< यशो 11 >

1 जब हसूर के बादशाह याबीन ने यह सुना तो उस ने मदून के बादशाह यूआब और समरून के बादशाह और इक्शाफ़ के बादशाह को।
Und es geschah, da Jabin, der König von Chazor, es hörte, da sandte er an Jobab, den König von Madon und an den König von Schimron und an den König von Achschaph;
2 और उन बादशाहों को जो उत्तर की तरफ़ पहाड़ी मुल्क और किन्नरत के दख्खिनी मैदान और नशेब की ज़मीन और पश्चिम की तरफ़ डोर की मुर्तफ़ा ज़मीन में रहते थे।
Und an die Könige, die von Mitternacht her auf dem Gebirge und auf dem Flachland gen Mittag von Kinneroth und in der Niederung und in Naphoth Dor vom Meere her waren;
3 और पूरबी और पश्चिम के कना'नियों और अमूरीयों और हित्तियों और फ़रिज़्ज़ियों और पहाड़ी मुल्क के यबूसियों और हव्वियों को जो हरमून के नीचे मिस्फ़ाह के मुल्क में रहते थे बुलवा भेजा।
An den Kanaaniter vom Aufgang her und vom Meere her und den Amoriter und den Chethiter und den Pherisiter und den Jebusiter in dem Gebirge und den Chiviter unter dem Chermon im Lande Mizpah.
4 तब वह और उनके साथ उनके लश्कर या'नी एक बड़ी भीड़ जो ता'दाद में समन्दर के किनारे की रेत की तरह थे बहुत से घोड़ों और रथों को साथ लेकर निकले।
Und diese zogen aus, und all ihre Lager mit ihnen, viel Volkes wie der Sand am Ufer des Meeres an Menge; und sehr viel Rosse und Streitwagen.
5 और यह सब बादशाह मिलकर आए और उन्होंने मेरुम की झील पर इकठ्ठे डेरे डाले ताकि इस्राईलियों से लड़ें।
Und es taten sich zusammen alle diese Könige, und kamen und lagerten beisammen an den Wassern Merom, um mit Israel zu streiten.
6 तब ख़ुदावन्द ने यशू'अ से कहा कि उन से न डरो क्यूँकि कल इस वक़्त मैं उन सब को इस्राईलियों के सामने मार कर डाल दूँगा तू उनके घोड़ों की कूचें काट डालना और उनके रथ आग से जला देना।
Und Jehovah sprach zu Joschua: Fürchte dich nicht vor ihnen; denn morgen um diese Zeit gebe Ich sie alle erschlagen dahin vor Israel. Ihre Rosse sollst du lähmen und ihre Streitwagen im Feuer verbrennen.
7 चुनाँचे यशू'अ और सब जंगी मर्द उसके साथ मेरूम की झील पर अचानक उनके मुक़ाबिले को आए और उन पर टूट पड़े।
Und Joschua und all das Kriegsvolk mit ihm kam plötzlich über sie an den Wassern Merom und fiel über sie her.
8 और ख़ुदावन्द ने उनको इस्राईलियों के क़ब्ज़े में कर दिया इसलिए उन्होंने उनको मारा और बड़े सैदा और मिसरफ़ात अलमाइम और पूरब में मिसफ़ाह की वादी तक उनको दौड़ाया और क़त्ल किया यहाँ तक कि उन में से एक भी बाक़ी न छोड़ा।
Und Jehovah gab sie in die Hand Israels; und sie schlugen sie und setzten ihnen nach bis Zidon, die große Stadt, und bis Misrephoth Majim und bis zur Talebene Mizpeh gegen Aufgang, und sie schlugen sie, bis ihnen kein Rest übrig war.
9 और यशू'अ ने ख़ुदावन्द के हुक्म के मुवाफ़िक़ उन से किया कि उनके घोड़ों की कूँचें काट डालीं और उनके रथ आग से जला दिए।
Und Joschua tat ihnen, wie ihm Jehovah gesagt hatte: Ihre Rosse lähmte er und verbrannte ihre Streitwagen im Feuer.
10 फिर यशू'अ उसी वक़्त लौटा और उस ने हसूर को घेर करके उसके बादशाह को तलवार से मारा, क्यूँकि अगले वक़्त में हसूर उन सब सल्तनतों का सरदार था।
Und Joschua kehrte um in selbiger Zeit und eroberte Chazor, und schlug dessen König mit dem Schwert. Denn Chazor war vordem das Haupt aller dieser Königreiche.
11 और उन्होंने उन सब लोगों को जो वहाँ थे तहस नहस करके उनको, बिल्कुल हलाक कर दिया; वहाँ कोई आदमी बाक़ी न रहा, फिर उस ने हसूर को आग से जला दिया।
Und jede Seele in ihr erschlugen sie mit der Schärfe des Schwertes und verbannten es, so daß nichts überblieb, in dem Odem war. Und Chazor verbrannte er mit Feuer.
12 और यशू'अ ने उन बादशाहों के सब शहरों को और उन शहरों के सब बादशाहों को लेकर और उनको तहस नहस कर के बिल्कुल हलाक कर दिया, जैसा ख़ुदावन्द के बन्दे मूसा ने हुक्म किया था।
Und Joschua eroberte alle Städte dieser Könige und all ihre Könige, und schlug sie mit der Schärfe des Schwertes und verbannte sie, wie Mose, der Knecht Jehovahs, geboten hatte.
13 लेकिन जो शहर अपने टीलों पर बने हुए थे उन में से किसी को इस्राईलियों ने नहीं जलाया, सिवा हसूर के जिसे यशू'अ ने फूँक दिया था।
Jedoch verbrannte Israel keine der Städte, die auf Anhöhen standen; nur Chazor allein verbrannte Joschua.
14 और उन शहरों के तमाम माल — ए — ग़नीमत और चौपायों को बनी इस्राईल ने अपने वास्ते लूट में ले लिया, लेकिन हर एक आदमी को तलवार की धार से क़त्ल किया, यहाँ तक कि उनको ख़त्म कर दिया और एक आदमी को भी न छोड़ा।
Und alle Beute dieser Städte und das Vieh nahmen die Söhne Israels als Raub für sich; nur die Menschen alle schlugen sie mit der Schärfe des Schwertes, bis sie sie vernichtet hatten. Nichts, das Odem hatte, ließen sie verbleiben.
15 जैसा ख़ुदावन्द ने अपने बन्दे मूसा को हुक्म दिया था वैसा ही मूसा ने यशू'अ को हुक्म दिया, और यशू'अ ने वैसा ही किया; और जो हुक्म ख़ुदावन्द ने मूसा को दिया था उन में से किसी को उस ने बग़ैर पूरा किये न छोड़ा।
Wie Jehovah Seinem Knechte Mose geboten hatte, also gebot Mose dem Joschua; und also tat Joschua, und in keinem Worte wich dieser von allem ab, was Jehovah dem Mose geboten hatte.
16 इसलिए यशू'अ ने उस सारे मुल्क को, या'नी पहाड़ी मुल्क, और सारे दख्खिनी हिस्से और जशन के सारे मुल्क, और नशेब की ज़मीन, और मैदान और इस्राईलियों के पहाड़ी मुल्क, और उसी के नशेब की ज़मीन,
Und Joschua nahm dies ganze Land, das Gebirge und das ganze Mittagsland, und das ganze Land Goschen und die Niederung, und das Flachland, und das Gebirge Israel und seine Niederung.
17 कोह — ए — ख़ल्क़ से लेकर जो श'ईर की तरफ़ जाता है, बा'ल जद्द तक जो वादी — ए — लुबनान में कोह — ए — हरमून के नीचे है सब को ले लिया, और उनके बादशाहों पर फ़तह़ हासिल करके उस ने उनको मारा और क़त्ल किया।
Von dem kahlen Berge, der aufsteigt gen Seir, bis Baal Gad in der Talebene des Libanon unten am Berge Chermon; und alle ihre Könige eroberte er und schlug und tötete sie.
18 और यशू'अ मुद्दत तक उन सब बादशाहों से लड़ता रहा।
Viele Tage hatte Joschua Streit mit allen diesen Königen.
19 सिवा हव्वियों के जो जिबा'ऊन के बाशिंदे थे और किसी शहर ने बनी इस्राईल से सुलह नहीं की, बल्कि सब को उन्होंने लड़ कर फ़तह किया।
Es war keine Stadt, die mit den Söhnen Israels Frieden machte, außer den Chivitern, den Einwohnern Gibeons; sie nahmen alle im Streit.
20 क्यूँकि यह ख़ुदावन्द ही की तरफ़ से था कि वह उनके दिलों को ऐसा सख़्त कर दे कि वह जंग में इस्राईल का मुक़ाबला करें ताकि वह उनको बिल्कुल हलाक़ कर डाले और उन पर कुछ मेहरबानी न हो बल्कि वह उनको बर्बाद कर दे, जैसा ख़ुदावन्द ने मूसा को हुक्म दिया था।
Denn von Jehovah war es, daß sie ihr Herz bestärkten, im Streite Israel zu begegnen, um sie zu verbannen, auf daß ihnen keine Gnade widerführe, sondern sie vernichtet würden, wie Jehovah Mose geboten hatte.
21 फिर उस वक़्त यशू'अ ने आकर, अनाक़ीम की पहाड़ी मुल्क, या'नी हबरून और दबीर और 'अनाब से बल्कि यहूदाह के सारे पहाड़ी मुल्क और इस्राईल के सारे पहाड़ी मुल्क से काट डाला; यशू'अ ने उनको उनके शहरों के साथ बिल्कुल हलाक़ कर दिया।
Und Joschua kam in selbiger Zeit und rottete die Enakim aus vom Gebirge, von Chebron, von Debir, von Anab, und vom ganzen Gebirge Judah und vom ganzen Gebirge Israel; mit ihren Städten verbannte sie Joschua.
22 इसलिए अनाक़ीम में से कोई बनी इस्राईल के मुल्क में बाक़ी न रहा, सिर्फ़ गज़्ज़ा और जात और अशदूद में थोड़े से बाक़ी रहे।
Und man ließ keine Enakim im Lande der Söhne Israels übrigbleiben. Nur in Gazah, in Gath und in Aschdod verblieben sie.
23 तब जैसा ख़ुदावन्द ने मूसा से कहा था, उसके मुताबिक़ यशू'अ ने सारे मुल्क को लिया यशू'अ ने उसे इस्राईलियों को उनके क़बीलों के हिस्से के मुवाफ़िक़ मीरास के तौर पर दिया, और मुल्क को जंग से फराग़त मिली।
Und Joschua nahm das ganze Land gemäß allem, was Jehovah zu Mose geredet hatte, und Joschua gab es Israel zum Erbe, nach den Teilen in ihren Stämmen, und das Land rastete vom Streit.

< यशो 11 >