< यशो 11 >
1 जब हसूर के बादशाह याबीन ने यह सुना तो उस ने मदून के बादशाह यूआब और समरून के बादशाह और इक्शाफ़ के बादशाह को।
A ces nouvelles, Jabis, rois d'Asor, envoya des messages à Jobab, roi de Maron, au roi de Symoon, au roi d'Asiph,
2 और उन बादशाहों को जो उत्तर की तरफ़ पहाड़ी मुल्क और किन्नरत के दख्खिनी मैदान और नशेब की ज़मीन और पश्चिम की तरफ़ डोर की मुर्तफ़ा ज़मीन में रहते थे।
Aux rois voisins de la grande Sidon, qui habitaient les montagnes et Araba, vis-à-vis Cénéroth, et la plaine et Phenaddor,
3 और पूरबी और पश्चिम के कना'नियों और अमूरीयों और हित्तियों और फ़रिज़्ज़ियों और पहाड़ी मुल्क के यबूसियों और हव्वियों को जो हरमून के नीचे मिस्फ़ाह के मुल्क में रहते थे बुलवा भेजा।
Aux rois Chananéens de la côte orientale, aux rois Amorrhéens de la côte, aux Hettéens, aux Phérézéens, au Jébuséens, qui habitaient les montagnes, aux Evéens et à ceux qui habitaient sous Hermon dans la contrée de Massyma.
4 तब वह और उनके साथ उनके लश्कर या'नी एक बड़ी भीड़ जो ता'दाद में समन्दर के किनारे की रेत की तरह थे बहुत से घोड़ों और रथों को साथ लेकर निकले।
Et tous ces peuples sortirent et leurs rois avec eux, semblables par leur multitude au sable de la mer, avec une cavalerie nombreuse et des chars.
5 और यह सब बादशाह मिलकर आए और उन्होंने मेरुम की झील पर इकठ्ठे डेरे डाले ताकि इस्राईलियों से लड़ें।
Et tous leurs rois se réunirent, et ils arrivèrent en même temps vers les eaux de Maron, et ils y campèrent pour combattre Israël.
6 तब ख़ुदावन्द ने यशू'अ से कहा कि उन से न डरो क्यूँकि कल इस वक़्त मैं उन सब को इस्राईलियों के सामने मार कर डाल दूँगा तू उनके घोड़ों की कूचें काट डालना और उनके रथ आग से जला देना।
Et le Seigneur dit à Josué: N'aie point de crainte devant eux, car demain, à cette même heure, je te les livrerai; ils fuiront à l'aspect d'Israël; tu couperas les jarrets de leurs chevaux, et tu brûleras leurs chars.
7 चुनाँचे यशू'अ और सब जंगी मर्द उसके साथ मेरूम की झील पर अचानक उनके मुक़ाबिले को आए और उन पर टूट पड़े।
Et soudain, Josué avec tous ses hommes de guerre, ayant marché contre eux sur les eaux de Maron, les attaqua dans la montagne.
8 और ख़ुदावन्द ने उनको इस्राईलियों के क़ब्ज़े में कर दिया इसलिए उन्होंने उनको मारा और बड़े सैदा और मिसरफ़ात अलमाइम और पूरब में मिसफ़ाह की वादी तक उनको दौड़ाया और क़त्ल किया यहाँ तक कि उन में से एक भी बाक़ी न छोड़ा।
Et le Seigneur les livra aux mains d'Israël. Israël, les taillant en pièces, les poursuivit jusqu'à la grande Sidon, jusqu'à Maseron et jusqu'à la plaine de Massoch du côté de l'orient. Et ils les détruisirent, et ils ne laissèrent pas un seul survivant.
9 और यशू'अ ने ख़ुदावन्द के हुक्म के मुवाफ़िक़ उन से किया कि उनके घोड़ों की कूँचें काट डालीं और उनके रथ आग से जला दिए।
Josué les traita comme l'avait prescrit le Seigneur: il coupa les jarrets de leurs chevaux, et brûla leurs chars.
10 फिर यशू'अ उसी वक़्त लौटा और उस ने हसूर को घेर करके उसके बादशाह को तलवार से मारा, क्यूँकि अगले वक़्त में हसूर उन सब सल्तनतों का सरदार था।
En ce temps-là, Josué, revenant sur ses pas, prit Asor et son roi. Or, cette ville était jadis la reine de tous ces royaumes.
11 और उन्होंने उन सब लोगों को जो वहाँ थे तहस नहस करके उनको, बिल्कुल हलाक कर दिया; वहाँ कोई आदमी बाक़ी न रहा, फिर उस ने हसूर को आग से जला दिया।
Israël passa au fil de l'épée tout ce qui en elle avait souffle de vie; il extermina tout, il n'y laissa point un être vivant; et il livra Asor aux flammes.
12 और यशू'अ ने उन बादशाहों के सब शहरों को और उन शहरों के सब बादशाहों को लेकर और उनको तहस नहस कर के बिल्कुल हलाक कर दिया, जैसा ख़ुदावन्द के बन्दे मूसा ने हुक्म किया था।
Ensuite, Josué prit toutes les villes capitales, et tous leurs rois, qu'il passa au fil de l'épée; il extermina tous les habitants, comme l'avait ordonné Moïse, serviteur de Dieu.
13 लेकिन जो शहर अपने टीलों पर बने हुए थे उन में से किसी को इस्राईलियों ने नहीं जलाया, सिवा हसूर के जिसे यशू'अ ने फूँक दिया था।
Mais Israël n'incendia aucune des villes entourées de remparts; de ces villes, Asor fut la seule incendiée.
14 और उन शहरों के तमाम माल — ए — ग़नीमत और चौपायों को बनी इस्राईल ने अपने वास्ते लूट में ले लिया, लेकिन हर एक आदमी को तलवार की धार से क़त्ल किया, यहाँ तक कि उनको ख़त्म कर दिया और एक आदमी को भी न छोड़ा।
Les fils d'Israël prirent pour eux toutes ses dépouilles; ils passèrent les hommes au fil de l'épée jusqu'à ce qu'ils les eussent tous exterminés; ils n'en laissèrent pas un seul vivant.
15 जैसा ख़ुदावन्द ने अपने बन्दे मूसा को हुक्म दिया था वैसा ही मूसा ने यशू'अ को हुक्म दिया, और यशू'अ ने वैसा ही किया; और जो हुक्म ख़ुदावन्द ने मूसा को दिया था उन में से किसी को उस ने बग़ैर पूरा किये न छोड़ा।
Ainsi l'avait prescrit le Seigneur à son serviteur Moïse; ainsi l'avait prescrit Moïse à Josué; ainsi fit Josué, qui n'omit rien des ordres de Moïse.
16 इसलिए यशू'अ ने उस सारे मुल्क को, या'नी पहाड़ी मुल्क, और सारे दख्खिनी हिस्से और जशन के सारे मुल्क, और नशेब की ज़मीन, और मैदान और इस्राईलियों के पहाड़ी मुल्क, और उसी के नशेब की ज़मीन,
Et Josué prit toute la contrée montagneuse, toute la terre de Nageb, toute la terre de Gosom, tout le plat pays, la plaine à l'occident, la montagne d'Israël et les basses terres au pied de la montagne.
17 कोह — ए — ख़ल्क़ से लेकर जो श'ईर की तरफ़ जाता है, बा'ल जद्द तक जो वादी — ए — लुबनान में कोह — ए — हरमून के नीचे है सब को ले लिया, और उनके बादशाहों पर फ़तह़ हासिल करके उस ने उनको मारा और क़त्ल किया।
A partir des monts de Chelcha, il prit aussi le territoire qui monte vers Séir, et celui qui s'étend jusqu'à Balagad, et les plaines situées au pied du Liban, sous le mont Hermon. Il prit tous les rois de ces contrées, il les détruisit, il les extermina.
18 और यशू'अ मुद्दत तक उन सब बादशाहों से लड़ता रहा।
Bien des jours s'écoulèrent pendant que Josué fit la guerre à ces rois.
19 सिवा हव्वियों के जो जिबा'ऊन के बाशिंदे थे और किसी शहर ने बनी इस्राईल से सुलह नहीं की, बल्कि सब को उन्होंने लड़ कर फ़तह किया।
Il n'y eut pas une ville qui ne fut prise par Israël; ils les prirent toutes par la force des armes,
20 क्यूँकि यह ख़ुदावन्द ही की तरफ़ से था कि वह उनके दिलों को ऐसा सख़्त कर दे कि वह जंग में इस्राईल का मुक़ाबला करें ताकि वह उनको बिल्कुल हलाक़ कर डाले और उन पर कुछ मेहरबानी न हो बल्कि वह उनको बर्बाद कर दे, जैसा ख़ुदावन्द ने मूसा को हुक्म दिया था।
Parce que (et cela vint du Seigneur) leurs habitants se fortifièrent le cœur et marchèrent contre Israël, afin qu'ils fussent exterminés, qu'on ne leur fit point de quartier, mais qu'ils périssent, comme le Seigneur avait dit à Moïse.
21 फिर उस वक़्त यशू'अ ने आकर, अनाक़ीम की पहाड़ी मुल्क, या'नी हबरून और दबीर और 'अनाब से बल्कि यहूदाह के सारे पहाड़ी मुल्क और इस्राईल के सारे पहाड़ी मुल्क से काट डाला; यशू'अ ने उनको उनके शहरों के साथ बिल्कुल हलाक़ कर दिया।
En ces temps-là, Josué les attaqua, et il fit disparaître Enac de la contrée montagneuse d'Hébron, de Dabir, d'Anaboth, de la montagne d'Israël, et de toutes les montagnes de Juda; Josué les extermina et détruisit leurs villes.
22 इसलिए अनाक़ीम में से कोई बनी इस्राईल के मुल्क में बाक़ी न रहा, सिर्फ़ गज़्ज़ा और जात और अशदूद में थोड़े से बाक़ी रहे।
Et nul de la race d'Enac ne fut épargné par les fils d'Israël, hormis dans Gaza, dans Geth, et dans Aseldo, où il en fut laissé.
23 तब जैसा ख़ुदावन्द ने मूसा से कहा था, उसके मुताबिक़ यशू'अ ने सारे मुल्क को लिया यशू'अ ने उसे इस्राईलियों को उनके क़बीलों के हिस्से के मुवाफ़िक़ मीरास के तौर पर दिया, और मुल्क को जंग से फराग़त मिली।
Et Josué prit toute la terre promise, selon que le Seigneur avait prescrit à Moïse; et Josué la donna pour héritage à Israël en la partageant entre ses tribus. Et la terre fut en repos après les combats.