा'रीम और अदीतीम और जदीरा और जदीरतीम; और यह चौदह शहर हैं और इनके गाँव भी हैं।
शअरयिम, अदीथयिम, गदेरा तथा गदेरोथायिम और उनके गांवों के साथ चौदह नगर.
37 ज़िनान और हदाशा और मिजदल जद,
सेनान, हदाशा, मिगदल-गाद,
38 और दिल'आन और मिस्फ़ाह और यक़्तीएल,
दिलआन, मिज़पाह, योकथएल,
39 लकीस और बुसक़त और 'इजलून,
लाकीश, बोत्सकथ, एगलोन,
40 और कब्बून और लहमान और कितलीस,
कब्बोन, लहमास, किथलीश,
41 और जदीरोत और बैत दजून और ना'मा और मुक़्क़ैदा; यह सोलह शहर हैं, और इनके गाँव भी हैं।
गदेरोथ, बेथ-दागोन, नामाह तथा मक्केदा; गांवों सहित सोलह नगर.
42 लिबना और 'अत्र और 'असन,
लिबनाह, एतेर, आशान,
43 और यफ़्ताह और असना और नसीब;
यिफ्ताह, अशनाह, नज़ीब,
44 और क़'ईला और अकज़ीब और मरेसा; यह नौ शहर हैं और इनके गाँव भी हैं।
काइलाह, अकज़ीब तथा मारेशाह और गांवों सहित नौ नगर.
45 अक़रून और उसके क़स्बे और गाँव।
एक्रोन इसके गांवों तथा नगरों सहित;
46 अक़रून से समन्दर तक अशदूद के पास के सब शहर और उनके गाँव।
एक्रोन से लेकर समुद्र तक, अपने-अपने गांवों के साथ, जितने नगर अशदोद की ओर है;
47 अशदूद अपने शहरों और गांवों के साथ, और गज़्ज़ा अपने शहरों और गाँव के साथ; मिस्र की नदी और बड़े समन्दर और साहिल तक।
अशदोद तथा उसके समस्त गांवों का क्षेत्र; मिस्र की सरिता, भूमध्य सागर के तटवर्ती क्षेत्र से लेकर गांवों सहित अशदोद के नगर; गांवों सहित अज्जाह एवं उसके नगर.
48 और पहाड़ी मुल्क में समीर और यतीर और शोको,
पर्वतीय क्षेत्र में: शामीर, यत्तिर, सोकोह,
49 और दन्ना और क़रयत सन्ना जो दबीर है,
दन्नाह, किरयथ-सन्नाह अर्थात् दबीर,
50 और 'अनाब और इस्मतोह और 'इनीम,
अनाब, एशतमोह, अनीम,
51 और जशन और हौलून और जिलोह; यह ग्यारह शहर हैं और इनके गाँव भी हैं।
गोशेन, होलोन तथा गिलोह; गांवों सहित ग्यारह नगर.
52 अराब और दोमाह और इश'आन,
अरब, दूमाह, एशआन,
53 और यनीम और बैत तफ़्फ़ूह और अफ़ीका,
यानूम, बेथ-तप्पूआह, अफेकाह,
54 और हुमता और क़रयत अरबा' जो हबरून है और सी'ऊर; यह नौ शहर हैं और इनके गाँव भी हैं।
हूमटा, किरयथ-अरबा अर्थात् हेब्रोन तथा ज़ीओर; गांवों सहित नौ नगर.
55 म'ऊन, कर्मिल और ज़ीफ़ और यूत्ता,
माओन, कर्मेल, ज़ीफ़, युताह,
56 और यज़रएल और याक़दि'आम और ज़नोआह,
येज़्रील, योकदआम, ज़ानोहा,
57 कै़न, जिब'आ और तिमना; यह दस शहर हैं और इनके गाँव भी हैं।
कयीन, गिबियाह तथा तिमनाह; इनके गांवों सहित दस नगर.
58 हालहूल और बैत सूर और जदूर,
हलहूल, बेथ-त्सूर, गेदोर,
59 और मा' रात और बैत 'अनोत और इलतिक़ून; यह छह शहर हैं और इनके गाँव भी हैं।
माराथ, बेथ-अनोथ, एलतेकोन; इनके गांवों सहित छः नगर.
60 क़रयत बा'ल जो क़रयत या'रीम है, और रब्बा; यह दो शहर हैं और इनके गाँव भी हैं।
किरयथ-बाल अर्थात् किरयथ-यआरीम तथा रब्बाह, इनके गांवों सहित दो नगर.
61 और वीराने में बैत 'अराबा और मद्दीन और सकाका,
निर्जन प्रदेश में: बेथ-अराबाह, मिद्दीन, सकाकाह,
62 और नबसान और नमक का शहर और 'ऐन जदी; यह छः शहर हैं और इनके गाँव भी हैं।
निबशान, लवण का नगर तथा एन-गेदी; इनके गांवों सहित छः नगर जो.
63 और यबूसियों को जो येरूशलेम के बाशिन्दे थे, बनी यहूदाह निकाल न सके; इसलिए यबूसी बनी यहूदाह के साथ आज के दिन तक येरूशलेम में बसे हुए हैं।
यहूदाह गोत्रज येरूशलेम के ही रहनेवाले यबूसियों को निकाल न सके. इस कारण यबूसी अब तक यहूदाह गोत्रजों के साथ हैं.