< यशो 13 >

1 और यशू'अ बूढ़ा और उम्र रसीदा हुआ और ख़ुदावन्द ने उस से कहा, कि तू बूढ़ा और उम्र रसीदा है और क़ब्ज़ा करने को अभी बहुत सा मुल्क बाक़ी है।
यहोशू बूढ़ा और बहुत उम्र का हो गया था; और यहोवा ने उससे कहा, “तू बूढ़ा और बहुत उम्र का हो गया है, और बहुत देश रह गए हैं, जो इस्राएल के अधिकार में अभी तक नहीं आए।
2 और वह मुल्क जो बाक़ी है इसलिए ये है; फ़िलिस्तियों की सब इक़लीम और सब हबसूरी।
ये देश रह गए हैं, अर्थात् पलिश्तियों का सारा प्रान्त, और सारे गशूरी
3 सीहूर से जो मिस्र के सामने है उत्तर की तरफ़ 'अक़रून की हद तक जो कना'नियों का गिना जाता है, फ़िलिस्तियों के पाँच सरदार या'नी ग़ज़ी और अशदूदी असक़लूंनी और जातीऔर अक़रूनी और 'अव्वीम भी।
(मिस्र के आगे शीहोर से लेकर उत्तर की ओर एक्रोन की सीमा तक जो कनानियों का भाग गिना जाता है; और पलिश्तियों के पाँचों सरदार, अर्थात् गाज़ा, अश्दोद, अश्कलोन, गत, और एक्रोन के लोग), और दक्षिणी ओर अव्वी भी,
4 जो दख्खिन की तरफ़ हैं और कना'नियों का सारा मुल्क और मग़ारह जो सैदानियों का है, अफ़ीक़ या'नी अमूरियों की सरहद तक।
फिर अपेक और एमोरियों की सीमा तक कनानियों का सारा देश और सीदोनियों का मारा नामक देश,
5 और जिब्लियों का मुल्क और पूरब की तरफ़ बा'ल जद से जो कोह — ए — हरमून के नीचे है, हिमात के मद्खल तक सारा लुबनान।
फिर गबालियों का देश, और सूर्योदय की ओर हेर्मोन पर्वत के नीचे के बालगाद से लेकर हमात की घाटी तक सारा लबानोन,
6 फिर लुबनान से मिसरफ़ात अलमाईम तक पहाड़ी मुल्क के सब बाशिंदे या'नी सब सैदानी। उनको मैं बनी इस्राईल के सामने से निकाल डालूँगा, तू सिर्फ़ जैसा मैंने तुझको हुक्म दिया है, मीरास के तौर पर उसे इस्राईलियों को तक़सीम कर दे,
फिर लबानोन से लेकर मिस्रपोतमैम तक सीदोनियों के पहाड़ी देश के निवासी। इनको मैं इस्राएलियों के सामने से निकाल दूँगा; इतना हो कि तू मेरी आज्ञा के अनुसार चिट्ठी डाल डालकर उनका देश इस्राएल को बाँट दे।
7 इसलिए तू इस मुल्क को उन नौ क़बीलों और मनस्सी के आधे क़बीले को मीरास के तौर पर बाँट दे,
इसलिए तू अब इस देश को नौ गोत्रों और मनश्शे के आधे गोत्र को उनका भाग होने के लिये बाँट दे।”
8 मनस्सी के साथ बनी रूबिन और बनी जद ने अपनी अपनी मीरास पा ली थी जिसे मूसा ने यरदन के उस पार पूरब की तरफ़ उनको दिया था, क्यूँकि ख़ुदावन्द के बन्दे मूसा ने उसे उन ही को दिया था, या'नी: ।
रूबेनियों और गादियों को तो वह भाग मिल चुका था, जिसे मूसा ने उन्हें यरदन के पूर्व की ओर दिया था, क्योंकि यहोवा के दास मूसा ने उन्हीं को दिया था,
9 'अरो'ईर से जो वादी — ए — अरनून के किनारे आबाद है शुरू', करके वह शहर जो वादी के बीच में है, मिदबा का सारा मैदान दीबोन तक,
अर्थात् अर्नोन नामक घाटी के किनारे के अरोएर से लेकर, और उसी घाटी के बीच के नगर को छोड़कर दीबोन तक मेदबा के पास का सारा चौरस देश;
10 और अमूरियों के बादशाह सीहोन के सब शहर जो हसबून में सल्तनत करता था बनी 'अम्मून की सरहद तक।
१०और अम्मोनियों की सीमा तक हेशबोन में विराजनेवाले एमोरियों के राजा सीहोन के सारे नगर;
11 और जिल'आद और जसूरियों और मा'कातियों की नवाही और सारा कोह — ए — हरमून और सारा बसन सलका तक।
११और गिलाद देश, और गशूरियों और माकावासियों की सीमा, और सारा हेर्मोन पर्वत, और सल्का तक सारा बाशान,
12 और 'ओज जो रिफ़ाईम की बक़िया नसल से था और 'इस्तारात और अदराई में हुक्मरान था उसका सारा 'इलाक़ा जो बसन में था क्यूँकि मूसा ने उनको मार कर अलग कर दिया था।
१२फिर अश्तारोत और एद्रेई में विराजनेवाले उस ओग का सारा राज्य जो रपाइयों में से अकेला बच गया था; क्योंकि इन्हीं को मूसा ने मारकर उनकी प्रजा को उस देश से निकाल दिया था।
13 तो भी बनी इस्राईल ने जसूरियों और मा'कात्तियों को नहीं निकाला चुनाँचे जसूरी और मा'काती आज तक इस्राईलियों के बीच बसे हुए हैं।
१३परन्तु इस्राएलियों ने गशूरियों और माकियों को उनके देश से न निकाला; इसलिए गशूरी और माकी इस्राएलियों के मध्य में आज तक रहते हैं।
14 सिर्फ़ लावी के क़बीले को उस ने कोई मीरास नहीं दी; क्यूँकी ख़ुदावन्द इस्राईल के ख़ुदा की आतिशीन क़ुर्बानियाँ उसकी मीरास हैं, जैसा उसने उससे कहा था।
१४और लेवी के गोत्रियों को उसने कोई भाग न दिया; क्योंकि इस्राएल के परमेश्वर यहोवा के वचन के अनुसार उसी के हव्य उनके लिये भाग ठहरे हैं।
15 और मूसा ने बनी रूबिन के क़बीले को उनके घरानों के मुताबिक़ मीरास दी,
१५मूसा ने रूबेन के गोत्र को उनके कुलों के अनुसार दिया,
16 और उनकी सरहद यह थी: या'नी 'अरो'ईर से जो वादी — ए — अरनोन के किनारे आबाद है, और वह शहर जो पहाड़ के बीच में है, और मिदबा के पास का सारा मैदान;
१६अर्थात् अर्नोन नामक घाटी के किनारे के अरोएर से लेकर और उसी घाटी के बीच के नगर को छोड़कर मेदबा के पास का सारा चौरस देश;
17 हस्बोन और उसके सब शहर जो मैदान में हैं, दीबोन और बामात बा'ल, बैत बा'ल म'ऊन,
१७फिर चौरस देश में का हेशबोन और उसके सब गाँव; फिर दीबोन, बामोतबाल, बेतबाल्मोन,
18 और यहसाह, और क़दीमात, और मफ़'अत,
१८यहस, कदेमोत, मेपात,
19 और क़रीताईम, और सिबमाह, और ज़रत — उल — सहर जो पहाड़ के किनारे में हैं,
१९किर्यातैम, सिबमा, और तराई में के पहाड़ पर बसा हुआ सेरेथश्शहर,
20 और बैत फ़गू़र, और पिसगा के दामन की ज़मीन, और बैत यसीमोत,
२०बेतपोर, पिसगा की ढलान और बेत्यशीमोत,
21 और मैदान के सब शहर और अमोरियों के बादशाह सीहोन का सारा मुल्क़ जो हसबोन में सल्तनत करता था, जिसे मूसा ने मिदियान के रईसों ईव्वी और रक़म और सूर और हूर और रब्बा, सीहोन के रईसों के साथ जो उस मुल्क़ में बसते थे, क़त्ल किया था।
२१अर्थात् चौरस देश में बसे हुए हेशबोन में विराजनेवाले एमोरियों के उस राजा सीहोन के राज्य के सारे नगर जिन्हें मूसा ने मार लिया था। मूसा ने एवी, रेकेम, सूर, हूर, और रेबा नामक मिद्यान के प्रधानों को भी मार डाला था जो सीहोन के ठहराए हुए हाकिम और उसी देश के निवासी थे।
22 और ब'ओर के बेटे बल'आम को भी जो नजूमी था, बनी इस्राईल ने तलवार से क़त्ल करके उनके मक़तूलों के साथ मिला दिया था।
२२और इस्राएलियों ने उनके और मारे हुओं के साथ बोर के पुत्र भावी कहनेवाले बिलाम को भी तलवार से मार डाला।
23 और यरदन और उसके 'इलाक़े बनी रूबिन की सरहद थी। यही शहर और उनके गाँव बनी रूबिन के घरानों के मुताबिक़ उनके वारिस ठहरे।
२३और रूबेनियों की सीमा यरदन का किनारा ठहरा। रूबेनियों का भाग उनके कुलों के अनुसार नगरों और गाँवों समेत यही ठहरा।
24 और मूसा ने जद्द के क़बीले या'नी बनी जद्द को उनके घरानों के मुताबिक़ मीरास दी।
२४फिर मूसा ने गाद के गोत्रियों को भी कुलों के अनुसार उनका निज भाग करके बाँट दिया।
25 और उनकी सरहद यह थी: या'ज़ेर और जिल'आद के सब शहर और बनी 'अम्मोन का आधा मुल्क़, 'अरो'ईर तक जो रब्बा के सामने है।
२५तब यह ठहरा, अर्थात् याजेर आदि गिलाद के सारे नगर, और रब्बाह के सामने के अरोएर तक अम्मोनियों का आधा देश,
26 और हसबोन से रामात उल मिस्फ़ाह और बतूनीम तक, और महनाईम से दबीर की सरहद तक।
२६और हेशबोन से रामत-मिस्पे और बतोनीम् तक, और महनैम से दबीर की सीमा तक,
27 और वादी में बैत हारम, और बैत निमरा, और सुक्कात, और सफ़ोन, या'नी हस्बोन के बादशाह सीहोन की अक़लीम का बाक़ी हिस्सा, और यरदन के उस पार पूरब की तरफ़ किन्नरत की झील के उस सिरे तक, यरदन और उस की सारी नवाही।
२७और तराई में बेतहारम, बेतनिम्रा, सुक्कोत, और सापोन, और हेशबोन के राजा सीहोन के राज्य के बचे हुए भाग, और किन्नेरेत नामक ताल के सिरे तक, यरदन के पूर्व की ओर का वह देश जिसकी सीमा यरदन है।
28 यही शहर और इनके गाँव बनी जद्द के घरानों के मुताबिक़ उनकी मीरास ठहरे।
२८गादियों का भाग उनके कुलों के अनुसार नगरों और गाँवों समेत यही ठहरा।
29 और मूसा ने मनस्सी के आधे क़बीले को भी मीरास दी, यह बनी मनस्सी के घरानों के मुताबिक़ उनके आधे क़बीले के लिए थी।
२९फिर मूसा ने मनश्शे के आधे गोत्रियों को भी उनका निज भागकर दिया; वह मनश्शेइयों के आधे गोत्र का निज भाग उनके कुलों के अनुसार ठहरा।
30 और उनकी सरहद यह थी: महनाईम से लेकर सारा बसन और बसन के बादशाह 'ओज़ की तमाम अक़लीम, और याईर के सब क़स्बे जो बसन में हैं वह साठ शहर हैं,
३०वह यह है, अर्थात् महनैम से लेकर बाशान के राजा ओग के राज्य का सब देश, और बाशान में बसी हुई याईर की साठों बस्तियाँ,
31 और आधा जिल'आद और 'इस्तारात और अदराई जो बसन के बादशाह 'ओज़ के शहर थे, मनस्सी के बेटे मकीर की औलाद को मिले, या'नी मकीर की औलाद के आधे को उनके घरानों के मुताबिक़ यह मिले।
३१और गिलाद का आधा भाग, और अश्तारोत, और एद्रेई, जो बाशान में ओग के राज्य के नगर थे, ये मनश्शे के पुत्र माकीर के वंश का, अर्थात् माकीर के आधे वंश का निज भाग कुलों के अनुसार ठहरे।
32 यही वह हिस्से हैं जिनको मूसा ने यरीहू के पास मोआब के मैदानों में यरदन के उस पार पूरब की तरफ़ मीरास के तौर पर तक़सीम किया।
३२जो भाग मूसा ने मोआब के अराबा में यरीहो के पास के यरदन के पूर्व की ओर बाँट दिए वे ये ही हैं।
33 लेकिन लावी के क़बीले को मूसा ने कोई मीरास नही दी; क्यूँकि ख़ुदावन्द इस्राईल का ख़ुदा उनकी मीरास है, जैसा उसने उनसे ख़ुद कहा।
३३परन्तु लेवी के गोत्र को मूसा ने कोई भाग न दिया; इस्राएल का परमेश्वर यहोवा ही अपने वचन के अनुसार उनका भाग ठहरा।

< यशो 13 >